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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मझगवां में थैला और ठोंगा निर्माण हेतु महिलाओं को प्रशिक्षण
‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत 35 महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर : ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत प्लास्टिक मुक्त ग्राम पंचायत बनाने की दिशा में कोरिया जिला प्रशासन द्वारा अभिनव पहल की गई है। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के सहयोग से जनपद पंचायत सोनहत के ग्राम पंचायत मझगवां में थैला एवं ठोंगा निर्माण योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत बिहान से जुड़ी महिलाओं को आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण उपरांत ये महिलाएं पेपर बैग एवं ठोंगे का निर्माण करेंगी।
प्रदेशभर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक आयोजित ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत यह गतिविधि प्रारंभ की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं न केवल पेपर बैग निर्माण कर रही हैं बल्कि ग्रामीणों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों एवं पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के उपयोग के लिए भी जागरूक कर रही हैं। साथ ही, सोनहत जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत लटमा में लगने वाले साप्ताहिक बाजार को शत-प्रतिशत प्लास्टिक मुक्त बनाने की तैयारी की जा रही है। आगामी दिनों में इस बाजार में केवल पेपर बैग का ही उपयोग होगा।
कलेक्टर ने कहा कि कोरिया जिला अपनी हरियाली और प्राकृतिक संपदा के लिए विशेष पहचान रखता है। इस वनांचल का पर्यावरण प्रदूषित न हो, इसके लिए प्लास्टिक का उपयोग बंद करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पेपर बैग आसानी से उपलब्ध होने पर दुकानदार स्वेच्छा से प्लास्टिक का उपयोग बंद करेंगे, जिससे पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियान को मजबूती मिलेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने 1.84 लाख श्रमिकों को 65 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की
मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा जयंती पर श्रमवीरों को दी बड़ी सौगात
दीदी ई-रिक्शा योजना की सहायता राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये की घोषणा
श्रमिकों के मकान निर्माण हेतु अनुदान राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये करने की घोषणा
पंजीकृत श्रमिकों के नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माण और विकास में श्रमवीरों की भूमिका अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि श्रमवीर समाज की रीढ़ हैं और उनके योगदान से ही विकसित छत्तीसगढ़ तथा विकसित भारत का सपना साकार होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों के परिश्रम और योगदान की सराहना करते हुए कहा कि श्रमवीरों के उत्साह और भागीदारी से प्रदेशवासियों के सपने पूरे होंगे। इस अवसर पर उन्होंने भगवान विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएँ दीं और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशभर के मेहनतकश श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया। उन्होंने घोषणा की कि दीदी ई-रिक्शा योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये की जाएगी। इसी प्रकार मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक सहायता योजना के अंतर्गत श्रमिकों को मकान निर्माण के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये की जाएगी। साथ ही, पंजीकृत श्रमिकों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच का संपूर्ण खर्च अब श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया और बीते 11 वर्षों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जनहितैषी कार्यों से प्रदेश के विकास को नई गति दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर हम सभी श्रमवीरों के परिश्रम को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है—चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा हो या आवास और औजारों की सुविधा, सरकार हर कदम पर श्रमिकों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि आज 1 लाख 84 हजार 220 श्रमिकों के खातों में श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं—दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, निर्माण श्रमिक मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, छात्रवृत्ति योजना आदि के अंतर्गत 65 करोड़ 16 लाख 61 हजार रुपये से अधिक की राशि डीबीटी के माध्यम से अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता हमारी सरकार की पहचान है। किसानों और श्रमिकों का पैसा सीधे उनके खातों में पहुँच रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल से श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है। अब अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर भी एक लाख रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘श्रमेव जयते’ वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए ‘‘अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना’’ और श्रमिकों के बच्चों के लिए आईआईटी, जेईई, नीट एवं सीए जैसी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए ‘ट्राइबल हॉस्टल’ की सीटें 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई हैं।
इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि श्रमिकों की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आज श्रमिक महासम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रदेश के 1.84 लाख श्रमिकों के खातों में 65.16 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी को पूरी निष्ठा से पूरा कर रही है। श्रम विभाग के तीन मंडलों के माध्यम से 72 योजनाएँ संचालित हो रही हैं, जिनका लाभ लगातार श्रमिक भाई-बहनों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री साय ने अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में चयनित बच्चों से भेंट की थी और घोषणा की थी कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना में सीटें 100 से बढ़ाकर 200 कर दी जाएँगी।
समारोह में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण सर्वश्री राजेश मुणत, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री योगेश दत्त चौबे, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति आयोग के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल, श्रम विभाग के सचिव श्री हिम शिखर गुप्ता, संयुक्त सचिव श्रीमती फरिहा आलम, अपर आयुक्त श्रम श्री एस.एल. जांगड़े, श्रीमती सविता मिश्रा, छत्तीसगढ़ भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के सचिव श्री गिरीश रामटेके सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर के इंडोर स्टेडियम में श्रम विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। छत्तीसगढ़ की रजत जयंती और विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर श्रम विभाग द्वारा 12 से 19 सितम्बर तक प्रदेश के सभी जिलों में 55 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, निःशुल्क दवा वितरण, श्रमिक पंजीयन और नवीनीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निर्माण श्रमिकों के कौशल उन्नयन के लिए महासमुंद, बिलासपुर और राजनांदगांव जिलों में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। अन्य जिलों में भी श्रमिकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महासम्मेलन स्थल पर श्रमिकों के लिए सुरक्षा संबंधी सामग्री और विभागीय योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। वहीं श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों को निःशुल्क चश्मों का वितरण किया गया।
श्रमिक महासम्मेलन में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत श्रमिकों को करोड़ों रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के तहत 1.77 लाख से अधिक श्रमिकों को 58.32 करोड़ रुपये, असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के तहत 3,839 श्रमिकों को 4.77 करोड़ रुपये तथा श्रम कल्याण मंडल के तहत 3,332 श्रमिकों को 2.06 करोड़ रुपये की सहायता राशि हितग्राहियों के खातों में सीधे अंतरित की गई।
इसमें दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण योजना, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, श्रमिक औजार सहायता योजना, सिलाई मशीन सहायता योजना और सायकल सहायता योजना सहित कई कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत राशि सीधे श्रमिकों के खातों में जमा की गई। -
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24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए 41 करोड़ 59 लाख रुपए की दी मंजूरी
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात दी है। शिक्षा और विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए जिले के विभिन्न विकासखंडों एवं ग्रामों में नए छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी है। छात्रावास भवनों के निर्माण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा क्योकि विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों और वंचित वर्गों के छात्रों को एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलेगा । जिले में 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए 41 करोड़ 59 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने छात्रावास भवनों के निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता और समयसीमा का पालन करने निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी के लिए विभागीय अधिकारियों और सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है। छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए मंजूरी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। जिले में नए छात्रावास भवन निर्माण के लिए पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास जशपुर के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लोदाम के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पैकु के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए,
पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास मनोरा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बगीचा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास रौनी के लिए 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल के लिए 2 करोड़ 89 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास पतराटोली के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन दुलदुला के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई है।
इसी प्रकार प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दुलदुला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कुनकुरी वार्ड 2 में 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 92 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास तपकरा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लवाकेरा 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल हैं। प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बटाईकेला 1 करोड़ 53 लाख रूपए,
प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बागबहार 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन गाला के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है,जिसका निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा।
