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पुडुचेरी फ्लोर टेस्ट के बाद विधानसभा स्पीकर ने एलान किया कि सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है. कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी.
पुडुचेरी फ्लोर टेस्ट : केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में आज फ्लोर टेस्ट के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई है. विधानसभा में मुख्यमंत्री नारायणसामी ने विश्वास मत खो दिया. फ्लोर टेस्ट से पहले ही विधानसभा से कांग्रेस के विधायकों ने वॉक आउट कर दिया था. अब सीएम नारायणसामी उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. पुडुचेरी में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं.
अल्पमत में आ गई थी नारायणसामी सरकार
फ्लोर टेस्ट के बाद विधानसभा स्पीकर ने एलान किया कि सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है. कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी.
हाल ही में यहां उपराज्यपाल किरण बेदी को जिम्मेदारी से मुक्त कर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसई सौंदराजन को अत्यधिक ज़िम्मेदारी पुडुचेरी की सौंपी गई है. जिसके बाद 22 फरवरी को मुख्यमंत्री नारायणसामी को फ्लोर टेस्ट देने को कहा गया था. केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लग गया है.
बता दें कि कांग्रेस जब 2016 में विधानसभा चुनाव जीत कर सत्ता में आई थी तो उसके पास कुल 15 विधायक थे साथ ही सहयोगी DMK के 4 और एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ था.
नारायणसामी का केंद्र सरकार पर हमला
इससे पहले विधानसभा में सीएम नारायणसामी ने कहा कि पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केन्द्र सरकार ने विपक्षियों के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की. हमारे विधायकों की एकजुटता की वजह से हम पिछले पांच सालों से सरकार चला रहे हैं. केन्द्र ने हमारी तरफ से अनुरोध के बावजूद फंड ना देकर पुदुचेरी की जनता को धोखा दिया है. -
नई दिल्ली : देश में एक बार फिर से कोरोना के सक्रिय मामलों में तेजी आने लगी है। बीते सात दिनों से देश में कोरोना वायरस के एक्टिव केस में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है।
इससे एक बार फिर से कोरोना से लोगों को डर लगने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के एक्टिव केस फिर से बढ़े हैं। इसके साथ ही बीते 24 घंटों में एक बार फिर से 14 हजार नए मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र ने बढ़ाई सरकार की चिंता
इस बीच, महाराष्ट्र में अचानक कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखने को मिला है। इस वजह से महाराष्ट्र में एक बार फिर से लॉकडाउन की वापसी हुई है। बीते एक दिन में महाराष्ट्र में करीब सात हजार नए मामले सामने आए हैं, जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना मामलों की संख्या 7,000 को छू गई और अकेले मुंबई में ये 1,000 के करीब पहुंच गई।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगले आठ दिन तय करेंगे कि क्या राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के अमरावती जिले में आज से एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। पुणो में भी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान को बंद करने का आदेश दिया गया है।
देश में कोरोना की रफ्तार में आई तेजी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ो के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 14,199 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 83 लोगों की मौत हुई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के अब तक कुल 1 करोड़ 10 लाख 5 हजार 850 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, इसमें से 1 करोड़ 6 लाख 99 हजार 410 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। देश में फिलहाल सबसे ज्यादा चिंता कोरोना के सक्रिय मामलों के बढ़ने को लेकर है, जो 1 लाख 50 हजार 55 है। भारत में कोरोना से अब तक कुल 1 लाख 56 हजार 385 लोगों की मौत हो चुकी है।
सक्रिय मामलों में लगातार तेजी
देश में कोरोना के सक्रिय मामले सबसे बड़ी चिंता है। बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के 4,421 एक्टिव केस बढ़े हैं जिससे एक्टिव दर बढ़कर 1.36% हो गई है। देश में बीते 24 घंटों में कोरोना से 9,695 लोग ठीक हुए हैं, इससे रिकवरी दर 97.22% हो गई है। भारत की कोरोना मृत्यु दर फिलहाल 1.42% है।
देश में 21.15 करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट
देश में कोरोना की जांच का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। देश में अब तक 21.15 करोड़ से ज्यादा कोरोना जांच की जा चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research, ICMR) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 21 फरवरी, 2021 तक 21,15,51,746 सैंपलों की जांच हो चुकी है, जिनमें से 6,20,216 टेस्ट एक दिन में किए गए हैं।देश में अब तक 1.11 करोड़ से अधिक टीकाकरणदेश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 1 करोड़ 11 लाख 16 हजार 854 लोगों को टीका लगाया चुका है। इसमें से बीते 24 घंटों में 35 हजार 681 लोगों को टीका लगाया गया है। -
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिल कर काम करना होगा... आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा.’’
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने पड़ चुके कानूनों को निरस्त करने और कारोबार के लिए व्यवस्था अधिक सुगम बनाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार (20 फरवरी) को कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों का एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है. पीएम मोदी ने नीति आयोग (NITI Aayog) की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिल कर काम करना होगा... आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा.'' उन्होंने कहा कि इस बार के बजट का जिस तरह से स्वागत हुआ है वह इस बात का संकेत है कि देश विकास की राह पर अधिक तेजी से आगे बढ़ना चाहता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहलों से हर किसी को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा.
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि तिलहन जैसे उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि खाद्य तेल आदि के आयात पर निर्भरता कम हो. उन्होंने कहा, "किसानों को दिशा दे कर ही इसे हासिल किया जा सकता है."
उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के आयात पर खर्च होने वाला धन किसानों के खाते में तो जा ही सकता है. मोदी ने लोगों पर नियम कायदों के अनुपालन का बोझ कम करने की आवश्यकता भी जतायी. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में राज्यों से समितियां बना कर ऐसे नियम—कायदों को छांटने को कहा जिनकी नयी प्रौद्योगिकी के इस दौर में कोई उपादेयता नहीं रह गयी है. -
श्रीनगर : कश्मीर घाटी में पिछले 16 घंटों के भीतर तीसरी आतंकी वारदात पेश आई है। आतंकवादी ने मध्य कश्मीर के जिला श्रीनगर के भगत बरजुल्ला इलाके के मुख्य बाजार में खड़े एक पुलिसकर्मी पर गोलियां बरसाकर उसे शहीद कर दिया।
हमले को अंजाम देने वाले आतंकी का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। फिरन के भीतर एके-47 छिपाए आतंकी बड़ी आसानी के साथ बाजार पहुंचता है और वहां एक दुकान के बाहर खड़े पुलिसकर्मी पर गोलियां बरसाकर वापस भाग जाता है।
गोलीबारी की इस घटना के बाहर बाजार में हड़कंप मच गया। दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले की बाजार में मौजूद दूसरे सुरक्षाकर्मी गोलीबारी का जवाब देते हमलावार मौके से फरार हो गया। इस बीच पुलिसकर्मियों को बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल पहुंचाया गया। उनकी हालत काफी गंभीर थी। इलाज के दौरान ही दोनों जवानों ने दम तोड़ दिया।
वहीं मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। द रजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आपको बता दें कि गत वीरवार शाम को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शोपियां में मुठभेड़ शुरू हुई थी।
शुक्रवार तड़के सुरक्षाबलों ने इलाके में छिपे लश्कर के तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया था। दूसरी घटना तड़के ढाई बजे के करीब जिला बडगाम में पेश आई। यहां भी तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ शहीद हो गया जबकि एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
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पूर्व CJI जस्टिस रंजन गोगोई पर क्या यौन उत्पीड़न के आरोप लगाना किसी साजिश का हिस्सा था? क्या ये सब बेंच फिक्सिंग के लिए किया गया ? सुप्रीम कोर्ट इसी मामले की जांच कर रहा था, जिसकी सुनवाई अब बंद कर दी गई है.
पूर्व CJI जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) पर क्या यौन उत्पीड़न के आरोप लगाना किसी साजिश का हिस्सा था? क्या ये सब बेंच फिक्सिंग के लिए किया गया ? सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इसी मामले की जांच कर रहा था, जिसकी सुनवाई अब बंद कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके पटनायक को बड़ी साजिश के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था. जस्टिस पटनायक अपनी रिपोर्ट दाखिल कर चुके हैं. SC ने कहा था कि ये पैनल जस्टिस गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में नहीं जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इसकी सुनवाई करेगी. दरअसल वकील उत्सव बैंस ने आरोप लगाया था कि सीजेआई जस्टिस गोगोई को फंसाने की साजिश रची गई थी और ये सब कुछ कॉरपोरेट ने किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी.
जानें रिपोर्ट को लेकर क्या कहा गया
न्यायमूर्ति एके पटनायक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2019 में पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप साजिशन हो सकते हैं , इससे इंकार नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह न्यायिक और प्रशासनिक पक्ष में CJI द्वारा उठाए गए कड़े रुख के कारण हो सकता है.जस्टिस पटनायक कमेटी की रिपोर्ट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान से मामले का निपटारा किया. सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पूर्व जस्टिस ए के पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. जस्टिस पटनायक कमेटी ने अक्टूबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की बंद
जस्टिस पटनायक की रिपोर्ट में पूर्व CJI के खिलाफ साजिश के अस्तित्व को स्वीकार किया गया है और इसे खारिज नहीं किया जा सकता है, लेकिन पैनल विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने में असमर्थ रहा. IB के निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जस्टिस गोगोई नागरिकों पर नेशनल रजिस्टर से जुड़े मामलों में गंभीरता से विचार कर रहे हैं. IB निदेशक की रिपोर्ट कहती है कि कुछ लोग इस फैसले से नाखुश हैं. हम इस विचार के हैं कि कोई भी सच्चा उद्देश्य नहीं दिया जाएगा. मामले मे सुनवाई बंद की जाती है. रिपोर्ट को सील कवर में रखा जाना चाहिए. दो साल बीत चुके हैं और इस स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच होने की संभावना नहीं है. -
एजेंसी
उन्नाव केस : मामले की नज़ाकत को देखते हुए रात में ही लखनऊ से एडीजी लखनऊ जोन एस एन साबत और आईजी जोन लक्ष्मी सिंह उन्नाव पहुंच गई थीं. दोनों अफसरों ने रात में ही मौके का मुआयना किया और मातहतों को ज़रूरी निर्देश दिए. मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंच गई है जो जांच पड़ताल कर रही है. एहतियातन गांव में काफी फ़ोर्स तैनात कर दी गयी है.
उन्नाव : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao) जिले में तीन नाबालिग दलित लड़कियां जंगल में जानवर का चारा लेने गईं थी लेकिन वहां दो मरी मिलीं जबकि एक बेहोश मिली. परिजनों का कहना है कि तीनों लड़कियां आपस में बंधी हुई थीं. वाकया उन्नाव के बबरुहा गांव का है. बुधवार को दोपहर बाद करीब 3 बजे तीनों लड़कियां रोज़ की तरह गाँव के जंगल की तरफ जानवरों के लिए चारा लेने निकलीं थीं लेकिन देर शाम तक वापस नहीं आईं. सभी बच्चियां आपस में चचेरी बहनें हैं.
