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द न्यूज़ इंडिया सामाचार सेवामुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा पत्र
अब पृथक से निविदा की आवश्यकता नहीं और सीधे क्रय की सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रमों तथा नगर निगमों आदि संस्थाओं को ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड के उत्पादों को अपनी आवश्यकतानुसार छूट के साथ अनिवार्य रूप से क्रय करने के निर्देश दिए गए हैं। इस तारतम्य में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन द्वारा राज्य के समस्त विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, विभागाध्यक्षों, कलेक्टरों और सार्वजनिक उपक्रमों को पत्र भेजा गया है। जिसमें निर्देशित किया गया है कि वे ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड के अंतर्गत निर्मित उत्पादों को एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ लेते हुए शासकीय खरीदी किए जाने की व्यवस्था लागू करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निर्देशित किया है कि राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रमों, नगर निगमों इत्यादि द्वारा राज्य के विभिन्न स्व-सहायता समूहों से प्रसंस्कृत किए जा रहे हर्बल उत्पादों का विक्रय छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के अंतर्गत विभिन्न संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ के नाम से किया जा रहा है। इसका विभाग की आवश्यकता के अनुसार अनिवार्य रूप से क्रय किया जाए।छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों एवं लघु वनोपज से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्धारित दर पर सीधे क्रय किए जाने तथा इस हेतु पृथक से निविदा बुलाए जाने की आवश्यकता नहीं होने के संबंध में छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम 2002 (यथासंधोशित 2020) के नियम 8 में संशोधन किए जाने का प्रावधान किया जा चुका है। अतएव समस्त शासकीय संस्थाओं द्वारा ऐसी सामग्रियों, जिसका विक्रय ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड के अंतर्गत संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है। उसका अनिवार्य रूप से एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय किया जाए। इसका संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का किया वर्चुअल लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भूमकाल दिवस के एक दिन पहले आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से नगर पालिका कांकेर के घड़ी चौक में स्थापित अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अमर शहीद गुण्डाधुर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने बस्तर में भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया। भूमकाल आंदोलन सन् 1909 में प्रारंभ हुआ था। यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों से लोहा लिया। वो अंग्रेजों के सामने झुके नहीं। उन्होंने आदिवासी समाज को जोड़ा।
विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी रायपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े। संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, नगरपालिका कांकेर अध्यक्ष श्रीमती सरोज ठाकुर, जिला पंचायत कांकेर अध्यक्ष श्री हेमन्त ध्रुव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पार्षद, गोंडवाना समाज के अनेक पदाधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक इस अवसर पर कांकेर में उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि 1857 की क्रांति के पहले ही परलकोट के राजा अमर शहीद गैंद सिंह ने 1925 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फंूका। 1857 की लड़ाई में अमर शहीद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी। हमारे इन जननायकों ने अपनी आजादी की किसी भी कीमत पर गिरवी नही रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में हमारे इन वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अमूल्य योगदान जिस तरह रेखांकित होना था, वैसा रेखांकित नही हो पाया। अब हमारा आदिवासी समाज जागृत हो रहा है और इन वीरों के योगदान को रेखंाकित करने के साथ उनका स्मरण कर रहा है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासियों के हित में अनेक कदम उठाए हैं। जमीन वापसी, किसानों की ऋण माफी के साथ वनवासियों को वन अधिकार देने का काम राज्य सरकार द्वारा किया गया। वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और उनके वेल्यू ऐडिशन के साथ कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इन कार्यो से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। इनके साथ-साथ आदिवासी अंचलों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं पहंुचाने के बेहतर उपाय किए गए हैं। बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए। बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत उन्हें अच्छे अवसर उपलब्ध कराने की है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी भाई अस्पताल नहीं जाते हैं, इसलिए हाट बाजार क्लिनिक योजना प्रारंभ की गई, जिसका यह सुखद परिणाम रहा कि बस्तर में उल्टी, दस्त और डायरिया के प्रकरण में कमी आई।मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में मलेरिया उन्मूलन अभियान से मलेरिया के मामले में भी उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य सरकार ने कुपोषण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया, जिससे बच्चों और महिलाओं में कुपोषण कम हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि बस्तर के लोग शारीरिक रूप से सशक्त हों, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से मजबूत हों, इसके साथ उन्हें अधिकार मिलें, तो वे और आगे तरक्की करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने अमर शहीद गुण्डाधुर की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए कांकेरवासियों द्वारा उनकी प्रतिमा की स्थापना के कार्य की सराहना की।कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग से जुड़े विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज सिंह मण्डावी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुण्डाधुर ने आजादी के 37 साल पहले सन् 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी, जिनके कब्जे में पूरा देश था। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदिवासियों के समग्र विकास और उनकी संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यो का विस्तार से उल्लेख किया।कांकेर में कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बस्तर के प्रवेश द्वार कांकेर में आज स्थापित की जा रही अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा आदिवासी समाज सहित सम्पूर्ण बस्तर को गौरवान्वित करेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर के शूरवीरों ने आजादी की अलख जगाई और सारे समाज को एक सूत्र में पिरोया। कार्यक्रम को जिला पंचायत कांकेर के अध्यक्ष श्री हेमंत धु्रव सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। आभार प्रदर्शन नगर पालिका कांकेर की अध्यक्ष श्रीमती सरोज ठाकुर ने किया।
