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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले रायपुर निवासी श्री दिनेश मिरानिया को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल श्री डेका आज सुबह श्री मिरानिया के घर पहंचें और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया तथा उनकी सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त कर उन्हें ढ़ाढ़स बंधाया।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में रायपुर निवासी श्री दिनेश मिरानिया के दुःखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह नृशंस और अमानवीय कृत्य अत्यंत निंदनीय है। आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में श्री टेकवांग नामग्याल अतिरिक्त महानिदेशक, एंटी नक्सल ऑपरेशन सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों की रोकथाम के लिए की जा रही कार्रवाई के संबंध में राज्यपाल को अवगत कराया।
इस अवसर पर एंटी नक्सल (ऑपरेशन) सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ केे डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल श्री संजय यादव भी उपस्थित थे। -
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पूर्वा अग्रवाल को 65वीं रैंक प्राप्त करने पर दूरभाष पर दी शुभकामनाएंरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2024 में सफलता प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी चयनित युवाओं ने न केवल अपने परिजनों, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव बढ़ाया है। यह सफलता आपकी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास का प्रतीक है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी युवा साथी पूरी ईमानदारी एवं तन्मयता से कार्य करते हुए जनता की सेवा करेंगे और देश-प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आज विशेष रूप से पूर्वा अग्रवाल जिन्होंने 65वां रैंक प्राप्त किया है,से दूरभाष पर संवाद कर उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने उनके दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपने राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। यह पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर समस्त युवाओं से आग्रह किया कि वे इन सफल प्रतिभाओं से प्रेरणा लें और सतत प्रयासों से अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कामकाज की समीक्षा
सरगुजा में खुलेगा पीएचई के मुख्य अभियंता का परिक्षेत्रीय कार्यालय
सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों पर त्वरित समाधान के दिए निर्देश
जल संरक्षण के लिए "कैच द रेन" अभियान का करें व्यापक प्रचार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और इसकी गहन निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हैंडपंपों की मरम्मत के लिए पूर्व में दिए गए निर्देशों के तहत तेजी से कार्य हुए हैं और अब तक 86 मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से 11,238 हैंडपंपों की मरम्मत पूरी की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जहाँ भी पेयजल से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहाँ तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली और प्रदेश में पेयजल की उपलब्धता, भूजल स्तर, जल जीवन मिशन की प्रगति और जल संरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने सरगुजा में पीएचई विभाग का मुख्य अभियंता परिक्षेत्रीय कार्यालय खोलने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने “सुशासन तिहार” के दौरान प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हर घर नल से जल पहुँचाने का बड़ा संकल्प लिया है। जल जीवन मिशन के शेष कार्यों को उन्होंने समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन की आगामी वर्षों की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। श्री साय ने कहा कि भूजल स्तर में गिरावट से प्रभावित विकासखंडों के साथ-साथ बिना जल स्रोत वाले ग्रामों की सूची भी तैयार करें, ताकि इसे दूर करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
श्री साय ने भूजल संकट से जूझ रहे 6 जिलों के 10 विकासखंडों को लेकर चिंता जताई और कहा कि अल्पकालिक व दीर्घकालिक योजनाएँ बनाकर जल संकट से निपटना होगा। उन्होंने रिचार्ज पिट और वर्षा जल संचयन जैसी जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही और अनियंत्रित भूजल दोहन पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और वन विभागों को आपसी समन्वय के साथ “कैच द रेन” जैसे जल संरक्षण अभियानों को सुशासन तिहार के दौरान व्यापक रूप से प्रचारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि जल जीवन का आधार है और इसके संरक्षण को हम सभी सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद अब्दुल कैसर हक, संचालक जल जीवन मिशन श्री जितेंद्र शुक्ला सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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औद्योगिक निवेश और श्रमिक कल्याण की प्रभावी पहलश्रमिकों के लिए कारखाना परिसर में ही आवासीय सुविधा का रास्ता खुला
