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अमेरिका : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का पहला प्रेसिडेंशियल डिबेट ओहायो के क्लीवलैंड में 90 मिनट तक चला। इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके खिलाफ मैदान में उतरे डेमोक्रेट पार्टी के प्रत्याशी जो बिडेन के बीच खूब बहस हुई। ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी पर दिए अपने जवाब का बचाव किया है। ट्रंप ने इसे चीन की गलती बताते हुए कहा कि उन्हें "अभूतपूर्व काम" करने के लिए गवर्नरों से प्रशंसा मिली है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर जो बिडेन उनकी जगह राष्ट्रपति होते तो अमरीका में कहीं ज्यादा मौतें होतीं। ट्रंप ने कोरोना वायरस से मौतों को लेकर भारत पर भी आरोप लगाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पहले प्रेसिडेंशिल डिबेट में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने कोरोना वायरस महामारी के लिए ट्रंप की प्रतिक्रिया की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पास कोई योजना नहीं है और उन्होंने संकट को कम कर पेश किया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जो बिडेन के सवाल उठाने पर ट्रंप ने कहा कि आप नहीं जानते हैं कि भारत, चीन और रूस में कितने लोग मारे गए हैं। भारत, चीन और रूस ने मृतकों की संख्या छिपा रहे हैं।
ट्रंप ने कहा कि अगर बिडेन उनकी जगह होते तो अमरीका में महामारी से दो करोड़ लोगों की मौत हो गई होती। इस पर बिडेन ने कहा कि सबको पता है कि ट्रंप झूठे हैं।
बिडेन ने कहा कि ट्रंप वही शख्स हैं जो दावा कर रहे थे कि कोरोना वायरस का ईस्टर तक खात्म हो जाएगा। मास्क नहीं पहनने के सवाल पर ट्रंप ने कहा कि जब मुझे जरूरत समझ में आती है तो मैं मास्क पहनता हूं। मैं बिडेन की तरह से मास्क नहीं पहनता हूं। जब भी आप उनको देखते हैं वह मास्क में रहते हैं। वह 200 मीटर दूर से बोलते रहेंगे लेकिन मास्क पहने रहेंगे।
यह पूछे जाने पर कि महामारी के दौरान वह लगातार रैलियां क्यों कर रहे हैं, ट्रंप ने कहा, "लोग सुनना चाहते हैं कि मुझे क्या कहना है।" "हमारे पास जबरदस्त भीड़ है।" अब तक, उन्होंने कहा, "अब तक इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है।"
बिडेन ने कहा कि राष्ट्रपति ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य तरीकों से निपटने के लिए "पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना" रवैया अपनाया है और महामारी के दौरान रैलियां आयोजित करने के उनके फैसले की आलोचना की।
अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के 70 लाख से ज्यादा मामले हैं और बीमारी से अब तक लगभग दो लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
बिडेन ने सीधे कैमरे की ओर देखते हुए कहा और अमेरिकी लोगों से पूछा कि क्या वे कोरोना वायरस के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप पर भरोसा करते हैं। बिडेन ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने फरवरी में पत्रकार बॉब वुडवर्ड को बताया कि उन्होंने वायरस के असर को कम करके बताया।
ट्रंप ने कहा कि बिडेन नहीं चाहते थे कि महामारी को देखते हुए चीन के लिए अमेरिका को अपने दरवाजे बंद कर देने चाहिए, क्योंकि बिडेन को लगता था कि यह भयानक है। इस पर बिडेन ने कहा कि कोरोना वायरस से बड़ी संख्या में लोग मारे गए और अगर समझदारी और तेजी से कदम नहीं उठाए गए तो अभी और भी लोगों की मौत होगी। जो बिडेन ने ट्रंप से कहा कि आप अब तक के सबसे खराब राष्ट्रपति हुए हैं। -
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सहमति जतायी कि राज्यों में सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) को छूट पर राशन मुहैया कराया जाए. ट्रांसजेंडर की तर्ज पर 1,500 रुपए प्रतिमाह मुहैया कराने के सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर केंद्र के वकील ने कहा कि वह इस पर सरकार से निर्देश लेकर अदालत को सूचित करेंगे. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें राशन समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने पर हलफनामा दाखिल करें. सभी राज्य सरकारें सेक्स वर्कर्स को राशन कार्ड मुहैया कराने समेत अन्य व्यवस्थाओं पर जवाब दाखिल करेंगी.पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से कोरोना महामारी के चलते सेक्स वर्करों को राहत देने के लिए दाखिल अर्जी पर केंद्र और राज्यों से निर्देश लाने को कहा था. विशेष रूप से राशन कार्ड पर जोर दिए बिना राशन और अन्य बुनियादी जरूरतों को प्रदान करने के संदर्भ में वकीलों को सरकारों से निर्देश लेने को कहा गया.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, "वे गंभीर संकट में हैं, इस मामले को जरूरी माना जाना चाहिए." जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अधिकारी सेक्स वर्करों को राहत देने के लिए ऐसे कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं, जो ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद के लिए उठाए गए हैं.
SC ने कहा कि सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को सभी सेक्सकर्मियों को सूखा राशन प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है, जैसा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और जिला कानूनी अधिकारियों द्वारा राशन कार्ड या किसी अन्य पहचान प्रमाण पर जोर दिए बिना दिया जाता है.
महामारी के दौरान कोई काम नहीं होने के कारण यौनकर्मियों के सामने आने वाली कठिनाई को ध्यान में रखते हुए, पीठ ने प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से 4 सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें कहा गया कि चार सप्ताह की अवधि में कितने यौनकर्मियों को सूखा राशन मिला. SC ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह में सूचित करने के लिए कहा है कि क्या वह यौनकर्मियों को महामारी के दौरान ट्रांसजेंडरों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का विस्तार कर सकती है. -
नई दिल्ली : विपक्ष के साथ-साथ एनडीए सरकार में सहयोगी रहे अकाली दल के अलावा देश के कई हिस्सों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि विधेयकों (Agriculture Bills) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही अब ये विधेयक कानून बन गए हैं. कृषि संबंधी दो विवादास्पद विधेयकों को लेकर देश में विपक्षी दलों के साथ साथ किसानों में भी खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. हरियाणा और पंजाब समेत के देश कई हिस्सों में किसान इस बिल के विरोध में सड़क पर हैं. किसानों को लगता है कि इस बिल की वजह से कृषि क्षेत्र में कोर्पोरेट्स की एंट्री हो जाएगी और उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलेगा. हालांकि सरकार की तरफ से हर बार किसानों को आश्वासन दिया जा रहा है कि एमएसपी पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन किसान इस बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.