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एजेंसीलखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्र्रा की अगुवाई में चुनाव लड़ रही कांग्रेस पार्टी ने अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने वादों का पिटारा खोलते हुए महिलाओं और युवाओं सहित समाज के हर वर्ग को लुभाने की कोशिश की है. कांग्रेस का यह घोषणा पर राज्य में कल 10 फरवरी को पहले चरण की वोटिंग के ठीक पहले आया है. राज्य में सात चरणों में मतदान होना है. घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ करेंगे. 2500 रुपये में गेहूं-धान और 400 रुपये में गन्ना खरीदा जाएगा. उन्होंने कहा कि बिजली बिल आधा किया जाएगा, इसके अलावा जिन परिवारों को कोरोना की मार पड़ी उन्हें 2500 रुपयेदिए जाएंगे. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हम 20 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. 40% महिलाओं को नौकरी में आरक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा आवारा पशु से जिनकी फ़सल का नुक़सान होगा उसे 3000 रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जो उन्नति विधान , शक्ति विधान और भर्ती विधान जारी किए हैं
प्रियंका ने कहा कि श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए आउटसोर्सिंग बंद करेंगे. आउट सोर्स्ड और संविदा कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से नियमितीकरण करेंगे. इसी तरह संस्कृत और उर्दू शिक्षकों के खाली पद भरे जाएंगे. कांग्रेस के घोषणा पत्र में 2 रुपये किलो में गोबर खरीदने का प्रावधान है. झुग्गी की ज़मीन जो रह रहा है उसके नाम की जाएगी. ग्राम प्रधान का वेतन 6000 रू बढ़ाया जाएगा जबकि चौकीदारों का वेतन 5000 रुपये बढ़ाया जाएगा.कोरोना में मरे कोरोना वॉरियर्स को 50 लाख रुपये दिए जाएंगे. उन्नति विधान में इस बात का भी जिक्र है कि सभी शिक्षा मित्रों को नियमित किया जाएगा. SC-ST की पूरी शिक्षा मुफ़्त की जाएगी.कारीगर और बुनकरों के लिए विधानपरिषद में एक सीट आरक्षित की जाएगी.दिव्यांगों की पेंशन प्रति माह 6000 किया जाएगा.महिला पुलिसकर्मियों को उनके गृहनगर में पोस्टिंग दी जाएगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि दूसरी पार्टियों की तरह हमने अन्य पार्टियों के वादे को लेकर अपने घोषणापत्र में नहीं डाले, हमने लोगों से मिले सुझावों को इसमें शामिल किया है. इस समय महंगाई और बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बताया कि पार्टी ने लाखों लोगों की राय लेकर यह घोषणा पत्र तैयार किया है, इस दौरान मिले उचित सुझावों को उन्नति विधान में स्थान दिया है. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य सरकार ने लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश के वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर 61 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि इस तरह छत्तीसगढ़ में लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत 52 से बढ़ाए गए 61 लघु वनोपजों में हर्रा बाल, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड), झाडू छिंद (घास), कोदो, कुटकी (काला), कुटकी (भूरा), रागी, अमचूर (सफेद) तथा अमचूर (भूरा) नवीन लघु वनोपज शामिल है। निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार इनमें हर्रा बाल 30 रूपए, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड) 10 रूपए , झाडू छिंद (घास) 15 रूपए, कोदो 30 रूपए, कुटकी (काला) 30 रूपए, कुटकी (भूरा) 30 रूपए, रागी 33.77 रूपए, अमचूर (सफेद) 120 रूपए तथा अमचूर (भूरा) 80 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी की जाएगी।
इस संबंध में प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में वर्तमान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीदी की जा रही लघु वनोपजों में संग्रहण दर मालकांगनी बीज (सूखा) 100 रूपए, बायबडिंग 94 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-1-35 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-2-31.50 रूपए, आंवला (बीज रहित) सूखा 57 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह रंगीनी लाख/छिली लाख (सूखा) 220 रूपए, रीठा फल (सूखा) 14 रूपए, वन जीरा बीज 70 रूपए, सतावर जड़ (सूखा) 107 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-1-16 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-2-14.50 रूपए, शहद 225 रूपए तथा नागरमोथा (सूखा) 30 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। माहुल पत्ता 15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-13.50 रूपए, हर्रा कचरिया 25 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-17 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-15.30 रूपए, बहेड़ा कचरिया 20 रूपए तथा गिलोय (सूखा) ग्रेड-1-40 रूपए, गिलोय (सूखा) ग्रेड-2-36 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
इसी तरह कुसुमी लाख/छिली लाख (सूखा) 300 रूपए, वन तुलसी बीज 16 रूपए, भेलवा 9.75 रूपए, शिकाकाई फल्ली (सूखा) 50 रूपए, इमली आटी (बीज सहित) ग्रेड-1-36 रूपए, इमली आटी (बीज सहित) ग्रेड-2-33 रूपए, इमली फूल (बीज रहित) 69 रूपए, इमली बीज 11 रूपए तथा महुआ फूल (सूखा) 33 रूपए, महुआ बीज 29 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। झाडू फूल (घास) 50 रूपए, कौंच बीज 21 रूपए, धवई फूल (सूखा) ग्रेड-1-37 रूपए, धवई फूल (सूखा) ग्रेड-2-33.50 रूपए, चिरौंजी गुठली ग्रेड-1-126 रूपए, चिरौंजी गुठली ग्रेड-2-115 रूपए, करंज बीज 24 रूपए, बेलगुदा (सूखा) ग्रेड-1-30 रूपए, बेलगुदा (सूखा) ग्रेड-2-27 रूपए तथा कुल्लू गोंद 125 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। काजू गुठली ग्रेड-1-90 रूपए, काजू गुठली ग्रेड-2-81 रूपए, साल बीज 20 रूपए, कुसुम बीज ग्रेड-1-23 रूपए, कुसुम बीज ग्रेड-2-20.70 रूपए, नीम बीज (सूखा) 27 रूपए, जामुन बीज (सूखा) ग्रेड-1-42 रूपए, जामुन बीज (सूखा) ग्रेड-2-38 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
इसके अलावा संग्रहण दर आंवला फल (कच्चा) 28 रूपए, रंगीनी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) 200 रूपए, कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) ग्रेड-1-275 रूपए, कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) ग्रेड-2-245 रूपए, झाडू कांटा (घास) 25 रूपए, बेलफल (कच्चा) 10 रूपए, जामुन फल (कच्चा) 23 रूपए, सवई घास 15 रूपए, पाताल कुम्हड़ा कंद (सूखा) 21 रूपए, सफेद मूसली कंद (सूखा) 650 रूपए, तीखुर कंद (कच्चा) 20 रूपए, अश्वगंधा जड़ (सूखा) 350 रूपए, कोरिया बीज (इन्द्र जौ) (सूखा) 150 रूपए, कुटज छाल (सूखा) 12 रूपए तथा पलाश फूल (सूखा) 11.50 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाराज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 97.97 लाख मीट्रिक टन धान
21 लाख 77 हजार 383 किसानों ने बेचा धान
राज्य में निर्विघ्न सम्पन्न हुआ धान खरीदी महा अभियान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर अपने पिछले साल के रिकार्ड को ब्रेक करते हुए एक नया रिकार्ड कायम किया है। राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल राज्य में एक दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ धान खरीदी का महाअभियान आज 7 फरवरी को सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। इस साल 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है। बारदाना संकट और जनवरी माह में बेमौसम बारिश के बावजूद भी राज्य में किसानों से बिना किसी व्यवधान धान खरीदी पूरा होना, अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
