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नई दिल्ली : शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (NEP) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह बदलना है। अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था होगी। हालांकि, त्रिभाषा फॉर्मूला को जारी रखा गया है। इसके अलावा मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कुछ देर में इसकी घोषणा करेंगे। नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।
1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी। पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है।
कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है। शिक्षा क्षेत्र के सुधारों की पीएम मोदी की ओर से समीक्षा के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार का उद्देश्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है। एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा जिसका फोकस कई भाषाओं, 21वीं सदी की कुशलता, खेल और कला आदि के समावेश पर होगा।
स्कूली और उच्च शिक्षा में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी विस्तार से चर्चा की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि क्या मसौदे में कोविड 19 संकट से मिले सबक को भी शामिल किया गया है। -
एजेंसीहरदोईः हरदोई के गोपामऊ से सांसद जय प्रकाश रावत ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपना दर्द बयां करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से लिखा कि 30 वर्ष से राजनीति में हैं, लेकिन ऐसी बेबसी उन्होंने नहीं देखी है। सांसद ने फेसबुक पर अपनी भड़ास निकाली और लिखा कि हमको कौन सुनता है? 30 वर्ष की राजनीति में और अपनी ही पार्टी के कार्यकाल में ऐसी बेबसी नहीं देखी है।
फेसबुक पर उन्होंने लिखा कि जब से ऊपर से आदेश हो गया कि अधिकारी अपने विवेेक से काम करें, तो हमको कौन सुनेगा? हमने तो 30 वर्ष के कार्यकाल में ऐसी बेबसी कभी महसूस नहीं की। इतना ही नहीं जब अन्य लोगों ने कमेंट किए तो उन्होंने लिखा कि वास्तव में मैं चकित हूं। प्रदेश में तो एमपी-एमएलए की कोई सुनने वाला नहीं है।
बता दें कि एक फेसबुक यूजर ने एक पोस्ट लिखी कि कोविड-19 के दौरान सांसद और विधायकों ने अपनी निधि का जो पैसा दिया था उससे अगर हरदोई जिला अस्पताल में एक वेंटिलेटर मशीन लग जाए तो लोगों को कोरोना के बाद आगे भी बहुत राहत मिलेगी। इस पर गोपामऊ के बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने कमेंट करते हुए लिखा कि सब कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गया है।
वहीं इसके बाद ही सांसद जय प्रकाश ने लिखा कि मैंने अपनी निधि इसी शर्त पर दी थी कि वेंटिलेटर खरीदा जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पैसा कहां गया पता नहीं। इसके बाद जब अन्य यूजरों ने कई कमेंट किए तो सांसद ने लिखा कि मुझे खुद पर शर्म आती है, क्योंकि बीजेपी विधायक और सांसद की सुनने वाला कोई नहीं है। सांसद ने लिखा कि ऊपर से यह निर्देश होगा कि अधिकारी अपने विवेक से काम करें तो हमारी कौन सुनेगा? हमने अपने तीस वर्षों के कार्यकाल में ऐसी बेबसी कभी महसूस नहीं की। इससे पहले हरदोई के गोपामऊ से विधायक श्याम प्रकाश के भी मौजूदा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। -
एजेंसीहैदराबादः अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित उपस्थिति का एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया है और कहा है कि ऐसा करना प्रधानमंत्री द्वारा ली गई संवैधानिक शपथ का उल्लंघन करने जैसा होगा। वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने लोगों से पांच अगस्त के दिन उत्सव मनाने का आह्वान किया है। ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘आधिकारिक पद पर रहते हुए भूमि पूजन में शामिल होना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल अवसंरचना का हिस्सा है।''
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के उपलक्ष्य में पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन समारोह में मोदी के शामिल होने की संभावना है। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें भूमि पूजन समारोह में आमंत्रित किया गया है।
ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘हम नहीं भूल सकते कि अयोध्या में 400 साल से अधिक समय तक बाबरी मस्जिद खड़ी रही और इसे 1992 में आपराधिक भीड़ ने तोड़ दिया।'' वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने अपने फेसबुक लाइव संबोधन में कहा कि हिन्दू समाज का 500 साल से चला आ रहा संघर्ष जल्द ही सार्थक होगा। उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपना बलिदान कर दिया। समूचा देश राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। पांच अगस्त को भूमि पूजन होगा। प्रधानमंत्री भूमि पूजन में शामिल होंगे।''
जैन ने लोगों से अपील की कि वे पांच अगस्त को सुबह साढ़े दस बजे अयोध्या की तरफ मुंह करके खड़े हों और मन में मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ राम नाम का सुमिरन करें तथा आरती करें। उन्होंने कहा कि इस दिन प्रत्येक घर में दीपक जलाकर दीपावली जैसा उत्सव मनाया जाना चाहिए। जैन ने मुस्लिम समुदाय से भी हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की। -