जर्जर भवन से विद्यार्थियों को मिलेगी मुक्ति, सर्व सुविधायुक्त भवन का किया जाएगा निर्माण
इन छात्रावास भवनों के बन जाने से जशपुर जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को सुरक्षित और आधुनिक आवासीय सुविधा मिलेगी। खासतौर पर आदिवासी एवं सुदूर अंचल के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ रहने और भोजन की सुविधा भी बेहतर ढंग से उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का जिले वासियों ने जताया आभार
जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणा, विद्यार्थियों के अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा और आदिवासी बच्चों के भविष्य को नई दिशा प्रदान करेगा। -
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कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन करेंगे
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 17 सितम्बर को अपरान्ह 2 बजे राजधानी रायपुर स्थित इंडोर स्टेडियम में विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर श्रम विभाग द्वारा प्रदेश के एक लाख 84 हजार 220 श्रमिकों को 65 करोड़ 16 लाख 61 हजार 456 रूपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भुगतान करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन करेंगे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के श्रमवीरों को आर्थिक मदद एवं उन्हें संबल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मंडल द्वारा 01 लाख 77 हजार 049 निर्माण श्रमिकों को 58 करोड़ 32 लाख 38 हजार 136 रूपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल द्वारा 3 हजार 839 हितग्राहियों के खाते में 4 करोड़ 77 लाख 50 हजार 750 तथा छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल द्वारा 3 हजार 332 हितग्राहियों के खाते में 2 करोड़ 06 लाख 72 हजार 570 रूपए डीबीटी के जरिए अंतरित करेंगे। -
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लगभग 14 करोड़ रूपए की लागत से तैयार होगा प्रत्येक फिजियोथेरेपी महाविद्यालय
6 नए फिजियोथेरेपी कॉलेज छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य शिक्षा को देंगे नई उड़ान – मुख्यमंत्री श्री साय
फिजियोथेरेपी सेवाओं के विस्तार से गांव-गांव तक पहुंचेगी राहत – स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार नए आयाम जुड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए 6 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों के निर्माण को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों के निर्माण से न केवल युवाओं को नए अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिन जिलों में नए फिजियोथेरेपी कॉलेज स्थापित होंगे उनमें मनेंद्रगढ़, जशपुर, रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग और जगदलपुर शामिल हैं। इन महाविद्यालयों के निर्माण के लिए सरकार ने कुल 83 करोड़ 62 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। प्रत्येक महाविद्यालय के लिए लगभग 13 करोड़ 93 लाख 71 हजार रुपए (करीब 14 करोड़) का बजट तय किया गया है। यह निवेश न केवल आधुनिक इमारतों और प्रयोगशालाओं के निर्माण पर खर्च होगा बल्कि छात्रों के लिए आवश्यक उपकरणों और अधोसंरचना पर भी किया जाएगा। यह निर्णय प्रदेश की युवाशक्ति के लिए नई राह खोलेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता का स्वास्थ्य और हमारे युवाओं का भविष्य, दोनों हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। आज जिन 6 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों की स्वीकृति दी गई है, वे केवल संस्थान नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नई इमारत की नींव हैं। इन महाविद्यालयों से प्रदेश के युवा डॉक्टर और विशेषज्ञ बनकर न केवल छत्तीसगढ़ की सेवा करेंगे बल्कि पूरे देश में राज्य की पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य शिक्षा नई ऊँचाइयों को छू रही है। 6 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य शिक्षा के अवसर मिलेंगे और फिजियोथेरेपी जैसी महत्वपूर्ण सेवा अब गांव-गांव तक पहुंच सकेगी। यह निर्णय प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के साथ ही युवाओं के लिए नए रोजगार और अवसरों का द्वार खोलेगा।
उल्लखेनीय है कि फिजियोथेरेपी वर्तमान में स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है और इन नए महाविद्यालयों से प्रशिक्षित विशेषज्ञ तैयार होंगे, जो आने वाले समय में समाज को बेहतर सेवाएं देंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में फिजियोथेरेपी कॉलेजों का विस्तार राज्य के दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को बड़ी राहत प्रदान करेगा। अब मरीजों को फिजियोथेरेपी उपचार के लिए बड़े शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि अपने ही जिले में सेवाएं मिल सकेंगी।
प्रदेश में पहले से मौजूद मेडिकल कॉलेजों और नर्सिंग कॉलेजों के साथ फिजियोथेरेपी कॉलेजों की यह नई श्रृंखला स्वास्थ्य शिक्षा की व्यापकता को और बढ़ाएगी। इससे छत्तीसगढ़ न केवल डॉक्टर और नर्स तैयार करेगा बल्कि विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट भी बड़ी संख्या में उपलब्ध कराएगा। इस निर्णय से रोजगार के नए अवसर भी सामने आएंगे। इन महाविद्यालयों के निर्माण से लेकर संचालन तक स्थानीय स्तर पर अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा और स्नातक होने वाले विद्यार्थी स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देकर प्रदेश की जरूरतें पूरी करेंगे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से विगत दिवस राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में भारत के अंतर्राष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी एवं ग्रैंडमास्टर प्रवीण महादेव थिप्से ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री थिप्से की खेल प्रतिभा और उपलब्धियों की सराहना करते हुए उनकी प्रशंसा की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव श्री विक्रम सिसोदिया सहित संघ के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि प्रवीण महादेव थिप्से शतरंज में ग्रैंडमास्टर की उपाधि प्राप्त करने वाले खिलाड़ी हैं और राष्ट्रमंडल शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय भी हैं। उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। -
