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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा - केंद्र सरकार की पहल पीवीटीजी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम, छत्तीसगढ़ सरकार करेगी कार्यों का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन
रायपुर : प्रधानमंत्री जनमन योजना (PM-JANMAN) के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को 375.71 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 6,569.56 मीटर लम्बाई के कुल 100 पुलों की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति 2025–26 बैच–II के अंतर्गत दी गई है। इस ताज़ा स्वीकृति के साथ अब तक राज्य को कुल 715 सड़कें (2,449.108 किलोमीटर) और 100 पुल प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए जा चुके हैं।इस स्वीकृति पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जन-मन योजना के माध्यम से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) को सशक्त बनाने की जो दूरदर्शी पहल केंद्र सरकार द्वारा की गई है, वह छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। हम इस स्वीकृति को केवल पुलों और सड़कों की स्वीकृति नहीं, बल्कि विकास, विश्वास और समावेश की नई राह के रूप में देखते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की भावना के अनुरूप इन सभी स्वीकृत कार्यों को फास्ट ट्रैक मोड पर, पूर्ण गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ पूरा करेगी, ताकि इसका प्रत्यक्ष लाभ पीवीटीजी आबादी को शीघ्र मिल सके। इन सड़कों और पुलों के निर्माण से न केवल इन दुर्गम क्षेत्रों में जीवन सुगम होगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बाजार और शासन से जुड़ाव भी सुनिश्चित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल माननीय प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत @2047’ के संकल्प की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी नागरिक, चाहे वह देश के कितने ही सुदूर या वंचित क्षेत्र में क्यों न हो, विकास की मुख्यधारा से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे स्वीकृत पुलों और सड़कों का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र प्रारंभ करें और सभी कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग, स्थानीय जनसुनवाई, एवं समयबद्ध प्रगति रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के पीवीटीजी समुदायों के जीवन में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा। -
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केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने पीएम जनमन योजना में छत्तीसगढ़ को 100 पुल निर्माण सहित 375.71 करोड़ रु. की दी स्वीकृति
रायपुर : केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों को मजबूती देते हुए आज केंद्र सरकार की ओर से राज्य में 100 पुलों और अन्य निर्माण कार्यों के लिए 375.71 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने नई दिल्ली से उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा को स्वीकृति पत्र प्रदान करते हुए इसकी घोषणा की। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, आयुक्त मनरेगा और संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना श्री तारण प्रकाश सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने बताया कि पीएम जनमन बैच-II (2025-26) के तहत छत्तीसगढ़ राज्य को 375.71 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 6,569.56 मीटर के 100 पुल स्वीकृत किए हैं। इस स्वीकृति के साथ राज्य को अब तक 715 सड़कें (2,449.108 किलोमीटर) एवं 100 पुलों के निर्माण को स्वीकृति दी जा चुकी है।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य दूरदराज और अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) को सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना है। स्वीकृति राशि की मदद से निर्मित सड़कें एवं पुल पीवीटीजी आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बदलने में एक बड़ा बदलाव साबित होगी और उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी। साथ ही इस कदम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत के निर्माण की संकल्पना भी पूरी होगी।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह से कहा कि राज्य सरकार द्वारा सड़क और पुलों का निर्माण उच्च गुणवत्ता के साथ फास्ट ट्रैक मोड में निर्माण पूरा करेगी।बैठक में ग्रामीण और पंचायत स्तर पर व्यवस्था को मजबूत करने, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत नए घरों की स्वीकृति हेतु सर्वे एवं अन्य विभिन्न विषयों पर भी चर्चा एवं भावी रणनीतियों पर बातचीत हुई। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा – नक्सलवाद अब अंतिम साँसें गिन रहा है, 31 मार्च 2026 तक पूर्ण समाप्ति के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार
रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। बीजापुर जिले में ₹24 लाख के इनामी समेत कुल 9 माओवादियों ने आज आत्मसमर्पण किया है, वहीं एक अन्य घटनाक्रम में एक माओवादी मुठभेड़ के दौरान न्यूट्रलाइज़ किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह बदलते बस्तर की तस्वीर है जहाँ बंदूकें झुक रही हैं और विकास की आवाज़ बुलंद हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री के पद पर सेवा देने वाले श्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन का प्रतिफल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह का कार्यकाल भारत की आंतरिक सुरक्षा का वह युग है जिसने असंभव को संभव बना दिया है। अनुच्छेद 370 की ऐतिहासिक समाप्ति हो या नक्सलवाद एवं आतंकवाद पर कठोर प्रहार का निर्णय – उन्होंने सदैव भारत को एक सुरक्षित, सशक्त और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाया है।
छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2023 से अब तक लगभग 450 माओवादी न्यूट्रलाइज़ किए जा चुके हैं, 1579 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं, और लगभग 1589 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की मंशा के अनुरूप 31 मार्च 2026 तक राज्य से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के पुनर्वास की प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस सफलता के लिए सुरक्षाबलों, खुफिया एजेंसियों और प्रशासनिक अमले को बधाई दी है और कहा है कि बस्तर अब अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ चुका है। विकास ही अब उसकी पहचान बनेगा। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भिलाई स्टील प्लांट के नवनियुक्त निदेशक श्री चित्त रंजन महापात्र ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर श्री महापात्र ने मुख्यमंत्री श्री साय को पुष्पगुच्छ, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने श्री महापात्र को उनकी नवीन पदस्थापना पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय क्षेत्र के समग्र विकास में प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भिलाई स्टील प्लांट प्रदेश के विकास में प्रभावी योगदान देगा। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय भिलाई में शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में हुए सम्मिलित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के तीर्थ स्थलों का चरणबद्ध तरीके से विकास कर रही है। इसी कड़ी में कवर्धा स्थित भोरमदेव मंदिर परिसर के समग्र विकास के लिए 146 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही राज्य के 5 प्रमुख शक्तिपीठों के उन्नयन हेतु शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय आज भिलाई में आयोजित शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ सपरिवार सम्मिलित हुए। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम में उन्होंने कथा वाचक पं. श्री प्रदीप मिश्रा और व्यासपीठ से जुड़े संतजनों का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने आयोजन समिति और सभी श्रद्धालु शिवभक्तों को पवित्र श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि समापन दिवस पर कथा में सम्मिलित होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश शिवमय है। उनके गृह ग्राम बगिया में स्वयं फलेश्वर महादेव विराजमान हैं। कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव, और जशपुर में मधेश्वर महादेव विराजमान हैं — जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर महादेव के साथ-साथ आदिशक्ति देवी माता की भी अपार कृपा है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया, चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान 10 वर्ष छत्तीसगढ़ की भूमि पर बिताए थे। इसी भूमि पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाकर आदर्श भक्ति को मान्यता दी थी। छत्तीसगढ़ को प्रभु श्रीराम का ननिहाल भी माना जाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रीरामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है।
इस अवसर पर विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, श्री गजेन्द्र यादव, श्री रिकेश सेन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण,गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। -
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल और मार्गदर्शन में मृत्युंजय आश्रम में कांवड़ियों और श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क ठहरने और भोजन की व्यवस्था
रायपुर : पवित्र सावन मास के अंतिम सोमवार को मध्यप्रदेश के अमरकंटक में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। पूरे क्षेत्र में हर हर महादेव और बोल बम के जयघोष गूंजते रहे। अमरकंटक से जल भरकर कवर्धा जिले के भोरमदेव, डोंगरिया और पंचमुखी बूढ़ामहादेव जैसे शिवधामों में जलाभिषेक के लिए निकले हजारों कांवड़ियों की सेवा के लिए इस बार विशेष व्यवस्थाएं की गईं।उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा की पहल और मार्गदर्शन में जिला बोलबम समन्वय समिति तथा कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में कांवड़ियों और श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क ठहरने और भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। पूरे सावन माह में यहां 150 से अधिक बोल बम समितियों के माध्यम से लगभग 50 हजार कांवड़ियों और श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
भक्तों को दिए गए भोजन में दाल-भात-सब्जी के साथ मीठे में खीर, हलवा और पुड़ी का प्रबंध रहा। यह समर्पित सेवा व्यवस्था सावन माह के हर दिन चली, जिससे कवर्धा और आसपास के हजारों श्रद्धालु लाभान्वित हुए। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की सतत निगरानी और निर्देशों के चलते न सिर्फ भोजन, बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा, विश्राम की व्यवस्था और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी कांवड़ियों को उपलब्ध कराई गईं।जिला बोलबम समन्वय समिति के सदस्य श्री अनिल ठाकुर, श्री दौवा गुप्ता, श्री सुधीर केशरवानी, श्री निशांत झा एवं श्री मंजीत बैरागी ने बताया कि यह आयोजन उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा की जनसेवा और श्रद्धालुओं के प्रति समर्पण का प्रतीक है। अमरकंटक में पहुंचने वाले हज़ारों कांवड़ियों ने इस पहल की सराहना की और समिति द्वारा किए गए सहयोग के लिए आभार जताया। -
