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बेमेतरा : कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने को सभी कहते हैं। लेकिन लोगों में यह भ्रम है कि कपड़े से बने मास्क वायरस से बचाने में काम नही आते। जबकि कई वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आई कि कपड़े से बने मास्क पहनने से भी वायरस से सुरक्षा मिलती है।
यदि संक्रमण हो भी जाता है तो वह कम तीव्रता या कम वायरल लोड या बिना लक्षण वाला रहता है। सैनफ्रांिसको के यूनिवर्सिटी आॅफ केलीफोर्निया में जुलाई में हुए अध्ययन मे ंयह बात सामने आई। साथ ही 1 मीटर की दूरी भी जरूरी है।
मास्क सही प्रकार से पहनना भी उतना ही जरूरी है जितना कि उसे पहनना। लोगों में यह धारणा है कि मास्क पहन कर बात करने से आवाज साफ सुनाई नही देती। जबकि ऐसा नही है। यह केवल एक मेंटल बैरियर है।मास्क पहने पहने बस थोड़ा उंचा बोल कर हम वायरस से बच भी सकते हैं और दूसरों को संक्रमण से बचा भी सकते हैं। मास्क गले में लटका कर फिर वापस पहनने से संक्रमण, मास्क की अंदर की सतह तक आता है और नाक तक वापस इसे खींचने से यह वायरस अंदर चला जाता है।
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि बंद जगहें, बंद कमरों में समूह में रहने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर खुली जगह में रहकर गतिविधियां करनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के बंद स्थान पर रहने से संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और उसके उस स्थान से जाने के बाद भी वायरस वातावरण में रहता है। -
लोकवाणी का प्रसारण 11 अक्टूबर को
बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आकाशवाणी के जरिए लोकवाणी में इस बार “नवा छत्तीसगढ़, हमर विकास मोर कहानी“ विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे।
मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 11 वीं कड़ी का प्रसारण रविवार 11 अक्टूबर को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा। - बेमेतरा : जिला योजना समिति निर्वाचन नियम 1995 में निहित प्रावधान नियम 8 के अन्तर्गत 05 सितम्बर 2020 को श्री डी.आर.डाहिरे, डिप्टी कलेक्टर जिला बेमेतरा को जिला योजना समिति निर्वाचन हेतु पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था।उक्त आदेश मे आंशिक संशोधन करते हुए श्री डी.आर. डाहिरे डिप्टी कलेक्टर के स्थान पर श्रीमती ज्योति सिंह संयुक्त कलेक्टर जिला बेमेतरा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है।श्रीमती ज्योति सिंह संयुक्त कलेक्टर जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़ जिला योजना समिति निर्वाचन नियम 1995 के तहत निहित प्रावधानों के अन्तर्गत समिति के सदस्यों के लिए निर्वाचन संबंधी प्रक्रिया के अन्तर्गत निर्वाचन कार्य सम्पन्न करायेंगी।
- बेमेतरा : छत्तीसगढ़ शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 01 नवंबर राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के सर्वोच्च श्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिये जाने वाले गुण्डाधूर सम्मान व महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान वर्ष 2019-20 हेतु 15 अक्टूबर तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए है। गुण्डाधूर सम्मान के रूप में से अलंकृत खिलाड़ियों को एक लाख रूपये नगद, अलंकरण फलक एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जायेगा।
गुण्डाधूर सम्मान ऐसे पात्र खिलाडियों को दिये जायेंगे, जिन्होने वर्ष 2019-20 में भारत सरकार युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप या राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की ओर से भाग लेते हुये स्वर्ण या रजत या कांस्य पदक प्राप्त किया हो या अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो।
इसी प्रकार महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान हेतु 2019-20 में तीरंदाजी के राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के सीनियर वर्ग में या राष्ट्रीय खेलो में छत्तीसगढ़ की ओर से भाग लेते हुये स्वर्ण या रजत या कांस्य पदक प्राप्त किया हो या तीरंदाजी की अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो। यदि तीरंदाजी में उपरोक्त उपलब्धि वाले खिलाडी नही मिले तो विगत तीन वर्षो तक तीरंदाजी की राष्ट्रीय अंतर विश्वविद्यालयीन प्रतियोगिता में पदक प्राप्त खिलाडी हेतु विचार किया जायेगा।
