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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता
मैदानी अधिकारी–कर्मचारी फील्ड में जाकर बांधों एवं संबंधित संरचनाओं का करें सतत निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में स्थित लुत्ती बांध के टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री साय ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए। साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने तथा निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट, इस प्रकार कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह कुल 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय होगी।
इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उईके तथा बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग मंडलों के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों का स्वागत करते हुए कहा है कि यह निर्णय भारत की कर प्रणाली को आमजन के लिए अधिक सरल और उद्योग-व्यापार के लिए प्रोत्साहनकारी बनाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आयकर में 12 लाख तक की छूट देने के बाद अब जीएसटी दरों में की गई भारी कटौती से रोज़मर्रा की ज़रूरत की वस्तुएं, खेती-किसानी के उपकरण, खाने-पीने की चीज़ें, दवाइयां, शिक्षा सामग्री, मनोरंजन की वस्तुएं, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सस्ते हो गए हैं। कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स दर शून्य कर दी गई है, जिससे नागरिकों के जीवन में सीधा लाभ पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि पर्व से लागू होने वाला यह प्रावधान प्रधानमंत्री जी की Ease of Doing Business और Ease of Living की संकल्पना को साकार करेगा। इससे उद्योग-व्यापार को नई ऊर्जा मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करता हूँ। यह निर्णय आम आदमी के जीवन को सरल बनाने और देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था की नई ऊँचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। -
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कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर चले अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट’ में वीर जवानों ने शौर्यपूर्ण प्रदर्शन कर अभियान को सफल बनाया, सभी सुरक्षाबलों के जवानों को हृदय से बधाई
नक्सलियों के विरुद्ध अभियान के इतिहास में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ के दौरान जवानों का शौर्य और पराक्रम एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा
जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएँ या समाप्त न हो जाएँ, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, भारत को नक्सलमुक्त बनाकर ही रहेंगे
गर्मी, ऊँचाई और हर कदम पर IED के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने बुलंद हौसले से अभियान को सफल बनाकर नक्सलियों का बेस कैंप समाप्त किया
कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर नक्सलियों के मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को सुरक्षाबलों के जवानों ने पराक्रम से नष्ट कर दिया
नक्सलविरोधी अभियानों में गंभीर शारीरिक क्षति उठाने वाले सुरक्षाबलों के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है
नक्सलविरोधी अभियानों के कारण पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में साढ़े 6 करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हुआ है
मोदी सरकार का संकल्प है, 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे
रायपुर : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा के जवानों से नई दिल्ली में भेंट की और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर चले अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट’ में वीर जवानों द्वारा शौर्यपूर्ण प्रदर्शन कर अभियान को सफल बनाने के लिए सभी सुरक्षाबलों के जवानों को हृदय से बधाई दी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के विरुद्ध अभियान के इतिहास में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ के दौरान जवानों का शौर्य और पराक्रम एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएँ या समाप्त न हो जाएँ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम भारत को नक्सलमुक्त बनाकर ही रहेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गर्मी, ऊँचाई और हर कदम पर आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने बुलंद हौसले के साथ अभियान को सफल बनाकर नक्सलियों का बेस कैंप समाप्त किया। उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर बने नक्सलियों के मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को छत्तीसगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ, डीआरजी और कोबरा के जवानों ने पराक्रम से नष्ट कर दिया।
श्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलियों ने देश के सबसे कम विकसित क्षेत्रों को बहुत नुकसान पहुँचाया है, स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए और सरकारी योजनाओं को स्थानीय लोगों तक नहीं पहुँचने दिया। उन्होंने कहा कि नक्सलविरोधी अभियानों के कारण पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में साढ़े 6 करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हुआ है।श्री शाह ने कहा कि नक्सलविरोधी अभियानों में गंभीर शारीरिक क्षति उठाने वाले सुरक्षाबलों के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि हम 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे। -
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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भोपालपटनम से आए परिवार को दिया संपूर्ण इलाज का भरोसा
रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में होगा रियूमेटिक हार्ट डिजीज (आरएचडी) का इलाज
रायपुर : बीजापुर जिले भोपालपटनम ब्लॉक के वरदली गांव की 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्षीय शांभवी गुरला की मासूम आंखों में एक ही सवाल था— “पापा, मुझे क्या हुआ है, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?”
