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बेमेतरा 09 जुलाई : छ.ग. शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय अटल नगर नवा रायपुर के पत्र के तहत ंशासन द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि 12 अगस्त 2017 के पूर्व शासकीय भूमि पर अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन/शासकीय भूमि का आवंटन वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण एवं वसूली की प्रक्रिया के अंतर्गत उनके द्वारा काबिज शासकीय भूमि को सशुल्क भूमि स्वामी हक मे किया जाना है। उक्त निर्देश के अनुक्रम मे जिला बेमेतरा अंतर्गत सर्वेक्षण उपरांत तहसील बेमेतरा के 66 प्रकरण, तहसील नवागढ़ के 59, तहसील साजा मे 44 प्रकरण एवं तहसील बेरला मे 60 इस प्रकार जिले मे 299 प्रकरण दर्ज कर कार्यवही प्रचलन मे है। कल तहसील बेमेतरा के अंतर्गत कुमारी भुवनेश्वरी चैहान एवं संतोष रजक निवासी बेमेतरा को क्रमशः 200 व.फी. एवं 100 व.फी. आवासी प्रयोजन हेतु शासकीय भूखण्ड का भूमिस्वामी हक कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल द्वारा प्रदान किया गया। जिसमे कुल राशि 2 लाख 82 हजार 973 रु. शासकीय कोष मे जमा किया गया है। शेष प्रकरण समुचित कार्यवाही हेतु प्रक्रियाधीन है। पट्टा वितरण के दौरान अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। -
बेमेतरा 09 जुलाई : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ वर्ष 2020 का लाभ लेने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2020 निर्धारित की गई है। इस योजना केे अंतर्गत धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग एवं उड़द को बीमा के लिए बीमा ईकाई ग्राम पर अधिसूचित किया गया है। इसमें ऋणी और अऋणी किसान भू-धारक एवं बटाईदार सम्मिलित हो सकते है। इस संबंध में संचालक कृषि संचालनालय छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा आदेश जारी किया गया है।
कृषि संचालनालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जोखिम जैसे फसल पैदावार के आधार पर व्यापक क्षति, बाधित रोपाई, रोपण जोखिम, स्थानीयकृत आपदाएं एवं फसल कटाई के उपरांत सूखने हेतु खेत पर रखे गए करपा को असामयिक वर्षा से होने वाले नुकसान को शामिल किया गया है। अधिसूचित फसल को बीमित कराने के लिए इच्छुक किसान फसल बीमा हेतु अंतिम तिथि 15 जुलाई तक नजदीकी बैंक, वित्तीय संस्था, लोकसेवा केन्द्रों में संपर्क कर अपनी फसल को बीमित करा सकते है।
किसानों को सुझाव दिया गया है कि वे इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए जिला के अंतर्गत सूचित बीमा ईकाई, फसल, प्रावधानित जोखिम, दावा भुगतान की प्रकिया के लिए कृषि कार्यालय, बैंक, वित्तीय संस्थान तथा बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते है। -
बेमेतरा 08 जुलाई : जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रीता यादव आज बुधवार को नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत संबलपुर एवं झिलगा का दौरा कर निर्माण कार्यों का मुआयना किया। इस दौरान उन्होने संबलपुर मे बन रहे धान खरीदी केन्द्र मे चबुतरा निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।इसके अलावा उन्होने ग्राम झिलगा के शासकीय उद्यान रोपणी (नर्सरी) का मुआयना कर, महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत आबंटित की गई राशि के कार्याें के संबंध मे जानकारी ली। सीईओ ने निर्माणाधीन चबुतरा के कार्याें मे गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस मौके पर जनपद पंचायत नवागढ़ के सीईओ श्री नरपत साहू, एपीओ मनरेगा जि.पं. नवीन कुमार साहू उपस्थित थे। -
बेमेतरा 08 जुलाई : कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने आज बुधवार को नगरीय क्षेत्रों के अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन संबंधी प्रकरण के अंतर्गत नगरपालिका क्षेत्र बेमेतरा मे निवासरत दो हितग्राहियों को पट्टा का वितरण किया। छ.ग. शासन राजस्व विभाग के निर्देशानुसार नगरीय क्षेत्रों के व्यवस्थापन योजनांतरगत बेमेतरा की शासकीय भूमि के अतिक्रामको को वर्तमान गाईडलाईन के 152 प्रतिशत की दर से 02 प्रकरण मे कुमारी भुनेश्वरी चैहान आत्मज श्री मिलन चैहान एवं संतोष रजक आत्मज सोन सिंह को भूमि स्वामी अधिकार का पट्टा प्रदान किया गया। जिसके तहत कुल राशि 2 लाख 82 हजार 973 रु. शासन के पक्ष मे जामा कराया गया। इस प्रकार बेमेतरा जिले मे अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन की कार्यवाही का जोर पकड़ लिया है। कलेक्टर श्री तायल द्वारा सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को ऐसे प्रकरणों के निपटारे मे तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। दोनो पट्टाधारियों ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बेमेतरा श्री जगन्नाथ वर्मा एवं तहसीलदार श्री अजय कुमार चंद्रवंशी उपस्थित थे। -
’’ परिवार नियोजन से निभाये जिम्मेदारी, मां और बच्चें के स्वास्थ्य की पुरी तैयारी’’
