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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
24, 25 एवं 26 फरवरी को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके करा सकते हैं रिकॉर्डिंग
13 मार्च को प्रसारित होगी 27 वीं कड़ी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस बार रेडियोवार्ता लोकवाणी में ‘छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति से सरोकार‘ विषय पर बातचीत करेंगे। इस संबंध में कोई भी नागरिक आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 24, 25 एवं 26 फरवरी को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकॉर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27 वीं कड़ी का प्रसारण 13 मार्च 2022 को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस योजना को लागू कर ना सिर्फ महंगाई के दौर में लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाई है, अपितु जनता से किया गया एक बड़ा वायदा भी पूरा किया है। छत्तीसगढ़ के हर गांव, हर शहर में लोगों को इस योजना का सीधा लाभ मिल रहा है। पहले 1 माह का जो बिजली बिल 1000 से 1200 रुपए तक आता था, वह बिल अब उतनी ही बिजली की खपत के लिए 500 से 600 रुपए तक आ रहा है। इससे लोगों के बिजली पर होने वाले खर्च में कमी आई और वे बचत राशि का उपयोग अपनी दूसरी जरूरतों को पूरा करने में कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 1 मार्च 2019 से लागू की गई हाफ बिजली बिल योजना में बिजली उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक की बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि बिजली उपभोक्ताओं का कोई भी बिल लंबित ना हो, उन्होंने अपने पुराने बिजली बिल चुका दिए हों। हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के 40 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में 2145 करोड़ रुपए की बड़ी छूट मिली है। सस्ती बिजली से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के घर का बजट सुधरा है। इस योजना के माध्यम से जहां घरेलू बचत को प्रोत्साहन मिला है, वहीं यह भी सुनिश्चित हुआ है कि लोग अपने बिजली बिल का नियमित भुगतान करें। बिल की राशि जमा नहीं करने वाले योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे।
योजना के क्रियान्वयन के लिए घरों में मीटर रीडिंग कर उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने में उपयोग में लाई जा रही स्पॉट बिलिंग मशीन के सॉफ्टवेयर को हाफ बिजली बिल योजना के अनुसार अपडेट किया गया है। मशीन 400 यूनिट तक बिजली की हर खपत के लिए स्वचालित रूप से 50 प्रतिशत छूट के साथ बिजली बिल जनरेट करती है। राज्य सरकार द्वारा हाफ बिजली बिल योजना के अलावा एकल बत्ती कनेक्शन योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर माह 30 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जा रही है। लगभग 18 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 2 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता बढ़े हैं।
घरेलू बिजली उपभोक्ता इस योजना को लागू करने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं। महासमुंद के श्री अनिल चौधरी इस योजना को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि पहले जो बिजली बिल 1000 से 1200 रुपए आता था, वह सिमट कर 500 से 700 रूपए रह गया है। महासमुंद के ही बिजली उपभोक्ता श्री चमन चंद्राकर बताते हैं कि उन्हें बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिल रहा है, इससे उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिली है। रायपुर की सीनू योजना के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहती हैं कि योजना से मिली छूट से राहत मिली है। रायपुर के श्री राकेश साहू भी राज्य सरकार को धन्यवाद देते नहीं थकते।
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द न्यूज़ इंडिया सामाचार सेवा
रायपुर : राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा शहरी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं (UHWC) में 910 पदों पर संविदा भर्ती की जाएगी। इनमें चिकित्सा अधिकारी के साथ ही स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के पद शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा राज्य स्तर पर 182 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। वहीं 16 जिलों में जिला स्तर पर स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल 728 पदों पर भर्ती होगी।
चिकित्सा अधिकारी (संविदा) की भर्ती के लिए एम.बी.बी.एस. की उपाधि या भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष उपाधि (समकक्ष उपाधि में केवल एलोपैथी पद्धति की उपाधि ही मान्य होगी) की योग्यता रखी गई है। इसके लिए 25 फरवरी से 15 मार्च 2022 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। किसी अन्य माध्यम से आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। विज्ञापन तिथि तक अभ्यर्थी की सभी शैक्षणिक एवं अन्य अर्हताएं पूर्ण होना अनिवार्य है, अन्यथा आवेदन पत्र अस्वीकृत कर दिया जाएगा। इस संबंध में कोई पत्र व्यवहार मान्य नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों को सभी प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन में संलग्न करना अनिवार्य है। इसके बिना आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक की उम्र 1 जनवरी 2022 को न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 70 वर्ष होना चाहिए। आयु की गणना 1 जनवरी 2022 को आधार मानकर की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट www.cghealth.nic.in पर विज्ञापन का प्रारूप एवं भर्ती संबंधी अन्य जानकारियां देखी जा सकती हैं।
राज्य स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के साथ ही शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (UHWC) के लिए चार अलग-अलग कनिष्ठ पदों स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मापदण्डों के अनुरूप जिला स्तर पर भर्ती की जाएगी। इसके अंतर्गत बलौदाबाजार, राजनांदगांव एवं कोरिया जिले में स्टॉफ नर्स के 3, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 3, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 3 एवं चतुर्थ श्रेणी के 3 पदों पर भर्ती की जाएगी। बस्तर, महासमुंद एवं कवर्धा जिले में स्टॉफ नर्स के 4, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 4, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 4 एवं चतुर्थ श्रेणी के 4, बिलासपुर में स्टॉफ नर्स के 14, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 14, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 14 एवं चतुर्थ श्रेणी के 14 पदों पर भर्ती होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत धमतरी एवं रायगढ़ जिले में स्टॉफ नर्स के 6, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 6, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 6 और चतुर्थ श्रेणी के 6 पदों पर भर्ती की जाएगी। दुर्ग में स्टॉफ नर्स के 27, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 27, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 27 एवं चतुर्थ श्रेणी के 27 पदों पर भर्ती होगी। जांजगीर-चांपा में स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के एक-एक पद पर भर्ती की जाएगी। कांकेर तथा मुंगेली जिले में स्टॉफ नर्स के 2, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 2, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 2 एवं चतुर्थ श्रेणी के 2 पदों, कोरबा में स्टॉफ नर्स के 19, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 19, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 19 एवं चतुर्थ श्रेणी के 19 पदों, रायपुर में स्टॉफ नर्स के 76, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 76, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 76 एवं चतुर्थ श्रेणी के 76 पदों तथा सरगुजा में स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के 8-8 पदों पर भर्ती की जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाराज्य सरकार द्वारा सम्पर्क हेतु दूरभाष नम्बर जारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा यूक्रेन से संबंधित मुद्दों पर छत्तीसगढ़ के लोगों की मदद के लिए नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन में सम्पर्क अधिकारी श्री गणेश मिश्र को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। श्री मिश्र से दूरभाष नम्बर 01146156000, मोबाइल नम्बर +91-9997060999 और फैक्स क्रमांक 01146156030 पर सम्पर्क किया जा सकता है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के जरिये राज्य के 1497 हाट-बाजारों में ग्रामीणों को मिल रही निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, उपचार व दवाईयां हाट-बाजारों में प्रारंभ से अब तक 21.63 लाख लोगों का इलाज
08 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मलेरिया, डेंगू, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांचशिशुओं का टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं की जांच भी
रायपुर : मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना राज्य के समस्त जिलों एवं विकासखण्डों में संचालित है। योजना के अंतर्गत हाट- बाजार में आने वाले समस्त मरीजों का ओ.पी.डी. आधारित 08 प्रकार की सेवाएं तथा जांच की जा रही है। जांच उपरांत पाए गए व्याधिग्रस्त लोगों को दवाईयों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है तथा आवश्यकता होने पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों में संदर्भन कर चिकित्सकीय सेवा प्रदान की जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य में 356 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दल के माध्यम से चिकित्सा सुविधा प्रदाय किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के वनांचलों और ग्रामीण इलाकों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा 21 लाख 62 हजार 751 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है। हाट-बाजारों की क्लिनिक में पहुंचे 19 लाख 60 हजार 270 मरीजों की जांच कर निःशुल्क दवाईयां दी गई हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत जनवरी 2022 तक प्रदेश के 1497 हाट-बाजारों में क्लिनिक लगाकर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दौरान कुल 64 हजार 401 हाट-बाजार क्लिनिक शिविर आयोजित किए गए हैं।
हाट-बाजार क्लिनिक में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, वी.डी.आर.एल., मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लिनिकों में गर्भवती महिलाओं की जांच व शिशुओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है।वर्ष 2019 से शुरू मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत अब तक 04 लाख 90 हजार 143 लोगों के उच्च रक्तचाप, 03 लाख 40 हजार 649 लोगों की मधुमेह, 02 लाख 20 हजार 336 लोगों की मलेरिया जांच, 01 लाख 03 हजार 831 लोगों की रक्त-अल्पता (एनिमिया) और 66 हजार 24 लोगों के नेत्र विकारों की जांच की गई है। हाट-बाजार क्लिनिकों में 20 हजार 563 लोगों की टीबी, 06 हजार 340 लोगों की कुष्ठ और 12 हजार 639 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान 39 हजार 733 गर्भवती महिलाओं की जांच और 11 हजार 871 शिशुओं को टीके भी लगाए गए हैं। हाट-बाजार क्लिनिकों में 49 हजार 917 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है। -
एजेंसी
नई दिल्ली: चारा घोटाले के डोरडा कोषागार के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव को पांच साल की सजा और 60 लाख जुर्माना की सजा हुई है. 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के गबन के मामले में सीबीआई अदालत राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 38 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
सीबीआई के विशेष अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि 38 दोषियों में से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं. इस मामले में सीबीआई ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे.
चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में चौदह वर्ष तक की सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव समेत 99 लोगों के खिलाफ अदालत ने सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद 29 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि संयुक्त बिहार में चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. एजेंसी ने लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए थे. सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और रांची जेल भेज दिया था.
दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया. झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी थी. चारा घोटाले में कुल पांच मामले चल रहे हैं, जिसमें यह पांचवां और अंतिम मामला है.
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाने पर जोर
रायपुर : राज्य में मूलभूत साक्षरता के विकास के लिए बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के दौरान 22 फरवरी को राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों में कहानी उत्सव मनाया जाएगा। कहानी सुनाने के लिए स्कूलों में बड़े-बुजुर्गाें को आमंत्रित किया जाएगा, जो स्थानीय भाषा में बच्चों को कहानी सुनाएंगे। आयोजन के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से दिशा-निर्देश सभी जिला मिशन समन्वय समग्र शिक्षा को जारी कर दिए गए हैं।
कहानी सुनाना दुनिया को सबसे प्राचीन शिक्षण उपकरण है। प्राचीन काल से मौखिक परंपरा का उपयोग, ज्ञान, विश्वास, परंपराओं और इतिहास को प्रसारित करने के लिए किया जाता रहा है। कहानी सुनाना किसी की कल्पना को उसके रहने वाले परिवेश या संदर्भ के साथ जोड़ता है, वह वाचक और श्रोता के बीच सार्थक संबंध के लिए आपसी अंतर को दूर करता है। कहानी एक बहुसांस्कृतिक समाज में अनेक लोगों के दिल और दिमाग को छुने के लिए सामान्य आधार बनाता है। छोटे बच्चों को कहानियां बहुत पसंद आती है। स्थानीय बुजुर्गाें से स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने का अवसर मिलने से उनके सुनने की दक्षता का विकास होता है।
जिला मिशन समन्वयकों को निर्देशित किया गया है कि सभी प्राथमिक स्कूलों में कहानी उत्सव का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। बड़े बुजुर्गोें द्वारा सुनाई गई कहानियों को बड़ी कक्षा के बच्चों द्वारा लिखकर संकलित किया जाए। स्कूलों में उसकी वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था रखें, ताकि उसे बाद में साझा किया जा सके। इस कार्यक्रम का आयोजन व्यापक स्तर पर करते हुए राज्य में मूलभूत साक्षरता और गणितीय कौशल विकास अभियान में सुनने के कौशल का विकास करने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए बड़े बुजुर्गाें के माध्यम से कहानी सुनाने की परंपरा को प्राथमिक स्कूलों में निरंतर जारी रखने की व्यवस्था की जाए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