बच्चियों की भाभी का कहना है कि जब बहुत देर हो गयी और लड़कियां नहीं आईं तो उन्होंने घर के लोगों से कहा कि आज कितना चारा काट रही हैं कि तीन-चार घंटे से लौटीं ही नहीं. इनमें से एक बच्ची रौशनी के भाई का कहना है कि उन्हें जब बच्चियों के वापस नहीं आने की खबर मिली तो वह घर वालों के साथ उन्हें ढूंढने गए तो तीनों बेसुध एक खेत में आपस में बंधी हुई मिलीं.
घटना की सूचना पर बच्चियों को फौरन इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दो लड़कियों की मौत हो चुकी है, जबकि तीसरी ज़िंदा थी लेकिन उसकी हालत गंभीर होने की वजह से उसे बेहतर इलाज के लिए कानपुर रेफर किया गया है.
घटना के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया. दोनों लड़कियों का शव पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया गया. उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी ने फौरन गांव पहुंचकर मौके का मुआयना किया. उन्होंने बताया कि मौके पर काफी झाग मिला था जिससे पहली नज़र में ऐसा लगता है कि उनकी मौत ज़हर की वजह से हुई है, लेकिन पोस्टमॉर्टेम के बाद ही मौत की असली वजह साफ हो पाएगी.
मामले की नज़ाकत को देखते हुए रात में ही लखनऊ से एडीजी लखनऊ जोन एस एन साबत और आईजी जोन लक्ष्मी सिंह उन्नाव पहुंच गई थीं. दोनों अफसरों ने रात में ही मौके का मुआयना किया और मातहतों को ज़रूरी निर्देश दिए. मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंच गई है जो जांच पड़ताल कर रही है. एहतियातन गांव में काफी फ़ोर्स तैनात कर दी गयी है. -
एजेंसी
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आज दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक देश भर में रेल को रोककर अपना विरोध दर्ज कराने वाले हैं। हालांकि रेल रोको आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में आपसी मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं।
यूपी गेट पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर रेल रोकी जाएगी यानी प्रोटेस्ट स्थान से किसान नहीं जाएगा रेल रोकने, जबकि किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने ऐलान किया है कि पंजाब में 32 जत्थेबंदियां, 32 जगहों पर रेल रोकेंगी। किसानों के इस आह्वान को देखते हुए रेलवे ने भी अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है।
देशव्यापी रेल रोको आंदोलन के दौरान हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठें नजर आ सकते हैं। रेलवे ने इस आंदोलने को देखते हुए कई ट्रेनों को रद कर दिया है, वहीं कुछ के रूट में परिवर्तन किया है।इसके अलावा जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। रेलवे ने RPSF की 20 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है। यह उन राज्यों में तैनात रहेंगी, जहां रेल रोका आंदोलन का ज्यादा असर होने की संभावना है। इनमें यूपी, बंगाल, हरियाणा और पंजाब हैं।
4 घंटे लंबे देशव्यापी 'रेल रोको' के आह्वान के मद्देनजर गाजियाबाद जंक्शन पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए।
हरियाणा: किसानों द्वारा 4 घंटे लंबे देशव्यापी 'रेल रोको' के आह्वान के मद्देनजर पलवल रेलवे स्टेशन पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।
'रेल रोको' आंदोलन पर बोले राकेश टिकैट- यह दोपहर 12 बजे शुरू होगा और दोपहर 3-4 बजे तक चलेगा। ट्रेनें वैसे भी चल नहीं रही हैं। जितनी भी चल रही है, उनके समक्ष शांतिपूर्ण रूप से आंदोलन किया जाएगा। हम लोगों को पानी, दूध, लस्सी और फल प्रदान करेंगे। हम उन्हें अपने मुद्दे बताएंगे।
यात्री कृपया ध्यान दें
पंजाब में किसान आंदोलन के कारण, ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसको लेकर वेस्टर्न रेलवे ने कुछ ट्रेनों के बारे में जानकारी देकर यात्रियों से ध्यान देने को कहा है। वहीं, रेलवे की तरफ से जिले के बड़े अधिकारियों को भी विशेष ध्यान रखने के लिए कहा है। -
पंजाब शहरी स्थानीय निकायों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बीच है. कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध का सामना कर रही भाजपा भी मैदान में है.
नई दिल्ली: पंजाब में 117 शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है. कृषि कानूनों के विरोध के बीच हुए चुनाव में कांग्रेस को बंपर को फायदा होता नजर आ रहा है. अभी तक आए नतीजों के मुताबिक कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के लिए पंजाब शहरी निकाय चुनाव के नतीजे हैरान करने वाले हैं. कुछ एक निकायों में तो बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है. वोटों कि गिनती सुबह आठ बजे से हो रही है.
इस चुनाव में कुल 2,252 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है. वोटों की गिनती के लिए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बूथ कैप्चरिंग और झड़प के आरोपों के बीच, राज्य में 14 फरवरी को 39,15,280 मतदाताओं के मत डालने के साथ 71.39 प्रतिशत मतदान हुआ था.