बेमेतरा 08 जुलाई : भारत सरकार द्वारा विगत 10 वर्षों से पूरे देश में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है, जिसमें परिवार नियोजन सेवाओं सहित उनके प्रचार प्रसार एवं विधियों की स्वीकृति पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। हालांकि वर्तमान में देश कोविड-19 महामारी के बचाव हेतु संघर्षरत है, किन्तु प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान न केवल अवांछित गर्भधारण को रोकने के लिए और अधिक महत्व रखता है, बल्कि सभी माता एवं शिशु कल्याण के लिए आवश्यक है, इसलिए जिला बेमेतरा में एक माह की अवधि में विश्व जनसंख्या दिवस के आयोजन को जारी रखना अनिवार्य है। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल, जिला बेमेतरा के द्वारा जानकारी दी गई कि कार्यक्रम का आयोजन दो चरणों में किया जायेगा, प्रथम चरण दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा 27 जून से 10 जुलाई 2020 तक रहेगा जिसके अंतर्गत परिवार नियोजन के महत्व के बारे में एवं जागरूकता बढ़ाये जाने हेतु आयोजित किया जायेगा, तथा द्वितीय चरण जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 11 जुलाई से 24 जुलाई 2020 अंतर्गत परिवार नियोजन सेवा प्रावधानों मुख्यतः अस्थाई साधनों पर केन्द्रित रहेगा। कोविड-19 के संदर्भ में नसबंदी आॅपरेशन आगामी आदेश तक स्थगित रहेंगी। पखवाड़े अंतर्गत समस्त गतिविधियों को कोविड-19 संबंधित समस्त सावधानियाँ मुख्यतः सामाजिक दूर, मास्क पहनने, संक्रमण की रोकथाम आदि पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जायेगा। कोविड-19 के संदर्भ में जिला बेमेतरा में घोषित किये गए कंटेन्मेंट एवं बफर जोन में परिवार कल्याण गतिविधियां स्थगित रहेंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ.एस.के.शर्मा द्वारा जिला बेमेतरा में वर्तमान में उपलब्ध परिवार कल्याण सेवाओं के विषय में जानकारी दी गई, कि जिला बेमेतरा के समस्त शासकीय संस्थाओं में आईयूसीडी निवेशन (काॅपर-टी), पीपीआईयूसीडी, अंतरा इन्जेक्श-प्रत्येक तीन माह के अंतराल में महिला को लगाया जाता है, छाया गोली, माला-एन, निरोध आदि उपलब्ध है। पखवाडे के दौरान हितग्राहियों के द्वारा मितानिन के माध्यम से छाया गोली, (ईपील) आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली एवं निरोध मितानिन के माध्यम से निःशुल्क प्राप्त की जा सकती है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य हेतु बच्चों में अंतराल, सही समय पर विवाह, प्रसव उपरांत परिवार नियोजन हेतु परिवार कल्याण कार्यक्रम आवश्यक है। -
बेमेतरा 08 जुलाई : शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 के तहत जिले में संचालित निजी विद्यालयों के 25 प्रतिशत आरक्षित सीट पर निःशुल्क प्रवेश हेतु आॅनलाईन आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई 2020 निर्धारित की गई है। डीईओ बेमेतरा ने बताया कि शिक्षा का अधिकार के तहत जिले के निजी विद्यालयों के 25 प्रतिशत सीट पर निःशुल्क अध्ययन हेतु रूचि रखने वाले वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के परिवार, दिव्यांग, एच.आई.व्ही. ग्रस्त माता/पिता, बी.पी.एल. सर्वे सूची वर्ष 2002/2007 में उल्लेखित परिवार, अंत्योदय कार्ड धारी परिवार, सामाजिक/आर्थिक जातिगत जनगणना 2011 परिवार अपने बच्चे हेतु उक्त तिथि तक आर.टी.ई. वेबपोर्टल http//eduportal.cg.nic.in/RTE पर अपना आवेदन कर सकते हैं। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा प्रथम चरण की लाॅटरी हेतु 15 जुलाई 2020 की तिथि निर्धारित की गई है। दिनांक 15 जुलाई 2020 को होने वाली लाॅटरी प्रक्रिया में छात्र द्वारा भरे गये सभी विकल्पों की लाॅटरी एक साथ की जाएगी। प्रथम चरण की लाॅटरी के उपरांत भी रिक्त रहे सीटों पर छात्रों को अधिक से अधिक समस्त आरक्षित सीटों पर प्रवेश हेतु पुनः लाॅटरी प्रक्रिया की जाएगी।
लोक शिक्षण संचानालय से प्राप्त निर्देशानुसार जिले के समस्त सहायक नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शिक्षा के अधिकार के तहत आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से आॅनलाईन प्राप्त समस्त आवेदन पत्रों पर कार्यवाही करते हुए डुप्लीकेट आवेदनों की जाँच कर डुप्लीकेट मार्क करना है तथा शेष आवेदनों को अप्लाईड से बदलकर अप्रूव्ह करना है। यह प्रक्रिया 10 जुलाई 2020 तक पूर्ण किया जाना है। आॅनलाईन लाॅटरी की प्रक्रिया दिनांक 15 जुलाई 2020 को राज्य स्तर से की जाएगी। -
बेमेतरा 08 जुलाई : बारिश के दिनों में यदा-कदा आकाशीय बिजली (गाज) गिरने की घटनाएं होती रहती है। प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वज्रपात, आकाशीय बिजली से बचने के लिए आम नागरिकों से सावधानियां बरतने की अपील की गई है। जिसके अंतर्गत यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहे तथा बिजली से चलने वाली यंत्रों, उपकरणों को बंद कर दें। यदि दो पहिया वाहन, साईकिल, ट्रक, खुले वाहन नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाए। वज्रपात, आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें, धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग न करें, टेलीफोन व बिजली के पोल/खम्भंे तथा टेलीफोन व टेलीफोन टावर से दूर रहें, कपड़े सुखाने के लिए तार प्रयोग न कर, जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें, बिजली की चमक देख तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ों पर नहीं जाये, यदि आप जंगल में हो तो छोटे एवं घनें पेड़ों की शरण में चले जाये, वृक्षों दलदल वाले स्थलों तथा जलस्त्रोतों से यथा संभव दूर रहें पंरतु खुले आकाश में रहने से अच्छा है कि छोटे पेड़ों के नीचे रहें।