एजेंसीराजस्थान : राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मायावती की नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी सुर्खियों में है। वजह है बीते साल कांग्रेस में शामिल हुए सभी छह विधायकों के खिलाफ कोर्ट का रुख करना। इस मामले पर बोलते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राजस्थान में चुनाव के बाद कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन दुर्भाग्य से सीएम अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे सभी विधायकों को अपनी पार्टी में विलय करा दिया।
बीएसपी सुप्रीमो ने छह विधायकों के कांग्रेस में विलय होने की घटना को असंवैधानिक करार देते हुए कहा, 'बीएसपी पहले भी कोर्ट जा सकती थी, लेकिन हम उस समय का इंतजार कर रहे थे, जब अशोक गहलोत और कांग्रेस को सबक सिखाई जा सके। अब हमने कोर्ट जाने का फैसला किया है।' मायावती ने कहा कि हम इस मुद्दे को जाने नहीं देंगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
आपको यह बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस के 99 और बीएसपी के 6 विधायक चुनाव जीतकर आए थे। अशोक गहलोत निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायक की मदद से बहुमत के लिए जरूरी 101 से अधिका विधायकों का समर्थन जुटाने में सफल रहे थे। लेकिन बाद में उन्होंने सरकार की स्थिति मजबूत करने के लिए बीएसपी के सभी छह विधायकों का कांग्रेस में विलय करा दिया था। इससे उनके 105 विधायक हो गए।
सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों के बागी तेवर अपनाने के बाद बीजेपी विधायक और बीएसपी ने उन छह विधायकों के विलय को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी। हालांकि कोर्ट ने दोनों की याचिका पहली सुनवाई में ही खारिज कर दी। अब बीएसपी सुप्रीमो ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
आपको यह भी बता दें कि बहुजन समाज पार्टी की टिकट से चुने गए छह विधायक जो पिछले साल सितंबर में कांग्रेस के साथ चले गए थे, उन्हें पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करने का निर्देश देते हुए व्हिप जारी किया है। बीएसपी की टिकट पर जो पर छह विधायक चुने गए थे वो हैं- आर. गुढ़ा, लखन सिंह, दीप चंद, जेएस अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली।
बीएसपी ने निर्देश देते हुए इन सभी से कहा कि राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान अविश्वासमत प्रस्ताव या किसी तरह की कार्यवाही के दौरान वे कांग्रेस के खिलाफ वोट करें। इससे पहले बीएसपी प्रमुख मायावती ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। उन्होंने गहलोत पर दल-बदल कानून का दुरुपयोग करने और अब फोन टैपिंग का आरोप लगाई थी। साथ ही यह भी कही थी कि लगातार बीएसपी के साथ दगाबाजी की गई है। -
रायपुर : प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामले के मद्देनजर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है सरकार ने अब राज्य में 6 अगस्त तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है बता के की प्रशासन के द्वारा मौजूदा वक्त 28-29 जुलाई तक लॉकडाउन रखा गया था लेकिन अब उसे बढ़ाकर 6 अगस्त तक कर दिया गया है राज्य सरकार ने मंत्रियों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया है
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एजेंसीछतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के चंद्रनगर के पास पन्ना रोड में आज दोपहर हुए एक भयानक सड़क हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई। जखीरा टेक चंद्रनगर के पास दोपहर करीब 1 बजे पन्ना की तरफ जा रही स्कॉर्पियो और तीन मोटरसाइकिल आपस में टकरा गए। टक्कर इतनी भीषण थी कि एक बच्ची का सर धड़ से अलग हो गया और शव तीनकों की तरह सड़क पर बिखर गए। इस हादसे में एक सांप भी मारा गया है।
जानकारी के अनुसार, एक स्कॉर्पियो गाड़ी पन्ना की तरफ जा रही थी जबकि पन्ना की ओर से आने वाली तीन मोटरसाइकिल स्कॉर्पियो में सामने से आकर चंद्रनगर में पन्ना रोड पर जखीरा टेक मंदिर के पास टकरा गए और भयानक सड़क हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि इस हादसे में एक बच्ची का सर भी उसके धड़ से अलग हो गया है।
स्कार्पियो क्र. UP 93 AS 4293 और दो मोटरसाईकिलों से टकराकर रोड के नीचे 10 फिट की गहराई में जा गिरी। जहां स्कार्पियो में सवार सभी लोगों की मौत हो गई तो वहीं मोटरसाईकिलों पर भी सवार सभी लोग मारे गए। बमीठा थाना पुलिस सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं।
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नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के लिए पांच राफेल फाइटर जेट ने फ्रांस से उड़ान भर दी है. इन पांचों फाइटर प्लेन को सात भारतीय पायलट उड़ाकर अंबाला एयरबेस ला रहे हैं. बताया जा रहा है कि फ्रांस से भारत आते समय पांचों फाइटर प्लेन को 28 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल डाफरा एयरबेस पर उतारा जाएगा.
अल डाफरा एयरबेस की जिम्मेदारी फ्रांस एयरफोर्स के पास है. यहां पर राफेल विमानों की चेकिंग और फ्यूल भरा जाएगा. इसके बाद पांचों राफेल विमान 29 जुलाई की सुबह भारत पहुंचेंगे. राफेल को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा. भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने की डील की है, जिसमें से पांच विमान की डिलीवरी दी जा रही है.
अंबाला एयरबेस पहुंचने के बाद ही राफेल विमानों को मिसाइल से लैस किया जाएगा. इसमें स्कैल्प, मेटेओर और हैमर मिसाइल शामिल है. राफेल पहला स्क्वाड्रन अंबाला में स्थित होगा, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगा.