गुण्डाधूर सम्मान व महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान हेतु वर्ष की गणना 01 अप्रैल से 31 मार्च तक होगी। उक्त सम्मान हेतु नियमों व आवदेन आमंत्रित करने हेतु खेल विभाग के अधिकारी वेबसाईट www.sportsyw.cg.gov.in पर प्रारूप प्राप्त किया जा सकता है। इस अवधि में अनुशंसा पत्र संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण, अंतर्राष्ट्रीय हाॅकी स्टेडियम, जी.ई.रोड रायपुर अथवा खेल एवं युवा कल्याण विभाग बेमेतरा में कार्यालयीन दिवस एवं समय पर प्रस्तुत व संपर्क किया जा सकता है। - बेमेतरा : चालू मानसून सत्र के दौरान बेमेतरा में एक जून से अब तक कुल 1100.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है।कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा के अधिकारियो ने आज यहा बताया कि 01 जून 2020 से अब तक बेमेतरा तहसील में 1324.6 मि.मी. और बेरला तहसील में 1098 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है।
इसी प्रकार साजा तहसील में 964 मि.मी., थानखम्हरिया 1319 मि.मी. एवं नवागढ़ मे 795 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है।समा.क्र.38 - बेमेतरा : कोरोना से जंग में “मास्क“ हमारा रक्षा कवच है। कोरोना संक्रमण से बचने के सरल किंतु प्रभावी उपाय हैं मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना और साबुन पानी से बीच -बीच में हाथ धोते रहना। मास्क क्यूं लगाना ये जानना भी जरूरी है। जब भी कोई व्यक्ति बात करता है, खांसता, छींकता या गहरी सांस भी लेता है तो छोटी-छोटी बंूदे जिसे ’एरोसाल’ कहते हैं, मुंह या नाक से बाहर निकलती है।
इन बंूदों के साथ वायरस भी बाहर आता है। यदि वह व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो कोरोना वायरस बाहर निकल कर 6 फीट कीे दूरी तक के व्यक्ति को भी पहुंचेगा और सामने वाले व्यक्ति के शरीर में भी वायरस पहुंच जाएगा। इसी से बचने के लिए सभी को मास्क लगाना और आपस में 6 फीट की दूरी रखना जरूरी है।
इसके अलावा उन सतहों, टेबल ,कुर्सी, रेलिंग या कोई भी ऐसी वस्तु जिसके आस पास कोई संक्रमित व्यक्ति छींका, खांसा हो ,उस सतह या वस्तु को छूने के बाद यदि हम अपने मुंह,नाक और आंखों को छूते हैं तो कोरोना वायरस हमारे शरीर मेे प्रवेश कर जाता है। कुछ व्यक्तियों को बीमारी के लक्षण नही दिखते हैं फिर भी वह संक्रमित रहता है। मतलब वह अनजाने में बीमारी फैला रहा है। इसीलिए बीमारी से बचने के लिए सभी को मास्क पहनने और भीड़ से बचने को कहा जाता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि बंद जगहें ,बंद कमरों में समूह में रहने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर खुली जगह में रहकर गतिविधियां करनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के बंद स्थान पर रहने से संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और उसके उस स्थान से जाने के बाद भी वायरस वातावरण में रहता है।
मास्क पहनने के बाद उसकी समुचित साफ-सफाई भी जरूरी है। कपड़े के मास्क को साबुन,गर्म पानी और कीटाणुनाशक से धोना और धूप में सुखाना जरूरी रहता है। सर्जिकल मास्क चार घंटे तक ही प्रभावी रहता है। - बेमेतरा : छ.ग.राज्य गठन के पश्चात प्रत्येक वर्ष के भाँति इस वर्ष भी सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदान किये जाने वाले पुरस्कारों के लिए इस वर्ष भी अवेदन आमंत्रित किये गये है। कलेक्टोरेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य स्तरीय पुरस्कार में पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान (सामाजिक, अर्थिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र के लिए),यति यतनलाल सम्मान (अहिंसा एवं गौ रक्षा क्षेत्र के लिए) एवं अखिल भारतीय पुरस्कार के अन्तर्गत महाराजा अग्रसेन सम्मान (सामाजिक, समरसता के क्षेत्र मे) सम्मिलित है।उक्त पुरस्कार हेतु पात्र आवेदको द्वारा आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2020 सायं 05ः00 बजे तक कलेक्टर कार्यालय बेमेतरा मे प्रस्तुत किया जाना है, तथा अंतिम तिथि के पश्चात आवेदन स्वीकार नही किये जायेंगे। प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच कर एकजाई प्रस्ताव 20 अक्टूबर को सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया जाना है।
- बेमेतरा : अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान ने एक आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के तहसील बेमेतरा के ग्राम-पौंसरी मे कोरोना पॉजिटिव के केस पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए पौंसरी को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।पौंसरी के प्रभारी अधिकारी नायब तहसीलदार बेमेतरा श्री राजकुमार मरावी एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी बेमेतरा श्री दुर्गेश कुमार वर्मा हांेगे। इसी प्रकार तहसील साजा के ग्राम-सोमईखुर्द मे कोरोना पाॅजिटिव के केस पाए जाने के कारण कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।सोमईखुर्द के प्रभारी अधिकारी प्रभारी तहसीलदार साजा श्री तारसिंह खरे एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी साजा श्री आशुतोष चतुर्वेदी होंगे।