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गंगरेल डुबान क्षेत्र की 11 मछुआ सहकारी समितियों को मिला मछली पालन का पुनः हक
मुख्यमंत्री साय ने डुबान क्षेत्र में एम्बुलेंस और राष्ट्रीय बैंक शाखा शीघ्र खोलने का दिया आश्वासन
स्वच्छ भारत मिशन, जनधन योजना और आवास योजना से लोगों के जीवन में आया बदलाव
रायपुर : गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की मछुआ सहकारी समितियों को पुनः मछली पालन का हक मिलने पर प्रभावित समितियों के सदस्यों ने विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास पहुँचकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए अभिनंदन किया। इस अवसर पर गंगरेल डुबान क्षेत्र के तीन जिलों—धमतरी, कांकेर और बालोद की 11 मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यगण उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर ग्रामीणों की मांग पर डुबान क्षेत्र में जनसुविधा हेतु एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने और राष्ट्रीय बैंक की शाखा शीघ्र खोले जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। विभिन्न शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हों और लोग सीधे लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण को बढ़ावा देकर बेटियों और महिलाओं को सम्मान दिलाने का कार्य किया है। आज स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री जनधन योजना के माध्यम से आम नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है और विभिन्न योजनाओं का लाभ अब सीधे डीबीटी के माध्यम से हितग्राहियों तक पहुँच रहा है। इस व्यवस्था ने बिचौलियों की भूमिका समाप्त की है और भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों को पुनः रेडी-टू-ईट कार्य का जिम्मा सौंपा है, जिससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ग के उत्थान और सम्मान के लिए हमारी सरकार सतत कार्य कर रही है।
इस अवसर पर धमतरी महापौर श्री रामू रोहरा एवं पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पांडेय उपस्थित थीं। कार्यक्रम में गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की 11 मछुआ समितियों में ग्राम उरपुरी, तेलगुड़ा, मोगरागहन, कोलियारी पुराना, कोलियारी नया, गंगरेल, फुटहामुड़ा, तुमाबुजुर्ग, अलोरी, भिलाई एवं देवीनवागांव के सदस्यगण सहित अन्य गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी आपकी सफलता : मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज बलरामपुर जिले के चयनित 26 अग्निवीरों ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, गांव और जिले के लिए गौरव की बात है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अग्निवीर योजना युवाओं को सेना में शामिल होकर देशसेवा का सुनहरा अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने चयनित युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और देशप्रेम की भावना से ही सफलता की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सेना में शामिल होकर ये युवा सीमाओं की रक्षा करेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे।
इस अवसर पर बलरामपुर जिले के चयनित अग्निवीरों में पिंकू पैकरा, जिन्दल, विकाश पैकरा, प्रकाश सिंह, खेल साय, आर्यन, देव नंन्दन पन्ना, नरेन्द्र यादव, रंजीत केरकेट्टा, रमेश पैकरा, प्रियांशु, सनोज, निकिता नरसिंह, शशि किरण, सोहन लाल, महेन्द्र पैकरा, मिथलेश पैकरा, छोंटू, बज्जू पैकरा, पंकज, विवेक पैकरा, विधायक पैकरा, किशुन पैकरा, सोभनाथ पैकरा, अमित कुजूर और एंजेल लकड़ा शामिल रहे।
मुख्यमंत्री ने अतिथि शिक्षक श्री सुदर्शन यादव और उनकी टीम के निःशुल्क सेना भर्ती प्रशिक्षण के उल्लेखनीय प्रयासों की भी सराहना की। उनके प्रशिक्षण से लाभान्वित 30 युवाओं में से 26 युवा अग्निवीर भर्ती में चयनित हुए हैं। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा का आज कांकेर जिले के नरहरपुर पहुंचने पर हेलीपैड में जनप्रतिनिधियों, आदिवासी समाज के पदाधिकारियो और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक कांकेर श्री आशाराम नेताम, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अमित तुकाराम कांबले, कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को पारंपरिक पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। -
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रायपुर : हर घर रोशन हो, हर परिवार आत्मनिर्भर बने, इस संकल्प को साकार कर रही है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। यह योजना केवल बिजली उपलब्ध कराने का माध्यम नहीं है, बल्कि नागरिकों को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक पहल सिद्ध हो रही है। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला, जो ऊर्जा नगरी के रूप में देशभर में प्रसिद्ध है, अब पारंपरिक ऊर्जा के साथ नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में दादरखुर्द निवासी श्री अजय राज बेन की सफलता की कहानी पूरे क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
