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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : हर घर रोशन हो, हर परिवार आत्मनिर्भर बने, इस संकल्प को साकार कर रही है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। यह योजना केवल बिजली उपलब्ध कराने का माध्यम नहीं है, बल्कि नागरिकों को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक पहल सिद्ध हो रही है। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला, जो ऊर्जा नगरी के रूप में देशभर में प्रसिद्ध है, अब पारंपरिक ऊर्जा के साथ नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में दादरखुर्द निवासी श्री अजय राज बेन की सफलता की कहानी पूरे क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
भारतीय वायुसेना में सेवाएँ देने के बाद श्री अजय राज बेन ने वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाते हुए अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल स्थापित कराया। सौर ऊर्जा से अब उनके घर की सभी आवश्यकताएँ पूरी हो रही हैं। पंखे, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, टेलीविजन और अन्य उपकरण निर्बाध रूप से चल रहे हैं। पहले जहाँ उन्हें हर माह बिजली बिल की चिंता रहती थी, वहीं अब उनका बिजली बिल शून्य हो गया है। अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड में प्रेषित होकर राज्य के ऊर्जा संतुलन में योगदान दे रही है।
श्री बेन ने सोलर पैनल स्थापित करने की सरकार की त्वरित एवं पारदर्शी व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि इस योजना से उन्हें दोहरा लाभ प्राप्त हुआ है। एक ओर उनके परिवार को मुफ्त बिजली मिल रही है, वहीं दूसरी ओर वे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। आज दादरखुर्द ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों और कस्बों में भी अनेक परिवार उनकी प्रेरणा से इस योजना से जुड़ रहे हैं। उनके पड़ोसी, रिश्तेदार और मित्र भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए उत्साहित हैं। श्री बेन का कहना है कि अब उन्हें बिजली बिल की कोई चिंता नहीं रहती। इस योजना ने सचमुच उनके घर में उजाला और उम्मीद जगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना आम नागरिकों के जीवन में आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का मार्ग खोल रही है। -
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40 हजार से अधिक खिलाड़ी लेंगे भाग, 11 खेलों में दिखाएंगे कौशल
रायपुर : उप मुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक की तैयारियों की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री श्री साव के नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में आज आयोजित बैठक में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बस्तर ओलंपिक का वृहद आयोजन करने इसकी रुपरेखा और व्यवस्थागत तैयारियों पर गहन चर्चा की गई।आगामी अक्टूबर-नवम्बर में होने वाले बस्तर ओलंपिक में तीन स्तरों विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इनमें बस्तर संभाग के सातों जिलों और 32 विकासखंडों के 40 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। खेल और युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री यशवंत कुमार, संयुक्त सचिव श्री सुखनाथ अहिरवार और संचालक श्रीमती तनूजा सलाम भी बैठक में शामिल हुईं।
उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेलों का आयोजन नहीं है, बल्कि विकास और खेल का संगम है। यह संगठित रूप से बस्तर के युवाओं के सशक्तीकरण और उनमें नेतृत्व के विकास की पहल है। राज्य सरकार इन रचनात्मक पहलों से बस्तर में भयमुक्त वातावरण बनाकर युवाओं को खेल और उत्सव से जोड़ना चाहती है।उन्होंने बस्तर ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर पुख्ता कार्ययोजना तैयार करते हुए आयोजन के ध्येय वाक्य ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ (खेलेगा बस्तर जीतेगा बस्तर) को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। श्री साव ने यूथ आइकॉन घोषित किए गए पिछले वर्ष के विजेता खिलाड़िय़ों, बस्तर संभाग के सभी खेल अधिकारियों, पी.टी.आई., पंचायत सचिवों, ‘बिहान’ की महिलाओं और खेल संघों को सक्रियता से जोड़कर बस्तर ओलंपिक को जन-जन तक पहुंचाने को कहा।
उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों से कहा कि बस्तर ओलंपिक को यादगार बनाने सभी विभाग अपनी-अपनी भूमिका और कार्यों के अनुरूप जिम्मेदारियों का वहन करें। बस्तर के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों की भागीदारी उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी और सकारात्मक वातावरण तैयार करेगी। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए इसमें बस्तर के सभी गांवों के सभी बच्चों की भागीदारी सुनिश्चत करने को कहा। श्री शर्मा ने आयोजन की तैयारियों को मूर्त रूप देने जल्दी ही इससे जुड़े विभागों, अधिकारियों और संस्थाओं की बस्तर में भी बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए जिससे की तैयारियों को और गति दी जा सके।
11 खेलों की स्पर्धाएं होंगी, नक्सल हिंसा के दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सली भी दिखाएंगे अपना दमखम
विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले बस्तर ओलंपिक में 11 खेलों को शामिल किया गया है। जूनियर वर्ग में बालक और बालिकाओं तथा सीनियर वर्ग में महिला और पुरूषों के लिए प्रतियोगिताएं होंगी। नक्सल हिंसा के दिव्यांगों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी संभाग स्तर पर पुरूषों और महिलाओं के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। बस्तर ओलंपिक के दौरान एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साखींच में पूरे बस्तर के खिलाड़ी अपना खेल कौशल दिखाएंगे। -