खेती-किसानी कर परिवार का गुजारा करने वाले उसके पिता इस सवाल पर अक्सर चुप हो जाते थे। तीन महीने पहले जिला अस्पताल बीजापुर में जब डॉक्टरों ने बताया कि शांभवी को रियूमेटिक हार्ट डिजीज (RHD) है, तो पिता के पांव तले जमीन खिसक गई। डॉक्टरों ने रायपुर में इलाज कराने की बात कही, लेकिन परिवार को लगा कि रायपुर में इलाज में तो बहुत ज्यादा खर्च लगता होगा, ये सोच कर परिवार की उम्मीदें टूटने लगीं।
घर में हर रोज यही चर्चा होती—“अब क्या होगा? हम अपनी बेटी का इलाज कैसे कराएंगे?” मां रोती और शांभवी को सीने से लगाकर कहती—“बेटा, सब ठीक होगा।” लेकिन उसके पिता की आंखों में चिंता साफ झलकती थी। आखिरकार उन्होंने हिम्मत जुटाई और बेटी को लेकर सीधे स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास पहुंचे। स्वास्थ्य मंत्री ने बच्ची से मुलाकात की और तुरंत ही रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में डॉ. स्मित श्रीवास्तव से बात की। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज तुरंत शुरू किया जाए। खर्च की चिंता मत करें, सरकार पूरी जिम्मेदारी लेगी।”
स्वास्थ्य मंत्री की यह बात सुनते ही शांभवी की मां की आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने कांपती आवाज़ में कहा— “मंत्री जी, आप हमारी बेटी को नया जीवन दे रहे हैं। आप हमारे लिए किसी डाक्टर से कम नहीं।” स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर शांभवी को इलाज के लिए एसीआई रायपुर में लाया गया है। यहां डॉक्टरों की टीम उसकी जांच करेगी और उसका इलाज शुरू करेगी। गौरतलब है कि सरकार का यह कदम सिर्फ एक बच्ची के लिए नहीं, बल्कि राज्य के हर एक गरीब परिवार के लिए भरोसे का संदेश है।
अब माता पिता के चेहरे पर खुशी के भाव देखकर आज शांभवी भी मुस्कुरा रही है और पिता से बार-बार पूछती है— “पापा, मैं जल्दी खेल पाऊंगी ना?” और इस बार पिता की आंखों में आंसू नहीं, बल्कि उम्मीद की चमक है। -
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ग्राम बदराडीह बाघूटोला और ग्राम प्रभाटोला को दी विकास कार्यो की सौगात
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ग्राम बदराडीह बाघूटोला, खुर्सीपार, जैताटोला में आयोजित रामधुनी कार्यक्रमों में शामिल हुए
रायपुर : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा अपने कबीरधाम जिले के प्रवास के दौरान ग्राम बदराडीह बाघूटोला, खुर्सीपार और जैताटोला में आयोजित रामधुनी कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने ग्रामवासियों के साथ भजन-कीर्तन में भाग लेकर भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जिले तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के विकास, समृद्धि, खुशहाली और क्षेत्रवासियों की प्रगति के लिए भगवान राम से आशीर्वाद मांगा।
उन्होंने कहा कि रामधुनी जैसे धार्मिक आयोजन समाज को एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा जैताटोला और ग्राम प्रभाटोला सतनाम धुनी, सतनाम झूला कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्हानें बाबा गुरूघासी दास से आर्शीवाद प्राप्त किया। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने ग्रामीणों की मांग पर विभन्न निर्माण कार्यो के लिए 01 करोड़ 23 लाख 50 हजार रूपए की घोषणा की।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बदराडीह में सामुदायिक भवन भोयरा मरार पटेल समाज के लिए 20 लाख, सीसी रोड़ निर्माण के 7 लाख, बाघूटोला में सामुदायिक भवन के 6.50 लाख, जैताटोला में मंगल भवन के लिए 7.50 लाख, समुदायिक भवन के लिए 7.50 लाख, मुक्तिधाम शेड के लिए 4 लाख, मुक्तिधाम में प्रतीक्षालय निर्माण के लिए 4 लाख, ग्राम प्रभाटोला में सीसी रोड, मुक्तिधाम शेड, रिटर्निंग वाल और नाली सहित अलग अलग निर्माण कार्य के लिए 67 लाख रूपए की घोषणा की। विकास कार्यो की सौगात मिलने पर ग्रामीणों ने उपमुख्यमंत्री के प्रति ह्दय से आभार प्रकट किया।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गांव-गांव में विकास की नई गाथा लिख रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार और किसान कल्याण जैसे क्षेत्रों में लगातार योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रगति तभी संभव है जब समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिले और धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन शामिल हुए। उपस्थित ग्रामीणों ने उपमुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत कर उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सभापति श्री रामकुमार भट्ट, श्री गोपाल साहू सहित जनप्रतिनिधि ग्रामीण उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नवा रायपुर स्थित नवीन शासकीय निवास कार्यालय में 3 सितम्बर को एकादशी करमा तिहार परंपरागत रूप से मनाया जाएगा। इस आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। करमा तिहार का आयोजन छत्तीसगढ़ कंवर समाज युवा प्रभाग महानगर इकाई टाटीबंध रायपुर द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे, जबकि आदिम जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
करमा तिहार के आयोजन में वनमंत्री मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री गुरू खुशवंत साहेब अति विशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम में सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति की संरक्षक श्रीमती कौशल्या साय, कंवर समाज विकास समिति टाटीबंध रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष हरवंश सिंह मिरी, सभापति जिला पंचायत धमतरी श्री टीकाराम कंवर, अध्यक्ष कंवर समाज महानगर इकाई रायपुर श्री मनोहर सिंह पैकरा, पूर्व राज्यसभा सांसद श्री नंद कुमार साय एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम श्री राम सेवक पैकरा विशिष्ट अतिथि होंगे।
एकादशी करमा तिहार के कार्यक्रमों का आयोजन मुख्यमंत्री निवास स्थित जनदर्शन चौपाल में संध्या 4 बजे से शुरू होगा। इसके तहत करम डार स्वागत पूजा, करम डार उपासिन पूजा, करम कहानीकार, पारंपरिक सामूहिक करमा नृत्य एवं करमा गीत व रात्रि जागरण एवं करम डार विसर्जन पूजा के कार्यक्रम होंगे। -
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चालू खरीफ सीजन में अब तक 6.39 लाख टन यूरिया वितरित, गत वर्ष इसी अवधि में हुआ था 6.17 लाख टन का वितरण