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सभी अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी निष्ठा, ईमानदारी एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए बालोद जिले को उत्कृष्ट, अग्रणी एवं आदर्श जिला बनाने में सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा
गन्ना के पैदावार को तीन हजार हेक्टेयर तक जरूरी उपाय करने तथा जनसहभागिता से कुपोषण की रोकथाम हेतु पुख्ता करने के साथ-साथ मादक पदार्थों के रोकथाम हेतु जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं बालोद जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय शर्मा ने आज सयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर जिले में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए निर्धारित समयावधि में शासकीय योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने जिले के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए बालोद जिले को प्रत्येक दृष्टि से उत्कृष्ट, अग्रणी एवं आदर्श जिला बनाने में अपनी अमूल्य सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा।श्री शर्मा ने कहा कि प्रत्येक शासकीय सेवक को शासकीय सेवा में चयनित होने के पश्चात् जनसेवा करने का भी पुनीत अवसर प्राप्त होता है। इसलिए हम सभी शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों को कड़ी मेहनत एवं लगन से आम जनता के हित में निरंतर कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने गन्ना की खेती एवं उसके उपयोग को किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा उनके जीवन स्तर में बदलाव का प्रमुख माध्यम बताते हुए इस बार गन्ने फसल की बुवाई को वृद्धि कर तीन हजार हेक्टेयर तक अनिवार्य रूप से इसके लिए शक्कर कारखाना करकाभाट के प्रबंध निदेशक एवं कृषि विभाग के उपसंचालक को जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।श्री शर्मा ने इसके लिए क्षेत्र के किसानों से बातचीत कर गन्ना उत्पादन के लिए पे्ररित करने के भी निर्देश दिए। बैठकमें श्री शर्मा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए जिले में कुपोषण दूर करने हेतु किए जा रहे उपायों के संबंध में जानकारी ली। श्री शर्मा ने कुपोषित बच्चों को गोद लेकर कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए इन बच्चो के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु गोद लेने वाले व्यक्तियों से सहयोग राशि एकत्र करने का भी सुझाव दिया। इस कार्य में उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों एवं अन्य लोगों से मदद लेने के भी निर्देश दिए।बैठक में श्री शर्मा ने जिले में जुआ, सट्टा पर रोक लगाने तथा शराब, गांजा एवं अन्य मादक पदार्थों के अवैध बिक्री की रोकथाम हेतु की जा रही उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने पुलिस अधीक्षक श्री योगेश कुमार पटेल को इसके लिए पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने तथा मादक पदार्थों के अवैध बिक्री पर रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु दवा विक्रताओं एवं कुरियर संचालकों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। इनके द्वारा मादक पदार्थों की बिक्री करते पाए जाने पर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने नशापान के अलावा मादक पदार्थों के अवैध बिक्री पर रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु नियमित रूप से जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा। बैठक में श्री शर्मा ने कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के कुशल नेतृत्व में जिले में शासकीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे बेहतर कार्यों की भी भूरी-भूरी सराहना की।
बैठक में सभी विभाग प्रमुखों के द्वारा पावर प्वाईंट प्र्रेंजेेटेशन के माध्यम से अपने-अपने विभागों के कार्यों की प्रगति एवं योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति के संबंध में बारी-बारी से जानकारी दी गई। श्री शर्मा ने जिले में राजस्व प्रकरणों की निराकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए समय-सीमा में राजस्व प्रकरणों की निराकरण हेतु जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी लंबित राजस्व प्रकरणों को समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने हेतु कार्ययोजना बनाकर इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश भी दिए।श्री शर्मा ने जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र के कार्यों की समीक्षा करते हुए सेना भर्ती एवं अग्निवीर भर्ती परीक्षा में शामिल होेने वाले युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु की गई व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए इस योजना के अंतर्गत अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूरा कराने तथा जल जीवन मिशन के कार्य को करते वक्त क्षतिग्रस्त हुए सीसी रोड आदि का शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश दिए।बैठक में श्री शर्मा ने शिक्षा, क्रेडा, जल संसाधन, परिवहन, आदिवासी विकास, खाद्य, वन आदि अन्य सभी विभागों के कार्यों की बारी-बारी से समीक्षा की। उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को निर्धारित समयावधि में गुणवत्तायुक्त ढंग से शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। जिससे कि आम जनता को इसका समुचित लाभ मिल सके। बैठक में अधिकारियों के द्वारा पिछले बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी गई। -
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गाँवों से आरंभ हो रही है हरित अर्थव्यवस्था की क्रांति : रायपुर स्थित प्रबंधन संस्थान में सम्पन्न हुआ पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद
वन विभाग और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया संस्था के बीच हरित बदलाव के सहयोग हेतु हुआ एमओयू
रायपुर : छत्तीसगढ़ में हरित विकास को जनभागीदारी से साकार करने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल करते हुए आज भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर तथा ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया संस्था के संयुक्त आयोजन में पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद–2025 सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। गाँवों के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की हरित आर्थिक बदलाव की यात्रा विषय जिसमें प्रदेश को हरित दिशा में आगे ले जाने की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यदि गाँवों को केंद्र में रखकर परंपरागत ज्ञान और संसाधनों का सतत उपयोग किया जाए, तो हम पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती, सूर्य ऊर्जा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर प्रदेश को हरित राज्य बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस दिशा में पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के दौरान वन विभाग और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया संस्था के बीच हरित बदलाव के सहयोग हेतु एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। प्रबंधन संस्थान रायपुर द्वारा प्रदेश के हरित विकास के पाँच मुख्य आधार प्रस्तुत किए गए जिसमे परंपरागत खेती और वन संसाधनों का संरक्षण, हरित रोजगार तथा पर्यावरणीय पर्यटन, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा, सूर्य ऊर्जा आधारित ग्राम-बिजली प्रबंधन में लोगों की भागीदारी और नीति तथा संस्थागत ढाँचे का निर्माण शामिल थे। कार्यक्रम में पंचायती प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, महिलाओं, उद्यमियों और विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया। सभी ने जल संरक्षण, शिक्षा की गुणवत्ता, पारंपरिक बीजों की कमी, वनों की कटाई, कचरा प्रबंधन और रासायनिक खेती पर निर्भरता जैसे विषयों पर अपने विचार रखे।
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक वन-समृद्ध राज्य है। यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा और जनभागीदारी मिलकर हरित विकास के आदर्श मॉडल की नींव रख सकते हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतें इस हरित बदलाव की धुरी बनेंगी और महिलाओं को इस बदलाव में नेतृत्व की भूमिका दी जाएगी। पंचायत विभाग के सचिव श्री भीम सिंह ने जानकारी दी कि अब पंचायतों का मूल्यांकन जल संरक्षण, स्वच्छता और हरित मानकों के आधार पर किया जाएगा। सुशासन अभिसरण विभाग के सचिव श्री राहुल भगत ने कहा कि यह समय की माँग है कि हरित अर्थव्यवस्था को केवल शासन की योजना न मानकर, समुदाय को उसका सहभागी और कर्ता बनाना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि गाँवों में ही परंपरागत उद्योगों का पुनरुद्धार, जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग, घरेलू उद्योगों को पुनर्जीवित करना तथा हस्तशिल्प को बढ़ावा देना हरित विकास की गति को और सशक्त बना सकते हैं। -
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जनहितैषी निर्णय से लाखों लोगों को मिलेगा राहत - मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार द्वारा 37 आवश्यक औषधियों के मूल्य में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की आधारशिला है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का यह निर्णय उनके दूरदर्शी और जनकल्याणकारी नेतृत्व की सशक्त अभिव्यक्ति है। यह निर्णय हृदय रोग, मधुमेह, संक्रमण, बुखार और दर्द जैसी आम लेकिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों को बड़ी राहत देगा।
उन्होंने कहा कि इस मूल्य कटौती से पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन जैसी जीवनरक्षक दवाएं अब और अधिक सुलभ और सस्ती हो सकेंगी। छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी और ग्रामीण बहुल राज्य में यह निर्णय गरीबों, श्रमिकों, किसानों, महिलाओं और वृद्धजनों के स्वास्थ्य हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के केंद्रों के विस्तार, आयुष्मान भारत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और प्राथमिक से लेकर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार का निर्णय केवल औषधियों की कीमत घटाने का नहीं, बल्कि आमजन के जीवन स्तर को सशक्त बनाने का भी कदम है। -
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रायपुर : सावन मास में शिव मंदिरों में भक्तों की अत्यधिक भीड़ उमड़ती है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के नगर पंचायत खरौद स्थित लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर अपनी ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्ता के कारण श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए प्रमुख आस्था केन्द्र बना हुआ है। त्रेतायुगीन मान्यता वाले इस मंदिर का संबंध भगवान श्रीराम के कालखंड से जुड़ा है। लोककथाओं के अनुसार, खर एवं दूषण के वध के पश्चात भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी ने इस मंदिर की स्थापना की थी, जिसके कारण इसे लक्ष्मणेश्वर महादेव कहा जाता है।
