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नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध जारी। इस बीच कांग्रेस ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की योजना बनाई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने वाले हैं, जिसके लिए उन्हें अनुमति नहीं मिली है।
पार्टी की योजना मार्च निकालने के बाद सुबह 10.45 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को किसानों के समर्थन में दो करोड़ हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपेने की है। दिल्ली पुलिस के केवल तीन नेताओं को राष्ट्रपति से मिलने के लिए अनुमति दी गई है। राहुल पार्टी मुख्यालय पहुंच गए हैं। उनके साथ प्रियंका गांधी भी हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों से मुलाकात की।
दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी दीपक यादव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं के राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, तीन नेताओं को राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति दी गई है। किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 29 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं। पिछले महीने 26 नवंबर से ही उनका प्रदर्शन जारी है।
कांग्रेस के सांसद के सुरेश ने समाचार एजेंसी एएनआइ के साथ बातचीत में कहा कि राहुल गांधी ने पहले भी विपक्षी नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और किसानों के मुद्दे को हल करने के लिए ज्ञापन सौंपा था, लेकिन राष्ट्रपति और सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बता दें कि गतिरोध को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने रविवार को किसान नेताओं को नए दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया। नए कृषि कानूनों के लेकर सरकार ने किसानों के साथ अब तक कई दौर की बातचीत की है। आठ दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान यूनियनों के 13 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। हालांकि, एक दिन बाद, किसान नेताओं ने केंद्र द्वारा भेजे गए एक प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। -
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में मंगलवार को आई गिरावट के बाद बुधवार को एक बार फिर बढ़ोत्तरी देखने को मिली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कोरोना वायरस से संबंधित आंकड़े जारी करते हुए बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान देश में संक्रमण के 23950 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 333 लोगों की मौत हुई है।इन नए मरीजों के बाद कोरोना वायरस के कुल केस बढ़कर 1,00,99,066 हो गए हैं। हालांकि कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, देश के अलग-अलग राज्यों में अभी तक कोरोना वायरस के 96,63,382 मरीज ठीक हो चुके हैं, जिसके बाद एक्टिव केस 2,89,240 बचे हैं। देश में मरीजों का रिकवरी रेट भी बढ़कर 95 फीसदी के पार पहुंच गया है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि औसत तौर पर देखा जाए तो पिछले 7 हफ्तों में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में गिरावट देखने को मिली है, जो एक राहत की बात है। करीब साढ़े पांच महीने के बाद कोरोना वायरस के एक्टिव केस भी 3 लाख से कम हो गए हैं।
इन राज्यों में कोरोना वायरस के केस सबसे ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल जिन राज्यों में कोरोना वायरस के ज्यादा केस मिल रहे हैं, उनमें मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल शामिल है। वहीं, देश में कोरोना वायरस की टेस्टिंग बड़े पैमाने पर जारी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कोरोना वायरस के कुल 16,42,68,721 सैंपल टेस्ट हो चुके हैं, जिनमें से 10,98,164 सैंपल टेस्ट पिछले 24 घंटों के भीतर हुए हैं। आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर भी बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जनवरी में कोरोना वायरस वैक्सीन देने का पहला चरण शुरू किया जा सकता है। -
एजेंसी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को Aligarh Muslim University के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया और इस मौके पर कोरोना काल में मदद के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से की गई मदद के लिए सराहना की. पीएम ने कहा कि 'अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी AMU ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है. हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.' पीएम ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया. पांच दशक में यह पहला मौका था, जब देश के कोई प्रधानमंत्री एएमएयू के किसी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समारोह में हिस्सा लिया.
1.पीएम मोदी ने एएमयू के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय से निकले छात्र भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं. बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है.
2. प्रधानमंत्री मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को ''छोटा भारत'' बताते हुए विश्वविद्यालय की विरासत का बखान भी किया. उन्होंने कहा कि 'उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है. उन्होंने छात्रों से अपील की कि एएमयू के कैंपस में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना दिनोंदिन मजबूत होती रहे, इसके लिए मिलकर काम करें.'
3.पीएम ने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां किसी मत, मजहब के भेद के बिना हर वर्ग तक योजनाएं पहुंच रही हैं. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, यह मंत्र इसका मूल आधार है. देश की नियत नीतियों में यही संकल्प झलकता है. पीएम ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' को केंद्र सरकार की नीतियों का मूल आधार बताते हुए कहा कि जो देश का है, वह हर देशवासी का है और उसका लाभ हर देशवासी को मिलना चाहिए.
4.कोरोना संकट में मदद के लिए आगे आए विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए पीएम ने कहा कि 'अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी AMU ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है. हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.'
5. पीएम ने अपने तीन तलाक के कानून का जिक्र करते हुए कहा कि समाज से तीन तलाक नामक कुप्रथा खत्म हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम छात्राओं के बीच पढ़ाई छोड़ने की दर में गिरावट आई है.
6.PM ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि सरकार उच्च शिक्षा में एनरोलमेंट की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है. 'वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थीं, आज 23 IITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थीं, आज 25 IIITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे, आज 20 IIMs हैं.
