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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
’छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार’ विषय पर होगी बात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 27 वीं कड़ी का प्रसारण 13 मार्च 2022 को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार ’छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार’ विषय पर प्रदेशवासियों से बातचीत करेंगे। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : आज माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत किया गया। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह के वर्ष में प्रस्तुत यह बजट मुख्य रूप से ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था आधारित ’’छत्तीसगढ़ मॉडल’’ में समाहित उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में मजबूत कदम है। बीते तीन वर्षों के दौरान सरकार द्वारा आजादी के मूल्यों एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये गये हैं। यह बजट महात्मा गांधी के समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के मूल मंत्र को साकार करने का सुदृढ़ प्रयास है।बजट राज्य के किसानों, भूमिहीन कृषि मजदूरों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में गुणवत्ता एवं प्रगति के नवीन आयाम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण, महिलाओं एवं बच्चों के सर्वागींण विकास, युवाओं को रोजगार एवं उद्यमिता के नवीन अवसरों के सृजन, शासकीय सेवकों के भविष्य को सुरक्षित करने, ग्रामीण एवं शहरी अधोसंरचना को तेजी से विकसित करने तथा जनता के लिए संवेदनशील प्रशासन की भावना के साथ प्रदेश के लोगों को समर्पित है।
बजट एक नजर में (राशि रु. करोड़ में)
1. आर्थिक स्थिति1.1 स्थिर दर पर वर्ष 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष 2021-22 के राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंें 11.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में यह अधिक है।1.2 वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत वृद्धि, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत वृद्धि और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित। कृषि एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है।1.3 प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.60 प्रतिशत अधिक है।1.4 वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 1,05,778 की तुलना में वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 1,18,401 रूपये, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.90 प्रतिशत अधिक है।बजट के मुख्य आकर्षण2. बस्तर संभाग में गैर-वन मद अंतर्गत वर्गीकृत नारंगी क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि संयुक्त सर्वेक्षण उपरांत राजस्व मद में वापसी। नये उद्योगों की स्थापना, शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये सरलता से भूमि की उपलब्धता।3. राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि को आगामी वर्ष से बढ़ाकर 7 हजार प्रतिवर्ष।4. अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि, जिनमें हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल हैं, को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ।5. गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित कर स्थानीय खाद्य उत्पाद एवं लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन के लिये प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना। बांस एवं काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प तथा अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिये स्थानीय युवाओं को सहयोग।6. औद्योगिक पार्काें में तैयार उत्पादों का चयन हितधारकों के कौशल, उपलब्ध कच्चा माल, उपभोक्ताओं में मांग तथा परिवहन एवं आवागमन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। औद्योगिक पार्कों में उन्नत अधोसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने 600 करोड़ का प्रावधान।7. गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन एवं लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा, मिलेट मिशन एवं वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसरों का सृजन। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा विभिन्न स्थानीय उत्पादों की ब्रान्डिंग और विपणन छत्तीसगढ़ हर्बल्स के नाम से।8. नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय एवं राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए नये रोजगार सृजन की संभावनाओं पर कार्य हेतु छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के लिए 2 करोड़ का प्रावधान।9. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों की परीक्षा फीस माफ़ की जाएगी।10. राज्य के शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग का सम्मान करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल।कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था11. खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित।12. धान सहित समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 20 लाख से अधिक किसानों को गत 2 वर्षाें में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता। योजना में 6 हजार करोड़ का प्रावधान।13. गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रूपये के स्थान पर 355 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी हेतु 112 करोड़ का प्रावधान।14. बस्तर एवं सरगुजा संभाग के चयनित 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा कृषि उत्पाद के मूल्य संवर्धन से अतिरिक्त आय सृजन हेतु चिराग परियोजना हेतु 200 करोड़ का प्रावधान।15. किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का प्रावधान।16. फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान।।17. कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों के समुचित भंडारण हेतु दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना के लिये 24 करोड़ का प्रावधान।18. खाद्य पदार्थाें में कीटनाशक अवशेषों की जाँच हेतु एन.ए.बी.एल. से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोगशाला की स्थापना के लिये 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।19. गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपये का भुगतान।20. ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन एवं विपणन हेतु महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के अंतर्गत कुल 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल, 40 आटा मिल, 680 मिनी राइस मिल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना।सिंचाई सुविधाओं का विकास21. गत 3 वर्ष में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हेक्टेयर से बढ़कर 13 लाख 58 हेक्टेयर।22. कुल 3 हजार 323 करोड़ के बजट प्रावधान में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान। इससे 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। नवीन मद अंतर्गत 249 वृहद् कार्य, 53 मध्यम कार्य तथा 835 लघु सिंचाई कार्य तथा 404 एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल।23. केलो परियोजना हेतु 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ तथा समोदा परियोजना के लिए 14 करोड़ का प्रावधान।24. नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्यो हेतु 125 करोड़ का प्रावधान।25. बजट में 10 वृहद्, 15 मध्यम तथा 3 लघु सिंचाई योजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान। 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण शामिल।26. वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान।27. पांच एच.पी. कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान। योजना से 4 लाख 80 हजार कृषकों को कृषि पम्पों के संचालन हेतु रियायती दर पर बिजली की सुविधा।28. सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 एवं 5 एच.पी. क्षमता के 15,000 सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना हेतु 416 करोड़ 90 लाख का प्रावधान।29. प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान।
ग्रामीण विकास गतिविधियां30. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास। उत्थान परियोजना अंतर्गत 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की चिन्हांकित 172 महिलाओं को सी.आर.पी के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा।31. मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ। ग्रामीण आजीविका मिशन के लिये 450 करोड़ प्रावधान।32. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं। योजना के लिये 800 करोड़ का प्रावधान।33. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण। योजना के लिये 500 करोड़ का प्रावधान।34. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण। योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान।35. मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़, ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य हेतु अनुदान योजना में 260 करोड़ तथा पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान।रेशम एवं अन्य शिल्प गतिविधियां36. बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत।37. रैली ककून क्रय करने हेतु ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिये वितरण, प्रशिक्षण एवं मशीन उपकरण की सहायता।38. पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिये सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु 4 करोड़ 53 लाख का प्रावधान। मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय होगी।39. कुम्भकार परिवारों की कार्यकुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिये विद्युत चाक का वितरण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान।पेयजल सुविधाएँ40. 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान।41. नगरीय निकायों में जल प्रदाय हेतु 30 करोड़ अनुदान तथा 55 करोड़ ऋण का प्रावधान।42. गौठानों में 860 नग नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान।43. नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने (अनुमानित लागत 106 करोड़) हेतु 2 करोड़ का प्रावधान।