अबोहर नगर निगम चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा साफकुल वार्ड- 50कांग्रेस- 49अकाली दल- 1बीजेपी- 0आप- 0
होशियारपुर नगर निगम चुनाव के नतीजेकुल वार्ड- 50कांग्रेस- 41बीजेपी- 4आप- 2अकाली दल- 0निर्दलीय- 3 -
नई दिल्ली : किसान आंदोलन से जुड़े स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि को पहले से अंदेशा था कि उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस दर्ज हो सकता है। यूएपीए के तहत कार्रवाई के डर से ही दिशा ने ग्रेटा से टूलकिट को डिलीट करने के लिए कहा था, क्योंकि उस टूलकिट में दिशा का नाम भी शामिल था।
पुलिस ने दावा किया कि थुनबर्ग ने दिशा के अनुरोध के बाद कथित रूप से ट्वीट को हटा दिया और बाद में टूलकिट का एक संपादित संस्करण साझा किया। पुलिस ने यह भी दावा किया कि टूलकिट का संपादन 22 वर्षीय दिशा द्वारा ही किया गया था।
टूलकिट हटाने के बाद ग्रेटा और दिशा के बीच वॉट्सऐप पर बात हुई थी। दिशा ने ग्रेटा से कहा था कि क्या हम कुछ देर के लिए कुछ न बोलें। मैं वकील से बात करने वाली हूं। मुझे अफसोस है, लेकिन हमारा नाम इसमें है। हमारे खिलाफ यूएपीए लगाया जा सकता है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, दिल्ली की एक अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यह टूलकिट को ट्विटर पर साझा किया था। पुलिस ने दावा किया कि बेंगलुरु से गिरफ्तार दिशा रवि ने टेलीग्राम ऐप के माध्यम से पर्यावरण कार्यकर्ता थनबर्ग को टूलकिट भेजा था।
टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। इस टूलकिट में ट्विटर पर किसनों के मुद्दे को बड़ा बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध करने सहित विभिन्न कदमों की जानकारी दी गई थी। इसमें सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन में यूज होने वाले हैशटैग का भी जिक्र था। इसके अलावा किस दिन क्या ट्वीट्स करने से फायदा होगा इसकी भी जानकारी टूलकिट में दी गई थी। -
भोपाल : मध्य प्रदेश में आज सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सीधी में 54 यात्रियों से भरी बस नहर में गिर गई। नहर से अबतक सात लोगों को बचाया गया है।
प्रदेश मंत्री तुलसी सिलावट ने हादसे में 38 लोगों की मौत की पुष्टी की है। बाकी बचाव कार्य जारी है। ये हादसा रीवा-सीधी बॉर्डर के पास छुहियाघाटी में हुआ।
बाणसागर परियोजना की ये नहर है, जिसमें बस गिरी है। नहर से निकाले लोगों की पहचान अभी नहीं हुई है। बाकी यात्रियों की तलाश जारी है। एक टीम मौके पर मौजूद है, ऑपरेशन चल रहा है।
जिस समय यह हादसा हुआ उस वक्त बस सीधी से सतना जा रही थी। बताया जा रहा कि ड्राइवर के बस से नियंत्रण खोने पर यह हादसा हुआ।
रिपोर्ट की मानें तो नहर इतनी गहरी है कि बस पूरी तरह उसमें डूब गई है। क्रेन के जरिए बस को बाहर निकालने की कोशिश की जारी है। बाणसागर डैम से निकलने वाले पानी को बंद करा दिया गया है। ताकी बस को तेज बहाव से रोका जा सके।
बताया गया है कि बस में बघवार, चोरगढ़ी समेत आसपास के भी यात्री सवार थे। बस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी कलेक्टर से बातचीत की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नहर काफी गहरी है। हमने तत्काल बांध से पानी बंद करवाया और राहत और बचाव दलों को रवाना किया। कलेक्टर, एसपी और एसडीआरपीफ (SDRF) की टीम वहां पहुंच गई है। बस निकालने के प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव कार्य करने वाली टीम से वह लगातार संपर्क में बने हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे में 7 लोगों को बचाया जा चुका है।
1 लाख 10 हजार घरों में गृह प्रवेश का कार्यक्रम रुका
बता दें कि आज प्रदेश में 1 लाख 10 हजार घरों में गृह प्रवेश का कार्यक्रम सम्पन्न होने वाला था, जिसे इस हादसे के चलते कैंसल कर दिया गया है। मुख्यंमंत्री ने कहा कि उन्हें सुबह 8 बजे ही इस हादसे की सूचना मिली कि सीधी जिले के बाणसागर नहर में यात्रियों से भरी एक बस नहर में गिर गई है। इसलिए यह कार्यक्रम करना उचित नहीं होगा।
तुलसी सिलावट ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
मध्य प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना ने पूरे प्रदेश के दिल और दिमाग को झकझोर कर रख दिया है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुबह से ही हादसे की मिनट टू मिनट डिटेल ले रहे हैं। आगे उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार, हम सीधी जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने के बाद तो पता चला है कि लगभग 38 शव वहां मिल चुके हैं।
इस हादसे के बाद पास के ग्रामीण और अन्य लोग बस में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठे हो गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही बस में सवार लोगों के स्वजन भी मौके पर पहुंच रहे हैं। -
नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी से एक वर्ष से अधिक समय से जूझ रही दुनिया के लिए भारत एक फरिश्ते की तरह सामने आया है। भारत ने इस महामारी पर न सिर्फ अपने यहां पर काबू पाने में सफलता हासिल की है बल्कि दुनिया को इससे उबारने में वो एक कारगर भूमिका निभा रहा है।
ये भूमिका भारत दो तरह से अदा कर रहा है। इसका पहला जरिया बना है भारत की बनाई वैक्सीन को दूसरे देशों को भेजना तो दूसरा जरिया बना है विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवैक्स योजना में सार्थक रूप से सहयोग देना।