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर, धार्मिक नगरी शिवरीनारायण से लगभग 3 किलोमीटर, रायपुर से 120 किलोमीटर तथा बिलासपुर से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। प्राचीन मंदिरों की बहुलता के कारण खरौद को ‘छत्तीसगढ़ की काशी’ भी कहा जाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग को ‘लक्षलिंग’ कहा जाता है। जनश्रुति के अनुसार इसमें एक लाख सूक्ष्म छिद्र हैं, जिनमें से एक छिद्र को पातालगामी कहा जाता है, जिसमें डाला गया जल अंतर्ध्यान हो जाता है, जबकि एक अन्य अक्षय छिद्र में सदैव जल भरा रहता है। श्रद्धालु मानते हैं कि जलाभिषेक का जल मंदिर परिसर स्थित कुण्ड में पहुँचता है, जो कभी सूखता नहीं। यह शिवलिंग लगभग 30 फीट ऊँचे चबूतरे पर स्थापित है और इसे स्वयंभू लिंग माना जाता है।
केवल श्रावण मास ही नहीं यहां वर्षभर लाखों श्रद्धालु दर्शनार्थ यहाँ पहुँचते हैं। अमरनाथ एवं बारह ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर यह मंदिर भी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से लोकप्रिय हो रहा है। प्रभु श्रीराम की पावन कथा से जुड़ा लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर इतिहास, संस्कृति और आस्था का अनूठा संगम है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्राचीन धरोहरों के संरक्षण एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में यह स्थल छत्तीसगढ़ राज्य के मानचित्र पर एक विशेष पहचान बना रहा है।
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15 लाख बीपीएल परिवारों को पूर्ववत् योजना का मिलेगा लाभ
रायपुर : राज्य सरकार द्वारा हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन किया गया है। अब प्रतिमाह दी जाने वाली 400 यूनिट की छूट के स्थान पर 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत रियायत दी जाएगी। वर्तमान में राज्य के 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 31 लाख परिवार (करीब 70%) ऐसे हैं जिनकी खपत 100 यूनिट प्रतिमाह से अधिक नहीं है। अतएव हॉफ बिजली बिल की छूट सीमा के इस पुनरीक्षण के बावजूद इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ता परिवारों को योजना का लाभ पहले की ही तरह मिलता रहेगा। प्रदेश के लगभग 70 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता परिवार हॉफ बिजली योजना से पूर्ववत् लाभान्वित होते रहेंगे।
इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत् हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलता रहेगा। इन परिवारों को 30 यूनिट तक की मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत पहले की तरह प्राप्त होती रहेगी, साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के अन्य सभी लाभों से भी यथावत् लाभान्वित रहेंगे। राज्य सरकार गरीब परिवारों को बिजली खर्च में राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को गति दे रही है, जिसके अंतर्गत 3 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना पर केंद्र सरकार से ₹78,000/- तथा राज्य सरकार से ₹30,000/- की कुल ₹1,08,000/- तक की सब्सिडी दी जा रही है। 2 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 75% (₹90,000/-) का अनुदान उपलब्ध है, जिससे उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। यह उत्पादन वर्तमान में हॉफ बिजली बिल योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट की छूट) से भी अधिक है।
400 यूनिट तक औसत खपत करने वाले उपभोक्ताओं का बिजली बिल आमतौर पर ₹1000/- से अधिक होता है, जो सोलर प्लांट की स्थापना के बाद लगभग शून्य हो जाएगा। इस प्रकार के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल योजना से “मुफ्त बिजली बिल” योजना की ओर अग्रसर होंगे, और दीर्घकालिक बचत प्राप्त करेंगे।
उपभोक्ता स्वयं की छत पर उत्पादित बिजली के अतिरिक्त शेष बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर प्राप्त कर सकेंगे अतिरिक्त आय
रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने वाले उपभोक्ता अपनी छत पर उत्पादित बिजली का उपयोग करने के साथ-साथ शेष बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे।प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत 25 प्रतिशत शेष लागत उपभोक्ता स्वयं वहन कर सकते हैं, या फिर बैंक से न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इस ऋण की मासिक किस्त लगभग ₹800/- होगी, जो कि वर्तमान में 400 यूनिट पर देय औसत बिजली बिल ₹1000/- से भी कम है।इस प्रकार, उपभोक्ता अपने मासिक बिजली बिल को कम करते हुए भविष्य में आत्मनिर्भर ऊर्जा उत्पादक बन सकते हैं। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार का यह निर्णय गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत देने, तथा उन्हें ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करने का एक सशक्त और दूरदर्शी प्रयास है। यह योजना राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आत्मनिर्भरता और आर्थिक बचत के पथ पर अग्रसर करेगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सावन मास के पवित्र अवसर पर राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र में आयोजित विशाल कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज मारूति मंगलम भवन, गुढ़ियारी से हटकेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक हेतु रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है और हमारे लोक-विश्वास की गहराई को प्रकट करता है। सावन महीने में कांवड़ यात्रा शिवभक्तों की आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु कई-कई किलोमीटर पदयात्रा कर भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के महादेव घाट स्थित भगवान हटकेश्वरनाथ महादेव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में जलाभिषेक हेतु एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। कांवड़ यात्रा जैसी आयोजन न केवल परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का भी संदेश देते हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम विधायक श्री राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण विधायक श्री सुनील सोनी, रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, पूर्व सांसद श्री अभिषेक सिंह और रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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रायपुर के उद्यानिकी एवं वानिकी सभागार में होगा प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय होंगे शामिल