7.Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे, आज देश में 22 एम्स हैं.' पीएम ने कहा कि शिक्षा चाहे Online हो या फिर Offline, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.'
8.उन्होंने कहा, ‘बिना किसी भेदभाव के 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले, दो करोड़ लोगों को घर मिले, आठ करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस कनेक्शन मिला. बिना किसी भेदभाव के कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित किया गया. आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ.'
9. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश की समृद्धि के लिए उसका हर स्तर पर विकास होना आवश्यक है. आज देश भी उस मार्ग पर बढ़ रहा है, जहां प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के देश में हो रहे विकास का लाभ मिले. देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है, जहां पर प्रत्येक नागरिक संविधान से मिले अपने अधिकारों को लेकर निश्चिंत रहें, भविष्य को लेकर निश्चिंत रहें.'
10.प्रधानमंत्री ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया. पांच दशक में यह पहला मौका था, जब प्रधानमंत्री एएमएयू के किसी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. आखिरी बार, 1964 में बतौर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एएमयू के एक समारोह में शामिल हुए थे. उनसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नहेरू ने चार बार एएमयू का दौरा किया था. नेहरू पहली बार 1948 में और इसके बाद 1955, 1960 और 1963 में एएमयू गए थे. -
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, "यह सरकार जो कहती है, सच हमेशा उसके विपरीत होता है. बिजली बिल के जरिये क्रॉस सब्सिडी से दूर करने का प्रस्ताव है."
नई दिल्ली : केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के साथ-साथ किसान बिजली कानून (Electricity Laws) में प्रस्तावित संशोधन का विरोध कर रहे हैं. किसानों को डर है कि प्रस्तावित संशोधन से बिजली पर उन्हें मिलनी वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी. विपक्ष भी बिजली कानून में संशोधन का विरोध कर रहा है. AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरोप लगाया है कि सरकार किसानों से रियायती दर पर बिजली का हक छीनना चाहती है.
ओवैसी ने मंगलवार को अपने ट्वीट में लिखा, "यह सरकार जो कहती है, सच उसके विपरीत होता है. बिजली बिल के जरिये क्रॉस सब्सिडी से दूर करने का प्रस्ताव है. कई राज्य किसानों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं, यह बिल इसे बदलना चाहता है और किसानों को बिजली के लिए अधिक भुगतान करवाना चाहता है."
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, "मौजूदा वक्त में गरीब परिवार रियायती दरों पर भुगतान कर रहे हैं और इसकी लागत की वसूली औद्योगिक/वाणिज्यिक उपयोक्ताओं से की जा रही है. अब बीजेपी चाहती है कि किसान, गरीब लोग और अन्य घरेलू उपयोक्ता भी बड़े कारोबारियों की तरह ही भुगतान करें."
दरअसल, किसानों की चिंता सता रही है कि बिजली कानून में संशोधन के जरिये बिजली सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की योजना है. सरकार ने सोमवार को कहा कि संशोधन को लेकर किसानों की चिंता का कोई कारण नहीं है.
बिजली मंत्री आर के सिंह ने एनडीटीवी को सोमवार को बताया, "बिजली संशोधन विधेयक को लेकर किसानों का डर निराधार है. बिल में किसानों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव का कोई प्रावधान या प्रस्ताव नहीं है. किसानों को अब की तरह मिल रही बिजली सब्सिडी मिलना जारी रहेगी."
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ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) से संक्रमण की दर अचानक से बढ़ गई है.
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर तुरंत रोक लगाई जाए. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह ट्वीट ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद किया है. इस नए स्ट्रेन को सुपर स्प्रेडर माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया, "यूके में कोरोना के नए म्यूटेशन का पता चला है जो कि सुपर स्प्रेडर है. मैं केंद्र सरकार के अपील करता हूं कि यूके से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर तुरंत रोक लगाई जाए.''
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) से संक्रमण की दर अचानक से बढ़ गई है. जिसे देखते हुए रविवार से सख्त पाबंदियों के साथ लॉकडाउन लागू किया गया है. फिलहाल अचानक से बढ़ी कोरोना संक्रमण की दर के कारण बेल्जियम और नीदरलैंड ने रविवार को यूके से उड़ानें निलंबित कर दीं है.
70 प्रतिशत तेजी से फैल रहा नया स्ट्रेनः बोरिस जॉनसन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहले के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैल रहा है. वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार कोरोना संक्रमण की दर नियंत्रण से बाहर हो रही है. हालांकि अभी इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहले से ज्यादा खतरनाक है या नहीं और हाल ही में जारी हुई कोरोना वैक्सीन इस पर आसरदार होगी या नहीं. फिलहाल नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना वायरस के तेजी से फैल रहे नए स्ट्रेन का पता चला है.
क्रिसमस पर लगाया गया लॉकडाउन
यूनाइटेड किंगडम के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए स्ट्रेन पर चर्चा करने के लिए सोमवार को अपने संयुक्त निगरानी समूह की तत्काल बैठक बुलाई है. यूके में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कारण वहां संक्रमण दर में वृद्धि हुई है. ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन नियंत्रण से बाहर है इसलिए सरकार ने लंदन और दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में एक सख्त क्रिसमस लॉकडाउन लगाया है. इसके चलते यूरोपीय देशों ने यूनाइटेड किंगडम के यात्रियों के लिए अपनी सीमाओं को बंद करना शुरू कर दिया है.