इस बिल के विरोध में बीजेपी की सबसे पुरान सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी सरकार का साथ छोड़ दिया है. अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर ने पहले इस मुद्दे पर इस्तीफा दिया औऱ अब शनिवार को पार्टी ने एनडीए से बाहर आने का भी ऐलान कर दिया है.
गौरतलब है कि राज्यसभा में 20 सितंबर को कृषि संबंधी विधेयकों (Farm bills) को पारित कराने के केंद्र सरकार के तरीके पर विपक्ष ने नाराजगी जताई थी.
18 विपक्षी पार्टियों (Opposition Parties) ने बिलों को पास कराने के सरकार के तरीके को 'लोकतंत्र की हत्या' बताते हुए इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को लेटर लिखा था. इस पत्र में 'महामहिम' से अनुरोध किया गया था कि वे दोनों प्रस्तएावित कानूनों पर हस्ताक्षर नहीं करें. इसके साथ ही सरकार ने ‘‘जिस तरीके से अपने एजेंडा को आगे बढ़ाया है'', उसके बारे में भी विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था.
20 सितंबर को कृषि क्षेत्र से जुड़े दो विधेयक (Farm Bills) राज्यसभा में ध्वनि मत (Voice Vote) से पास हो गए थे. इस दौरान, विपक्षी पार्टी के सांसदों ने 'तानाशाही बंद करो' के नारे भी लगाए थे. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के आसन के पास पहुंचकर रूल बुक फाड़ दिया और आरोप लगाया कि सदन की कार्यवाही नियमों के खिलाफ हुई है. -
नई दिल्ली : दुनियाभर में कोरोना वायरस से होने वाली मौत का आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह बात कही है. WHO ने कहा है कि एक सफल वैक्सीन मिलने और व्यापक स्तर पर लोगों को वैक्सीन दिए जाने से पहले कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है.
WHO ने यह भी कहा है कि अगर महामारी रोकने के लिए संगठित होकर कदम नहीं उठाए गए तो मौतों का आंकड़ा 20 लाख से भी अधिक हो सकता है. बता दें कि अब तक दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले 3 करोड़ 27 लाख से अधिक हो चुके हैं.
माइक रयान ने कहा कि हम अभी त्रासदी से किसी भी तरह बाहर नहीं निकल पाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नए मामलों को लेकर युवाओं को दोष नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हम एक दूसरे पर उंगली नहीं उठाएंगे. माइक रयान ने कहा कि घरों में होने वाली पार्टियों से भी महामारी बढ़ रही है जिनमें हर उम्र के लोग शामिल हो रहे हैं.
कोरोना वायरस से अमेरिका में 2 लाख 8 हजार से अधिक, भारत में 93 हजार से अधिक, ब्राजील में एक लाख 40 हजार से अधिक और रूस में 20 हजार से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं. सबसे अधिक संक्रमण के मामले में अमेरिका टॉप पर है जहां कुल मामले 72 लाख को पार कर गए हैं. भारत दूसरे नंबर पर है जहां अब तक 59 लाख मामले सामने आ चुके हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, WHO के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख माइक रयान ने कहा कि 20 लाख मौतें सिर्फ आकलन नहीं है, बल्कि ऐसा होने की आशंका काफी अधिक है. कोरोना वायरस सामने आने के बाद अब तक बीते 9 महीने में कुल 9.93 लाख लोगों की मौतें हो चुकी हैं. -
एजेंसीपंजाब : संसद में पास हुए कृषि से जुड़े तीन विधेयकों का विरोध अब सड़कों पर जोर पकड़ने लगा है। कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज यानी शुक्रवार (25 सितंबर) को भारत बंद बुलाया है। किसानों के इस भारत बंद में पंजाब, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों के किसान शामिल होने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान यूनियनों ने ऐलान किया है कि इस बिल के खिलाफ वे आज चक्का जाम करेंगे। माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है। बताया जा रहा है कि भारत बंद के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि चक्का जाम मेंपंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत पूरे देश के किसान संगठन एकजुट होंगे। वहीं, दूसरी ओर पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन भी जारी है। गुरुवार यानी 24 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक यह रेल रोको आंदोलन चलेगा। इस आंदोलन के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया है।
इतना ही ही नहीं, रेलवे ने आंदोलन के मद्देनजर 26 ट्रेनों का परिचालय 26 सितंबर तक रद्द कर दिया है। जिन ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया है, वे हैं-गोल्डेन टेम्पल मेल (अमृतसर-मुंबई मध्य), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी, कर्मभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाइगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) निलंबित ट्रेनों की सूची में शामिल हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और कोरोना वायरस से जुड़े सभी नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह किसानों के साथ है और धारा 144 के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था की दिक्कतें पैदा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि नागरिकों को किसी तरह की दिक्कतें न हों और आंदोलन के दौरान जान-माल को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होना चाहिए।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) महासचिव सुखबीर सिंह ने हड़ताल के समर्थन में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानदारों से अपनी दुकानों बंद रखने की अपील की है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी लोगों से किसानों का समर्थन करने और हड़ताल को सफल बनाने का अनुरोध किया है। मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है जबकि शिरोमणि अकाली दल ने सड़क बंद करने की घोषणा की है।
विधेयकों के खिलाफ किसानों ने पंजाब में कई स्थानों पर गुरुवार को तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और पटरियों पर धरना दिया। किसान संगठनों ने एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन रेल रोको प्रदर्शन भी शुरू करने का फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र के कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों ने कहा है कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
हरियाणा भाकियू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि उनके संगठन के अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। सिंह ने कहा, हमने अपील की है कि राज्य के राजमार्गों पर धरना होना चाहिए और अन्य सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर धरना नहीं देना चाहिए। सिंह ने कहा कि हड़ताल के दौरान सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक किसी भी प्रकार के गैरकानूनी काम में संलिप्त नहीं होना चाहिए। भाकियू नेता ने कहा कि कमीशन एजेंट, दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों से भी हड़ताल का समर्थन करने का अनुरोध किया गया है।