पांच राफेल विमानों को हरी झंडी दिखाते हुए फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि नए राफेल विमान भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता में बढ़ोतरी करेंगे. इसका फायदा भारत को रणनीतिक तौर पर होगा. भारतीय बेड़े में शामिल होने के लिए आज फ्रांस से पांच राफेल विमान रवाना हो गए हैं.
राफेल आने से निश्चित ही भारतीय वायुसेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा होने जा रहा है. राफेल से लंबी दूरी पर आसानी से मिसाइल लॉन्च किए जा सकते हैं. एयर स्ट्राइक में ये फाइटर जेट सबसे ज्यादा कारगार साबित होगा. भारतीय वायुसेना के पास कुल 36 राफेल आने हैं, जो अगले दो साल में मिलने की उम्मीद है.
राफेल से पहले भी भारतीय वायुसेना में ऐसे फाइटर जेट शामिल हैं, जो दुश्मन को परेशान करने के लिए काफी हैं. वायुसेना के पास फिलहाल सुखोई, मिराज, मिग-29, जगुआर, LCA और मिग-21 जैसे फाइटर जेट हैं. इनके अलावा ट्रांसपोर्ट, हेलिकॉप्टर, ट्रेनर और एरोबिक टीम के जेट व हेलिकॉप्टर्स हैं. -
नई दिल्ली : देश में पहली बार 50 हजार के करीब नए केस आए हैं। देश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 49,931 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या 14 लाख पार चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब कोरोना के कुल मामले बढ़कर 14,35,453 हो गए। वहीं 708 और लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 32,771 हो गई। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित 4,85,114 लोगों का इलाज चल रहा है और 9,71,567 लोग वायरस को मात देकर ठीक होकर घर जा चुके हैं।
देश में कोरोना की महामारी से सबसे ज्यादा प्भावित महाराष्ट्र में संक्रमण के 9,131 नए मामले सामने आए और 267 लोगों की मौत हुई जिससे यहां अब संक्रमितों का आंकड़ा 3,75,799 और मृतकों की संख्या 13,656 हो गई है जबकि 2,13,238 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर स्थित तमिलनाडु में इस दौरान 6,986 नए मामले सामने आए और 85 लोगों की मौत हुई जिससे संक्रमितों की संख्या 2,13,723 और मृतकों का आंकड़ा 3,494 हो गया है। राज्य में 1,56,526 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। -
मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटव निकले हैं। आपको बता दें कि दो दिन पहले मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। मंत्री सोमवार को कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए थे और मंगलवार को मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के अंतिम संस्कार में भी गए थे। इस दौरान मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी लखनऊ में अंतिम संस्कार में उपस्थित थे।
शिवराज सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझे कोविड-19 के लक्षण आ रहे थे, टेस्ट के बाद मेरी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वह अपना कोरोना टेस्ट करवा लें। मेरे निकट संपर्क वाले लोग क्वारन्टीन में चले जाएं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दूसरे ट्वीट में कहा कि कोविड 19 का समय पर इलाज होता है तो व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है। मैं 25 मार्च से प्रत्येक शाम को कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक करता रहा हूं। मैं यथासंभव अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोरोना की समीक्षा करने का प्रयास करूंगा।
उन्होंने तीसरे ट्वीट में कहा कि मेरी अनुपस्थिति में अब यह बैठक गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरी विकास एवं प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी करेंगे। मैं स्वयं भी इलाज के दौरान प्रदेश में कोविड 19 नियंत्रण के हरसंभव प्रयास करता रहूंगा।
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 736 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या 26,210 तक पहुंच गई है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 11 और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 791 हो गई है।
राज्य के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से भोपाल में दो, सागर में दो और इंदौर, मुरैना, जबलपुर, खरगोन, नीमच, हरदा, और सतना में एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 302 मौत इन्दौर में हुई है। भोपाल में 150, उज्जैन में 71, सागर में 31, बुरहानपुर में 23, खंडवा में 19, जबलपुर में 23, खरगोन में 17, देवास, मंदसौर एवं ग्वालियर में 10-10, और धार, मुरैना, नीमच एवं राजगढ़ में नौ-नौ लोगों की मौत हुई है। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।
अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में शुक्रवार को कोविड—19 के सबसे अधिक 177 नये मामले भोपाल जिले में आये हैं, जबकि इंदौर में 99, ग्वालियर में 63, मुरैना में 49, उज्जैन में 24, छतरपुर में 30 और जबलपुर में 28 नये मामले आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 26,210 संक्रमितों में से अब तक 17,866 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 7,553 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।उन्होंने कहा कि शुक्रवार को 507 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 2,839 निषिद्ध क्षेत्र हैं। -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, पिछले कुछ दिनों से रोजाना करीब तीस हजार नए Covid-19 संक्रमित मिल रहे थे आज के आंकड़ों में यह संख्या 50 हजार के करीब दिखाई दे रही है. शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आकंड़ों के अनुसार पिछले 24 घटों में सर्वाधिक 48,916 नए मामले सामने आए हैं. करीब 49 हजार नए मामले आने के बाद देश में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 13,36,861 पर पहुंच गई है. वहीं इन 24 घंटों में 757 लोगों की मौत हुई है. जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या का आंक़ड़ा बढ़कर 31358 पर पहुंच गई है. हालांकि इस वायरस से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 849432 लोग इस वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं. पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 11.62 फीसदी पर पहुंच गया है तो वहीं रिकवरी रेट में मामूली सुधार देखने को मिला है, यह अब बढ़कर 63.53 फीसदी हो गया है.