राज्य में धान खरीदी के निर्विघ्न पूरा होने पर किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने प्रसन्नता जताई है। बेमौसम बारिश की वजह से धान न बेच पाने वाले किसानों को धान बेचने का मौका दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा धान खरीदी की निर्धारित अवधि 31 जनवरी को बढ़ाकर 7 फरवरी किए जाने के लिए भी किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों का कहना है कि किसान हितैषी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के किसानों को हर संभव मदद दी है। किसानों के हितों का ख्याल रखा है। उन्होंने धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार से राज्य की मांग के अनुसार बारदाना उपलब्ध न कराए जाने के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर भरपूर बारदाने का इंतजाम एवं केन्द्रों में धान खरीदी की चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है। इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान, वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर है। जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की ही तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार की वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य देने के साथ ही फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित की जा रही है। इसके चलते राज्य ने खेती किसानी के प्रति किसानों में एक नया उत्साह पैदा हुआ है। खेती से विमुख हो चुके लोग भी अब फिर से खेती की ओर लौटने लगे हैं। जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या, खेती के रकबे और फसल उत्पादकता मेें लगातार वृद्धि होते जा रही है। साल दर साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के आंकड़े इसके प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ किसानों को तत्परता से भुगतान तथा खरीदे गए धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग की व्यवस्था के चलते किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने पाई। किसानों की सहूलियत के लिए धान खरीदी केन्द्रों की संख्या भी 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई थी। जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हुई। राज्य में धान खरीदी के लिए बारदाने की कमी के चलते किसानों को धान खरीदी के पहले दिन से ही अपने बारदाने में धान लाने की सुविधा दी गई। किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया। किसानों ने धान खरीदी के लिए बारदाने उपलब्ध कराने के मामले में बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। मिलर्स और पीडीएस की दुकानों से पुराने बारदाने की व्यवस्था कर धान खरीदी सुचारू रूप से जारी रही। इस साल किसानों से क्रय किए गए धान के एवज में उन्हें 19 हजार 83 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया जा चुका है।
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में राजनांदगांव जिला प्रदेश में अग्रणीय रहा है। राजनांदगांव जिले के 149 खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के अंतिम तिथि 7 फरवरी तक सर्वाधिक 8 लाख 25 हजार 127 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। जांजगीर-चांपा जिला दूसरे क्रम पर रहा है यहां 8 लाख 24 हजार 552 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है। महासमुंद जिले ने 7 लाख 74 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर तीसरे क्रम पर रहा है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर जिले में 1,58,915 मीट्रिक टन, बीजापुर में 63,703 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा में 17,437 मीट्रिक टन, कांकेर में 3,18,793 मीट्रिक टन, कोण्डागांव में 1,53,322 मीट्रिक टन, नारायणपुर में 22,794 मीट्रिक टन, सुकमा में 46,291 मीट्रिक टन, बिलासपुर में 4,84,119 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 69,356 मीट्रिक टन, कोरबा में 1,70,237 मीट्रिक टन, मुंगेली में 3,83,622 मीट्रिक टन, रायगढ़ में 5,72,898 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 5,19,469 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।
इसी प्रकार बेमेतरा जिले में 6,30,616 मीट्रिक टन, दुर्ग में 4,17,097 मीट्रिक टन, कवर्धा में 4,16,281 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार में 6,96,431, मीट्रिक टन, धमतरी में 4,31,397 मीट्रिक टन, गरियाबंद में 3,31,512 मीट्रिक टन, रायपुर में 5,09,931 मीट्रिक टन, बलरामपुर में 1,93,867 मीट्रिक टन, जशपुर में 1,54,181 मीट्रिक टन, कोरिया में 1,40,093 मीट्रिक टन, सरगुजा में 2,19,967 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में 2,50,976 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।खाद्य सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम तेजी से जारी है। अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
18 वर्ष से अधिक के 75 प्रतिशत नागरिकों को दोनों टीके लगाए जा चुके, इस आयु वर्ग की लगभग पूरी आबादी को लग चुका है पहला टीका
राज्य में अब तक कुल 3.59 करोड़ टीके लगाए गए
रायपुर : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश की डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। वहीं 18 वर्ष से अधिक के लगभग सभी पात्र लोग कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवा चुके हैं। इस आयु वर्ग के एक करोड़ 95 लाख 89 हजार 893 नागरिकों को कोरोनारोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। राज्य में 15 से 18 वर्ष के दस लाख 26 हजार 890 किशोरों को भी इसका पहला टीका लगाया जा चुका है। इस आयु वर्ग के 63 प्रतिशत बच्चों को पहला टीका लग चुका है। प्रदेश के दो लाख 88 हजार 583 स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के नागरिकों को प्रिकॉशन डोज भी लगाया जा चुका है।
राज्य में 18 वर्ष से अधिक के एक करोड़ 47 लाख 85 हजार 068 नागरिकों और 15 से 18 वर्ष के दो लाख 21 हजार 982 किशोरों को कोरोना से बचाव का दोनों टीका लगाया जा चुका है। यह इन दोनों वर्गों के लिए निर्धारित टीकाकरण के लक्ष्य का क्रमशः 75 और 14 प्रतिशत है। दोनों आयु वर्गों में पहली और दूसरी, तथा प्रिकॉशन डोज को मिलाकर प्रदेश भर में अब तक (6 फरवरी तक) कुल तीन करोड़ 59 लाख 12 हजार 416 टीके लगाए गए हैं। -
एजेंसीमुंबई : सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की सेहत हाल ही में ठीक हुई थी और खबरें थी कि वो अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही हैं, लेकिन अब उनके चाहनेवालों के लिए बुरी खबर आ रही है. दरअसल लता मंगेशकर की तबियत फिर बिगड़ने की खबर आ रही है, पिछले 27 दिनों से मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट लता मंगेशकर की तबियत सुधर रही थी और एकाएक उनकी तबियत बिगडने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है. आईसीयू में हैं और फिलहाल उनकी सेहत की लगातार निगरानी की जा रही है.
