-
पहली किश्त के रूप में 23 हजार 832 किसानों के खाते में सीधे पहंुचाई गई 17 करोड़ 85 लाख रूपये की राशिराजीव गांधी किसान न्याय योजना शुभारंभ कार्यक्रम में दिल्ली से श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुए शामिल
कोरबा 21 मई : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए वीडियो काॅनफ्रेंसिंग के माध्यम से राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ किया। सांसद श्रीमती सोनिया गांधी और सांसद श्री राहुल गांधी नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए शामिल हुए। श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से गरीब आदिवासी किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। कोरोना संकट की स्थिति में किसानों को सीधे उनके खाते में राशि देने की शुरूआत की। उन्होंने इस क्रांतिकारी योजना के लिये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार के साथ ही प्रदेश के गरीबों, किसानों एवं मजदूरों को शुभकामनाएं दी। श्री राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों को मदद पहुंचाने के लिए उनके खाते में सीधे राशि दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ सरकार संकट के समय में, लोगों की मदद कैसे की जा सकती है, इसका देश को रास्ता दिखाया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमण्डल के सभी सहयागियों और छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी।छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपनी तरह की एक बडी योजना है। इस योजना के तहत कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजार रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी। पहली किश्त के रूप में जिले के 23 हजार 832 किसानों को 17 करोड़ 85 लाख 27 हजार रूपये का भुगतान कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने के लिए सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जा रही है।राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुभारंभ के मौके पर जिला पंचायत कोरबा के सभाकक्ष में विधायक तानाखार श्री मोहित राम केरकेट्टा, विधायक कटघोरा श्री पुरूषोत्तम कंवर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, महापौर नगर निगम कोरबा श्री राजकिशोर प्रसाद, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद कटघोरा श्री रतन मित्तल, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दीपका श्रीमती संतोषी दीवान, अध्यक्ष नगर पंचायत छुरी श्रीमती नीलम देवांगन, कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, एडीएम श्री संजय अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत कोरबा श्री एस. जयवर्धन, आयुक्त नगर निगम श्री राहूल देव, उप संचालक कृषि श्री एम.जी.श्यामकुंवर एवं नोडल अधिकारी सहकारिता श्री सुशील जोशी मौजूद रहे।
मक्का उत्पाद किसानों को भी मिलेगा लाभ-राज्य सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2019 में सहकारी समिति लैम्पस के माध्यम से उपार्जित मक्का फसल के किसानों को भी लाभ देने का निर्णय लिया है। मक्का फसल के आकड़े लिए जा रहे है। जिसके आधार पर आगामी किश्त में उनको भुगतान किया जाएगा। इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी। - कोरबा 20 मई : जिला प्रशासन कोरबा द्वारा कोरबा जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग (पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर) के योग्य अभ्यर्थियों से सहायक गे्रड-3 के रिक्त दो पदो ंके लिए आवेदन 20 दिसंबर 2019 तक आमंत्रित किया गया था। उक्त पदो ंके लिए प्राप्त आवेदनों पर पात्र-अपात्र अभ्यर्थियों की पदवार सूची तैयार कर कलेक्टोरेट कार्यालय के सूचना पटल पर चस्पा कर दिया गया है। उक्त सूची को कोरबा जिले के वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट कोरबा डाट जीओव्ही डाट इन में सर्व संबंधितों के अवलोकन के लिए अपलोड किया गया है। अभ्यर्थी पात्र-अपात्र सूची पर लिखित में दावा आपत्ति आवश्यक दस्तावेज के साथ 29 मई 2020 शाम पांच बजे तक जिला कार्यालय कलेक्टोरेट कोरबा के कक्ष क्रमांक 30 में प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित तिथि एवं समय के पश्चात प्राप्त दावा आपत्ति पर विचार नहीं किया जायेगा।
-
कलेक्टर ने की समीक्षा, प्रभारी अधिकारियों को चल रहे कामों का नियमित निरीक्षण करने दिए निर्देश* जिले की छह परियोजनाओं में आठ करोड़ रूपये के 145 काम स्वीकृत, 58 हुए पूरे, 87 प्रगतिरत*
कोरबा 20 मई : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिले में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजनाओं के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जिले के किसानों को खेती के लिए सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा देने इन सभी कामों को बारिश शुरू होने के पहले पूरे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने जल ग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम से जुड़े सभी अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने और जारी कामों का नियमित निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने पांच लाख से अधिक लागत के सभी कामों का भौतिक परीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी उप संचालक कृषि को दिए। बैठक में श्रीमती कौशल ने जल संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बनाये जा रहे तालाबों, चेकडेम, स्टापडेम, डबरी, बोल्डर चेक कार्य, सिंचाई नाली निर्माण आदि सभी को पूरी गुणवत्ता से कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इन सभी कामों में कोताही बरतने और गुणवत्ताहीन कार्य कराने पर कड़ी कार्यवाही की भी चेतावनी अधिकारियों को दी।
