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वाशिंगटन : अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US Food and Drug Administration) की एक विशेषज्ञ समिति ने गुरुवार को कोविड-19 (Coronavirus) के खिलाफ Pfizer-BioNTech वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को हरी झंडी दे दी थी. इसके अगले दिन शुक्रवार को FDA ने इसके इस्तेमाल को प्राधिकृत कर दिया. इससे देशभर में Pfizer की वैक्सीन दिए जाने का रास्ता खुल गया.
FDA के मुख्य वैज्ञानिक डेनिस हिंटन ने Pfizer के कार्यकारी को पत्र लिखकर बताया है, "मैं COVID -19 की रोकथाम के लिए Pfizer-BioNTech वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को अधिकृत कर रहा हूं." इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि अब 24 घंटे के अंदर देश में पहला टीका लगाया जाएगा.
राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्विटर पर जारी एक टेलीविज़न संबोधन में कहा, "पहला वैक्सीन 24 घंटे से भी कम समय में दिया जाएगा." ट्रंप ने कहा, "फेडएक्स और यूपीएस के साथ साझेदारी के माध्यम से हमने पहले ही देश के हर राज्य और ज़िप कोड को वैक्सीन भेजना शुरू कर दिया है." उन्होंने कहा, "गवर्नर तय करेंगे कि उनके राज्यों में सबसे पहला टीका किसे लगाया जाएगा."
ट्रम्प ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे वरिष्ठ नागरिक, हेल्थ वर्कर और बीमार लोगों को पहली खेप में टीका लगाया जाय." राष्ट्रपति ने कहा, "इससे अस्पताल में भर्ती होने के मामलों और मौत के मामलों में अभूतपूर्व कमी आएगी." -
ह्यूस्टन : सुप्रीम कोर्ट ने जो बाइडन की चुनावी जीत को पलटने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा समर्थित एक मुकदमा खारिज कर दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत के समक्ष राज्य और संघीय न्यायाधीशों द्वारा अस्वीकार किए गए कानूनी मुद्दों को प्राप्त करने के लिए ट्रंप के प्रयास को खारिज कर दिया गया।अदालत द्वारा इस हफ्ते अपना दूसरा आदेश दिया गया, जब रिपब्लिकन अनुरोधों को खारिज कर दिया गया। मंगलवार को पेंसिल्वेनिया रिपब्लिकन की ओर से एक अपील को खारिज कर दिया गया था। इलेक्टोरल कॉलेज ने सोमवार को औपचारिक रूप से बिडेन को अगले राष्ट्रपति के रूप में चुना।
आधे से अधिक हाउस रिपब्लिकन, जिनमें उनके शीर्ष दो नेता शामिल हैं, टेक्सास के मुकदमे का समर्थन कर रहे हैं, जो मतदाताओं की इच्छा को दूर करने के लिए पार्टी की इच्छा के असाधारण प्रदर्शन में राष्ट्रपति-चुनाव जो बाइडन की जीत को अमान्य करने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि धोखाधड़ी के बेबुनियाद दावों के आधार पर चार अहम राज्यों में दोबारा वोट डालने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करने के लिए सत्रह रिपब्लिकन अटॉर्नी जनरल और कांग्रेस के 126 सदस्य टेक्सास और खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हुए हैं।शुक्रवार को, कैलिफोर्निया के हाउस रिपब्लिकन लीडर केविन मैकार्थी और लुइसियाना के माइनॉरिटी व्हिप स्टीव स्कैलिस ने लॉन्गशॉट बोली पर एक संक्षिप्त हस्ताक्षर किए, ट्रंप की उल्लेखनीय राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करते हुए यहां तक कि उन्होंने यह भी झूठे दावे फैलाए कि कई डेमोक्रेट और अन्य लोगों द्वारा लोकतंत्र को गहरा नुकसान पहुंचाने का डर है।
यह मुकदमा जीओपी की हताशा को हवा देने का एक कार्य है, जो हमारे अमेरिकी लोकतंत्र में निहित सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने शुक्रवार को डेमोक्रेट को एक संदेश में लिखा था। कुछ रिपब्लिकन ने मामले के बारे में चिंता व्यक्त की है। कई अन्य लोग चुप रहे। -
एजेंसीनई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 16 दिनों से जारी है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन खत्म कर बातचीत का रास्ता अपनाने की बात कही है. कृषि मंत्री ने कहा, 'किसी भी कानून में प्रावधान पर आपत्ति होती है, प्रावधान पर ही चर्चा होती है. प्रस्ताव में हमने उनकी आपत्तियों का निराकरण करने की कोशिश की है. उन्हें आंदोलन खत्म करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए.'