राज्य में यूरिया और अन्य रासायनिक खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध, किसानों की मांग पर केंद्र सरकार ने स्वीकृत किया अतिरिक्त आबंटन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किसानों के हित में एक बड़ी राहत मिल रही है। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए 60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया का आबंटन स्वीकृत किया है। इसमें सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में 20 हजार टन, द्वितीय सप्ताह में 35 हजार टन और शेष 5 हजार टन की आपूर्ति माह के अंत तक सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसानों की हर आवश्यकता पर राज्य सरकार संवेदनशील है और यह अतिरिक्त आबंटन उनकी खरीफ फसलों को सुरक्षित रखने में सहायक होगा।
मार्कफेड अधिकारियों ने बताया कि चालू खरीफ सीजन के लिए 28 अगस्त की स्थिति में सहकारी क्षेत्र में 3 लाख 91 हजार 79 मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 3 लाख 11 हजार 563 मीट्रिक टन, इस तरह कुल 7 लाख 2 हजार 642 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण किया गया है। इसके विरुद्ध 6 लाख 38 हजार 599 मीट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित किया जा चुका है। इसमें 3 लाख 42 हजार 444 मीट्रिक टन सहकारी क्षेत्र और 2 लाख 96 हजार 155 मीट्रिक टन निजी क्षेत्र से वितरण शामिल है। यह आँकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 6 लाख 17 हजार 798 मीट्रिक टन वितरण से अधिक है, जो इस बार की बेहतर आपूर्ति व्यवस्था का प्रमाण है।
प्रदेश में किसानों के लिए नैनो खाद की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सहकारी क्षेत्र में 1 लाख 78 हजार 919 और निजी क्षेत्र में 1 लाख 12 हजार 140, इस तरह कुल 2 लाख 91 हजार 59 बॉटल नैनो यूरिया का भंडारण हुआ है। इसी प्रकार सहकारी क्षेत्र में 1 लाख 58 हजार 809 और निजी क्षेत्र में 79 हजार 810, कुल 2 लाख 38 हजार 619 बॉटल नैनो डीएपी संग्रहित किया गया है। अब तक किसानों को 2 लाख 32 हजार 652 बॉटल नैनो यूरिया और 1 लाख 85 हजार 136 बॉटल नैनो डीएपी वितरित किया जा चुका है।
प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए भारत सरकार ने 14.62 लाख टन रासायनिक खाद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके विरुद्ध सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में 15.64 लाख टन का भंडारण कर लिया गया है। भंडारण के आधार पर किसानों को अब तक 13.19 लाख टन खाद वितरित किया गया है। यह व्यवस्था बताती है कि समितियों और निजी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं और किसानों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि खरीफ सीजन में किसानों को खाद की आपूर्ति उनकी समयबद्ध जरूरतों के अनुरूप प्राथमिकता से की जा रही है। अब तक निर्धारित लक्ष्य का 98 प्रतिशत यूरिया किसानों तक पहुँच चुका है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानों को मौसम और फसल की आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त खाद की आपूर्ति लगातार जारी रहेगी और उनकी उपज सुरक्षित रहेगी।
इस संबंध में गत दिनों कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम और राज्य के सांसदों ने भी केंद्रीय उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा से भेंट कर छत्तीसगढ़ के किसानों की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री श्री साय के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से लगातार संपर्क किया गया और किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त 60 हजार टन यूरिया का आबंटन स्वीकृत किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सहकारी सोसायटियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद का वितरण सुव्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है।
किसान समितियों में आसानी से खाद उपलब्ध करा पा रहे हैं और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इससे खेती-किसानी प्रभावित होने के बजाय और मजबूती पा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसानों ने सरकार और प्रशासन की इस पहल पर संतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि समय पर यूरिया और अन्य खाद उपलब्ध होने से बुवाई और फसल प्रबंधन का काम सुचारू रूप से हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि खाद, बीज और सिंचाई जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य के समन्वित प्रयासों से खरीफ सीजन में किसानों को समुचित राहत मिलेगी और छत्तीसगढ़ कृषि उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उपलब्ध:मकान ढहने पर सहायता राशि भी प्रदान की गई
रायपुर : दंतेवाड़ा में हाल ही में आई बाढ़ से निपटने और प्रभावितों को आवश्यक मदद पहुँचाने में प्रशासन तत्पर रहा। अपने विदेश दौरे के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दक्षिण कोरिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश भी दिए थे। आज मुख्यमंत्री के दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा पहुँचने पर बाढ़ प्रभावित परिवारों ने प्रशासन द्वारा समय पर बचाव एवं राहत पहुँचाने के लिए आभार व्यक्त किया। मौजूद लोगों ने कहा कि सरकार की इस संवेदनशील पहल से सभी प्रभावित परिवार सुरक्षित और सकुशल हैं। राहत शिविर में रहने, भोजन और इलाज जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
बाढ़ पीड़ित गुप्तेश्वरी कश्यप, शालिनी शर्मा, सविता पात्रे एवं लता सागर ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि राहत शिविर में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है और अब राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा भी दिया गया है। मकान ढहने पर सहायता राशि भी मिल चुकी है और अब घर बनने तक वे यहाँ राहत शिविर में रहेंगे। प्रभावितों ने बताया कि बाढ़ आने के साथ ही प्रशासन की अपील पर सभी लोग सुरक्षित ऊँचे स्थान पर चले गए थे। फिर बाढ़ का पानी उतरने के बाद उन्हें चूड़ी टिकरापारा के छात्रावास भवन में राहत शिविर में ठहराया गया। इसी तरह रीता कश्यप, द्रोपदी नाग, कुंदन गुप्ता, महेश नाग, बबीता नाग सहित अन्य प्रभावितों ने भी प्रशासन के राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री के समक्ष भावुक हुईं सोमड़ी सोढ़ी
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बाढ़ प्रभावितों से मिलने के दौरान चूड़ी टिकरापारा निवासी सोमड़ी सोढ़ी के घर पहुँचे तो श्रीमती सोमड़ी सोढ़ी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से पूरा घर डूब गया था। बाढ़ आने के एक दिन पहले वह अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुई थीं और उनकी दोनों बेटियाँ भी साथ में थीं, इस कारण उनकी जान बच गई। अस्पताल से ठीक होकर शुक्रवार को वह घर लौटीं।