विधेयक में क्या-क्या हैं
1. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक:उपज कहीं भी बेच सकेंगे। बेहतर दाम मिलेंगे। ऑनलाइन बिक्री होगी।2. मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता: किसानों की आय बढ़ेगी। बिचौलिए खत्म होंगे। आपूर्ति चेन तैयार होगा।3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) : अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज अनिवार्य वस्तु नहीं रहेगी। इनका भंडारण होगा। कृषि में विदेशी निवेश आकर्षित होगा।
क्यों हो रहा है इस बिल का विरोध
1. मंडियां खत्म हो गईं तो किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। वन नेशन वन एमएसपी होना चाहिए।2. कीमतें तय करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है। डर है कि इससे निजी कंपनियों को किसानों के शोषण का जरिया मिल जाएगा। किसान मजदूर बन जाएगा।3.कारोबारी जमाखोरी करेंगे। इससे कीमतों में अस्थिरता आएगी। खाद्य सुरक्षा खत्म हो जाएगी। इससे आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ सकती है। -
एजेंसीनई दिल्ली : राफेल विमान सौदा एक फिर चर्चा में है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने विमानों की सौदे के वक्त 30 फीसदी ऑफसेट प्रावधान के बदले डीआरडीओ को उच्च तकनीक देने का प्रस्ताव किया था। डीआरडीओ को यह तकनीक अपने हल्के लड़ाकू विमान के इंजन कावेरी के विकास के लिए चाहिए थी। लेकिन दसॉल्ट एविएशन ने आज तक अपना वादा पूरा नहीं किया।
संसद में बुधवार को पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बड़े पैमाने पर विदेशों से हथियारों की खरीद करता है। रक्षा खरीद नीति के तहत 30 फीसदी ऑफसेट प्रावधान लागू किए गए हैं। लेकिन हथियार बेचने वाली कंपनियां कांट्रेक्ट पाने के लिए तो ऑफसेट का वादा करती हैं लेकिन बाद में उसे पूरा नहीं करती हैं। इसके चलते ऑफसेट नीति बेमानी हो रही है। इसी सिलिसले में राफेल विमानों की खरीद का भी जिक्र किया गया है, जिसमें 2016 में राफेल के ऑफसेट प्रस्ताव का हवाला दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2005-2018 के बीच रक्षा सौदों में कुल 46 ऑफसेट काट्रेक्ट किए गए जिनका कुल मूल्य 66427 करोड़ रुपये था। लेकिन दिसंबर 2018 तक इनमें से 19223 करोड़ के ऑफसेट कांट्रेक्ट ही पूरे हुए। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इसमें भी 11396 करोड़ के क्लेम ही उपयुक्त पाए। बाकी को खारिज कर दिए गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 55 हार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रेक्ट अभी नहीं हुए हैं। तय नियमों के तहत इन्हें 2024 तक पूरा किया जाना है। ऑफसेट प्रावधानों को कई तरीके से पूरा किया जा सकता है। जैसे देश में रक्षा क्षेत्र में निवेश के जरिये, निशुल्क तकनीक देकर तथा भारतीय कंपनियों से उत्पाद बनाकर। लेकिन सीएजी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में पाया है कि यह नीति अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पा रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि खरीद नीति में सालाना आधार पर ऑफसेट कांट्रेक्ट को पूरा करने का प्रावधान नहीं किया गया है। पुराने मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि आखिर के दो सालों में ही ज्यादातर कांट्रेक्ट पूरे किए जाते हैं। -
नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। मंगलवार को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 55 लाख को पार कर गई। वहीं, इस दौरान कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 1,01,468 रही। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना रिकवरी रेट बढ़कर 80.86 फीसदी हो गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 75,083 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं। वहीं, इस दौरान कोरोना से 1,053 मरीजों की मौत हुई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 55, 62,664 लोग इस वायरस की चपेट में आए हैं।वहीं, 44,97,868 लोगों ने इस खतरनाक वायरस को मात दी है और इलाज के बाद अस्पताल से घर लौटे हैं। कोरोना के चलते अब तक देश में कुल 88,935 लोगों ने जान गंवाई है। देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 9,75,861 है।
देश में कोरोना से होने वाली मौतों का प्रतिशत 1.60 है, जिसमें गिरावट देखी जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के 9,75,861 सक्रिय मामले हैं, जो कुल मामलों का 17.54 फीसदी है।
भारत में कोरोना वायरस के मामलों ने 7 अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार किया था, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को यह आंकड़ा 50 लाख के पार हो गया। वहीं, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने बताया है कि 21 सितंबर तक 6,53,25,779 नमूनों की जांच की गई है, जिसमें से 9,33,185 नमूनों की जांच सोमवार को हुई है।
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जगदलपुर से रायपुर एवं हैदराबाद नियमित विमान सेवा शुरू
विकास के क्षेत्र में बस्तर अब भरेगा नयी उड़ान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से बस्तर जगदलपुर से रायपुर एवं हैदराबाद की हवाई यात्रा के लिए 72 सीटर नियमित विमान सेवा का वर्चुअल शुभारंभ किया। जगदलपुर स्थित मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट से अब बस्तरवासियों को हवाई मार्ग से रायपुर एवं हैदराबाद आवागमन की सुविधा का लाभ मिलेगा। विमान सेवा के शुभारंभ अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रीगण, सांसद, संसदीय सचिव, विधायकगण सहित बस्तर अंचल के जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि जगदलपुर से विमान सेवा की शुरूआत कर हम बस्तर को बड़ी संभावनाओं से जोड़ रहे हैं, जो पूरे बस्तर संभाग के विकास को नया आयाम देगी। उन्होंने इस मौके पर बस्तर को हवाई सेवा से जोड़ने के प्रयासों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि बस्तरवासियों को उड़ान सेवा का लाभ देने हेतु शासन लगातार प्रयत्नशील रहा है। हमारी सरकार के प्रयासों से 02 मार्च 2020 को डीजीसीए नई दिल्ली से विमान उड़ान हेतु अनुमति प्राप्त करने में सफलता मिली, जिसके परिणाम स्वरूप आज से एयर इंडिया की सहायक कम्पनी एलायंस एयर बस्तर में उड़ान सेवा प्रारंभ कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई सेवा शुरू होने से बस्तरवासियों को विकास के प्रत्येक क्षेत्र में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होगा। बस्तर से रायपुर एवं हैदराबाद की यात्रा का समय केवल एक घंटा लगेगा। हैदराबाद से आगे विश्व में कहीं भी जाया जा सकता है। वर्तमान में सड़क मार्ग से रायपुर की