उल्लेखनीय है कि जिले में छह एकीकृत जल प्रबंधन परियोजनाएं संचालित की जा रही है। इन परियोजनाओं से 41 गांवों को लाभ मिलेगा। पाली विकासखंड और पोंड़ी उपरोड़ा विकासखंड में दो-दो परियोजनाएं तथा कोरबा और करतला विकासखंड में एक-एक परियोजना संचालित है। इन परियोजनाओं के तहत जल संरक्षण एवं संवर्धन के साथ-साथ सिंचाई सुविधाएं विकसित करने के लिए आठ करोड़ पांच लाख रूपये की लागत के 145 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इसमें से अब तक पांच करोड़ 27 लाख रूपये की लागत से 58 कार्य पूरे हो गये हैं। और 87 कार्य प्रगतिरत हैं। -
कोरबा जिले में 67.62 करोड़ रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से चार किश्तों में किसानों के खातों में जाएगीपहली किश्त के रूप में 23 हजार 832 किसानों को मिलेंगे 17 करोड़ 85 लाख रूपयेपूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर रायपुर से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल करेंगे शुभारंभ,कोरबा जिला पंचायत सभाकक्ष में होगा जिला स्तरीय कार्यक्रम
आगामी सीजन में दलहन और तिलहन पर भी मिलेगी सहायता राशि
कोरबा 20 मई : छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने का जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई के दिन राजधानी रायपुर से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस योजना का विधिवत् शुभारंभ करेंगे। जिला स्तर पर योजना का शुभारंभ कार्यक्रम जिला पंचायत सभाकक्ष में होगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल रहेंगे। इस योजना के तहत कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजाऱ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी। पहली किश्त के रूप में जिले के किसानों 17 करोड़ 85 लाख 27 हजार रूपये का भुगतान किया जायेगा।राज्य सरकार किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरूआत कर रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने के लिए सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना में धान फसल के लिए 23 हजार 832 किसानो को प्रथम किश्त के रूप में 17 करोड़ 85 लाख 27 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2019 में सहकारी समिति लैम्पस के माध्यम से उपार्जित मक्का फसल के किसानों को भी लाभ देने का निर्णय लिया है। मक्का फसल के आकड़े लिए जा रहे है। जिसके आधार पर आगामी किश्त में उनको भुगतान किया जाएगा। इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कोटकी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी ।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में जिले के किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत साढ़े चैतीस करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले जिले के लगभग 23 हजार किसानों का 118 करोड़ 77 लाख रूपए का कर्ज माफ किया गया है साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई गई है। -
धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, तिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली, सोयाबीन तथा गन्ना की खेती के लिए मिलेगी सहायता
कोरबा 20 मई : चालू वर्ष 2020 में खरीफ और रबी मौसम में खेती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत लाभ प्राप्त करने किसानों का पंजीयन एक जून से शुरू होगा। पंजीयन की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है। योजना के तहत किसानों को लगभग 14 प्रकार की अनाज, दलहन-तिलहन फसलों की खेती के लिए डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डालकर लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना के तहत चिन्हांकित फसलों का उत्पादन करने वाले पंजीकृत कृषकों को ही लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, तिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली एवं सोयाबीन तथा रबी मौसम में गन्ना फसल को सम्मिलित किया गया है। जिसके अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2019 में धान एवं मक्का फसल लगाने वाले पंजीकृत किसानों को अधिकतम राशि दस हजार प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि किस्तों में डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जायेगा।खरीफ वर्ष 2020 से इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु कृषकों को 01 जून से 30 सितम्बर के मध्य नवीन पोर्टल में पंजीयन कराना होगा। इस हेतु निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा पटवारी को उपलब्ध करानी होगी ताकि कृषि एवं राजस्व विभाग के द्वारा संयुक्त गिरदावरी कर पंजीकृत रकबे का सत्यापन कर पोर्टल में दर्ज किया जा सके। किसानों द्वारा आवेदन पत्र में प्रतिवेदित रकबे तथा वास्तविक बोये गए रकबे में विसंगति होती है तो इस स्थिति में संयुक्त प्रतिवेदन के आधार पर पाये गए वास्तविक रकबे का ही इन्द्राज पोर्टल में किया जाएगा। इसी आधार पर आदान सहायता राशि का भुगतान भी किया जाएगा। आदान सहायता राशि का निर्धारण प्रतिवर्ष किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए योजना में प्रावधान किया गया है कि पिछले साल धान की फसल लगाने वाले ऐसे किसान जो इस वर्ष धान छोड़कर कोई अन्य फसल लगाना चाहते हों, उन्हें प्रोत्साहित करने राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन कर सकते है। -