साय सरकार के निर्णय से बढ़ेगी औद्योगिक उत्पादकता एवं कार्यक्षमता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन, जो 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है। इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
पट्टे पर दी गई भूमि का 15 प्रतिशत नियमितीकरण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए गए नए संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों, जैसे प्रशासनिक भवन, कैंटीन, या अन्य सुविधाओं के लिए नियमित करने की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा सख्त थी, जिसके कारण कई इकाइयों को परिचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब इस छूट से उद्यमी अपनी इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लचीले ढंग से भूमि का उपयोग कर सकेंगे।
औद्योगिक श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति
संशोधन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की अनुमति है। यह कदम न केवल श्रमिकों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। इससे श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा लागत और समय की बचत होगी।
संशोधन के लाभ
15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण की अनुमति से उद्यमी अपनी इकाइयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकेंगे। इससे उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा शुरू होने से श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। यह उनकी कार्यक्षमता और जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। अनुकूल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों के लिए लाभकारी होगा। श्रमिक आवास और औद्योगिक विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, क्योंकि श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने का विकल्प मिलेगा।
गौरतलब है कि पहले औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई भूमि का उपयोग केवल विशिष्ट औद्योगिक गतिविधियों के लिए करना होता था। गैर-औद्योगिक उपयोग, जैसे कार्यालय भवन या कर्मचारी सुविधाओं के लिए, अनुमति लेना जटिल और समय लेने वाला था। नए नियम के तहत, 15 प्रतिशत भूमि को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नियमित करने की अनुमति दी गई है। यह उद्यमियों को परिचालन लागत कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, एक इकाई अब इस 15 प्रतिशत भूमि पर कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण सुविधा, या गोदाम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों में स्थित हैं, जहां श्रमिकों के लिए आवास की कमी रहती है। इससे श्रमिकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयां अब अपने परिसर में या आसपास श्रमिकों के लिए आवास बना सकती हैं। यह सुविधा न केवल श्रमिकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि उद्यमियों को भी स्थिर और समर्पित कार्यबल उपलब्ध कराएगी।
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। रायपुर के उद्योगपति, राजेश अग्रवाल ने कहा, 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण से हमें अपने परिसर में कर्मचारी सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, श्रमिक आवास की अनुमति से हमारे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस संशोधन को विकसित छत्तीसगढ़ के विजन का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्योगों को बढ़ावा देना और साथ ही श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह संशोधन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण और श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए धरती के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए जन-सहभागिता का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा किछत्तीसगढ़ प्राकृतिक विविधता से भरपूर प्रदेश है। यहाँ की संस्कृति, आजीविका और जीवनशैली सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़ी है। इसी भावना के साथ राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल-संरक्षण, नदी-नालों का पुनर्जीवन, सामुदायिक वन प्रबंधन और पर्यावरणीय रूप से संतुलित औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दे रही है।उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण को एक केन्द्रीय तत्व बनाया गया है, ताकि प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित किया जा सके। स्थानीय समुदायों को भी इन प्रयासों से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरे और प्राकृतिक धरोहरें भी सुरक्षित रहें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति एक वृक्ष लगाए, उसकी देखभाल करे और अपने आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प ले। जल और ऊर्जा जैसे संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें तथा हरसंभव अक्षय ऊर्जा का प्रयोग कर पृथ्वी को प्रदूषण-मुक्त बनाने में योगदान दें।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अगुवाई में प्रदेश में सुशासन तिहार की शुरुआत की गई है, जो सरकार की लोक-कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की व्यापक सफलता का प्रतीक बन चुका है। इस तिहार का उद्देश्य आम जनता तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचाना और उन्हें सशक्त बनाना है। वास्तव में, समस्याओं के त्वरित निराकरण से जनता के दिलों में खुशियों की बयार बहने लगी है। जनता से सरोकार और संवाद करने वाली सरकार नागरिकों के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों का गंभीरता से निराकरण कर रही है, जिसका सकारात्मक असर पूरे प्रदेश में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पतेरापाली की युगेश्वरी को मिला नया आशियाना
महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड की ग्राम पंचायत अमलीडीह के आश्रित ग्राम पतेरापाली निवासी श्रीमती युगेश्वरी ध्रुव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के मकान हेतु सुशासन तिहार के दौरान आवेदन प्रस्तुत किया। उनकी इस आवश्यक मांग को प्रशासन ने प्राथमिकता से संज्ञान में लिया। “मोर द्वार साय सरकार” अभियान के तहत जिले की टीम तत्क्षण उनके घर पहुँची। त्वरित सर्वेक्षण के पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि वे योजना की पात्र हैं।उनका नाम आवास प्लस सर्वे 2.0 में दर्ज कर लिया गया है। अब शीघ्र ही उनके घर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्षों से एक पक्के घर का सपना संजोए बैठी श्रीमती ध्रुव की आँखों में अब उम्मीद की चमक है। जो सपना कभी दूर और धुंधला लगता था, वह अब सरकार की पहल से एक नई सुबह की तरह उनके जीवन में उजाला भरने को तैयार है। अब वह दिन दूर नहीं जब उनका आशियाना केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि जीती-जागती सच्चाई होगी।
दीपा को मिलेगा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना का लाभ
इसी दौरान सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत आयोजित एक शिविर में महासमुंद के वार्ड क्रमांक 25 कुम्हारपारा निवासी कु. दीपा साहू ने मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें पात्रता की जांच करने पर वे योजना से लाभान्वित होने हेतु पात्र पाई गईं।जिले के श्रम पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित इस विशेष योजना के अंतर्गत दीपा को ₹20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जो डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस सहायता से अब दीपा अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख पाएंगी। उनका सपना है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें और भविष्य में एक प्रेरणादायक शिक्षिका बनें, ताकि अन्य बेटियों को भी शिक्षा के महत्व से जोड़ सकें।
गौरतलब है कि सुशासन तिहार के माध्यम से शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में आम जनता की समस्याओं के समाधान हेतु प्रशासन पूरी सजगता और तत्परता के साथ कार्य कर रहा है। -
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जनसंपर्क – सुशासन और जनविश्वास का सेतु: मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर प्रदेश के समस्त जनसंपर्क अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनसंचार क्षेत्र से जुड़े सभी प्रतिनिधियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनसंपर्क आज मात्र सूचना के प्रसार का माध्यम नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास और संवाद की सशक्त कड़ी है।शासन की योजनाओं, नीतियों और जनहितकारी कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से आमजन तक पहुँचाने में जनसंपर्क की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ जनसंपर्क की भूमिका और भी व्यापक हो गई है। आज जनसंपर्क की लोगों को शासन की योजनाओं के प्रति जागरूक करने में अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के विस्तार के इस युग में विश्वसनीय, सटीक और संवेदनशील संप्रेषण पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है।ऐसे में जनसंपर्क की जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। जनसंपर्क जनमत, जनचेतना और जनसेवा के त्रिवेणी संगम की तरह है। इसकी सक्रियता, संवेदनशीलता और संप्रेषण क्षमता जितनी सशक्त होगी, छत्तीसगढ़ में सुशासन की छवि उतनी ही मजबूत होगी। सही सूचना, सही समय पर, सही स्वरूप में जब आमजन तक पहुँचती है, तभी लोकतंत्र में विश्वास और सहभागिता मजबूत होती है। -