लता मंगेशकर का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रतीत समधानी ने मीडिया को बताया कि ‘लताजी की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया है और साथ ही वो ICU में हैं और डॉक्टर्स की एक टीम 24*7 उनकी निगरानी कर रही है’
बता दें कि पिछले 27 दिनों से लता जी मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं, वहां उन्हें कोरोना संक्रमण होने के बाद भर्ती कराया गया था. कई बार उनकी हालत में सुधार आया और आज फिर उनकी तबियत बिगड़ी है. पांच दिन पहले मीडिया से बात करते हुए माहाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे ने बताया, “मैंने लता जी का इलाज कर रहे डॉक्टर्स से बात की और वो रिकवर कर रही हैं. वह पहले वेंटिलेटर पर थीं, लेकिन आज उनका वेंटिलेटर भी हटा दिया गया है. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गांधी एवं गांधीवाद देश के लिए श्रेष्ठ निधि: मुख्यमंत्री बघेल
गांधी विचार संगोष्ठी में सांसद श्री राहुल गांधी हुए शामिल
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी राजधानी रायपुर स्थित र्साइंस कॉलेज मैदान में सेवाग्राम स्थल में आयोजित गांधी विचार संगोष्ठी में भी शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में बनाए जा रहे सेवाग्राम के लिए बधाई दी और कहा कि यह बहुत अच्छी पहल है। हम इसके माध्यम से गांधी जी के विचारों को मूर्त रूप प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने गांधीवादी विचारक श्री गोपालकृष्ण गांधी के विचारों का उद्धरण देते हुए कहा कि गांधी जी एक व्यक्ति नहीं तपस्वी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन तपस्या में व्यतीत की और उन्होंने सच्चाई के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
सांसद श्री गांधी ने कहा कि तपस्वी आमजनों को तपस्या करने का संदेश देते हैं, वे चाहते है कि लोग उनके बताए रास्ते में चले, उनका अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सच्चाई के रास्ते पर चलता है उनके अंदर स्वतः त्याग, ईमानदारी की भावना जागृत होती है। जो व्यक्ति सच्चाई के रास्ते पर नहीं चलते, उनमें यह भावना नहीं होती। श्री राहुल गांधी ने कहा कि सच एक शब्द नहीं है, सच एक क्रिया है, हमें सौहार्द के साथ सही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, महात्मा गांधी जी का सपना सबके लिए आदर्श और अनुकूल समाज का निर्माण था। श्री राहुल गांधी ने कहा कि नेतृत्व समाज और सत्ता के बीच का समन्वय है। एक ऐसे समाज का निर्माण जिसमें सभी वर्गों के लिए बराबरी, सम्मान और स्वाभिमान का स्थान हो।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि गांधी और गांधीवाद देश के लिए श्रेष्ठ निधि है। उन्होंने कहा कि भारत के बिना गांधी नहीं और गांधी के बिना भारत नहीं। श्री बघेल ने कहा कि टॉलस्टाय, फिनिक्स, साबरमती आश्रम एवं सेवाग्राम के बाद हमारे छत्तीसगढ़ में सेवाग्राम आश्रम की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गांधी जी जो करते थे, वे सबके सहयोग से करते थे नवा रायपुर में जो सेवाग्राम बनाया जा रहा है, इसके लिए वर्धा स्थित पुराने सेवाग्राम ने 1.50 लाख रूपए की सहायता राशि दी है। मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि जिससे जैसा बन पड़े, वह नवा रायपुर सेवाग्राम बनाने के लिए सहयोग करें, भले ही एक रूपए का सहयोग क्यों न हो। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने सांसद श्री राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ का राजकीय गमछा, गांधी जी की प्रतिमा और कोसे के कपड़े में उकेरे गए सेवाग्राम भेंट की। इस अवसर पर श्री गोपालकृष्ण गांधी एवं प्रोफेसर आशीष नंदी के वीडियो संदेश का प्रदर्शन किया गया। संगोष्ठी कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत सहित मंत्रीमण्डल के सदस्य, संसदीय सचिव, सांसद, विधायकगण, गांधीवादी विचारधारा के लोग, वक्तागण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया। छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी बटालियन के माना रायपुर में निर्माण किया जाएगा। देश में कहीं भी पुलिस, सेना और सशस्त्र बलों में कर्तव्य पथ पर शहीद होने वाले छत्तीसगढ़ के वीरों और छत्तीसगढ़ में शहादत देने वाले देश भर के रणबांकुरों के सम्मान में जलती रहेगी छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति जलती रहेगी।
‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ देश के वीर सपूतों के बलिदान की स्मृतियों को संजोने, उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता तथा राष्ट्रप्रेम की भावना को वर्तमान पीढ़ी के साथ आने वाली भावी पीढ़ियों के हृदय में जगाए रखने का प्रभावी माध्यम बनेगी। इस गौरवशाली स्मारक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के लोग अपने वीर सपूतों के पराक्रम और शौर्य के गौरव को अनुभूत कर सकेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सांसद श्री राहुल गांधी के साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में पहुंचने पर गौर सिंग का मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया।
सांसद श्री राहुल गांधी के साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात की...