पिछले कुछ दिनों में हालात किस तरह से बिगड़े हैं इसे ऐसे समझा जा सकता है कि भारत में संक्रमितों की संख्या 1 लाख पहुंचने में 110 दिन का समय लगा लेकिन 13 लाख के आंकड़ों को क्रॉस करने में 177. यानि कि पिछले दो महीनों में करीब 12 लाख नए मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि यह संख्या इसलिए ज्यादा बढ़ी है क्योंकि भारत में अब पहले के मुकाबले ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार 24 जुलाई को 4 लाख 20 हजार 898 टेस्ट हुए हैं और अब तक कुल 1,58,49,068 लोगों का टेस्ट हो चुका है.
अब अगर राज्यवार आंकड़ों समझें तो महाराष्ट्र में अभी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. पिछले 24 घंटों में यहां 9615 नए मामले सामने आए हैं. वहीं आंध्र प्रदेश में 8147, तमिलनाडु में 6785, कर्नाटक में 5007 और उत्तर प्रदेश में 2667 नए मामले सामने आए हैं. मृतकों के मामले में भी महाराष्ट्र सबसे आगे हैं. पिछले 24 घंटों में यहां 278 लोगों की मौत हो चुकी है. कर्नाटक में 108, तमिलनाडु में 88, उत्तर प्रदेश में 59 और आंध्र प्रदेश 49 लोगों की मौत हुई है. -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इन दोनों पड़ोसी मुल्कों ने जैविक युद्ध छेड़ने की साजिश रची है और तीन साल के लिए एक गुप्त समझौता भी किया है।
दोनों देशों के बीच हुए गुप्त समझौते के मुताबिक जैविक हथियारों की संख्या बढ़ाने से लेकर एंथ्रेक्स जैसे खतरनाक वायरस पर रिसर्च करने की बात कही गई है। क्लाजोन नाम की एक यूनिट ने यह दावा कई सारे खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के हवाले से किया है। कोरोना वायरस को लेकर चीन की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यह भी कहा था कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से निकला है।
सुरक्षा विशेषज्ञ एंथॉनी क्लान नाम के शख्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इसी लैब ने पाकिस्तानी सेना रक्षा विज्ञान व तकनीकी संस्थान (DESTO) के साथ 'बढ़ती संक्रमित बीमारियों' पर शोध करने के लिए समझौता किया है। इसके अलावा फैलने वाली बीमारियों के जैविक नियंत्रण पर भी शोध किया जाना है। माना जा रहा है कि भारत के अलावा अमेरिका जैसे पश्चिमी देश भी निशाने पर होंगे। इन्हें संक्रामक बीमारियों का निशाना बनाया जाएगा और इस पर होने वाला खर्च चीन की वुहान लैब ही उठाएगी।
एंथ्रेक्स जैसे खतरनाक वायरस का खतराइस रिपोर्ट में एक वरिष्ठ खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाक एजेंसी वुहान लैब के साथ मिलकर एंथ्रेक्स जैसे वायरस पर शोध करने में लगी हुई है। यह खुफिया समझौते के तहत किया जा रहा है। इस समझौते के तहत जैविक हथियार बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए जरूरी मिट्टी परीक्षण भी किए जा चुके हैं। चीन ने पाकिस्तानी वैज्ञानिकों के साथ डाटा और जानकारी भी साझा कर ली है।पाक वैज्ञानिकों को मिल रही ट्रेनिंगवुहान की लैब में पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे जैविक हथियारों को विकसित कर सकें। इसके तहत पाकिस्तान खुद अपने वायरस तैयार करने में सक्षम हो सकेगा। खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस तरह से पाकिस्तान के पास अपने खुद के वायरस तैयार हो जाएंगे, जो बेहद खतरनाक है। इस खुफिया प्रोजेक्ट पर किसी सरकारी विश्वविद्यालय या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
पाक में अपनी लैब बनाने की तैयारीकोरोना वायरस पर दुनिया में आलोचना झेलने के बाद चीन अपनी धरती से अब कुछ नहीं करना चाहता। इसलिए वह अब पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना लगाना चाहता है। चिंता की बात यह भी है कि पाकिस्तान की लैब में ऐसे कोई इंतजाम नहीं हैं, जिससे इन्हें बाहर जाने से रोका जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल चीन की योजना जैविक हथियारों की लैब को अपनी धरती से पाकिस्तान में शिफ्ट करने की है ताकि वह आलोचनाओं से बच सके।
इबोला जैसा वायरस बना भी लियाइस खुफिया रिपोर्ट की मानें तो चीन और पाकिस्तान ने मिलकर एक खतरनाक वायरस बना भी लिया है। इस समझौते के तहत क्रीमेन कोंगो हेमोरेजिक फीवर वायरस (CCHFV) के प्रयोग भी शुरू कर दिए हैं। इस वायरस से 25 फीसदी संक्रमितों की मौत तय मानी जाती है और यह इबोला वायरस जैसा है। पाकिस्तान की जिस लैब में इसकी टेस्टिंग की जा रही है, वो इस लेवल-4 की बीमारी को फैलने से रोकने में सक्षम नहीं है। -
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को ट्वीट करके एक न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए, बल्कि चीन से भारत को कैसे निपटना चाहिए, इसे लेकर एक वीडियो भी साझा किया. उन्होंने वीडियो के शेयर करते हुए लिखा, ''प्रधानमंत्री का 100 फीसदी फोकस खुद की छवि बनाने पर है. भारत के सभी संस्थान इसी काम को करने में व्यस्त हैं. एक व्यक्ति की छवि एक राष्ट्रीय दृष्टि का विकल्प नहीं है.''राहुल गांधी ने इस बयान के साथ एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वह चीन के साथ निपटने के लिए अपने सुझाव दे रहे हैं. इस वीडियो में राहुल गांधी खुद बोल रहे हैं कि आपको चीनियों के साथ मानसिक मजबूती के साथ निपटना पड़ेगा. राहुल गांधी चीन के साथ संबंधों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे हैं.