यह मात्रा फरवरी तक के सप्लाई प्लान का मात्र 52 प्रतिशत
छत्तीसगढ़ को 4.36 लाख मेट्रिक टन खाद उपलब्ध कराने
की बात असत्य एवं भ्रामक: कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा रबी सीजन 2021-22 के लिए अब तक मात्र 2 लाख 12 हजार 162 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति की गई है, जो कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए अक्टूबर से फरवरी माह तक के लिए जारी सप्लाई प्लान का 52 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों का आबंटन स्वीकृत मात्र एवं सप्लाई प्लान के अनुसार नहीं किया जा रहा है।
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भारत सरकार को रबी वर्ष 2021-22 के लिए 7.50 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की मांग की गई थी। किन्तु भारत सरकार ने 4.11 लाख मेट्रिक टन उर्वरक छत्तीसगढ़ को दिए जाने की स्वीकृति दी गई, जो कि राज्य की मांग का मात्र 55 प्रतिशत ही है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा मांग किए गए उर्वरक की मात्रा में पहले ही भारत सरकार द्वारा 45 प्रतिशत की कमी कर दी गई है। चालू रबी सीजन के लिए भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को स्वीकृत 4.11 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों में यूरिया 2 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 60,000 मेट्रिक टन, एनपीके 50,000 मेट्रिक टन, एमओपी 26,000 मेट्रिक टन एवं एसएसपी 75,000 मेट्रिक टन शामिल है।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने बताया कि स्वीकृत मात्रा 4.11 लाख मेट्रिक टन के विरूद्ध भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को अक्टूबर से फरवरी तक 3 लाख 46 हजार 225 मेट्रिक टन उर्वरकों की सप्लाई का प्लान जारी किया गया है। सप्लाई प्लान के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को आज की स्थिति में मात्र 2 लाख 12 हजार 162 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की ही आपूर्ति की गई है, जो कि छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत मात्रा का मात्र 52 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को कुल आवश्यकता के मुकाबले 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने की बात असत्य एवं भ्रामक है।
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि रबी सीजन 2021-22 में राज्य में एक अक्टूबर 2021 की स्थित में रासायनिक उर्वरकों की बचत मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा नवीन आपूर्ति की मात्रा को यदि मिला दिया जाए तो पर भी रासायनिक उर्वरकों की कुल मात्रा 3 लाख 69 हजार 817 मेट्रिक टन होती है, जो कि भारत सरकार द्वारा बताई जा रही मात्रा की 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन से काफी कम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा आवश्यकता के मुकाबले 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराए जाने की बात पूरी तरह से असत्य है। -
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मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों और
गौठान समितियों को जारी की 10.24 करोड़ रूपए की राशि
गोबर विक्रेताओं को अब तक 127.79 करोड़ रूपए का भुगतान
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में रायपुर और दुर्ग के 10 गौठानों में जैविक गुलाल और पूजन सामग्री के उत्पादन के लिए किए गए एमओयू पर हस्ताक्षर
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक पदार्थाें से निर्मित उत्पादों के लिए एकीकृत ‘अर्थ ब्रांड‘ किया लांच
गौठानों में 152 तेल मिलों और 173 दाल मिलों की होगी स्थापना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और सुराजी गांव योजना किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाली योजनाएं साबित हुई हैं। गोधन न्याय योजना को लगातार नया आयाम दिया जा रहा है। अब प्रदेश में गोधन न्याय योजना का संचालन मिशन के रूप में किया जा रहा है। इस योजना में गौठानों में गोबर के क्रय, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने सहित गौठानों में संचालित विभिन्न आयमूलक गतिविधियों से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिल रही है। आने वाले समय में गांव-गांव में बनाए गए गौठानों को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की, इस राशि में 16 जनवरी से 15 फरवरी तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 5 करोड़ 62 लाख रूपए का भुगतान तथा गौठान समितियों को 1.88 करोड़ और महिला समूहों को 2.75 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर विक्रेताओं को गोबर खरीदी शुरू होने से लेकर अब तक 127 करोड़ 79 लाख रूपए राशि का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार इस योजना के शुरू होने से लेकर अब तक स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 79 करोड़ 39 लाख रूपए की भुगतान किया जा चुका है।
कार्यक्रम में गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जैविक गुलाल एवं पूजन सामग्री तैयार करने के लिए संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी तथा श्री गणेश ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत प्रथम चरण में दुर्ग एवं रायपुर जिले के 10 गौठानों में जैविक गुलाल एवं पूजन सामग्री निर्मित की जाएगी। इसके लिए दोनों जिलों के 150 महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह जैविक गुलाल के साथ-साथ पूजन सामग्री जिसमें चंदन पाउडर, रूई बत्ती, कुमकुम, रोली, हवन आदि सामग्री तैयार करेंगी।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर राज्य के गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक रूप से निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों के एकीकृत ब्रांडनेम ‘अर्थ‘ को लॉन्च किया। इसके साथ ही बाजार में अर्थ ब्रांडनेम से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के गिफ्ट हैम्पर विक्रय के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अर्थ ब्रांड के लोगो का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी उत्पादों की मार्केटिंग ूूूण्ंतजीबहण्बवउ वेबसाईट के माध्यम से की जाएगी। गौठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक पदार्थाें पर आधारित इम्यूनिटी-टी, एसेंशियल ऑयल, साबुन, जैविक गुलाल और पूजन सामग्र्री जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनांदगांव जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जैविक-गुलाल और पूजन-सामग्री के निर्माण का कार्य शुरु किया गया था। वहां इसके लिए सखी समूह संगठन सोमनी और श्री गणेश ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ है। राजनांदगांव की बहनों को इस काम में बहुत अच्छी सफलता मिली है। अब इसी काम का विस्तार करते हुए इसे रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों में भी शुरु किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट के निर्माण के साथ बिजली उत्पादन, प्राकृतिक पेन्ट निर्माण, दाल मिलों और तेल मिलों की स्थापना जैसे कार्य हो रहे है। अब तक गौठानों में 18 तेल मिलों और 53 दाल मिलों की स्थापना का कार्य किया जा चुका है। गौठानों में 152 तेल मिल और 173 दाल मिल स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल राज्य में 97.98 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। किसान भाईयों को 19 हजार 36 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बन रहा है। प्रदेश में धान के रकबे और धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के जीवन में जो बदलाव आया है, आज उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। मैंने पिछले कुछ दिनों में उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड सहित कई राज्यों का दौरा किया है। दूसरे राज्यों में जब छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास की चर्चा होती है तो मुझे भी बहुत गर्व होता है।