- बेमेतरा : इस वर्ष चालू खरीफ में पर्याप्त बारिश होने से धान की अच्छी पैदावार होने की संभावना है, परन्तु कुछ दिनों एवं सप्ताह से जिले में बेमौसम वर्षा एवं खराब मौसम के कारण से फसल में कीट व्याधि एवं बीमारियों का प्रकोप अधिक होने की शिकायत देखी जा रही हैं। जिससे किसान फसल को लेकर परेशान हैं। खराब मौसम एवं नमी वाले मौसम कीट के फैलाव के लिए अनुकूल है। इसलिए फसल में कीट व्याधि एवं बीमारियों का समय में रोकथाम किया जाना अति आवश्यक है।
कृषि विभाग के उपसंचालक ने बताया कि जिले में कुल 01 लाख 83 हजार हेक्टेयर में धान की फसल किसानों के द्वारा ली गई है। जिसमें किसानों के द्वारा शीघ्र पकने वाली हरूना किस्म, मध्यम अवधि में पकने वाली एवं देर से पकने वाली धान की फसले विभिन्न पद्धतियों से ली गई है। हरूना किस्म के धान फसल में बालियां लग गई है तथा कुछ में बालियां लगने की स्थिति में है। धान की बाली अवस्था में माहो का प्रकोप अधिक होता है, जिसका उचित समय में नियंत्रण नहीं करने पर फसल को पूरी तरह से खराब कर देता है।
भूरामाहों - यह कीट पौधे के निचली सतह पर तने पर बैठकर रस चूसकर हानि पहुंचाते है। अधिक प्रकोप की स्थिति में जगह-जगह पर गोलाकार जले हुए दिखाई देता है। इससे प्रभावित फसल की पत्तियों में काला धब्बा बन जाता हैं। इसके नियंत्रण के लिए नीम का तेल 2500 पी.पी.एम को 1 लीटर प्रति एकड़ से छिड़काव करें या इमिडाक्लोरोपिड 17.8 एस.एल. की 40-50 मिली लीटर को 200-250 लीटर पानी में घोल तैयार कर प्रति एकड छिड़काव कर सकते हैं।
हरामाहों - यह हरे रंग के कीट पत्तियों से रस चुसकर हानि पहुंचाते है। जिसके कारण पत्तियों की नोंक पर पारदर्शी पीले धब्बे पड़ जाते है और पौधा कमजोर पड़ जाता है तथा बाद में पत्तियों पर काली फफूंद पड़ जाती है। इसके नियंत्रण के लिए क्लोरोपायरिफास 20 ई.सी. की 2 मिली लीटर मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।किसान भाईयों से आग्रह है कि वर्तमान में माहो कीट की प्रकोप की समस्या को देखते हुए अनुशंसित कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव करें, ताकि समय में कीट का रोकथाम हो सके तथा अच्छी पैदावार लिया जा सके। - बेमेतरा : शासकीय शिवलाल राठी उत्कृष्ट (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय बेमेतरा मे संविदा भर्ती के अन्तर्गत शिक्षकों की भर्ती कर ली गई है। संबंधित शिक्षकों को मंगलवार 13 अक्टूबर तक कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया है।
कलेक्टर बेमेतरा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक व्याख्याता हिन्दी पद के लिए सुधीर कुमार, व्याख्याता अंग्रेजी रश्मि वशिष्ठ, व्याख्याता संस्कृत डालेश्वरी साहू, व्याख्याता जीव विज्ञान स्मृति अग्रवाल, व्याख्याता सामाजिक विज्ञान निमिषा कौर, सहायक शिक्षक कला बरखा ठाकुर एवं रुपल साहू का चयन किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह संविदा नियुक्ति छ.ग. सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के अधीन रहंेगे। पद पूर्णतः अस्थायी होंगे। शासन के द्वारा नियुक्ति अथवा कार्य व्यवहार के आधार पर किसी भी समय पदच्युत किया जा सकेगा।
किसी भी अभ्यर्थी की नियुक्ति संविदा पर होने पर वह नियमितिकरण के लिए किसी भी प्रकार का दावा नही करेगा, ना ही उस पद के विरुद्ध उस व्यक्ति विशेष को नियमित भर्ती के समय कोई प्राथमिकता/छुट दी जा सकेगी। भविष्य मे शासन के द्वारा उक्त पदों पर भर्ती किये जाने पर यह नियुक्ति स्वमेव निरस्त मानी जावेगी। -
बेमेतरा : बेमेतरा जिले के कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.डी. मानकर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी वि.खं.- साजा श्री जितेन्द्र ठाकुर, कृषि विकास अधिकारी श्री नागवंशी, श्री आर.के.वर्मा, श्री सुमीत चैरसिया जिला एवं विकासखंड के निरीक्षण टीम द्वारा बीते दिनों साजा विकासखंड के थानखम्हरिया में कीटनाशक आदान विक्रेता गणेश कृषि केन्द्र, किसान कृषि केन्द्र, वर्मा कृषि केन्द्र का निरीक्षण किया गया
निरीक्षण दौरान गणेश कृषि केन्द्र थानखम्हरिया में कीटनाशी नियमो का उल्लंघन करना पाया गया है श्रोत के अतिरिक्त कीटनाशियों का विक्रय अनुज्ञप्ति प्रदर्शन न करना, स्कंध (स्टाॅक पंजी) संधारित नही करना, मूल्य सूची संधारित न होना पाया गया है।
जिसे प्रतिबंधित कर कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत कार्यवाही किया जा रहा है, साथ ही जिले के समस्त कृषि आदान विक्रय केन्द्रो का निरक्षण हेतु निरीक्षको को निर्देश दिया गया है कृषि आदान विक्रेताओ को भी निर्देशित किया गया है कि कीटव्याधि की सही जानकारी प्राप्त कर कृषको को कीटनाशियो का विक्रय किया जावे।
- 90 फीसद समस्याओं के त्वरित निदान में मददगार बनेगा मोर बिजली मोबाइल एप
मुख्यमंत्री ने ‘‘मोर बिजली एप’’ के नये फीचर्स का किया शुभारंभ
बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल अपने निवास कार्यालय रायपुर मंे छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के ‘‘मोर बिजली एप’’ के नये फीचर्स का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को विद्युत सेवाओं का घर बैठे लाभ मुहैया कराने के लिए मोर बिजली मोबाइल एप लॉन्च किया गया है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके लिए सीएसपीडीसीएल के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को इससे बड़ी सहूलियत मिलेगी। विद्युत उपभोक्ता इस एप के जरिए विद्युत वितरण कम्पनी की 90 फीसद से अधिक सेवाओं का घर बैठे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह एप विद्युत संबंधित किसी भी समस्या का भी मददगार साबित होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि अब उपभोक्ताओं को बिजली दफ्तर पर चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे श्रम, समय और पैसे की बचत होगी। उन्होंने विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस एप के जरिए विद्युत कम्पनी की मैदानी टीम को काम करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा बिजली उत्पादन, पारेषण एवं वितरण को उन्नत बनाने के लिए पॉवर कंपनी द्वारा नवीनतम तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है।इसका एक आदर्श उदाहरण ‘‘मोर बिजली एप’’ भी है। इस निःशुल्क सुविधा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को इसे अपने मोबाईल पर डाउनलोड करना चाहिए। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के अपर सचिव एवं पावर कम्पनीज के चेयरमैन श्री सुब्रत साहू, एम.डी. सर्वश्री हर्ष गौतम, राजेश वर्मा, एम. के. बिजौरा, श्रीमती उज्जवला बघेल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में पॉवर कम्पनीज के चेयरमेन श्री सुब्रत साहू ने कहा कि उर्जा से उन्नति की ओर प्रदेशवासियों को अग्रसर करने अनेक योजनायें और सुविधायें पहली बार आरंभ की गई है। जिनमें हाफ रेट पर बिजली योजना और मोर बिजली एप से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। भविष्य में भी छत्तीसगढ़ विद्युत विकास का गढ़ बना रहेगा। इसके लिए प्रदेश में विद्युत अधोसंरचना का तेजी से विस्तार किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में भी विद्युत उत्पादन के मामलें में छत्तीसगढ़ अग्रणी बना हुआ है और ‘‘सबको बिजली, सस्ता दाम-सबको राहत, सबको काम’’ की अवधारणा को पूर्ण कर रहा है। कार्यक्रम में पावर वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री हर्ष गौतम ने बताया कि इस एप को गूगल प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है।
मोर बिजली एप की खासियत
मोर बिजली एप के जरिए हर उपभोक्ता का मोबाईल बिजली दफ्तर बन जाएगा। इसके द्वारा बिजली बंद की शिकायत दर्ज करने पर बिजली मिस्त्री गूगल मैप के सहारे उपभोक्ता के परिसर तक पहुंच सकता है।बिजली की आपातकालीन शिकायत इस एप से करने पर जीपीआरएस लोकेशन की सूचना मिल जाती है और विद्युत दुर्घटना रोकने आपातकालीन शिकायत दूर करने सुधार दल स्थल पर जल्दी ही पहुंच जाता है। मीटर शिफ्टिंग, नाम परिवर्तन, निम्नदाब बिजली कनेक्शन, भार वृद्धि-कमी हेतु बिजली दफतर जाये बिना इस एप से ऐसे कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
उपभोक्तागण अपने सहित अन्य 04 विद्युत कनेक्शन के बिल को इस एप के माध्यम से अपने मोबाईल पर देख सकता है। बिल का भुगतान ऑनलाईन कर सकता है। उपभोक्तागण पिछले दो वर्षों में खपत किये गये बिजली की यूनिट्स तथा उसके भुगतान की भी जानकारी इस एप से ले सकते हैं।बिजली बिल में गड़बड़ी की आशंका होने पर उपभोक्तागण इस एप से वर्तमान में लागू बिजली की दर को देखकर स्वयं सही बिजली बिल की गणना कर सकते हैं। मीटर रीडिंग गड़बड़ी सुधारने हेतु उपभोक्तागण मीटर की रीडिंग की फोटो खींचकर इस एप के द्वारा बिजली दफ्तर में भेजकर आसानी से सुधार करवा सकते हैं। - आजूराम का बारिष मे अब घर नही टपकता
पीएम आवास से मिला पक्का मकान
बेमेतरा : हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि छांव के लिए उसका एक खुद का घर हो। इसी सपने को सरकार द्वारा साकार किया जा रहा है। लगभग 58 साल के हितग्राही आजूराम मिर्झा अब खुद के पक्के मकान में रहकर सुकुन की नींद ले रहे है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) गरीब परिवारों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है।
शासन की इस महती योजना से लाभान्वित बेमेतरा नगर पालिका क्षेत्र के कोबिया वार्ड 09 निवासी भूमिहीन आजूराम की पक्के मकान का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से साकार हुआ है। शासन की इस योजना से लाभ पाकर वह बहुत खुश हैं। उल्लेखनीय है कि पेशे से मोची का व्यवसाय के साथ-साथ मेहनत मजदुरी से जीवन यापन करने वाला यह परिवार पहले खपरैल के कच्चे घर में रहता था।