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल 2 अगस्त को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के किसानों को 20वीं किश्त की राशि वेबकास्ट के माध्यम से जारी करेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से राजधानी रायपुर स्थित महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी सभागार में सवेरे 10 बजे से प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू विशेष अतिथि होंगे।कार्यक्रम के अध्यक्षता कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे। इस मौके पर रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण सर्वश्री राजेश मूणत, सुनील सोनी, गुरु खुशवंत साहेब, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा एवं इन्द्र कुमार साहू भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। -
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चेन्नई से गृह ग्राम पहुंचा राजू नाग का पार्थिव शरीर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित पहल के चलते जशपुर जिले के युवक राजू नाग का पार्थिव शरीर चेन्नई से उसके गृह ग्राम चिकनीपानी तक सुरक्षित पहुँच सका। यह मदद उस समय संभव हो सकी जब मृतक के शोकाकुल परिजन मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में पहुंचे और शव को घर लाने में मदद की गुहार लगाई।
राजू नाग की मृत्यु चेन्नई में हुई थी और एक साधारण ग्रामीण परिवार के लिए वहाँ से शव लाना बेहद कठिन कार्य था। लेकिन जब यह पीड़ा मुख्यमंत्री श्री साय तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और शव को सुरक्षित रूप से लाने के लिए आवश्यक प्रशासनिक और परिवहन संबंधी समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुरुवार शाम राजू नाग का शव झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहाँ से शुक्रवार सुबह मुक्तांजली शव वाहन के माध्यम से उसका पार्थिव शरीर गृह ग्राम चिकनीपानी लाया गया। वहाँ परिजन और ग्रामवासी भारी मन से अंतिम दर्शन कर सके।
शव को लाने की पूरी प्रक्रिया में शासन ने न केवल शव वाहन उपलब्ध कराया, बल्कि संबंधित प्रशासनिक विभागों को भी सक्रिय किया गया ताकि कोई अड़चन न आए। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता और तत्परता के लिए मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने आभार व्यक्त किया है। यह घटना मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार की जनोन्मुखी सोच और मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एक सामान्य नागरिक की व्यथा को गंभीरता से लेकर उस पर तत्काल कार्रवाई करना उनकी संवेदनशील प्रशासनिक शैली का प्रतीक है। -
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1 नवंबर को ‘अमृत रजत महोत्सव’ में प्रधानमंत्री मोदी को दिया न्यौता
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को 1 नवंबर 2025 को रायपुर में आयोजित अमृत रजत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की भावी योजनाओं, विकास की प्राथमिकताओं और जनकल्याण से जुड़े प्रमुख विषयों की जानकारी भी दी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ अमृत रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होगा और प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति से इसकी महत्ता और भी बढ़ जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ‘अंजोर विज़न @2047’ दस्तावेज़ तैयार किया है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ के समावेशी और सतत विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। यह विज़न दस्तावेज़ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, नवाचार और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सुधार और नवाचार-आधारित पहलों पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के “जन विश्वास अधिनियम 2023” से प्रेरणा लेते हुए राज्य में “जन विश्वास विधेयक 2025” पारित किया है, जिससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है और आम नागरिकों की पहुंच अधिक सुलभ एवं सहज बनी है।
राजधानी नवा रायपुर के सुनियोजित और तीव्र विकास हेतु गठित छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SCRDA) की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से साझा की। उन्होंने बताया कि इस प्राधिकरण के माध्यम से राजधानी क्षेत्र को एक आधुनिक, स्मार्ट एवं तेज़ी से विकसित शहरी केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को राज्य में औद्योगिक निवेश और रोज़गार सृजन के क्षेत्र में हो रही उल्लेखनीय प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में लागू की गई नई औद्योगिक नीति 2024-30 के परिणामस्वरूप राज्य में निवेशकों की रुचि निरंतर बढ़ रही है। नीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया गया है, जिससे उद्योगों की स्थापना सरल, त्वरित और पारदर्शी बनी है। 