भारत अब तक मदद और कमर्शियल रूप से वैक्सीन की करीब 2.30 करोड़ खुराक दुनिया के 20 देशों को मुहैया करवा चुका है। आने वाले समय में भारत अफ्रीका और लेटिन अमेरिकी देशों को और वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करवाएगा। इसको दुनिया भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी के नाम से जान रही है।
पाकिस्तान नहीं भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी का हिस्सा
बहरहाल, भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की बात करें तो इसमें पाकिस्तान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देश शामिल हैं। पाकिस्तान को उसकी कारगुजारियों के चलते इसमें शामिल नहीं किया गया है। साथ ही पाकिस्तान की तरफ से भी भारतीय वैक्सीन को हासिल करने की कोई आधिकारिक पहल नहीं की गई है।
इसके अलावा भारत ने अपनी वैक्सीन को अब तक नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ब्राजील भेजी है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने तो वैक्सीन मिलने के बाद एक यादगार ट्वीट भी किया था जिसमें भगवान हनुमान को जड़ीबूटी लाते हुए दिखाया गया था।
इसमें भारत को वैक्सीन भेजने के लिए धन्यवाद कहा गया था। आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्स को 145 देशों को भेजने की घोषणा की है। इनमें अधिकतर वो देश हैं जो आर्थिक रूप से गरीब हैं और जो वैक्सीन का खर्च अकले नहीं उठा सकते हैं। इनमें पाकिस्तान भी शामिल है। पाकिस्तान भी कोवैक्स के मिलने का इंतजार कर रहा है।
भारत करता रहेगा आगे भी मदद
गौरतलब है कि भारत ने 21 जनवरी को वैक्सीन मैत्री के तहत कोरोना महामारी की वैक्सीन अन्य देशों में पहुंचाने की पहल की थी। इनमें वो देश शामिल थे जो छोटे और गरीब थे, जैसे डोमनिक रिपब्लिक। भारत ने ऐसे देशों को ये मदद मुफ्त मुहैया करवाई थी। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से ये बात बेहद साफ कही गई है कि भारत आने वाले समय में भी पूरी दुनिया की मदद इस संबंध में करता रहेगा।
भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक अन्य देशों को वैक्सीन की कुल खुराक में से करीब 60 लाख से अधिक (6.47 मिलियन) खुराक मदद के तौर पर जबकि 1 करोड़ 60 से कुछ अधिक (16.5 मिलियन) खुराक कमर्शियल तौर पर मुहैया करवाई गई है।
पड़ोसी देशों को प्राथमिकता
भारत ने वैक्सीन डिप्लोमेसी में पड़ोसियों को सबसे अधिक प्राथमिकता (Neighbourhood First Policy) दी और उन्हें ये वैक्सीन मुहैया करवाई। सीरम इंस्टिट्यूट की बनाईकोविडशील्ड वैक्सीन अब तक लाखों लोगों उम्मीद बनकर विदेशों में पहुंच चुकी है। वहीं चीन की कंपनी सिनोफॉर्म की बात करें तो इसको ड्रैगन ने अब तक केवल पाकिस्तान और नेपाल को ही मुहैया करवाया है।
पाकिस्तान को तो इस वैक्सीन को लाने के लिए अपना विमान वहां पर भेजना पड़ा था, क्योंकि चीन ने अपने विमान से वैक्सीन भेजने से साफ इनकार कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया है कि भारत आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से वैक्सीन की और अधिक खुराक अफ्रीका, लेटिन अमेरिका, केरिकॉक (CARICOM), पेसेफिक आइसलैंड को मुहैया करवाएगा।
इन देशों को भेजी गई वैक्सीन की खुराक
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक अब तक बांग्लादेश को को 20 लाख, म्यांमार को 10.7 लाख, नेपाल को 10 लाख, भूटान को डेढ लाख, मॉरिशस को एक लाख, सिशेल्स को 50 हजार, श्रीलंका को 5 लाख, बहरीन को 1 लाख, ओमान को 1 लाख, अफगानिस्तान को 5 लाख, बारबाडोज को 1 लाख और डोमनिक रिपब्लिक को 70 हजार वैक्सीन की खुराक मुहैया करवाई जा चुकी है।
कमर्शियल तौर पर ब्राजील को करीब 20 लाख, मोरक्को को 60 लाख, बांग्लादेश को 50 लाख, म्यांमार को 20 लाख, मिस्र को 50 हजार, अल्जीरिया को 50 हजार, दक्षिण अफ्रीका को दस लाख, कुवैत को 2 लाख और यूएई को भी इतनी की खुराक मुहैया करवाई गई हैं।
भारत से मांगी थी मदद
आपको बता दें कि भारत ने जिन देशों को कोरोना वैक्सीन की खुराक मुहैया करवाई हैं वो या तो भारत की प्राथमिकता का हिस्सा थे या फिर उन्होंने भारत से इसके लिए अपील की थी। हाल ही में कनाडा ने भी भारत से कोरोना वैक्सीन की खुराक मांगी है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस बारे में अब तक कुछ साफ नहीं किया है कि ये वैक्सीन अब तक वहां भेजी गई हैं या नहीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि देश में वैक्सीन की उपलब्धता और नेशनल वैक्सीन प्रोग्राम के मद्देनजर की इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। -
कोरोना वैक्सीन दूसरी खुराक : सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 8 लाख से अधिक लाभार्थियों के साथ, उत्तर प्रदेश टीकाकरण अभियान में सबसे ऊपर है. इसके बाद महाराष्ट्र (6,33,519) और गुजरात (6,61,508) का स्थान है.
नई दिल्ली : कोविड वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की दूसरी खुराक आज उन लोगों को दी जाएगी, जिन्होंने 16 जनवरी को देशव्यापी टीकाकरण शुरुआत के पहले दिन टीका लगवाया था. पहले चरण में टीका लगवाने वालों में एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और नीति आयोग के सदस्य वीवी पॉल भी शामिल थे. इन दोनों को भी आज टीके की दूसरी खुराक दिए जाने की उम्मीद है. 28 दिन पर कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने की जरूरत होती है.
