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नई दिल्ली : Ind vs Aus: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ दिया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम को गुरूर था कि वो ब्रिसबेन में 32 साल से कभी भी मुकाबला नहीं हारी है और भारत के खिलाफ गाबा के मैदान पर एक भी मैच नहीं गंवाया है, लेकिन अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली टीम ने कंगारू टीम का सारा घमंड तोड़ दिया। भारत ने चौथा टेस्ट मैच 3 विकेट से जीता। इस मैच में सबसे बड़े हीरो रिषभ पंत रहे, जिन्होंने चौथी पारी में शानदार बल्लेबाजी की।
दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए ब्रिसबेन का गाबा मैदान किसी किले से कम नहीं था, क्योंकि क्वरंटाइन की वजह से जब खिलाड़ियों ने मना किया था तो उस समय ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटरों ने कहा था कि भारतीय टीम ब्रिसबेन में इसलिए नहीं खेलना चाहती है, क्योंकि कंगारू टीम का रिकॉर्ड ब्रिसबेन में शानदार है। हालांकि, रहाणे की अगुवाई वाली टीम ने ये साबित कर दिया है कि भारतीय की युवा खिलाड़ियों वाली टीम भी ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है।
इस सीरीज की बात करें तो भारतीय टीम को पहले मैच में हार मिली थी। भारत पहली पारी में 36 रन पर ऑल आउट हो गया था, लेकिन दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को भारत ने पस्त किया था।तीसरा मैच चोटिल खिलाड़ियों ने ड्रॉ कराया था, जबकि चौथे मैच में भारत ने फिर से ऑस्ट्रेलिया को चारों खाने चित कर दिया। भारत ने चौथी पारी में 100 से कम ओवरों में 328 रन का टारगेट चेज कर इतिहास रचा और लगातार दो बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती।
आपको बता दें, ऑस्ट्रेलिया के पांच बड़े मैदानों पर भारत ने अब हर एक मैदान पर कम से कम एक टेस्ट जीत लिया है। एडिलेड, पर्थ, मेलबर्न और सिडनी के बाद अब भारत ने गाबा के मैदान पर भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को धराशायी किया है।ब्रिसबेन का किला रिषभ पंत की नाबाद 89 रन की पारी के दम पर जीतने में सफलता हासिल की है। अब भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भाग लेना है।
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नई दिल्ली : एयरोस्पेस कंपनी वर्जिन ऑर्बिट (Virgin Orbit) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए बोइंग 747 के जरिए सफल रॉकेट प्रक्षेपण किया है। रविवार को अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से ये लॉन्चिंग की गई।रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन गैलेक्टिन के वर्जिन ऑर्बिट मिशन के तहत लॉन्चर वन को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने का लक्ष्य पूरा हुआ है। इस परीक्षण के सफल होने के बाद आने वाले समय में इंसान के धरती की कक्षा में घूमने की उम्मीद जताई जा रही है।
वर्जिन गैलेक्टिक ने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से अपना ये स्पेसयान लॉन्च किया। वर्जिन ऑर्बिट अंतरिक्ष यान को एक कैरियर प्लेन कॉस्मिक गर्ल के नीचे लगाकर धरती से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया गया। इसके बाद 70 फीट लंबा वर्जिन ऑर्बिट प्लेन से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा की यात्रा पर निकल गया।
कंपनी बीते कई सालों से अपने इस मिशन में लगी हुई थी। बीते साल मई में वर्जिन ऑर्बिट बोइंग 747 के जरिए नये रॉकेट के पहले प्रक्षेपण के प्रयास में विफल रही थी। तब इसे दक्षिण कैलिफोर्निया के तट के पास प्रशांत महासागर में छोड़ा गया था।लॉन्च तब तक ठीक-ठाक जा रहा था जब रॉकेट को जम्बो जेट कॉस्मिक गर्ल के बाईं तरफ से हवा में छोड़ा गया लेकिन मिशन उड़ान के दौरान ही जल्द समाप्त हो गया। कंपनी ने तब बताया था कि कॉस्मिक गर्ल और विमान में सवार हमारे चालक दल के सदस्य सुरक्षित बेस पर लौट आए थे।
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बीजिंग : चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दक्षिण चीन सागर पर अपने प्रभुत्व के बाद अब उसकी नजर हिंद महासागर पर टिकी है। इसका खुलासा तब हुआ, जब इंडोनेशिया की नौसेना ने हाल में चीन के एक जासूसी जहाज को अपने देश की जलसीमा के पास पकड़ा।
इसके पूर्व चीन का पानी के अंदर चलने वाला एक जासूसी ड्रोन विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पकड़ा गया था। चीन, भारत समेत अपने पड़ोसी मुल्कों की जासूसी में लगा हुआ है।
चीन पिछले दो वर्षों से भारत की नाक के नीचे जासूसी करने में लिप्त है। खास बात यह है कि जासूसी करने के दौरान वह जहाज पर लगे निगरानी उपकरणों को बंद कर देता है, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। आखिर हिंद महासागर में क्यों है चीन की दिलचस्पी। हिंद महासागर में चीन की सक्रियता से क्यों चिंतित है भारत।
हिंद महासागर में प्रवेश के रास्ते की टोह में चीन
चीन की सीमा से इतना दूर समुद्र के अंदर ड्रोन मिलने से यह प्रमाणित हो गया है कि चीन की सेना खुफिया तरीके से दक्षिण चीन सागर से हिंद महासागर में प्रवेश के रास्ते की जांच कर रही है।चीन का जासूसी ड्रोन इस काम को अंजाम देने में जुटा है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों के दौरान यह तीसरा मौका है जब चीनी ड्रोन हिंद महासागर का दरवाजा कहे जाने वाले इंडोनेशिया के पास पकड़ा गया है।रक्षा वेबसाइट द ड्राइव की मानें तो चीन की किलर पनडुब्बियां पानी के अंदर डूबकर आसानी से हिंद महासागर तक का अपना रास्ता आसानी से तय कर सकती हैं।