शैक्षणिक सुविधाएँ44. 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। आगामी वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय।45. 11 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन।46. भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।47. रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभट्ठी, कुंदला एवं आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास एवं अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का प्रावधान।48. अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के छात्रावास-आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान।49. बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना।50. 16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोले जायेंगे।51. भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षांे का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण।52. शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान।53. 28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए नवीन ट्रेड प्रारंभ करने हेतु सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान।महिला एवं बाल विकास54. एकीकृत बाल विकास सेवा, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार, नवा जतन एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान से तीन वर्षाें में कुपोषण में 8ण्7 प्रतिशत की कमी।55. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है।56. वर्ष 2019 में 4 लाख 33 हजार कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ। अब तक 1 लाख 72 हजार बच्चे कुपोषण के कुचक्र से बाहर।57. छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को वितरित पुराना बकाया 12 करोड़ 77 लाख का ऋण माफ। प्रथम ऋण को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से 2 लाख तक। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक वापस करने पर दोबारा 2 लाख से 4 लाख तक का ऋण दिये जाने की सुविधा।58. छत्तीसगढ़ महिला कोष के लिये वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5 करोड़ 20 लाख का प्रावधान।
स्वास्थ्य सुविधाएँ59. गत 2 वर्षाें के दौरान 1 हजार 329 चिकित्सा अधिकारी, 282 बहुउद्देशीय पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं 328 बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 278 लैब टेक्नीशियन तथा 192 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति।60. नेशनल क्वालिटी एश्योरेंश कार्यक्रम के तहत राज्य के तीन जिला अस्पताल, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कुल 27 अस्पतालों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदाय।61. जगरगंुडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों का सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु प्रावधान।62. चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर एवं कांकेर में चिकित्सकीय उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु प्रावधान।63. चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण हेतु तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी आवास सुविधा हेतु 10 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।64. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 126 करोड़ एवं पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत 454 करोड़ का प्रावधान किया गया है।वानिकी गतिविधियां65. कैम्पा मद की वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में 1 हजार 950 नालों को उपचारित करने के लिये 300 करोड़ का प्रस्ताव।66. छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में 65 वनोपज का क्रय। संघ द्वारा 2018 में 3 करोड़ 81 लाख के वनोपज का क्रय, जबकि 2020-21 में 153 करोड़ का क्रय। भारत सरकार द्वारा लघु वनोपज संग्रहण हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत 4 पुरस्कार, प्रसंस्करण हेतु वन धन योजना अंतर्गत 4 पुरस्कार तथा नवोत्पाद एवं नवाचार हेतु 3 पुरस्कार राज्य को प्रदाय।67. छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के द्वारा कोदो-कुटकी 3 हजार रूपये एवं रागी 3 हजार 377 रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय। फसलों के उत्पादक किसानों को 9 हजार के स्थान पर 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि प्रदाय।68. 30 संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से विविध उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड के नाम से विक्रय।69. स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना के लिये 5 करोड़ का प्रावधान।नगरीय सुविधाएँ70. उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाईयां एवं सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिये 136 धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना। अब तक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाईयों पर 10 करोड़ रूपये की छूट से 5 लाख 92 हजार नागरिक लाभान्वित।71. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन। इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों में लागू करने के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।72. शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं में 450 करोड़ प्रावधान।73. नगरीय निकायों की सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाईडलाईन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करते हुए गणना की जायेगी।74. मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ एवं नगरीय निकायों को जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ का प्रावधान।75. कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ का प्रावधान ।
खेल एवं युवा कल्याण गतिविधियां76. युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने हेतु राजीव युवा मितान क्लब का गठन। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन हेतु 75 करोड़ का प्रावधान।77. नारायणपुर जिले में आदिवासी विद्यार्थियों मल्लखंभ कौशल को निखारने हेतु मल्लखंभ अकादमी की स्थापना हेतु 2 करोड़ 83 लाख का प्रावधान।78. लाभांडी जिला रायपुर में निर्माणाधीन टेनिस अकादमी के सेट-अप एवं फर्नीचर उपकरण के लिये 1 करोड़ 70 लाख का प्रावधान।
जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय विकास गतिविधियां79. विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने का निर्णय । विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना में 364 करोड़ रूपये का प्रावधान।80. जिला पंचायत अध्यक्ष हेतु 15 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 10 लाख एवं प्रत्येक सदस्य हेतु 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान।81. जनपद पंचायत अध्यक्ष हेतु 5 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 3 लाख एवं प्रत्येक सदस्य हेतु 2 लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान।82. जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार प्रतिमाह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार प्रतिमाह एवं जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह।83. सरपंच का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंच का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रूपये प्रतिमाह के लिये 184 करोड़ का प्रावधान।84. अधिसूचित जिलों/क्षेत्रों के अन्तर्गत पंचायतों द्वारा रेत खदानों का संचालन कराने का निर्णय। सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत की बिना सहमति के कोई भी खदान संचालित नहीं होगी।85. नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के 237 ग्रामों का राजस्व सर्वे नहीं होने के कारण यहां के किसान विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित थे। 9 गांवों का सर्वे पूरा करके 676 किसानों को अस्थायी भू-अभिलेख प्रदाय।राजस्व एवं पुलिस प्रशासन86. 6 नवीन तहसील देवकर एवं भिंभौरी जिला बेमेतरा, जरहागांव जिला मुंगेली, दीपका एवं भैंसमा जिला कोरबा, कोटाडोल जिला कोरिया के लिये 84 पदों का सेट-अप स्वीकृत।87. 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों की स्थापना मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा, बलरामपुर एवं राजपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, धमध जिला दुर्ग, भोपालपट्टनम एवं भैरमगढ़ जिला बीजापुर, बागबहरा जिला महासमुंद, भरतपुर एवं खड़गवां-चिरमिरी जिला कोरिया, तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर तथा सहसपुर-लोहारा जिला कबीरधाम हेतुे 77 पदों का सेट-अप स्वीकृत।88. ब्लॉक मुख्यालय में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास भवनों के निर्माण हेतु 58 करोड़ का प्रावधान।89. चिटफंड कंपनियों से पीड़ित निवेशकों को राहत देते हुए 16 अनियमित वित्तीय कंपनियों से 16 करोड़ 96 लाख की सम्पत्ति की नीलामी/वसूली/राजीनामा। 17 हजार 404 निवेशकों को 11 करोड़ 23 लाख की राशि वापस।90. मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो, सतर्कता सेल एवं शिकायत सेल के गठन हेतु 23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान।91. हाईटेक अपराधों की जांच हेतु रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर में एण्टी क्राइम एण्ड साइबर यूनिट का गठन।92. बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों तथा पदोन्नति का लाभ देने के लिये डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स से नवीन कैडर का गठन।93. नव गठित जिलों (मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ-बिलाई गढ़ एवं मनेन्द्रगढ़) की स्थापना हेतु 1 हजार 100 नवीन पदो ंके सृजन का प्रावधान।94. जिला बिलासपुर एवं जगदलपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 114 नवीन पदो ंके सृजन का प्रावधान।95. 03 नवीन पुलिस चौकी क्रमशः भैंसा जिला रायपुर, घटारानी जतमई जिला गरियाबंद, राहूद जिला जांजगीर की स्थापना हेतु 99 पदों के सृजन का प्रावधान।96. 05 पुलिस चौकी क्रमशः मारो जिला बेमेतरा, जेवरा-सिरसा जिला दुर्ग, नैला जिला जांजगीर चाम्पा, खरसिया जिला रायगढ़ एवं वाड्रफनगर जिला बलरामपुर का थाने में उन्नयन हेतु 226 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान।97. 300 नग बुलेट प्रूफ जैकेट क्रय हेतु तीन करोड, वाटर कूलर क्रय हेतु 1 करोड़ 58 लाख तथा समस्त थानों में सीसीटीव्ही कैमरा सह उपकरण हेतु 25 करोड़ का प्रावधान।98. शहीदों के सम्मान हेतु रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक की स्थापना, पुलिस मेमोरियल टॉवर व व अन्य निर्माण कार्याें के लियें 1 करोड़ का प्रावधान।99. पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए सेक्टर 29 में निर्मित 320 आवास गृहों को क्रय करने हेतु 65 करोड़ का प्रावधान।100. 9 जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बंदी बैरक निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्याें हेतु 16 करोड़ 96 लाख का प्रावधान।भवन व सड़कों का निर्माण एवं संधारण101. लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 6 हजार 638 करोड़ का प्रावधान। वर्तमान में 16 हजार करोड़ से भी अधिक लागत के सड़क एवं पुल निर्माणाधीन।102. राज्य मार्गो के निर्माण हेतु 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 458 करोड़, ग्रामीण मार्गो के निर्माण हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 315 करोड़ तथा रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण हेतु 90 करोड़ का प्रावधान।103. कुल 659 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित। इसमें 502 सड़क कार्य हेतु 365 करोड़, 134 वृहद् एवं मध्यम पुल कार्य हेतु 103 करोड़, 8 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण हेतु 3 करोड़, 15 रेलवे ओवरब्रिज कार्य के सर्वेक्षण हेतु 8 करोड़ 65 लाख का प्रावधान।104. मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना हेतु 150 करोड़ का प्रावधान।105. एडीबी सहायित सड़क विकास परियोजना के लिए 884 करोड़ का प्रावधान।106. नाबार्ड सहायित ग्रामीण मार्गो/मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 236 करोड़ का प्रावधान।वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं 2022-23 का बजट अनुमान107. वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 97 हजार 145 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 601 करोड़ है। बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 2.52 प्रतिशत की वृद्धि।108. शुद्ध व्यय का बजट अनुमान 97 हजार 106 करोड़ से बढ़ा कर पुनरीक्षित अनुमान में 99 हजार 559 करोड़ प्रस्तावित।109. वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्ति का बजट अनुमान 1 लाख 04 हजार करोड़, जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 7 प्रतिशत अधिक। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44 हजार 500 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 44 हजार 573 करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ अनुमानित।110. वर्ष 2022-23 के लिए विनियोग का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित। राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ है। पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.6 प्रतिशत।111. अनुसूचित जनजाति उपयोजना मद मे 33 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उपयोजना मद में 12 प्रतिशत का प्रावधान।112. सामाजिक क्षेत्र के लिये 37 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 23 प्रतिशत का प्रावधान।राजकोषीय स्थिति113. राजस्व संग्रहण विभागों में प्रचलित कराधान अधिनियम/नियम, कर दरों, आंकड़ों के विश्लेषण/समीक्षा द्वारा राजस्व में वृद्धि हेतु‘‘करावर्धन प्रकोष्ठ’’ का गठन।114. पंजीयन विभाग द्वारा अभिलेखों के पंजीयन शुल्क पर रोजगार एवं युवा विकास उपकर अधिरोपित, जिससे 100 करोड़ की अतिरिक्त आय।115. मार्च 2021 की स्थिति में राज्य का ऋणभार कुल बजट की तुलना में 80 प्रतिशत तथा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋणभार 22 प्रतिशत, जो कि भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है।116. राज्य का सकल वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है।117. वर्ष 2022-23 में कुल 702 करोड़ का राजस्व आधिक्य ;त्मअमदनम ैनतचसनेद्ध अनुमानित है।कर प्रस्ताववर्ष 2022-23 के लिये कोई कर प्रस्ताव नहीं है।
परिशिष्ट 1बजट एक नजर में
क्षेत्रवार व्यय
सामाजिक क्षेत्र पर व्यय के मुख्य अवयव
आर्थिक क्षेत्र पर व्यय के मुख्य अवयव
परिशिष्ट 2आर्थिक विकास दरआर्थिक स्थिति (2021-22) - अग्रिम अनुमान (स्थिर भाव पर)
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विधानसभा में राज्यपाल के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन ध्वनिमत से पारित
राज्य सरकार सभी वर्गों के विकास के लिए कर रही कार्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के लिए उनके प्रति प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों और मेहनतकशों का सम्मान करने वाली सरकार है। राज्य सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को, गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालकों और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहन राशि दे रही है, ताकि वे और अधिक मेहनत से अपने काम कर सके और उन्हें अपने कार्य के लिए मदद मिल सके।विधानसभा में चर्चा के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के लिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन ‘माननीय राज्यपाल महोदया ने जो अभिभाषण दिया उसके लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस सत्र में समवेत् सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं‘ ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों, गरीब, मजदूरों, महिलाओं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 91 हजार करोड़ रुपए की राशि सीधे दी है, जिससे उनके जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से व्यापारी और उद्योगपति भी खुश हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि ‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्मगौरव के प्रति मेरी सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। समावेशी विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल बहुत सफल रहा है। मैं चाहती हूं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास में आई तेजी का सिलसिला लगातार जारी रहे और इसमें आप सबका भरपूर सहयोग मिले‘। मुख्यमंत्री ने अभिभाषण के लिए अपनी ओर से और सदन की ओर से राज्यपाल के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से राज्य सरकार को मिलने वाले अनुदान और केंद्रीय करों का हिस्सा लगातार कम होते जा रहा है। केंद्र सरकार जीएसटी की राशि न देकर कर्ज लेने के लिए कहती है। इस वर्ष जून 2022 में जीएसटी की क्षतिपूर्ति की राशि भी बंद हो जाएगी। इसे छत्तीसगढ़ को लगभग 5000 करोड़ का शुद्ध नुकसान होगा। यदि राज्य सरकार को केंद्र से अनुदान, केंद्रीय करों की राशि अधिक मिलती, जीएसटी की राशि मिलती, तो हम किसानों, मजदूरों, महिलाओं, गरीबों सहित सभी वर्गों के लिए और ज्यादा बेहतर ढंग से कार्य करते। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में धान खरीदी का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया। इस वर्ष 98 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई। इस अवधि में किसानों का खेती के प्रति रूझान बढ़ा है। पंजीकृत किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गई। खेती का रकबा भी बढ़ा है। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार सुराजी गांव और महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना पर कार्य कर रही है। जब गांव के लोग मजबूत होंगे, तो हमारे शहर भी मजबूत होंगे।मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी‘ सुराजी गांव योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटे-छोटे कामों से बड़े परिवर्तन होते हैं। गांवों में गौठान बने, गोधन न्याय योजना में गोबर खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट बनायी जा रही है। इस योजना को देखने केन्द्रीय टीम और गुजरात के 21 विधायकों का दल आया था। अब तो प्रधानमंत्री भी गोबर खरीदी की बात कर रहे हैं। गोधन न्याय योजना में गोबर बेचने वाले दो लाख लोग पंजीकृत है, जिनमें से 98 हजार भूमिहीन है और 47 प्रतिशत महिलाएं हैं। इस योजना के चलते डेयरी संचालकों और पशुपालकों के लिए मवेशी अब बोझ नहीं हैं। छुट्टा जानवरों के कारण एक फसल बचाना मुश्किल होता था। इस समस्या के निदान के लिए छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए गौठान बनाए जा रहे हैं। गौठानों को इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें पारंपरिक व्यवसाय करने वालों, स्थानीय कारीगरों और नए लोगों को जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ संत कबीर और बाबा गुरू घासीदास जी की धरती है, जहां सत्य, अहिंसा और प्रेम की बयार बहती है। इसलिए छत्तीसगढ़ को शांति का टापू कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष के सदस्यों के सुझावों और आलोचना को गंभीरता से लेती है। उन्होंने विपक्ष के सवालों का सिलसिले वार जवाब देते हुए कहा कि यदि हमारी सरकार नहीं बनती तो किसानों की कर्जमाफी, किसानों को धान का 2500 रूपए प्रति क्विंटल मूल्य, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 9000 रूपए की इनपुट सब्सिडी, 400 करोड़ रूपए का सिंचाई कर माफी, प्रति परिवार 35 किलो चावल नहीं मिलता। कोदा, कुटकी और रागी की खरीदी भी नहीं होती। राज्य सरकार ने हमेशा गरीबों, मजदूरों, किसानों, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग, महिलाओं, व्यापारियों और उद्योगों के विकास के लिए कार्य कर रही है। श्री बघेल ने औद्योगिक क्षेत्र के संबंध में कहा कि क्या छत्तीसगढ़ में डेनेक्स ब्राण्ड, कोडेनार ब्राण्ड नहीं है। क्या छत्तीसगढ़ में कैचअप, इमली की कैण्डी, अमचुर नहीं बनता। कृषि, उद्यानिकी फसलों और लघु वनोपजों में लगातार वैल्यूएडिशन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रायपुर का स्काई वॉक पिछली सरकार की असफलता का स्मारक है। उन्होंने कहा कि मड़वा ताप बिजली घर एक अजूबा है, जिससे सबसे मंहगी बिजली मिल रही है। उन्होंने नशे के प्रश्न पर कहा कि गांजा तस्करों पर हमारी पुलिस कठोर कार्रवाई कर रही है। हुक्काबार बंद किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ का सघन दौरा करेंगे मुख्यमंत्री बघेल...