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नवोदय एवं एकलव्य विद्यालयों में खेलों पर विशेष फोकस करने तथा प्रशिक्षकों की कोचिंग स्किल अपडेट करने का दिया सुझाव
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव आज केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। बैठक में खेल एवं युवा विकास से संबंधित चुनौतियों व अवसरों पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री साव अपने प्रवास के दौरान मुंगेली कलेक्टोरेट से ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
बैठक में युवाओं को खेलों से जोड़ने और देश में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए 'खेलो इंडिया' योजना की तर्ज पर नई युवा कल्याण योजना शुरू करने पर चर्चा की गई। साथ ही हर राज्य में खेल विश्वविद्यालयों की स्थापना, खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय केंद्रों की संख्या में वृद्धि, खेल अधोसंरचनाओं के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए विशेष बजट प्रावधान, एकीकृत डिजिटल स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म के विकास जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में केंद्र एवं राज्य सरकार के स्कूलों में खेलों के लिए बुनियादी ढांचे विकसित करने तथा आवश्यक स्टॉफ की भर्ती करने का सुझाव दिया। उन्होंने नवोदय एवं एकलव्य विद्यालयों में भी खेलों पर विशेष फोकस करते हुए प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे ले जाने की जरूरत बताई। उन्होंने राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में नियमित खेल गतिविधियां संचालित करने विशेष कार्ययोजना तैयार करने की भी बात कही।
श्री साव ने बैठक में ‘‘साइ’’ (SAI) के रीजनल सेंटर्स में खेल प्रशिक्षकों की कोचिंग स्किल तथा उनके ज्ञान एवं कौशल के उन्नयन का भी सुझाव दिया। उन्होंने खेल कोटे से शासकीय सेवाओं में नियुक्त खिलाड़ियों को अन्य कार्यों में संलग्न न कर केवल खेल से जुड़ी जिम्मेदारियां देने पर जोर दिया ताकि उभरते खिलाड़ियों को उनके अनुभवों का लाभ मिल सके। श्री साव ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने तथा खेल अधोसंरचनाओं के विस्तार की जरूरत है।उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने व्यवस्थित खेल नीति बनाने व खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मॉनिटरिंग के लिए कार्ययोजना बनाने का भी सुझाव दिया। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ मुंगेली की अतिरक्त कलेक्टर निष्ठा पाण्डेय तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा और एसडीएम श्री अजय शतरंज भी वर्चुअल बैठक में मौजूद थे। -
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सुरक्षा बलों की वीरता और जनता का विश्वास बना नक्सल उन्मूलन की ताकत – मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गरियाबंद एवं नारायणपुर जिलों में नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी सफलता पर सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों को बधाई दी है।
गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सली ढेर किए गए हैं। इनमें ₹1 करोड़ के इनामी और केंद्रीय समिति सदस्य मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज भी शामिल है। यह नक्सल उन्मूलन अभियान में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इसी क्रम में नारायणपुर जिले में भी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण की राह चुनी है। जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष सहित कुल 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह घटनाएँ इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि नक्सलियों की झूठी विचारधारा अब दम तोड़ रही है। छत्तीसगढ़ में विश्वास, विकास और शांति की नई सुबह का उदय हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हमारा विश्वास है कि मार्च 2026 तक ‘नक्सलमुक्त भारत’ का संकल्प साकार होगा। -
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छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य, देश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत में छत्तीसगढ़ काफी आगे
मुख्यमंत्री श्री साय 97वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस “फोरम ऑफ रेगुलेटर्स” की बैठक में हुए शामिल
रायपुर : छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत मार्च 2027 तक प्रदेश के 1 लाख 30 हजार घरों की छतों पर सौर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन हमारा प्रयास इससे भी आगे बढ़कर इसे 5 लाख छतों तक पहुँचाने का है। इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को बड़ी सब्सिडी दी जा रही है।1 किलोवॉट से 3 किलोवॉट क्षमता तक के सोलर संयंत्र लगाने पर 30 हजार से लेकर 78 हजार रुपये तक की केंद्रीय सहायता सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार भी अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है। इससे उपभोक्ताओं को कुल लागत का 75 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में आयोजित 97वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस “फोरम ऑफ रेगुलेटर्स” को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हम अपने राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। इन 25 वर्षों में हमारी उत्पादन क्षमता करीब 30,000 मेगावाट तक पहुँच गई है। स्टेट सेक्टर, निजी क्षेत्र और केंद्रीय सेक्टर की भागीदारी से आज छत्तीसगढ़ की धरती से 30 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। हाल ही में हमने 32 हजार मेगावाट से अधिक क्षमता वाले बिजलीघरों की स्थापना के लिए एमओयू किए हैं। इनमें ताप विद्युत, पंप स्टोरेज, परमाणु, बैटरी स्टोरेज और सौर ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल हैं। हमारा लक्ष्य आने वाले वर्षों में 60 