सांसद श्री राहुल गांधी के साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात की। समाज के लोगों ने उनका परम्परागत ढ़ंग से स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल उनके साथ थे।
सांसद श्री राहुल गांधी ने साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में लगाई गई विकास प्रदर्शनी के विभिन्न विभागीय पंडाल में जाकर छत्तीसगढ़ की विकास की गतिविधियों को देखा...
सर्व समाज एकता परिषद की एक अनूठी पहल : सांसद श्री राहुल गांधी ने कहा आज यह देश की जरूरत...
सासंद श्री राहुल गांधी ने साईंस कॉलेज के मुख्य कार्यक्रम स्थल में बस्तर डोम में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज एकता परिसर के प्रतिनिधियों से आत्मीय भेंट की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिला दंतेवाड़ा में सामाजिक सौहार्द, समरसता और एकता के लिए 5 एकड़ जमीन आबंटित की है। बस्तर के 12 आदिवासी समाज के सदस्यों को इसका लाभ मिलेगा। इस अवसर पर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने धान से बनी सांसद श्री राहुल गांधी का छाया चित्र भेंट भी किया।गौरतलब है कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आपसी सद्भाव बढ़ाने और भारतीय संस्कृति की मूल भावना, सर्व धर्म, श्रद्धा समृद्धि के अनुरूप अनूठे सर्व समाज एकता परिसर की कल्पना की गई है। दंतेवाड़ा जिले के 12 अलग-अलग समाजों के लोगों की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक विशाल परिसर और भवन बनवाने 5 एकड़ भूमि का आवंटन शासन द्वारा किया गया है। यह अनूठी पहल लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से एकजुट करेगी । -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी पहुंचे राजधानी रायपुर के माना स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट,मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सांसद श्री राहुल गांधी का किया आत्मीय स्वागत।
सांसद श्री राहुल गांधी को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल...
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर शासकीय कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए पांच कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली प्रारंभ करने की घोषणा के तारतम्य में आज सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय से अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से माह के द्वितीय एवं तृतीय शनिवार की भांति सभी शनिवार को अवकाश घोषित किया जाता है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि राज्य के मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा समस्त मैदानी कार्यालयों हेतु कार्यावधि सुबह 10 बजे से सायं 5.30 तक निर्धारित की जाती है। कार्यालयीन अवधि में भोजन अवकाश पूर्व की भांति रहेगा। यह आदेश अधिसूचना जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होगा।

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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा3 फरवरी को होगा राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ
बस्तर के डोम में विकास गाथा के साथ धार्मिक परम्पराएं भी देखने को मिलेगी
नवा रायपुर में बनने वाले सेवाग्राम पर भी प्रदर्शनी
सांसद श्री राहुल गांधी बतौर मुख्य अतिथि करेंगे शिरकत
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण योजना आगामी 3 फरवरी को शुरू करने जा रही है। ग्रामीण मजदूर वर्ग के लिए लॉन्च की जा रही इस योजना को ‘‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ नाम दिया गया है। इसका शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी के मुख्य आतिथ्य में राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह में किया जाएगा। इसके साथ ही ‘‘राजीव मितान क्लब योजना’’ के तहत राशि का आवंटन किया जाएगा। वहीं वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम की आधारशिला रखी जाएगी। इस समारोह के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस पूरे आयोजन के दौरान साइंस कॉलेज मैदान में विभिन्न स्टॉलों के जरिए छत्तीसगढ़ के विकास की झलक देखने को मिलेगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद ‘‘न्याय रू सब्बो बर-सब्बो डहर’’ के ध्येय को लेकर काम शुरू किया गया। राज्य सरकार सबसे पहले किसानों के लिए न्याय की योजना ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’ लेकर आयी, जिससे किसानों को उनकी लागत की उचित कीमत मिले। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के जरिए किसानों को फसल विविधीकरण एवं उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आदान सहायता (इनपुट सब्सिडी) के रूप में बड़ी धनराशि दी जा रही है। वहीं ‘गोधन न्याय योजना’ लागू कर राज्य सरकार गौपालकों, किसानों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी कर उन्हें सीधा लाभ दे रही है। इस योजना में खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में काम हो रहा है। साथ ही स्व-सहायता समूहों की महिलाओं व उनके परिवार को आर्थिक संबलता और समृद्धि मिल रही है। अब ‘न्याय’ की कड़ी में अब ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के लिए ‘न्याय’ मिलने जा रहा है, जिसमें ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके लिए अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना का शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी की मौजूदगी में होगा। कार्यक्रम में सांसद श्री राहुल गांधी योजना के पात्र 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण करेंगे।
रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम स्थल पर सात डोम होंगे। मुख्य डोम में मुख्य कार्यक्रम होगा, जिसमें वे ‘‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ का शुभारंभ करेंगे। इन डोमों में अलग-अलग जिलों द्वारा छत्तीसगढ़ में विकास गाथा को दर्शाती प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जहां शासन की प्रमुख योजनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही फ्लैगशिप योजनाओं को विभिन्न मॉडलों के माध्यम से दिखाया जाएगा।
सेवा ग्राम की आधारशिला रखी जाएगी, लगेगी प्रदर्शनी -
देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ के नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इसके लिए नवा-रायपुर में 75 एकड़ जमीन चिन्हांकित की गई है। सेवा ग्राम में देश की आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों को भी रेखांकित किया जाएगा। सांसद श्री राहुल गांधी 03 फरवरी को साइंस कॉलेज रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में इस सेवा ग्राम की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर सेवा ग्राम से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
बस्तर का डोम होगा आकर्षण का केन्द्र -