'भारत को चीन से कैसा निपटना चाहिए?' इस सवाल पर राहुल गांधी बोले, ''यदि आप उनसे निपटने के लिए मजबूत स्थिति में हैं तभी आप काम कर पाएंगे. उनसे वो हासिल कर पाएंगे, जो आपको चाहिए और यह सचमुच किया जा सकता है. लेकिन यदि उन्होंने कमजोरी पकड़ ली, तो फिर गड़बड़ है. पहली बात आप बगैर स्पष्ट दृष्टिकोण के चीन से नहीं निपट सकते और मैं केवल राष्ट्रीय दृष्टिकोण की बात नहीं कर रहा. मेरा मतलब अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण से है. बेल्ट एंड रोड, यह धरती की प्रकृति को ही बदलने का प्रयास है.''
राहुल गांधी ने कहा, ''भारत को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना ही होगा. भारत को अब 'विचार' बनाना होगा और वह भी 'वैश्विक विचार'. दरअसल बड़े स्तर पर सोचने से ही भारत की रक्षा की जा सकती है. जाहिर सी बात है कि सीमा विवाद भी है और हमें इसका समाधान भी करना है, लेकिन हमें अपना तरीका बदलना होगा. हमें अपनी सोच बदलनी होगी. इस जगह हम दो राहे पर खड़े हैं. अगर हम एक तरफ जाते हैं तो हम बड़ी भूमिका में आएंगे और अगर दूसरी तरफ चले गए हम अप्रासंगिक हो जाएंगे. इसलिए मैं चिंतित हूं. क्योंकि मैं देख रहा हूं एक बड़ा अवसर गंवाया जा रहा है. क्यों? क्योंकि हम दूर की नहीं सोच रहे. क्योंकि हम बड़े स्तर पर नहीं सोच रहे और क्योंकि हम अपना आंतरिक संतुलन बिगाड़ रहे हैं. हम आपस में लड़ रहे हैं.''
उन्होंने वीडियो में यह भी कहा, ''जरा राजनीति की तरफ देखिए, दिनभर सारा दिन भारतीय आपस में लड़ रहे हैं और इसका कारण है- आगे बढ़ने के लिए किसी स्पष्ट दृष्टिकोण का नहीं होना और मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री प्रतिद्वंदी हैं. मेरी जिम्मेदारी उनसे प्रश्न पूछने की है. मेरा दायित्व है कि मैं उनसे प्रश्न पूछूं, दबाव डालूं ताकि वो काम करें. उनकी जिम्मेदारी है कि वो दृष्टिकोण दें, जो कि नहीं हो रहा है. मैं दावे से आपको कहता हूं कि दृष्टिकोण नहीं है और इसलिए ही चीन भारत भूमि पर घुसा है.'' -
नई दिल्ली : 12 साल की बच्ची के अपहरण, देह व्यापार और मानव तस्करी के मामले में दोषी गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन को 24 साल और उसके सहयोगी संदीप बेदवाल को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने इन दोनों पर जुर्माना भी लगाया है।
द्वारका कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने सोनू पजांबन को आईपीसी की धारा 328, 342, 366ए, 372, 373 और 120बी के तहत अलग-अलग सजा सुनाई हैं। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी इसलिए सोनू पंजाबन को कुल 24 सालों तक कठोर कारावास में रखने और 64 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।वहीं कोर्ट ने संदीप बेदवाल को आईपीसी की धारा 363, 366, 366ए, 372, 120बी और 376 के तहत अलग अलग अवधि की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए बेदवाल को अधिकतम 20 सालों तक जेल में रहना होगा। कोर्ट ने कुल 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।कोर्ट ने संदीप बेदवाल और सोनू पंजाबन को दोषी ठहराते हुए उनकी सजा पर 16 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने सोनू को नाबालिग लड़की के अपहरण, मानव तस्करी और देह व्यापार समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया था, जबकि संदीप को नाबालिग से दुष्कर्म, उसके अपहरण और मानव तस्करी के अपराध समेत अन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया था।
पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर कोर्ट में दलील दी कि 2009 में जब पीड़िता महज 12 साल की थी और उसे तब संदीप बेदवाल ने प्यार का झांसा देकर शादी करने की बात कही थी। इस दौरान संदीप, लड़की को शादी करने का झांसा देकर अपने साथ लक्ष्मी नगर में किसी सीमा नामक आंटी के घर ले गया था।
पीड़िता का आरोप है कि वहां संदीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे सीमा आंटी को बेचकर चला गया। उसके बाद सीमा आंटी ने उसे देह व्यापार करने के लिए मजबूर किया और उसे नशे के इंजेक्शन भी दिए गए। इसके बाद उसे कई लोगों को बेचा गया, इन्हीं खरीदारों में सोनू पंजाबन भी एक थी।
सोनू पंजाबन ने उसे देह व्यापार करने के लिए मजबूर किया और उसे नशे की दवाइयां और इंजेक्शन भी दिए। उसे अलग-अलग लोगों के पास भेजा जाता था और सोनू पंजाबन अपना ठिकाना बदलती रहती थी। कुछ समय बाद सोनू पंजाबन ने उसे लखनऊ के किसी आदमी को बेच दिया, जहां उससे देह व्यापार करवाया जाता था।
लखनऊ के बाद उसे हरियाणा के रोहतक में राजपाल और सतपाल को बेचा गया। वहां सतपाल उससे देह व्यापार का काम करवाने लगा और कुछ दिनों के बाद राजपाल ने उसे अपने पास घर पर रख लिया, जहां उसकी पत्नी और बच्चे भी थे। रोहतक में कुछ दिन रहने के बाद पीड़िता 9 फरवरी 2014 को मौका पाकर भाग निकली और दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में पुलिस के पास पहुंच आपबीत बताई थी।