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नारायणपुर का वार्ड क्रमांक 10 स्ट्रीट लाईट से हुए जगमग
कई आवेदकों को मिला आयुष्मान कार्ड, श्रम कार्ड, राशन कार्ड, लर्निंग लाइसेंस
बैगा आदिवासी की समस्या का हुआ तुरन्त निदान, 24 घंटे के भीतर मिली ट्राइसिकल
तेलीटोला में प्राथमिक शाला भवन के लिए 15 लाख की मिली स्वीकृति
पारदर्शी और गंभीरता के साथ प्राप्त आवेदनों का हो रहा है निराकरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रहे प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के पहले चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक लोगों से प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही जिलों में शुरू हो गई है। सभी जिलों में प्राप्त आवेदनों का निराकरण पूरी तत्परता के साथ किया जा रहा है।
गौरतलब है अभियान के दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर निराकरण किया जाना है। इसके बाद तीसरे चरण में 05 मई से 31 मई तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनधि तथा संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जनता से रूबरू होंगे।
सुशासन अभियान के तहत बिलासपुर जिले में एक संवेदनशील पहल देखने को मिली। कोटा ब्लॉक के ग्राम के ग्राम पंचायत करका निवासी श्री मंगल सिंह बैगा को आवेदन देते ही महज 24 घंटे के भीतर ट्राइसाइकिल मिली। वे दिव्यांग पेंशन की पात्रता सूची में भी आ गए हैं जल्द ही उन्हें पेंशन भी मिलने लगेगी। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम पंचायत तेलीटोला के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास से नवीन प्राथमिक शाला भवन निर्माण के लिए तत्काल दी 15 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। तेलीटोला स्थित प्राथमिक शाला भवन जर्जर अवस्था में होने के चलते बच्चों के पढ़ाई लिखाई में समस्या उत्पन्न हो रही थी। अब ग्राम तेलीटोला को उनकी इस समस्या से निजात मिल गई है।
सुशासन अभियान के तहत नारायणपुर जिले के जीवन राम साहू को उनके मांग के आधार पर स्ट्रीट लाईट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई है। नारायणपुर के वार्ड क्रमांक 10 मुरियापारा निवासी जीवन साहू ने सुशासन तिहार में स्ट्रीट लाईट के लिए आवेदन किया था। महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत जंघोरा, विकासखंड पिथौरा निवासी श्री मनोहर सिंह पटेल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। पूर्व में किसी तकनीकी कारणवश उनका कार्ड नहीं बन पाया था, जिससे वे योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। उनके आवेदन को गंभीरता से लिया गया और मात्र 24 घंटे के भीतर समाधान कर दिया गया।
जिला राजनांदगांव के शीतला माता वार्ड निवासी श्रीमती भारती देवांगन के आवेदन पर उन्हें तत्काल श्रमिक कार्ड बनाकर दिया गया। इसी क्रम में रायपुर जिले के ग्राम सांकरा निवासी श्री विकास मिश्रा के आवेदन प्राप्त होते ही परिवहन विभाग द्वारा श्री मिश्रा से संपर्क किया गया। उनसे दस्तावेज लेकर प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई और ड्राइविंग टेस्ट लिया गया। सभी औपचारिकताओं के उपरांत उन्हें लर्निंग लाइसेंस जारी कर किया गया। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखण्ड भरतपुर के कर्री की निवासी निर्मला जोगी को 15 अप्रैल को राशन कार्ड जारी कर दिया गया। इस समाधान के लिए निर्मला जोगी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को इस अभियान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बस्तर जिले के लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक अंतर्गत धुरागांव निवासी शम्भूनाथ कश्यप के परिवार में पहले केवल दो सदस्य माता समली कश्यप और वह स्वयं ही थे लेकिन तीन वर्ष पहले विवाह होने के बाद पत्नी महादई कश्यप और दो साल का बेटा प्रभात भी अब परिवार में सदस्य हैं। इन दोनों का नाम उन्हें प्रदत्त प्राथमिकता राशनकार्ड में शामिल नहीं था। शम्भूनाथ ने राशनकार्ड में अपनी पत्नी और बेटे का नाम जुड़वाने के लिए सुशासन तिहार के दौरान ग्राम पंचायत में आवेदन जमा किया था, आवेदन पर तत्परता के साथ कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह के भीतर ही राशनकार्ड में नाम जोड़कर शम्भूनाथ को नया राशनकार्ड प्रदान कर दिया गया है।