सरकार के मुताबिक, शुक्रवार तक देशभर में कुल 77 लाख हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. इनमें से 97 फीसदी लोग टीकाकरण से संतुष्ट हैं. सरकार ने 19 जुलाई 2021 तक 30 करोड़ लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने का लक्ष्य रखा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में मात्र 26 दिनों में 70 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जबकि इतने ही लोगों को टीका लगाने में अमेरिका को 27 दिन और ब्रिटेन को 48 दिन लगे हैं.
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 8 लाख से अधिक लाभार्थियों के साथ, उत्तर प्रदेश टीकाकरण अभियान में सबसे ऊपर है. इसके बाद महाराष्ट्र (6,33,519) और गुजरात (6,61,508) का स्थान है.
सरकार की तरफ से कहा गया है, "13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मचारियों (एचसीडब्ल्यू) के 65 प्रतिशत से अधिक को टीका लगाया जा चुका है. बिहार में 79 फीसदी से ज्यादा पंजीकृत स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को टीका लगाया जा चुका है." -
उत्तराखंड : चमोली जिले के तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है। इससे पहले छठे दिन कुछ हद तक टीम को कामयाबी हासिल हुई।
मुख्य टनल के नीचे 12 मीटर गहराई पर स्थित सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) तक ड्रिलिंग कर दी गई है। हालांकि, इस मशक्कत के दौरान ड्रिलिंग मशीन की बिट (ड्रिल का अगला हिस्सा) टूटने से रेस्क्यू में बाधा आई।
अब तक 38 शव और 18 मानव अंग बरामद
चमोली के रेणी और तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में सभी तक कुल 38 शव और 18 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं, जिसमें जनपद चमोली में 30 शव और 18 मानव अंग, जनपद रुद्रप्रयाग में छह शव, जनपद पौड़ी में एक शव और जनपद टिहरी गढ़वाल में एक शव बरामद किए गए हैं।
बरामद 12 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है उन सभी का डीएनए संरक्षित किए गए हैं। कोतवाली जोशीमठ पर अभी तक 14 व्यक्तियों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है और 41 परिजनों के डीएनए संरक्षित किए जा चुके हैं। शवों को नियमानुसार डिस्पोजल करने के लिए गठित कमेटी द्वारा नियमानुसार 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
चमोली में अब तक कुल 38 शव बरामद (12 की पहचान और 26 अज्ञात)- जिला मजिस्ट्रेट चमोलीआपको बता दें कि सात फरवरी को आपदा के चलते ऋषिगंगा और धौली गंगा में उफान आ गया था। आपदा में लापता हुए 204 व्यक्तियों में से 38 के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 166 अब भी लापता हैं। नेवी कमांडो, एसडीआरएफ, पुलिस रैणी से श्रीनगर डैम तक सर्च आपरेशन लगातार जारी है। इसके साथ ही तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में भी राहत-बचाव कार्य जारी है। उन्हें बचाने के लिए कई विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है। -
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control) भारत के मुताबिक फिंगर 8 तक है, न कि फिंगर 4 तक. यही वजह है कि भारत हमेशा फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने की अपनी मांग दोहराता रहा है और यही चीन के साथ समझौता भी हुआ है.
नई दिल्ली: चीन को भारत की जमीन सौंपने के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों पर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर शुक्रवार को सफाई दी है. रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) के मुताबिक, यह कहना बिल्कुल सही नहीं है कि भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 (Finger 4) तक है. भारत के मानचित्र में भारत का इलाका उसको भी दर्शाता है, जो चीन के कब्जे में है और जो लगभग 43,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual control) भारत के मुताबिक फिंगर 8 तक है, न कि फिंगर 4 तक. यही वजह है कि भारत हमेशा फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने की अपनी मांग दोहराता रहा है और यही चीन के साथ समझौता भी हुआ है.रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हॉट स्प्रिंग गोगरा (Hot Springs Gogra) और देपसांग वैली (Depsang Valley) में भी जो विवाद है, उसे भी सुलझा लिया जाएगा. पैंगोंग (Pangong TSo) में सैनिकों की वापसी के 48 घंटे बाद इन क्षेत्रों भी पूर्व की स्थिति बहाल करने को लेकर बात शुरू की जाएगी.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्षेत्र को चीन को क्यों दिया? इसका जवाब उन्हें और रक्षा मंत्री को देना चाहिए. क्यों सेना को कैलाश रेंज से पीछे हटने को कहा गया है? देपसांग प्लेन चीन वापस क्यों नहीं मांगा गया? हमारी जमीन फिंगर-4 तक है. पीएम मोदी ने फिंगर-3 से फिंगर-4 की जमीन चीन को दे दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते. वे हमारी सेना के जवानों के बलिदान का अपमान कर रहे हैं. भारत में किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए प्रधानमंत्री इस पर क्यों नहीं बोल रहे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में कहा था कि भारत और चीन पैंगोंग सो झील के उत्तरी और दक्षिण किनारे से सैन्य वापसी पर सहमत हुए हैं. चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे झील के किनारों से हटना शुरू हो गए हैं. दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध अप्रैल में शुरू हुआ था, जब भारत ने कहा था कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के काफी अंदर तक घुस आए थे. -
'नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में बतौर सांसद कार्यकाल समाप्त हो रहा है। गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, ऐसे में आजाद के कार्यकाल की समाप्ति के बाद कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया जाएगा।
कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के चेयरमैन को मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम बतौर विपक्ष के नेता के तौर पर दे दिया गया है। बता दें कि गुलाम नबी आजाद समेत चार राज्यसभा के सांसदों का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हो रहा है। ऐसे में मल्किलार्जुन खड़गे गुलाम नबी आजाद की जगह राज्यसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका संभालेंगे।
बता दें कि गुलाम नबी आजाद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भावुक विदाई देते हुए उनके साथ साझा किए गए कुछ खास पलों का जिक्र किया। गुलाम नबी आजाद के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे और अपने आंसू नहीं रोक पाए थे।
पीएम ने कहा कि गुलाम नबी आजाद की जगह को भर पाना काफी मुश्किल होगा क्योंकि वो ना सिर्फ अपने दल के बारे में सोचते थे बल्कि देश और राज्यसभा के बारे में भी सोचते थे।गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद के साथ पीडीपी सांसद नजीर अहमद लावे का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो रहा है। जबकि भाजपा सांसद शमशेर सिंह मन्हास और मीर मोहम्मद फयाज का कार्यकाल 10 फरवरी को खत्म हो गया है। -
भारत सरकार के ट्विटर के साथ चल रहे विवाद के बीच आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दोहरे मानक की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान जवाब में कहा, "यह ट्विटर हो, फेसबुक हो, लिंक्डइन हो या व्हाट्सएप हो, अगर ये प्लेटफॉर्म ऐसा कुछ करेंगे तो कार्रवाई की जाएगी।"
बता दें कि 26 जनवरी को राजधानी में हुई हिंसा को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सरकार ने कहा था कि खालीस्तानी और पाकिस्तान की ओर से समर्थित भारत के खिलाफ चल रहे ट्विटर अकाउंट्स को बंद किया जाए।इस मामले में आदेश का पालन न करने पर आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए (3) के तहत कार्रवाई भुगतने की चेतावनी देने की भी बात सरकार ने कही थी। इसी ममले पर बोलते हुए आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत सरकार के कड़े रूख से परिचित करा दिया है।
मंत्री ने कहा, "भारत में काम करें। आपके यहां लाखों फॉलोवर्स हैं। पैसा कमाएं लेकिन आपको भारतीय कानूनों और संविधान का पालन करना होगा।"
उन्होंने कहा, "हमने अब ट्विटर को हरी झंडी दे दी है। हमारे विभाग ट्विटर के साथ बातचीत में है। इसलिए मैं इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं और सदन में यह सवाल उठाना चाहता हूं कि यह मुद्दा क्या है कि जब यूएस कैपिटल हिल में हिंसा हुई तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पुलिस जांच के साथ खड़े रहे लेकिन, जब लाल किले पर हिॆसा हुई तो वही प्लेटफॉर्म भारत सरकार के खिलाफ चले जाते हैं। लाल किला हमारे गौरव का प्रतीक है। हम इस दोहरे मापदंड की अनुमति नहीं देंगे। यह क्या है? आप नरसंहार ट्रेंड कर रहे हैं?"
मंत्री ने कहा, "हम सोशल मीडिया का बहुत सम्मान करते हैं। इसने आम लोगों को सशक्त बनाया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। हालांकि, अगर फर्जी खबरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी।" -
महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विमान के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी है. लगभग आधे घंटे तक राज्यपाल ने इंतजार किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
मुंबई : महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार और राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच मनमुटाव का ताजा मामला सामने आया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के अंतर्गत आने वाले सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विमान के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी. लगभग आधे घंटे तक राज्यपाल सामान्य प्रशासन विभाग के संपर्क में थे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्राइवेट विमान का इस्तेमाल कर राज्यपाल उत्तराखंड जाने वाले हैं.
क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव कोई नहीं बात नहीं है. आज टकराव का नया मामला सामने आया है. दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड जाना चाहते थे. इसके वह एयरपोर्ट पहुंचे और वहां सरकारी विमान में जाकर बैठ गए. लेकिन उन्हें कोई सूचना ही नहीं मिली. उन्हें विमान को इजाजत नहीं दी गई. ये इजाजत मुख्यमंत्री के अंतगर्त आने वाले सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी जाती है. लेकिन विभाग की ओर कोई जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी विमान से उतरे और वीआईपी जोन में जाकर बैठ गए.