इंडोनेशिया के कोस्ट गार्ड ने चीन के जहाज को पकड़ा
चीन के इस जासूसी विमान का नाम शियांग यांग होंग है। यह जहाज 6 जनवरी को चीन के हैनान द्वीप के सान्या ठिकाने से निकला था। इस जहाज को इंडोनेशिया के कोस्ट गार्ड ने 11 जनवरी को सुंडा स्ट्रेट के पास पकडा था।महत्वपूर्ण स्ट्रेट से गुजरने वाले हर जहाज के लिए यह जरूरी है कि वह अपने ऑटोमेटेड इन्फॉर्मेशन सिस्टम को चालू रखे, लेकिन चीन के जासूसी जहाज ने इन नियमों का अतिक्रमण किया। इसके पूर्व चीन का एक जासूसी विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पाया गया था।इंडोनेशिया के कोस्ट गार्ड ने जब पूछताछ की तो चीनी दल ने बहाना बनाया। चीनी दल ने कहा कि उनका सिस्टम खराब हो गया है। इंडोनेशियाई कोस्ट गार्ड ने बताया कि चीन के जहाजों ने दो बार अपने ट्रांसपोंडर को बंद किया। इसके पूर्व इंडोनेशिया के पास समुद्र के अंदर मछुआरों को चीन का एक खुफिया ड्रोन मिला था।
हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्वाकांक्षा से चिंतित भारत
चीन हिंद महासागर में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। गत वर्ष ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि अफ्रीका के जिबूती में चीन ने नौ सेना का अत्याधुनिक बेस बनाया है। इसको पहले लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए बनाया गया था, लेकिन इस ठिकाने को अब नौ सेना बेस में तब्दील कर दिया गया है।
इस नौसेना बेस पर विमानवाहक पोत भी खड़ा हो सकता है। जिबूती स्थित चीन का नौसेना बेस हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। यह नौसेना बेस अपने आप में एक चीनी किले की तरह है।इस नौसेना अड्डे का उपयोग खुफिया निगरानी के लिए करता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि चीन हिंद महासागर में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए इस द्वीप को विकसित कर रहा है।
चीन को हिंद महासागर की एक बड़ी शक्ति के रूप में प्रोजेक्ट करने में लगा हुआ है। चीन लगातार हिंद महासागर में पनडुब्बी और युद्धपोत भेज रहा है। नवंबर, 2019 में यह जहाज सुंडा स्ट्रेट से घुसकर बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार तक आ गया था। यह पूरा इलाका भारत और ऑस्ट्रेलिया की पनडुब्बियों के लिए बेहद अहम है। -
नई दिल्ली : गुजरात के अहम शहरों सूरत व अहमदाबाद के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार, 18 जनवरी 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना (Ahmedabad Metro) के द्वितीय चरण एवं सूरत मेट्रो रेल परियोजना का भूमि पूजन किया।इन मेट्रो परियोजनाओं से इन शहरों को पर्यावरण के अनुकूल 'Mass Rapid Transit System’ की सुविधा मिलेगी। इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल (Gujarat Governor), केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister), राज्य मुख्यमंत्री (Gujarat Chief Minister) और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री (Union Housing & Urban Affairs Minister) उपस्थित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '2014 से पहले के 10-12 सालों में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। बीते 6 वर्षों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। इस समय देश के 27 शहरों में 1000 किमी से ज्यादा के नए मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है।'
दुनिया में कहांं-कहां आगे है भारत, पीएम ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा भारत में है। सबसे बड़ा एफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम भारत में चल रहा है। सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम भारत में चल रहा है। 6 लाख गांवों को तेज इंटरनेट से जोड़ने का कार्य भी भारत में चल रहा है।'
देश का आठवां बड़ा शहर है सूरत
प्रधानमंत्री ने कहा, आज हम शहरों के यातायात को एक इंटीग्रेटेड सिस्टम के तौर पर विकसित कर रहे हैं। यानी बस, मेट्रो, रेल सब अपने अपने हिसाब से नहीं दौड़ें, बल्कि एक सामूूहिक व्यवस्था के तौर पर काम करें, एक दूसरे के पूरक बनें। आज सूरत आबादी के लिहाज से एक तरफ देश का आठवां बड़ा शहर है, लेकिन दुनिया का चौथा सबसे विकसित होता शहर भी है। दुनिया के हर 10 हीरों में से 9 सूरत में तराशे जाते हैं। गुजरात के शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बीते वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। विशेष रूप से गांव में सड़क, बिजली और पानी की स्थिति में बीते 2 दशकों में जो सुधार आया है। वो गुजरात की विकास यात्रा का बहुत अहम अध्याय है। बीते 6 वर्षों में देश में स्वास्थ सेवाओं से जुड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं उनका भी लाभ गुजरात को बहुत व्यापक रूप से मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है।'
उत्तरायण की शुरुआत में दोनों शहरों को अहम उपहार : प्रधानमंत्री