रायगढ़ जिले के ननसिया के श्री सुन्दरलाल उरांव तथा श्रीमती अनीता बाई का पंजीयन कर हितग्राहियों को श्रमिक कार्ड प्रदान किया गया। पुसौर विकासखंड के ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा के हितग्राही सुदर्शन खडिय़ा के आवेदन पर उन्हें ट्रायसायकल एवं बैसाखी प्रदाय किया गया। सुदर्शन 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं। जिसके चलते उन्हें कहीं भी आने-जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। सुदर्शन ने कहा कि ट्रायसाइकिल मिलने से अब उनकी दूसरों पर निर्भरता कम होगी और उन्हें कहीं आने जाने में सहूलियत होगी। -
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प्रदेश का पहला नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत बना सुकमा जिले का बडेसट्टी गांव
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सुकमा जिले में 11 सक्रिय माओवादियों के सामूहिक आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के समाधान के लिए जिस संवेदनशील और दूरदर्शी नीति को अपनाया है, उसका परिणाम अब ज़मीनी स्तर पर दिखने लगा है। आज का आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि विश्वास, पुनर्वास और विकास की त्रिस्तरीय रणनीति से माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता मिल रही है। मैं आत्मसमर्पण करने वाले सभी का स्वागत करता हूँ और उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।छत्तीसगढ़ शासन की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति - 2025” एवं “नक्सली इलवद पंचायत योजना” के तहत, आज सुकमा जिले की ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी से कुल 11 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में आत्मसमर्पण किया। इस प्रकार बडेसट्टी ग्राम नक्सल सदस्य मुक्त होने वाला प्रदेश का पहला ग्राम पंचायत होगा। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यो की स्वीकृति मिलेगी।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना, पुलिस जवानों की सतत उपस्थिति, नक्सली संगठनों की क्रूरता और भेदभाव तथा शासन की नई नीतियों से मिले भरोसे से मिली। यह घटना न केवल बड़ेसट्टी पंचायत के लिए, बल्कि समूचे सुकमा और बस्तर अंचल के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है – कि अब बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का मार्ग है। उपमुख्यमंत्री ने कहा की अब नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत घोसित होने की शुरुआत सुकमा जिले से हो चुकी है, निश्चित रूप से बस्तर सहित पूरे प्रदेश के ग्राम पंचायत अब नक्सलमुक्त होंगे। नक्सलमुक्त होते ही ग्राम पंचायत का भी विकास होगा।नक्सली इलवद पंचायत योजना के तहत ऐसे ग्राम पंचायतों को जहाँ से सभी सक्रिय नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटते हैं, “नक्सल-मुक्त ग्राम पंचायत” घोषित किया जाता है। शासन की इस योजना के अंतर्गत ऐसे ग्राम पंचायतों को ₹1 करोड़ की राशि निर्माण कार्यों हेतु तत्काल स्वीकृत की जाती है। यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, सामुदायिक भवन जैसे प्राथमिक ढांचे के विकास में व्यय की जाती है, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके।आत्मसमर्पित माओवादियों में से चार पर दो-दो लाख रुपये और एक पर पचास हजार रुपये का कुल ₹8.50 लाख का इनाम घोषित था। सभी आत्मसमर्पितों को पुनर्वास नीति के अंतर्गत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि, वस्त्र और अन्य आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की गईं हैं। शासन द्वारा उन्हें आगे स्वरोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुनःस्थापन की दिशा में हर संभव सहायता दी जाएगी। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
रायपुर : मंत्रिपरिषद की बैठक में परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के हित में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड, सरगुजा/बस्तर/बिलासपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे उन्हें उनके द्वारा दी गई परीक्षा शुल्क की राशि वापस की जाएगी।
इससे सिरियस केन्डीडेट की परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं नॉन सिरियस केन्डीडेट और इनइलिजिबल केन्डीडेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरेंगे और इनके कारण राज्य शासन को होने वाली आर्थिक क्षति भी कम होगी।
कैबिनेट की बैठक में राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन किया गया।
जिसके अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रूपए तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी। इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी।
कैबिनेट की बैठक में नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में एन.आई.एफ.टी. (NIFT) के कैम्पस को मंजूरी प्रदान की गई। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) का नया कैम्पस छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थापित किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 271.18 करोड़ रुपये होगी। इसमें भूमि क्रय हेतु 21.18 करोड़, भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ और मशीनरी, फर्नीचर आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है।