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एजेंसीनई दिल्ली : कानुपर में हुए चर्चित विकास दुबे एनकाउंटर की जांच की जाएगी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए तीन सदस्यों वाले न्यायिक आयोग का गठन किया है। अदालत ने आयोग से 2 महीने में रिपोर्ट भी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को कहा है कि एक हफ्ते के अंदर इसपर काम शुरू कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में हो रही जांच को मॉनिटर करने से इनकार दिया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि , चूकि इस मामले में काफी पब्लिसिटी हो गई है लिहाजा हम आपराधिक जांच को मॉनिटर नहीं कर सकते हैं। इस मामले में पहले ही एसआईटी का गठन किया जा चुका है।
आपको बता दें कि कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसी याचिका पर बुधवार (22-07-2020) को सुनवाई हुई और अदालत ने आयोग बनाने का निर्देश दिया है।
यहां यह भी बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच टीम का नाम सौंप दिया है। इसमें पूर्व न्यायाधीश के रूप में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान और पूर्व डीजीपी के तौर पर केएल गुप्ता का नाम प्रस्तावित किया गया है।
यूपी सरकार ने कहा है कि पूर्व न्यायाधीश चौहान इस समिति का हिस्सा बनने के लिए राजी हैं। वहीं, सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पैनल उन परिस्थितियों की भी जांच करेगा जिनके तहत गैंगस्टर विकास दुबे को जमानत पर रिहा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश ने यूपी सरकार से कहा कि सुनि़श्चित करें कि राज्य में ऐसी घटना फिर से नहीं हो।
विकास दुबे कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएस चौहान के नेतृत्व में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के सुझाव पर मुहर लगाई। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के एल गुप्ता भी जांच आयोग में शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में जांच आयोग काम शुरू करे। -
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार शेल्टर होम मामले में बृजेश ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
निचली अदालत द्वारा मुजफ्फरपुर जिले में एक शेल्टर होम में 40 से अधिक लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में बृजेश ठाकुर को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
क्या है पूरा मामलामुजफ्फरपुर में मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) ने पूरे बिहार में स्थित आश्रयगृहों का सोशल ऑडिट किया था। इसमें कहा गया था कि बृजेश ठाकुर द्वारा संचालित आश्रयगृह में नाबालिग लड़कियों के साथ लगातार यौन शोषण होता है। टीआईएसएस ने अप्रैल 2018 में अपनी रिपोर्ट जमा कराई थी। इसकी समीक्षा के बाद सरकार ने 31 मई, 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामला सामने आने के बाद लड़कियों को आश्रयगृह से मधुबनी, पटना और मोकामा में शिफ्ट किया गया। बाद में जून में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के मेडिकल बोर्ड ने बालिका गृह की अधिकांश लड़कियों के साथ यौन शोषण होने की पुष्टि की। बालिका गृह में मौजूद 42 लड़कियों में से 34 लड़कियों के शोषण की पुष्टि हुई। लड़कियों ने अदालत के सामने अपनी आपबीती सुनाई थी कैसे उनके साथ लगातार शोषण किया जाता था। बात न मानने पर उनकी छड़ी से पिटाई होती थी। यहां गर्भवती होने पर लड़कियों का कथित तौर पर जबरन गर्भपात कराया जाता था।
ये पाए गए दोषीबृजेश ठाकुर के अलावा कोर्ट ने इंदू कुमारी (बालिकागृह अधीक्षक), मीनू देवी (बालिकागृह में गृह माता), मंजू देवी (काउंसलर), चंदा देवी (बालिकागृह में गृह माता), नेहा कुमारी (नर्स), हेमा मसीह (केस वर्कर), किरण कुमारी (सहायक), रवि कुमार, विकास कुमार (सीडब्लूसी का सदस्य), दिलीप कुमार (सीडब्लूसी का अध्यक्ष), विजय तिवारी (चालक), गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर, डॉक्टर अश्विनी, नरेश प्रसाद और साइस्ता परवीन उर्फ मधु को दोषी करार दिया। वहीं, रवि रोशन दोषी ठहराए जाने के बाद कोर्ट में ही रोने लगा और आत्महत्या करने की धमकी देने लगा। इस मामले में विक्की नाम के व्यक्ति को कोर्ट ने बरी कर दिया। -
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए घर-घर राशन योजना' को मंजूरी दे दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. इस योजना के लागू हो जाने से अब लोगों को राशन की दुकान पर नहीं आना होगा. सरकार गरीब लोगों के घर तक राशन पहुंचाएगी. दिल्ली में हर महीने लगभग 72 लाख लोगों को राशन का फायदा मिलता है.