इस परिवार के सदस्यों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका खुद का एक पक्का मकान होगा। अब उनका सपना प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (शहरी) की वजह से हकीकत बन गया है। मिट्टी और खपरैल की छत वाले मकान में रहने वाला आजूराम अब सीमेंट कांक्रीट की छत वाले मकान का मालिक बन गया है। आवास बनाने के लिए उन्हें 2 लाख 28 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीब परिवारों को पक्का मकान दिये जाने की योजना बहुत ही अच्छी है। इससे अति गरीब परिवार अपने आजीविका से सही ढंग से गुजर-बसर करने के साथ सम्मानजनक तरीके से वार्ड में ही निवास कर सकते है। बारिश के दिनों में भी मकान के क्षतिग्रस्त होने की संभावना नही रहेगी। उन्होने बताया कि उसके पक्का मकान में एक कमरा और परछी भी है।
उन्होंने केन्द्र एवं राज्य शासन के इस महती योजना के बारे में बताते हुए कहा कि हम जैसे गरीब परिवारों के लोगों के लिए यह योजना काफी सहारा बन कर आई है, जिसके कारण हमें पक्का मकान दिया गया है। आजूराम ने नगर पालिका अध्यक्ष बेमेतरा श्रीमती शकुन्तला मंगतराम साहू एवं जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पक्का आवास दिये जाने पर आभार व्यक्त किया है। - बेमेतरा : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने एक आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के तहसील बेमेतरा के ग्राम-हेमाबंद एवं मानिकपुर और बघुली मे कोरोना पॉजिटिव के केस पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए इन गांवों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
हेमाबंद के प्रभारी अधिकारी नायब तहसीलदार बेमेतरा श्री राजकुमार मरावी तथा मानिकपुर और बघुली के प्रभारी अधिकारी तहसीलदार नवागढ़ सुश्री रेणुका रात्रे एवं पर्यवेक्षण अधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी बेमेतरा श्री दुर्गेश कुमार वर्मा हांेगे। - बेमेतरा : वर्तमान मे बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मुनरबोड़, झालम, बाराडेरा, बंशापुर, खैरझिटिकला के शासकीय उचित मूल्य दुकानों का आबंटन किया जाना है।अतः छ.ग. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 16 की कंडिका-9(7) के तहत संचालन करने हेतु पात्र एवं इच्छुक अभिकरण (ग्राम पंचायत/महिला स्व-सहायता समूह/प्राथमिक कृषि साख समितियां/अन्य सहकारी समिति/राज्य शासन द्वारा विनिर्दिष्ट उपक्रम/वन सुरक्षा समिति) से आवेदन आमंत्रित किया जाता है।इच्छक संस्था परिशिष्ट एक (आवेदन का प्रारुप) में शुक्रवार 16 अक्टूबर 2020 के अपरान्ह 5 बजे तक कार्यालय अनंविभागीय अधिकारी (रा.) बेमेतरा में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते है। उपरोेक्त दिनांक और समय के पश्चात प्राप्त आवेदनों पर कोई विचार नही किया जायेगा।
छ.ग. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 की कंडिका-9(9) उचित मूल्य के दुकानों का आबंटन हेतु ऐसे अन्य सहकारी समितियां/महिला स्व-सहायता समूह पात्र होंगे जो आवेदन प्राप्त होने के तारीख से कम से कम 03 माह पूर्व पंजीकृत एवं कार्यरत हो तथा जिसमे समाजिक-आर्थिक क्षेत्र मे कार्य करने का अनुभव हो। - बेमेतरा : राज्य मिशन संचालक (एसआरएलएम) विकास आयुक्त कार्यालय इन्द्रावती भवन नवा रायपुर के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना अन्तर्गत, क्षेत्रीय समन्वयक संविदा लिया जायेगा।
जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि इस पद पर पात्र वरीयता सूची के आधार पर 1 अनुपात 10 आवेदकों की दस्तावेज सत्यापन एवं साक्षात्कार/समूह चर्चा हेतु बुधवार 14 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष बेमेतरा मे उपस्थित होने हेतु सूची जिले की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डाॅट बेमेतरा डाॅट जीओव्ही डाॅट इन मे प्रकाशित किया गया है। जिसका अवलोकन किया जा सकता है। - बेमेतरा : जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यकारिणी समिति की प्रथम बैठक मंगलवार 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे कलेक्टोरेट के दृष्टि सभाकक्ष मे आयोजित होगी।
कार्यापालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं समिति के सदस्य सचिव ने सम्बंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। -
प्रदेश मे 1634 संविदा कर्मियों की सेवाएं तीन माह के लिए बढ़ायी गई