सोमड़ी ने बताया कि बाढ़ के पानी में घर का पूरा सामान खराब हो गया है। इस बीच प्रशासन ने राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा उपलब्ध कराया है। साथ ही राहत शिविर में नाश्ता, भोजन और इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। इस आपदा की घड़ी में सरकार की सहायता के लिए श्रीमती सोमड़ी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट किया।
इसी तरह दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा के बाढ़ प्रभावित सुरेश बघेल ने बताया कि बाढ़ आने के दिन पूरा परिवार घर में ही था। प्रशासन की सूचना पर वे सभी सुरक्षित स्थान पर चले गए और एक दिन बाद राहत शिविर पहुँचे। पिछले शुक्रवार को वे शिविर से घर लौटे हैं। सुरेश ने बताया कि प्रशासन द्वारा राशन, बर्तन, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा, कंबल-चादर और कपड़े जैसे सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है।
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मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई और जमीनी सर्वेक्षण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और बस्तर का हवाई सर्वेक्षण एवं जमीनी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुँचना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्तरों पर संवेदनशीलता तथा तत्परता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री साय दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा पारा में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर पहुँचे, जहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया कि शिविरों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित आवास की व्यवस्था निरंतर बनी रहे। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाए और उनके पुनर्वास के कार्य प्राथमिकता के आधार पर तेजी से किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि राहत शिविरों में सभी जरूरी व्यवस्थाओं के साथ-साथ प्रभावित परिवारों को राशन, बर्तन और कपड़े जैसे आवश्यक सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को आवश्यकता अनुसार मकान की मरम्मत अथवा नए मकान निर्माण के लिए सहायता राशि समय पर देने के निर्देश दिए। श्री साय ने कलेक्टर एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को बाढ़ से हुई फसल क्षति, पशुधन हानि सहित अन्य नुकसानों का शीघ्र आंकलन कर प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल का भी निरीक्षण किया और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ कठिनाई अवश्य लाती हैं, परंतु प्रशासनिक तत्परता और जनसहयोग से इन कठिनाइयों का समय पर समाधान संभव है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जाए तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा से जुड़ी आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य शिविर का जायजा लिया
मुख्यमंत्री श्री साय ने यहाँ लगाए गए स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की तैनाती और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद करते हुए यह भी पूछा कि क्या वे प्रशासन की मदद से संतुष्ट हैं। प्रभावितों ने जिला प्रशासन के त्वरित सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
श्री साय ने बाढ़ प्रभावितों की स्वास्थ्य जांच, बीमारों के उपचार और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता के बारे में मौजूद अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्थिति सामान्य होने तक बाढ़ प्रभावितों को शिविर में नियमित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ के बाद संभावित उल्टी-दस्त तथा अन्य जलजनित मौसमी बीमारियों पर निरंतर निगरानी रखने और बचाव हेतु पेयजल स्रोतों का अनिवार्य रूप से क्लोरीनेशन करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आमजन को पीने के शुद्ध पानी का उपयोग करने, स्वच्छता एवं साफ-सफाई बनाए रखने के लिए जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को प्रभावित वार्डों में नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
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ड्रॉपआउट दर घटाने और युवाओं को कौशल से जोड़ने पर रायपुर में नीति आयोग की राष्ट्रीय कार्यशालाआयोजित
रायपुर : नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में Fostering Mentorship in Education: A Pathway to Equity विषय पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना को मूर्त रूप देते हुए शिक्षा व्यवस्था को अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी बनाने में मेंटरशिप की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श कर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क बनाना है। विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और हितधारकों ने शिक्षा में समानता लाने, ड्रॉपआउट दर घटाने और युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए अपने अनुभव साझा किए।
मेंटॉरशिप युवाओं को सशक्त करने की कुंजी है”: श्री ओ. पी. चौधरी
विशेष अतिथि के रूप में वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि शिक्षा में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में मेंटरशिप की भूमिका निर्णायक है। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर केंद्रित है। यह साझा राष्ट्रीय ढांचा तैयार करने का अवसर है, जो विकसित भारत के सपने को साकार करने में मदद करेगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनसांख्यिकीय ताकत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की औसत आयु 28 वर्ष है, जबकि छत्तीसगढ़ की औसत आयु मात्र 24 वर्ष है। यह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, हमें युवाओं को अर्थव्यवस्था से जोड़ना होगा, ताकि वे विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान दे सकें।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अपने जीवन अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैंने गांव के सरकारी स्कूल में 10वीं और 12वीं तक पढ़ाई की, जहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं। 17 वर्षों की औपचारिक शिक्षा के बाद भी अनेक युवाओं को यह स्पष्ट नहीं होता कि जीवन में आगे क्या करना है। कैरियर गाइडेंस और मेंटरशिप इस कमी को दूर कर सकती है। उन्होंने स्थानीय भाषा और संस्कृति आधारित शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र के बच्चों के जीवन का जुड़ाव जंगलों और झरनों से है। उन्हें इसी के अनुरूप अक्षर ज्ञान देना चाहिए। एनईपी 2020 का स्थानीय बोलियों पर फोकस सही दिशा है।