हजार मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन करने वाला राज्य बनने का है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि प्रति व्यक्ति बिजली खपत के मामले में छत्तीसगढ़ देश से काफी आगे है। यहाँ खपत 2,211 यूनिट है, जबकि भारत में यह औसत केवल 1,255 यूनिट है। छत्तीसगढ़ अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन कर रहा है और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हम अपने राज्य के साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दो दिन पहले ही हमने कैबिनेट बैठक में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 2030 तक लागू रहने वाली नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक नीति में प्राथमिकता दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने देश के विभिन्न राज्यों से आए विद्युत नियामक आयोगों के अध्यक्षगण, पदाधिकारियों और विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति के लिए जो गहन विचार-विमर्श हुआ है, इसका उपभोक्ताओं सहित हम सभी को दूरगामी लाभ मिलेगा। उन्होंने आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को चुनने हेतु विशेष आभार भी प्रकट किया।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री जिश्नु बरुआ, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री हेमंत वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री रोहित यादव सहित राज्य विद्युत नियामक आयोग के अन्य सदस्य एवं अन्य राज्यों से आए सदस्यगण उपस्थित थे। -
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ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का जताया आभार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जनसमस्याओं के निराकरण के लिए स्थापित सीएम कैंप कार्यालय बगिया में ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुनने के साथ ही उनका त्वरित समाधान भी किया जाता है। आम लोगों के प्रति संवेदनशीलता और जनसमस्याओं के निराकरण की त्वरित पहल की वजह से आशा और विश्वास का केंद्र बन चुके कैंप कार्यालय में समय के साथ लोगों का विश्वास और भी गहरा होता जा रहा है।फरसाबहार तहसील के ग्राम अंकिरा के ग्रामीण बिजली ट्रांसफार्मर खराब होने की समस्या से जूझ रहे थे। ग्रामीणों ने अपनी यह समस्या सीएम कैंप कार्यालय बगिया के समक्ष रखी।कैंप कार्यालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए विद्युत बहाल करने के लिए विभाग को निर्देशित किया था।जिस पर विभाग ने दूसरे ही दिन त्वरित कार्यवाही कर नया ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया, जिससे पूरा गांव रोशन हो गया। ग्रामीणों ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का हृदय से आभार व्यक्त किया है।
लोगों की उम्मीदों का केंद्र बना सीएम कैंप कार्यालय बगिया
सीएम कैंप कार्यालय बगिया में प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। यहां लोगों की समस्या को गंभीरता से उसका निराकरण किया जाता है। चाहे वह बिजली की परेशानी हो, सड़क की समस्या, पेयजल की मांग या फिर अन्य विकास कार्य सभी मामलों पर तुरंत संज्ञान लिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि पहली बार उन्हें ऐसा अनुभव हो रहा है कि उनकी समस्याएं सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच रही हैं और तत्काल हल भी हो रहा है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ
प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु मिलेगी वित्तीय सहायता
देश के किसी भी संस्थान में पढ़ाई के लिए बालिकाओं को मिलेंगे वार्षिक 30 हजार रुपए
बेटियों की उच्च शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान, आर्थिक दिक्कतें नहीं बनेंगी बाधा
रायपुर : बेटियों को शिक्षा मिलने से हमारी पीढ़ियाँ शिक्षित होती हैं। प्रदेश सरकार बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को बधाई देते हुए कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना से हजारों बेटियों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हुआ है और इसमें बेटियों ने भी अपनी भूमिका निभाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। बेटियाँ आर्थिक दिक्कतों के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी न छोड़ें—इसी उद्देश्य से यह पहल की गई है। यह योजना प्रदेश में बालिकाओं की उच्च शिक्षा में नामांकन दर को और अधिक बढ़ाने में सहायक होगी।श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संकल्प को यह स्कॉलरशिप आगे बढ़ाएगी। इसके माध्यम से शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली निम्न आय वर्ग की छात्राओं को विशेष रूप से मदद मिलेगी और वे अपनी उच्च शिक्षा जारी रख पाएँगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बेटियाँ पढ़ती हैं तो वे केवल दो परिवारों को ही नहीं बल्कि पूरी पीढ़ियों को शिक्षित करती हैं। उन्होंने सभी महाविद्यालयों में इस योजना की जानकारी व्यापक रूप से पहुँचाने के निर्देश दिए।
उल्लेखीय है कि इस योजना के तहत प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली नियमित छात्राएँ पात्र होंगी। जो छात्राएँ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक के प्रथम वर्ष अथवा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में देश के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लेंगी, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।योजना का लाभ पाने के लिए वेबसाइट https://azimpremjifoundation.org/what-we-do/education/azim-premji-scholarship पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही, क्यूआर कोड स्कैन कर भी आवेदन किया जा सकता है।