रिमोट से दोनों शहरों की परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'उत्तरायण की शुरुआत में आज अहमदाबाद और सूरत को बहुत ही अहम उपहार मिल रहा है। कल ही केवडिया के नए रेल मार्ग और नई ट्रेनों की शुरुआत हुई है। अहमदाबाद से भी आधुनिक जन शताब्दी एक्सप्रेस अब केवडिया तक जाएगी। आज अहमदाबाद में 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है। यह दिखाता है कि कोरोना के इस काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। 2014 से पहले के 10-12 वर्ष में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। वहीं बीते 6 वर्षों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। अहमदाबाद के बाद सूरत गुजरात का दूसरा बड़ा शहर है जो मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ेगा। सूरत में मेट्रो नेटवर्क एक प्रकार से पूरे शहर के महत्वपूर्ण व्यापारी केंद्र को आपस में कनेक्ट करेगा।
अहमदाबाद व सूरत में मेट्रो से आएगी मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के दो व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद व सूरत में मेट्रो और मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने एक दिन पहले ट्रेनों की शुरुआत का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश के 2 बड़े व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो कनेक्टिविटी को और मजबूत करने का काम करेगी। आज 17,000 करोड़ से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है, यह दिखाता है कि कोरोना काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं।'
वहीं केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 'अहमदाबाद मेट्रो फेज-1 का कार्य जोर-शोर से चल रहा है, जून 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा ये काम पूरा हो जाएगा।'
अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-II
28.25 किमी लंबाई वाले अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज II में दो कॉरिडोर हैं। कॉरिडोर-1 22.8 किमी लंबा है जो मोटेरा स्टेडियम (Motera Stadium) से महात्मा मंदिर (Mahatma Mandir) तक है। कॉरिडोर-2 5.4 किमी लंबा है ओर यह GNLU से गिफ्ट सिटी तक है। फेज- II परियोजना को पूरा होने में 5,384 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
सूरत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट
Surat Metro Rail Project is सूरत का यह प्रोजेक्ट 40.35 किमी लंबा है और इसमें भी दो कॉरिडोर हैं। कॉरिडोर-1 21.61 किमी लंबा है और यह सरथाना (Sarthana) से ड्रीम सिटी (Dream City) तक है। कॉरिडोर-2 18.74 किमी लंबा है और यह भेसन (Bhesan) से सारोली (Saroli) तक है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कुल 12,020 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
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किसानों के समर्थन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सड़क पर उतरकर दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली : केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ सरकार का विरोध और किसानों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस सड़क पर उतर आई है. कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों (Farmer Protest) के साथ एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने आज दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
केंद्र के कृषि कानूनों को "काला कानून" बताते हुए किसान पिछले 50 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कानूनों पर बने गतिरोध को खत्म करने के तरीकों को लेकर किसान संगठन और सरकार के बीच आज बातचीत हो रही है.
कांग्रेस का राष्ट्रीय राजधानी में राज निवास के बाहर प्रदर्शन उसकी "किसान अधिकार" अभियान का हिस्सा है. कांग्रेस आज किसान अधिकार दिवस मना रही है और राज्यों की कांग्रेस कमेटी को अपने-अपने राज्यों में राजभवन के आसपास घेराव करने को कहा गया है.
राज निवास के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "बीजेपी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा. जब तक ये कानून निरस्त नहीं होंगे, तब तक कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी. ये कानून किसानों की मदद के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें खत्म करने के लिए हैं."
गांधी ने आरोप लगाया, "नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले भी भूमि अधिग्रहण कानून लाकर किसानों की जमीन छीनने की कोशिश की थी और उस समय कांग्रेस पार्टी ने उन्हें रोका था. अब बीजेपी और उसके दो-तिहाई दोस्त एक बार फिर किसानों को निशाना बना रहे हैं और इन तीन कृषि कानूनों को लेकर आए हैं."
राज निवास मार्च से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "देश के अन्नदाता अपने अधिकार के लिए अहंकारी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर रहे हैं. आज पूरा भारत किसानों पर अत्याचार व पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद कर रहा है."
मुख्य विपक्षी पार्टी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘स्पीकअप फॉर किसान अधिकार' हैशटैग से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया है. दिल्ली के विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी और कई अन्य नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे. -
Covid-19 Vaccination : केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि किन-किन परिस्थितियों में किन-किन लोगों को टीका नहीं लगाना है. इसके अलावा दूसरा टीका दूसरी कंपनी का लगाया जा सकता है या नहीं?