वित्त मंत्री ने सरकारी स्कूलों की चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि समुदाय की भागीदारी घट रही है, हमें नवोदय विद्यालय जैसे मॉडल अपनाने होंगे। नीति आयोग को देशभर की इनोवेटिव प्रैक्टिस को साझा प्लेटफॉर्म पर लाना चाहिए, ताकि शिक्षा में समानता सुनिश्चित की जा सके।
हर बच्चे को मेंटरशिप मिलना उसका अधिकार है: डॉ. वी. के. पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि शिक्षा मानव पूंजी निर्माण का आधार है और हर बच्चे को समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर ड्रॉपआउट दरों को साझा करते हुए बताया कि प्राथमिक स्कूलों में 93 प्रतिशत नामांकन है, लेकिन अपर प्राइमरी में तीन प्रतिशत बच्चे छूट जाते हैं। सेकेंडरी स्तर पर केवल 56 प्रतिशत और 12वीं कक्षा तक मात्र 23 प्रतिशत छात्र ही पहुंचते हैं। 2019 से 2023 तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों से 15,000 ओबीसी, एससी, एसटी छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी, जबकि आईआईटी और आईआईएम से 4,000 से अधिक छात्र बाहर हुए। यह व्यक्तिगत ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय क्षति भी है।
डॉ. पॉल ने कहा कि मेंटरशिप से छात्रों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन, आत्मविश्वास और जीवन कौशल मिलते हैं। हमें शिक्षकों का माइंडसेट बदलना होगा, छात्रों को सशक्त बनाना होगा और तकनीक के माध्यम से सीधी पहुँच सुनिश्चित करनी होगी। विषाक्त वातावरण और नशे जैसी समस्याएं ड्रॉपआउट को बढ़ाती हैं। हर बच्चे को ज्ञान और आत्मविश्वास से लैस होकर चुनौतियों का सामना करने का अवसर मिलना चाहिए, यह उसका मानवाधिकार है। उन्होंने कहा कि हमारा देश मानव-केंद्रित दर्शन से समृद्ध है। हमें ऐसा सिस्टम बनाना होगा, जिसमें हर बच्चे को मेंटरशिप मिले, हमें एनईपी 2020 यही रास्ता दिखाती है।
कार्यशाला में योजना विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, नीति आयोग के संयुक्त सचिव श्री के. एस. रेजिमोन, नीति आयोग के फेलो डॉ. आई. वी. सुब्बा राव, आईएएस (सेवानिवृत्त), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा तथा नीति आयोग के उप सचिव श्री अरविंद कुमार, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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खीर, पूड़ी, हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया और सेवई का मिल रहा स्वाद
गैस चूल्हे की व्यवस्था से धुएं से मिली मुक्ति
रायपुर : आंगनबाड़ियों और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब पहले से बहुत खुश हैं। समय पर स्कूल और आंगनबाड़ी खुल रहे हैं। वहां मिलने वाले नाश्ते खीर, पूड़ी, हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया, सेवई तथा भोजन से उन्हें ऊर्जा भी मिल रही है। गैस सिलेण्डर की व्यवस्था से आंगनबाड़ियों और स्कूलों में भोजन पकाने के दौरान उत्पन्न होने वाले धुएं से भी मुक्ति मिल गई है। इससे रसोईयों के साथ ही विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी राहत मिली है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कोरबा जिले के सभी आंगनबाड़ियों तथा प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में सुबह के नाश्ते की व्यवस्था डीएमएफ से की जा रही है। नाश्ते और सिलेण्डर की व्यवस्था ने आंगनबाड़ी तथा विद्यालय आने वाले बच्चों की रूचि बढ़ा दी है। अलग-अलग दिनों में निर्धारित मेनू के आधार पर उन्हें नाश्ता और भोजन परोसा जा रहा है। नाश्ते में खीर, पूड़ी, हलवा, खिचड़ी, पोहा व भजिया दी जा रही है। विद्यार्थी नाश्ता खाने बहुत उत्सुक रहते हैं और समय पर विद्यालय भी पहुंच जाते हैं।
पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम धोबघाट प्राथमिक शाला में कक्षा पहली की छात्रा प्रियांशी, छात्र विनय, कक्षा दूसरी की नेहा, तीसरी की रोशनी और नर्मदा तथा कक्षा पांचवी के भूपेश ने बताया कि अब नाश्ते में अलग-अलग दिनों में उन्हें अलग-अलग खाने को मिलता है। खीर, पूड़ी, हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया और सेवईयां मिलती है। विद्यालय में प्रधान पाठक श्री चैनसिंह पुहुप ने बताया कि नाश्ते का प्रभाव बच्चों पर पड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि सिलेण्डर की व्यवस्था होने से जल्दी खाना पक जाता है। नाश्ता हो या मध्यान्ह भोजन दोनों को पकाने में आसानी हो गई है।
कोरबा विकासखण्ड के दूरस्थ गांव लामपहाड़ में पहाड़ी कोरवा बच्चों में भी नाश्ते का प्रभाव पड़ा है। आंगनबाड़ी केंद्र हो या स्कूल दोनों जगह उनकी उपस्थिति नजर आती है। पहले सुबह से ही अपने परिजनों के साथ जंगल की ओर प्रस्थान कर जाने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चे अब समय से पहले स्कूल पहुंचते हैं। लामपहाड़ आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता सुशीला तिर्की और सहायिका सुलोचनी यादव बताती है कि केंद्र में ज्यादातर बच्चे पहाड़ी कोरवा जनजाति के हैं। कई बच्चों को घर पर पर्याप्त आहार उपलब्ध नहीं हो पाता। ऐसे में नाश्ता और भोजन उनके शारीरिक विकास के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह दस बजे के आसपास नाश्ता देने के साथ ही दोपहर को एक बजे भोजन दिया जाता है।
आंगनबाड़ी में आने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चों सम्पति, रवीना, सुखमनिया, सुशील और कविता ने बताया कि उन्होंने सुबह नाश्ते में दलिया खाया और दोपहर को दाल, भात और सब्जी खाई है। हर दिन गरम भजिया, पोहा, खीर, पूड़ी, उपमा का नाश्ता मिलता है और इसे खाना भी अच्छा लगता है। यहां भोजन पकाने वाली सहायिका सुलोचनी यादव का कहना था कि पहले बारिश के दिनों में चूल्हा जलाना बहुत मुश्किल हो जाता था। सूखी लकड़ियों की व्यवस्था करना, फिर चूल्हा जलाकर धुएं के बीच खाना पकाना बहुत परेशानी वाला काम था। अब तो गैस से मिनटों में बिना परेशानी के खाना बनने लगा है।