केजरीवाल ने कहा कि योजना के लागू होने पर लोगों के घर राशन भिजवाया जाएगा, उन्हें राशन की दुकान पर नहीं आना पड़ेगा. ये बहुत ही क्रांतिकारी कदम है. वर्षों से हमारा सपना था कि गरीब को इज्जत से राशन मिले, आज वो सपना पूरा हुआ. केजरीवाल ने आगे कहा, "जिस दिन दिल्ली सरकार की 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना शुरू होगी, उसी दिन दिल्ली में केंद्र सरकार की वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को लागू कर दिया जाएगा."
दिल्लीवालों को विकल्प दिया जाएगा कि राशन की दुकान पर जाकर वो राशन लेना चाहते हैं या फिर होम डेलिवेरी. होम डेलिवेरी की तहत गेहूं की जगह आटा दिया जाएगा. यह योजना 6-7 महीने में शुरू होने की उम्मीद है. -
नई दिल्ली : कोविड-19 के संक्रमण से मरने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को कोरोना शहीद का दर्जा मिलेगा। इनके परिजनों को भारत के वीर फंड से 15 लाख रुपये तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि विभागीय मदद के अतिरिक्त होगी। सुरक्षा बलों की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को गृह मंत्रालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कोरोना शहीदों का ब्योरा भारत के वीर पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। परिजनों को सीधे मदद दिलाने के लिए खाता संख्या और अन्य ब्योरा साझा किए गए हैं। सीधे भारत के वीर कार्पस फंड में भी योगदान दिया जा सकता है।
शहीद परिवारों की मदद के लिए बना था फंडवीर फंड की शुरुआत 2017 में गृह मंत्रालय की तरफ से शहीद जवानों के परिवारों के लिए पैसा जुटाने के लिए की गई थी। इसके लिए पोर्टल भी बनाया गया है। इस पोर्टल पर शहीद जवानों का ब्योरा होता है। सीधे शहीद के परिवार की मदद भी की जा सकती है। डोनेशन देने के साथ ही ऑनलाइन ट्रांसफर के साथ यूपीआई के जरिए भी पेमेंट किया जा सकता है।
कोरोना शहीद का दर्जा मिलने से मदद संभवएक अधिकारी ने कहा, कोरोना योद्धा के रूप में ड्यूटी पर संक्रमण से मृत्यु को शहादत मानते हुए कोरोना शहीद का टर्म दिया गया है, जिससे भारत के वीर फंड के तहत इनके परिजनों को मदद मिल सके।
लोग खुले मन से करते हैं योगदानभारत के वीर फंड की शुरुआत जब 2017 में की गई थी तो उस समय इसमें कुल 6.40 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। इसके बाद 2018 में 19.43 करोड़ रुपये जमा हुए। वहीं, पिछले साल पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों की मदद करने के लिए पूरे देश ने हाथ बढ़ाया और फंड में करीब 250 करोड़ रुपए एकत्र किए गए थे।
39 जवानों की मौत, हजारों संक्रमितअब तक विभिन्न सुरक्षा बलों में 39 जवानों की संक्रमण से मौत हुई है। सीआरपीएफ में 15, बीएसएफ में 10, आईटीबीपी में 3, सीआईएसएफ में 9 और एसएसबी के 2 जवानों की कोरोना की वजह से मृत्यु हुई है। अब तक सुरक्षा बलों में संक्रमण के 8113 मामले सामने आए हैं। इनमें से 4512 ठीक हो चुके हैं। करीब 3562 सक्रिय केस हैं। -
- 85 करोड़ 61 लाख रुपए के 435 विकास कार्यों के भूमिपूजन के साथ ही 16 करोड़ 90 लाख रुपए के 178 कार्यों का करेंगे लोकार्पण,
- शानदार अधोसंरचना के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं का होगा आगाजदुर्ग 19 जुलाई 2020/पाटन ब्लाक में हरेली तिहार के अवसर पर गोधन न्याय योजना की शुरूआत के साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 102 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी करेंगे। लगभग 85 करोड़ रुपए के 435 कार्यों के भूमिपूजन के साथ ही 16 करोड़ रुपए के 178 विकास कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों होगा। इन विकास कार्यों से पाटन ब्लाक के लोगों की अधोसंरचना संबंधी जरूरत तो पूरी होगी ही, अत्याधुनिक सुविधाओं वाले शहर के रूप में भी पाटन पूरी तरह तैयार होगा। इंडोर स्टेडियम, अत्याधुनिक कम्युनिटी हाल, स्वीमिंग पुल के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन होगा। साथ ही मुख्यमंत्री ग्राम सिकोला में पथ वृक्षारोपण का लोकार्पण भी करेंगे। इसमें 44 किलोमीटर सड़को में लगभग इतने ही पेड़ लगाए गए। इस मौके पर जिले के सभी ब्लाकों में 10 ग्राम पंचायत इस तरह 30 ग्राम पंचायतों में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ होगा। 