मंत्री ने कहा, "मैं किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए. सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. आंदोलन से किसानों को भी परेशानी होती है. सर्दी का मौसम है. कोरोना का संकट है. जनता को भी आंदोलन से परेशानी हो रही है. इसलिए किसानों को आंदोलन खत्म करना चाहिए और बातचीत से समस्या हल करने का प्रयास करना चाहिए."
"किसानों की हर चिंता पर बात की गई"केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "किसान आंदोलन के दौरान यूनियन के साथ छह दौर की बातचीत हुई. सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत में ये संभव नहीं हो सका. हमने किसानों से बातचीत के जरिए उनकी समस्या का हल निकालना चाहते हैं. किसानों की हर चिंता पर बात की गई है. किसानों की हर चिंता को नोट किया गया है. पांच तारीख को हमने उनसे पूछा कि APMC को सुदृढ़ बनाने के लिए क्या करना चाहिए, तो वो चुप हो गए. कुछ बोले ही नहीं. फिर ये फैसला हुआ कि दोबारा मीटिंग होगी.
कृषि मंत्री ने आगे कहा, "छठे दौर की बातचीत में हमने अपनी ओर से किसानों को समाधान दे दिया. हमने एपीएमसी को सुदृढ़ करने के उपाय बता दिए. पराली के मुद्दे पर हमने उनसे उनके मुताबिक समाधान करने के लिए कहा. पराली परर कानून में संशोधन करने को तैयार हैं. बिजली के मुद्दे पर भी हमने पहली वाली व्यवस्था करने की बात कही. अब उन्होंने इस सब प्रस्ताव पर विचार किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आया. मीडिया से जानकारी मिली कि किसानों ने हमारा प्रस्ताव खारिज कर दिया. उनकी तरफ से अभी बातचीत का कोई प्रस्ताव आया नहीं है, लेकिन जैसे ही प्रस्ताव आएगा, हम बातचीत के लिए तैयार हैं."
कृषि मंत्री ने कहा, 'भारत सरकार के बहुत सोच समझकर कृषि कानून बनाया है. किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए बनाया गया है. किसानों के साथ सालों से जो अन्याय हो रहा है, उसे दूर करने के लिए बनाया है. लेकिन फिर भी सरकार किसानों यूनियनों से बातचीत करके कानून में सुधार लाने के लिए तैयार है.'
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एजेंसीनई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों के कर्ज लेने के दावे वाली एक खबर का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गरीब लोगों के मौलिक अधिकार छीन रही है.उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार ग़रीबों के मौलिक अधिकार छीन रही है. ये मानवता के विरुद्ध अपराध है. देश के बेहतर भविष्य के लिए हमें हर वर्ग के अधिकारों का सम्मान करना ही होगा.’’ कांग्रेस नेता ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें एक सर्वेक्षण के आधार पर दावा किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान 11 राज्यों में करीब 45 फीसदी लोगों को भोजन के लिए कर्ज लेना पड़ा.
किसानों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिले थे राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताविपक्षी दलों ने कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला. पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआर बालू, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल रहे. मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा कि किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए.राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ''राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में हमने कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का अनुरोध किया, ये कानून बिना चर्चा के पारित किए गए हैं.'' उन्होंने कहा कि जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए, हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है, इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं. हमने राष्ट्रपति से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है. -
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। सरकार की तरफ से लिखित प्रस्ताव के आश्वासन पर किसान संगठनों का कहना है कि वो तब तक किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं करेंगे, जब तक सरकार कानूनों को निरस्त नहीं करती। अपनी मांगों को लेकर किसानों ने मंगलवार को भारत बंद बुलाया था, जिसके बाद अब शाम को 24 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा। हालांकि इस मुलाकात से ठीक पहले दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उन्हें राष्ट्रपति से कोई उम्मीद नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, 'राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी क़ानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करनी चाहिए, जो किसानों के साथ हैं। नीतीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए।' 'मोदी जी जिद छोड़ें और कानून वापस लें' इसके बाद अपने ट्वीट को लेकर दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने जो ट्वीट किया है वो सही है, इस मामले में राष्ट्रपति क्या कर सकते हैं। मोदी जी को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। यह मामला किसानों से जुड़ा हुआ है, इस तरह की जिद करना किसी के लिए भी ठीक नहीं है। तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले। इस मामले के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनानी चाहिए, जो किसानों से बात कर मुद्दे का हल निकाले।' -
उत्तरी आयरलैंड की एक 90 वर्षीय महिला यूके के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत में फाइजर/बायोएनटेक कोविड वैक्सीन लगाने वाली दुनिया की पहली शख्स बन गई हैं.