नई दिल्ली: देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वायरस (Coronavirus) का टीकाकरण (Vaccination) शुरू होने जा रहा है. शुरुआत में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाने हैं. उससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने सभी राज्यों के प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर टीकाकरण के दौरान सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि किन-किन परिस्थितियों में किन-किन लोगों को टीका नहीं लगाना है. इसके अलावा दूसरी खुराक का टीका दूसरी कंपनी का लगाया जा सकता है या नहीं?
आइए जानते हैं, ऐसे ही सवालों के जवाब, जो केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने अपनी चिट्ठी में राज्यों को भेजे हैं-
प्रश्न: क्या 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को टीका लगाया जा सकता है?उत्तर: EUA और कोविड-19 टीकाकरण नियम के अनुसार केवल 18 साल से ऊपर उम्र के ही लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जी सकती है.
प्रश्न- दूसरा टीका कब लगाया जा सकता है?उत्तर- अगर जरूरी हुआ तो कोविड-19 और दूसरी वैक्सीन 14 दिनों के अंतराल पर ही लगाई जा सकेगी.
प्रश्न- क्या दूसरी खुराक में दूसरी कंपनी की वैक्सीन लगवा सकते हैं?उत्तर- नहीं. दूसरे खुराक में दूसरी कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगवा सकते. यानी पहली बार आपको कोवैक्सीन लगी है तो 14 दिनों के बाद दूसरी डोज में भी आपको केवैक्सीन का ही टीका लगेगा.
प्रश्न- क्या गर्भवती महिलाएं या स्तनपान करानेवाली महिलाओं को वैक्सीन लगाया जा सकता है?उत्तर- नहीं. मंत्रालय से प्राप्त दिशा-निर्देश के मुताबिक ऐसी महिलाएं जो 18 साल से ऊपर उम्र की हों और गर्भवती हों या बच्चे को दूध पिला रही हों, उन्हें अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है.
प्रश्न- क्या SARS-CoV-2 इन्फेक्शन से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जा सकता है?उत्तर- जिन लोगों में SARS-CoV-2 इन्फेक्शन की लक्षण मौजूद हैं या इससे ग्रसित रहे जिन लोगों को प्लाजमा थेरेपी दी गई हो, ऐसे लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के 4 से 8 हफ्ते के बाद ही ये टीका लगाया जा सकता है. -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों में गिरवाट जारी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार 20 हजार से कम मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कुल 15 हजार 590 नए मामले सामने आए। वहीं 15 हजार 975 मरीज ठीक हुए। इस दौरान 191 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान सात लाख 30 हजार 096 सैंपल टेस्ट हुए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक कुल कोरोना के एक करोड़ पांच लाख 27 हजार 683 मामले सामने आ गए हैं।
वहीं एक्टिव केस दो लाख 13 हजार 027 हो गया है, जो कुल मामलों का 2.03 फीसद है। एक करोड़ एक लाख 62 हजार 738 मरीज अब तक कोरोना को हरा चुके हैं।
अब तक 96.52 फीसद मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा एक लाख 51 हजार 918 लोगों की मौत हो गई है। डेथ रेट 1.44 फीसद है। कुल अब तक 18 करोड़ 49 लाख 62 हजार 401 सैंपल टेस्ट हो गए हैं। -
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन का आज 50वां दिन है. इस बीच किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.
नई दिल्ली : तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन का आज 50वां दिन है. इस बीच किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.. वसंत की शुरुआत में पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग लकड़ियां इकट्ठा करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं लेकिन इस बार पंजाब-हरियाणा के कई हिस्सों में लोहड़ी नहीं मनाई गई. 15 जनवरी को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता प्रस्तावित है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी गठन करने और उसके विरोध के बीच इस वार्ता पर सस्पेंस बना हुआ है.
1. किसान नेता आज सिंधु बॉर्डर पर मीटिंग करने वाले हैं. इसमें किसान आंदोलन को तेज करने को लेकर रणनीति बनाने वाले हैं. इसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
2. इस बीच, किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कतार में लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की.
3. संयुक्त किसान मोर्चा के परमजीत सिंह ने कहा कि अकेले सिंघू बॉर्डर पर ही कृषि कानूनों की एक लाख प्रतियां जलाई गईं. हरियाणा के करनाल जिले से आए 65 वर्षीय गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, ''उत्सव इंतजार कर सकते हैं. केंद्र की ओर से जिस दिन इन काले कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग को मान लिया जाएगा, हम उसी दिन सभी त्योहारों को मनाएंगे.''
4. 15 जनवरी को केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बैठक पर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रस्तावित बैठक करवाई जाए या नहीं. किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए 8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की मीटिंग में ये तय हुआ था कि अगली दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कमिटी बनाने का आदेश देकर सरकार के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
5. नौवें दौर की वार्ता से पहले सरकार कानूनी राय ले रही है. बुधवार को केंद्र सरकार के अफसरों और वरिष्ठ वकीलों के बीच इस पर चर्चा हुई है. वकीलों की सलाह और सभी कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद ही सरकार अब मामले में अंतिम फैसला लेगी.
6. कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार वार्ता जारी रखने के पक्ष में है क्योंकि केंद्र का मानना है कि वार्ता के जरिए ही कोई समाधान निकल सकता है. उल्लेखनीय है कि सरकार और तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के एक समूह के साथ आठ दौर की वार्ता संकट का समाधान कर पाने में अब तक नाकाम रही है.
7. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध खत्म करने के लिए चार सदस्यों की एक समिति गठित की है लेकिन प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा है कि वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे क्योंकि उनका मानना है कि यह (समिति) ‘‘सरकार समर्थक'' है. हालांकि, उन्होंने (किसान संगठनों ने) 15 जनवरी को होने वाली नौवें दौर की बैठक में शामिल होने की इच्छा प्रदर्शित की है, लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वे इन कानूनों को पूरी तरह से रद्द किये जाने से कुछ भी कम स्वीकार नहीं करेंगे.
8. मंगलवार को कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा था कि सरकार बैठक में शामिल होने को इच्छुक है और यह फैसला करना किसान संगठनों पर निर्भर करता है कि वे क्या चाहते हैं. नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.
9. हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवम्बर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. पिछले साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
10. दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी. -
नई दिल्ली : भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) की रफ्तार अब धीरे-धीरे कम हो रही है. संक्रमण को हराने के लिए अंतिम लड़ाई के तौर पर वैक्सीनेशन (Vaccination in India) प्रक्रिया 16 जनवरी (शनिवार) से शुरू हो रही है. शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस महाअभियान की शुरुआत करेंगे. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने इसकी जानकारी दी है. वीके पॉल ने NDTV से बातचीत में कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इसके विवरण पर काम किया जा रहा है.'
कोरोना से बचाव को वैक्सीनेशन प्रक्रिया शनिवार को 3000 केंद्रों पर शुरू की जाएगी. प्रत्येक केंद्र पर हर दिन एक सत्र में लोगों को टीका लगाया जाएगा. वीके पॉल ने कहा, 'जैसे ही यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, 5,000 से ज्यादा केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा.'
बताते चलें कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. प्रत्येक टीकाकरण सत्र में अधिकतम 100 लाभार्थी होंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे प्रत्येक स्थल पर ज्यादा संख्या में टीकाकरण न करें. मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 10 फीसदी आरक्षित/बर्बाद खुराकों और रोजाना प्रत्येक सत्र में औसतन 100 टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण सत्रों का आयोजन करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों को सलाह दी जाती है कि प्रत्येक केंद्र पर हड़बड़ी में तय सीमा से ज्यादा संख्या में लोगों को न बुलाएं. वहीं मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण सत्र स्थलों को बढ़ाने की सलाह दी है और उनके रोजाना संचालन की बात कही है ताकि टीकाकरण प्रक्रिया स्थिर हो सके और आगे सुचारू रूप से बढ़ सके. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, COVID-19 का टीका लेना अपनी इच्छा पर निर्भर है.
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जम्मू : पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सैनिक हमेशा प्रयासरत करते हैं। वहीं भारत के सतर्क जवान उनकी साजिशों को हर बार नाकाम बना देते हैं।
अब पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है। सुरंग मिलने के बाद जवानों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया है।
सूत्रों का कहना है कि बीएसएफ के जवान रोजाना की तरह जब हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त लगा रहे थे तभी उन्हें बोबिया क्षेत्र में इस सुरंग का पता चला। आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के इरादे से बनाई गई इस सुरंग के मिलते ही जवानों ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सुरंग के जरिए आतंकवादी इस ओर घुसपैठ कर आए हैं। अपनी इस शंका को दूर करने के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है।बोबिया में पड़ने वाले गांवों में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने रात या फिर तड़के किन्हीं संदिग्ध लोगों को आसपास तो नहीं देखा।
वहीं, सुरंग मिलने की सूचना मिलते ही यहां से जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिली सुरंग की जांच करने के बाद आईजीपी बीएसएफ एनएस जम्वाल ने बताया कि डेढ़ सौ फीट सुरंग लंबी इस सुरंग की गहराई 20 से 25 फीट है।
इसकी चौढ़ाई दो से ढाई फीट है। उन्होंने बताया कि यह सुरंग पुरानी लग रही है। हमारे जवानों को इस बारे में तब पता चला जब वे सुरक्षा बांध बना रहे थे। उन्होंने बताया कि जब जेसीबी के जरिए काम हो रहा था तभी लोहे के सरिए के पीस सुरंग के मुहाने पर फंस गए।
सुरंग के मुहाने को लोहे के सरिए लगाकर मिट्टी से बंद किया गया था। देखकर लगता है कि सुरंग का अभी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ है। फिर भी इसकी जांच की जा रही है कि पहले तो कहीं इस सुरंग से आतंकियों ने घुसपैठ तो नहीं की है। हालांकि सुरंग से दो रेत बैग भी मिले हैं जिन पर पाकिस्तानी कंपनी का नाम चिन्हित है। -
नई दिल्ली : पक्षियों की हो रही रहस्यमयी मौतों के बीच दिल्ली और महाराष्ट्र ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की है। सात अन्य राज्यों - उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात ने पहले हाल ही में हुई पक्षियों की मौतों का कारण एवियन इन्फ्लुएंजा को बताया था।
वहीं, मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बर्ड फ्लू के प्रसार की निगरानी के लिए गठित केंद्रीय दल देश भर के सात राज्यों में प्रभावित स्थलों का दौरा कर रहे हैं।
बताया गया है कि कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने देश में पशु टीके की उपलब्धता की जांच करने के लिए पशुपालन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है। उम्मीद है कि इसको लेकर जल्द बैठक होगी।
दिल्ली ने जीवित पक्षियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है और गाजीपुर के सबसे बड़े थोक पोल्ट्री बाजार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। दिल्ली के पशुपालन विभाग ने बताया कि दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि मृत कौवों और बत्तखों के आठ नमूनों के परीक्षण के बाद हुई। एवियन फ्लू के लिए सभी नमूनों का परीक्षण सकारात्मक रहा। -
नई दिल्ली : 16 जनवरी 2021 से देश में वैक्सीन लगने की शुरुआत होगी. सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. इनकी संख्या करीब 3 करोड़ होगी. इसके बाद 50 साल से अधिक और 50 साल के कम उम्र के को-मोरबिड लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, जिनकी संख्या करीब 27 करोड़ के आस पास है.