इस संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और फैशन उद्योग को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) भारत में फैशन शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है, जिसकी स्थापना 1986 में कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत हुई थी। एन.आई.एफ.टी. के पूरे भारत में 17 परिसर हैं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं। यह संस्थान फैशन डिजाइन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान फैशन डिजाइन, टेक्सटाइल डिजाइन, फैशन प्रबंधन और फैशन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है। यह छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए फैशन उद्योग के साथ सहयोग करता है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य के नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट सह कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण हेतु स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि आबंटन किये जाने की सहमति प्रदान करते हुए आगे की कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग एवं संबंधित नगर निगमों को अधिकृत किया है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य में सहकारिता को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर वितरण हेतु अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक आवश्यक शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय लिया है। इस हेतु शक्कर का क्रय मूल्य 37,000 रू. प्रति टन (एक्स फैक्ट्री, जी.एस.टी. अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने स्थानीय रोजगार और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को राज्य में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चार होनहार खिलाड़ियों ने नेपाल के पोखरा शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग एवं वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में दमदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ और देश का परचम लहराया है। अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त भारतीय खेल संघ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार समेत सात देशों के 300 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत की ओर से छत्तीसगढ़ के कवर्धा से सूरज राजपूत, दीपाली सोनी, अभिषेक तिवारी और अनुराग जांगड़े ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेकर स्वर्ण पदक हासिल किए।
ज्ञात हो कि बॉडीबिल्डिंग स्पर्धा में कबीरधाम के सूरज राजपूत ने सात देशों के प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज पूर्व में मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल बॉडीबिल्डिंग चौंपियनशिप और पावरलिफ्टिंग में भी पदक जीत चुके हैं। वर्तमान में वे कवर्धा के “भारत हेल्थ क्लब” में कोच की भूमिका निभा रहे हैं और लगभग 50 युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। दीपाली सोनी, जो कि जिले की पहली महिला स्वर्ण विजेता वेटलिफ्टर बनीं, उन्होंने 76 किलोग्राम वर्ग में जीत दर्ज की। वे इससे पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। पुरुषों की 67 किलोग्राम श्रेणी में सब-जूनियर वर्ग के अभिषेक तिवारी ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके पहले स्कूल नेशनल गेम्स में भी पदक जीत चुके हैं। वहीं 14 वर्षीय अनुराग जांगड़े, जिन्होंने 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, पहले भी जिला और स्कूल स्तरीय कई प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे हैं।
गौरतलब है कि इन चारों खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का श्रेय भी सूरज राजपूत को जाता है, जो वर्षों से समर्पण भाव से निःशुल्क प्रशिक्षण देकर जिले के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर रहे हैं। सूरज राजपूत ने अपनी सफलता और टीम की उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि जिले के साथ-साथ राज्य के हर युवा की प्रेरणा बनेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में दुबई में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित होगी, जिसकी तैयारी भी वे कवर्धा से ही पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। नेपाल की धरती पर खिलाड़ियों द्वारा किया गया यह प्रदर्शन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
बॉडी बिल्डिर सूरज राजपूत