दुनिया में कोरोना वायरस ने कहर मचाया हुआ है. हालांकि अब वैक्सीन के कारण कोरोना वायरस (कोविड-19) का खात्मा होने की उम्मीद की जा रही है. इस क्रम में दुनिया में कोरोना वैक्सीन को दिए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. ब्रिटेन (यूके) में लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो चुकी है. इस दौरान उत्तरी आयरलैंड की एक 90 वर्षीय महिला यूके के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत में फाइजर/बायोएनटेक कोविड वैक्सीन लगाने वाली दुनिया की पहली शख्स बन गई हैं.
उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की महिला मार्गरेट कीनन को ट्रायल से इतर दुनिया में पहला कोरोना वायरस का टीका दिया गया है. एनिस्किलीन की मार्गरेट कीनन ने कहा है कि उन्हें कॉवेंट्री के यूनिवर्सिटी अस्पताल में कोरोना वायरस की वैक्सीन हासिल करते हुए विशेषाधिकार महसूस हुआ. दरअसल, यूके में 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के अलावा कुछ स्वास्थ्य और देखभाल कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा. इसका उद्देश्य सबके जीवन को फिर से सामान्य करना है.
वहीं दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कीनन ने कहा, 'दुनिया में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन लेते हुए मुझे विशेषाधिकार महसूस हुआ है. यह मेरे लिए सबसे अच्छा जन्मदिन है. अब मैं नए साल में अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए तत्पर रह सकती हूं. मैं कर्मचारियों को ज्यादा धन्यवाद नहीं दे सकती, जिन्होंने मुझे काफी ध्यान से देखा है.'
किन्हें दी जाएगी वैक्सीन?बता दें कि पिछले हफ्ते नियामकों की ओर से कोरोना वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी देने के बाद फाइजर वैक्सीन का उपयोग शुरू करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है. वहीं ब्रिटेन में केयर होम्स में रहने वाले लोगों और कर्मचारियों को वैक्सीन लगेगी. इसके बाद 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाएगी. फिर 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद 70 साल और फिर 65 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन मिलेगी. इसके बाद 18 से 65 साल वाले वो लोग, जिनमें जोखिम ज्यादा है, उन्हें वैक्सीन के दायरे में रखा जाएगा. फिर 18 से 65 साल के वो लोग जिनमें रिस्क थोड़ा कम है, उन लोगों को वैक्सीन लगेगी. -
मुंबई : किसानों के भारत बंद को महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना का भी समर्थन मिला हुआ है। शिवसेना के अलावा देश की करीब 18-20 पार्टियों ने किसानों के 'भारत बंद' को समर्थन दिया है।किसान आंदोलन को लेकर पूरा विपक्ष इस वक्त केंद्र सरकार पर हमलावर है। इस बीच शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पास अगर दिल है तो वो खुद जाकर किसानों से बात करें।संजय राउत ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा है ये कोई पॉलिटिकल बंद नहीं है, इसलिए किसानों के आंदोलन को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। संजय राउत ने कहा हैं, "यह कोई पॉलिटिकल बंद नहीं है, यह हमारे सेंटिमेंट हैं।दिल्ली में चल रहा किसानों का आंदोलन किसी राजनीतिक झंडे के साथ नहीं हो रहा है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम किसानों के साथ एकजुट होकर खड़े रहें और उनकी भावनाओं का सम्मान करें। किसान आंदोलन को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।"
आपको बता दें कि इससे पहले संजय राउत ने सोमवार को भी ये कहा था कि जब केंद्र सरकार कृषि बिलों को संसद में लेकर आई थी तो उस वक्त भी शिवसेना ने समर्थन में मतदान नहीं किया था।उन्होंने कहा कि हम कृषि कानूनों पर जनता और किसानों की प्रतिक्रिया देखना चाहते थे। आज पंजाब और हरियाणा के किसान सड़क पर हैं इसलिए हमने उन्हें समर्थन दिया है। -
कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन को ट्रेड यूनियनों और विपक्षी पार्टियों के समर्थन के बीच कल यानी मंगलवार को 'भारत बंद' के दौरान दिल्ली में फल, सब्जियों सहित कल प्रमुख सेवाओं की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है.