बेमेतरा : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम, संक्रमित रोगियों के इलाज में आवश्यक सहयोग तथा आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 1378 अतिरिक्त कर्मियों को संविदा/कलेक्टर दर पर रखे जाने की अनुमति संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दी है।संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा इस संबंध में जारी निर्देश में कोविड-19 हेतु सेवाएं देने के लिए पूर्व में संविदा आधार पर रखे गए प्रदेश के 1634 कर्मियों की सेवा अवधि में 3 माह की और बढ़ोत्तरी किए जाने की भी अनुमति दी गई है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी निर्देश में जिलेवार अतिरिक्त मानव संसाधन हेतु 682 स्टॉफ नर्स, 298 लैब टेक्नीशियन, 250 वार्ड बॉयध्आया, 63 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर एवं 125 स्वच्छता कर्मी इस प्रकार कुल 1378 को कोविड-19 जांच लैब, कोविड हॉस्पिटल एवं कोविड केयर सेंटर में कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से प्राप्त राशि एवं अन्य कोविड-19 कार्यों हेतु प्राप्त निधि के व्यवसायिक सेवा मद की राशि से आगामी 3 माह के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा निर्धारित मापदंडों एवं संविदा/कलेक्टर दर पर सेवाएं लिए जाने की अनुमति प्रदान की गई है।
ज्ञातव्य है कि राज्य में पूर्व में कोविड-19 की रोकथाम एवं आपातकालीन सेवाओं के लिए 18 माइक्रोबायोलॉजिस्ट, 1020 स्टॉफ नर्स, 390 लैब टेक्नीशियन, 28 लैब अटेंडेंट एवं 168 स्वच्छता कर्मी इस प्रकार कुल 1634 को 3 माह के लिए संविदा/कलेक्टर दर पर रखे जाने की अनुमति दी गई थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनकी सेवाओं को आगामी 3 माह के लिए और बढ़ाए जाने के निर्देश जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए गए है। - बेमेतरा : जिले में बारिश के बाद तेज धूप वाले मौसम में कम अवधि में पकने वाली धान के किस्मों में पोंचा दाना एवं बदरंग बालियों की समस्या अनेक स्थानों पर देखने में आ रही है। उप संचालक कृषि ने बताया कि पेनीकल माइट की वजह से धान की बहुत सी किस्मे जैसे राजेश्वरी, महामाया आदि में पोंचा दाना (बदरा) व बदरंग बालियों की समस्या उत्पन्न हो रही है। पेनीकल माइट एक सूक्ष्म जीव है जो की सामान्य रूप से आंखो से दिखाई नहीं देते है इन्हे जूम लेंस की मदद से ही देखा जा सकता है।
यह जीव सूक्ष्म होते है तथा पौध शीथ के नीचे काफी संख्या में रहते है एवं पौधों की बालियों से रस चूसते है, जिससे इनमें दाना नहीं भरता है। इससे प्रभावित हिस्से में भूरा धब्बा जैसा लक्षण दिखाई देता है। इस समस्या की प्रमुख वजह मौसम परिवर्तन है।
किसानों को सुझाव देते हुए कीट प्रकोप के शुरूआती अवस्था में ही प्रोपरर्जाइंट 57 प्रतिशत की 25 मिली प्रति स्पेयर की दर से एवं इथियोन 50 प्रतिशत तथा साइपरमिथरिन 30 मिली प्रति स्पेयर की दर से या प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत की 30 मिली प्रति स्पेयर की दर से छिड़काव करें। यह मौसम इस कीट की संख्या बहुत तेजी से बढने के लिए अनुकुल है।
किसानों को सलह दी जाती है कि अपने खेत के फसलों में लगने वाले कीट एवं बीमारियों का सतत निरीक्षण करते रहे।सोयाबीन एवं धान के फसलों में आवश्यकता से अधिक जल हो तो निकासी का उचित प्रबंधन करें, अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारीयों से संपर्क कर उचित प्रबंधन की कार्रवाई करें। - किसानों को कीट एवं बीमारियों रोकथाम नियंत्रण की दी गई जानकारीे
बेमेतरा : राज्य में खरीफ मौसम खरीफ फसलों की सुरक्षा और कीट-व्याधियों की रोकथाम हेतु कृषि विभाग द्वारा किसान भाईयों को आवश्यक सलाह दी गई है। कृषि विभाग ने कहा है कि चालू खरीफ मौसम में पर्याप्त वर्षा होने के कारण धान की फसल अच्छी पैदावार होने की संभावना है। विगत दिनों से राज्य के कुछ जिलों में असामयिक वर्षा एवं आर्द्र मौसम होने के कारण कीट एवं बीमारियों के प्रकोप की शिकायत मिल रही है। वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए किसानों को विभिन्न कीट एवं बीमारियों के नियंत्रण हेतु निम्नानुसार उपाय अपनाने की समझाईश दी गई है।
कृषि विभाग ने पेनीकल माईट सूक्ष्म जीव से फसलों की रक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि इसके प्रकोप के कारण पौधे में दाना एवं बालिया बदरंग हो जाती है। दानों में दूध नहीं भरने के कारण बालियां पोचा पड़ जाता है। दाने बदरंग हो जाते है और भूरा धब्बा जैसे दिखाई पड़ते है। ये जीव बालियों के रस को चूस लेती है ये सामान्य आखों से दिखाई नहीं देता ये बहुत अधिक संख्या में पौधों के शीथ के नीचे छिपे होते है। इसके नियंत्रण के लिए प्रोपर जाईट 57 प्रतिशत की 25 मि.ली प्रति स्प्रेयर की दर से एवं इथियोन 50 प्रतिशत तथा सायपर मेथ्रिन 30 प्रतिशत की दर से एवं प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत की 30 मि.ली. प्रति स्प्रेयर की दर से छिड़काव सुबह या शाम में करने की सलाह दी गई है।
इसी तरह धान फसल में भूरा माहो रोग की समस्या देखने को मिल रही है। भूरा माहो धान की बहुत ही नुकसान दायक कीट है, जो धान के तने से रस चूस कर बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाता है। वातावरण में उसम होने के कारण भूरा माहो का प्रकोप बढ़ जाता है। मध्यम से लंबी अवधि में पकने वाली किस्मों में अधिक नुकसान पहुंचाती है। भूरा माहो के प्रकोप वाले पौधें गोल घेरे में पीली या भूरे रंग के दिखाई देनी लगती है व सूख जाती हैं यह कीट पानी के सतह के ऊपर पौधें से चिपककर रस चूसता है। भूरा माहो के नियंत्रण के लिए किसान को नीम का तेल 2500 पी.पी.एम. वाला 1 लीटर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए या इमिडाक्लोरोपिड 17.8 एस.एल. 25 मि.ली. प्रति एकड़ या डायनोटेफ्यूरोन 20 प्रतिशत एस.जी. 60 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव फसल एवं मेड़ पर करने की सलाह दी गई है।