वैक्सीन से मिल सकती है मदद
हैनकॉक ने चेतावनी दी कि कोरोना वैक्सीन के पूरी तरह से प्रभावी साबित होने तक इंग्लैंड की आबादी के लगभग एक तिहाई हिस्से को प्रभावित करने वाले सख्त नियम तब तक बने रह सकते हैं. हैनकॉक ने स्काई न्यूज को बताया "कोरोना के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद घर पर बने रहने का आदेश सही है. क्रिसमस पर परिवारिक समारोहों पर प्रतिबंध और गैर-आवश्यक दुकानों को बंद करने के लिए कहा गया है. दुर्भाग्य से नया स्ट्रेन नियंत्रण से बाहर है. हमें इसे नियंत्रण में रखना होगा." -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली है। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों के भीतर देश में कोरोना वायरस के 24337 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 25709 मरीज ठीक हुए हैं।
इन नए मामलों के साथ देश में कोरोना वायरस के कुल केस बढ़कर 1,00,55,560 हो गए हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों का रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक 96,06,111 मरीज ठीक हो चुके हैं और एक्टिव केस केवल 3,03,639 बचे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संबंधित आंकड़े जारी करते हुए बताया कि पिछले 24 घंटों के भीतर देश में कोरोना वायरस के कारण 333 मरीजों की मौत हुई है, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,45,810 हो गई है। वहीं, देश में कोरोना वायरस की टेस्टिंग भी लगातार जारी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक अभी तक देशभर में कोरोना वायरस के 16,20,98,329 टेस्ट हो चुके हैं, जिनमें से 9,00,134 टेस्ट पिछले 24 घंटों के भीतर किए गए हैं।
जनवरी से शुरू हो सकता है टीकाकरण अभियान'
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को लेकर भी तैयारी चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि टीकाकरण अभियान को लेकर केंद्र सरकार पिछले चार महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है।डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उम्मीद है कि जनवरी के महीने से टीकाकरण अभियान का पहला चरण शुरू हो जाएगा। पहले चरण के तहत स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स सहित उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, जिन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा है।
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तिरुवनंतपुरम : केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ केरल में भी सियासत शुरू हो गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया है। कृषि कानूनों का माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे विरोध कर रहे हैं।
कैबिनेट के फैसले की पुष्टि करते हुए केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा, 'केरल कैबिनेट ने विवादास्पद कृषि कानूनों पर चर्चा करने और इसे खारिज करने के लिए निर्धारित बजट सत्र से पहले 23 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया है। केरल सरकार संघर्ष कर रहे किसानों के साथ एकजुटता से खड़ी है।
बता दें कि कैबिनेट द्वारा विशेष विधानसभा बुलाने की सिफारिश राज्यपाल को की जाएगी। लघु अवधि विधानसभा सत्र केवल कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए सीमित होगा और केरल विधानसभा का पूर्ण बजट सत्र 8 जनवरी से होगा।
गौरतलब है कि किसान कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं। इसको लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने आज से भूख हड़ताल का ऐलान किया है। इस बीच किसानों से फिर बातचीत के लिए कृषि मंत्रालय ने किसान संगठनों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें सरकार की ओर से बातचीत की का न्यौता दिया गया है। अबतक सरकार और किसान संगठनों के बीच 6 दौर की बातचीत को कोई नतीजा नहीं निकल सका है। -
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री एवं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे.कोलकाता : पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेताओं के पार्टी छोड़ने के हाई वोल्टेज नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने, चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की 200 सीटों की जीत के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अपनी दो दिवसीय पश्चिम बंगाल यात्रा आज शुरू की है. अपनी यात्रा की शुरुआत में सबसे पहले उन्होंने सुबह 10.30 बजे रामकृष्ण आश्रम जाकर स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस और शारदा देवी को पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद वो स्वामी विवेकानंद के पैतृक घर पहुंचे.
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2o21) से पहले BJP की तैयारियों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री एवं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार देर रात करीब एक बजे के बाद कोलकाता के अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे. कोलकाता पहुंचने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं गुरुदेव टेगौर, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इस पावन धरती को नमन करता हूं.''