नई दिल्ली : कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन को ट्रेड यूनियनों और विपक्षी पार्टियों के समर्थन के बीच कल यानी मंगलवार को 'भारत बंद' के दौरान दिल्ली में फल, सब्जियों सहित कल प्रमुख सेवाओं की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है. गौरतलब है कि देश की राजधानी इस समय किसानों के आंदोलन का केंदबिंदु बनी हुई है और यहां हजारों की संख्या में किसान डेरा डाले हुए हैं. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के अनुसार, शांतिपूर्ण भारत बंद सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा.
आंदोलन से जुड़ी 10 बातें
1. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'विरोध करते हम यह दिखाना चाहते हैं कि हम सरकार की कुछ नीतियों को समर्थन नहीं करते हैं.' यूनियन ने कहा है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण है और इसी तरह जारी रहेगा.भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर संह लखोवाल ने इससे पहले कहा था कि किसान यूनियनों के सदस्य नेशनल हाईवे को ब्लॉक करेंगे और टो प्लाजा पर 'कब्जा' करेंगे.
2. सीमा पर किसान नेताओं ने कई राजनीतिक दलों द्वारा उनके आंदोलन को लेकर व्यक्त किये गये समर्थन का स्वागत किया और अन्य सभी से आगे आने एवं मंगलवार के ‘भारत बंद' का समर्थन करने का आह्वान किया.स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के अनुसार, मंगलवार के भारत बंद में इमरजेंसी सेवाएं, शादी, एम्बुलेंस पर कोई रोक नहीं होगी. दूध, फल, सब्ज़ी आदि जैसी ज़रूरी चीजों को किसान अपनी तरफ़ से सप्लाई नहीं करेंगे, लेकिन यदि कोई ले जाना चाहेगा तो कोई रोक नहीं होगी.
3. केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे आंदोलन तेज करेंगे और दिल्ली पहुंचने वाली और सड़कें बंद कर देंगे. उन्होंने कहा है कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए.
4. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘‘ हम अपने रुख पर सदैव अडिग हैं. हमने हमेशा मांग की है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. हमने अपना रुख नहीं बदला है, हम उस पर दृढ़ हैं.''
5. किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था,‘‘यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का है. हम अपने आंदोलन को मजबूत बनाने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है.चूंकि, सरकार हमसे उपयुक्त ढंग से नहीं निपटने में समर्थ नहीं रही है इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया है. ''
6. आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच अब तक पांच दौर की बात हो चुकी है, लेकिन अब कोई सर्वसम्मत समाधान नहीं निकल पाया है.
7. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार बैठक में मौजूद 40 कृषक नेताओं से उनकी प्रमुख चिंताओं पर ठोस सुझाव चाहती थी. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके सहयोग से समाधान निकाला जाएगा.
8.पांचवें दौरे की शनिवार को हुई बैठक में कृषि मंत्री तोमर ने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन स्थलों से घर वापस भेजने की अपील की थी. तोमर ने सरकार की ओर से वार्ता की अगुवाई की. इसमें रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने भी भाग लिया.
9. बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद जारी रहेगी और मंडियों को मजबूत किया जाएगा. तोमर ने कहा, ‘‘हम कुछ प्रमुख मुद्दों पर किसान नेताओं से ठोस सुझाव चाहते थे, लेकिन आज की बैठक में ऐसा नहीं हुआ. हम नौ दिसंबर को एक बार फिर मिलेंगे.
10. सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठा हुए किसान यहीं अपना खाना-पीना-रहना कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी ANI से एक किसान ने कहा, 'सरकार को हमारी समस्याएं सुनने और कानून में कमियां देखने में सात महीने लग गए.' ये किसान पिछले हफ्ते बुधवार से यहां बैठे हुए हैं और वो कृषि कानून वापस लिए जाने तक यहां बैठने को तैयार हैं. -
भारतीय उच्चायोग ने कहा- लोगों के जमवाड़े की अगुवाई भारत विरोधी अलगाववादी कर रहे थे, उन्होंने प्रदर्शन का समर्थन करने के नाम पर अपना भारत विरोधी एजेंडा चलाया
लंदन : ब्रिटेन (Britain) के मध्य लंदन (London) में रविवार को भारतीय उच्चायोग के बाहर भारत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में किए गए प्रदर्शन के दौरान स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. स्कॉटलैंड यार्ड ने भारतीय उच्चायोग के बाहर ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले चेतावनी दी थी.
मध्य लंदन में “हम पंजाब के किसानों के साथ खड़े हैं'' प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कई पुलिसकर्मी सड़क पर उतरे और चेताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े नियम लागू हैं और अगर 30 से ज्यादा लोग जमा होते हैं तो गिरफ्तारी की जा सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है.
मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमांडर पॉल ब्रोगडेन ने कहा, ''अगर आप निर्धारित 30 लोगों से अधिक की संख्या में एकत्र होकर नियम तोड़ते हैं तो आप अपराध कर रहे हैं जो दंडनीय है और जुर्माना लगाया जाएगा.'' उन्होंने लोगों से प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की अपील भी की.
प्रदर्शन में मुख्य रूप से ब्रिटिश सिख शामिल थे जो तख्तियां पकड़े हुए थे, जिन पर “किसानों के लिए न्याय'' जैसे संदेश लिखे थे.
भारतीय उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह जल्द स्पष्ट हो गया कि लोगों के जमवाड़े की अगुवाई भारत विरोधी अलगाववादी कर रहे थे जिन्होंने भारत में किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने के नाम पर अपना भारत विरोधी एजेंडा चलाया. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार प्रदर्शनकारियों से बात कर रही है. -
नई दिल्ली : देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के करीब 33 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं और इस दौरान तीन सौ से ज्यादा मौतें भी दर्ज की गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे लेकर सोमवार को ताजा आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 32,981 नए मामले दर्ज किए गए हैं और इसके कारण 391 लोगों की मृत्यु हो गई है।
ताजा मामलों के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 96,77,203 तक पहुंच गई है, जिनमें से फिलहाल 3,96,729 सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा पिछले 24 घंटों में 39,109 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसके साथ ही अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 91,39,301 हो गई है।
देश में प्रतिदिन कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी काफी कमी आई है। पिछले एक दिन में 391 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है और इसके साथ ही मरने वालों का कुल आंकड़ा 1,40,573 तक पहुंच गया है।
बता दें कि यह लगातार 29वां दिन है जब एक दिन में 50,000 से कम नए मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले सात नवंबर को संक्रण के 50,000 से ज्यादा मामले सामने आए थे। वहीं, बात करें सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की तो इस मामले में महाराष्ट्र सबसे शीर्ष पर है। यहां अभी तक 18,52,266 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
देश में अभी तक 14 करोड़ से ज्यादा सैंपलों की टेस्टिंग की जा चुकी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, कुल 14,77,87,656 नमूनों की छह दिसंबर 2020 तक कोरोना जांच की गई है। इनमें से रविवार को 8,01,081 नमूनों का परीक्षण किया गया।
पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा था कि अगले कुछ हफ्तों में COVID-19 वैक्सीन आने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने कहा था कि जैसे ही वैज्ञानिकों द्वारा इसे हरी झंडी दी जाएगी, वैसे ही भारत में टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। -
नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस संकट के बीच लोगों को कोविड-19 का बेसब्री से इंतजार है। गत शुक्रवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना वायरस वैक्सीन पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, इस बैठक में कोविड-19 वैक्सीन को भारत में मंजूरी और वितरण को लेकर कई अहम बिंदुओं पर मंथन हुआ।