पीएम मोदी ने की आज समीक्षा बैठक
पीएम मोदी ने आज कोविड टीकाकरण के लिए राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य सचिव के अलावा दूसरे अधिकारियों ने भाग लिया. इस समीक्षा बैठक के बाद वैक्सीनेशन की तारीख तय की गई.
शुक्रवार को पूरे देश में दूसरी बार कोरोना वायरस की तैयारियों को परखने के लिए ड्राइ रन किया गया. इस दौरान वैक्सीनेशन की तैयारियों का जायज़ा भी लिया गया. उत्तर प्रदेश के अलावा देश हर ज़िले में ड्राई रन का आयोजन किया गया था.
11 जनवरी को मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम की बैठक
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही वैक्सिनेशन की तारीख का एलान कर दिया गया है. इसके अलावा सत्तारूढ़ बीजेपी लोगों के बीच वैक्सीन से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान की तैयारी कर रही है.
गौरतलब है कि देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन को 3 जनवरी को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है. -
दिल्ली में बीते कुछ दिनों में 35 कौवों समेत कम से कम 50 पक्षी मर चुके हैं, जिससे बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. दिल्ली में अब तक आधिकारिक तौर पर बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं की गई है.
नई दिल्ली : शनिवार को दिल्ली में संजय झील में बत्तखों और रोहिणी सेक्टर-15 के एक पार्क से कुछ कौवों के मरे हुए पाये जाने की जानकारी रैपिड रिस्पांस टीम को मिली है. दिल्ली पशुपालन विभाग की ओर से ये जानकारी मिली है. रैपिड रिस्पांस टीम इन जगहों से सैम्पल कलेक्शन करने का काम कर रही है. एक अधिकारी ने कहा कि कि झील को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक संजय झील में 10 बत्तखें मरी हुई मिली थीं. इनमें से 2 बत्तखों के सैम्पल जांच के लिये लैब में भेजे जाएंगे. रोहिणी के पार्क से भी सैम्पल कलेक्शन का काम किया जा रहा है. दिल्ली में अब तक आधिकारिक तौर पर बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं की गई है, अधिकारियों को रिपोर्ट का इंतजार है.
पशुपालन विभाग के डॉक्टर राकेश सिंह ने बताया, 'हमें संजय झील में 10 बत्तक मृत मिले हैं, जिनके नमूनों को जांच के लिये प्रयोगशाला भेज दिया गया है.' दिल्ली में बीते कुछ दिनों में 35 कौवों समेत कम से कम 50 पक्षी मर चुके हैं, जिससे बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. सिंह ने इससे पहले कहा था, 'हमें द्वारका, मयूर विहार फेस-3 और हस्तसाल विलेज में कौवों के मरने की खबर मिली थी. हालांकि अभी यह पता लगाया जा रहा है कि उनके मरने का कारण बर्ड फ्लू था या कुछ और.' उन्होंने कहा कि पहली जांच रिपोर्ट सोमवार को आ जाएगी. -
एजेंसीयूपी : बुलंदशहर के सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव जीतगढी में शराब ने कहर बरपा दिया। शराब का सेवन से चार लोगों की मौत हो गई जबकि 16 अन्य लोगों की भी तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि गुरुवार की शाम गांव में ही बिक रही शराब का सेवन कुछ ग्रामीणों ने किया। बताया जाता शराब का सेवन करने के बाद ही लोगों की हालत बिगड़नी शुरू हो गई। परिजन उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चार लोगों ने दम तोड़ दिया। मरने वालों में सुखपाल 65 वर्ष, सतीश 45 वर्ष, कलुआ 40, सरजीत 45 वर्ष शामिल हैं। वहीं अजय, ओमवीर, सुखपाल, गजे, प्रेम सिंह, पन्ना आदि की हालत गंभीर है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। सीओ सिकंदराबाद नम्रता श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी संतोष कुमार सिंह गांव में पहुंचे। डीएम रविन्द्र कुमार ने बताया कि चार लोगों की शराब पीने से मौत होना बताया गया है। उनके शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं, जबकि 16 लोग की हालत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा कर उपचार कराया जा रहा है।मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोतवाल, चौकी इंचार्ज समेत तीन निलंबित : एसएसपी
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में लापरवाही मानते हुए सिकंदराबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दीक्षित कुमार त्यागी, चौकी इंचार्ज अनोखे पुरी और बीट कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शराब बेचने का आरोपी फरार है। उसके परिवार के कुछ लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। -
मिडिया रिपोर्ट
वॉशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को यूएस कांग्रेस पर हुए हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन सांसदों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने इस घटना को 'देश के लिए अपमान और शर्मिंदगी का क्षण' बताया. उन्होंने कहा कि 'लेकिन अगर हम कहेंगे कि यह बिल्कुल अचानक हुई घटना है, तो हम खुद से मजाक कर रहे होंगे.' उन्होंने कहा कि यह हिंसा ट्रंप ने 'भड़काई' है, जो 'जो लगातार कानूनी चुनाव को लेकर आधारहीन झूठ फैला रहे हैं.'