बॉडीबिल्डिंग की दुनिया में सूरज राजपूत का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। नेपाल की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने सात देशों के धुरंधरों को पछाड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज राजपूत कहा कि यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ की है। छोटे शहर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन अगर मन में जुनून हो और मार्गदर्शन सही हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सूरज ‘भारत हेल्थ क्लब’ में बतौर कोच लगभग 50 खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल और पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुके हैं।
वेटलिफ्टर दीपाली सोनी
76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली कबीरधाम जिले की दीपाली सोनी कबीरधाम की पहली महिला वेटलिफ्टर बनी हैं। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर इतिहास रच दिया। दीपाली सोनी अपना अनुभव साझा करती हुए कहती है कि नेपाल की यात्रा मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रही। पहली बार विदेश जाकर खेलना और तिरंगा लहराना एक सपना था, जो पूरा हुआ। मुझे खुशी है कि अब जिले की अन्य बेटियां भी वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेंगी।” दीपाली पहले भी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं।
वेटलिफ्टर अभिषेक तिवारी
67 किलोग्राम वर्ग के सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग कैटेगरी में अभिषेक तिवारी ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी कड़ी मेहनत का शानदार उदाहरण पेश किया। अभिषेक तिवारी कहते हैं कि जब मेरे गले में मेडल आया, तो मुझे अपने माता-पिता, गुरुजी और पूरे जिले की मेहनत याद आई। नेपाल में रहना, वहां के खिलाड़ी और माहौल सभी कुछ नया था, लेकिन हमने भारत का झंडा ऊंचा रखने का संकल्प लिया था।
वेटलिफ्टर अनुराग जांगड़े
सिर्फ 14 वर्ष की उम्र में 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाले अनुराग जांगड़े ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अनुराग जांगड़े ने अपनी कैरियर की पहली विदेश यात्रा में मिले उपलब्धियों की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “मैं बहुत खुश हूं कि इतनी छोटी उम्र में देश के लिए स्वर्ण पदक जीत पाया। यह सब मेरे कोच सूरज सर की वजह से संभव हुआ, जिन्होंने हमें दिन-रात निःस्वार्थ भाव से मुझे तैयार किया।” विदेश में राष्ट्रीय ध्वज लहराने की खुशी में शब्दों में बयां नही कर सकता। -
पात्र परिवारों को पक्का मकान दिलाना हमारी जिम्मेदारी : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
राज्य में 15 से 30 अप्रैल तक चलेगा मोर दुआर-साय सरकार महाभियान
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा आज बस्तर जिले के ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के अंतर्गत 'आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा' के तहत 3 हितग्राहियों के घर जाकर ‘आवास प्लस 2024 (2.0)’ मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया। ग्रामवासियों से आत्मीय संवाद किया। उप मुख्यमंत्री के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में भारी उत्साह दिखाई दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विशेष पहल पर 15 दिवसीय मोर दुआर-साय सरकार महाभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है। इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में आयोजित कार्यक्रम में स्वयं लाभार्थियों क्रमशः बृन्दावती भारती, दुलारी भारती और गुड्डुराम बघेल से चर्चा करते हुए उनके मकान की स्थिति जानी। उन्होंने ग्रामवासियों से सीधा संवाद करते हुए यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी पात्र परिवार सामने आएंगे, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र योजना में सम्मिलित किया जाएगा।हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार : उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले, जिसमें पक्का मकान एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संकल्प के साथ कार्य कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत कुल 11,50,315 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 9,41,595 मकानों की पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1,78,476 मकान पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। अब तक कुल 3,59,037 लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए लाभार्थी स्वयं भी मोबाइल ऐप के जरिए अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा GRIH पोर्टल भी विकसित किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज शाम उनके निवास कार्यालय में पदभार ग्रहण उपरांत छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ वर्णिका शर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने डॉ.वर्णिका शर्मा को उनके नई एवं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कहा कि डॉ. वर्णिका शर्मा काफी समय से आम जनता की सुरक्षा के साथ साथ बाल अधिकारों के सरंक्षण तथा सुरक्षा के प्रति सजगता से कार्य करते हुए जुड़ी हुई है। इनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग को एक नई दिशा मिलेगी और प्रदेश में बाल अधिकारों तथा उनके सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए प्रभावी ढंग से कार्य होंगे।