कयास लगाए जा रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस और राज्य मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद छोड़ने वाले प्रभावशाली नेता शुभेंदु अधिकारी और शीलभद्र दत्ता तथा जितेंद्र तिवारी जैसे तृणमूल कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेता, शाह के बंगाल दौरे के दौरान भाजपा में शामिल होंगे. शाह शनिवार को मिदनापुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे जहां तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि शाह और पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा विधानसभा चुनाव होने तक हर महीने प्रदेश के दौरे पर आएंगे. -
भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंचा गया है और मरने वालों की संख्या 1.45 लाख है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस का आंकड़ा एक करोड़ के पार हो गया है। इसका साफ मतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी के 21 दिनों का लगाया गया लॉकडाउन फेल हो गया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''लगभग 1.5 लाख मौत और एक करोड़ कोविड-19 के मामले। पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन को लेकर जो दावा किया था वो विफल हो गया है। लेकिन इसने देश के लाखों लोगों को बर्बाद किया है।''
राहुल गांधी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कोरोना वायरस और लॉकडाउन में बरती गई लापरवाही पर हमेशा ही पीएम मोदी को घेरा है। ट्वीट के जरिए राहुल गांधी हमेशा से पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों की आलोचना करते आए हैं।पिछले दिनों राहुल गांधी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा था कि आखिर देश को वैक्सीन कब तक मिलेगी, इसका जवाब पीएम मोदी देश की जनता को कब देंगे।भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना के कुल मामले बढ़कर एक करोड़ हो गए हैं, जिसमें से एक लाख 45 हजार लोगों की मौत हो गई है। हालांकि देश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 3.08 लाख है। कोरोना वायरस का कुल पॉजिटिविटी रेट अब 6.25 फीसदी है। -
नई दिल्ली : कोविंड -19 ने पूरी दुनिया में कहर मचाया और अभी भी कई देशों में यह बीमारी काफी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। वहीं, भारत में भी कोरोना वायरस के मामले 1 करोड़ को पार कर गए हैं।
हालांकि, भारत में पिछले समय में कोरोना की रफ्तार धीमी हुई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के मुताबिक भारत में अब 1,00,04,825 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, देश में 1, 45, 171 लोगों की मौत भी हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या एक्टिव मामलों से करीब 30 फीसद अधिक है। नए मामलों में कमी आने के साथ कोरोना मरीजों के ठीक होने की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मंत्रालय के मुताबिक देश में बीते कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस के औसत दैनिक पॉजिटिविटी रेट में लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि, भारत में फिलहाल 3,08,751 सक्रिय मामले हैं। अब तक 95,50,712 यानी करीब 95. 45 फीसद संक्रमित लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
बता दें कि भारत में कोविड-19 का पहला मामला इस साल 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। तीन फरवरी तक यह संख्या बढ़ कर तीन हो गयी थी। ये सभी छात्र थे और चीन के वूहान से आए थे। मालूम हो कोरोना वायरस पूरी दुनिया में वूहान से ही फैला था। जहां फिर मार्च के बाद संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने लगा।
ऐसे बढ़े भारत में मामले
10 जुलाई-10 लाख
6 अगस्त-20 लाख
22 अगस्त-30 लाख
4 सितंबर-40 लाख
15 सितंबर-50 लाख
27 सितंबर-60 लाख
10 अक्टूबर-70 लाख
28 अक्टूबर-80 लाख
19 नवंबर-90 लाख
19 दिसंबर-1 करोड़ का आंकड़ा पार
भारत में कोरोना से पहली मौत 13 मार्च को 76 साल के एक व्यक्ति की हुई थी, जो सऊदी अरब से लौटा था। भारत सरकार ने इसके बाद कोरोना के खतरे को देखते हुए तमाम फैसलों को जमीन पर लाया गया।
कोरोना से होने वाली मौतें भारत में सबसे कम
देश - मौत प्रतिशत
अमेरिका -18
इटली- 5.52
इरान- 4.68
यूके- 3.42
स्पेन- 2.7
ब्राजील- 2.61
फ्रांस- 2.46
पाकिस्तान- 2.02
रूस- 1.80
भारत- 1.45
भारत में अब तक कुल मौतों में सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र को उठाना पड़ा है। वहां इस बीमारी से 48,499 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा कर्नाटक में 11,981, तमिलनाडु में 11,942 और दिल्ली में 10,182 लोगों की मौत हुई है। बंगाल में 9,235, उत्तर प्रदेश में 8,136, आंध्र प्रदेश में 7,069 और पंजाब में 5,150 लोगों को जान गंवानी पड़ी।
दुनिया पर नजर
भारत में कोराना संक्रमण के स्थिति स्थिर दिखाई दे रही है, लेकिन दुनिया में कई जगह कोरोना संक्रमण पहले की तुलना में और अधिक तेजी से फैल रहा है। दुनिया में लगातार तीसरे दिन सात लाख से ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए गए हैं। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर अमेरिका, भारत और ब्राजील में देखने को मिला है। बीते दिन दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में सबसे ज्यादा मौत हुई है। इसके बाद जर्मनी, ब्राजील, मैक्सिको, इटली, रूस, ब्रिटेन, पोलांड, फ्रांस, भारत में मौत के सबसे ज्यादा मामले आए।
दुनिया में कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सात करोड़ 59 लाख के पार पहुंच गया है। वहीं, इस बीमारी से 16 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, पांच करोड़ 32 लाख लोग इस बीमारी से ठीक भी हो गए हैं। बताया गया कि फिलहाल दो करोड़ 10 लाख मामले सक्रिय हैं।
अन्य देशों के हाल
अमेरिका: कोरोना मामले- 17,885,299, मौत- 320,825
ब्राजील: कोरोना मामले- 7,163,912, मौत- 185,687
रूस: कोरोना मामले- 2,791,220, मौत- 49,762
फ्रांस: कोरोना मामले- 2,442,990, मौत- 60,229
यूके: कोरोना मामले- 1,977,167, मौत- 66,541 -
संभल में छह किसानों को आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए 50-50 हजार का मुचलका भरने के लिए नोटिस दिया गया है. इस नोटिस में कहा गया है कि ये किसान गांव में जाकर लोगों को भड़का रहे हैं, जिससे कि कानून व्यवस्था खराब होने की आशंका है.