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में रात्रि विश्राम कर फ्लैगशिप योजनाओं की करेंगे समीक्षा
आम-लोगों, जनप्रतिनिधियों, समाज-सेवियों, व्यापारियों, महिला समूहों, कर्मचारी संगठनों, श्रमिक संगठनों से सीधे बातचीत करके शासन के कामकाज का लेंगे फीडबैक
रायपुर : विधानसभा का बजट सत्र पूर्ण होने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों का सघन दौरा करेंगे। इस दौरान वे सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में रात्रि-विश्राम करेंगे तथा शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। वे आम-लोगों, जनप्रतिनिधियों, समाज-सेवियों, व्यापारियों, महिला समूहों, कर्मचारी संगठनों, श्रमिक संगठनों से सीधे बातचीत करके शासन के कामकाज का फीडबैक लेंगे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 07 मार्च से शुरु हुआ है जो 25 मार्च तक चलेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रस्तावित दौरे को लेकर व्यापक स्तर पर प्रशासनिक तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। अपने इस दौरे के दौरान श्री बघेल विशेष रूप से गौठानों में चल रही गतिविधियों का अवलोकन करेंगे। वे सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मिलेट मिशन, श्री धन्वंतरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना, वन अधिकार कानून, वनोपज संग्रहण एवं प्रसंस्करण, छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, जल-जीवन मिशन आदि योजनाओं, कार्यक्रमों तथा अभियानों की समीक्षा करेंगे।मुख्यमंत्री इस दौरान स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों, स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूलों का भी निरीक्षण करेंगे तथा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से चर्चा करेंगे। -
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गुरु गद्दी एवं जैतखाम की पूजा कर लिया आशीर्वाद
प्रदेशवासियों की ख़ुशहाली और समृद्धि की कामना की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि एवं तपोभूमि गिरौदपुरी धाम में आयोजित गुरुदर्शन मेला में शामिल हुए। उन्होंने गुरु गद्दी एवं जैतखाम की पूजा-अर्चना कर नमन किया और छत्तीसगढ़वासियों की खुशहाली और तरक्की के लिए कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गिरौदपुरी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष और गुरु गद्दीनशीन श्री विजय गुरु से भी गुरु निवास में मुलाकात की और उनका भी आशीर्वाद लिया।
मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने इस अवसर पर मंदिर में स्थापित जैतखाम में सफेद पालो चढ़ाया। तीन दिवसीय गुरुदर्शन मेले का आज पहला दिन है। यह मेला 09 मार्च तक चलेगा। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, कलेक्टर डोमन सिंह, एसपी दीपक झा सहित बड़ी संख्या में राजमहंत, संत और श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के साथ खिंचावाई फोटो-
बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि एवं तपोभूमि गिरौदपुरी धाम में आयोजित गुरुदर्शन मेला में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल मेले में आए श्रद्धालुओं से आत्मीयता से मिले, उन्होंने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के साथ जमीन पर बैठकर फोटो भी खिंचवाई।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने किया कौशल्या मातृत्व योजना का शुभारंभ
राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
उत्कृष्ट कार्य के लिए महिलाओं को किया सम्मानित

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश की महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के बीटीआई ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में सुरक्षित मातृत्व के लिए पांच हितग्राहियों को 05-05 हजार रूपए के चेक प्रदान कर कौशल्या मातृत्व योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत द्वितीय पुत्री के जन्म पर महिला हितग्राहियों को एक मुश्त 5 हजार रुपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। योजना से बच्चियों के लालन-पोषण और शिक्षा में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश की सभी बहन-बेटियों और माताओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में हमेशा महिलाओं का ऊंचा स्थान रहा है। यहां समाज में महिलाओं की स्थिति बेहतर होने के बावजूद आर्थिक भागीदारी के मामले में वें पुरूषों से पीछे रह गई थी। छत्तीसगढ़ में माता-बहनों ने योग्यता, क्षमता और आगे बढ़ने के जज्बें की कमी नहीं है। हमने संकल्प के साथ महिलाओं को अधिकार और न्याय दिलाने का जो काम किया है वह सब के सामने है। महिलाओं की यह ताकत महिला मड़ई में देखी जा सकती है। आज महिलाएं गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट सहित विभिन्न सामग्रियां तैयार कर रही है। बड़े उद्योगपतियों के समान अब छत्तीसगढ़ की महिलाएं गोबर से पेंट, बिजली भी तैयार करेंगी। बिजली उत्पादन के साथ बिजली बेचने का काम कर महिलाएं पैसे भी कमाएंगी। छत्तीसगढ़ में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में गौठान विकसित हो रहे है, जिसमें सभी बहन-बेटियों को काम दिया जा रहा है। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने तीजा-पोरा के अवसर पर स्व-सहायता समूहों का 13 करोड़ रूपए का ऋण भी माफ कर दिया है और महिलाकोष से उनकी लोन लेने की सीमा दोगुनी कर दी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में आंगनबाड़ी सेवाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजनाओं से लाभ लेकर महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने वाले स्व-सहायता समूहों को सम्मानित किया। इसी प्रकार उन्होंने सखी वन स्टॉप सेंटर और नवा बिहान योजना के तहत महिला संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली अधिकारियों को भी सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर कन्या विवाह योजना कॉफी टेबल बुक, सखी वन स्टॉप सेंटर टेलीफोन डायरेक्ट्री और महिला सशक्तीकरण से संबंधित योजनाओं के ब्रोशर का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बीटीआई ग्राउंड में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय महिला मड़ई में प्रदेशभर से आई महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी के स्टालों का भी अवलोकन किया। बस्तर के महिला समूहों के स्टॉल से मुख्यमंत्री ने बेलमेटल से निर्मित कला कृति खरीदी और तुरही बजा कर महिलाओं के उत्साह को दोगुना कर दिया।कार्यक्रम में महिला बाल विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई कौशल्या मातृत्व योजना बेटियों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था के साथ उनके पोषण में सहायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाएं आगे आ रही हैं। आज महिला समूहों के माध्यम से छत्तीसगढ़ का नाम देश-विदेश में हो रहा है। इन समूहों को अपने समानों के प्रदर्शन के साथ बिक्री का अवसर महिला मड़ई में दिया गया है। इससेे अनुभवों का आदान-प्रदान होने के साथ उनके उत्पादों के लिए बेहतर बाजार मिलेगा। उन्होंने प्रदेश में नशा-मुक्ति के लिए महिलाओं का आहवान करते हुए उन्हें बेहतर समाज के निर्माण और परम्पराओं के संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम, विधायकगण श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, सुश्री शकुंतला साहू, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी साहू सहित नगरीय एवं पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के विधानसभा पहुॅचने पर आत्मीय स्वागत
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के शुभारम्भ के अवसर पर आज विधान सभा पहुंची राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके का आत्मीय स्वागत विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री श्री रविंद्र चौबे, विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी और विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री सी. एस. गंगराडे ने किया।
कार्य मन्त्रणा समिति की बैठक
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के मुख्य समिति कक्ष में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री श्री रविन्द्र चौबे सहित समिति के सदस्यगण बैठक में उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर सदन में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अभिभाषण का वाचन किया |
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर सदन में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अभिभाषण का वाचन करते हुए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाभारतीय खेल प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ में दी 07 खेलो इंडिया सेंटर की मंजूरी
राज्य सरकार के प्रस्ताव पर मिली मंजूरी
आर्चरी और हॉकी के लिए दो-दो केन्द्रों, वॉलीबाल, मलखम्ब और फुटबाल के लिए एक-एक केन्द्र की मंजूरी