आवेदन दो चरणों में स्वीकार किए जाएँगे—पहला चरण 10 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तथा दूसरा चरण 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक। फाउंडेशन द्वारा छात्रवृत्ति योजना की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क संचालित की जाएगी। यदि योजना से संबंधित किसी प्रकार की धोखाधड़ी या शिकायत की जानकारी हो, तो उसे [email protected] पर प्रेषित किया जा सकता है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री संतोष देवांगन, संचालक तकनीकी शिक्षा श्री विजय दयाराम के., तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के स्टेट हेड श्री सुनील शाह उपस्थित थे। -
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मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये किया गया
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज कोरबा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के बाद आज की यह प्रथम बैठक एक नए संकल्प और दृष्टिकोण के साथ आयोजित हो रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण और समग्र विकास के लिए सरकार सभी ठोस कदम उठा रही है। विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मध्य क्षेत्र अंतर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति समुदाय के बेहतर विकास के लिए प्राधिकरण की बजट राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की घोषणा की।
जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने प्राधिकरणों का पुनर्गठन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का गठन कर समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्राधिकरणों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जनसुविधाओं को हर गाँव, हर परिवार तक पहुँचाना है। पूर्व सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण प्राधिकरणों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी रही। निगरानी के अभाव में कई योजनाएँ धरातल पर नहीं उतर पाईं। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है।
प्राधिकरण में जनप्रतिनिधित्व को और व्यापक बनाने के लिए सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई है। अब प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, आदिवासी विकास के क्षेत्र में कार्यरत दो समाजसेवियों और विशेषज्ञों को प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ विकास योजनाओं को मिल सके।
पीएम जनमन योजना ने खोलीं नई संभावनाएँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएँ लागू करने पर सरकार विशेष जोर दे रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू की गई धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ खोली हैं। इन योजनाओं के तहत आवास, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढाँचों का विकास तेजी से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्व-सहायता समूहों को और मजबूत करने पर बल दिया जा रहा है। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएँ और बाजार से जोड़ने की पहल की जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति समृद्ध है। हमें जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की व्यवस्थाओं में प्राधिकरण मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु पुनर्वास केंद्र, प्रारंभिक शिक्षा, खेल और विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु स्थायी पंप कनेक्शन उपलब्ध कराने के सुझाव दिए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं पूरी सरकार के साथ बैठक करने कोरबा आए हैं। 30 नवंबर 2019 के बाद यह बैठक नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री स्वयं अनुसूचित क्षेत्र में जाकर बैठक कर रहे हैं। यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री प्रणव कुमार मरपच्ची ने कहा कि बजट राशि बढ़ाए जाने से आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास कार्यों में वृद्धि होगी।
शिक्षा, खेल, पर्यटन और सिंचाई को मिली सौगात
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए विशेष घोषणाएँ कीं। उन्होंने कोरबा में बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर के निर्माण और संचालन के लिए 10-10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसी तरह विशेष पिछड़ी जनजातियों के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए दो बालक-बालिका खेल परिसरों हेतु 10-10 करोड़ रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करने हेतु 5 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की भी घोषणा की।
आधारभूत संरचना और पर्यटन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कोरबा शहर में आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण सुनालिया पुल निर्माण हेतु 9 करोड़ रुपये की घोषणा की। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुका-सतरेंगा पर्यटन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने वन विभाग को 2 माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 से पहले की 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2,800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 76 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मध्य क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के 544 विकास कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 539 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ 72 लाख रुपये के कुल 491 स्वीकृत कार्यों में से 482 कार्य पूर्ण हो गए। वर्ष 2023-24 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के कुल 464 स्वीकृत कार्यों में से 424 कार्य पूर्ण हुए। वर्ष 2024-25 में 48 करोड़ 28 लाख रुपये के कुल 508 स्वीकृत कार्यों में से 123 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं तथा शेष कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मंत्रीगण श्री रामविचार नेताम, श्री दयालदास बघेल, श्री केदार कश्यप, श्री लखनलाल देवांगन, श्री श्याम बिहारी जायसवाल, श्री ओ.