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में किसान आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों को नोाटिस भेजे जा रहे हैं. संभल के उपजिला मजिस्ट्रेट ने छह किसानों को 50 हजार तक का मुचलका भरने के लिए नोटिस भेजे गए हैं. पहले इन किसानों को 50 लाख के नोटिस भेजे गए थे, लेकिन अब इस नोटिस को संशोधित कर दिया गया है. SDM दीपेंद्र यादव ने 50 लाख वाले नोटिस पर सफाई देते हुए इसे 'क्लेरिकल एरर' यानी निचले स्तर पर की गई गलती बताया और कहा कि किसानों को बाद में संशोधित नोटिस भेज दिया गया.
इस नोटिस में कहा गया है कि 'किसान गांव-गांव जाकर किसानों को भड़का रहे हैं और अफ़वाह फ़ैला रहे हैं जिससे कानून व्यवस्था ख़राब हो सकती है.' नोटिस में इन किसानों से जवाब मांगा गया है कि किसानों पर 1 साल तक शांति बनाए रखने के 50 लाख रूपए का मुचलका क्यों न लगाया जाए. ये नोटिस धारा 111 के तहत 12 और 13 दिसंबर को भेजे गए हैं. नोटिस में लिखा है किसान, किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं जिससे क़ानून व्यवस्था भंग होने की संभावना है. ये किसान, किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसान संगठनों के सदस्य हैं.
एसडीएम दीपेंद्र यादव ने गुरुवार को कहा, 'हमें हयात नगर पुलिस थाने से रिपोर्ट मिली थी कि कुछ व्यक्ति किसानों को उकसा रहे हैं और इससे शांति भंग होने की आशंका है.' उन्होंने बताया कि थाना अध्यक्ष की रिपोर्ट में कहा गया था कि इन लोगों को 50-50 हजार रूपए के मुचलके से पाबंद किया गया.
जिन छह किसानों को नोटिस दिया गया, उनमें भारतीय किसान यूनियन (असली) संभल के जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह यादव के अलावा जयवीर सिंह, ब्रह्मचारी यादव, सतेंद्र यादव, रौदास और वीर सिंह शमिल हैं. इन्होंने यह मुचलका भरने से इनकार कर दिया है. यादव ने कहा, ‘हम ये मुचलके किसी भी हालत में नहीं भरेंगे, चाहे हमें जेल हो जाए, चाहे फांसी हो जाए. हमने कोई गुनाह नहीं किया है, हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.'
BKU (असली) के डिवीजन अध्यक्ष संजीव गांधी ने कहा कि इन किसानों या उनके परिवार में से किसी सदस्य ने इस बॉन्ड पर दस्तखत नहीं किए हैं. उन्होंने कहा कि 'हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, कोई अपराध नहीं.' -
नई दिल्ली : दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन अब किसानों की मौत का कारण भी बन रहा है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में किसान अपनी मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।इस बीच ठंड की वजह से कई प्रदर्शनकारी किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन 22वें दिन भी जारी है और किसान संगठनों के मुताबिक अब तक 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। गुरुवार की सुबह एक और किसान ने ठंड की वजह से दम तोड़ दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे एक 37 वर्षीय पंजाब के किसान की ठंड की वजह से मौत हो गई। मृत किसान के 10, 12 और 14 वर्ष की उम्र के तीन बच्चे भी हैं जो उनके साथ आंदोलन में भाग लेने पंजाब से दिल्ली आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार किसान की मौत ठंड लगने की वजह से हुई है।गौरतलब है कि बुधवार को कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए सिख संत द्वारा आत्महत्या करने के कुछ घंटे बाद ही अन्य किसानों की मौत की खबरें भी सामने आने लगी हैं।
किसान संगठनों का दावा है कि नवंबर के अंत में आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने अपनी जान गंवा दी है। माना जा रहा है कि उत्तर भारत में बढ़ती शीत लहर और कड़ाके की ठंड की वजह से आंदोलन कर रहे किसानों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।बता दें कि जिस स्थान पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहां कुछ वॉलंटियर्स द्वारा कंबल और हीटर का इंतजाम कराया जा रहा है। इसके अलावा अपनी मांगो को लेकर अड़े किसानों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा भी लेना पड़ रहा है। -
दिल्ली : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 20 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों को हटाने के लिए लॉ स्टूडेंट द्वारा दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई।कोर्ट ने कहा है कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों का पक्ष सुना जाएगा। साथ ही कोर्ट ने सरकार से इस बारे में सवाल किया कि अब तक मामले में समझौता क्यों नहीं हुआ है।इसके अलावा कोर्ट की ओर से किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया। कोर्ट ने इस मुद्दे के जल्द समाधान पर जोर देते हुए कहा कि सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई जाए ताकि आपसी सहमति से मुद्दों को सुलझाया जा सके।
याचिका में की गई है ये मांगें-
किसान आंदोलन के खिलाफ लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि किसानों के आंदोलन के कारण सड़क जाम होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस तरह किसानों की भीड़ से कोविड संक्रमण के आंकड़े भी बढ़ सकते हैं।इन सब कारणों से अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाएं।याचिकाकर्ता ने आगे दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने 27 नवंबर को आंदोलनकारी किसानों को बुराड़ी में निरंकारी ग्राउंड जाकर प्रदर्शन करने की सलाह दी थी लेकिन वे नहीं माने और दिल्ली की सीमाओं पर ही प्रदर्शन कर रहे हैं।
आज चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का सख्त पहरा
इस बीच आज दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है। दरअसल, किसान यूनियन के नेताओं ने मुख्य बॉर्डरों को जाम करने की चेतावनी दी है।हालांकि केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। वैसे अब तक किसान और केंद्र के बीच हुई वार्ता में सरकार ने कुछ संशोधन प्रस्ताव दिए थे जिसपर किसानों ने असहमति जताई।उल्लेखनीय है कि आज सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई काफी अहम है क्योंकि इस बात पर निर्णय लिया जाएगा की दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन और प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा या उन्हें कहीं और भेजा जाएगा।
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ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को बंगाल में लाने का प्रयास कर रही है ताकि सांप्रदायिक धुव्रीकरण बढ़ाया जा सके और हिंदू-मुस्लिम वोट उनके बीच बंट जाएं.