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोचों से मिलेगा प्रशिक्षण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के प्रयासों को एक बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया स्कीम के तहत सात खेलो इंडिया केन्द्रों की स्थापना की मंजूरी दी गई है। ये सातों केन्द्र अलग-अलग जिलों में एक-एक खेल के लिए खोले जाएंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आर्चरी और हॉकी के लिए दो-दो केन्द्रों, वॉलीबाल, मलखम्ब और फुटबाल के लिए एक-एक केन्द्र की मंजूरी दी गई है। इन केन्द्रों में संबंधित खेलों के छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का चयन कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोचों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केन्द्रों की स्थापना के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में सात खेलो इंडिया केन्द्र की मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा मौका मिलेगा। आने वाले समय में ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर खेल संचालनालय ने विभिन्न खेलों की खेलो इण्डिया सेंटर प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा गया था, जिसमें से शिवतराई बिलासपुर में तीरंदाजी सेंटर, बीजापुर में तीरंदाजी सेंटर, राजनांदगांव में हॉकी सेंटर, जशपुर में हॉकी सेंटर, गरियाबंद में व्हॉलीबॉल सेंटर, नारायणपुर में मलखम्भ सेंटर और सरगुजा में फुटबॉल खेल की खेलो इण्डिया सेंटर प्रारंभ करने की स्वीकृति भारतीय खेल प्राधिकरण से प्राप्त की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य में खेलों का प्रशिक्षण अब और मजबूत होगा। इन सभी खेलो इण्डिया सेंटर्स को प्रारंभ करते हुए खेल संचालनालय द्वारा लगातार इन सेंटर्स की मॉनिटरिंग की जाएगी।प्रत्येक खेल के स्थानीय सीनियर खिलाड़ियों को सेंटर से जोड़ा जाएगा, उन्हें प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने के लिए मानदेय भी दी जाएगी। सभी खेलो इण्डिया सेंटर्स में बालक एवं बालिका खिलाड़ियों का बराबर प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित की जाएगी। इन सेंटर्स को भारतीय खेल प्राधिकरण के पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा।यह पहला अवसर है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के लिए राज्य गठन के बाद से बड़े अवसर सृजित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीजापुर अकादमी का दौरा कर वहां तीरंदाजी सेंटर प्रारंभ करने का वादा खिलाड़ियों से किया गया था, इसी प्रकार शिवतराई बिलासपुर में स्थानीय बच्चों की तीरंदाजी खेल में रूचि और प्रतिभा को देखते हुए मुख्यमंत्री जी ने इसे राज्य स्तर पर खेल अकादमी का दर्जा दिलाने की बात कही थी, जिसे साकार कर लिया गया है।राजनांदगांव और जशपुर प्रारंभ से ही हॉकी की नर्सरी के रूप में विख्यात है, इन शहरों ने हॉकी के कई खिलाड़ी दिए हैं, अब नई पीढ़ी को बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें एक नया अवसर प्रदान किया गया। बस्तर क्षेत्र अब तक खेलों में उपेक्षित रहा था, इन क्षेत्रो में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बस्तर में भी खेलों के विकास के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, खेलो इण्डिया सेंटर की स्वीकृति इसका उदाहरण है। नारायणपुर में मलखम्भ की विशेष प्रतिभाओं के देखकर मुख्यमंत्री जी ने इन्हें अकादमी देने की घोषणा की थी, जिसे आज पूरा किया गया है। सरगुजा में फुटबॉल के खिलाड़ियों के लिए एक नया अवसर सृजित कर खिलाड़ियों को सौंगात दी गई है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा लगातार खिलाड़ियों के लिए नित्य नये अवसर गढ़े जा रहे हैं। आने वाले समय में राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करेंगे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीती रात दुर्ग के धमधा नाका रेलवे ब्रिज पर हुए सड़क हादसे में 4 व्यक्तियों की मृत्यु पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाप्रभावित पात्र किसानों को 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय भूमि होगी आबंटित
आगामी निविदाओं में 60 प्रतिशत कर्मचारी प्रभावित ग्राम से लेने की शर्त जोड़ी जाएगी
प्रभावित परिवारों को 75 प्रतिशत दुकान, गुमटी चबूतरा एवं हॉल का आबंटन लागत मूल्य पर
लेयर-11 के ग्रामों में जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए अनुमति मुक्त करने की अनुशंसा
नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा आदेश जारी
रायपुर : नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रभावित किसानों को पात्रतानुसार 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय पट्टा वितरण की कार्यवाही 7 मार्च से शुरू की जा रही है। प्राधिकरण के संचालक मण्डल की 25 फरवरी को आयोजित 69वीं बैठक में शासन द्वारा गठित मंत्रीमंडलीय समिति द्वारा की गई 6 प्रमुख सिफारिशों को मान्य करते हुए उन पर अमल करने का आदेश जारी किया गया है।
नई राजधानी परियोजना प्रभावित किसान कल्याण समिति की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गठित मंत्रीमण्डलीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों को मान्य करते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल ने किसानों के हित में 06 बिन्दुओं पर अमल करते हुए आदेश जारी किए गए हैं, इनमें प्रमुख रूप से आवासीय पट्टा वितरण, पात्रतानुसार 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय भूमि का आबंटन, शासकीय भूमि पर कब्जा जहां पर है वहीं दिया जाना, जिसके लिए विलेज डेव्हलपमेंट प्लान के क्रियान्वयन की शर्त को शिथिल करने की सहमति शामिल है।
इसी प्रकार संचालक मण्डल द्वारा किसानों के पक्ष में ऑडिट आपत्तियों के निराकरण हेतु सिंचित एवं असिंचित भूमि के संबंध में पटवारी दस्तावेज एवं वृक्षों के संबंध में वनपाल की रिपोर्ट को प्रमाण मानकर आपत्तियों का निराकरण किये जाने का निर्णय लिया गया है। संचालक मण्डल द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न सेवाओं हेतु एनआरएएनव्हीपी द्वारा की जाने वाली आगामी निविदाओं में 60 प्रतिशत कर्मचारी प्रभावित ग्राम से हो, यह शर्त जोड़ने की सहमति दी गई है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नया रायपुर अटल नगर के विभिन्न सेक्टर्स में निर्मित 75 प्रतिशत दुकान, गुमटी चबूतरा एवं हॉल का आबंटन लागत मूल्य पर आवेदन आमंत्रित कर लाटरी के माध्यम से परियोजना प्रभावित परिवारों को किया जायेगा। नवा रायपुर अटल नगर के लेयर-11 के ग्रामों में जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए अनुमति की आवश्यकताओं से मुक्त करने की भी अनुशंसा की गई है। यह सभी प्रक्रिया आगामी तीन माह में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं।
एनआरएएनव्हीपी द्वारा पट्टा वितरण प्रारंभ करने की संभावित तिथि भी निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार 7 मार्च को कयाबांधा में, 11 मार्च को नवागांव (खपरी), 16 मार्च को राखी, 22 मार्च को झांझ, 25 मार्च को खपरी, 31 मार्च को कोटराभांठा, 4 अप्रैल को रीको, 8 अप्रैल को चीचा, 13 अप्रैल को संेध, 19 अप्रैल को छतौना, 25 अप्रैल को नवागांव (खुटेरा), 29 अप्रैल को तूता और 4 मई को उपरवारा में पट्टा वितरण प्रारंभ किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राजिम माघी पुन्नी मेला का गरिमामय समापन
छत्तीसगढ़ी संस्कृति को मिल रहा है सम्मान
लक्ष्मण झूला का लोकार्पण: अंचल के लोगों को मिली ऐतिहासिक सौगात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सुप्रसिद्ध तीर्थ राजिम मात्र एक शहर नहीं बल्कि आध्यात्म, धर्म और हमारी गौरवशाली संस्कृति का संगम है। राजिम के महत्व को देखते हुए हमने यहां राजिम माघी पुन्नी मेला को भव्यता प्रदान करने के लिए न केवल नये मेला स्थल के लिए 54 एकड़ जमीन आवंटित की है। बल्कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला के निर्माण सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। मेले स्थल का तेजी से विकास किया जा रहा है। आज राजिम के त्रिवेणी संगम में 33.12 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित लक्ष्मण झूले का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज राजिम माघी पुन्नी मेले के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
महानदी, पैरी और सोंढूर के पवित्र त्रिवेणी संगम के तट पर 16 फरवरी से 01 मार्च तक 15 दिनों तक चलने वाले श्रद्धा-भक्ति और आस्था के छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े राजिम माघी पुन्नी मेला 2022 का भव्य समापन आज महाशिवरात्री के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की और महानदी की आरती में शामिल होकर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के धर्मस्व, पर्यटन, गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की। राजिम माघी पुन्नी मेला में इस वर्ष 10 लाख श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म और आस्था के संगम में डुबकी लगाई।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि विधायक अमितेष शुक्ल ने 15 दिन तक शराब पर प्रतिबंध लगाने कि बात कही थी जिसे हमने तुरंत स्वीकृति दे दी और 15 दिन राजिम सहित आस-पास के क्षेत्रों की शराब दुकानें भी बंद रही। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने वनवासकाल में सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ में बिताया। राजिम से लेकर शिवरीनारायण तक का क्षेत्र कमल क्षेत्र कहलाता है। उन्होंने रामवनगमन पथ के संबंध में कहा कि इस पथ के लिए 9 महत्वपूर्ण स्थलों को पूरी भव्यता के साथ विकसित किया जा रहा है। इसमें राजिम महत्वपूर्ण पड़ाव है। मुख्यमंत्री ने कहा की राजिम को संवारने का कार्य हमारी सरकार द्वार किया जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि हमारी नीति और योजनाओं से छत्तीसगढ़ के किसान समृध्दि की ओर बढ़ रहे हैं। आज राज्य की संस्कृति, खानपान, रहन-सहन और व्यंजन का भी सम्मान हो रहा है। उन्होंने कहा की गोधन न्याय योजना की तारीफ प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं। श्री बघेल ने कहा की गौठानों में विकसित किए जा रहे रुरल इंडस्ट्रीज पार्क के माध्यम से हमारे किसान और ग्रामीण भाई-बहन अब उद्योगकर्मी भी कहलायेंगे। उन्होंने ने कहा की मजदूरों के लिए प्रारंभ की गई राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से गरीबों की आय भी बढ़ेगी। उन्होने शानदार आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन एवं आम नागरिकों को बधाई दी।
इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रजध्वज साहू ने कहा की राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष आयोजन को बेहतर रुप देने का प्रयास रहता है। जिसमें हम सफल हो रहे है। इस वर्ष लक्ष्मण झूला की सौगात अंचल वासियों को मिली है। इससे बारह महीने भगवान कुलेश्वरनाथ का दर्शन होगा। उन्होंने बताया की मेले मंे इस वर्ष लगभग 3 हजार हितग्राहियों को 98 करोड़ रुपये का विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया गया है। राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल ने कहा की लक्ष्मण झूला की सौगात से अंचल वासियों में खुशी की लहर है। उन्होंने गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर खरीदी के लिए धन्यवाद दिया साथ ही शराब बंदी के लिए मुख्यमंत्री का अभार व्यक्त किया। अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू ने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में हर वर्गों का विकास हो रहा है। कलेक्टर नम्रता गांधी ने मेले के आयोजन और वहां की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए हर वर्ग का आभार व्यक्त किया। समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत श्री रामसुन्दरदास महाराज, महंत गोवर्धन शरण महाराज, संत श्री उमेशानंद महाराज, संत रविकर साहेब, ब्रम्हाकुमारी पुष्पा बहन, ब्रम्हाकुमारी हेमा बहन, संत विचार साहेब एवं विशिष्ट साधु-संतों की गरिमामयी मौजूदगी रही।इस अवसर पर विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, भिलाई विधायक श्री देवेन्द्र यादव, वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, नागरिकगण मौजूद थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
लगभग 19.40 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होगा लक्ष्मण झूला
पाटन से मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना का किया शुभारंभ
योजना के तहत 16 बेटियों को 20-20 हजार रूपए की राशि के चेक किए वितरित
ठाकुराईन टोला में 31.63 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों की सौगात
क्रेडा की सामुदायिक सिंचाई योजना सहित 6 करोड़ 86 लाख के स्वास्थ्य अधोसंरचना का लोकार्पण
सोनपुर में ग्लेजिंग यूनिट का भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम ठाकुराईन टोला में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर क्षेत्रवासियों को 31 करोड़ 63 लाख रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों की सौगात दी। इनमें 19 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से बनने वाला लक्ष्मण झूला और 2 करोड़ 75 लाख की लागत से बनने वाला खारुन नदी का तटबंध भी शामिल है। सोनपुर में एक करोड़ 40 लाख की लागत से बनने वाले ग्लेजिंग यूनिट का भूमिपूजन भी उन्होंने किया। इससे कुम्हारों को काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने ठाकुराईन टोला में ही क्रेडा की सामुदायिक सिंचाई योजना का लोकार्पण भी किया। इससे सिकोला और ठाकुराईन टोला में किसानों के खेतों में तालाबों के माध्यम से जल पहुंचेगा। इसके अलावा उन्होंने 6 करोड़ 86 लाख के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न कार्यों का लोकार्पण भी किया।
‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना‘ का शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर पाटन से छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की नोनी सशक्तिकरण योजना का शुभारंभ करते हुए 16 हितग्राही बेटियों को 20-20 हजार रुपये के चेक सौंपे। पाटन से शुरू हुई इस योजना के तहत श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो बेटियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ठाकुराईन टोला में 19 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत बनने वाले लक्ष्मण झूला का किया भूमि पूजन किया। यह लक्ष्मण झूला 225 मीटर लंबा होगा इसके बनने से भक्तों को भगवान शिव के दर्शन करने आसानी होगी। ठकुराईन टोला भगवान शिव के श्रद्धालुओं का पाटन क्षेत्र में भगवान शिव के श्रद्धालुओं का महत्वपूर्ण केंद्र है। सावन सोमवार के मौके पर यहां बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है, लेकिन खारून नदी में जलस्तर अधिक होने की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन में काफी दिक्कत होती थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महाशिवरात्रि के दौरान भक्तों को आश्वस्त किया था कि यहां लक्ष्मण झूला बनेगा। गौरतलब है कि महाशिवरात्रि के मौके पर ठकुराईन टोला में बड़ा मेला लगता है लक्ष्मण झूला बन जाने के बाद लोगों की आवाजाही भी इस क्षेत्र में बढ़ जाएगी और ठकुराइन टोला प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा। लक्ष्मण झूला बन जाने के बाद लोगों की आवाजाही भी इस क्षेत्र में बढ़ जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पाटन ब्लॉक में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 6 करोड़ 86 लाख रुपए की अधोसंरचना का भूमिपूजन और लोकार्पण भी किया। झीठ में उन्होंने मॉडल रूरल रिसर्च हेल्थ यूनिट का भूमि पूजन भी किया इसकी लागत 2 करोड़ होगी। इसके अलावा उन्होंने पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से ऑक्सीजन गैस प्लांट का लोकार्पण तथा दो करोड़ 2 लाख की लागत से बनने वाले स्टाफ क्वाटरों का पूजन किया। इसके साथ ही उन्होंने 37 लाख रूपए की लागत से निर्मित दस बेड आइसोलेशन सेंटर का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने जामगांव (एम), बेल्हारी, अचानकपुर में निर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण भी किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि की बधाई दी है। महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाशिवरात्रि का त्यौहार पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है। श्री बघेल ने इस अवसर पर भगवान शिव से प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाग्रामीण महिलाएं अब गोबर से बनाएंगी बिजली : श्री भूपेश बघेलमुख्यमंत्री की मौजूदगी में राज्य में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हुए दो महत्वपूर्ण एमओयू
राज्य में गोबर से बिजली बनाने और खाद्य पदार्थाें के संरक्षण के लिए होगा आधुनिक तकनीक का उपयोग
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जिसने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के साथ तकनीकी हस्तांतरण के लिए किया अनुबंध
गोबर से बिजली बनाने निसरग्रुना टेक्नोलॉजी का होगा उपयोग
छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण और भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के मध्य हुआ एमओयू
राज्य में खाद्य विकिरण केन्द्र स्थापना के लिए राज्य बीज निगम और बोर्ड ऑफ रेडियेशन एण्ड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी के बीच अनुबंध
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अब तक विद्युत उत्पादन का कार्य सरकारें और बड़े औद्योगिक घराने करते रहे हैं। यह मिथक छत्तीसगढ़ राज्य में टूटने जा रहा है। राज्य सरकार की मदद से अब गांव की महिलाएं विद्युत उत्पादक बनने जा रही है। राज्य के गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से स्व-सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाएं बिजली बनाएंगी। इसके लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र ट्राम्बे मुम्बई से गोबर से विद्युत उत्पादन की आधुनिक तकनीक निसरगु्रना के हस्तांतरण के लिए छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के साथ एमओयू हुआ है। गौठानों में गोबर एवं कृषि अपशिष्ट से बिजली एवं जैव ईंधन के उत्पादन के लिए संयंत्र लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में गोबर से बिजली उत्पादन एवं खाद्य विकिरण परियोजना के एमओयू कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ ने कृषि के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करते हुए पूरे देश को रास्ता दिखाया है। कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं और नए-नए नवाचार हुए है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं की सफलता की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए फसल उत्पादन एवं गुणवत्ता बढ़ाने तथा मूल्य संवर्धन करने और उनके सुरक्षित भंडारण पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य विकिरण केन्द्र की स्थापना के लिए बोर्ड ऑफ रेडियेशन एवं आइसोटोप टेक्नोलॉजी (बीआरआईटी) परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार एवं छत्तीसढ़ राज्य बीज कृषि विकास निगम के मध्य हुए समझौते पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इस आधुनिक तकनीक के जरिए खाद्य पदार्थाें विशेषकर फल, सब्जी और दालों को जल्दी से खराब होने से बचाने में और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन एवं लघु वनोपजों को देश-दुनिया से मार्केट में जगह और अच्छा मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर वैज्ञानिको को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे जनजीवन से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए लगातार प्रयासरत है। ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण की देश-दुनिया के सामने चुनौती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वैदिक काल से हमारी परंपरा प्रकृति से लेने और फिर उसे वापस लौटाने की रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में बीते तीन सालों में इस परंपरा को मजबूती के साथ हम आगे बढ़ा रहे है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से हमने पैरादान की परंपरा की शुरूआत की है। इससे खेतों में पराली जलाने और कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगी है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया और कहा कि राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित है। हमने जंगलों को बचाकर रखा है, राज्य का बड़ा भू-भाग वनाच्छादित होने के कारण वहां अपेक्षाकृत विकास के कार्य नहीं हो पाते हैं। विकास के लिए बड़े प्रोजेक्ट जैसे सिंचाई के लिए बांध, उद्योग, कारखाने आदि की स्थापना में दिक्कत आती है, परंतु राज्य को इसकी कहीं से कोई भी प्रतिपूर्ति नहीं मिलती है, जबकि छत्तीसगढ़ देश को 16 प्रतिशत ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। प्रकृति को कैसे बचाएं और उससे कैसे लाभ लें, इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार काम कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में फूड रेडियेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसानों और वनवासियों के आय में और वृद्धि होगी।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया और कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य के गौठानों में रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना तेजी से की जा रही है। यहां बेहतर उत्पादन एवं लाभ के लिए तकनीक की जरूरत है। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र से हुए एमओयू के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ रहा है।
परमाणु वैज्ञानिकों ने गोधन न्याय योजना को सराहा
इस अवसर पर बीआरसी के डायरेक्टर डॉ. ए.पी. तिवारी, ब्रिट के सीईओ डॉ. प्रदीप मुखर्जी ने गोबर से विद्युत उत्पादन और खाद्य रेडियेशन तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की सराहना की और कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कई उद्दश्यों की पूर्ति की है और कई ज्वलंत समस्याओं का निदान का रास्ता भी दिखाया है। परमाणु वैज्ञानिक डॉ. ए.पी. तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गोबर और कचरा अब धन बन गया है। इससे मिथेन गैस और विद्युत ऊर्जा का उत्पादन होगा। बीएआरसी बॉयो साईंस डायरेक्टर डॉ. तपन कुमार घंटी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार दो रूपए में गोबर खरीदकर उसका अच्छा उपयोग कर रही है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने विकिरण टेक्नोलॉजी का खाद्य उत्पादों की सेल्फ-लाइफ बढ़ाने, उनकी गुणवत्ता की सुरक्षा और सुधार के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग आलू, प्याज, सब्जी, दलहन, अदरक और मसालें सहित उद्यानिकी फसलों की सेल्फ-लाईफ बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे छत्तीसगढ़ के उत्पादों का अमेरिका, यूरोप के देशों में निर्यात करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड ऑफ रेडिएशन एण्ड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी द्वारा छत्तीसगढ़ के विशेष उत्पादों जैसे इमली और महुआ की सेल्फ-लाइफ बढ़ाने के लिए इस तकनीक के उपयोग पर अनुसंधान किया जाएगा। बी.आर.आई.टी. द्वारा छत्तीसगढ़ को टेक्नोलॉजी देने के साथ यहां के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विकिरण टेक्नोलॉजी से संसाधित उत्पादों का सर्टिफिकेशन भी किया जाएगा। ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने कहा कि एमओयू से बायो एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और यह तकनीक राज्य के इच्छुक निजी उद्यमियों को भी दी जा सकेगी।
कार्यक्रम का संचालन सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन ने किया। गोबर से विद्युत उत्पादन की तकनीक हस्तांतरण के लिए बीएआरसी के डायरेक्टर डॉ. ए.पी. तिवारी और छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री सुमित सरकार ने तथा फूड रेडियेशन परियोजना के लिए बीआरआईटी के सीईओ डॉ. प्रदीप मुखर्जी और छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री भुवनेश यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनन्द, बीएआरसी बॉयो साईंस डायरेक्टर डॉ. तपन कुमार घंटी, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एण्ड कोलेबोरेशन डिविजन के प्रमुख डॉ. अमर बनर्जी, वैज्ञानिक डॉ. एस.टी. मेहत्रे, फूड टेक्नोलॉजी के प्रमुख डॉ. एस.गौतम सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर तथा विकिरण बोर्ड और आइसोटोप प्रौद्योगिकी के प्रतिनिधि अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबिलासपुर में 357 करोड़ रूपए के विकास कार्याे का हुआ लोकार्पण एवं भूमिपूजन
अरपा नदी को स्वच्छ बनाने हरसंभव प्रयास होंगे बिलासपुर से रात में भी हवाई उड़ान के लिए प्रयास जारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि अरपा बिलासपुर की जीवनदायिनी नदी है। राजगीत का पहला शब्द भी अरपा से शुरू होता है। इसको बचाने के लिए सभी लोगों और संस्थाओं के साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। नदी के जल को शुद्व रखने और इसके सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किया जायेगा। धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। श्री बघेल आज यहां बिलासपुर के शास्त्री स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उक्त बाते कहीं। इससे पूर्व उन्होंने बिलासपुर जिले में 353 करोड़ से ज्यादा की लागत वाले 97 विकास एव ंनिर्माण कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद बिलासपुर में हवाई सेवा शुरू हुई है। यहां से अभी केवल दिन में दो-तीन स्थानों के लिए फ्लाईट सुविधा उपलब्ध है। इसके विस्तार की जरूरत है। लेकिन बगल में सेना की जमीन होने के कारण अनुमति नहीं मिल पाई है। अनुमति मिलने के बाद जरूरी सुविधाएं विकसित करके रात में भी उड़ान शुरु करने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने बिलासपुर सांसद को इस में मदद करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा शहर है। न्यायधानी एवं संस्कारधानी का दर्जा इसे प्राप्त है। सबके सहयोग एवं साथ लेकर शहर को सुन्दर बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए पुराने स्कूल बंद नहीं किये जाएंगे। पुराने स्कूल भी चलते रहेंगे, जरूरत पड़ी तो कक्षाएं दो पारी में संचालित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा आगामी 5 सालों में 5 लाख लोगों को नौकरी दी जायेगी। इसके लिए कार्य-योजना तैयार कर ली गई है। उन्हांेने कहा कि चालू सीजन में किसानों से 98 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है। इससे किसानों को 20 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। संपूर्ण भारत में छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है जो कि ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूरों को 6 हजार रूपये प्रतिवर्ष मदद दे रही है। भूमिहीन परिवारों को योजना के तहत प्रथम किस्त की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारे गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा हो रही है। केन्द्र सरकार भी इसी तर्ज पर योजना चलाने पर विचार कर रही है। गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाएं दीया, पेण्ट, गमला, गौकाष्ठ आदि घरेलू सामान बनाकर आमदनी अर्जित कर रही हैं। महिलाएं इन गौठानों में बिजली पैदा करने का उद्यम कर रही है।कार्यक्रम को नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, सांसद श्री अरूण साव, विधायक श्री शैलेश पाण्डेय और महापौर रामशरण यादव ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने प्रतिवेदन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले तीन साल में हुए जिले की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं भावी कार्य-योजना पर प्रकाश डाला। तीन बरस की विकास उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी इस अवसर पर प्रदर्शित की गई। संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह ने आभार प्रकट किये।
कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, छग पर्यटन मण्डल अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान, निगम सभापति श्री शेख नजीरूद्दीन बिलासपुर के कमिश्नर डॉ संजय अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, एसपी पारूल माथुर सहित निगम के पार्षद, पंचायत प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