कृषि विभाग ने कहा है कि शीथ ब्लाइट एक फफूंद जनित रोग है। यह फसल के सही प्रबंधन नहीं होने के कारण होता हैं। जिस खेत में अधिक दिनों तक लगातार पानी जमा रहने से, नमी युक्त मौसम व मेड़ों पर उगे घास से धान में फैलती है। धीरे-धीरे बीमारी पूरे फसल में फैल जाती है। इस रोग से ग्रसित धान फसल की बालियां काली पड़ती है। शीथ ब्लाइट का प्रकोप सबसे पहले धान के तने में होता है। तने में काले धब्बे पड़ जाते है। इसके नियंत्रण के लिए किसान खेत में जमे अतिरिक्त पानी का निकासी करें, तुरंत फफूंद नाशक दवाईयां जैसे कार्बेन्डाजिम का छिड़काव 500 ग्राम प्रति 500 लीटर पानी में घोल बनाकर आवश्यकतानुसार छिड़काव करें।
इसी तरह बैक्टिरियल लीफ ब्लाइट रोग धान में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। इस रोग में धान फसल के पत्ते पीले या पैरा के रंग के एवं एक या दोनों किनारों से ऊपर या नीचे बढ़ते है और अंत में सूख जाते है। अधिक प्रकोप होने पर पूरा का पूरा पौधा सुख जाता है। इस रोग के लक्षण प्रकट होने पर कृषक कापर आक्सीक्लोराइड का 25-30 मि.ली प्रति स्प्रेेयर की दर से छिड़काव करें या एग्रोमाईसिन 100 ग्राम 500 लीटर पानी में घोल बनाकर 10 से 12 दिन के अंतराल में 2 से 3 बार आवश्यकतानुसार छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
किसान भाईयों को फसलों में कीट-व्याधि लगने की सूचना तत्काल अपने इलाके के कृषि विस्तार अधिकारी को देनेको कहा गया है। किसानों को अपनी फसलों का निरंतर निरीक्षण करने तथा कीट-व्याधि के प्रकोप की रोकथाम के लिए अनुशंसित मात्रा में ही दवाईयों का उपयोग करने को कहा गया है। - व्याख्याता/शिक्षकों को 13 अक्टूबर 2020 तक पदभार ग्रहण करने के निर्देश
बेमेतरा : शासकीय शिवलाल राठी उत्कृष्ठ (अंग्रेजी माध्यम ) विद्यालय, बेमेतरा में व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला/पूर्व माध्यमिक शाला, कम्पयूटर शिक्षक, प्रयोग शाला सहायक तथा व्यायाम शिक्षक की भर्ती हेतु प्राप्त आवेदनों मेरीट सूची तैयार कर प्रत्येक पद हेतु 1 अनुपात 6 के अनुपात में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु आमंत्रित किया है।
जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती मधुलिका तिवारी ने बताया कि इसी क्रम में 04 अक्टूबर 2020 को व्याख्याता हिन्दी के 01 पद, व्याख्याता संस्कृत के 01 पद, व्याख्याता अंग्रेजी के 01 पद, व्याख्याता गणित के 01 पद, व्याख्याता जीव विज्ञान के 01 पद तथा व्याख्याता सामाजिक अध्ययन के 01 पद हेतु इसके अतिरिक्त सहायक शिक्षक कला 03 तथा सहायक शिक्षक विज्ञान के 02 पदों हेतु 01 अनुपात 6 के अनुपात में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में उपस्थित होने आमंत्रित किया गया थाइस प्रकार कुल 11 पदों हेतु कुल 66 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया गया था जिसमें से 21 अभ्यर्थी साक्षात्कार में उपस्थित हुए। उपस्थित अभ्यर्थियों में से मेरीट के आधार पर 05 व्याख्याता तथा 02 सहायक शिक्षकों को संविदा नियुक्ति आदेश दिनांक 04 अक्टूबर 2020 को जारी किया गया था चयनित व्याख्याता/शिक्षकों को 13 अक्टूबर 2020 तक पदभार ग्रहण करने हेतु निर्देशित किया गया है।
05 अक्टूबर 2020 को शिक्षक संस्कृत, अंग्रेजी, गणित तथा विज्ञान के 01-01 पदों हेतु तथा प्रयोगशाला सहायक के 03 पद एवं व्यायाम शिक्षक के 01 पद हेतु 01 अनुपात 6 के अनुपात में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु आमंत्रित किया गया था 08 पदों हेतु बुलाए गए 48 अभ्यर्थियों में से 10 अभ्यर्थी साक्षात्कार में उपस्थित हुए। इसी प्रकार 06 अक्टूबर 2020 को कम्प्यूटर शिक्षक के 01 पद, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के 01 पद, प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के 01 पद तथा गं्रथपाल के 01 पद हेतु 1 अनुपात 6 के अनुपात में अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया । - बेमेतरा : चालू मानसून सत्र के दौरान बेमेतरा में एक जून से अब तक कुल 1090.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा के अधिकारियो ने आज यहा बताया कि 01 जून 2020 से अब तक बेमेतरा तहसील में 1319.6 मि.मी. और बेरला तहसील में 1091 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है।
इसी प्रकार साजा तहसील में 959 मि.मी., थानखम्हरिया 1291 मि.मी. एवं नवागढ़ मे 790 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है। - विश्व दृष्टि दिवस इस बार ‘पहले दृष्टि, फिर सृष्टि‘ थीम पर