भगत सिंह कोश्यारी करीब आधे घंटे तक वीआईपी जोन में बैठे रहे. फिर उन्होंने निर्णय लिया कि वह सरकारी विमान का इस्तेमाल नहीं करेंगे. वह प्राइवेट विमान का इस्तेमाल करेंगे. सूत्रों से जानकारी मिली है कि दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर स्पाइजेट के विमान से देहरादून के लिए उड़ान भरेंगे. आखिरकार भगत सिंह कोश्यारी मुंबई से देहरादून के लिए रवाना होंगे. -
अरपा महोत्सव को मिलेगी और भव्यता
डाॅ. भंवरसिंह पोर्ते महाविद्यालय और शासकीय स्कूल में डॉ. भंवरसिंह पोर्ते की प्रतिमा लगाने की घोषणा
छत्तीसगढ़ ने धान खरीदी का बनाया नया रिकार्ड
राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त किसानों को 31 मार्च के पहले
पण्डित माधवराव सप्रे के 100 वर्ष पुराने लेखों के संग्रह की पुस्तिका का विमोचन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अरपा महोत्सव से गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की नई पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव की नींव जिस खूबसूरती के साथ रखी गई है, उससे आने वाले समय में इसके स्वरूप में विस्तार होगा और भव्यता आएगी।
श्री बघेल आज गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के स्थापना के प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित अरपा महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर डाॅ. भंवरसिंह पोर्ते की स्मृति में स्थापित महाविद्यालय और स्कूल में प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर जिलेवासियों को 20 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण और शिलान्यास कर जिले को विकास कार्यों की सौगात भी दी।
मुख्यमंत्री ने पेन्ड्रा में आयोजित दो दिवसीय अरपा महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को छत्तीसगढ़ बनते ही जिला बन जाना चाहिए था लेकिन इसकी उपेक्षा की गई।
राज्य में नई सरकार के बनते ही वर्ष 2020 में क्षेत्र के लोगों का नए जिले का सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि जिला बनते ही इस क्षेत्र केे विकास को गति मिली है। इस जिले को पूरी ताकत से विकसित करेंगे।साथ ही जिले को पर्यटन जिले के रूप में भी विकसित करने की कोशिश की जाएगी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरण दास महंत, राजस्व और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, विधायक सर्व श्री डाॅ. के.के.ध्रुव, श्री शैलेष पाण्डेय और श्री मोहित केरकेट्टा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा सहित पंचायती राज और नगरीय संस्थाओं के जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अरपा महोत्सव और जिले की पहली वर्षगांठ की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महोत्सव में काफी कुछ नयापन देखने को मिल रहा है।महोत्सव में छत्तीसगढ़ के साथ ही इस जिले की गौरवशाली संस्कृति की झलक यहां देखने को मिल रही है। यहां हमारी संस्कृति के प्राचीन स्वरूप को नए ढंग से प्रस्तुत किया गया है जिससे लोगों में गर्व की अनुभूति हो रही है।उन्होंने कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही की धरती बड़ी पवित्र है। इस धरती से गंगा, नर्मदा, सोन, और महानदी नदियों में जल जाता है। हमारे राजगीत का पहला शब्द ही अरपा है, इससे इस पूरे क्षेत्र का महत्व प्रदर्शित होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूदेव रविन्द्र नाथ टैगोर पेण्ड्रा में अपनी पत्नी के इलाज के लिए डेढ़ साल रूके थे। निस्संदेह उनकी रचनाओं पर यहां के प्राकृतिक वातावरण का असर पड़ा होगा। उन्होंने यहां के जनजीवन पर आधारित रचनाएं की होंगी। उन रचनाओं को ढूंढ कर महोत्सव में पाठ किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के पुरोधा पंडित माधवराव सप्रे की स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए आज यहां उनके नाम पर 50 लाख रूपए की लागत से प्रेस क्लब भवन का शिलान्यास हुआ है।उद्यानिकी कालेज स्व.श्री बिसाहू दास महंत के नाम पर शुरू करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। जिले के विकास को गति देने के लिए पिछले प्रवास के दौरान भी अनेक कार्यों का शुभारंभ किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। किसानों से 93 लाख मीटरिक धान की खरीदी की गई है। किसानों के खाते में जितना पैसा गया उतना आज तक नहीं गया है।20 लाख 58 हजार किसानों से धान की खरीदी की गई है। किसानों के खाते में 17322 करोड़ रूपए की राशि गयी है। किसानों को धान का वाजिब मूल्य मिलने पर खेती किसानी के प्रति रूझान बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट काल में किसानों को राहत देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को चार किश्तों में 5750 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा रहा है। इस योजना की तीन किश्ते दे चुके हैं।चौथी किश्त 31 मार्च के पहले किसानों के खाते में जमा करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत 13 दिसंबर 2005 तक काबिज तथा तीन पीढ़ियों से निवासरत वनवासियों और परम्परागत निवासियों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वनाधिकार पट्टा देने का काम किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन अधिकार के तहत जंगलों की रखवाली तथा लघुवनोपज के स्वामित्व का अधिकार देने के काम प्रथमिकता से किए जाए। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पण्डित माधवराव सप्रे के 100 वर्ष पुराने लेखों के संग्रह की पुस्तिका का विमोचन किया और जिले के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेशवासियों को गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले के गठन की प्रथम वर्षगांठ पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यहां के लोग जिले के विकास और यहां की संस्कृति के संरक्षण के लिए पूरे उत्साह के साथ जुटे हैं । उन्होंने सभी लोगों से नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का आव्हान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति की खुशबू भारत में ही नहीं विदेशों में भी फैले। उन्होंने कहा कि इस जिले से अरपा की धारा बहती है वैसे ही प्रेम और सौहार्द्र की धारा भी बहनी चाहिए।
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जनसुविधा को देखते हुए वर्तमान में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का मुख्यालय जहां संचालित है वही इसका मुख्यालय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अरपा महोत्सव का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया। उन्होंने इस क्षेत्र से जुड़े अपने संस्मरणों को भी याद किया।उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जंगलों के पुराने वैभव को एक बार फिर से पुनर्जीवित करना होगा। विष्णु भोग चावल की खुशबू को एक बार फिर क्षेत्र की पहचान से जोड़ना होगा। जिले की कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने अरपा महोत्सव का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत बिलासपुर अध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर श्याम, नगर पंचायत पेंड्रा अध्यक्ष श्री राकेश जालान, नगर पंचायत अध्यक्ष गौरेला श्रीमती गंगोत्री राठौर, जनपद पंचायत अध्यक्ष पेंड्रा श्रीमती आशा मरावी, जनपद पंचायत अध्यक्ष गौरेला सुश्री ममता पैकरा, कमिश्नर बिलासपुर डॉ. संजय अलंग, पुलिस महनिरीक्षक बिलासपुर श्री रतनलाल डांगी, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार सहित अनेक जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।



