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन से हमें रासायनिक उर्वरकों की कमी की समस्या का समाधान करने में सफलता मिली है। अब तक लगभग 127 करोड़ रूपए का गोबर क्रय किया गया। जिसमें से लगभग 91 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। इसके साथ ही साथ अन्य गतिविधियों से लगभग 51.36 करोड़ रूपए की आय स्व-सहायता समूहों द्वारा अर्जित की गई है। इसके अलावा स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 79.39 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। जितनी राशि का गोबर खरीदा गया लगभग उतनी राशि अर्जित की गई है। आने वाले समय में गौठानों की व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले खरीफ मौसम में भी किसानों के लिए वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट की उपलब्धता बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। श्री चौबे ने सभी मंत्रिगणों से विभिन्न जिलों के भ्रमण के दौरान गौठानों का दौरा कर वहां संचालित गतिविधियों का निरीक्षण करने तथा उनमें अधिक सुधार के लिए अधिकारियों को सुझाव देने का आग्रह भी किया।कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के माध्यम से 97 हजार 529 भूमिहीन लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वीकृत 10 हजार 591 गौठानों मंे 7933 गौठान निर्मित हो चुके हैं तथा 2300 गौठान निर्माणाधीन है तथा 2549 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी और फरवरी माह में किसानों ने गौठानों में लगभग 31.35 करोड़ रूपए की लागत का 15 लाख 67 हजार क्विंटल से अधिक पैरादान किया है। गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारती दासन ने गौठानों में जैविक गुलाल और पूजन सामग्र्री के उत्पादन के लिए आज किए गए एमओयू के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का विस्तार रायपुर और दुर्ग जिले के 5-5 गौठानों में किया जा रहा है, जहां 75-75 महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा जैविक गुलाल और पूजन सामग्री तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि आगामी एक वर्ष में लगभग 100 मेट्रिक टन जैविक गुलाल तैयार किया जाएगा, जिसकी कीमत 1.50 से 2 करोड़ रूपए होगी। इसी प्रकार 2 से 3 करोड़ रूपए मूल्य की 100 मेट्रिक टन पूजन सामग्री इन गौठानों में तैयार की जाएगी। महिलाओं को दैनिक पारिश्रमिक के अलावा उत्पादों को विक्रय से अर्जित आय का 5 प्रतिशत लाभांश के रूप में दिया जाएगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी भी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2021-22 का विधानसभा में उपस्थापन के संबंध में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया |बजट अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिये छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया । छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया | संचालनालय आयुष के अंतर्गत विभिन्न जिलों में फार्मासिस्ट के रिक्त पदों की भर्ती किये जाने हेतु भर्ती परिणाम की वैधता एक वर्ष के लिये बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया |
राज्य के 6536 स्थानों पर जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल परिसर में स्थित हैं वहां 05 से 06 वर्ष के बच्चों के लिये बालवाड़ी प्रारंभ किये जाने के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया गया । इससे राज्य के 5-6 वर्ष के आयु समूह के 3,23,624 विद्यार्थियों में से 68,054 विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लाभान्वित होंगे ।
छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा आवंटित अविकसित / लैंड बैंक की भूमि फ्री होल्ड किये जाने पर दरों के निर्धारण के संबंध में नियमावली की कंडिका में समावेश हेतु संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गयाछत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 में संशोधन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया । जिसके तहत बीज एवं कृषि विकास निगम को कृषि विभाग तथा समान प्रकृति के अन्य विभागों के लिये आवश्यक वस्तुओं के दर निर्धारण हेतु अधिकृत किया गया ।राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत मेसर्स व्हीटेक प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्लास्टिक उत्पाद उद्योग तथा मेसर्स एसबीटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना के लिये विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज निर्धारण के लिये प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया
मंत्री परिषद के निर्णय - दिनांक 18 फरवरी 2022मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रीपरिषद की बैठक में निम्नानुसार निर्णय लिये गये ।1. तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2021-22 का विधानसभा में उपस्थापन के संबंध में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया।2. बजट अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिये छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया ।3. छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया ।
4. संचालनालय आयुष के अंतर्गत विभिन्न जिलों में फार्मासिस्ट के रिक्त पदों की भर्ती किये जाने हेतु भर्ती परिणाम की वैधता एक वर्ष के लिये बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया ।5. राज्य के 6536 स्थानों पर जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल परिसर में स्थित हैं वहां 05 से 06 वर्ष के बच्चों के लिये बालवाड़ी प्रारंभ किये जाने के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया गया । इससे राज्य के 5-6 वर्ष के आयु समूह के 3,23,624 विद्यार्थियों में से 68,054 विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लाभान्वित होंगे ।6. छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा आवंटित अविकसित / लैंड बैंक की भूमि फ्री होल्ड किये जाने पर दरों के निर्धारण के संबंध में नियमावली की कंडिका में समावेश हेतु संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।7. छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 में संशोधन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया । जिसके तहत बीज एवं कृषि विकास निगम को कृषि विभाग तथा समान प्रकृति के अन्य विभागों के लिये आवश्यक वस्तुओं के दर निर्धारण हेतु अधिकृत किया गया ।8. राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत मेसर्स व्हीटेक प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्लास्टिक उत्पाद उद्योग तथा मेसर्स एसबीटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना के लिये विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज निर्धारण के लिये प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।09. राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग के (कनिष्ठ श्रेणी) वेतनमान से वरिष्ठ श्रेणी (संयुक्त कलेक्टर) वेतनमान में पदोन्नत करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।10. छत्तीसगढ़ भूराजस्व संहिता 1959 में (संशोधन) विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया । जिसके अंतर्गत भू सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने , सर्वेक्षण के उपरांत धारणाधिकार के सुगम निर्धारण करने, भूमि अभिलेखों के निर्माण एवं संधारण, नामांतरण एवं बंटवारा जैसे डिजिटल प्रक्रियाओं को विधिक रूप देने , औद्योगिक नीति 2019-24 अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों, पार्कों के संनिर्माण को प्रोत्साहित करने , मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के उद्देश्यों की पूर्ति तथा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के गैर जरूरी उपबंधों को विलोपित कर प्रासंगिक प्रावधानों को नियमित करना शामिल है ।11. नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि आवंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन एवं भूस्वामी हक प्रदान करने के नवीन प्रावधानों का अनुमोदन किया गया ।12. वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के 10 आकांक्षी जिलों( कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा) एवं 02 हाई बर्डन जिले (कबीरधाम एवं रायगढ़ ) में मार्च 2022 से राज्य योजना के राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाईड चावल वितरित करने का निर्णय लिया गया । राईस फोर्टिफिकेशन की शत-प्रतिशत राशि (39.59 करोड़ ) राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी ।13. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जूट कमिश्नर द्वारा जूट बैग की कम आपूर्तिकृत सीमा तक केंद्रीय पूल में धान उपार्जन के लिये नये एचडीपीई/पीपी बारदाना की उपयोगिता शुल्क भारत सरकार से प्राप्त करने का निर्णय लिया गया ।खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में उपयोग में लाये गये एचडीपीई/पीपी बारदाना मार्कफेड की संपत्ती होगी। इस एक भरती बारदाना का उपयोग खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किया जाये ।14. छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क नियम 1949 के नियम के तहत प्रत्येक फैक्ट्री द्वारा प्रारूप एच एवं प्रारूप जे के वार्षिक विवरण प्रस्तुत करने की बाध्यता को समाप्त करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।15. मंत्रीपरिषद द्वारा बजट सत्र हेतु माननीय राज्यपाल के अभिभाषण का अनुमोदन किया गया । -
अहमदाबाद : अहमदाबाद सीरियम बम ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज इन लोगों की सजा का ऐलान होना था। 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इन धमाकों की गूंज से हर कोई स्तब्ध था।
सरकारी अधिवक्ता अमित पटेल ने बताया कि स्पेशल जज एआर पटेल ने 49 में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 11 शेष दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। आतंकियों का कहना था कि हमने 2002 में हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में कुल 77 लोग आरोपी थे, जिनमें से 28 को अदालत ने बरी कर दिया था और बाकी 49 लोगों को दोषी करार दिया था। 14 सालों तक चले मामले के बाद यह सजा सुनाई गई है।
बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट की थी। हालांकि अदालत ने 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अहमदाबाद विस्फोट मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। आपको बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राजिम माघी पुन्नी मेला क्षेत्र के आसपास की 06 मदिरा दुकानें 16 फरवरी से 01 मार्च तक बंद रहेंगी
वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग ने जारी किया आदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला के दौरान राजीम मेला क्षेत्र के आसपास की छह देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें 16 फरवरी से 01 मार्च 2022 तक बंद रहंेगी। इस आशय का आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग द्वारा जारी कर गरियाबंद, धमतरी और रायपुर जिले के कलेक्टर को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार राजिम माघी पुन्नी मेला के दौरान राजिम मेला क्षेत्र के आसपास की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें, देशी-विदेशी मदिरा दुकान राजिम (बाह्य) जिला गरियाबंद, देशी-विदेशी मदिरा दुकान गोबरा नवापारा, जिला रायपुर तथा देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान मगरलोड जिला धमतरी कुल 06 देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें 16 फरवरी से 01 मार्च 2022 तक बंद रहंेगी।
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एजेंसी
पटियाला : कांग्रेस नेता राहुल गांधी पंजाब में लगातार रैलियां कर रहे हैं। बुधवार को पटियाल में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि, मैं झूठे वादे नहीं करूंगा। अगर आप (जनता) झूठे वादे सुनना चाहते हैं, तो मोदी जी, बादल जी और केजरीवाल जी को सुनें। मुझे केवल सच बोलना सिखाया गया है।
पटियाला के राजपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कैप्टन अमरिंद सिंह पर जबरदस्त हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि, जिस दिन कांग्रेस ने बीजेपी और अमरिंदर सिंह के रिश्ते को समझा, हमने उन्हें तत्काल हटा दिया। अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, क्या आपने कभी अमरिंदर सिंह को किसी गरीब को गले लगाते देखा है?
राजपुरा में राहुल गांधी ने कहा, 'मेरे बारे में दो बातें समझ लीजिए मैं जब भी मुंह खोलता हूं सोच समझकर बोलता हूं। मुझे सिखाया गया है कि जब भी बोलो तो सच बोलो झूठ नहीं बोलो। मैं इस स्टेज से झूठे वादे नहीं करूंगा। झूठे वादे सुनने हैं तो बहुत सारे लोग बोल देंगे। मोदी है, बादल है, केजरीवाल हैं। ये सभी झूठे वादे करते हैं। आज नेता आते हैं तो कहते हैं कि हमारी सरकार आएगी तो हम ड्रग्स के खिलाफ इंस्टीट्यूट खोलेंगे। राहुल गांधी ने आगे कहा कि, 2013 में मैं जब पंजाब आया था तब मैंने कहा था कि पंजाब के युवाओं के लिए सबसे बड़ा खतरा ड्रग्स है। भाजपा और अकाली दल ने कहा कि राहुल गांधी बकवास कर रहा है।' जब कोरोना आया तो मैंने कहा था कि नुकसान होने जा रहा है। लाखों लोग मरने वाले हैं। दिल्ली की सरकार से कई बार कहा कि नुकसान होने जा रहा है तैयारी करो, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, इन चीजों को तैयार करें। उन्होंने मजाक उड़ाया। मैं नुकसान की बात कर रहा था, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं थाली बजाओ। थाली बजाने के बाद कहते हैं अब मोबाईल फोन की लाइट चमकाओ।
उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी झूठ बोलती है। वो कहती है कि हमने मोहल्ला क्लीनिक खोला। दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक खोलने का काम शीला दीक्षित ने किया था। दूसरा झूठ जब कोरोना आया, ऑक्सीजन की कमी हुई तो ये मोहल्ला क्लीनिक गायब हो गए।'
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राजीव युवा मितान क्लब के शासी निकाय का गठन किया गया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 15 से 40 वर्ष आयु के युवाओं के लिए राजीव युवा मितान क्लब योजना शुरू की है, जिसके तहत युवा मितान क्लब बनाये गये है। युवा मितान क्लब के माध्यम से पर्यावरण, खेल और संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य के सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में युवा मितान क्लब गठित किये जा रहे है।
राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर द्वारा आदेश जारी कर राजीव युवा मितान क्लब के शासी निकाय का गठन किया गया है। शासी निकाय के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, उपाध्यक्ष खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल को बनाया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, विधायक श्री देवेन्द्र यादव, विधायक श्री विनय भगत, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू को सदस्य तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव को पदेन सदस्य सचिव बनाया गया है। -
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लोकवाणी की 26वीं कड़ी प्रसारित
मुख्यमंत्री ने ‘‘सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार’’ विषय पर प्रदेशवासियों से की बात
राज्य में आर्थिक गतिविधियों के साथ रोजगार बढ़ाने पर विशेष जोर
छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1,715 नये उद्योग स्थापित: 19,500 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश तथा 33 हजार लोगों को मिला रोजगार
बायो एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 18 निवेशकों से 3300 करोड़ रूपए के निवेश का एमओयू
छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन: पांच वर्षों में 15 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य
राज्य के 110 विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकित
उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली से दी जा रही 56 ऑनलाइन सेवाएं
औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन नियमों का हुआ सरलीकरण
प्रदेश में 21 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना
छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने 16 जिलों में गढ़ कलेवा स्थापित
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में चार संसाधनों खनिज, कृषि, वानिकी और मानव संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान
रायपुर, 13 फरवरी 2022
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी में आज ‘‘सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार’’ विषय पर प्रदेशवासियों से बात-चीत की। मुख्यमंत्री श्री बघेल की रेडियोवार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी का प्रसारण आज छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से प्रातः 10.30 से 11 बजे तक किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार और कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण है। उन्होंने कहा कि संभावनाओं से भरपूर छत्तीसगढ़ में देश और दुनिया के निवेशक आकर देखें कि यहां उद्योग मित्र, व्यापार मित्र, कारोबार मित्र, उपभोक्ता मित्र, पर्यटक मित्र, रोजगार मित्र नीतियों से कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। राज्य में हमने शुरू से ही ऐसे कार्यों को महत्व दिया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए और रोजगार के अवसर बढ़ें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों ने यह सपना देखा था कि जब हमारा अपना छत्तीसगढ़ राज्य बनेगा, तब यहां कोई बेरोजगारी नहीं होगी। इसी ध्येय को ले करके हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में सभी को आजीविका और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पहल की जा रही है। वन क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, अर्द्धसरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, जहां भी रोजगार के अवसर दिख रहे हैं, वहां हमारी सरकार योजना बना कर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारे फैसलों से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को मिला। निश्चित तौर पर सबके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने औद्योगिक नीति 2019-2024 की घोषणा की थी, जिसमें फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई थी। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिले। इसके लिए पर्यटन के अलावा अन्य कार्यों को भी चिन्हांकित किया गया है। एम.एस.एम.ई. सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बी.पी.ओ., 3-डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा कि बहुत से मेडिकल उपकरण तथा सामग्री स्थानीय स्तर पर ही बनाए जा सकते हैं, इसलिए इन्हें भी उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया है।औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन नियमों का सरलीकरण किया गया था, जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में भू-भाटक में 33 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। ऐसे प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 19 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 149 एमओयू भी किए गए हैं, जिसमें 74 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा और 90 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने बायो एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 18 निवेशकों के साथ 3 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए एमओयू किया है, जिसमें 2 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने तो धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी केन्द्र सरकार से मांगी है। यदि यह अनुमति मिल गई तो धान के बम्पर उत्पादन को सही दिशा में उपयोग करते हुए हम बड़े पैमाने पर एथेनॉल बना सकते हैं और इससे बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर भी बना सकते हैं। इससे हम धान उत्पादक किसानों को बेहतर दाम दिलाने और उनकी माली हालत में लगातार सुधार के रास्ते भी बना सकते हैं।
हमने अपना वादा निभाते हुए विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए 110 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन कर लिया है। औद्योगिक नीति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, कृषि उत्पादक समूहों, तृतीय लिंग के लोगों के लिए विशेष पैकेज हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए ऐसा कोई प्रावधान औद्योगिक नीति में नहीं था। इस दिशा में ध्यान देते हुए ओबीसी प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाएंगे, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समाज के सभी वर्गों से यह अनुरोध करता हूं कि हमने प्रदेश में उद्यमिता विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। सभी वर्ग के लोग इन अवसरों का लाभ उठाएं, बड़े पैमाने पर स्वयं भी स्वावलंबी बनें तथा कई लोगों को रोजगार देने का माध्यम भी बनें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने उद्योगों की सुगमता पर भी जोर दिया है। निश्चित तौर पर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्ड विश्व बैंक द्वारा तय किए जाते हैं। इससे पता चलता है कि किसी देश अथवा किसी राज्य में कामकाज की सुगमता की क्या स्थिति है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्डों में हमारा छत्तीसगढ़ देश के प्रथम 6 राज्यों में शामिल है। उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली से 56 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत 82 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिसमें दुकान पंजीयन से लेकर कारोबार के लायसेंस तक शामिल हैं। हमने गुमाश्ता एक्ट के अंतर्गत हर साल नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त किया ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिले। सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-मानक पोर्टल संचालित किया जा रहा है। इस तरह से राज्य में उद्योग, व्यापार और कारोबार का फ्रैंडली वातावरण बना है। इस तरह के सुधार किए जाने से लोगों का काफी समय बच रहा है। पहले जो समय दफ्तरों के चक्कर काटने में बिताना पड़ता था, उसका उपयोग अब लोग अपने काम-धंधे में कर रहे हैं। हमने छोटे भू-खण्डों की खरीदी और बिक्री पर पूर्व में, शासन द्वारा लगाकर रखी गई रोक को हटाने का निर्णय लिया था और कहा था कि इससे भी कारोबार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मैं बताना चाहता हूं कि हमारे इस एक निर्णय से 2 लाख 87 हजार भू-खण्डों के सौदे हुए। एक भू-खण्ड बिकने से क्रेता-विक्रेता के अलावा उस भू-खण्ड को विकसित करने वाले कई लोगों को लाभ मिलता है। सीमेंट, लोहा, भवन सामग्री के विक्रेता, बिजली, नल, मिस्त्री, बढ़ई, राजमिस्त्री और कई तरह के काम करने वाले लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलने लगी। यह पैसा बाजार में आया। इसके अलावा हमने महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी है, जिससे 50 हजार 280 पंजीयन पर 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट दी गई है। इस तरह हमारी सरकार की जनहितकारी योजनाओं से बाजार में पैसा भी आया तथा लोगों को रोजगार भी मिला।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पर्यटन से भी राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसर बनेंगे। हम जिस वातावरण में पले-बढ़े हैं, उसमें हमारे पुरखों और माता-पिता से हमें धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता के संस्कार मिले हैं। आस्था के कारण हमारे मन में किसी स्थान पर दर्शन हेतु जाने की इच्छा पैदा होती है। आस्था से आत्मबल मजबूत होता है और ऐसे पर्यटन पर होने वाला खर्च लोगों को संतोष देता है इसलिए हमने आस्था स्थलों के विकास की रणनीति अपनाई है। इससे नए-नए स्थानों पर अधोसंरचना का विकास होता है। इसमें जो सामग्री लगती है, उससे स्थानीय स्तर पर उद्योग व्यापार पनपता है। स्थानीय सामग्री का वेल्यू एडीशन होता है। स्थानीय उत्पादों को अच्छा दाम मिलता है। राम वन गमन पथ के अंतर्गत कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक 75 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है। प्रथम चरण में 9 स्थानों का विकास किया जा रहा है। चन्दखुरी-जिला रायपुर में माता कौशल्या मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है, जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं। आदिवासी अंचलों में देवगुड़ी तथा घोटुल स्थलों का विकास किया जा रहा है। सतरेंगा, सरोधा दादर, बालाछापर सरना, गंगरेल आदि स्थानों पर नए तरह के पर्यटन की सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिससे इन स्थानों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पर भी बढ़े हैं। छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए गढ़ कलेवा की स्थापना 16 जिलों में कर दी गई है। हमने छत्तीसगढ़ की अपनी फिल्म विकास नीति भी लागू कर दी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल में हमने सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि यहां से गुजरकर दूसरे राज्यों को जाने वाले मजदूरों की भी मदद की है। हमने अपने राज्य के मजदूरों के खाने-पीने, ठहरने, गांवों में क्वारंटाइन होने, जांच और उपचार की व्यवस्था के अलावा उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार दिलाने के उपाय किए थे। हमारे बेहतर प्रबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। उसी समय हमने घोषणा की थी कि प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनाएंगे। इस तरह हमने छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिक नीति 2020 को तैयार कर अधिसूचित किया है। इस नीति के तहत वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन किया गया। पलायन पंजी के ऑनलाइन संधारण की व्यवस्था की गई है। हम संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं संचालित कर रहे हैं। श्रमिकों के परंपरागत कौशल को नवीन ज्ञान से संवारने हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हम छत्तीसगढ़ में ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं कि हमारे प्रदेश के श्रमिकों को अन्य प्रदेशों में जाना ही नहीं पड़े। उनका कौशल और मेहनत राज्य के विकास के काम आए। भारत सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए जो ई-श्रम पोर्टल बनाया गया है। उसमें भी हमने 64 लाख श्रमिकों का पंजीयन करते हुए देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हमने कारखाना अधिनियम के तहत कामगारों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है। इसके अलावा दो नई योजनाओं की घोषणा 26 जनवरी के अवसर पर की है। प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी।श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। विगत तीन वर्षों में एक ओर जहां नक्सलवाद और उसकी हिंसक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है वहीं दूसरी ओर उद्योग, व्यापार और कारोबार में लगे लोगों को यह विश्वास हुआ है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उत्साहजनक वातावरण निर्मित हुआ है, जिससे हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने अधोसंरचना विकास के लिए बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है। प्रदेश में 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत से सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए केलो परियोजना, खारंग परियोजना, मनियारी परियोजना, अरपा भैंसाझार परियोजना को इस वर्ष पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा हमने अनेक व्यावहारिक उपाय करते हुए मरम्मत व अन्य तरीकों से वास्तविक सिंचाई क्षमता को दोगुना कर दिया है। हमने विगत तीन वर्षों में डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ की संख्या लगभग दोगुनी कर दी है। विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों से स्थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए हमने ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था की है, जिसमें विकासखण्ड स्तर पर 5 हजार युवाओं का पंजीयन किया गया है और उन्हें 200 करोड़ रूपए से अधिक लागत के काम सीमित प्रतियोगिता के आधार पर दिए गए हैं। इसके साथ ही ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए सुराजी गांव योजना संचालित की जा रही है। नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के विकास से बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीण कारोबार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए चार तरह के संसाधनों का सबसे ज्यादा योगदान हो सकता है-पहला खनिज, दूसरा कृषि, तीसरा वानिकी और चौथा मानव संसाधन। खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए पूर्व में अनेक प्रयास हुए हैं लेकिन उनकी अपनी सीमाएं भी हैं। कृषि, वन और मानव संसाधन की भागीदारी को बहुत बड़े पैमाने में बढ़ाने की संभावनाएं हैं, जिस पर पहले गंभीरता से काम नहीं किया गया। दशकों से कृषि के नाम पर धान, वन के नाम पर तेन्दूपत्ता और मानव संसाधन के नाम पर सीमित सरकारी नौकरियों से अधिक की सोच नहीं रखी गई। हमने पूरी रणनीति ही बदल दी है। खनिज आधारित उद्योगों के स्थान पर ऐसे उद्योगों