यात्रा 06 घंटे में पूरी होती है तथा हैदराबाद की यात्रा लगभग 12 घंटे में पूरी होती है। यात्रा के दौरान घाटियां एवं दुर्गम रास्ता भी पार करना होता है । बस्तर के लोग विषम परिस्थिति में चिकित्सा हेतु रायपुर, विशाखापटनम या हैदराबाद जैसे महानगर की हवाई यात्रा से जल्द से जल्द पहुंच सकेंगे तथा महानगरों के चिकित्सक, हवाई सेवा का लाभ लेकर बस्तरवासियों को आधुनिक चिकित्सा बस्तर में आसानी से दे सकेेंगे । विमान सेवा के प्रारंभ होने से बस्तर के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश - विदेश के लोगों को बस्तर की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत की जानकारी प्राप्त होगी। पर्यटक बस्तर की यात्रा आसानी से कर सकेंगे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई सेवा शुरू होने से बस्तर संभाग में बैंकिंग, टेलीकॉम सेक्टर, एनएमडीसी, बचेली, किरन्दुल, नगरनार तथा केंद्र एवं राज्य शासन के प्रशासनिक अमला को विशेष परिस्थिति में त्वरित यात्रा की सुविधा होगी। बस्तर के युवाओं को आधुनिक शिक्षा, उच्च शिक्षा के लिये जाने हेतु व्यापक सुविधा प्राप्त होगी। बस्तर के व्यापारियों को हर तरह की सेवा हेतु विशेष लाभ मिलेगा। बस्तर में कला, संस्कृति, खेल, रंगमंच एवं अन्य क्षेत्र की हस्तियों के आगमन होने से बड़े आयोजन सफलतापूर्वक अल्प समय में पूरे किये जा सकेंगे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर जगदलपुर से यात्री विमान सेवा प्रांरभ होने से क्षेत्र के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेक अवसर खुलेंगे। व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन जगत के अतिरिक्त अन्य सभी रोजगारोन्मुखी क्षेत्र में व्यापक विकास एवं विस्तार होगा । इसी कड़ी में एयरपोर्ट टर्मिनल में आमचो बस्तर कैन्टीन की शुरूआत की जा रही है । कैन्टीन का संचालन नक्सल समर्पित परिवार के सदस्यों के द्वारा किया जायेगा । भविष्य में ऐसी अनेक पहल हम करेंगे, जिससे युवा प्रतिभाओं को रोजगार के रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त हो ।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एयरपोर्ट जगदलपुर में आमचों बस्तर केन्टीन का भी शुभारंभ किया। जिला प्रशासन जगदलपुर के सौजन्य से जगदलपुर से रायपुर पहली बार हवाई यात्रा कर रहे बस्तर अंचल के विभिन्न क्षेत्रों के रहवासियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को जगदलपुर से विमान सेवा शुरू करने और उन्हें हवाई यात्रा का सुअवसर प्रदान करने के लिए आभार जताया। हवाई सेवा के शुभारंभ कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से जुड़े मंत्री सर्वश्री रविन्द्र चौबे, टी.एस. सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, कवासी लखमा, जयसिंह अग्रवाल, बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, विधायक श्री चंदन कश्यप, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एमआर निषाद, जगदलपुर की महापौर श्रीमती शकुंतला साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जगदलपुर से विमान सेवा शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि आपके प्रयासों से बस्तरवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई है और आपके प्रयास से बस्तर विकास की ओर तेजी से अग्रसर है।
इस मौके पर केन्द्रीय विमानन राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पूरी ने अपने संदेश में कहा कि हवाई सेवा शुरू होने से जगदलपुर बस्तर में पर्यटन एवं विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर की कला-संस्कृति का अपना महत्व है। उन्होंने इस मौके पर उड़ान योजना के माध्यम से जगदलपुर, अम्बिकापुर एयरपोर्ट के विकास के लिए किए जा रहे प्रयास और रायपुर एयरपोर्ट के विस्तार की कार्ययोजना की जानकारी दी। उन्होंने जगदलपुर को विमान सेवा से जोड़े जाने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी,एयर इंडिया की सहायक कम्पनी अलायंस एयर, राज्य शासन, छत्तीसगढ़ एवं बस्तरवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
1939 में रखी गई थी जगदलपुर एयरपोर्ट की नींवमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि जगदलपुर एयरपोर्ट की नींव सन् 1939 में द्वितीय विश्व युद्व के पूर्व ब्रिटिश काल में रखी गयी थी, तब इसे जहाज भाटा के नाम से जाना जाता था। 13 मार्च 1953 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू ने भी बस्तर के इस जहाज भाटा में अपना कदम रखा था। इसके अतिरिक्त पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद, डॉ ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम, डॉ प्रतिभा पाटिल एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री मोरारजी देसाई, श्री व्ही0पी0सिंह, श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी जैसी महान विभूतियां भी इस पावन धरा में कदम रख चुकी हैं। 20 मार्च 1988 को जगदलपुर से भोपाल के बीच वायुदूत सेवा के नाम से उड़ान की शुरूआत तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोतीलाल वोरा ने की थी। श्री वोरा जी, अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ प्रथम यात्रा भोपाल से जगदलपुर के लिये की थी। जगदलपुर एयरपोर्ट का उपयोग सामरिक कार्यों के लिये किया जाता रहा है ।
मां दन्तेश्वरी के नाम से जाना जाएगा जगदलपुर एयरपोर्टछत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जगदलपुर एयरपोर्ट का नामकरण अंचल की आराध्य देवी माँ दन्तेश्वरी के नाम से किया गया है। मां दन्तेश्वरी एयरपोर्ट जगदलपुर कुल 57.6 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थापित है। एयर स्ट्रिप की लम्बाई 1704 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर है। एयरपोर्ट के आधारभूत सुविधाओं का प्रबंधन लोक निर्माण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा किया जा रहा है। एयरपोर्ट में एयर ट्रॅिफक कंट्रोल का प्रबंधन एयरपोर्ट एथॉरिटी आफ इंडिया द्वारा किया जाएगा। एयरपोर्ट में 72 सीटर यात्री क्षमता वाली हवाई जहाज को संचालित किया जा रहा है। यात्री विमान सुबह 9 बजे हैदराबाद से उड़ान भरकर जगदलपुर होते हुए दोपहर 12 बजे तक रायपुर पहुंचेगा। वापस हैदराबाद के लिए यह विमान रायपुर से 12.30 बजे उड़ान भरकर 1.35 बजे जगदलपुर पहंुचेगा और वहां से 2.05 बजे उड़ान भरकर 3.40 बजे हैदराबाद पहंुचेगा।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बताया कि बस्तर के लोगों की सुविधा हेतु विमानों की उड़ान प्रतिदिन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। टिकट की बुकिंग एलायंस एयर के वेबसाईट, ऐप एवं टिकट काउण्टर के माध्यम से किया जा सकता है। यात्री किराया भी न्यूनतम रखा गया है, जिसे आसानी से वहन किया जा सकता है। हैदराबाद से जगदलपुर का 1405 रूपये जगदलपुर से रायपुर का टिकट 1270 रूपये मात्र है। आम नागरिक कम खर्चे में आसानी से हवाई यात्रा का लाभ ले सकते हैं। हमारी सरकार प्रांरभ से ही बस्तर के सर्वांगीण विकास हेतु कृत संकल्पित रही है। हम बस्तर की पहचान अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए बहुआयामी प्रयास कर रहे हैं।