31 जुलाई तक सभी 216 गौठानों में यह योजना आरंभ हो जाएगी। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने आज पाटन में प्रस्तावित कार्याक्रमों की तैयारी का निरीक्षण किया तथा इस संबंध में निर्देशित किया।पाटन नगर को सामुदायिक भवन जीर्णोद्धार की सौगात- प्रमुख लोकार्पण कार्यों में पाटन में वार्ड क्रमांक 15 में 34लाख रुपए की लागत से निर्मित डाॅ. खूबचंद बघेल सामुदायिक भवन जीर्णोद्धार कार्य के साथ ही इसी वार्ड में 24 लाख रुपए की लागत से निर्मित गौठान, विभिन्न वार्डों में 32 लाख रुपए से डामरीकरण कार्य, नगर के विभिन्न विकास वार्डों में 73 लाख रुपए के विकास कार्य शामिल है। इस प्रकार नगर पंचायत पाटन में विभिन्न विकास कार्यों के लिए एक करोड़ 65 लाख रुपए की राशि से निर्मित संरचनाओं का लोकार्पण किया जाएगा।4 नलजल आवर्धन योजनाओं का शुभारंभ- कुल एक करोड़ 83 लाख रुपए की राशि से निर्मित 4 नलजल आवर्धन योजनाओं का लोकार्पण भी इस अवसर पर किया जाएगा। यह योजनाएं पतोरा, ढौर, भानसुली और खुड़मुड़ा में आरंभ हो जाएंगी। इनकी शुरूआत से इन चार गांवों के लोगों की पेयजल की समस्या पूरी तरह हल हो जाएगी।सोलर एनर्जी के कार्य भी होंगे लोकार्पित- पाटन में दो करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सोलर पावर प्लांट के माध्यम से स्ट्रीट लाइट स्थापना कार्य का लोकार्पण भी होगा। इसी प्रकार 170 सोलर ड्यूल पंप के माध्यम से पेयजल व्यवस्था के कार्यों का लोकार्पण भी होगा। इसकी लागत 7 करोड़ 41 लाख रुपए है। इस प्रकार 9 करोड़ 41 लाख रुपए की लागत के 178कार्यों का लोकार्पण सोलर एनर्जी से संबंधित कार्यों का होगा।29 ऐसे कार्य जिनसे गुलजार होगा पाटन- नकटा तालाब का गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्यों का भूमिपूजन भी इस अवसर पर होगा। पांच करोड़ 97 लाख रुपए की लागत से इस तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य होगा। तालाब से शहर की खूबसूरती भी बढ़ेगी और गहराई होने से वाटर लेवल भी बढ़ेगा। इसी तरह से 2 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से हनुमान तालाब का गहरीकरण भी होगा। स्पोर्ट्स फैसिलिटी बढ़ाने के लिए वार्ड क्रमांक 5 में मल्टी परपस इंडोर स्पोर्ट्स हाल का भूमिपूजन होगा। साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से इसी वार्ड में स्वीमिंग पुल निर्माण कार्य भी होगा। 21 लाख 55 हजार रुपए की लागत से प्रेस क्लब के भवन का भूमिपूजन और 20 लाख रुपए की लागत से बनने वाले कृषक सदन का भूमिपूजन भी इस अवसर पर किया जाएगा। इसके साथ ही नगर के विकास एवं बुनियादी संरचनाओं से संबंधित अनेक कार्यों का भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री करेंगे। इस प्रकार 40 करोड़ 72 लाख रुपए के 29 अधोसंरचनाओं से संबंधित कार्यों का भूमिपूजन मुख्यमंत्री करेंगे।जनपद पंचायत संसाधन केंद्र का भी भूमिपूजन- इस मौके पर जनपद पंचायत संसाधन केंद्र का भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री करेंगे। इसका निर्माण 1 करोड़ 26 लाख रुपए की राशि से कराया जाएगा। इसके साथ ही झीट, मर्रा और सांतरा में भी धान संग्रहण केंद्र का भूमिपूजन भी होगा।19 जलआवर्धन योजनाओं का भी भूमिपूजन- मुख्यमंत्री द्वारा पाटन ब्लाक के 19 गांवों में 4 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से 19 योजनाओं का भूमिपूजन किया जाएगा। इनमें से मुड़पार, तर्रीघाट, सिपकोन्हा, केसरा, छाटा, परसाही, उफरा, सोनपुर, बोरेन्दा, गुढ़ियारी, मगरघटा, सिकोला, अचानकपुर, चुनकट्टा, अमलेश्वर, गोडपेण्ड्री, नवागांव, तेलीगुण्डरा और फेकारी में नलजल आवर्धन योजनाओं का भूमिपूजन होगा।26 करोड़ रुपए की लागत से नहरों के जीर्णोद्धार का कार्य- मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर 6 करोड़ रुपए की लागत में बेलौदी जलाशय तथा नहरों का जीर्णोद्धार कार्य, 4 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से कौही उदवहन सिंचाई योजना का आधुनिकीकरण एवं नहरों की लाइनिंग, 3 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से गुजरा व्यपवर्तन नहर का मरम्मत कार्य शामिल है। इसके साथ ही मगरघटा, कापसी, सांकरा माइनर का जीर्णोद्धार , सेलूद तथा तर्रा के निरीक्षण गृह का जीर्णोद्धार कार्य भी शामिल है।