लखनऊ : AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी पर पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा है कि ऐसा कोई इंसान पैदा नहीं हुआ जो असदुद्दीन ओवैसी को खरीद सके. दरअसल ममता बनर्जी ने कल जलपाई गुड़ी में रैली के दौरान के कहा था कि बीजेपी मुस्लिम वोट के बंटवारे के लिए ओवैसी पर करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
ओवैसी ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ''ऐसा कोई इंसान पैदा नहीं हुआ जो ओवैसी को पैसे से खरीद सके. उनके आरोप निराधार हैं, वह बेचैन हैं. उन्हें अपने घर की चिंता करनी चाहिए, उसके बहुत से लोग बीजेपी के साथ जा रहे हैं. उन्होंने बिहार वोटर और जिन्होंने हमें वोट दिया उनका अपमान किया है.''
ममता बनर्जी ने ओवैसी को लेकर क्या बोला था?पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को बंगाल में लाने का प्रयास कर रही है ताकि सांप्रदायिक धुव्रीकरण बढ़ाया जा सके और हिंदू-मुस्लिम वोट उनके बीच बंट जाएं. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद घोषणा कि थी की वह अगले साल होने वाले बंगाल चुनाव में भी उतरेगी.
बिहार चुनाव में एआईएमआईएम ने पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीती थीं. बनर्जी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुस्लिम मतों को विभाजित करने के उद्देश्य से हैदराबाद की एक पार्टी को यहां लाने की खातिर भाजपा करोड़ों रूपये खर्च कर रही है. योजना है कि हिंदू मत भाजपा के पाले में चले जाएंगे और मुस्लिम मत हैदराबाद की इस पार्टी को मिल जाएंगे.’’
बंगाल में बवाल की खबरों के बीच आज चुनाव उपायुक्त का दौरापश्चिम बंगाल में मचे राजनीतिक घमासान के बीच केंद्रीय चुनाव आयोग आज तीन दिन के दौरे पर बंगाल में आ रहा है. चुनाव उपायुक्त सुदीप जैन जिन पर बंगाल में चुनाव कराने की जिम्मेदारी है. उनके साथ इलेक्शन कमिशन के एक अफसर बंगाल का दौरा करेंगे. राज्य में अशांति, हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर तरह तरह के आरोप हर रोज़ बीजेपी द्वारा लगाये जा रहे है. ये सारे आरोप कितने गंभीर हैं केंद्रीय चुनाव आयोग यह समझने की कोशिश कर रहा है. -
कोरोना वैक्सीनेशन : उत्तराखंड के 93 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोविड वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने इस बात की जानकारी दी है। आपको बता दें कि राज्य में कोरोना वैक्सीनेशन (टीकाकरण) के पहले चरण में लगभग 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं।
देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण (Coronavirus Outbreak) का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन नए मामले सामने आने से आमजन के साथ ही सरकार भी चिंतित है। राजधानी देहरादून में संक्रमण के सबसे अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए नियम-कायदे भी बनाए गए हैं, जिनका सख्ती से पालन कराया जा रहा है। बावजूद इसके नए मामलों में कुछ खास कमी नहीं आ रही है।
इन सबके बीच उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वैक्सिनेशन (Corona Vaccination) को लेकर भी तैयारियां तेज कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने टीकाकरण के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के 93 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को चिह्नित कर लिया है। मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि इन्हें कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी।
राज्य में अबतक 83006 कोरोना संक्रमित
उत्तराखंड में अबतक 83006 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 74525 पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। वर्तमान में वर्तमान में 6144 मामले एक्टिव हैं, जबकि 1361 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 976 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। -
किसानों का आंदोलन और भी विस्तृत होता जा रहा है, ऐसे में सरकार ने इससे निपटने के लिए 10 बिंदुओं में एक्शन प्लान तैयार है, जिसके तहत वो अलग-अलग फ्रंट पर इस पूरे मामले से निपटने की कोशिश करेगी.