भारतीय वायुसेना में सेवाएँ देने के बाद श्री अजय राज बेन ने वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाते हुए अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल स्थापित कराया। सौर ऊर्जा से अब उनके घर की सभी आवश्यकताएँ पूरी हो रही हैं। पंखे, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, टेलीविजन और अन्य उपकरण निर्बाध रूप से चल रहे हैं। पहले जहाँ उन्हें हर माह बिजली बिल की चिंता रहती थी, वहीं अब उनका बिजली बिल शून्य हो गया है। अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड में प्रेषित होकर राज्य के ऊर्जा संतुलन में योगदान दे रही है।
श्री बेन ने सोलर पैनल स्थापित करने की सरकार की त्वरित एवं पारदर्शी व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि इस योजना से उन्हें दोहरा लाभ प्राप्त हुआ है। एक ओर उनके परिवार को मुफ्त बिजली मिल रही है, वहीं दूसरी ओर वे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। आज दादरखुर्द ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों और कस्बों में भी अनेक परिवार उनकी प्रेरणा से इस योजना से जुड़ रहे हैं। उनके पड़ोसी, रिश्तेदार और मित्र भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए उत्साहित हैं। श्री बेन का कहना है कि अब उन्हें बिजली बिल की कोई चिंता नहीं रहती। इस योजना ने सचमुच उनके घर में उजाला और उम्मीद जगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना आम नागरिकों के जीवन में आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का मार्ग खोल रही है। -
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40 हजार से अधिक खिलाड़ी लेंगे भाग, 11 खेलों में दिखाएंगे कौशल
रायपुर : उप मुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक की तैयारियों की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री श्री साव के नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में आज आयोजित बैठक में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बस्तर ओलंपिक का वृहद आयोजन करने इसकी रुपरेखा और व्यवस्थागत तैयारियों पर गहन चर्चा की गई।
आगामी अक्टूबर-नवम्बर में होने वाले बस्तर ओलंपिक में तीन स्तरों विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इनमें बस्तर संभाग के सातों जिलों और 32 विकासखंडों के 40 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। खेल और युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री यशवंत कुमार, संयुक्त सचिव श्री सुखनाथ अहिरवार और संचालक श्रीमती तनूजा सलाम भी बैठक में शामिल हुईं।
उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेलों का आयोजन नहीं है, बल्कि विकास और खेल का संगम है। यह संगठित रूप से बस्तर के युवाओं के सशक्तीकरण और उनमें नेतृत्व के विकास की पहल है। राज्य सरकार इन रचनात्मक पहलों से बस्तर में भयमुक्त वातावरण बनाकर युवाओं को खेल और उत्सव से जोड़ना चाहती है।
उन्होंने बस्तर ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर पुख्ता कार्ययोजना तैयार करते हुए आयोजन के ध्येय वाक्य ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ (खेलेगा बस्तर जीतेगा बस्तर) को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। श्री साव ने यूथ आइकॉन घोषित किए गए पिछले वर्ष के विजेता खिलाड़िय़ों, बस्तर संभाग के सभी खेल अधिकारियों, पी.टी.आई., पंचायत सचिवों, ‘बिहान’ की महिलाओं और खेल संघों को सक्रियता से जोड़कर बस्तर ओलंपिक को जन-जन तक पहुंचाने को कहा।
उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों से कहा कि बस्तर ओलंपिक को यादगार बनाने सभी विभाग अपनी-अपनी भूमिका और कार्यों के अनुरूप जिम्मेदारियों का वहन करें। बस्तर के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों की भागीदारी उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी और सकारात्मक वातावरण तैयार करेगी। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए इसमें बस्तर के सभी गांवों के सभी बच्चों की भागीदारी सुनिश्चत करने को कहा। श्री शर्मा ने आयोजन की तैयारियों को मूर्त रूप देने जल्दी ही इससे जुड़े विभागों, अधिकारियों और संस्थाओं की बस्तर में भी बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए जिससे की तैयारियों को और गति दी जा सके।
11 खेलों की स्पर्धाएं होंगी, नक्सल हिंसा के दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सली भी दिखाएंगे अपना दमखम
विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले बस्तर ओलंपिक में 11 खेलों को शामिल किया गया है। जूनियर वर्ग में बालक और बालिकाओं तथा सीनियर वर्ग में महिला और पुरूषों के लिए प्रतियोगिताएं होंगी। नक्सल हिंसा के दिव्यांगों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी संभाग स्तर पर पुरूषों और महिलाओं के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। बस्तर ओलंपिक के दौरान एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साखींच में पूरे बस्तर के खिलाड़ी अपना खेल कौशल दिखाएंगे। -
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नवोदय एवं एकलव्य विद्यालयों में खेलों पर विशेष फोकस करने तथा प्रशिक्षकों की कोचिंग स्किल अपडेट करने का दिया सुझाव
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव आज केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। बैठक में खेल एवं युवा विकास से संबंधित चुनौतियों व अवसरों पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री साव अपने प्रवास के दौरान मुंगेली कलेक्टोरेट से ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