125 सेंटर बने लगभग आठ हजार लोगों को किया जा सकेगा क्वारेंटाइनकलेक्टर ने वीडियो कंाफेंसिंग से की समीक्षा, सभी इंतजाम करने दिए निर्देश
कोरबा 19 मई : कोरबा जिले में बाहर कहीं से भी आने वाले किसी भी श्रमिक, विद्यार्थी, तीर्थ यात्री, पर्यटक या अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की 14 दिन तक संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। ऐसे सभी लोगों की जानकारी भी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिले में स्थापित 125 क्वारेंटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों और उनके लिए किये गये इंतजामों की समीक्षा की। कलेक्टर ने क्वारेंटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों के लिए ठहरने, भोजन, साफ-सफाई के साथ-साथ मेडिकल टीम की भी व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश बैठक में दिए। श्रीमती कौशल ने इन क्वारेंटाइन सेंटरों में गर्भवती महिलाओ, बुजुर्गों, बीमारों के साथ-साथ शिशुवती महिलाओं की विशेष देखरेख करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इन सेंटरों में सुरक्षा की चाक चैबंद व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि रेलों, बसों, पैदल या किसी भी तरीके से बाहर से कोरबा आने वाले सभी लोगों को 14 दिनों तक प्रशासन द्वारा बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटरों में ही रखा जाये। ऐसे लोगों की जानकारी छुपाने और उनसे कोरोना संक्रमण होने पर संबंधित लोगों के विरूद्ध प्रशासन द्वारा महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही भी की जाये।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि बाहर से आये लोगों का सीधे घर न जाकर 14 दिन अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रहने से उनके परिजनों के साथ-साथ आसपास के लोगों में भी कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा। श्रीमती कौशल ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों और अन्य किसी कारणों से बाहर गये लोगों के कोरबा जिले में वापस लौटकर सीधे अपने-अपने घर पहुंच जाने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका है। ऐसे में कलेक्टर ने बाहर से आने वाले सभी लोगों को होम क्वारेंटाइन में नहीं रखते हुए प्रशासन की निगरानी में संस्थागत क्वारेंटाइन में ही रखने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
श्रीमती कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले उच्च एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए उनकी मांग पर पेड क्वारेंटाइन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है। शहरी क्षेत्रों में नौ विभिन्न होटलों-लाॅजों में बनाये गये पेड क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। प्रशासन द्वारा होटल संचालकों की सहमति से निर्धारित की गई रियायती दर में ठहरने के साथ-साथ सुबह-शाम नाश्ता और दोपहर तथा रात का शाकाहारी भोजन शामिल किया गया है। पेड क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए होटल संचालकों को अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा।
कलेक्टर ने यह भी बताया कि बाहर से आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले बुजुर्गों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं जिन्हे कोरोना से बचाव के साथ-साथ अन्य परेशानियों के लिए भी अतिरिक्त चिकित्सा एवं देखरेख की जरूरत है, ऐसे सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा बालाजी ट्रामा सेंटर में आइसोलेशन में रखे जाने की व्यवस्थाएं कर ली गई है। कलेक्टर ने जिला वासियों से अपील की है कि उनके घर-परिवार, रिश्तेदारों या आस-पड़ोस में कहीं भी बाहर से आने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और ऐसे सभी लोगों की सूचना वे प्रशासन को समय पर देवें ताकि सभी के सहयोग से जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।
बाहर से आये लोगों की सूचना देना जरूरी, प्रशासन ने जारी किये फोन नंबर- देश के अन्य प्रान्तों या अन्य जिलों से कोई भी व्यक्ति कोरबा आया हो तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को फोन नंबर 07759-224827 और 228548 पर दी जा सकती है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों और लोगों से कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील जिला वासियों से की है। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को जिले में फैलने से रोकने के लिए बाहर से आये किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को देवें। कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने संस्थागत क्वारेंटाइन की पूरी व्यवस्थाएं कर ली है। जिले में ग्रामीण और शहरी इलाको को मिलाकर अब तक 125 क्वारेंटाइन सेंटरों में आठ हजार लोगों के 14 दिनों तक रूकने के लिए भोजन, साफ-सफाई, शौचालय, स्नानागार, पंखे, सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल चेकअप और सामान्य ईलाज की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा चुकी है। श्रीमती कौशल ने बताया कि इन क्वारेंटाईन सेंटरों में अभी तक अन्य राज्यों एवं जिलों से आये दो हजार से अधिक लोगों को रखा गया है। -