लामपहाड़ के प्राथमिक और माध्यमिक शाला में भी विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों की उपस्थिति तथा नाश्ते व मध्याह्न भोजन में रूचि नजर आने लगी है। कक्षा चौथी की देवशीला एवं फूलमनिया ने बताया कि स्कूल में मिलने वाला नाश्ता उन्हें अच्छा लगता है। पाली विकासखंड के दूरस्थ गांव पण्डोपारा में प्राथमिक शाला में लगभग 25 बच्चे हैं। नये भवन में आंगनबाड़ी संचालित है। दोनों जगह बच्चों को समय पर नाश्ता और भोजन मिलता है। गांव में रहने वाली पूजा पण्डो ने बताया कि उसके पांच बच्चे हैं। एक आंगनबाड़ी में और दो स्कूल में पढ़ाई करते हैं। तीनों को सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना मिलता है। पहले वे बहाना बनाकर स्कूल जाने में आनाकानी करते थे, पर अब नियमित जाते हैं। स्थानीय प्रशासन ने सभी स्कूलों में नाश्ते का मीनू लिखाने तथा स्थानीय उपलब्धता और विद्यार्थियों की पसंद के अनुरूप नाश्ता परोसने के निर्देश दिए हैं।
सवा दो लाख बच्चे हो रहे लाभान्वित
करीब एक साल पहले 14 अगस्त 2024 को कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा और कोरबा विकासखंड के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में विद्यार्थियों की थाली में गरम नाश्ता परोसने का सिलसिला प्रारंभ किया गया है। ढाई माह तक नाश्ता परोसने और इससे हुए सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसे जिले के सभी विकासखण्डों में प्रारंभ करने के निर्देश दिए। पिछले साल दीपावली अवकाश के बाद स्कूल खुलते ही कोरबा, पाली, करतला और कटघोरा के शेष स्कूलों में भी नाश्ता देना प्रारंभ किया गया। जिले के सभी आंगनबाड़ियों, स्कूलों और छात्रावासों में सिलेण्डर की व्यवस्था कर प्रतिमाह गैस रिफलिंग की सुविधा भी प्रदान की गई है।
कोरबा जिले के 2602 आंगनबाड़ियों में छह माह से लेकर तीन वर्ष तक के 48 हजार 217 और तीन वर्ष से छह वर्ष तक के 56 हजार 477 बच्चे दर्ज हैं। इसी तरह 1502 प्राइमरी स्कूलों में 73 हजार 810 और 537 मिडिल स्कूलों में 47 हजार 122 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। ये सभी बच्चे नाश्ते और मध्यान्ह भोजन से लाभान्वित हो रहे हैं। नाश्ता और भोजन पकाने के लिए डीएमएफ से गैस सिलेण्डर की व्यवस्था की गई है। -
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छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की नई पहल
रायपुर : छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक नई और अभिनव पहल की है। ‘दीदी के गोठ‘ नामक विशेष रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण 31 अगस्त को दोपहर 12:15 बजे आकाशवाणी रायपुर केंद्र सहित राज्य के सभी आकाशवाणी केन्द्रों से एक साथ किया गया। इस कार्यक्रम को प्रदेशभर में उत्साहपूर्वक सुना गया। इस कार्यक्रम के माध्यम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तथा उप मुख्यमंत्री एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा की प्रेरणादायी शुभकामनाएँ और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कवर्धा जिले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह की दीदियों और पदाधिकारियों के साथ ‘दीदी के गोठ‘ का श्रवण किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मंच पर साझा की जा रही सफलता की कहानियाँ अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी।
विभागीय अधिकारियों ने भी विभिन्न जिलों में पहुँचकर सामूहिक श्रवण में भाग लिया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह ने गरियाबंद, विशेष सचिव श्री धर्मेश साहू ने जांजगीर, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं आयुक्त मनरेगा श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने धमतरी और पंचायत विभाग की संचालक श्रीमती प्रियंका महोबिया ने दुर्ग जिले में समूह सदस्यों के बीच बैठकर कार्यक्रम का श्रवण किया तथा महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। रायपुर के सेरीखेड़ी स्थित समुदाय प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान में भी संकुल स्तरीय प्रसारण हुआ, जहाँ बिहान मिशन संचालक श्री अश्विनी देवांगन, संयुक्त मिशन संचालक श्री आर.के. झा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
‘दीदी के गोठ‘ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को शासन की योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की सफल महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा की जा रही हैं, ताकि अन्य महिलाएँ भी स्वरोजगार और आत्मविश्वास की राह पर आगे बढ़ें। इस विशेष प्रसारण को प्रदेश के 33 जिलों, 146 विकासखंडों और 580 संकुल संगठनों में सामूहिक श्रवण के रूप में आयोजित किया गया। लाखों महिलाएँ इस कार्यक्रम से जुड़ीं और पूरे प्रदेश में ‘दीदी के गोठ‘ को लेकर उत्साह देखने को मिला। ‘दीदी के गोठ‘ न केवल एक रेडियो कार्यक्रम है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के संघर्ष, आत्मबल और सफलता की कहानियों को सामने लाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन का सशक्त मंच भी है। -
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पेट्रोल पंप एसोसिएशन 1 सितम्बर से शुरू करेगा अभियान
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव को सौंपा ज्ञापन
रायपुर : रायपुर पेट्रोल पंप एसोसिएशन आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्वतः आगे आकर “नो हेलमेट नो पेट्रोल” का अभियान जिले में शुरू करने जा रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अखिल धगट के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आज उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह को ज्ञापन सौंपा।
श्री धगट ने कहा कि रायपुर में पिछले कई दिनों से सड़क दुर्घटनाओं में लोगों के गंभीर रूप से घायल और कुछ मामलों में मौत की अत्यंत दुखद खबरें सामने आ रही हैं। इन घटनाओं में गौर करने लायक बात है कि अधिकतर दो-पहिया वाहन चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था, जिसके कारण दुर्घटना होने पर उन्हें सर में चोट लगी।
श्री धगट ने कहा कि इसे देखते हुए एसोसिएशन की बैठक में सामाजिक हित में “नो हेलमेट नो पेट्रोल” अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। आगामी 1 सितम्बर से यह अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान के तहत हेलमेट पहनने वाले वाहन चालकों को ही पंप पर पेट्रोल दिया जाएगा। श्री धगट ने जनहितकारी इस सामाजिक कार्य में शासन-प्रशासन से सहयोग का आग्रह किया है। -
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निष्पक्षता और गोपनीयता बनाए रखने का दिया भरोसा