1000 से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करने वाले उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि नवंबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच अब तक 84 कंपनियों से कुल 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट की नींव रखी जा चुकी है, और एआई डेटा सेंटर का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इसी प्रकार, टेक्सटाइल, फार्मा, रेडीमेड गारमेंट और आईटी सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए छत्तीसगढ़ को तकनीकी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के माध्यम से ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल संसाधनों और प्रशिक्षित शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार मेडिसिटी और एडु सिटी जैसी दो नई महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं पर तेज़ी से कार्य कर रही है। रायपुर में विकसित की जा रही मेडिसिटी एक आधुनिक और उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब के रूप में पहचान प्राप्त होगी और व्यापक स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही पुनर्वास और विश्वास बहाली की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन की ओर लौटे हैं। इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का तीव्र विस्तार किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों में शासन के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। -
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महिला समूहों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर बाज़ार तक पहुँचाये-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा- निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ समयसीमा में पूर्ण हो
उपमुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी समूहों से जोड़कर आयमूलक कार्यो से जोड़ने के दिए निर्देश
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की दो दिवसीय समीक्षा बैठक सम्पन्न
रायपुर : छत्तीसगढ़ की ग्रामीण तस्वीर को संवारने और अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए आज मंत्रालय महानदी भवन में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने दो दिनों तक पंचायत विभाग के कार्यो की समीक्षा की। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव पंचायत विभाग श्रीमति निहारिका बारीक सिंह, सचिव श्री भीम सिंह, संयुक्त सचिव श्री धर्मेश कुमार साहू, आयुक्त महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और संचालक, प्रधानमंत्री आवास योजना, संचालक पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया के अलावा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री ने बैठक की शुरुआत में कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ गांव के मेहनतकश लोग और महिलाएं हैं। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण परिवार सिर्फ योजनाओं के आंकड़ों में नहीं, बल्कि जीवन स्तर में भी बदलाव महसूस करें। उन्होंने विशेष तौर पर महिलाओं और वंचित वर्गों को स्व-सहायता समूहों के माध्यम आजीविका से जोड़ने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इन समूहों को खेती, जैविक उत्पादन, मशरूम उत्पादन, वनोपजों के संग्रहण व प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जा रहा है।स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर महिला समूहों के उत्पादों को बाज़ार तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी समूहों से जोड़कर आयमूलक कार्यो से जोड़ने के निर्देश दिए। आईआईटी भिलाई और तकनीकी संस्थानों से सहयोग लेकर वनोपजों जैसे महुआ, साल बीज, चिरौंजी, आंवला, लाह, हर्रा-बहेड़ा इत्यादि के प्रसंस्करण और विपणन की आधुनिक इकाइयां जिले स्तर पर स्थापित की जाएंगी। इससे न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि युवाओं को भी गांव में ही स्वरोजगार के साधन मिलेंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की भी समीक्षा की। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ समयसीमा में पूर्ण हो, इसके लिए ठेकेदारों की जवाबदेही तय हो और लापरवाही पर कठोर कार्रवाई हो। गुणवत्ता और समयसीमा से कोई समझौता नहीं होगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ निर्माण कार्य समय पर पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो।
बैठक में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए चलाए जा रहे मोरे गांव मोरे पानी महाभियान की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने अब तक निर्मित 37,090 जल संरचनाओं की सराहना की। इनमें तालाब गहराईकरण, डबरी, चेक डैम, रिचार्ज शाफ्ट और परकोलेशन टैंक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जनभागीदारी और सामुदायिक श्रमदान से 3.32 लाख से अधिक कार्य पूरे किए गए हैं, जो गांवों की जल आत्मनिर्भरता का प्रमाण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई से अक्टूबर तक जल संरक्षण अभियान तेज किया जाए और इसके साथ ही वृक्षारोपण, जल स्रोतों की सफाई और अमृत सरोवरों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी स्वीकृत आवासों को समयबद्ध रूप से पूर्ण कराया जाए। बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति और लंबित मामलों के तत्काल निराकरण के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना ग्रामीण जनता को गरिमामय जीवन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है और इसे सुचारु रूप से क्रियान्वित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता, पारदर्शिता और पात्र हितग्राहियों को प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया। उपमुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि जिन जिलों में अपेक्षित गति नहीं है उसका मोनिटरिंग राज्य स्तर से करें ताकि योजना के लाभार्थियों को शीघ्र आवास की सुविधा मिल सके। पीएम जन मन योजना के तहत 33,000 से अधिक आवासों को मंजूरी मिली है, जिनमें से 10,500 बन चुके हैं। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बना छत्तीसगढ़ का पहला विशेष आवास