107.49 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर सहित व्यापार विहार स्मार्ट रोड और प्लेनेटोरियम का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने 353.56 करोड़ रूपए की लागत के 97 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर को 107.49 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर सहित व्यापार विहार स्मार्ट रोड और प्लेनेटोरियम की सौगात दी। श्री बघेल ने बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर शहर और बिलासपुर जिले के लिए लगभग 353 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत के 97 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में से 277 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत के 62 कार्यों का लोकार्पण और 76 करोड़ 25 लाख रूपए की लागत के 35 कार्यों का भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का लोकार्पण किया, उनमें 107 करोड़ 49 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर-रायपुर रोड स्थित महाराणा प्रताप चौक पर नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर, 36 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर विश्वविद्यालय में निर्मित अकादमी भवन, पहंुच मार्ग तथा बाउंड्रीवॉल, 28 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से तिफरा में पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्मित 264 आवास, 26 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा व्यापार विहार स्मार्ट रोड महाराणा प्रताप चौक से तारबहार चौक तक निर्मित स्मार्ट रोड और 6 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से व्यापार विहार में निर्मित प्लेनेटोरियम शामिल हैं।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का भूमिपूजन किया, उनमें 10 करोड़ 89 लाख रूपए की लागत से पुराना बस स्टैंण्ड, बिलासपुर में बनने वाली स्वचालित मल्टी लेबल कार पार्किंग, 9 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी में स्थापित की जाने वाली जीआईएस समाधान प्रणाली के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य, 5 करोड़ 61 लाख रूपए की लागत से मंगला भैंसाझार से दीनदयाल कॉलोनी, लोखण्डी रेलवे गेट तक बनने वाली 3.5 किलोमीटर 02 लेन सड़क, 4 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कोटा विकासखण्ड में 31.45 किलोमीटर लम्बाई की 9 सड़कों के नवीनीकरण कार्य तथा 3 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर में विभिन्न सड़कों के लिए सौर प्रावधान के साथ मौजूदा स्ट्रीट और सहायक रोशनी की दोहरी फीड में परिवर्तित करने के लिए हाइब्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली का निर्माण कार्य शामिल हैं। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, विधायक श्री शैलेष पाण्डेय और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज बन जाने से शहर को मिलेगी जाम से मुक्तितिफरा का नये फ्लाई ओवर ब्रिज के बन जाने से महाराणा प्रताप चौक और तिफरा छोर में जाम से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही रायपुर मार्ग को बिलासपुर शहर से जोड़ने वाले इस ब्रिज से शहरवासियों के साथ ही साथ उन तमाम राहगीरों को भी राहत मिलेगी, जो एनएच 130 का उपयोग आवागमन के लिए करते हैं। बिलासपुर-रायपुर मार्ग में काफी लंबे समय से तिफरा रेलवे क्रासिंग में व्यवस्थित और चौड़े फ्लाईओवर ब्रिज की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक 1620 मीटर की लंबाई में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण 107 करोड़ 49 लाख रूपये की लागत से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया गया है। इस रेलवे क्रासिंग पर पहले भी एक ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था, लेकिन ब्रिज के सामने ही चौक होने और ब्रिज की चौड़ाई कम होने के कारण चौक के चारों ओर तथा ब्रिज में आए दिन जाम का सामना करना पड़ता था।
स्मार्ट रोड के बनने से व्यापार विहार में सुगम होगा यातायातबिलासापुर शहर में महाराणा प्रताप चौक से तारबाहर चौक तक बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 26 करोड़ 83 लाख रूपये की लागत से व्यवस्थित और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्मार्ट रोड का निर्माण किया गया है। संभाग के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र होने की वजह से इस मार्ग में भारी वाहनों का आवागमन हमेशा लगे रहता है लेकिन पूर्व में इस मार्ग के अव्यवस्थित होने की वजह से हमेशा ट्रैफिक और जाम की समस्या बनी रहती थी। फोरलेन स्मार्ट रोड के बन जाने से व्यापार विहार में व्यापारिक परिवहन सहज और सुगम होगा।
मनोरंजन और ज्ञान के केन्द्र प्लेनेटोरियम की मिली सौगातबिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा साढ़े तीन एकड़ में 6 करोड़ 77 लाख रूपये की लागत से डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसका लोकार्पण किया। इस प्लेनेटोरियम में शहरवासियों को दिन में ही आकाशीय नज़ारे के अवलोकन के साथ ही साथ विज्ञान तथा खगोलशास्त्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। दो सौ लोगों की बैठक क्षमता वाले इस प्लेनेटोरियम में आगंतुकों के लिए फोर के सिंगल टेक्नोलॉजी का प्रोजेक्टर लगाया गया है, इसके अलावा प्लेनेटोरियम परिसर में ऑक्सीजोन का भी निर्माण किया गया है। प्लेनेटोरियम पहुंचने वाले आगंतुकांे की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पहुंच मार्ग का भी निर्माण किया गया है।
बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया...
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया। 107 करोड़ रुपये की लागत से इस 1620 मीटर लंबे फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। लोकार्पण के बाद तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज पर मुख्यमंत्री कुछ दूर तक चलकर गए। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक ब्रिज का निर्माण किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को राज्य के कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा कर कृषि में गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जनसामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य के गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है। इसी तरह कृषि में जहरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में श्गोमूत्रश् के उपयोग की अपार संभावनायें हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिए। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री 25 फरवरी को बिलासपुर को देंगे 353.56 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात
107.49 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर का करेंगे लोकार्पण
पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्मित 264 आवासों, व्यापार विहार स्मार्ट रोड महाराणा प्रताप चौक-तारबहार चौक स्मार्ट सड़क का भी होगा लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 25 फरवरी को बिलासपुर प्रवास के दौरान शहरवासियों को लगभग 353 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत के 97 विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री इन कार्यों में से 277 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत के 62 कार्यों का लोकार्पण और 76 करोड़ 25 लाख रूपए की लागत के 35 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का लोकार्पण करंेगे, उनमें 107 करोड़ 49 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर-रायपुर रोड स्थित महाराणा प्रताप चौक पर नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर, 36 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर विश्वविद्यालय में निर्मित अकादमी भवन, पहंुच मार्ग तथा बाउंड्रीवॉल, 28 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से तिफरा में पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्मित 264 आवास, 26 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा व्यापार विहार स्मार्ट रोड महाराणा प्रताप चौक से तारबहार चौक तक निर्मित स्मार्ट रोड और 6 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से व्यापार विहार में निर्मित प्लेनेटोरियम शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का भूमिपूजन करेंगे, उनमें 10 करोड़ 89 लाख रूपए की लागत से पुराना बस स्टैंण्ड, बिलासपुर में बनने वाली स्वचालित मल्टी लेबल कार पार्किंग, 9 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी में स्थापित की जाने वाली जीआईएस समाधान प्रणाली के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य, 5 करोड़ 61 लाख रूपए की लागत से मंगला भैंसाझार से दीनदयाल कॉलोनी, लोखण्डी रेलवे गेट तक बनने वाली 3.5 किलोमीटर 02 लेन सड़क, 4 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कोटा विकासखण्ड में 31.45 किलोमीटर लम्बाई की 9 सड़कों के नवीनीकरण कार्य तथा 3 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर में विभिन्न सड़कों के लिए सौर प्रावधान के साथ मौजूदा स्ट्रीट और सहायक रोशनी की दोहरी फीड में परिवर्तित करने के लिए हाइब्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली का निर्माण कार्य शामिल है।























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