को प्राथमिकता दी गई जिससे पर्यावरण प्रभावित न हो। कृषि और वानिकी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। एक ओर धान की खेती करने वाले किसानों का मनोबल बढ़ाया वहीं दूसरी ओर वैकल्पिक फसलों के प्रति भरपूर जागरुकता पैदा की गई। हम बरसों से यह सुनते आए थे कि धान और गरीबी का चोली-दामन का साथ होता है। हमने इस कहावत को झुठला दिया है। अब हमारे धान उत्पादक किसान भी समृद्ध हैं। यही वजह है कि प्रदेश में धान की उत्पादकता और उत्पादन में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। वहीं हर साल समर्थन मूल्य पर खरीदी का भी नया कीर्तिमान बना है। वर्ष 2017-18 में सिर्फ 15 लाख 77 हजार पंजीकृत किसान थे, जो अब बढ़कर 22 लाख 66 हजार हो गए। इसमें से 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान बेचा है। खेती का रकबा 22 लाख से बढ़कर 30 लाख 11 हजार हेक्टेयर हो गया। धान की खरीदी 56 लाख 88 हजार से बढ़कर लगभग 98 लाख मीट्रिक टन हो गई। इसके अलावा मक्का, गन्ना, तिलहन, दलहन, लघु धान्य फसल, उद्यानिकी फसलों का विकास भी तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शिक्षित और युवा किसान भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो नई-नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिसके नतीजे आने वाले समय में दिखाई देंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ के खेत अपने आप में उद्यम बन गए हैं। चाय, कॉफी, काजू, फल, फूल की खेती लगातार बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक रेशों से धागे बनाने का काम भी हो रहा है। इतना ही नहीं, फूड प्रोसेसिंग को भी नई ऊंचाई पर ले जाने का कौशल हमारे ग्रामीण भाई-बहनों ने दिखाया है। हमारे नेता और सांसद राहुल गांधी जी ने 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान ऐसे नए किसानों और उद्यमियों से भेंट की तथा उनके उत्पादों की दिल खोलकर तारीफ भी की। इसी तरह छत्तीसगढ़िया भाई-बहनों के हाथों के हुनर ने भी खूब तारीफ बटोरी। राहुल गांधी जी ने खुले मंच से कहा कि छत्तीसगढ़ के उत्पाद अब देश और दुनिया में भेजे जाने चाहिए। वन संसाधनों की बात करें तो पहले मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी। अब हमने 61 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था कर दी है। ये सारे उत्पाद इशारा करते हैं कि छत्तीसगढ़ के भावी औद्योगिक विकास के लिए ये सभी सबसे अच्छा कच्चा माल साबित होंगे।
जहां तक मानव संसाधन की उद्यमिता का सवाल है तो हमने अब छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन कर दिया है, जिससे 5 वर्ष में 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य दिया गया है। हमने सरकारी विभागों तथा अर्द्धसरकारी संस्थाओं में लाखों लोगों को नौकरी देकर यह साबित किया है कि यदि सरकार की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो नई पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहेगा। यही कारण है कि जब पूरा देश कोरोना और लॉकडाउन के कारण मंदी से परेशान था, तब हमारा छत्तीसगढ़ उद्योग, व्यापार और कारोबार में नई ऊंचाइयां छू रहा था। न्याय योजनाओं के माध्यम से हमने किसानों, पशुपालकों और खेतिहर मजदूरों को आर्थिक संबल दिया। ऐसी कल्याणकारी पहल से 91 हजार करोड़ रुपए की राशि जरूरतमंद लोगों की जेब में डाली गई जिसके कारण खेत-खलिहानों से लेकर उद्योगों तथा बाजारों तक में रौनक बनी रही। सिर्फ उद्योग लगाना ही उद्यमिता नहीं है बल्कि कला, संस्कृति, खेलकूद, शोध, अनुसंधान, शिक्षा- दीक्षा तथा कुछ नया करने का जुनून भी उद्यमिता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मैं अपने युवा साथियों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी रुचि, अपने समाज, अपने प्रदेश के हित में अपनी आजीविका का जो भी रास्ता चुनें, उस पर डटे रहें। आप में वह क्षमता है कि किसी भी काम को चमका सकते हैं। हमने प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ऐसा ढांचा खड़ा कर दिया है कि जिस तरह हमारे गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं, उसी तरह गांव भी स्वावलंबी हो जाएंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बीजापुर : बीजापुर जिले में सीआरपीएफ जवानों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। उक्त मुठभेड़ में एक जवान के शहीद व एक जवान के घायल होने की खबर सामने आई है। घटना उसूर ब्लाक के तिम्मापुरम से लगे पुतकेल के जंगलों की जहां बड़ी संख्या में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना है। बीजापुर SP कमलोचन कश्यप ने इसकी पुष्टि की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीजापुर के उसूर ब्लॉक में सीआरपीएफ 168 बटालियन के जवान गश्त पर निकले थे। इसी दौरान तिम्मापुर से लगे पुतकेल के जंगलों में पुलिस और नक्सली के बीच मुठभेड़ हो गई। CRPF 168 बटालियन और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ में झारखंड निवासी असिसटेंट कमांडेंट SB तिर्की शहीद शहीद हो गए हैं, जबकि एक जवान भी जख्मी है। मुठभेड़ की यह घटना बासागुड़ा थाना क्षेत्र में हुई है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार पर होगी बात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26 वीं कड़ी का प्रसारण 13 फरवरी 2022 को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार पर प्रदेशवासियों से बातचीत करेंगे। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबोर्ड परीक्षा के लिए इस बार 6787 परीक्षा केन्द्र
छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंडल द्वारा प्रदेश के 6787 स्कूल मान्यता प्राप्त हैं। कोविड-19 के मद्देनजर इस वर्ष मुख्य परीक्षा-2022 के लिए मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। इस साल 6787 केंद्रों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें लगभग साढ़े छह लाख स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होंगे। पढ़ाई फिलहाल ऑनलाइन ही चल रही है।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने स्पष्ट किया है कि जो विद्यार्थी जिस स्कूल का छात्र है उसे उसी स्कूल में परीक्षा देनी होगी। वहीं स्वाध्यायी के रूप में परीक्षा देने वाले छात्र ने जिस स्कूल से फॉर्म भरा है, उनका सेंटर भी उसी स्कूल में दिया जाएगा। वे स्वाध्यायी छात्र के रूप में उसी स्कूल से परीक्षा में शामिल होंगे। इधर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (CBSE) ने भी 10वीं और 12वीं बोर्ड की टर्म-2 परीक्षाओं की तिथि घोषित की है। ये परीक्षाएं 26 अप्रैल से शुरू होंगी। मंडल ने स्पष्ट किया है, इस बार बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में ही होगी।
सीजी बोर्ड की 2 मार्च से शुरू हो रहीं परीक्षाएंछत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस बार हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा 2 मार्च से शुरू की जा रही है। वहीं हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा 3 मार्च से शुरू होगी। कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 2 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगी। वहीं कक्षा दसवीं की परीक्षाएं 3 मार्च से 23 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा शारीरिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि परीक्षा प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं 3 मार्च से 11 मार्च तक आयोजित की जाएगी।























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