इस मौके पर राजनांदगांव सांसद श्री संतोष पांडेय,छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग सचिव श्री प्रतीक खरे, बाल संरक्षण पर कार्य करने वाले सामाजिक संगठन के सदस्यों सहित उनके परिवार के सदस्य गण उपस्थित रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान स्थानीय सर्किट हाउस में मंगलवार देर शाम को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाज प्रमुखों एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की, जहां पर उनसे विभिन्न समाज, संगठन और समिति के प्रतिनिधि मंडलों ने सौजन्य भेंट कर अपनी मांगों और समस्याओं से अवगत कराया।
सर्किट हाउस परिसर में मुख्यमंत्री ने माहरा समाज, विश्वकर्मा समाज, कंवर समाज के प्रमुखजनों को क्रमशः आमंत्रित कर उनकी मांगें सुनीं। इसके अलावा बस्तर किसान संघ, नगरपालिक निगम जगदलपुर के पार्षदगणों और विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यालयीन कर्मचारी संघ की मांगों और समस्याओं से मुख्यमंत्री रुबरु हुए। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल के प्रमुखजनों से कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्ग की समस्याओं और मांगों को लेकर संवेदनशील व गंभीर है तथा इसके समाधान के लिए वह हरसंभव प्रयास करेगी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, महापौर श्री संजय पाण्डे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री बलदेव मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधी एवं अधिकारीगण मौजूद थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही कार्य: मुख्यमंत्री श्री साय
अंतिम छोर तक योजनाओं का पहुंचे लाभ और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच हो सुनिश्चित - मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष 'प्रेरणा' में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका रहती है, ऐसे में सीएससी स्तर और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता और चिकित्सकीय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखें।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें। मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।
बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई।बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, डीजीपी श्री अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्री श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज 16 अप्रैल को वर्ष 2006 और 2008 की नृशंस घटनाओं में शहीद हुए जवानों एवं नक्सल हिंसा का शिकार बने निर्दोष आदिवासियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि 16 अप्रैल हमारे प्रदेश के इतिहास में एक अमानवीय, रक्तरंजित और दुःखद स्मृति के रूप में दर्ज है। 2006 में बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुरकीपार स्थित पुलिस पोस्ट पर नक्सलियों द्वारा किया गयाकायरतापूर्ण हमला आज भी हमें झकझोर देता है। इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 9वीं वाहिनी 'ए' कंपनी के 4 वीर जवान एवं 7 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) वीरगति को प्राप्त हुए। 1 पुलिसकर्मी और 3 एसपीओ गंभीर रूप से घायल हुए। उनका बलिदान हमारी सुरक्षा और संविधान की रक्षा के लिए था, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।
उन्होंने आगे कहा कि इसके दो वर्ष पश्चात16 अप्रैल 2008 को बीजापुर थाना क्षेत्र के पामेड़ के जंगलों और खेतों में मुखबिरी के संदेह में 6 निर्दोष आदिवासी – माड़वी देवा, माड़वी कुंजाम, माड़वी सोमारू, माड़वी केसा, माड़वी आयता और करतम देवा (सभी निवासी कंचाल) – की नक्सलियों ने निर्मम हत्या कर दी। यह न केवल अमानवीयता का चरम था, बल्कि उस आदिवासी समाज पर एक गहरा आघात भी था जो शांति और सरलता का प्रतीक है।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों के परिजनों और पीड़ित परिवारों के साथ पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है। नक्सल हिंसा के विरुद्ध यह लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण छत्तीसगढ़ का निर्माण ही हमारे वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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