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महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के भिवंडी नगर में सोमवार तड़के तीन मंजिला एक इमारत के गिर जाने से 10 व्यक्तियों की मौत हो गई और करीब 20 अन्य के मलबे में फंसे होने की आशंका है। यह जानकारी पुलिस ने दी है। पुलिस ने बताया कि यह इमारत आज तड़के गिर गई। मलबे से अभी तक एक बच्चे सहित पांच व्यक्तियों को निकाला गया है। तलाश अभियान जारी है।
ठाणे आपदा प्रतिक्रिया बल (टीडीआरएफ) के कर्मी मलबे से एक बच्चे को निकालते और उसे पानी पिलाते देखे गए। भिवंडी, ठाणे से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित एक नगर है। एक निकाय अधिकारी ने बताया कि धमनकर नाका के पास नरपोली में पटेल परिसर स्थित इमारत तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर गिर गई। हादसे के समय उसमें रहने वाले लोग सोये हुए थे। उन्होंने बताया कि इमारत में रहने वाले करीब 20 व्यक्तियों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
पीएम मोदी ने कहा, "महाराष्ट्र के भिवंडी में इमारत ढहने से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना। बचाव अभियान चल रहा है और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।'
एनडीआरएफ के महानिदेशक एस. एन. प्रधान ने ट्वीट किया, '' 20-25 लोगों के फंसे होने की आशंका है। खोज अभियान जारी है। एनडीआरएफ की और टीमें रास्ते में हैं। ठाणे नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत का एक हिस्सा धराशायी हो गया और इमारत में रहने वाले कई लोग मलबे में फंस गए।
अधिकारी ने बताया कि झिलानी इमारत कितनी पुरानी है इसकी जानकारी नहीं है। अभी यह भी पता नहीं चल पाया है कि यह इमारत निगम द्वारा घोषित जीर्ण-शीर्ण इमारतों की सूची में शामिल थी या नहीं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने एनडीआरएफ के हवाले से बताया है कि स्थानीय लोगों द्वारा 20 लोगों को बचाया गया है। प्रारंभिक सूचना के अनुसार कम से कम 20-25 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
एनडीआरएफ के जवानों ने मलबे में फंसे एक बच्चे को जिंदा बाहर निकाल लिया है।
NDRF की टीम घटनास्थल पर राहत और बचाव अभियान चला रही है। मलबे में दबे लोगों को जिंदा बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। -
एजेंसीरूस : रूस ने हल्के से मध्यम कोविड -19 संक्रमणों के लिए आर-फार्म कंपनी के कोरोनावीर उपचार को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि इस एंटी वायरल दवा को देश की फार्मेसियों में ले जाया जा सकता है।कोरोना की इस कोरोनवीर दवा की मंजूरी से मई में एक अन्य रूसी कोविड -19 दवा एविफवीर के लिए हरी झंडी मानी जा रही है। दोनों फवीपिरवीर पर आधारित हैं, जिसे जापान में विकसित किया गया था और वहां व्यापक रूप से इस वायरल के उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है।आर-फार्म की घोषणा इस बात का एक और संकेत है कि रूस वायरस के खिलाफ दवा बनाने की वैश्विक दौड़ में बढ़त लेने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। यह पहले से ही अपने कोविड -19 परीक्षणों का निर्यात कर रहा है और इसने अपनी स्पुतनिक-वी वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कई अंतरराष्ट्रीय सौदों का प्रबंधन किया है।
कंपनी ने कहा कि उसे 168 रोगियों पर चरण- III के क्लिनिकल परीक्षण के बाद इस दवा के लिए मंजूरी मिली है। सरकारी रजिस्टर में दर्ज है कि जुलाई में कोविड -19 के उपचार के लिए अस्पताल में पहली बार इस दवा का इस्तेमाल किया गया था।
टीके के परीक्षण में कोई कोताही न बरती जाए
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण या नई दवा की मंजूरी और बिक्री से जुड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देश के तहत, आईसीएमआर ने बताया है कि वैक्सीन के विकास में इन चरणों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
इसमें वैक्सीन के उचित स्ट्रेन की पहचान और विकास, जो सुरक्षित और प्रतिरोधी क्षमता पैदा करने वाला हो। प्री क्लीनिकल चरण में चूहों, खरगोश, गिनी पिग और हैमस्टर चाहे छोटे जानवरों पर परीक्षण किया जाए। सुरक्षा और खुराक को लेकर पर्याप्त सतर्कता बरती जाए। बड़े जानवरों में भी प्रीक्लीनिकल परीक्षण के दौरान वैक्सीन की सुरक्षा, प्रभावी क्षमता, खुराक और फार्मूलेशन पर ध्यान दिया जाए। मानव परीक्षण के पहले चरण में उत्पाद की सुरक्षा को परखा जाए। इसमें वालंटियर की संख्या 100 से कम रहती है। दूसरे चरण में देखा जाए कि वैक्सीन को लेकर प्रतिरोधी क्षमता पैदा हो रही हैं या नहीं।
इसमें वालंटियर की संख्या एक हजार से कम होती है। तीसरे चरण के मानव परीक्षण में टीके की प्रभावी क्षमता को आंका जाना चाहिए। इसमें हजारों वालंटियर को शामिल किया जाना आवश्यक है। इनके सफल परीक्षणों के बाद नियामक की मंजूरी लेना आवश्यक है। चौथे चरण में टीके के विपणन को लेकर निगरानी करनी होगी। सीडीएससीओ ने हालांकि स्पष्ट किया कि उसे टीकों के विकास के चरणों में किसी भी तरह के उल्लंघन की अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। -
यूपी : नंदग्राम में एससी-एसटी छात्राओं के छात्रावास को डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने पर शुरू हुए विरोध के बाद सरकार और शासन ने निर्णय वापस ले लिया है।
बसपा प्रमुख मायावती के मुख्यमंत्री काल में बने इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने पर उन्होंने गुरुवार को ही ट्वीट कर इसे दोबारा छात्रावास ही बनाए जाने की मांग की थी। ऐसे में राजनीति के गरमाने से पहले ही सरकार ने अब इस छात्रावास की बिल्डिंग में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय वापस ले लिया है। इस इमारत में अब छात्रावास ही रहेगा।नंदग्राम स्थित एससी-एसटी छात्राओं के लिए बने छात्रावास की बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश का पहला और देश का 12वां डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय कई माह पहले ले लिया गया था। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने इस इमारत को गृह मंत्रालय को एनओसी काफी पहले ही दे दी थी।पुलिस विभाग द्वारा इसके जीर्णोद्धार का कार्य भी पूरा हो गया है। बीते बुधवार को इसकी रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी गई थी। सेंटर को दिल्ली में बने तीन सेंटर की तर्ज पर ही संचालित किया जाएगा। अभी सिर्फ भवन का जीर्णोद्धार किया गया है। शुक्रवार को इस डिटेंशन सेंटर के संचालन और बजट को लेकर गाजियाबाद में अहम बैठक होनी थी। डीएम की अध्यक्षता में प्रस्तावित इस बैठक में कई अन्य अधिकारियों को शामिल होना था।विरोध के साथ ही डिटेंशन सेंटर के बोर्ड पर पोत दी थी कालिखइस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर बीते कई दिनों से विरोध तेज हो गया था। इस बिल्डिंग पर लगाए गए डिटेंशन सेंटर के बोर्ड पर भी किसी ने कालिख पोत दी थी। यह मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंचा तो उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर विरोध किया था।