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कहा गया है कि खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें, एक साथ कई आदमी इक्ट्ठे न हो, दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो, तैराकी कर रहे लोग मछुवारे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाये, गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसानों तथा मजदूरों या तालाब में कार्य रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर जाये, धातु से बने कृषियंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें, यदि आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हो तथा किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए तो - जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनांे हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छुआएं, जमीन पर कदापि न लेंटे। अपने घरों तथा खेल-खलिहानों के आस-पास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगायें, ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफ गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाये, मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल है। यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथा संभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाये रखें। - बेमेतरा 07 जुलाई : बेमेतरा जिले के नवागढ़ तहसील के अंतर्गत पटवारी ह.नं. 15 अंधियारखोर मे पदस्थ पटवारी श्रीमती लोचन साहू पति श्री अरविन्द साहू को एन्टीकरप्शन ब्यूरो रायपुर द्वारा आज मंगलवार को 2800 रु. की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। पटवारी का यह कृत्य छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने से दण्डनीय है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नवागढ़ द्वारा आज एक आदेश जारी कर उक्त महिला पटवारी श्रीमती लोचन साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि मे उनका मुख्यालय तहसील कार्यालय नवागढ़ रहेगा। उन्हे निलंबन अवधि मे नियमानुसार जीवननिर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
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बेमेतरा 07 जुलाई : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने आज मंगलवार को एक आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के विकासखण्ड साजा के ग्राम-लालपुर मे 01 कोरोना पॉजिटिव के केस पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए उक्त क्षेत्रों के चैहद्दी को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। ग्राम लालपुर नगर पंचायत देवकर के प्रभारी अधिकारी प्रभारी तहसीलदार साजा श्री तारसिंह खरे एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी साजा श्री आशुतोष चतुर्वेदी होंगे।
जारी आदेश अनुसार कन्टेनमेंट जोन में निम्नानुसार कार्यवाही की जावेगीः- उक्त चिन्हांकित क्षेत्रों अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। कन्टेनमेंट जोन की निगरानी हेतु लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी एवं निर्देशानुसार सेम्पल इत्यादि जॉच हेतु लिया जाना सुनिश्चित किया जावेगा। - बेमेतरा 7 जुलाई :छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग रायपुर की सदस्य श्रीमती खिलेश्वरी किरण द्वारा आज मंगलवार को दोपहर कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे बेमेतरा जिले से संबंधित महिलाओं के उत्पीड़न व अन्य 05 प्रकरणों पर सुनवाई किया गया। इस दौरान 03 प्रकरणों का आपसी राजीनामा के कारण प्रकरण समाप्त कर दिया गया। 02 प्रकरण लंबित है, आज सुनवाई के दौरान महिला आयोग को 02 नये प्रकरण प्राप्त हुए है। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती अनिता अग्रवाल, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रमाकांत चंद्राकर, विभाग के परियोजना अधिकारी डाॅ. विद्यानन्द बोरकर वन स्टाफ सेंटर की यसोदा साहू एवं संबंधित पक्षकार उपस्थित थे।
- बेमेतरा 07 जुलाई : लोकसभा निर्वाचन 2019 में अधिग्रहित किये गये वाहनों का किराया भुगतान किया जाना है जिसके लिए निर्वाचन कार्यालय द्वारा वाहन मालिकों से बैंक खाता नंबर, बैंक का आई एफ सी कोड एवं आर सी बुक की छायाप्रति जमा करने की अपील की गई है।
जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकसभा निर्वाचन 2019 में अधिग्रहित वाहनों के जमा लागकार्ड के आधार पर किराया पत्रक तैयार कर आबंटन हेतु मांग पत्र उच्च कार्यालय को भेजा गया था । मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मांग की गई राशि का 30 प्रतिशत आबंटन प्राप्त हुआ है जिसका भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाना है। किन्तु निर्देश एवं प्रपत्र दिये जाने के बाद भी अनेक वाहनस्वामी के बैंक डिटेल का विवरण अप्राप्त है। ऐसे वाहन स्वामी से अपील की गई है कि वे अपना बैंक खाता का विवरण खाता क्रमांक, बैंक का आई एफ सी कोड एवं आर सी बुक की छायाप्रति कलेक्टर कार्यालय बेमेतरा के कक्ष क्रमांक 47 में शीघ्र जमा कर दें ताकि किराया भुगतान की कार्यवाही की जा सके। - बेमेतरा 07 जुलाई : कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के कृषि वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ राज्य के मैदानी भाग में कृषि जलवायु क्षेत्र के किसानों को खरीफ सीजन की तैयारी के संबंध मे सलाह दी है। इसके लिए भूमि की तैयारी खाद एवं बीजों का प्रबंध आवश्यक करें। मानसून सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में सक्रियशील हैं। कीट व्याधियों के प्रतिरोध एवं सहनशील किस्में छत्तीसगढ़ राज्य एवं विकास निगम एवं इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में उपलब्ध है। इन पर पौध रोगों एवं कीटों का असर कम होता है। किसान भाई मृदा स्वास्थ्य के आधार पर ही खाद उर्वरक का उपयोग करें। अनावश्यक रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से मृदा उर्वरक बुरी तरह से प्रभावित होती है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे मेघदूत एप पर
ीजजचेरूध्ध्चसंल.हववहसम.बवउध्ेजवतमध्ंचचेध्कमजंपसे?पक=बवउ.ंे.उमहीकववज रजिस्टर करें एवं मौसम एवं खेती संबंधी जानकारी प्राप्त करें।सामान्य1.छत्तीसगढ़ के अधिकांश भागों में मानसून वर्षा प्रारंभ हो चुकी हैं। अतः कृषक भाई आवश्यकतानुसार खेतों की जुताई कर खरीफ फसलों (धान, सोयाबीन, अरहर, तिल, मक्का, उड़द, मूंग, मूंगफली आदि) की बोआई करें। बोआई कतारों में करें। बोआई के पूर्व बीजों को उपचारित करें। कतार बोनी में दानेदार उर्वरक सीड ड्रिल हेतु उपयोग में लाये। वर्षा की मात्रा पर्याप्त मात्रा में हो चुकी है, इसलिए किसान भाई कृषि कार्यो को प्राथमिकता देवंे।2.विभिन्न धान पद्धतियों में समन्वित खरपतवार प्रबंधन:- धान की उपज पर खरपतवारों के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करना अथवा कम से कम करना ही खरपतवार नियंत्रण का मुख्य उद्देश्य है। खरपतवार विरोधी वातावरण उत्पन्न करने हेतु परिस्थितियों के अनुसार एक से अधिक तरीकों जैसे दृ यांत्रिक, सस्य क्रियाओं, जैविक व रासायनिक विधियों का उपयोग लाभकारी पाया गया है (दवाओं की मात्रा सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर में दी गई है )।
नर्सरी :- यथासंभव नर्सरी की जमीन तैयार कर सिंचाई कर दें तथा जब खरपतवार उग आयें तो जुताई द्वारा नष्ट कर देवें। तत्पश्चात भूमि तैयार कर थरहा डालने पर खरपतवारों का प्रकोप कम होता है। बतर स्थिति में थरहा डालने के 3-4 दिन के अंदर थायोबेन्कार्प 1-1.5 कि./हे. या आक्साडायर्जिल 70-80 ग्राम/हे. सक्रिय तत्व का छिडकाव करें।
बियासी विधि:- जब फसल करीब 30-35 दिन की हो जाती हैं तथा खेतों मे 15-20 से.मी. पानी भर जाता हैं, तब खड़ी फसल में बैलचलित हल चलाकर बियासी करते हैं। इससे खरपतवार इत्यादि नष्ट हो जाते हैं। त्रिफाल बियासी यंत्र से बियासी करने मे पौधे बहुत कम फँसते हैं व कम नष्ट होते हैं। बियासी करने के बाद चलाई समान रूप से करना चाहिये।
रोपा पद्धति:- रोपा के 25 से 30 दिन बाद पैडी वीडर दो पंक्तियो के बीच में चलाने से न सिर्फ खरपतवार नियंत्रण होता है वरन भूमि में इस समय डाले गये उर्वरक मुख्यतः नत्रजन की उपलब्धता धान के पौधे को ज्यादा मात्रा में होती हैं यदि पैडी वीडर न हो तो हाथ से निदाई करें।
बोता धान में अंकुरण पूर्व खरपतवार प्रबंधन
क्रण् खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार
1ण् प्रेटिलाक्लोर 300 600 3-5 के अंदर अधिकतर घास कुल व चुनिन्दा चैड़ी पत्ती वाले खरपतवार।2ण् आक्साडायर्जिल 32.0 36.0 0-3 के अंदर अधिकतर सकरी पत्ती वाली घास जैसे- गेंगरवा, नरजवां आदि।3ण् पायरोजोसल्फ्युरान 10ः डब्ल्यू.पी. 10.0 80.0 10-12 के अंदर ज्यादातर चैड़ी पत्ती वाले एवं नरजवां/गेंगरवा आदि।
रोपा धान में अंकुरण पूर्व खरपतवार प्रबंधन
क्र. खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार
1 प्रेटिलाक्लोर 300 600 3-6 के अंदर अधिकतर घास कुल व चुनिन्दा चैड़ी पत्ती वाले खरपतवार।2 आक्साडायर्जिल 32.0 36.0 0-3 के अंदर अधिकतर सकरी पत्ती वाली घास व स जैसे- गेंगरवा, नरजवां आदि।3 पायरोजोसल्फ्युरान 10ः डब्ल्यू.पी. 10.0 80.0 0-3/10-12 के अंदर ज्यादातर चैड़ी पत्ती वाले एवं नरजवां/ गेंगरवा आदि।4 प्रेटिलाक्लोऱबेनसल्फ्युरान (दानेदार ) 264.0 4000 0-3 के अंदर सभी प्रकार के सकरी/ चैड़ी पत्ती एवं के अंदर पर प्रभावी नियंत्रण ।
बोता धान में अंकुरण पश्चात खरपतवार प्रबंधनक्र. खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार
1 बिसपायरीबैंक सोडियम 10.0 100 20-25 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले एवं चैड़ी पत्ती वाले एवं जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा।2 फिनॉक्सापॉप पी-इथाइल 9.3 प्रतिशत 24.0 250.0 20-25 के अंदर सकरी पत्ती वाले घास कुल के जैसे - सावा।3 इथाक्सीसल्फ्यूरान 6.0 50.0 15-20 के अंदर अधिकतर चैड़ी पत्ती वाली जैसे- गेंगरवा नरजवां/ मोथा।4 क्लोरिम्यूरान ़ मेटसल्फ्यूरान 1.60 8.0 15-20 के अंदर अधिकतर चैड़ी पत्ती वाली जैसे- गेंगरवा नरजवां/ मोथा।5ण् पिनाक्सुल्म 9.0 38.0 12-18 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले एवं चैड़ी पत्ती वाले जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा।
रोपा धान में अंकुरण पश्चात खरपतवार प्रबंधन
क्र. खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार
1 बिसपायरीबैंक सोडियम 8-10 80-10 20-25 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले एवं चैड़ी पत्ती वाले जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा स2 फिनॉक्सापॉप ़इथाक्सीसल्फ्यूरान 24.0़ 6.0250.0़ 50.020-25 के अंदर अधिकतर सकरी व चैड़ी पत्ती का नियंत्रण स3 फिनॉक्सापॉप ़ क्लोरिम्यूरान ़ मेटसल्फ्यूरान 24.0़1.6 250़ 8.0 20-25 के अंदर अधिकतर चैड़ी पत्ती वाली जैसे- गेंगरवा नरजवां/ मोथा।
4 ण् पिनाक्सुल्म 9.0 38.0 12-18 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले एवं चैड़ी पत्ती वाले जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा। -
बेमेतरा 07 जुलाई : धान फसल के उत्पादन में वृद्धि के लिए हानिकारक कीट की रोकथाम और खरपतवारों का समय पर नियंत्रण आवश्यक है। सही समय में नियंत्रण नहीं होने से फसल की उत्पादकता प्रभावित तो होती ही है, साथ ही किसानों को इसका सीधा नुकस्.ाान उठाना पड़ता है। कृषि विकास एवं कृषक कल्याण विभाग के वैज्ञानिकों ने प्रदेश के किसानों को धान की खेती में होने वाले अनावश्यक खरपतवार की रोकथाम के लिए कई उपयोगी सलाह दी है।
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि खरीफ मौसम में धान का थरहा बोने के तीन से चार दिन के भीतर प्रति हेक्टेयर में थायोबेन्कार्प निदानाशक 1.5 किलोग्राम या आक्साडायर्जिल निदानाशक 70 से 80 ग्राम का छिड़काव करना चाहिए। बोता विधि से धान बोने पर अंकुरण पूर्व खरपतवार प्रबंधन के लिए प्रेटिलाक्लोर 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से बोआई के तीन से पांच दिन के अंदर डालने पर खरपतवार नियंत्रण में फायदेमंद होता है। वैज्ञानिकांे ने बताया कि आक्साडायर्जिल 32 ग्राम प्रति एकड़ की दर से बोआई के तीन दिन के अंदर और पायरोजोसल्युरान 10 ग्राम प्रति एकड़ के दर से बोआई के बाद दस से बारह दिन के अंदर डालना चाहिए। -
बेमेतरा 06 जुलाई : कृषि विभाग की एक्सटेंशन रिफाम्र्स आत्मा योजना के अंतर्गत दो महिलाओं के जीवन स्तर मे बदलाव आया है। आज वे सब्जी का उत्पादन कर अपना गुजर-बसर कर रही है। आईये सुनतें हैं उन्ही की जुबानी- मैं श्रीमती सतरूपा बाई पति श्री द्वारिका गोंड़ ग्राम बैजी ,वि.ख. बेमेतरा की रहने वाली हूॅ। पहले मै सिर्फ एक साधारण गृहणी थी, फिर कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क में आकर मै एवं मेरे साथ अन्य महिलाएं एक्स. रिफाम्र्स (आत्मा) योजनांतर्गत खाद्य सुरक्षा समूह (एफएसजी) जुड़ी ,जिसमें हमें सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया एवं सब्जी उत्पादन के लिए सहायता राशि भी दी गई। इस राशि से हम सब्जी उत्पादन के लिए आवश्यक सामाग्री जैसे-बीज, खाद ,कीटनाशी आदि सामाग्री खरीदें। आत्मा योजनान्तर्गत दिये गये प्रशिक्षण व सहायता राशि से आज हम सफलता पूर्वक सब्जी का उत्पादन कर रहे है, जिससे हमें आय की प्राप्ति हो रही है, इस प्रकार परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
मशरुम उत्पादन बना आय का श्रोत
आत्मा योजना से जुड़ कर महिला स्व-सहायता समूह का निर्माण कर मशरुम उत्पादन द्वारा आय का श्रोत बना यह कहानी है बेमेतरा जिले के ग्राम बिलई की किरण की जिन्होने मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया तथा आत्म निर्भर बनी, आईये सुनते हैं महिला की जुबानी- मेरा नाम श्रीमती किरण पति श्री बेदराम ग्राम-बिलई ,वि.ख. बेमेतरा की रहने वाली हूॅ। पहले मै सर्फ एक साधारण गृहणी थी, फिर कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क में आकर मै एवं मेरे साथ अन्य महिलाएं एक्स. रिफाम्र्स (आत्मा) योजनांतर्गत कृषक अभिरूचि समूह (एफआईजी) जुड़ी ,जिसमें हमें मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया एवं मशरूम उत्पादन के लिए मशरूम स्पाॅन, फार्मेलिंन, कार्बेंडाजिम, पाॅलीथिन आदि सामग्री दी गई। आत्मा योजनान्तर्गत दिये गये प्रशिक्षण व आदान सामग्री से आज हम सफलता पूर्वक मशरूम का उत्पादन कर रहे है, जिससे हमें आय की प्राप्ति हो रही है, इस प्रकार परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। -
बेमेतरा 06 जुलाई : चालू बारिश सीजन के दौरान बेमेतरा जिले में 01 जून से 06 जुलाई 2020 सवेरे 8.00 बजे तक की स्थिति में 309.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। सर्वाधिक 405 मि.मी. वर्षा थानखम्हरिया तहसील में तथा न्यूनतम 211 मि.मी. वर्षा नवागढ़ तहसील में दर्ज की गई है। संयुक्त जिला कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार बेरला तहसील में 360 मि.मी. वर्षा, बेमेतरा तहसील मे 341 मि.मी. वर्षा तथा साजा तहसील मे 231 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। पिछले 24 घण्टे के दौरान 06 जुलाई को सवेरे 8 बजे तक की स्थिति मे बेमेतरा तहसील मे 24.4 मि.मी., बेरला मे 52 मि.मी., साजा मे 20 मि.मी., थानखम्हरिया मे 123 मि.मी., नवागढ़ तहसील मेे 42 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि जिले मे खाद-बीज का पर्याप्त भण्डारण कर दिया गया है। किसान अपनी सुविधानुसार इसका उठाव कर रहे है। -