छत्तीसगढ़ का प्रमुख हिस्सा बस्तर की बात करें वहां पर बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक डोम बनाया जा रहा है। इस डोम में प्रवेश द्वार पर वैश्विक ब्रांड बन चुके डेनेक्स का स्टॉल होगा। वहीं डोम के चारों ओर बस्तर में विश्वास, विकास और सुरक्षा के ध्येय को लेकर काम को शिक्षा, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य, सुपोषण, कृषि, वनोपज व हर्बल उत्पाद, उद्यानिकी और कलागुड़ी के स्टॉल में दर्शाया जाएगा। बस्तर के डोम के केन्द्र में धार्मिक आस्था को मनोरम अंदाज में दर्शाते देवगुड़ी का मॉडल देखने को मिलेगा, जिसके अग्र भाग में आंगा को विराजित किया जाएगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज संसद में प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का बजट पूरी तरह से निराशाजनक और दिशाहीन है। बजट में किसानों, मजदूरों, युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। श्री बघेल ने कहा कि बजट को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि किसानों को, मजदूरों को कुछ मिलेगा, लेकिन इसमें कुछ नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में कोई बात नहीं कही गई है। पुराने बजट में जिन विषयों को शामिल किया गया था, उनके बारे में कोई प्रावधान नहीं है। 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी, वो भी पूरा नहीं हो रहा है। यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन बजट है। जिसमें न नौजवानों के लिए कुछ है, न बेरोजगारों के लिए, न महिलाओं के लिए और न किसानों के लिए कुछ है।
उन्होंने कहा कि बजट में भारत की सबसे बड़े ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, कृषि एवं किसान, बेरोजगार एवं गरीब, महिलाएं एवं युवा तथा मध्यम वर्ग व सामान्य जन के लिए किसी भी प्रकार की राहत अथवा उनकी आजीविका एवं आय बढ़ाने के बारे में कोई ठोस प्रावधान, कार्ययोजना अथवा इच्छाशक्ति नहीं दिखाई देती। बजट से किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का केन्द्र सरकार का वादा खोखला साबित हुआ है। -
देश में कहीं भी पुलिस/सेना/सशस्त्र बलों में कर्तव्य पथ पर शहीद होने वाले छत्तीसगढ़ के वीरों और छत्तीसगढ़ में शहादत देने वाले देश भर के रणबांकुरों के सम्मान में जलती रहेगी छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योतिद न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहीदों के सम्मान में राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का निर्माण कराने की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का निर्माण चैथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल माना रायपुर के परिसर में किया जायेगा। शहीदों के सम्मान में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति अनवरत जलती रहेगी। छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का भूमि पूजन सांसद श्री राहुल गांधी के हाथों आगामी 03 फरवरी को किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस बलिदानियों की पार्टी रही है और बलिदान का सम्मान करना जानती है। इतिहास गवाह रहा है कि जो भी समाज अपने शहीदों का सम्मान नहीं बनाये रखता, उनकी कुर्बानियों की यादों को संजोकर नहीं रखता, उनकी निशानियों का अपमान करता है, वो समाज मिट जाता है।
सन 1972 में हमारी प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने देश के शहीद वीर सैनिकों के सम्मान में नई दिल्ली में अमर जवान ज्योति प्रज्ज्वलित की थी जो 1972 से लगातार जलती आ रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शिफ्ट कर दिया। इंडिया गेट पर जलती हुई अमर जवान ज्योति आने जाने वालों को दिखती रहती थी उनमें देश के शहीदों के प्रति गर्व और कृतज्ञता का भाव पैदा करती थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इंडिया गेट स्थित अमर ज्योति बुझाए जाने से वे आहत हुए हैं लेकिन अब राजधानी रायपुर में भी शहीदों के सम्मान में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्ज्वलित होगी। छत्तीसगढ़ के जिन सपूतों ने वर्दीधारी सेवाओं में जाकर देश के लिये प्राण न्यौच्छावर किये, साथ ही छत्तीसगढ़ में देश भर के जिन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी उनकी शहादत का सम्मान हम ’छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ के माध्यम से करेंगे।
छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति में शहीदों की नामावली सूची की दीवार, मेमोरियल टावर एवं वीवीआइपी मंच भी तैयार किया जाएगा । शहीदों की नामावली सूची की दीवार का निर्माण ब्राउन मार्बल से एवं शहीदों के नाम को उसी मार्बल में खुदाई कराकर लिखा जाएगा। यह दीवार लगभग 25 फीट ऊंची एवं लगभग 100 फीट की लंबाई के अर्धचंद्राकार रूप में रहेगी इस दीवार की मोटाई 3 फीट होगी। मेमोरियल टावर की स्थापना अर्धचंद्राकार दीवार के सामने बलुआ पत्थर ब्राउन व्हाइट मार्बल ग्रेनाइट से की जाएगी। इसके शीर्ष में स्मृति चिन्ह का निर्माण कराया जाएगा । मेमोरियल टावर के सामने आधार पर राइफल एवं हेलमेट प्रतीक चिन्ह के रूप में रहेगा। इसी प्रतीक चिन्ह के सामने छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्वलित होगी जो भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से ईंधन सप्लाई द्वारा 24 घंटे प्रज्वलित होगी।
मेमोरियल टावर के ठीक सामने किलानुमा दो मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा जिस भवन के आधार की लंबाई 150 फीट एवं चैड़ाई 90 फीट होगी इस भवन की ऊंचाई 40 फीट होगी उक्त भवन के सामने 16 बिगुलरों के खड़े होने के लिए 16 गुंबदों का निर्माण कराया जाएगा। इस भवन के प्रथम तल पर शहीदों की चित्र प्रदर्शनी एवं द्वितीय तल पर शस्त्र प्रदर्शनी रखी जाएगी। इस इकाई में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस के दौरान सम्मिलित शहीदों के परिजनों के ठहरने हेतु सर्व सुविधा युक्त मेस एवं आवासीय कमरों का निर्माण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति देश प्रदेश के एक गौरव स्थल के रूप में स्थापित हो जायेगी। -
मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : इजराइली स्पाइवेयर पेगासस डील पर न्यूयॉर्क टाइम्स की नई रिपोर्ट ने देश की सियासत को फिर से गरमा दिया है। इसे लेकर विपक्ष देश की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं।
दरअसल, अमेरिका के दैनिक समाचार पत्र 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अपनी एक खबर में यह दवा कि कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजराइल के बीच 2017 में हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे के "केंद्रबिंदु" थे।
पेगासस मुद्दे पर किसने क्या कहा?सरकार पर हमला करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर कहा, "मोदी सरकार ने भारत के दुश्मनों की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ युद्ध के हथियार का इस्तेमाल क्यों किया?" उन्होंने आगे कहा कि पेगासस का उपयोग करके अवैध जासूसी करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।
पेगासस मुद्दे पर कई बार मोदी सरकार को घेर चुके राहुल ने आज फिर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। राहुल ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है, ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।
वहीं, राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में "खुलासे" का मतलब है कि सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और संसद को "गुमराह" किया।
वहीं, यूथ कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने भी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि ऐसे में साबित हुआ! चौकीदार ही जासूस है..'