पी. चौधरी, श्री टंकराम वर्मा, श्री गजेंद्र यादव, श्री गुरु खुशवंत साहेब, श्री राजेश अग्रवाल, सांसद लोकसभा श्री संतोष पांडेय सहित विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, श्री मनोज पिंगुआ, प्राधिकरण के सचिव श्री बसवराजू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त श्री सुनील जैन, प्रभारी आईजी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी. श्रीनिवास राव, कलेक्टर कोरबा श्री अजीत वसंत सहित अन्य जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्री सी.पी. राधाकृष्णन को भारत का उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक प्रभावशाली नेता और कुशल प्रशासक के रूप में श्री राधाकृष्णन जी ने समाज की जड़ों से उठकर राष्ट्र के उच्च संवैधानिक पद तक पहुँचने का गौरव अर्जित किया है। उनका यह सफर लोकतांत्रिक मूल्यों की सशक्त मिसाल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री राधाकृष्णन जी का दूरदर्शी नेतृत्व और गहरा प्रशासनिक अनुभव न्याय, समानता और विकास के मूल्यों को नई ऊँचाइयों पर स्थापित करेगा। वंचित और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के उत्थान के प्रति उनकी निष्ठा सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय प्रगति को और सुदृढ़ बनाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सफलता श्री राधाकृष्णन जी के विश्वास, कड़ी मेहनत और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण का परिणाम है, जो पूरे देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से श्री राधाकृष्णन जी को पुनः शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से नवा रायपुर स्थित महानदी भवन में राज्य के विभिन्न व्यावसायिक संघों के प्रतिनिधियों ने भेंट कर जीएसटी में किए गए सुधारों के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि जीएसटी ने न केवल व्यापार जगत को सशक्त किया है, बल्कि पारदर्शिता और कर संग्रहण में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भारत को वैश्विक व्यापार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की कर व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा सुधार माने जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राज्य और देश के व्यापार जगत को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। जीएसटी में किए गए हालिया सुधारों से राज्य के उद्योगों और व्यापारियों के साथ-साथ आमजन को भी महत्वपूर्ण राहत मिली है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे। यह सुधार भविष्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत सहित राज्य के विभिन्न व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। -
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आगामी वर्षों में नीतिगत निर्णयों और योजनाओं के निर्माण में प्रगति रिपोर्ट मार्गदर्शक सिद्ध होगी – वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी
सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि
राज्य नीति आयोग ने जारी की जिला प्रगति रिपोर्ट 2024
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान राज्य नीति आयोग, छत्तीसगढ़ द्वारा तैयार “सतत विकास लक्ष्य (SDG) राज्य एवं जिला प्रगति रिपोर्ट 2024” का विमोचन किया। इस अवसर पर मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य उपस्थित थे।
यह रिपोर्ट वर्ष 2023-24 के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें राज्य एवं जिला स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 में राज्य का कंपोजिट स्कोर 69 था, जो 2024 में बढ़कर 70 हो गया है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की सतत विकास की दिशा में सकारात्मक प्रगति को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह रिपोर्ट इस तथ्य का प्रमाण है कि राज्य और जिले स्तर पर किए जा रहे प्रयास सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ऊर्जा और लॉजिस्टिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष बल देकर सतत विकास लक्ष्यों को और अधिक गति प्रदान की जाएगी।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट न केवल नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जिला स्तर पर हो रहे कार्यों की स्पष्ट तस्वीर भी प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट आगामी वर्षों में नीतिगत निर्णयों और योजनाओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि जिला स्तर पर एसडीजी प्रदर्शन का यह आकलन, नीति निर्माण और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है। आयोग का प्रयास है कि प्रत्येक जिले को उसकी ताकत और चुनौतियों के अनुरूप आवश्यक समर्थन और दिशा प्रदान की जा सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर अन्य राज्यों के बीच एक आदर्श रूप में स्थापित होगा।
गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार 82 संकेतकों के आधार पर प्रत्येक जिले का स्कोर और रैंकिंग तय की गई है। जिलों को चार श्रेणियों—एस्पिरेटर, परफॉर्मर, फ्रंट रनर और अचीवर में वर्गीकृत किया गया है। वर्ष 2024 में राज्य के 28 जिले फ्रंट रनर श्रेणी में शामिल हुए, वहीं 5 जिले परफॉर्मर श्रेणी में आए। धमतरी जिले ने पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी अचीवर श्रेणी में अपना स्थान बनाए रखा। 12 जिलों ने अपने स्कोर में वृद्धि दर्ज की, जबकि 10 जिलों ने अपना स्कोर बरकरार रखा।
राज्य स्तर पर 16 सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत 275 संकेतकों का मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 40 संकेतकों ने वर्ष 2024 तक ही अपने निर्धारित 2030 लक्ष्य पूरे कर लिए हैं। यह उपलब्धि राज्य की विकास यात्रा को नई गति प्रदान करने वाली है। अनुमान व्यक्त किया गया है कि आगामी दो से तीन वर्षों में 83 संकेतकों के लक्ष्य भी हासिल कर लिए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री मुकेश बंसल, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव श्री आशीष भट्ट तथा सदस्य डॉ. के. सुब्रह्मण्यम उपस्थित थे। -