बैठक में युवाओं को खेलों से जोड़ने और देश में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए 'खेलो इंडिया' योजना की तर्ज पर नई युवा कल्याण योजना शुरू करने पर चर्चा की गई। साथ ही हर राज्य में खेल विश्वविद्यालयों की स्थापना, खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय केंद्रों की संख्या में वृद्धि, खेल अधोसंरचनाओं के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए विशेष बजट प्रावधान, एकीकृत डिजिटल स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म के विकास जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में केंद्र एवं राज्य सरकार के स्कूलों में खेलों के लिए बुनियादी ढांचे विकसित करने तथा आवश्यक स्टॉफ की भर्ती करने का सुझाव दिया। उन्होंने नवोदय एवं एकलव्य विद्यालयों में भी खेलों पर विशेष फोकस करते हुए प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे ले जाने की जरूरत बताई। उन्होंने राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में नियमित खेल गतिविधियां संचालित करने विशेष कार्ययोजना तैयार करने की भी बात कही।
श्री साव ने बैठक में ‘‘साइ’’ (SAI) के रीजनल सेंटर्स में खेल प्रशिक्षकों की कोचिंग स्किल तथा उनके ज्ञान एवं कौशल के उन्नयन का भी सुझाव दिया। उन्होंने खेल कोटे से शासकीय सेवाओं में नियुक्त खिलाड़ियों को अन्य कार्यों में संलग्न न कर केवल खेल से जुड़ी जिम्मेदारियां देने पर जोर दिया ताकि उभरते खिलाड़ियों को उनके अनुभवों का लाभ मिल सके। श्री साव ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने तथा खेल अधोसंरचनाओं के विस्तार की जरूरत है।उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने व्यवस्थित खेल नीति बनाने व खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मॉनिटरिंग के लिए कार्ययोजना बनाने का भी सुझाव दिया। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ मुंगेली की अतिरक्त कलेक्टर निष्ठा पाण्डेय तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा और एसडीएम श्री अजय शतरंज भी वर्चुअल बैठक में मौजूद थे। -
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सुरक्षा बलों की वीरता और जनता का विश्वास बना नक्सल उन्मूलन की ताकत – मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गरियाबंद एवं नारायणपुर जिलों में नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी सफलता पर सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों को बधाई दी है।
गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सली ढेर किए गए हैं। इनमें ₹1 करोड़ के इनामी और केंद्रीय समिति सदस्य मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज भी शामिल है। यह नक्सल उन्मूलन अभियान में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इसी क्रम में नारायणपुर जिले में भी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण की राह चुनी है। जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष सहित कुल 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह घटनाएँ इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि नक्सलियों की झूठी विचारधारा अब दम तोड़ रही है। छत्तीसगढ़ में विश्वास, विकास और शांति की नई सुबह का उदय हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हमारा विश्वास है कि मार्च 2026 तक ‘नक्सलमुक्त भारत’ का संकल्प साकार होगा। -
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छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य, देश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत में छत्तीसगढ़ काफी आगे
मुख्यमंत्री श्री साय 97वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस “फोरम ऑफ रेगुलेटर्स” की बैठक में हुए शामिल
रायपुर : छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत मार्च 2027 तक प्रदेश के 1 लाख 30 हजार घरों की छतों पर सौर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन हमारा प्रयास इससे भी आगे बढ़कर इसे 5 लाख छतों तक पहुँचाने का है। इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को बड़ी सब्सिडी दी जा रही है।
1 किलोवॉट से 3 किलोवॉट क्षमता तक के सोलर संयंत्र लगाने पर 30 हजार से लेकर 78 हजार रुपये तक की केंद्रीय सहायता सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार भी अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है। इससे उपभोक्ताओं को कुल लागत का 75 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में आयोजित 97वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस “फोरम ऑफ रेगुलेटर्स” को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हम अपने राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। इन 25 वर्षों में हमारी उत्पादन क्षमता करीब 30,000 मेगावाट तक पहुँच गई है। स्टेट सेक्टर, निजी क्षेत्र और केंद्रीय सेक्टर की भागीदारी से आज छत्तीसगढ़ की धरती से 30 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। हाल ही में हमने 32 हजार मेगावाट से अधिक क्षमता वाले बिजलीघरों की स्थापना के लिए एमओयू किए हैं। इनमें ताप विद्युत, पंप स्टोरेज, परमाणु, बैटरी स्टोरेज और सौर ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल हैं। हमारा लक्ष्य आने वाले वर्षों में 60 हजार मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन करने वाला राज्य बनने का है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि प्रति व्यक्ति बिजली खपत के मामले में छत्तीसगढ़ देश से काफी आगे है। यहाँ खपत 2,211 यूनिट है, जबकि भारत में यह औसत केवल 1,255 यूनिट है। छत्तीसगढ़ अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन कर रहा है और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हम अपने राज्य के साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दो दिन पहले ही हमने कैबिनेट बैठक में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 2030 तक लागू रहने वाली नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक नीति में प्राथमिकता दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने देश के विभिन्न राज्यों से आए विद्युत नियामक आयोगों के अध्यक्षगण, पदाधिकारियों और विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति के लिए जो गहन विचार-विमर्श हुआ है, इसका उपभोक्ताओं सहित हम सभी को दूरगामी लाभ मिलेगा। उन्होंने आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को चुनने हेतु विशेष आभार भी प्रकट किया।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री जिश्नु बरुआ, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री हेमंत वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री रोहित यादव सहित राज्य विद्युत नियामक आयोग के अन्य सदस्य एवं अन्य राज्यों से आए सदस्यगण उपस्थित थे। -