बेमेतरा 06 जुलाई : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारंपरिक हरेली त्यौहार से प्रारंभ की जा रही “गोधन न्याय योजना“ को प्रभावी ढंग से लागू करने के संबंध में आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। कोई भी व्यक्ति या संगठन जो भी सुझाव देना चाहते हैं, वे इस संबंध में छत्तीसगढ़ कृषि विपणन मंडी बोर्ड, मुख्यालय बीज भवन, पोस्ट-रविग्राम तेलीबांधा, रायपुर, पिन 492002 पर या फैक्स नम्बर 0771-4094472 या ई-मेल mdcgmandiboard@gmail&com पर भेज सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी अंतर्गत स्थापित गौठानों को रोजगार उन्न्मुखी बनाने के उद्देश्य से ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत की जा रही है। योजना के क्रियान्वयन के लिए कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने, गौपालन को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा और पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौठान को रोजगार उन्न्मुख बनाने के लिए गोबर का क्रय कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जाएगी। योजना से ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ किसान, भूमिहीन मजदूर एवं समस्त पशुपालकों की आमदनी में निरंतर बढ़ोत्तरी होगी।योजना के अंतर्गत राज्य में स्थापित 2200 गौठानों को प्रथम चरण में शामिल किया जाएगा और गौठानों की स्थापना के साथ-साथ इस योजना का विस्तार किया जाएगा। गोधन न्याय योजना के माध्यम से उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट से जैविक खेती के विस्तार में सहायता प्राप्त होगी और रसायन मुक्त खाद्य उत्पादों से सुपोषण स्तर में भी सुधार होगा। - बेमेतरा 06 जुलाई : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के विकासखण्ड बेमेतरा के ग्राम-सेमरिया मे 02 कोरोना पॉजिटिव के केस पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए उक्त क्षेत्रों के चैहद्दी को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। ग्राम सेमरिया के प्रभारी अधिकारी तहसीलदार बेमेतरा श्री अजय चंद्रवंशी एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी बेमेतरा श्री जगन्नाथ वर्मा होंगे। जिले के साजा विकासखण्ड के ग्राम-कोंगियाकला मे 02 तथा ग्राम बोरतरा मे 03 कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के कारण कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। ग्राम कोंगियाकला तथा बोरतरा के प्रभारी अधिकारी प्रभारी तहसीलदार साजा श्री तारसिंह खरे एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी साजा श्री आशुतोष चतुर्वेदी होंगे। इसी तरह नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम मुरता 01 एवं घोघराली मे 01 कोरोना पाजिटिव के केस पाए जाने के कारण कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। ग्राम मुरता एवं घोघराली के प्रभारी अधिकारी प्रभारी तहसीलदार नवागढ़ सुश्री रेणुका रात्रे एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी नवागढ श्रीमती ज्योति सिंह होंगे।
जारी आदेश अनुसार कन्टेनमेंट जोन में निम्नानुसार कार्यवाही की जावेगीः- उक्त चिन्हांकित क्षेत्रों अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। कन्टेनमेंट जोन की निगरानी हेतु लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी एवं निर्देशानुसार सेम्पल इत्यादि जॉच हेतु लिया जाना सुनिश्चित किया जावेगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तायल द्वारा जारी आदेश में कन्टेनमेंट जोन में केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था हेतु बेरिकेटिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, प्रवेश एवं निकास सहित क्षेत्र की सेनेटाईजिंग व्यवस्था एवं आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी. अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई.किट इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन, घरों का एक्टिव सर्विलांस और खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। -
बेमेतरा 04 जुलाई : प्रदेश सरकार की फलैगशिप सुराजी गांव योजना के अंतर्गत जिले में स्वीकृत 191 में 107 गौठानों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। कलेक्टर शिव अनंत तायल के मार्गदर्शन में इन गौठानों में स्व सहायता समूहों द्वारा अपनी आर्थिक विकास की विभिन्न गतिविधियां प्रारंभ की जा रही है। ये गौठान ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव निर्माण मे अहम भूमिका का निवर्हन करेगें। गौठान से महिला स्व-सहायता समूह को जोड़कर उनकी आमदनी मे बढ़ोत्तरी की जा रही है। चारागाह एवं बाड़ी विकास योजना मे भी महिला स्व-सहायता समूह अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रही है। जिले के ग्राम सांकरा (बेरला) के माॅडल गौठान मे स्व-सहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट खाद बना रहा है।
राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सकारात्मक कोशिश कर रही है। सुराजी गांव योजना के तहत सभी गावों में गौठान बनाया जा रहा है। जिले में 191 गौठानों की स्वीकृति दी गई है। जिसमें से 107 गौठान पूर्ण हो चुके है तथा शेष गौठानों के कार्य प्रगतिरत है। प्रत्येक गौठान में गौठान समिति का गठन किया गया है। शासन की योजना के तहत गौठान संचालन के लिए 10-10 हजार रूपये की राशि दी जा रही है। चारागाह में चारा के साथ साथ सब्जी, भाजी, मशाला उत्पादन, मशरूम उत्पादन महिला स्व सहायता समूह कार्यरत है। इसके अलावा अच्छी गुणवत्ता का गोबर के गमले, वर्मी खाद भी तैयार किया जा रहा है। - बेमेतरा 04 जुलाई : पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने बेमेतरा के सिंघौरी वार्ड के अंतर्गत खिलोरा रोड में पंचवटी (राम वाटिका) के पास लगभग 25 एकड़ में आॅक्सीजोन के लिए 5 हजार 390 पौधे रोपित किये गये थे, ये पौधे अब बढ़ने लगे हंै। जिला प्रशासन के जिला खनिज संस्थान न्यास (डी.एम.एफ) मद के अंतर्गत आॅक्सीजोन के लिए राशि स्वीकृत की गई थी। बेमेतरा एक मैदानी जिला होने के कारण यहाँ अधिक से अधिक संख्या मे वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जायेगा। लगभग दो-तीन वर्ष पहले आॅक्सीजोन में-नीम, करंज, अर्जुन, बेल, शिशु, बरगद, अमरूद, अमलतास, पीपल, पेल्टामार्फ, मौल श्री, पुत्र जीवस, कदम, जामुन, गरूण, कटहल, कचनार, आदि किस्म के पौधे रोपे गये है। यदि धरती के तापमान मे कमी लाना है तो ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने होंगे।
- बेमेतरा 04 जुलाई : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने जिला मुख्यालय बेमेतरा मे आईसोलेशन सेन्टर/कोविड केयर सेन्टर प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने आज सवेरे जिला चिकित्सालय परिसर स्थित 40 बिस्तरांे वाले इस अस्पताल का शुभारंभ किया। इस अस्पताल मे सेन्ट्रल कमाण्ड रुम तथा अलग-अलग पुरुष वार्ड एवं महिला वार्ड बनाये गयें हैं, इन वार्डों का कलेक्टर नेे मुआयना किया। आईसोलेशन सेन्टर/कोविड केयर सेन्टर अस्पताल के प्रारंभ होने से अब कोरोना संक्रमण की जाँच पीपीई कीट के जरिए होने लगेगी। इसके पहले बिना लक्षण वाले धनात्मक केस सेम्पल जाँच के लिए रायपुर एवं दुर्ग भेजा जाता था। शुभारंभ के मौके पर पुलिस अधिक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल, अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान, एएसपी विमल कुमार बैस, मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस के शर्मा, नवनियुक्त सिविल सर्जन सह-अस्पताल अधिक्षक डाॅ. वन्दना भेले एवं कोविड-19 प्रभारी डाॅ ज्योति जसाठी उपस्थित थे।
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सूखा, कीट व्याधियों से बचाव के लिए उन्नत बीजों के प्रयोग की सलाह
बेमेतरा 03 जुलाई : मानसून शुरू होतेे ही खरीफ फसल की बुआई शुरू हो जाती है। कृषि वैज्ञानिकों ने फसल की उत्पादकता बढ़ाने, कीट व बीमारियों से बचाव सहित कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक के प्रयोग के बारे में सलाह दी है। खेती-किसानी में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल के लिए बनाई गई मेघदूत एप पर मौसम एवं खेती से सम्बधित जानकारी प्राप्त कर भरपूर पैदावार लिया जा सकता है। मेघदूत एप https://play.google.com/store/apps/details?id=com.aas.meghdoot लिंक पर जाकर डाउनलोड किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में कीट व्याधियों के प्रतिरोध और सहनशील किस्मों की बीज उपलब्ध है। इन पर पौध रोगों एवं कीटों का असर कम होता है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खेत में मृदा स्वास्थ्य के आधार पर खाद एवं उर्वरक का उचित प्रयोग करने के साथ ही अनावश्यक रासायनिक उर्वरक के प्रयोग न करने की सलाह दी गई है।
प्रदेश के कृषि विकास और कृषक कल्याण विभाग के वैज्ञानिकों ने खरीफ मौसम में धान की खेती करने वाले किसानों को विशेष परिस्थितियों के लिए धान की उपयुक्त किस्में लागाने की सलाह दी है। गंगई प्रभावित क्षेत्र के लिए उपयुक्त किस्मे में समलेश्वरी, कर्मा मासुरी, चन्द्रहासिनी, जलदूबी, आई.जी.के.व्ही.आर.-1 (राजेश्वरी), आई.जी.के.व्ही.आर.-2 (दुर्गेश्वरी), आई.जी.के.व्ही.आर.-1244 (महेश्वरी), महामाया, दन्तेश्वरी। ब्लास्ट प्रभावित क्षेत्र में आई.आर.-64, चन्द्रहासिनी, कर्मा मासुरी, आई.जी.के.व्ही.आर.-2 (दुर्गेश्वरी), आई.जी.के.व्ही.आर.-1244 (महेश्वरी)। जीवाणु जनित झुलसा प्रभावित क्षेत्र के लिए बम्लेश्वरी। करगा प्रभावित क्षेत्र हेतु आई.जी.के.व्ही.आर.-1 (राजेश्वरी), महामाया श्यामला। जल भराव की समस्या वाले बहरा क्षेत्र के लिए स्वर्णा सब-1, जलदूबी, बम्लेश्वरी। सूखा प्रभावित क्षेत्र के लिए समलेश्वरी, इंदिरा बारानी धान-1, अन्नदा, पूर्णिमा, दन्तेश्वरी आदि शामिल है। वर्तमान में मौसम की दशा को देखते हुए धान की सीधी बुवाई के लिए उपयुक्त समय बताया गया है। खरपतवारनाशी दवाई का उपयोग करने के बाद कम से कम 3 से 4 घण्टा वर्षा ना हो तभी उसका उपयोग करें। -
बेमेतरा 03 जुलाई :छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग रायपुर की गठित न्यायपीठ के अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा मंगलवार 07 जुलाई को दोपहर 12 बजे कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे बेमेतरा जिले से संबंधित महिलाओं के उत्पीड़न व अन्य प्रकरणों पर सुनवाई की जावेगी। -
बेमेतरा 03 जुलाई : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम-हसदा मे 03 तथा सांकरा मे 06 एवं ग्राम पंचायत लेंजवारा में 01 कोरोना पॉजिटिव के केस पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए उक्त तीनों क्षेत्र के चैहद्दी को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। ग्राम हसदा, सांकरा एवं लेंजवारा के प्रभारी अधिकारी तहसीलदार बेरला श्रीमती हीरा गवर्ना एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी बेरला श्री दुर्गेश वर्मा होंगे। इसी तरह बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम मऊ मे 02 व्यक्ति को कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के कारण कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। ग्राम मऊ के प्रभारी अधिकारी प्रभारी तहसीलदार बेमेतरा श्री अजय चंद्रवंशी एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी बेमेतरा श्री जगन्नाथ वर्मा होंगे।