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रामलला दर्शन हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय अनुभव– उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
श्रद्धालुओं ने बताया अयोध्या और काशी विश्वनाथ के दर्शन से मिली अद्भुत शांति और संतोष
कबीरधाम जिले के अब तक 553 श्रद्धालु हुए श्री रामलला दर्शन योजना से लाभान्वित
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने रामलला दर्शन योजना के तहत आज अयोध्या से लौटे कबीरधाम जिले के 63 श्रद्धालुओं का कवर्धा में अभूतपूर्व स्वागत किया। उन्होंने विधायक कार्यालय में श्रद्धालुओं का तिलक लगाकर, माल्यार्पण कर, शॉल एवं श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने अयोध्या और काशी विश्वनाथ दर्शन यात्रा के अपने अनुभव साझा किए और राज्य शासन की इस अनोखी पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा का आभार व्यक्त किया।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने श्रद्धालुओं से चर्चा करते हुए कहा कि प्रभु श्री रामलला के दर्शन हर श्रद्धालु के लिए अत्यंत पवित्र और अविस्मरणीय अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि समाज के लंबे 500 वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ है और भगवान श्रीराम वहां विराजमान हुए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अपने गांव-गांव में जाकर इस यात्रा से प्राप्त आध्यात्मिक ऊर्जा और आनंद की अनुभूति लोगों के साथ साझा करें। श्रद्धालुओं ने बताया कि अयोध्या का रामलला मंदिर दिव्य और भव्य है। वहां का अद्भुत दृश्य देखकर उन्हें अपार शांति और संतोष प्राप्त हुआ। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई सुविधाओं और स्वागत-सत्कार के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह यात्रा उनके जीवन की अविस्मरणीय धरोहर बन गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्री रामलला दर्शन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के श्रद्धालुओं को शासकीय सहायता से अयोध्या में श्रीरामलला और काशी विश्वनाथ के दर्शन कराने की सुविधा दी जा रही है। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना का लाभ प्रदेश के 18 से 75 वर्ष तक के निवासी उठा सकते हैं। यह योजना जीवन में एक बार अयोध्या और काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए निःशुल्क शासकीय सहायता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह योजना छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को रामलला और काशी विश्वनाथ के दर्शन हेतु शासकीय सहायता उपलब्ध करा पा रहे हैं। यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब तक कबीरधाम जिले के कुल 553 श्रद्धालु इस योजना का लाभ ले चुके हैं। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा को अयोध्या और काशी विश्वनाथ के पावन दर्शन कराने के लिए आभार प्रकट किया। -
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श्रम मंत्री श्री देवांगन रहेंगे मौजूद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कल मंगलवार 09 सितंबर दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री निवास सिविल लाईन में श्रम विभाग द्वारा आयोजित अटल उत्कृष्ठ शिक्षा योजना का शुभारंभ करेंगे। राज्य के श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12 वीं तक निःशुल्क अध्ययन हेतु प्रवेशित बच्चों को सम्मान पत्र वितरण करेंगे। इस मौके श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन,एवं छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा इसका आयोजन किया जा रहा है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के पुलिस लाइन स्थित रायपुर की पहली महिला विधायक एवं समाजसेवी स्वर्गीय श्रीमती रजनी ताई उपासने के निवास पहुँचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने रजनी ताई उपासने के योगदानों का पुण्य स्मरण किया तथा शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी। इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी, श्री संतोष शर्मा, श्री जगदीश उपासने सहित परिजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि रजनी ताई का निधन पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। आपातकाल के कठिन दौर में उन्होंने जिस साहस और धैर्य का परिचय दिया, वह प्रेरणादायी है। अपने कार्यकाल में उन्होंने जनता के हितों और रायपुर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सादगी, ईमानदारी और समाज से गहरे जुड़ाव के कारण उन्हें विशिष्ट पहचान मिली। वे महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए निरंतर सक्रिय रहीं। श्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उल्लेखनीय है कि रायपुर की पहली महिला विधायक और समाजसेवी श्रीमती रजनी ताई उपासने का हाल ही में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वर्ष 1977 में जनता पार्टी से चुनाव जीतकर उन्होंने इतिहास रचते हुए रायपुर की पहली महिला विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। उस दौर में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सीमित थी, ऐसे समय में जनता का विश्वास जीतना उनके साहस और संघर्ष का प्रतीक था। -
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बस्तर एयरपोर्ट से अब तक तीन लाख यात्रियों ने भरी उड़ान
नियमित विमान सेवा से बड़े शहरों से सीधे जुड़ा बस्तर संभाग