उन्होंने ट्वीट में कहा था कि डा. अंबेडकर एससी-एसटी छात्रावास को यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में कनर्वट करना अति दुखद व अति निंदनीय है। यह सरकार की दलित विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग भी उठाई थी। माना जा रहा है कि चुनाव के इस दौर में एससी-एसटी के बड़े वर्ग में विरोध शुरू न हो इसको लेकर गुरुवार को ही सरकार ने इस निर्णय को वापस ले लिया है।
पूरी हो चुकी थी क्रियाशील बनाने की तैयारीसमाज कल्याण विभाग की ओर से बनाए गए नंदग्राम के इस छात्रावास में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग आवास बने हैं। समाज कल्याण विभाग ने इस छात्रावास के पूरे भवन को गृह विभाग को हैंडओवर कर दिया था। डिटेंशन सेंटर बनाने के प्रस्ताव के बाद बालिका छात्रावास जिसमें लगभग 80 कमरे हैं, उसके पांच कमरे पुलिस विभाग ने लिए थे और ग्राउंड फ्लोर के पांच कमरे का जीर्णोद्धार मेरठ स्थित निर्माण समिति ने करा दिया है।
अब इसको क्रियाशील करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी समाज कल्याण को ही दी गई थी। इसको लेकर डीएम की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक प्रस्तावित थी, इसमें पदों के सृजन से लेकर बजट का खर्च, किस विभाग की पूर्ण जिम्मेदारी होगी इस पर मुहर लगाई जानी थी।
इसके साथ ही गृह विभाग इस पूरे भवन का इस्तेमाल करेगा या सिर्फ गर्ल्स हॉस्टल का ही इस्तेमाल होगा इसपर भी चर्चा होनी थी। इस डिटेंशन सेंटर को दिल्ली में बने तीन डिटेंशन सेंटर की तर्ज पर संचालित किया जाना था। गृह विभाग द्वारा भेजे गए स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसिजर (एसओपी) के अनुसार इसमें ऐसे विदेशियों को रखा जाना था, जिनका वीजा खत्म हो चुका है और वह अवैध रूप से यहां रह रहे हैं।2011 में शुरू हुआ था दलित छात्रावासनंदग्राम में दलित छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग दो अंबेडकर छात्रावास प्रशासन द्वारा बनाए गए थे। दोनों छात्रावास की क्षमता 408 छात्र-छात्राओं की है। यह जनवरी 2011 में बनकर तैयार हो गया था और इसकी शुरुआत भी 15 जनवरी 2011 को ही कर दी गई थी।
छात्रावास पूरी सुविधाओं से लैस बनाया गया था, लेकिन काफी समय से यह छात्रावास बंद है। इतना ही नहीं इसकी देखरेख ना होने के कारण यह जर्जर हालत में हो चुका था। योगी सरकार के आने के बाद बंद पड़े इस छात्रावास की सुध ली गई और इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था।
जिसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार करते हुए इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया। यहां पर 100 विदेशियों को रखे जाने की व्यवस्था की गई थी और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को सौंपी गई थी।
नंदग्राम एससी-एसटी छात्रावास को अब डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। शासन ने इसे डिटेंशन सेंटर न बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए निर्देश मिल चुके हैं। अब इस इमारत में छात्रावास ही संचालित होगा। - अजय शंकर पांडेय, डीएम
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बिहार : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उद्घाटन-शिलान्यास का कार्यक्रम जारी है। इसी बीच किशनगंज जिले में एक निर्माणाधीन पुल धंस गया है। यह मामला दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत का है।
दिघलबैंक प्रखंड की पत्थरघट्टी पंचायत के गुवाबाड़ी के पास करीब एक करोड़ 42 लाख की लागत से बन रहा पुल धंस गया। उद्घाटन से पहले ही पुल का एक पिलर पुरी तरह धंस गया है। पुल के धंस जाने के कारण इस रास्ते से खुद को मुख्य धारा से जोड़ने का आस वर्षों से संजोए गुवाबाड़ी समेत आसपास के गांवों के हजारों की आबादी का इंतजार एक बार फिर से बढ़ गया है।
ग्रामीण जमील अख्तर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 'अगर समय रहते प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जाता तो आज पत्थरघट्टी पंचायत के आधे दर्जन से अधिक गांवों पर यह खतरा न तो मंडराता और न ही इस प्रकार के नई समस्याओं का सामना रोज हमलोगों को करना पड़ता।' गौरतलब है कि कनकई नदी ने पिछले करीब एक दशक से दिघलबैंक प्रखंड में सबसे अधिक नुकसान पत्थरघट्टी पंचायत को ही पहुंचाया है।
मंगलवार की रात गुवाबाड़ी के पास धंसे निर्माणाधीन पुल को लेकर ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता रामानंद यादव का कहना है कि 'जिस वक्त पुल को बनाने का काम शुरू हुआ था, वहां पर कनकई नदी की एक हल्की धारा थी और पुल उसी हिसाब से बनाया जा रहा था, लेकिन अचानक से इस बार नदी का रूख बदल गया। हजारों एकड़ में फैला पानी जब केवल कुछ मीटर लंबे पुल से पास जमने लगे तो इस प्रकार की अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है।'
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स्कूल खुलने के बाद ही जारी होंगे नियुक्ति आदेशदस्तावेज सत्यापन, मेडीकल फिटनेस और पुलिस वेरिफिकेशन के बाद जारी होंगे नियुक्ति आदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग के सहमति के बाद 14 हजार 580 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति आदेश राज्य शासन द्वारा स्कूल खुलने के आदेश जारी होने के उपरांत ही जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
स्कूल शिक्षा विभाग को वित्त विभाग द्वारा शिक्षकांे की नियुक्ति की अनुमति शर्तो के साथ प्रदान की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि ’नियुक्ति किसी न्यायालय में लंबित अथवा भविष्य में दायर किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अध्याधीन होगी’। नियुक्ति आदेश प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी के लिए पृथक-पृथक जारी किए जाएंगे। नियुक्ति आदेश में शिक्षकों की वरिष्ठता व्यापम द्वारा जारी प्रावीण्य सूची के क्रमानुसार रहेगी। शिक्षकों की परीक्षा अवधि तीन वर्ष की होगी। राज्य शासन द्वारा परिवीक्षा अवधि के दौरान देय वेतन और अन्य लाभों के संबंध में जारी नियम लागू होंगे।