नई दिल्ली : मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन फिलहाल बिल्कुल भी कमजोर पड़ता नजर नहीं आ रहा है. किसानों और सरकार के बीच फिलहाल कोई बातचीत भी होती नजर नहीं आ रही है. किसान इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं सरकार इनमें बस संशोधन करना चाहती है. लेकिन मामला बनता नहीं दिख रहा, वहीं आंदोलन और भी विस्तृत होता जा रहा है, ऐसे में सरकार ने इससे निपटने के लिए आक्रामक रणनीति बनाई है. 10 बिंदुओं में सरकार का एक्शन प्लान तैयार है, जिसके तहत वो अलग-अलग फ्रंट पर इस पूरे मामले से निपटने की कोशिश करेगी.
सरकार का 10-सूत्री एक्शन प्लान1. किसान संगठनों के मतभेद उजागर करना: इसके लिए सरकार लगातार छोटे-छोटे किसान संगठनों से चर्चा कर रही है. कृषि मंत्री इन संगठनों से मुलाकात कर रहे हैं. यह संगठन कृषि कानूनों के पक्ष में बयान दे रहे हैं.
2. किसान आंदोलन में घुस आए माओवादी और अलगाववादी ताकतों के बारे में प्रचार करना: वरिष्ठ मंत्री और बीजेपी नेता लगातार टुकड़े टुकड़े गैंग और माओवादी ताकतों, खालिस्तानी ताकतों के बारे में बात कर रहे हैं. एक किसान संगठन ने दिल्ली और महाराष्ट्र हिंसा के आरोप में पकड़े गए लोगों की रिहाई की मांग कर सरकार को और बल दे दिया. विदशों में हुए प्रदर्शनों में खालिस्तानी तत्वों की मौजूदगी ने इन आरोपों को हवा दी है कि इस आंदोलन को अलगाववादी ताकतों का समर्थन है.
3. आंदोलनकारी किसान संगठनों में फूट डालना: भारतीय किसान यूनियन के कुछ गुटों से सरकार ने अलग से बातचीत की. बीकेयू भानु गुट से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात की और नोएडा का रास्ता खुलवाया गया जिसे लेकर इन संगठनों में आपस में ही मतभेद हो गए. अलगाववादी ताकतों को लेकर सरकार के प्रचार के बाद कई किसान संगठनों ने बीकेयू के उग्रान गुट से खुद को अलग किया जिसने मानवाधिकार दिवस पर रिहाई की मांग की थी. बाद में बीकेयू उग्रान ने किसान संगठनों के सोमवार के अनशन से खुद को अलग कर लिया.
4. किसानों से बातचीत की पेशकश करना: कृषि मंत्री और अन्य मंत्री कई बार कह चुक हैं कि सरकार आंदोलनकारी किसानों से चर्चा के लिए तैयार है. कृषि मंत्री ने क्लाज बाइ क्लाज चर्चा की फिर पेशकश की. इस तरह सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह अड़ी हुई नहीं है. बल्कि संशोधन की पेशकश कर पीछे हटने का संदेश भी दे चुकी है.
5. जनमत तैयार करना: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री 700 से अधिक जिलों में प्रेस कांफ्रेंस, किसान रैली और चौपालों के माध्यम से कृषि कानूनों के फायदे गिनाएंगे. इस बारे में उठे सवालों का जवाब दिया जाएगा. यह जनमत अपने पक्ष में करने का प्रयास होगा ताकि किसान आंदोलन को देश भर में फैलने से रोका जा सके.
6. हरियाणा में सतलुज-यमुना नहर का मुद्दा उठाना: बीजेपी के हरियाणा के सांसदों और विधायकों ने कल कृषि मंत्री और जल संसाधन मंत्री से मांग की है कि सतलुज यमुना नहर के मुद्दा का समाधान किया जाए. यह पंजाब के किसानों के साथ आए हरियाणा के किसानों को भावनात्मक रूप से कमजोर करने का प्रयास है क्योंकि इसे हरियाणा के हक से जोड़कर देखा जाता है.7. हरियाणा में स्थानीय निकाय के चुनाव: राज्य सरकार जल्दी ही स्थानीय निकाय के चुनावों का ऐलान कर सकती है ताकि किसान और प्रभावशाली नेताओं का ध्यान आंदोलन से भटके. राज्य में अगले दो महीनों में चुनाव कराने का प्रस्ताव है.8. नौकरियों के लिए भर्ती का ऐलान: हरियाणा सरकार तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए भर्ती अभियान चलाने का ऐलान कर सकती है ताकि आंदोलन में जुटे युवाओं को आंदोलन से दूर किया जा सके9. बीजेपी मुख्यमंत्रियों ने संभाली कमान: सभी बीजेपी मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने राज्यों में किसान आंदोलन को न बढ़ने दें. सभी बीजेपी सीएम मीडिया के माध्यम से किसानों के मन में उठी आशंकाओं को दूर करेंगे. इसके लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है.