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों की विकास यात्रा में आवागमन की सुविधाओं का विस्तार महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। जहां राजधानी रायपुर पहले से ही देश के प्रमुख शहरों से वायु मार्ग से जुड़ा था, वहीं अब बस्तर, बिलासपुर और अंबिकापुर जैसे शहर भी विमान सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। विशेषकर बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में एयरपोर्ट और नियमित यात्री उड़ानों की सुविधा से क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुली हैं।
जगदलपुर स्थित माँ दंतेश्वरी हवाई अड्डा का ऐतिहासिक महत्व है। इसका निर्माण वर्ष 1939 में ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था और इसे उस समय ‘‘जहाज भाटा’’ नाम से जाना जाता था। वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा हवाई अड्डे के उन्नयन का कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2019 में इसे 3-सी श्रेणी में अपग्रेड किया गया, जिससे एटीआर-72 जैसे विमानों का संचालन संभव हुआ। वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार ने हवाई अड्डे का नामकरण बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के नाम पर किया।
सितंबर 2020 में जगदलपुर से रायपुर और हैदराबाद के लिए एलायंस एयर द्वारा नियमित व्यावसायिक उड़ानें शुरू की गईं। इसके बाद दिल्ली, जबलपुर और बिलासपुर के लिए भी उड़ान सेवाएँ प्रारंभ हुईं। मार्च 2024 से इंडिगो एयरलाइंस ने जगदलपुर को हैदराबाद और रायपुर से जोड़ते हुए दैनिक सेवा शुरू की। पैरामिलिट्री बलों के लिए विशेष दिल्ली सेवा का संचालन भी किया जा रहा है।
वर्तमान में जगदलपुर एयरपोर्ट से अब तक लगभग तीन लाख यात्री हवाई यात्रा कर चुके हैं। इससे न केवल स्थानीय नागरिकों को सुविधा मिली है, बल्कि व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। गंभीर मरीजों को बड़े शहरों तक शीघ्र उपचार हेतु पहुंचाना संभव हो पाया है। विद्यार्थी और युवा रोजगार एवं उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों तक आसानी से पहुँच रहे हैं।
बस्तर के हस्तशिल्प, वनोपज और हर्बल उत्पाद अब देश के बड़े बाजारों तक सरलता से पहुँच रहे हैं। वहीं चित्रकूट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा जैसे पर्यटन स्थलों तक देश-विदेश से पर्यटकों की पहुँच भी सहज हुई है।
जगदलपुर एयरपोर्ट का संचालन बस्तर अंचल के लिए विकास का नया द्वार सिद्ध हो रहा है। इससे आंतरिक क्षेत्रों तक आधुनिक सुविधाएँ पहुँच रही हैं और बस्तर को राष्ट्रीय परिदृश्य पर नई पहचान मिल रही है। आने वाले समय में यह एयरपोर्ट क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
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रायपुर : उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा के कवर्धा विधायक कार्यालय में आज एक भावुक पल देखने को मिला। जब बोड़ला विकासखंड के ग्राम घोंघा निवासी श्री अमर मरकाम, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। उन्होंने अपनी पीड़ा उप मुख्यमंत्री के समक्ष व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बाहर आने-जाने में उन्हें अत्यधिक कठिनाई होती है और उन्हें स्कूटी की आवश्यकता है। श्री अमर मरकाम की व्यथा सुनते ही उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अत्यंत संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्काल उन्हें स्कूटी प्रदान की।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जरूरतमंदों तक वास्तविक रूप से पहुंचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता समाज के अंतिम छोर तक विकास और सुविधा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी असमर्थताओं के कारण कठिनाई झेल रहे हैं, उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना ही सच्ची जनसेवा है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार समाज के कमजोर, वंचित और दिव्यांग वर्ग के साथ खड़ी है। सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है, जिससे हर व्यक्ति सम्मानपूर्वक और आत्मनिर्भर जीवन जी सके।
श्री अमर मरकाम को दी गई स्कूटी केवल एक सहायता नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता और आमजन के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस पहल ने पूरे जिले में संदेश दिया है कि जरूरतमंद की आवाज सरकार तक न केवल पहुंचती है, बल्कि उस पर त्वरित कार्रवाई भी होती है। -
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करमा तिहार के रंग में डूबा मुख्यमंत्री निवास
मुख्यमंत्री करमा तिहार 2025 कार्यक्रम में हुए शामिल, करमा दलों को सम्मानित कर किया प्रोत्साहित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग रायपुर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत – 2025 करमा तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। ऐसे पर्व और परंपराएँ समाज को एकजुट होने का अवसर देती हैं, जिससे स्नेह, सद्भाव एवं सौहार्द की भावना विकसित होती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कंवर समाज के युवाओं द्वारा राजधानी रायपुर में करमा तिहार का आयोजन किया जा रहा है। हमारी आदिवासी संस्कृति में अनेक प्रकार के करमा तिहार मनाए जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है, जो हमारी कुंवारी बेटियों का पर्व है। इस करमा तिहार का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को उत्तम वर और उत्तम गृहस्थ जीवन मिले। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर बेटियाँ अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का पर्व आता है, जिसमें विवाह के पश्चात पहली बार जब बेटी मायके आती है, तो वह उपवास रखकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। इसी प्रकार जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है, जिसमें माताएँ पुत्र-पुत्रियों के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। यह एक कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएँ चौबीस घंटे तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यदि छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां अंग्रेजों के विरुद्ध 12 आदिवासी क्रांतियाँ हुईं। हमारी सरकार नया रायपुर स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी संस्कृति के महानायकों की छवि को आमजन की जागरूकता के लिए प्रदर्शित करने मॉडल के रूप में उकेरा जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित किया जा रहा है। उनके करकमलों से इस म्यूजियम का शुभारंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देती रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आजादी के लगभग 40 वर्षों बाद आदिवासी विभाग का पृथक मंत्रालय बनाकर आदिवासी समाज के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हीं के बताए मार्ग पर वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आदिवासी समाज के बेहतरी एवं समग्र विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के लिए पीएम जनमन योजना का संचालन कर रहे हैं, जिससे हितग्राहियों को शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह ने बस्तर, सरगुजा एवं मध्य क्षेत्र प्राधिकरण का गठन कर विकास को गति प्रदान करने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि युवा आदिवासियों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से हमने नई उद्योग नीति बनाई है, जिसमें बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतें दी गई हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आदिवासी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना राज्य में ही की जा रही है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली परंपरा रही है। इसी परंपरा के निर्वहन में आज हम करमा तिहार मना रहे हैं। हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। साय जी के नेतृत्व में ही बस्तर संभाग में बस्तर पांडुम के नाम से ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिसकी चर्चा पूरे भारत में हुई। श्री कश्यप ने इस अवसर पर समस्त छत्तीसगढ़वासियों को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
संरक्षक, अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति पमशाला, जशपुर, श्रीमती कौशिल्या साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज और प्रकृति एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। आदिवासी समाज के लिए प्रकृति सदैव आराध्य रही है। करमा पर्व प्रकृति प्रेम का पर्व है। हमारी संस्कृति अत्यंत गौरवशाली रही है और उसका संरक्षण तथा समय के साथ संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि समाज की महिलाएँ आगे आकर इस संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने सभी को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राम कुमार टोप्पो, विधायक श्री आशाराम नेताम, विधायक श्री प्रबोध मिंज, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम श्री राम सेवक सिंह पैकरा, केशकला बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, सभापति जिला पंचायत धमतरी श्री टीकाराम कंवर, प्रदेश अध्यक्ष कंवर समाज श्री हरवंश सिंह मिरी, अध्यक्ष कंवर समाज रायपुर महानगर श्री मनोहर सिंह पैकरा सहित कंवर समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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सरकार का लक्ष्य कानून-व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ना-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से अपराध जांच होगी और मजबूत
रायपुर : छत्तीसगढ़ की अपराध जांच व्यवस्था अब और वैज्ञानिक होगी। कबीरधाम जिले में प्रदेश की पाँचवीं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक लैब) की शुरुआत 6 सितंबर को होने जा रही है। इस प्रयोगशाला की स्थापना मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से संभव हुई है। शुभारंभ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि होंगे, जबकि सांसद राजनांदगांव श्री संतोष पांडे कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी।
नई फोरेंसिक लैब के शुरू होने से हत्या, डकैती, बलात्कार, साइबर क्राइम, नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों की जांच और तेज तथा सटीक हो सकेगी। आधुनिक उपकरणों से लैस यह प्रयोगशाला डीएनए, फिंगरप्रिंट, हथियार, गोली-बारूद और नशीले पदार्थों जैसे सूक्ष्म साक्ष्यों का परीक्षण करेगी। इससे पुलिस को रिपोर्ट जल्दी मिलेगी, अदालतों में सुनवाई में देरी नहीं होगी और अपराधियों को समय पर सजा मिल पाएगी। कबीरधाम में खुल रही यह लैब सिर्फ जिले तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-मंडई और मुंगेली जैसे आसपास के जिलों को भी इसका लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में न्याय व्यवस्था और अपराध जांच की गति और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी।
गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि सरकार का लक्ष्य कानून-व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। राज्य की प्रयोगशालाओं को आधुनिक मशीनों से सुसज्जित किया गया है और यहाँ पुलिस विभाग के अलावा आबकारी, वन विभाग, एसीबी, एफओडब्ल्यू तथा सीबीआई, ईडी, डीआरआई, एनसीबी और आईबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के मामलों की भी जांच की जाएगी। जिला स्तर पर सीन ऑफ क्राइम यूनिटों की स्थापना और वैज्ञानिक अधिकारियों की तैनाती पहले ही की जा चुकी है।अब कबीरधाम प्रयोगशाला के खुलने से इनकी क्षमता और बढ़ेगी तथा विवेचकों को मौके पर ही वैज्ञानिक मदद मिल सकेगी। कबीरधाम की यह फोरेंसिक लैब न सिर्फ एक नया संस्थान है, बल्कि पूरे इलाके को त्वरित और वैज्ञानिक न्याय दिलाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।