जारी आदेश अनुसार कन्टेनमेंट जोन में निम्नानुसार कार्यवाही की जावेगीः- उक्त चिन्हांकित क्षेत्रों अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। कन्टेनमेंट जोन की निगरानी हेतु लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी एवं निर्देशानुसार सेम्पल इत्यादि जॉच हेतु लिया जाना सुनिश्चित किया जावेगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तायल द्वारा जारी आदेश में कन्टेनमेंट जोन में केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था हेतु बेरिकेटिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, प्रवेश एवं निकास सहित क्षेत्र की सेनेटाईजिंग व्यवस्था एवं आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी. अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई.किट इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन, घरों का एक्टिव सर्विलांस और खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। - बेमेतरा 03 जुलाई : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अन्तर्गत विकासखण्ड साजा जिला बेमेतरा के ग्राम पंचायत टिपनी के जय महामाया महिला स्व-सहायता समूह गोबर गमला निर्माण का कार्य कर रही है। गोबर गमला निर्माण में कच्चा माल के रूप मे गोबर, पीली मिट्टी, चूना, भूसा इत्यादि का उपयोग किया जाता है। एक गोबर के गमला के निर्माण में लगभग 7 (सात) रूपये की लागत आती है। अभी तक 1500 गमलों का निर्माण किया जा चुका हैं जिसमें से 1200 गमलें 15 रु. प्रति नग के दर से 18 हजार रूपयें का गमला विक्रय किया जा चुका है। जय महामाया महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उनको गोबर से गमला बनाने की समझाईश क्लेक्टर जिला बेमेतरा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला बेमेतरा द्वारा दिया गया था।
गोबर से गमला बनाने के मुख्य लाभ यह है, कि यह टिकाऊ होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल है तथा प्लास्टिक /पाॅलीथिन के गमले के स्थान पर इनका उपयोग किया जाता है। अगर गमला क्षतिग्रस्त हो गया तो इनका अपशिष्ट खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। गोबर के गमले का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग वृक्षारोपण या पौधे की नर्सरी तैयार करने में हैं जिसमें गोबर के गमले में लगें पौधंे को सीधा भूमि पर रोपित कर सकते है। गोबर खाद के रूप मे अधिकांश खनिजों के कारण मिट्टी को उपजाऊ बनाता है। मुख्यतः पौधें की मुख्य आवश्यकता नाईट्रोजन, फाॅसफोरस तथा पोटेशियम की होती है। ये खनिज गोबर में क्रमशः 0.3-0.4, 0.1-0.15 तथा 0.15-0.2 प्रतिशत तक विद्यमान रहते है। मिट्टी के सम्पर्क में आने से गोबर के विभिन्न तत्व मिट्टी के कणों को आपस में बांधते है। यह पौधों की जड़ो को मिट्टी में अत्यधिक फैलाता हैं एवं मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाती है। इस प्रकार गोबर के गमलें के निर्माण सें जय महामाया महिला स्व सहायता समूह टिपनी आजीविका के साथ-साथ पर्यावरण को सवंर्धित करने में भी अपना महत्वपूण योगदान दे रही है। - बेमेतरा 02 जुलाई : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के अंतर्गत कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ राहत के अंतर्गत पूर्व बैठक मे दिये गये निर्देशों का पालन प्रतिवेदन के संबंध मे जानकारी ली। उन्होने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांव के डुबान के आने की स्थिति मे रेस्क्यू कर प्रभावितों को किन स्थानों पर ग्रामवार रखा जा सकता है ? इन गांवों मे शासकीय भवनों की सूची तैयार करें। प्रभावित क्षेत्रों मे रहने वाले शासकीय कर्मचारियों (राजस्व, पंचायत ग्रामीण विकास, महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग) का मोबाईल नम्बर सहित सूचीबद्ध किया जावे। जिलाधीश ने संबंधित प्रभावित क्षेत्रों के गांव से पुलिस थानों की दूरी एवं उसका दूरभाष नम्बर, प्रभावित क्षेत्र से निकटस्थ स्वास्थ केन्द्र का नाम एवं उनमे पदस्थ चिकित्सक, आरएमओे का मोबाईल नम्बर आवश्यक दावाओं की उपलब्धता, प्रभावित क्षेत्र से विद्युत उप केन्द्र की दूरी एवं बिजली सुविधा की जानकारी, प्रभावित क्षेत्रों मे पेयजल की सुविधा के संबंध मे जानकारी ली।
कलेक्टर ने जिला कमाण्डेंट होम गार्ड के पास उपलब्ध संसाधन यथा-ईमरजेंसी लाईट, बोट, लाईफ जैकेट, तैराक होम गार्ड की संख्या, गमबूट, रस्सा, उपलब्ध वाहन, टार्च, केरोसिन आईल की उपलब्धता,(खाद्य विभाग से समन्वय कर) एंव अन्य बचाव के साधन। अस्थाई रुप से कैम्प लगाने हेतु वाटरप्रूफ टेंट आदि की व्यवस्था, उन्होने कहा कि प्रत्येक तहसील मे बाढ़ एवं राहत बचाव हेतु एक कन्ट्रोल रुम की स्थापना की जावे तथा दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जावे। श्री तायल ने पुलिस विभाग के पास उपलब्ध संसाधन की जानकारी तथा आस-पास के गांवों के तैराको की सूची बचाव हेतु छोटे नाव आदि की व्यवस्था, बाढ़ कन्ट्रोल रुम की स्थापना के संबंध मे जानकारी ली।