पीएम मोदी की आल पार्टी मीटिंग के बाद दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ी राहत की खबर दी है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगले साल जनवरी तक भारत में दो वैक्सीन को इमरजेंसी (आपातकाल) इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल सकती है।
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस महामारी पर बात करते हुए कहा कि जल्द ही देश को कोविड-19 वैक्सीन की सौगात मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें देश में 100 फीसदी लोगों को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 50 से 60 प्रतिशत लोगों में टीकाकरण होने के बाद कोरोना वायरस का असर अपने आप कम हो जाएगा।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में है, साल के अंत या जनवरी, 2021 में दो वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल जाना चाहिए। इन वैक्सीन का इस्तेमाल आपातकाल स्थिति में मरीजों पर किया जाएगा।
डॉक्टर गुलेरिया ने आगे कहा, 'भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इसके टीकाकरण का काम भी एक सप्ताह में शुरू हो जाएगा। यह काम वैक्सीन बूथ के जरिए पूरा किया जाएगा। भारत में वैक्सीन सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जाएगी। इसके हल्के साइडइफेक्ट हो सकते हैं, हालांकि टीके का असर कब तक रहेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।
' उन्होंने आगे कहा कि भारत में ट्रायल के अंतिम चरण में मौजूद दो वैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी मिल सकती है। वैक्सीन को अनुमति मिलने के बाद भारत में भी टीका लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। -
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी को लेकर भारत सख्त हो गया है। शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप है।
मंत्रालय ने उच्चायुक्त से कहा कि भारतीय किसानों से संबंधित मुद्दों पर कनाडा के प्रधानमंत्री, कुछ कैबिनेट मंत्रियों और संसद सदस्यों की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।विदेश मंत्रालय ने कहा, यदि ऐसी टिप्पणी जारी रहती है तो इसका भारत और कनाडा के बीच संबंधों पर गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा, इन टिप्पणियों ने कनाडा में हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के सामने चरमपंथी गतिविधियों की सभाओं को प्रोत्साहित किया है जो सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल खड़ा करता है। इसने कहा, हम कनाडा की सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह भारतीय राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी की। कनाडाई पीएम ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। उन्होंने अपने बयान में भारतीय किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि देश में स्थिति चिंताजनक है।
गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान, ट्रूडो ने कहा, किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों के बारे में भारत से खबरें आ रही हैं। स्थिति चिंताजनक है और हम सभी अपने परिवार और दोस्तों को लेकर बहुत चिंतित हैं। मुझे पता है कि आप में से कई लोगों के लिए यह एक वास्तविकता है। मैं आपको याद दिला दूं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।
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गुरुवार को रजनीकांत ने एक ट्वीट कर बताया कि वो 31 दिसंबर को अपने राजनैतिक पार्टी की घोषणा करेंगे. यानी उनकी पार्टी जनवरी में लॉन्च हो जाएगी
नई दिल्ली: दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत ने आखिरकार अपनी राजनैतिक पार्टी को लेकर घोषणा कर दी है. गुरुवार को रजनीकांत ने एक ट्वीट कर बताया कि वो 31 दिसंबर को अपने राजनैतिक पार्टी की घोषणा करेंगे. यानी उनकी पार्टी जनवरी में लॉन्च हो जाएगी
इसके पहले सोमवार को रजनीकांत ने अपनी पार्टी रजनी मक्कल मंदरम के जिला सचिवों से मुलाकात की थी और कहा था कि वो जल्द ही अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने जिला सचिवों के साथ यह मीटिंग तब की थी, जब उनके समर्थकों ने उनसे चुनावी राजनीति से दूर रहने की सलाह दी थी
हाल ही में तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में रजनी के पोस्टर सामने आए थे. इसमें उनसे राजनीति से दूर रहने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था. ऐसा ही एक पोस्टर 'वेल्लोर सिटिजंस विशिंग फॉर ए चेंज' का सामने आया था.