रायपुर : राज्य सेवा (मुख्य) परीक्षा-2024 के मूल्यांकन को लेकर कुछ न्यूज वेबपोर्टल्स में प्रकाशित खबरों पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा है कि 03 मूल्यांकनकर्ताओं के नाम उजागर कर परीक्षा प्रक्रिया पर प्रश्न उठाने का प्रयास किया गया, जबकि आयोग निष्पक्ष, पारदर्शी और त्रुटिरहित मूल्यांकन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विषय के प्रश्न-पत्र, प्रश्न और उप-प्रश्नों के मूल्यांकन हेतु बड़ी संख्या में विषय-विशेषज्ञों को आहूत किया जाता है। साथ ही मूल्यांकन की प्रक्रिया कई स्तरों पर जांच से गुजरती है और इसमें गोपनीयता बनाए रखना सभी की बाध्यता है।
आयोग का मानना है कि कुछ व्यक्तियों ने व्यक्तिगत द्वेष की भावना से मूल्यांकनकर्ताओं, जो एक ही संस्था में कार्यरत हैं, को निशाना बनाकर जानबूझकर आयोग की प्रक्रिया को संदिग्ध ठहराने का प्रयास किया है।
आयोग ने कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही, मूल्यांकनकर्ताओं के नाम उजागर करने के स्रोत की जानकारी जुटाई जा रही है और विभागीय या अन्य विधिक कार्यवाही यथासमय की जाएगी। -
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अटल जी के आशीर्वाद से तेजी से आगे बढ़ रहा छत्तीसगढ़ : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव
रतनपुर में 4 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्याें का लोकार्पण-भूमिपूजन
1.67 करोड़ से बनेगा नया नगर पालिका कार्यालय
रायपुर : केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू तथा उप मुख्यमंत्री और बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव ने आज रतनपुर नगर पालिका में 4 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें एक करोड़ 67 लाख 70 हजार रुपए की लागत से नगर पालिका के नवीन कार्यालय का भूमिपूजन, 30 लाख रुपए की लागत से अटल परिसर निर्माण एवं 48 लाख 66 हजार रुपए की लागत से आश्रय स्थल का लोकार्पण शामिल हैं। रतनपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत एक करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से 76 कार्य स्वीकृत हुए हैं। दोनों अतिथियों ने इनमें से 5-5 हितग्राहियों को अनुज्ञा पत्र और पूर्ण हो चुके आवास के लिए आवास की चाबी सौंपी। कार्यक्रम में बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, कोटा विधायक श्री अटल श्रीवास्तव, रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष श्री लवकुश कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी भी शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि आज हमने अटल परिसर का लोकार्पण किया है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल जी का व्यक्तित्व सबसे ऊंचा है। उन्हें विपक्ष के लोग भी सम्मान देते थे। गांव में विकास की क्रांति लाने में उनका अमूल्य योगदान है। उन्होंने किसानों को साहूकारों के चंगुल से छुटकारा दिलाया। किसान क्रेडिट योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई। श्री साहू ने कहा कि डबल इंजन की सरकार से सभी को फायदा हुआ है। रतनपुर को तालाबों की नगरी कहा जाता है। तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए हम कार्य कर रहे हैं। रतनपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण है। छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी और आदिशक्ति मां महामाया धाम में हमने आज अटल परिसर का लोकार्पण किया है। हमारी सरकार सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर बना रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि अटल जी छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता हैं। आज यदि छत्तीसगढ़ विकास की ओर बढ़ रहा है तो अटल जी के कारण ही बढ़ रहा है। उन्होंने गांवों, गरीबों और किसानों की तरक्की के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। श्री साव ने रतनपुर में विकास कार्याें के लिए 4 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने नगर पालिका के पदाधिकारियों और अधिकारियों से कहा कि आप लोग तुरंत प्रस्ताव बनाकर भेजिए। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तत्काल इन प्रस्तावों को मंजूर कर राशि जारी की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि इस वर्ष को हमने अटल निर्माण वर्ष घोषित किया है। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रतनपुर में हमने भीषण पेयजल के संकट को दूर किया है। हमारी सरकार बनने के बाद यहां लगातार विकास के काम हो रहे हैं। यहां लगभग 2900 आवास स्वीकृत हुए हैं जिनमें से 2296 आवास पूर्ण हो चुके हैं। रतनपुर के वैभव के अनुरूप ही इसे संवारने के लिए हमने वृहद कार्ययोजना बनाई है। कार्यक्रम में उन्होंने रतनपुर के मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया और किताब का भी विमोचन किया।
लोकार्पण+भूमिपूजन कार्यक्रम को बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला और कोटा विधायक श्री अटल श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती बीनू निराला, कोटा जनपद अध्यक्ष श्रीमती सूरज साधेलाल भारद्वाज, सीएमओ श्री के.के. पटेल, श्री रामदेव कुमावत, श्री दीपक सिंह और श्री मोहित जायसवाल सहित पार्षदगण, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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आवागमन आसान, ग्रामीण विकास को मिली नई गति
रायपुर : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिलासपुर जिले के बिल्हा विकासखंड में बहतराई से परसाही मार्ग होते हुए बिजौर तक लगभग साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण एक करोड़ 79 लाख रुपये की लागत से पूर्ण किया गया है। इस सड़क के निर्माण से क्षेत्र के ग्रामीणों को उबड़-खाबड़ मार्ग की समस्या से मुक्ति मिल गई है। अब आवागमन सुगम होने के साथ-साथ ग्रामीण अंचल के विकास की रफ्तार भी तेज हुई है। इस सड़क का लाभ तीन गांवों के हजारों ग्रामीणों को मिल रहा है। स्थानीय लोगों ने इस सुविधा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले यह सड़क पूरी तरह गड्ढों से भरी और उखड़ी हुई थी। पहले बारिश के दिनों में कीचड़ और पानी भरने से आवागमन कठिन हो जाता था। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमार लोगों और शहर में कामकाज के लिए जाने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