10. विपक्षी दलों की भूमिका उजागर करना: सरकार विपक्षी दलों की दोहरी भूमिका उजागर कर रही है जिन्होंने किसी समय कृषि सुधारों का समर्थन किया था. किसान आंदोलन में राजनीतिक दलों के झंडे दिखने से सरकार कह रही है कि इस आंदोलन का राजनीतिकरण हो गया है और किसान संगठन विपक्षी दलों के हाथों में खेल रहे हैं. -
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली के पास की कई सीमाओं पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसान संगठनों का ये भी कहना है कि देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसी के चलते दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है। जिसमें ये बताया गया है कौन सी सीमाएं (बॉर्डर) खुली हुई हैं और कौन सी बंद हैं।
एडवाइजरी में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है, किसान आंदोलन की वजह से गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले ट्रैफिक के लिए गाजीपुर सीमा बंद है। लोगों को दिल्ली जाने के लिए वैकल्पिक रास्ते अपनाने की सलाह दी जाती है, जैसे आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला, अपसरा और भोपरा सीमाएं।
पुलिस ने आगे कहा है, सिंघु, औचंदी, पियू मनियारी, सभोली और मंगेश सीमाएं भी बंद हैं। ऐसे में लोग लामपुर, सफियाबाद और सिंघु स्कूल टोल टैक्स सीमाओं के जरिए वैकल्पिक मार्ग का चयन करें। ट्रैफिक को मुकरबा और जीटीके रोड से डायवर्ट किया गया है।
ऐसे में आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से बचें। आपको बता दें विरोध प्रदर्शन कर रहे इन किसानों का कहना है कि वह इस विरोध के जरिए सरकार को जगाना चाहते हैं। पंजाब में भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा है, हम सरकार को जगाना चाहते हैं।
अब हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 किसान नेता सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक सभी सीमाओं पर भूख हड़ताल करने बैठेंगे। इनमें से 25 सिंघु सीमा पर बैठेंगे, 10 टीकरी सीमा पर बैठेंगे और पांच यूपी सीमा पर बैठेंगे।
वहीं दिल्ली में गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वह दिनभर उपवास करने के लिए तैयार हैं। लखीमपुर खेड़ी के एक किसान ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'जब हम अपने गन्नों की ट्रोली मील्स तक लेकर जाते हैं, तो ऐसा होता है कि हम 24 घंटे तक खाना भी नहीं खा पाते। हम उपवास के लिए तैयार हैं।' किसान करीब 20 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।
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नई दिल्ली : भारत में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के तीस हजार से कम मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से सिर्फ 27,071 मामले सामने आए हैं और 336 लोगों की मौत हुई है। अच्छी बात यह है कि इस दौरान 30,695 लोग इस जानलेवा वायरस की गिरफ्त से बाहर आए हैं।
इसलिए एक्टिव केस भी घट गए हैं। देश में इस समय 3,52,586 सक्रिय मामले हैं। भारत में अब तक 98,84,100 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 93,88,159 लोग ठीक हो चुके हैं।
हालांकि, अब तक कोरोना वायरस के कारण 1,43,355 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन कई अन्य देशों की तुलना में भारत मृत्यु दर बेहद कम है। यह केंद्र सरकार द्वारा लगातार लोगों को मास्क और शारीरिक दूरी के प्रति जागरूक करने का परिणाम है। साथ ही सरकार कोरोना की जांच में भी लगातार इजाफा कर रही है, जिससे हालात नियंत्रण में हैं।
आइसीएमआर के मुताबिक, अब तक कुल 15,45,66,990 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। कोरोना जांच में पूरी दुनिया में भारत से ऊपर सिर्फ अमेरिका है। रविवार को देश में 8,55,157 टेस्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार जांच की क्षमता को बढ़ाने में जुटा हुआ है। दरअसल, इस जानलेवा वायरस को हराने यह बेहतर विकल्प है कि संक्रमित शख्स की जल्द से जल्द पहचान कर उसे उपचार दिया जाए, ताकि वह दूसरों को संक्रमित न कर सके। अगर ऐसा हो जाता है, तो संक्रमण की कड़ी टूट जाएगी और तेजी मामले कम हो जाएंगे।
भारत में कोरोन वायरस संक्रमितों की रिकवरी दर 94.98 पहुंच गई है। वहीं, कोरोना मामलों में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत रह गई है। देश में लगातार आठवें दिन कोरोना वायरस के एक्टिव केस 4 लाख से नीचे हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि ठंड बढ़ने के साथ-साथ कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार में भी तेजी आएगी। हालांकि, अभी तक ऐसा देखने को नहीं मिला है, बल्कि इस दौरान दिल्ली जैसे राज्यों में हालात काबू में आ गए हैं।
इन राज्यों में कोरोना की स्थिति गंभीर
देश में कुछ ऐसे राज्य हैं, जहां हालात काबू में नहीं हैं। केरल में संक्रमण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य में सबसे अधिक नए संक्रमितों के मिलने का सिलसिला जारी है। रविवार को 4,698 नए केस मिले और संक्रमितों का आंकड़ा 6.69 लाख पर पहुंच गया। राज्य में 29 और मरीजों की मौत हुई है। अब तक 2,623 लोगों की जान जा चुकी है। उधर, देश की राजधानी में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है।