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ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का जताया आभार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जनसमस्याओं के निराकरण के लिए स्थापित सीएम कैंप कार्यालय बगिया में ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुनने के साथ ही उनका त्वरित समाधान भी किया जाता है। आम लोगों के प्रति संवेदनशीलता और जनसमस्याओं के निराकरण की त्वरित पहल की वजह से आशा और विश्वास का केंद्र बन चुके कैंप कार्यालय में समय के साथ लोगों का विश्वास और भी गहरा होता जा रहा है।फरसाबहार तहसील के ग्राम अंकिरा के ग्रामीण बिजली ट्रांसफार्मर खराब होने की समस्या से जूझ रहे थे। ग्रामीणों ने अपनी यह समस्या सीएम कैंप कार्यालय बगिया के समक्ष रखी।कैंप कार्यालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए विद्युत बहाल करने के लिए विभाग को निर्देशित किया था।जिस पर विभाग ने दूसरे ही दिन त्वरित कार्यवाही कर नया ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया, जिससे पूरा गांव रोशन हो गया। ग्रामीणों ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का हृदय से आभार व्यक्त किया है।
लोगों की उम्मीदों का केंद्र बना सीएम कैंप कार्यालय बगिया
सीएम कैंप कार्यालय बगिया में प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। यहां लोगों की समस्या को गंभीरता से उसका निराकरण किया जाता है। चाहे वह बिजली की परेशानी हो, सड़क की समस्या, पेयजल की मांग या फिर अन्य विकास कार्य सभी मामलों पर तुरंत संज्ञान लिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि पहली बार उन्हें ऐसा अनुभव हो रहा है कि उनकी समस्याएं सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच रही हैं और तत्काल हल भी हो रहा है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ
प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु मिलेगी वित्तीय सहायता
देश के किसी भी संस्थान में पढ़ाई के लिए बालिकाओं को मिलेंगे वार्षिक 30 हजार रुपए
बेटियों की उच्च शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान, आर्थिक दिक्कतें नहीं बनेंगी बाधा
रायपुर : बेटियों को शिक्षा मिलने से हमारी पीढ़ियाँ शिक्षित होती हैं। प्रदेश सरकार बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को बधाई देते हुए कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना से हजारों बेटियों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हुआ है और इसमें बेटियों ने भी अपनी भूमिका निभाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। बेटियाँ आर्थिक दिक्कतों के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी न छोड़ें—इसी उद्देश्य से यह पहल की गई है। यह योजना प्रदेश में बालिकाओं की उच्च शिक्षा में नामांकन दर को और अधिक बढ़ाने में सहायक होगी।श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संकल्प को यह स्कॉलरशिप आगे बढ़ाएगी। इसके माध्यम से शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली निम्न आय वर्ग की छात्राओं को विशेष रूप से मदद मिलेगी और वे अपनी उच्च शिक्षा जारी रख पाएँगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बेटियाँ पढ़ती हैं तो वे केवल दो परिवारों को ही नहीं बल्कि पूरी पीढ़ियों को शिक्षित करती हैं। उन्होंने सभी महाविद्यालयों में इस योजना की जानकारी व्यापक रूप से पहुँचाने के निर्देश दिए।
उल्लेखीय है कि इस योजना के तहत प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली नियमित छात्राएँ पात्र होंगी। जो छात्राएँ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक के प्रथम वर्ष अथवा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में देश के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लेंगी, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।योजना का लाभ पाने के लिए वेबसाइट https://azimpremjifoundation.org/what-we-do/education/azim-premji-scholarship पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही, क्यूआर कोड स्कैन कर भी आवेदन किया जा सकता है।
आवेदन दो चरणों में स्वीकार किए जाएँगे—पहला चरण 10 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तथा दूसरा चरण 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक। फाउंडेशन द्वारा छात्रवृत्ति योजना की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क संचालित की जाएगी। यदि योजना से संबंधित किसी प्रकार की धोखाधड़ी या शिकायत की जानकारी हो, तो उसे [email protected] पर प्रेषित किया जा सकता है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री संतोष देवांगन, संचालक तकनीकी शिक्षा श्री विजय दयाराम के., तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के स्टेट हेड श्री सुनील शाह उपस्थित थे। -
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मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये किया गया