लोक शिक्षण संचालनालय से विभिन्न संवर्गो के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापम द्वारा परीक्षा आयोजित करायी गई थी, जिसमें विभिन्न संवर्ग के कुल 14580 शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी थी। व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणाम 30 सितम्बर 2019 एवं 22 नवम्बर 2019 को घोषित किए गए थे। व्यापम द्वारा जारी की गई प्रावीण्य सूची के आधार पर नियुक्तियां की जानी थी। मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन होने के पश्चात वित्त विभाग द्वारा यह निर्देश जारी किए गए कि विभागों में प्रचलित नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी रहेगी, परंतु नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करना आवश्यक होगा। तद्नुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को प्रकरण सहमति हेतु भेजा गया था। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा शर्तांे के साथ शिक्षकों के पदों की नियुक्ति के लिए सहमति दी गई है।
शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शामिल शर्तो में प्रत्येक नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा व्यापम की प्रावीण्य सूची के क्रम में विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार प्रावधिक चयन सूची जारी की जाएगी। प्रावधिक चयन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों को नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि दस्तावेज सत्यापन के समय कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित भारत सरकार और राज्य सरकार के सेनेटाइजेशन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखें आदि के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित होते हैं, उन्हें जिला चिकित्सा बोर्ड से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निर्देश दिया जाएगा और पुलिस वेरिफिकेशन हेतु संबंधित का प्रकरण भेजा जाएगा। प्रावधिक चयन सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को दस्तावेज सत्यापन के लिए नियुक्तिकर्ता अधिकारी के कार्यालय में सभी दस्तावेजों सहित निश्चित तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा। अभ्यर्थी की उपस्थिति का दिन सूचना पत्र जारी होने के कम से कम 20 दिन बाद का रखा जाएगा। यदि किसी 16कारणवश कोई अभ्यर्थी निर्धारित तिथि को उपस्थित न हो सकें तो वह नियुक्तिकर्ता अधिकारी के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत करके किसी अन्य दिन उपस्थित होने का अनुरोध कर सकेगा। यदि ऐसा अनुरोध उपस्थिति के लिए निश्चित तिथि से 10 दिन के भीतर प्राप्त होता है तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी उस अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन के लिए कोई अन्य तिथि निश्चित कर सकेगा।
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नही होता है अथवा जो अभ्यर्थी सूचना प्राप्ति के बाद भी दस्तावेज सत्यापन के लिए उपस्थित नही होते हैं, उन्हें लिखित रूप से सूचित किया जाएगा कि, विज्ञापन में निर्धारित मापदंडों के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होने के कारण उन्हें नियुक्ति के योग्य नहीं पाया गया और ऐसे अभ्यर्थियों का नाम प्रावधिक चयन सूची से काट दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को दी जाने वाली सूचना मेें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि, कौन से अनिवार्य दस्तावेज सत्यापित नहीं हुए।
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नियमानुसार पूर्ण होगा उन्हें इस बात की लिखित सूचना दी जाएगी कि, उनका प्रकरण मेडिकल फिटनेस एवं सेवा पूर्व पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजा जा रहा है। यह दोनों प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनके लिए पृथक से नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। पत्र में इस बात का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि यह पत्र नियुक्ति आदेश नहीं है। संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित नियुक्तिकर्ता अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश तैयार किया जाएगा। दस्तावेज सत्यापन उपरांत उन पात्र चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा फिट पाया गया है तथा जिनके पुलिस वेरिफिकेशन में प्रतिकूल टीप नहीं पाई गई है।
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टोक्यो : जापान की सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी 71 वर्षीय योशिहिदे सुगा को अपना नया प्रधानमंत्री चुन लिया है। अब वह पूर्व पीएम शिंजो आबे की जगह लेंगे। बुधवार को ही आबे ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। पिछले दिनों एलडीपी ने कैबिनेट के चीफ सेक्रेटरी सुगा को अपना नेता चुना था। सुगा को 534 में से 377 वोट्स मिले थे। आपको बता दें कि पूर्व पीएम आबे के नाम सबसे लंबे समय तक जापान का पीएम रहने का रिकॉर्ड है। वह सात साल और आठ माह तक पीएम के पद पर रहे हैं। कोलाईटिस बीमारी के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।
शिंजो आबे के करीबी सुगा नए पीएम सुगा का मुकाबला पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा और एलडीपी के नीति मुखिया फ्यूमियो किशिदा से था। लेकिन दोनों ही उनसे पीछे चल रहे हैं। एलडीपी को जापान की संसद में बहुमत हासिल है। ऐसे में उनका पीएम के तौर पर चुना जाना तय माना जा रहा था। योशिहिदे सुगा, आबे के भरोसेमंद साथी हैं। सुगा की पहचान एक ऐसे नेता के तौर पर है जिनका कद पिछले कुछ दिनों में रहस्मय तरीके से सरकार में बढ़ा। वह आबे सरकार में एक अहम सलाहकार के तौर पर उभरे, सरकार के प्रवक्ता बने और नीतियों को आगे बढ़ाने वाले नेता के तौर पर माने गए। सुगा अब तक कई अहम राजनीतिक किरदारों में नजर आ चुके हैं। लेकिन बतौर चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी उनके कार्यकाल को सबसे सफल माना जाता है।वह आबे सरकार का एक प्रभावी चेहरा रहे हैं और कोविड-19 के समय में उन्हें बतौर प्रवक्ता सरकार के कई फैसले का बचाव रूटीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में करते हुए देखा गया था। कोविड से जूझती अर्थव्यवस्था चुनौती उत्तरी जापान के अकिता के रहने वाले सुगा के पिता एक किसान थे और स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे। सुगा का बचपन उत्तरी जापान के अकिता क्षेत्र में बीता है। एलडीपी का नेता चुने जाने पर उन्होंने कहा था, 'मैं अपने बैकग्राउंड के साथ एलडीपी पार्टी का नेता बना और इस दौरान हर इतिहास और परंपरा को देखा। मैं खुद को जापान और यहां के लोगों के लिए समर्पित करता हूं।' सुगा पर सबसे बड़ी चुनौती 'आबेनॉमिक्स' जो कि पीएम शिंजो आबे की आर्थिक रणनीति है उसे जारी रखना है। सुगा ने कहा है कि वह इसे ही आगे बढ़ाने वाले हैं। साथ ही कोरोना वायरस से पैदा हुई समस्या के लिए जो नीति शिंजो आबे ने तय की थी, सुगा उसे जारी रखेंगे और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की कोशिशें करेंगे। इंडस्ट्री में सुधार करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगा क्योंकि पिछले दिनों हुए एक पोल के मुताबिक जापान के उत्पादक कोविड-19 की वजह से खासी निराशा में डूबे हैं। ऐसे में अब उनकी नजरें अपने नए नेता पर हैं। -