ओबामा ने रिपब्लिकन पार्टी और इसके मीडिया समर्थकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो राष्ट्रपति चुनावों में जो बाइडेन की जीत को लेकर 'अधिकतर मौकों पर अपने समर्थकों से सच छुपाते रहे हैं.' एक बयान जारी कर ओबामा ने कहा कि 'इसका नतीजा हम इस हिंसा में देख रहे हैं.' -
राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती कौशल और अधिकारियों के साथ आज सुबह किया निरीक्षणवाटिका में चिल्ड्रन्स गार्डन, फाउंटेन सहित वाक-वे, योगा हट्स बनेंगे, चंदन के पेड़ भी लगेंगे
कोरबा : शहर के बीच स्थित अशोक वाटिका का जीर्णाेंद्धार एवं सौंदर्यीकरण आने वाले दिनो में होगा। यहां ऑक्सीजोन विकसित करने का काम भी जल्द शुरू होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरबा प्रवास के दौरान हाल में ही इसके विकास के लिए घोषणा की है। इसी तारतम्य में आज सुबह राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद और अन्य अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ वाटिका का निरीक्षण किया। वाटिका में 15 से अधिक प्रकार के निर्माण काम कराये जाएंगे और चंदन के पेड़ लगाये जाएँगे। ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र के अंतर्गत अशोक वाटिका को सामान्य रूप से विकसित करने का काम कई दशक पहले किया गया।
वाटिका में फाउंटेन लगाने के साथ यहां कई प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। आसपास के लोगों की उपस्थिति सुबह और शाम की सैर के लिए अशोक वाटिका में होती रही है। अभी खेल गतिविधियों के रूप में भी आंशिक तौर पर इसका उपयोग हो रहा है। इस अशोक वाटिका को ऑक्सीजोन रूप में विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपए की धन राशि की घोषणा की गई है। इस पर जल्द अमल हो इसके लिए प्रशासन हरकत में आ गया है। इस दौरान सभापति श्यामसुंदर सोनी, डीएफओ एन रघुनाथन, एसडीएम सुनील नायक, अपर आयुक्त नगर निगम अशोक शर्मा, अधीक्षण अभियंता ग्यास अहमद, कार्यपालन अभियंता अरुण शर्मा, रेंजर कर्माकर, श्रीकांत बुधिया, महेश भावनानी, सुभाष अग्रवाल, एल्डरमेन एस.मूर्ति भी मौजूद रहे।
राजस्व मंत्री ने कलेक्टर एवं अधिकारियों के साथ वाटिका की मौजूदा स्थिति देखी। वाटिका में ही संक्षिप्त बैठक में यहां व्यापक परिसर उपलब्ध होने और विभिन्न प्रकार के काम किये जाने की संभावनाएं तलाशी गई और इस बारे में अधिकारियों से बातचीत की गई। इस दौरान अधिकारियों को जल्द कार्ययोजना तैयार करने के साथ काम प्रारंभ करने को कहा गया। वाटिका के विकास से क्षेत्रवासियों को दैनिक कार्यों के लिए एक अच्छी जगह उपलब्ध हो सकेगी। आज हुई प्रारम्भिक चर्चा के दौरान अशोक वाटिका में बाउंड्रीवाल, फाउंटेन, वाटर सप्लाई, योगा हट्स का विस्तार, एक्यूप्रेशर पाथवे, चिल्ड्रन गार्डन, बटरफ्लाई, व्हालीबॉल ग्राउंड का विस्तार, चबूतरों का निर्माण, चंदन पौधों का रोपण, चेंज रूम, वाक-वे का निर्माण, पार्किंग निर्माण, अन्य सौंदर्यीकरण कार्य, चार स्थानों पर पब्लिक डॉयलेट बनाने कामों की जरूरत को चिह्नांकित किया गया है। इस वाटिका के पूर्ण विकसित हो जाने पर सुबह पांच से नौ बजे और शाम को पांच बजे से लोग निःशुल्क प्रवेश कर सकेंगे। -
लगभग 8.54 करोड़ रूपए की लागत के 39 विकास कार्यों का किया लोकार्पण-शिलान्यास
हितग्राहियों को 4.63 करोड़ रूपए की सहायता राशि के चेक और 13.59 लाख रूपए की सामग्री का किया वितरणशासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 4.68 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित शासकीय आवासों का लोकार्पणभर्रापारा पेण्ड्रा और टीकरकला गौरेला में बनने वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों का भूमिपूजन
गौरेला में 20 लाख रूपए की लागत से बनने वाले रविन्द्रनाथ टैगोर उपवन का शिलान्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश के नवगठित गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रवास के दौरान मरवाही विकासखंड के ग्रामी दानीकुण्डी में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास समारोह में 8 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत के 39 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 6 करोड़ 26 लाख रूपए की लागत के 25 विकास कार्यों का लोकार्पण और 2 करोड़ 28 लाख रूपए की लागत के 14 कार्यों का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत 337 हितग्राहियों को साढ़े तेरह लाख रूपए की सामग्री और 230 हितग्राहियों को कुल 4 करोड़ 61 लाख रूपए की सहायता और अनुदान राशि का चेक वितरित किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 59 लाख रूपए की लागत से बनने वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल भर्रापारा पेण्ड्रा और 45 लाख रूपए की लागत से गौरेला के टीकरकला में बनने वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, गौरेला में 20 लाख रूपए की लागत से बनने वाले रविन्द्रनाथ टैगोर उपवन का भूमिपूजन किया। श्री बघेल ने कार्यक्रम में ग्राम परासी में औषधालय भवन, मरवाही में होम्यो औषधालय भवन सहित विभिन्न गांवों में सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण और पहुंच मार्गों पर पुलिया निर्माण के अनेक कार्यों का भूमिपूजन भी किया।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 4 करोड़ 68 लाख रूपए की लागत से शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए निर्मित शासकीय आवास, स्कूलों में आहाता निर्माण, धान संग्रहण केन्द्रों में चबूतरा निर्माण, सीमेंट कांक्रीट सड़क पहुंच मार्ग निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, राजस्व व जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, मरवाही विधायक डॉ. के के ध्रुव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी, पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। -
एजेंसी
गाजियाबाद : गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर 24 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष शामिल हैं। ठेकेदार अजय त्यागी व अन्य अज्ञात लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। यह जानकारी एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने दी है। उनका कहना है कि इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है इसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई होगी। वहीं मृतकों के परिजनों शवों को सोमवार सुबह हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया है।
आरोपियों पर निम्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है-आईपीसी धारा 304 : गैर इरादतन हत्याआईपीसी धारा 337 : किसी व्यक्ति को खतरा पहुंचाने वाला कार्य करनाआईपीसी धारा 338 - किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली चोट पहुंचाने वाला कार्य करना।आईपीसी धारा 409 - धन का गबन व सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास का आपराधिक हननआईपीसी धारा 427 : बुरी मंशा, जिससे आर्थिक नुकसान हो।क्या है पूरा मामलाएनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी ने करीब पांच घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। श्मशान में 55 लाख की लागत से गलियारे का निर्माण हुआ था और करीब पंद्रह दिन पहले ही इसे जनता के लिए खोला गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और घायलों के उचित इलाज कराने की घोषणा की है।
मुरादनगर के उखलारसी गांव की संगम विहार कॉलोनी निवासी जयराम (70) का रविवार को निधन हो गया था। सुबह करीब 10:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से शुरू हुई और करीब पौने 11 बजे मुरादनगर के बंबा रोड श्मशान घाट पहुंची। अंतिम संस्कार में मोहल्ले और आसपास के इलाकों के करीब 50 लोग शामिल थे।
बारिश के कारण गलियारे में खड़े थे अधिकांश लोगअंतिम संस्कार के दौरान बारिश होने के कारण अधिकांश लोग श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर बने 70 फीट लंबे गलियारे में खड़े थे। अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद करीब 11:30 बजे इस गलियारे में दो मिनट के मौन के लिए सभी लोग जमा हुए। इसी दौरान गलियारे की छत भरभरा कर गिर गई। कुछ लोग बाहर निकल गए थे, लेकिन करीब 40 लोग मलबे के नीचे दब गए। सूचना पर पहुंची पुलिस, पीएसी ने स्थानीय लोगों के साथ बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम डॉग स्क्वॉड के साथ मौके पर पहुंची और मलबे को हटाया। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल कर जिला एमएमजी अस्पताल समेत कई अन्य अस्पतालों में भेजा गया। डीएम अजय शंकर पांडेय ने आधिकारिक तौर पर 24 लोगों की मौत की पुष्टि की है। डीएम ने कहा कि हादसे के कारणों की जांच कराई जा रही है।