हालांकि, विचार-विमर्श के बाद उन्होंने राजनैतिक पार्टी का ऐलान करने का फैसला किया है. उनका यह फैसला तब आया है जब तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं
रजनीकांत के इसके पहले कई बार पॉलिटिक्स में आने की अटकलें लग चुकी हैं. कई बार उनके बीजेपी में शामिल होने की बात भी कही गई है, लेकिन रजनी अभी तक इसे लेकर इतने स्पष्ट कभी नहीं थे -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का खतरा अब भी बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन के भीतर कोविड-19 के 35,551 नए मामले सामने आए हैं।जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 95,34,965 हो गई है। वहीं 526 मरीजों की मौत के बाद कुल मृतकों की संख्या 1,38,648 हो गई है। देश में सक्रिय मामले 4,22,943 हैं। 40,726 नई रिकवरी के बाद ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या 89,73,373 हो गई है।
कहां कितने मामले? मिजोरम में एक दिन के भीतर कोरोना वायरस के 12 नए मामले सामने आए हैं। अब कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 3,881 हो गई है, जिसमें 291 सक्रिय मामले, 3,584 रिकवर मामले और 6 मौत शामिल हैं।महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 5,600 नए मामले, 5,027 रिकवरी और 111 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। राज्य में कुल मामले 18,32,176 हो गए हैं, जिसमें 16,95,208 रिकवरी, 88,537 सक्रिय मामले और 47,357 मौत शामिल हैं। पंजाब में पिछले 24 घंटों के भीतर 604 नए कोविड-19 मामले, 518 रिकवरी और 24 मौत दर्ज की गई हैं।राज्य में कुल मामलों की संख्या अब 1,53,308 हो गई है, इसमें 1,40,772 रिकवरी, 4,842 मौत और सक्रिय मामले 7,694 शामिल हैं। हरियाणा में 1,607 नए मामले, 2,646 रिकवरी और 32 मौत दर्ज की गई हैं। यहां कुल मामले 2,37,604 हो गए हैं, जिसमें 2,18,443 रिकवरी, 16,673 सक्रिय मामले और 2,488 मौत शामिल हैं।कर्नाटक में 1,440 नए मामले, 983 रिकवरी और 16 मौत दर्ज की गई हैं। यहां कुल मामले 8,87,667 हो गए हैं, जिसमें 8,51,690 रिकवरी, 11,808 मौत और 24,150 सक्रिय मामले शामिल हैं।उत्तराखंड में 516 नए मामले, 473 रिकवरी और 13 मौत दर्ज की गई हैं। यहां कुल मामलों की संख्या 75,784 हो गई हैं, जिसमें 68,838 रिकवरी, 4,955 सक्रिय मामले और 1,251 मौत शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 22,797 हो गई है। अभी तक 5,16,694 लोग ठीक हुए हैं। राज्य में रिकवरी रेट 94.40 फीसदी है।
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UK फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की COVID-19 वैक्सीन को मंज़ूरी देने वाला पहला देश बन गया है. वहां वैक्सीन अगले हफ्ते से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी.
लंदन : कोरोनावायरस (Coronavirus) से जंग के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम (UK) ने ऐतिहासिक ऐलान किया है. UK Pfizer-BioNTech की COVID-19 वैक्सीन को मंज़ूरी देने वाला पहला देश बन गया है. ब्रिटेन में अगले हफ्ते से वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी. भारत समेत करीब 180 देशों में कोरोना की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, लेकिन यह भी सच है कि भारत में हर किसी को कोरोना की वैक्सीन नहीं दी जाएगी.
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा, 'कोरोना वैक्सीन सबके लिए नहीं है.' राजेश भूषण से सवाल किया गया कि पूरे देश का वैक्सीनेशन कब तक होगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पूरे देश के टीकाकरण की बात सरकार ने कभी नहीं कही, मैं ये बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं. मैं बार-बार ये कहता हूं कि जो साइंस से संबंधित विषय होते हैं, अच्छा होता उस पर चर्चा करने से पहले उसके बारे में जो तथ्यात्मक जानकारी है, उसको पता कर लें और तब विश्लेषण करें. पूरे देश के टीकाकरण की बात कभी नहीं कही गई.' -
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन पिछले 6 दिनों से लगातार जारी है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वो तब तक वापस नहीं जाएंगे, जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती।
इस बीच सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को मंगलवार दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। हालांकि पंजाब किसान संघर्ष समिति ने कहा है कि जब तक सरकार सभी किसान संगठनों को नहीं बुलाती, वो बातचीत के लिए नहीं जाएंगे।
पंजाब किसान संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरान ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, 'देशभर में इस समय किसानों के 500 से ज्यादा संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 संगठनों को ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी संगठनों को सरकार ने बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। हम तब तक सरकार के पास बातचीत के लिए नहीं जाएंगे, जब तक सभी संगठनों को नहीं बुलाया जाता।'
किसानों के प्रदर्शन पर कृषि मंत्री ने क्या कहा आपको बता दें कि सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए पहले भी तैयार थी और आज भी तैयार है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'किसानों से बातचीत के लिए उन्होंने मंगलवार को दोपहर 3 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों को आमंत्रित किया है।