नई दिल्ली : देश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 83,809 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस के कारण 1,054 मरीजों की मौत हो गई है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई है।
मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के मामले 49 लाख से ऊपर पहुंच गए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे के दौरान 83,809 नए मामले सामने आए हैं जबकि 1,054 मरीजों की मौत हो गई है।
देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 49,30,237 हो गई है। इसमें 9,90,061 सक्रिय मामले हैं। 38,59,400 लोगों ने इस वायरस को मात दी है और ठीक होने के बाद अस्पताल से घर लौटे हैं। वहीं, इस वायरस के चलते अब तक देश में 80,776 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
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एजेंसीनई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना के संक्रमण के मामले इस हफ्ते 50 लाख और कोरोना के सक्रिय मामले दस लाख के पार हो जाएंगे।
राहुल गांधी ने कोरोना के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार अनियोजित लॉकडाउन बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट में आगे लिखा कि एक अहंकार व्यक्ति देश में अनियोजित लॉकडाउन लगाया, जिसके बाद देश में कोरोना फैल गया। इसके आगे कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कहा आत्मनिर्भर बनिए यानि अपनी जान खुद ही बचा लीजिए क्योंकि प्रधानमंत्री मोर के साथ व्यस्त हैं।
बता दें कि आज से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है और राहुल गांधी सत्र के शुरुआती दिनों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। राहुल गांधी अपनी मां के साथ इटली में हैं, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी हर साल मेडिकल चेकअप के लिए विदेश जाती हैं। इसलिए राहुल भी उनके साथ गए हैं।
सोनिया गांधी करीब दो हफ्ते तक विदेश में रह सकती हैं लेकिन राहुल गांधी जल्द ही वापस देश लौट आएंगे। विदेश जाने से पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार को रक्षा संसदीय समिति की बैठक में हिस्सा लिया था। पार्टी के सूत्रों के अनुसार प्रियंका गांधी के विदेश जाने के बाद राहुल गांधी वापस देश लौट आएंगे।
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एजेंसी
नई दिल्ली : चीन से डरकर अमेरिका भागने वाली एक वायरोलॉजिस्ट ने दावा किया है कि बीजिंग ने कोरोना वायरस तैयार किया और फिर महामारी छिपाने की कोशिश की. डॉ. ली मेंग यान ने कहा है कि वह सबूत पेश करने जा रही हैं जिससे साबित होगा कि चीन की लैब में कोरोना वायरस तैयार किया गया.
डॉ. ली मेंग यान का कहना है कि वे ऐसा सबूत पेश करेंगी जिससे वैज्ञानिक समुदाय से बाहर के लोग भी समझ सकेंगे कि इस वायरस को इंसानों ने तैयार किया है. ली मेंग यान हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी में बतौर रिसर्चर काम कर रही थीं जब उन्होंने कोरोना वायरस के ऊपर स्टडी शुरू की.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी जिंदगी को लेकर खतरा महसूस करने के बाद ली मेंग यान अमेरिका चली गईं और वहां किसी सीक्रेट जगह पर रहती हैं. ली मेंग यान ने कहा है कि चीन सरकार ने उनसे जुड़ी सभी जानकारी सरकारी डेटाबेस से डिलीट कर दी है.
वायरोलॉजिस्ट ली मेंग यान ने साफतौर से कहा कि कोरोना वायरस को वुहान की लैब में तैयार किया गया है. हालांकि, चीन इस आरोप से बार-बार इनकार करता आया है. ली मेंग यान ने कहा कि वायरस के Genome Sequence फिंगर प्रिंट की तरह होते हैं जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि यह लैब से आया है या नेचुरल तरीके से.
ली मेंग यान ने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग छोड़ने के बाद उनके बारे में सारा डेटा सरकार ने डिलीट कर दिया. उनसे जुड़े लोगों को कहा गया कि अफवाह फैलाएं कि वह झूठी हैं और उन्हें कुछ पता नहीं है. ली मेंग यान का दावा है कि वह कोरोना वायरस पर स्टडी करने वाले शुरुआत के चुनिंदा वैज्ञानिकों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि दिसंबर में उनके सुपरवाइजर ने ही सार्स जैसे मामले की जांच करने को कहा था. लेकिन बाद में उन्हें डराया जाने लगा.
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एजेंसीमुंबई : बीएमसी ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई के पाली हिल इलाके में स्थित दफ्तर पर बुलडोजर चलाया। बीएमसी की इस कार्रवाई के बाद कंगना रनौत लगातार शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर ले रही हैं। कंगना ने गुरुवार को उद्धव के साथ-साथ कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए, शिवसेना को सोनिया सेना बताया।
कंगना रनौत ने ट्वीट कर कहा, 'जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिवसेना से सोनिया सेना बन चुकी है, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।
वहीं, एक अन्य ट्वीट में कंगना ने कहा, 'तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुंह बंद करोगे? कितनी आवाजें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ वंशवाद का एक नमूना हो।'
दूसरी तरफ, एक अन्य ट्वीट में कंगना ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की। कंगना ने शिवसेना को निशाने बनाते हुए कहा, 'चुनाव हारने के बाद शिवसेना ने शर्मनाक तरीके से मिलावट सरकार बनाई और सोनिया सेना में तब्दील हो गई।'
'आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा': कंगनागौरतलब है कि कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के बाद एक वीडियो साझा कर सीधे-सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। कंगना ने वीडियो में कहा, 'उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मेरे से बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। ये वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एक जैसा नहीं रहता, और मुझे लगता है कि तुमने मेरे पर बहुत बड़ा अहसान किया है। क्योंकि मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी आज मैंने महसूस किया है।'
कंगना ने वीडियो में आगे कहा, 'आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं बल्कि कश्मीर पर भी फिल्म बनाऊंगी। क्योंकि मुझे पता था कि ये हमारे साथ होना तो होगा लेकिन मेरे साथ हुआ है। इसका कोई मतलब है, इसके कोई मायने हैं। उद्धव ठाकरे ये जो क्रूरता और आतंक है, अच्छा हुआ ये मेरे साथ हुआ, क्योंकि इसको कुछ मायने हैं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।'