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि विपक्ष और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "अगर बीजेपी है तो संभव है। उन्होंने देश को बिग बॉस शो बना दिया है।"
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "मोदी सरकार को आज न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे का खंडन करना चाहिए कि उसने वास्तव में इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को करदाताओं के पैसे से र 300 करोड़ का भुगतान किया था।
बता दें कि पिछले साल उस समय विवाद खड़ा हो गया था, जब भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए कुछ सरकारों द्वारा कथित तौर पर एनएसओ समूह के पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग की बात सामने आई थी। इसके चलते गोपनीयता संबंधी मुद्दों के लेकर चिंताएं पैदा हो गई थीं।
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने " द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन" शीर्षक वाली एक खबर में कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप लगभग एक दशक से इस दावे के साथ "अपने निगरानी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेच'' रहा था कि वह जैसा काम कर सकता है, वैसा कोई और नहीं कर सकता।
खबर में पीएम मोदी का उल्लेखखबर में जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा का भी उल्लेख किया गया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजराइल यात्रा थी खबर में कहा गया है कि भारत-इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे में स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली -
एजेंसी
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल गरम है। दिल्ली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हेलिकाप्टर रोके जाने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'मेरे हेलिकाप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहां से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साजिश है। जनता सब समझ रही है।' साथ ही उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि सत्ता का दुरूपयोग हारते हुए लोगों की निशानी है। समाजवादी संघर्ष के इतिहास में ये दिन भी दर्ज होगा ! हम जीत की ऐतिहासिक उड़ान भरने जा रहे हैं।
आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के साथ अखिलेश यादव एक प्रेस कांन्फ्रेंस करने वाले हैं। लेकिन इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे हेलीकाप्टर को दिल्ली में जानबूझ कर रोका गया और इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के लिए नहीं उड़ने दिया जा रहा है। हालांकि तस्वीरें वायरल होने के कुछ देर बाद उन्हें इजाजत मिल गई। मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव का हेलिकाप्टर मुजफ्फरनगर के लिए उड़ान भर चुका है।
बता दें कि मुजफ्फरनगर में प्रेस कान्फ्रेंस से पहले जयंत चौधरी ने भी भाजपा पर निशाना साधा था। भाजपा के आफर पर उन्होंने कहा कि अमित शाह के आफर में साजिश की बू आ रही थी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव देश के अस्तित्व के लिए जरूरी है। जयंत ने एक दिन पहले कहा था कि वह चवन्नी नहीं है जो पलट जाएं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन है। पहले चरण के चुनाव में ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान होने हैं। इसी को लेकर आज अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर पहुंचे हुए हैं।
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एजेंसीनई दिल्ली: सरकारी नौकरियों में SC और ST को पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट (Surpeme Court) ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले फैसलों में तय किए गए आरक्षण के पैमाने हल्के नहीं होंगे. केंद्र और राज्य अपनी-अपनी सेवाओं में एससी-एसटी के लिए आरक्षण के अनुपात में समुचित प्रतिनिधित्व को लेकर तय समय अवधि पर रिव्यू जरूर करेंगे. प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी.
जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि हमने माना है कि हम प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकते. राज्य SC- ST प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं. कोर्ट ने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. ये समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए . प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए अदालत कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकती. राज्य अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य है. कैडर आधारित रिक्तियों के आधार पर आरक्षण पर डेटा एकत्र किया जाना चाहिए. राज्यों को आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से समीक्षा करनी चाहिए. केंद्र सरकार समीक्षा की अवधि निर्धारित करेगी. नागराज मामले में फैसले का संभावित प्रभाव होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. ये समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए . प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए अदालत कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकती. राज्य अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य है. कैडर आधारित रिक्तियों के आधार पर आरक्षण पर डेटा एकत्र किया जाना चाहिए. राज्यों को आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से समीक्षा करनी चाहिए. केंद्र सरकार समीक्षा की अवधि निर्धारित करेगी. नागराज मामले में फैसले का संभावित प्रभाव होगा. कैडर की बजाए समूहों के आधार पर डेटा इकट्ठा करना फैसले का उल्लंघन होता है. सरकारी आरक्षण नीतियों की वैधता के मुख्य मुद्दे पर 24 फरवरी से सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि हमने 6 प्वाइंट पर इस मुद्दे को बांटा है और उत्तर दिया है. एक जरनैल सिंह और नागराज के प्रकाश में मानदंड है. हमने माना है कि हम प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकते हैं. राज्य SC- ST प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पदों में आरक्षण के लिए मात्रात्मक आंकड़ों के संग्रह के लिए कैडर आधार होना चाहिए. हमने अनुसूचित जाति और जनजाति के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए मानदंड का आकलन करने के लिए इसे राज्य पर छोड़ दिया है. 26 अक्तूबर 2021 को जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र ने पहले पीठ से कहा था कि यह जीवन का एक तथ्य है कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है. वेणुगोपाल ने प्रस्तुत किया था कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है. समय आ गया है जब शीर्ष अदालत को रिक्तियों को भरने के लिए एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग ( OBC) के लिए कुछ ठोस आधार देना चाहिए .