सरकार ने पहले ही 13 नवंबर को यह निश्चित किया था कि 3 दिसंबर को किसान संगठनों से अगले दौर की बातचीत की जाएगी, लेकिन कोरोना वायरस के हालात और बढ़ती ठंड के बीच किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए हम दो दिन पहले ही उन्हें बातचीत के लिए बुला रहे हैं। कृषि कानूनों के बारे में किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है और सरकार बातचीत के जरिए उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।' -
हैदराबाद : तेलंगाना में आज बहुप्रतीक्षित ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉपोर्रेशन यानी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनाव के लिए मतदान जारी है। यहां सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। यहां सुबह से लोग कतारों में वोट देने के लिए लगे हुए हैं।ग्रेटर हैदराबाद नगर निकाय चुनाव के लिए चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 150 वार्डो में आज 74,44,260 मतदाता नगर सेवकों के भाग्य का फैसला करेंगे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने आज अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 150 वार्ड हैं। मेयर का पद इस बार महिला के लिए आरक्षित है। कोरोना महामारी को देखते हुए बैलट पेपर से चुनाव कराए जा रहे हैं। चुनावों का परिणाम चार दिसंबर को घोषित किया जाएगा।
कई दिग्गज नेताओ ने डाला वोट
तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली( Mohammed Mahmood Ali) ने हैदराबाद में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव के लिए मताधिकार का प्रयोग किया। तेलंगाना में अब तक आए आंकड़ों के मुताबिक 9 बजे तक 9 फीसद से 4.2 फीसद वोटिंग हुई।
तेलंगाना में टीआरएस नेता के कविता ने ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) हैदराबाद में अपना वोट डाला। अपना वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हैदराबाद के लोग आएं और वोट करें। वोट देने का अधिकार होना एक विशेषाधिकार है। अगर आप वोट नहीं देते हैं, तो आपको सवाल करने का कोई अधिकार नहीं होगा।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रमा राव, केंद्रीय राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और एआइएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने मंगलवार को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों में पहले घंटे में अपना वोट डाला। तेलंगाना के हैदराबाद में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव के लिए अपना वोट डाला। इस दौरान ओवैसी ने कहा कि मैं हैदराबाद के लोगों से अपील करता हूं कि वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आज अपना वोट डालें।
हैदराबाद में तेलंगाना के मंत्री और टीआरएस नेता केटी रामाराव ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के लिए अपना वोट डाला है।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनावों के लिए वोटिंग जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने अपना वोट डाला।
शाम 6 बजे तक चलेगी वोटिंग
जीएचएमसी चुनाव में मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हुआ है और यह शाम 6 बजे तक चलेंगे। इसके लिए 9,101 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जा रहे हैं। जीएचएमसी चुनाव के लिए 74,67,256 लोग अपना वोट डालने के पात्र हैं। निर्वाचक मंडल में 38,89,637 पुरुष और 35,76,941 महिलाएं एवं 678 अन्य शामिल हैं।
कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में
चुनावों की बात करें तो ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनाव में इस बार कुल 1,122 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें टीआरएस के 150 प्रत्याशी, भाजपा के 149, कांग्रेस के 146, तेदेपा के 106, एआईएमआईएम के 51, भाकपा के 17, माकपा के 12 और अन्य मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों के 76 और 415 निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम का समीकरण
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम चार जिलों में है जिसमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं। इसके अंतर्गत 24 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और तेलंगाना की 5 लोकसभा सीटें इस इलाके से आती हैं। यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा, केसीऔर, कांग्रेस लेकर ओवैसी तक मैदान में साख के लिए लड़ रहे हैं।
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नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्य बढ़कर 94 लाख से अधिक हो गई है। इसमें से 88 लाख 84 हजार से अधिक लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह आठ बजे जारी आंक़़डों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 38,772 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 94 लाख 31 हजार 692 हो गई है।
443 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की कुल संक्या बढ़कर 1 लाख 37 हजार 139 हो गई है। देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 4 लाख 46 हजार 952 है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 4.74 फीसद है।