स्थानीय किसान सहदेव कौशिक ने बताया कि सड़क बनने से फसल को शहर तक ले जाना आसान हो गया है। पहले खराब रास्तों के कारण ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहन फँस जाते थे, जिससे समय और धन दोनों का नुकसान होता था। वहीं छात्र युग भार्गव ने कहा कि सड़क बनने से विद्यालय आने-जाने में कठिनाई समाप्त हो गई है और दुर्घटनाओं का खतरा भी काफी कम हो गया है। गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि यह सड़क उनके लिए “जीवन रेखा” साबित हो रही है।
सड़क निर्माण से बहतराई, परसाही और बिजौर क्षेत्र के ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। अब आवागमन आसान हो गया है, समय की बचत हो रही है और दुर्घटनाओं में कमी आई है। भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 500 या उससे अधिक आबादी वाले गाँवों (पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 250 आबादी वाले गाँवों) को हर मौसम में उपयोगी सड़कों से जोड़ना है। योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाती है, ताकि ग्रामीणों को लंबे समय तक सुगम आवागमन की सुविधा मिल सके।
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प्रभारी सचिव बाढ़ प्रभावित जिलों का भ्रमण कर राहत कार्यों का करें निरीक्षण - मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ प्रभावित जिलों की समीक्षा के दौरान दिए दिशानिर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार तक हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की पीड़ा को शीघ्र कम करना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़ा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के कलेक्टरों व वरिष्ठ अधिकारियों से राहत एवं पुनर्वास कार्यों की विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ से हुई जनहानि और पशुहानि प्रभावित परिवारों को राहत राशि बिना विलंब के उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त आवासों के सुधार हेतु तिरपाल, बाँस-बल्ली और राहत राशि का वितरण प्राथमिकता से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिव अपने-अपने जिलों का भ्रमण करें और राहत कार्यों का सतत पर्यवेक्षण सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों से सड़क संपर्क बहाल करने, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत और बिजली आपूर्ति पुनर्स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की शीघ्र बहाली राहत कार्यों की सफलता की कुंजी है।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों से कहा कि यदि उन्हें शासन स्तर से अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता हो तो वे तुरंत प्रस्ताव भेजें, ताकि शासन स्तर पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में भोजन, कपड़े और सूखा राशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में स्वास्थ्य शिविर और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
बैठक के प्रारंभ में राजस्व सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने मुख्यमंत्री को बस्तर में बाढ़ की स्थिति और अब तक किए गए राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को अतिरिक्त राशन का आबंटन भी कर दिया गया है और सामग्री प्रभावित परिवारों तक पहुँचाई जा रही है।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री श्री साय ने चारों जिलों के कलेक्टरों से सीधे संवाद कर उनके-अपने जिलों में चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टरों ने बताया कि अब अधिकांश बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है और स्थिति नियंत्रण में है। समीक्षा बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रशासन का पूरा ध्यान राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री कमलप्रीत सिंह, बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह और पुलिस महानिरीक्षक श्री पी. सुन्दरराज उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
औद्योगिक नीति 2024–30, प्राकृतिक संसाधन, कुशल मानव संसाधन और मजबूत कनेक्टिविटी से छत्तीसगढ़ बना वैश्विक साझेदारी का आदर्श गंतव्य : मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन और निवेशकों के समक्ष छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी प्रो-एक्टिव एवं विकासोन्मुख औद्योगिक नीति 2024–30, प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और प्रशिक्षित जनशक्ति के बल पर वैश्विक निवेश और औद्योगिक सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कोरियाई ब्रांड हर भारतीय घर का हिस्सा हैं। एलजी, सैमसंग, हुंडई जैसी कंपनियां गांव-गांव तक पहुंच चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में जल, ऊर्जा, लौह अयस्क व स्टील और बेहतरीन कनेक्टिविटी उपलब्ध है। ये संसाधन दक्षिण कोरियाई निवेशकों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, व्यवसाय सुगमता और उद्योग-अनुकूल नीतियों के माध्यम से प्रत्येक निवेशक को हर स्तर पर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज खनिज, ऊर्जा, इस्पात, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और आईटी-स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में वैश्विक निवेश का स्वागत कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को रोजगार, महिलाओं को स्वावलंबन और किसानों को उपज का बेहतर मूल्य दिलाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक निवेश के साथ-साथ सामाजिक सशक्तिकरण भी हमारी प्राथमिकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत के राजदूत श्री अमित कुमार से भारतीय दूतावास, सियोल में मुलाक़ात कर छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने स्टील और खनिज से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स व फूड प्रोसेसिंग तक, मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दक्षिण कोरिया और छत्तीसगढ़ के बीच सांस्कृतिक एवं कारोबारी रिश्तों को रेखांकित करते हुए कहा कि इन साझेदारियों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अनुसंधान एवं नवाचार और उच्च मूल्य रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने कोरियाई निवेशकों से आग्रह किया कि वे छत्तीसगढ़ को अपने नए औद्योगिक निवेश स्थल के रूप में चुनें और साझा समृद्धि की इस यात्रा का हिस्सा बनें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं निवेश संवर्धन एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।