पीठ ने पहले कहा था कि वह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगी और कहा कि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करने जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से डेटा मांगा था कि जिसमें दिखाया गया हो कि पदोन्नति में आरक्षण जारी रखने का निर्णय प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता को लेकर मात्रात्मक डेटा पर आधारित था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए 2006 में नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले के अनुसार प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता का पता लगाने के लिए उसने क्या अभ्यास किया ? सार्वजनिक रोजगार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि वह एक विवादास्पद मुद्दे पर फैसला करेगा कि आरक्षण अनुपात पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर होना चाहिए या नहीं. अदालत ने कहा था कि हम जो सवाल पूछ रहे हैं वह यह है कि प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का पता लगाने के लिए नागराज के बाद क्या अभ्यास किया गया है. यदि हम आरक्षण की पर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए जनसंख्या से जाते हैं, तो इसकी बड़ी खामियां हो सकती हैं. केंद्र को इस पर विवेक लगाना चाहिए था. पर्याप्तता का क्या मतलब है. अदालत ने पूछा कि आखिर इतने दिनों तक सरकारी नौकरियों में ये व्यवस्था क्यों लंबित रखी गई? कोर्ट ने पूछा था कि आपके पास इस बाबत क्या आंकड़े हैं?
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने इंदिरा साहनी मामले का हवाला दिया कि उनकी दलील थी कि उस फैसले के बाद भी अब तक अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था सुचारू तौर पर नहीं हो पाई है. जस्टिस एलएन राव ने कहा था कि आरक्षण व्यवस्था को लेकर नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2006 में आया था. अब तक उस पर अमल के लिए सरकार ने क्या किया? अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उस फैसले के मुताबिक- बदलाव की बात कही तो कोर्ट ने फिर टोका कि ये बदलाव तो 2017 में किए गए! 2006 से 2017 तक क्यों कुछ नहीं किया गया?अटार्नी जनरल ने कहा था कि दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट के एक जजमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ही स्टेटस को यानी यथास्थिति बहाल कर रखी थी. कोर्ट ने फिर पूछा हमने आरक्षण पर रोक लगाई तो आपने प्रमोशन पर कब रोक लगाई!
AG ने कहा कि प्रमोशन तो रोस्टर आधारित था, जिसमें DoPT के नियमों के तहत 15 फीसदी से ज्यादा को तरक्की नहीं दी जा सकती. इस वजह से हजार से ज्यादा पदों पर नियमित और तरक्की से भर्ती नहीं हो पाई. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि डाटा के आधार पर हम टेस्ट केस के तौर पर परीक्षण करेंगे कि कैडर वार समुचित तौर पर इसे अमली जामा कैसे पहनाया जा सकता है. ASG बलबीर सिंह ने कहा कि 1997 में DoPT ने एक ऑफिशियल मेमोरेंडम जारी कर वेकेंसी आधारित आरक्षण को पोस्ट आधारित आरक्षण में तब्दील कर दिया था. उस तरीके से पता चलता था कि खाली पदों पर भर्ती कैसे होगी. इस तरह गणितीय आधार पर 15 और साढ़े सात फीसदी के तर्ज पर पद भरे जा रहे थे. पीठ ने कहा कि रोस्टर पदों की संख्या के आधार पर हों ये एक मानदंड हो सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से इसके भी आंकड़े नहीं हैं. हम तो ये जानना चाहते हैं कि आपने किस आधार पर रिजर्वेशन की व्यवस्था रखी है. उसे तथ्यपरक और तार्किक तौर पर हमें समझाएं.AG ने कहा कि कई तरह के अदालती फैसलों में भी अंतर्विरोध है. सबसे पहले 1995 में आया फैसला, जिसके बाद से हर साल ऊंचे पदों पर अनुसूचित जाति और जनजातियों के उम्मीदवार और दावेदारों की संख्या लगातार काम होती गई, जबकि निचले पदों पर श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए संख्या बहुत रहती थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि यही तो तय करना है कि प्रमोशन में आरक्षण अनुपातिक आधार पर हो या एकबार समुचित आधार पर और फिर सबके लिए बराबर. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि इस बाबत उपलब्ध आंकड़ों के चार्ट तैयार करा कर कोर्ट को दें ताकि स्थिति साफ हो सके. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो देश भर में नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मामलों की 5 अक्तूबर से अंतिम सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य के अपने अनूठे मुद्दे हैं इसलिए राज्यवार मामलों की सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे राज्यों के लिए अनूठे मुद्दों की पहचान करें और दो हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें. दरअसल, केंद्र और राज्यों ने पदोन्नति नीति में आरक्षण से संबंधित मामलों पर तत्काल सुनवाई की मांग की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की वजह ये लाखों पदों पर नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं. हाईकोर्ट के परस्पर विरोधी आदेशों के कारण कई पद रिक्त पड़े हैं इसलिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व और पिछड़ेपन को मापने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की आवश्यकता है. राज्यों ने कहा है कि केंद्र सरकार के स्तर पर नियमित पदों के लिए पदोन्नति हुई थी, लेकिन देश भर में आरक्षित पदों पर पदोन्नति 2017 से अटकी हुई है.
दरअसल, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच पदोन्नति में आरक्षण नीति को लेकर लगभग 133 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. पीठ ने साफ कर दिया है कि वो पिछले फैसले में पहले से तय किए गए मुद्दों को फिर से नहीं खोलेगी. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण नीति कैसे लागू हो ये बताने की जरूरत नहीं है. नागराज फैसले में निर्देश पारित किया गया है कि प्रत्येक राज्य को अंतिम रूप देना है कि वे इसे कैसे लागू करेंगे. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने SC को बताया था कि महाराष्ट्र सरकार ने अब "प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता" पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया है. सवाल यह है कि यह पहले क्यों नहीं किया गया. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा था. इस मामले में होईकोर्ट भी हस्तक्षेप कर रहे हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट को जल्द इस मामले का निपटारा करना चाहिए. प्रोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसमें बहुत सी याचिकाएं एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न हैं. एम नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि सरकार को प्रोन्नति में आरक्षण देने से पहले अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़ें जुटाने होंगे .























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