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज कोरबा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के बाद आज की यह प्रथम बैठक एक नए संकल्प और दृष्टिकोण के साथ आयोजित हो रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण और समग्र विकास के लिए सरकार सभी ठोस कदम उठा रही है। विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मध्य क्षेत्र अंतर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति समुदाय के बेहतर विकास के लिए प्राधिकरण की बजट राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की घोषणा की।
जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने प्राधिकरणों का पुनर्गठन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का गठन कर समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्राधिकरणों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जनसुविधाओं को हर गाँव, हर परिवार तक पहुँचाना है। पूर्व सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण प्राधिकरणों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी रही। निगरानी के अभाव में कई योजनाएँ धरातल पर नहीं उतर पाईं। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है।
प्राधिकरण में जनप्रतिनिधित्व को और व्यापक बनाने के लिए सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई है। अब प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, आदिवासी विकास के क्षेत्र में कार्यरत दो समाजसेवियों और विशेषज्ञों को प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ विकास योजनाओं को मिल सके।
पीएम जनमन योजना ने खोलीं नई संभावनाएँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएँ लागू करने पर सरकार विशेष जोर दे रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू की गई धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ खोली हैं। इन योजनाओं के तहत आवास, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढाँचों का विकास तेजी से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्व-सहायता समूहों को और मजबूत करने पर बल दिया जा रहा है। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएँ और बाजार से जोड़ने की पहल की जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति समृद्ध है। हमें जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की व्यवस्थाओं में प्राधिकरण मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु पुनर्वास केंद्र, प्रारंभिक शिक्षा, खेल और विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु स्थायी पंप कनेक्शन उपलब्ध कराने के सुझाव दिए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं पूरी सरकार के साथ बैठक करने कोरबा आए हैं। 30 नवंबर 2019 के बाद यह बैठक नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री स्वयं अनुसूचित क्षेत्र में जाकर बैठक कर रहे हैं। यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री प्रणव कुमार मरपच्ची ने कहा कि बजट राशि बढ़ाए जाने से आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास कार्यों में वृद्धि होगी।
शिक्षा, खेल, पर्यटन और सिंचाई को मिली सौगात
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए विशेष घोषणाएँ कीं। उन्होंने कोरबा में बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर के निर्माण और संचालन के लिए 10-10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसी तरह विशेष पिछड़ी जनजातियों के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए दो बालक-बालिका खेल परिसरों हेतु 10-10 करोड़ रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करने हेतु 5 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की भी घोषणा की।
आधारभूत संरचना और पर्यटन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कोरबा शहर में आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण सुनालिया पुल निर्माण हेतु 9 करोड़ रुपये की घोषणा की। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुका-सतरेंगा पर्यटन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने वन विभाग को 2 माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 से पहले की 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2,800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 76 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मध्य क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के 544 विकास कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 539 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ 72 लाख रुपये के कुल 491 स्वीकृत कार्यों में से 482 कार्य पूर्ण हो गए। वर्ष 2023-24 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के कुल 464 स्वीकृत कार्यों में से 424 कार्य पूर्ण हुए। वर्ष 2024-25 में 48 करोड़ 28 लाख रुपये के कुल 508 स्वीकृत कार्यों में से 123 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं तथा शेष कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मंत्रीगण श्री रामविचार नेताम, श्री दयालदास बघेल, श्री केदार कश्यप, श्री लखनलाल देवांगन, श्री श्याम बिहारी जायसवाल, श्री ओ.पी. चौधरी, श्री टंकराम वर्मा, श्री गजेंद्र यादव, श्री गुरु खुशवंत साहेब, श्री राजेश अग्रवाल, सांसद लोकसभा श्री संतोष पांडेय सहित विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, श्री मनोज पिंगुआ, प्राधिकरण के सचिव श्री बसवराजू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त श्री सुनील जैन, प्रभारी आईजी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी. श्रीनिवास राव, कलेक्टर कोरबा श्री अजीत वसंत सहित अन्य जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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