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार से प्राप्त 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति के अंतर्गत सुकमा जिले के ग्राम ओईरास, ग्राम पंचायत गादीरास की एक नक्सल पीड़ित परिवार की मुखिया श्रीमती सोडी हुंगी पत्नी स्वर्गीय श्री मासा सोडी को पक्का मकान मिल गया है। यह राज्य में नक्सल पीड़ित परिवारों एवं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत तैयार होने वाला पहला मकान है, जो न केवल सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि पीड़ित परिवार के पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर भी है।
श्रीमती सोडी हुंगी, वर्ष 2005 में नक्सलियों के हिंसा की शिकार हुईं, जब उनके पति मासा सोडी की मुखबिरी के संदेह में धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। अत्यंत गरीब यह परिवार वर्षों तक कच्चे घर में रहने को मजबूर था, जहां बरसात में टपकती छत और जहरीले कीड़े-मकोड़ों से जान का खतरा बना रहता था।
ग्राम पंचायत गादीरास द्वारा वर्ष 2024-25 में विशेष परियोजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पात्र पाए जाने पर श्रीमती सोडी हुंगी का नाम प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर हितग्राही के खाते में चरणबद्ध रूप से तीन किश्तों में कुल 1 लाख 35 हजार की राशि जारी की गई। शासन की पारदर्शी प्रक्रिया, तकनीकी मार्गदर्शन और समय-समय पर की गई निगरानी के चलते 8 जुलाई 2025 को आवास निर्माण कार्य पूरा हुआ, जिसमें श्रीमती सोडी हुंगी अब अपने परिवार के साथ रहने लगी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ श्रीमती सोडी हुंगी को अन्य योजनाओं का भी लाभ प्राप्त हुआ है, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की स्वीकृति, मनरेगा के तहत 90 दिवस की मानव मजदूरी का भुगतान, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ शामिल है।
श्रीमती सोडी हुंगी के बेटों ने कहा कि हमारा परिवार आज सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी पा रहा है। यह सब जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत संभव हुआ है। हम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं केंद्र सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास हेतु इतनी संवेदनशील और प्रभावी नीति बनाई है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की दिशा में आवास निर्माण की यह विशेष परियोजना एक ठोस कदम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा नक्सल पीड़ित एवं आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति प्रदान की गई है। पीड़ित परिवारों के लिए आवासों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। सुकमा जिले में कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जिले में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात
स्टेट कैपिटल रीजन के अंतर्गत आने वाले मार्ग बनेंगे फोर लेन
रायपुर के चार नए पुलों का भूमि पूजन जल्द
रायपुर : छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना को रफ्तार देने के लिए आज एक अहम क़दम उठाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की, जिसमें राज्य की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली। बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि रही केन्द्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत 600 करोड़ रुपये की मंज़ूरी। इसके ज़रिए छत्तीसगढ़ में कई सड़कों के निर्माण और उन्नयन का रास्ता साफ़ हुआ है।
इसके साथ ही स्टेट कैपिटल रीजन के अंतर्गत आने वाले दो लेन मार्ग को चार लेन में अपग्रेड करने की योजना को भी मंजूरी मिली है। रायपुर शहर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए चार बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा। वहीं, राजधानी रायपुर से अन्य ज़िलों तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदली जाएंगी, जिससे आवागमन तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य की सभी सड़क योजनाएं अब केंद्र के ‘गति शक्ति पोर्टल’ के ज़रिए भेजी जाएंगी, ताकि जल्द मंजूरी मिल सके। श्री गडकरी ने रायपुर (आरंग)-बिलासपुर (दर्री) के बीच करीब 95 किमी लंबी छह लेन सड़क के लिए डीपीआर भेजने को कहा, जो औद्योगिक, कृषि और शैक्षिक क्षेत्रों को जोड़ेगी। साथ ही, नागपुर से रायपुर तक प्रस्तावित 300 किमी लंबा समृद्धि एक्सप्रेसवे पर भी शीघ्र डीपीआर मांगा गया है।
इसके अलावा कुछ ज़रूरी योजनाओं को आज मंजूरी भी मिल गई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए में उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में रेजिंग का कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में मजबूतीकरण के कुल 115.95 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति मिली है।
इनमें बिलासपुर शहर के भीतर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शामिल है, जिससे शहर में ट्रैफिक आसान होगा। कटनी-गुमला मार्ग के हिस्से में 11 किलोमीटर सड़क बनेगी जो गांवों को जोड़ने में मदद करेगी। वहीं, केशकाल के 4 किलोमीटर हिस्से की सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी। वहीं, इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 7000 करोड़ से ऊपर के नियोजित कार्यो की वित्तीय स्वीकृति को भी शीघ्र करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि विकास, रोज़गार और सामाजिक बदलाव का रास्ता हैं। अँजोर विजन 2047’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर नागरिक तक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन पहुंचे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।