बेमेतरा : राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम जिला बेमेतरा अंतर्गत प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के द्वितीय गुरूवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष 08 अक्टूबर 2020 को ‘पहले दृष्टि, फिर सृष्टि‘ थीम पर आधारित विश्व दृष्टि दिवस कार्यक्रम मनाया जाना है। इसका उद्देश्य जन सामान्य को दृष्टि की सुरक्षा, दृष्टिहीनता के कारण, इसके बचाव तथा उपचार के विषय में जानकारी देना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ सतीश शर्मा के मार्गदर्शन में नोडल अधिकारी (अंधत्व) डाॅ. समता रंगारी ने बताया कि लगभग 25 प्रतिशत व्यक्ति दृष्टिदोष से पीड़ित है, जिसे चश्में से ठीक किया जा सकता है। 16 वर्ष से कम आयु के लगभग 0.8 प्रति हजार बच्चे दृष्टिहीनता से पीड़ित है। प्रति हजार में 400 व्यक्ति मोंतियाबिंद से पीड़ित है। 75 प्रतिशत नेत्रहीनता समय पर सही ध्यान देने से बचाया जा सकता है।
प्रत्येक छः माह में अपने आंखों की जांच नेत्र विशेषज्ञ से अवश्य करावें। प्रति दिन सुबह उठकर एवं रात को सोते समय आॅख एवं आॅख के चारो ओर की त्वचा को साफ पानी से धोयें। आॅखों और चेहरे को साफ करने के लिए साफ और अपना अलग तौलिया इस्तेमाल करें। धूप और बहुत तेज रोशनी से आॅखों को बचायें। अच्छें किस्म के चश्में/गागल्स का उपयोग करें।
आॅखों को दुर्घटना से बचायें जैसेः-आतिशबाजी, तीर कमान, गिल्ली डंडा खेलते समय सावधानी बरतें। आॅखों में कुछ गिर जाये तो आॅख को मलिये नहीं एवं साफ पानी से आॅख धोकर बाहरी कण को बाहर निकाल दें। पुस्तक को आॅखों से 1 से डेढ़ फीट की दूरी पर रखकर पढ़ें। चलती बस में या लेटे हुए या बहुत कम प्रकाश में कभी भी न पढ़े। इससे आॅखो पर जोर पड़ता है, पर्याप्त प्रकाश में पढ़े।
रतौंधी से बचने के लिए हरे पत्तेदार सब्जी, गाजर, पपीता, आम, कद्दू, शकरकंद, दूध, मछली एवं अण्डे आदि आहार के साथ लेवें। शिशु को 09 माह से 05 वर्ष तक प्रत्येक 06 माह के अंतराल से विटामिन ए का घोल पिलाये अर्थात कुल 09 बार विटामिन ए की खुराक दें। आॅखो का इलाज स्वयं ना करे तथा नीम हकीमों से न करायें तुरंत इलाज अथवा सलाह के लिए निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल जायें। बच्चों/छात्रों में दृष्टिहीनता मुख्यतः दृष्टिदोष के कारण होती है।
आंखो को स्वस्थ्य रखने के लिए प्रतिदिन हरी घास पर खाली पांव चलें। समय से पहले (07 माह) जन्म लेने वाले बच्चे का नेत्र परीक्षण कराना अति आवश्यक है, क्योकि इनमें रेटिनोपेथी होने की संभावना रहती है। 40 वर्ष एवं अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को वर्ष में एक बार नेत्र परीक्षण कराना चाहिये। 40 वर्ष केे बाद नजदीक सेे पढ़ने-लिखने के लिए चश्में की आवश्यकता होती है, साथ ही ब्लड प्रेषर एवं ब्लड शुगर की जांच कराना चाहिये।
जिन लोगों को नजदीक के चश्में का नबंर बार-बार बदलता है या फिर सामने की वस्तु साफ दिखायी देती है, परंतु अगल-बगल की वस्तु साफ दिखायी नहीं देती है या आंखों में अचानक दर्द होता है तो उन्हें ग्लाॅकोमा (काला मोतियाबिन्द) होने की संभावना रहती है। मोतियाबिन्द से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर आॅपरेशन कराने से ठीक किया जा सकता है।
अत्यधिक मोबाईल का उपयोग तथा तीव्र प्रकाश एवं असुरक्षित बल्ब के कारण आॅखो में दर्द, चुभन, लाल होना, आंसू, दृष्टि में धुधलापल और सूजन की समस्या होती है, अतः सावधानी बरतें। - बेमेतरा : कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए जागरुकता अभियान के तहत स्वास्थ्य चेतना रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस के शर्मा, कोविड प्रभारी डाॅ. ज्योति जसाठी उपस्थित थे। - बेमेतरा : भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020-21 के प्री.मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति हेतु पोर्टल प्रारंभ किया जा चुका है, इन योजनाओं हेतु विभिन्न प्रक्रियाओं हेतु 31 अक्टूबर 2020 को अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। परंतु आॅनलाईन नेशनल स्कालरशिप पोर्टल के आॅनलाईन प्रगति का अवलोकन करने पर जिले के कुल 1491 पंजीकृत संस्थाओं में से केवल 542 संस्था का पूर्व में के वाई सी अप्रूवल हुआ है।आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा को जिले में संचालित समस्त शासकीय/अशासकीय प्राथमिक शाला/मा.शाला/हाई स्कूल/उ.मा.शालाओं के संस्था प्रमुखों को के वाई सी रजिस्ट्रेशन कर सत्यापित प्रति इस कार्यालय को 11 अक्टूबर 2020 तक उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है, ताकि समय-सीमा में छात्र-छात्राओं को अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की स्वीकृति की जा सकेगी।


























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