देर शाम कलेक्टर ने किया निरीक्षण, ईलाज के लिए कोविड अस्पताल बिलासपुर भेजा गया
कोरबा 19 मई : राजधानी एक्सपे्रस से 13 मई को दिल्ली से बिलासपुर आकर कोरबा पहुंचे 25 वर्षीय छात्र की कोरोना जांच रिपोर्ट आज पाजिटिव आ गई है। युवक को दिल्ली से लौटने के बाद शहर के महाराजा इन होटल में बने पेड क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया था। युवक की रिपोर्ट पाजिटिव आते ही कलेक्टर किरण कौशल सहित मेडिकल टीम और वरिष्ठ अधिकारी तत्काल क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने छात्र की टेªवल हिस्ट्री और संपर्क में आये लोगों के बारे में जानकारी ली। छात्र को परेशान नहीं होने और धैर्य रखने की समझाईश दी। संक्रमित छात्र में कोविड-19 से संबंधित कोई भी प्रारंभिक लक्षण नहीं हैं। पूरे सुरक्षा मापदण्डों के साथ छात्र को ईलाज के लिए विशेष कोविड अस्पताल बिलासपुर भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि यह छात्र दिल्ली के पटेल नगर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। कोरोना संक्रमण के कारण हुए लाॅक डाउन के दौरान छात्र दिल्ली में ही फंस गया था। नई दिल्ली से बिलासपुर तक चली विशेष राजधानी एक्सपे्रस से यह छात्र इस महिने की 13 तारीख को बिलासपुर पहुंचा था। जहां से उसे जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य जांच के बाद विशेष बस से कोरबा लाया गया था। छात्र को होटल महाराजा इन में 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया था। इस दौरान कोरोना जांच के लिए छात्र का सेम्पल 14 तारीख को रायपुर एम्स भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट आज शाम पाजिटिव मिली है।
कलेक्टर किरण कौशल ने आज शाम इस पेड क्वारेंटाइन सेंटर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये गये इंतजामों और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस होटल में दिल्ली से तेरह तारीख को ही आये अन्य 18 लोगों को भी क्वारेंटाइन में रखा गया है। संक्रमित छात्र की संपर्क हिस्ट्री ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया गया है। पूरे होटल को शाम को ही सेनेटाईज किया गया है। होटल में काम करने वाले स्टाफ को बाहर नहीं जाने और स्टाफ की भी जरूरी जांच के निर्देश कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए हैं। -
- 17 मार्च से घर से हैं दूर, संभाल रहे सैंपलिंग की बागडोर
- कोविड की जांच करने शुरू में लगा डर पर घरवालों ने बढ़ाया हौसला
कोरबा 19 मई : प्रदेश का कोरबा जिला कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के रूप में उभरा था, परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मयोद्धाओं और जुझारू स्वास्थ्य अधिकारियों की बदौलत वर्तमान में जिले में एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं है। डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस टीम की कुशल वायरस रोकथाम रणनीति और धृत गति से कोरोना के लिए टेस्ट की वजह से यह स्थित बन सकी है। इसमें अहम भूमिका मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट का है। कोरोना का पहला केस मिलने के बाद से अभी तक ये स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवार और बच्चों से दूर हैं। 24 घंटे ड्यूटी करते हुए अस्पताल ही इनका घर और पूरा जिला इनका कार्यस्थल बन गया है।
जिले के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. कुमार पुष्पेश एवं जिला एपीडिम्योलॉजिस्ट डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद ने बताया सीएमएचओ बी.बी. बोर्डे के नेतृत्व में कोरोना सर्विलेंस का कार्य पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग कर हर व्यक्ति इस समय कोरोना वायरस से लड़ने में अपनी भूमिका निभा रहा है | जिला अस्पताल कोरबा के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमएलटी) दिनेश कुमार साहू और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पताड़ी के राजेन्द्र मानसर 24 घंटे सेवाएं देते हुए लोगों का सैंपल ले रहे हैं। इनकी मुस्तैदी की वजह से जिला रेड जोन से निकलने में सफल रहा है। हालांकि सैंपल कलेक्शन के साथ-साथ इन्होंने ब्लॉक स्तर पर भी लैब तकनीशियनों को सैंपल कलेक्शन की ट्रेनिंग दी है। जिसकी वजह से जिले के पांच ब्लॉक में अब सैंपल कलेक्शन का कार्य किया जाने लगा है। जान की परवाह किए बगैर ये योद्धा समुदाय और समाज के प्रति अपने अथक कर्तव्यपरायणता का परिचय दे रहे हैं। परंतु 62 दिनों से अपने परिवार और बच्चों से दूर रहने का गम उन्हें हैं, पर कर्तव्य के आगे उनके अपनों का हौसला उन्हें कार्य के लिए प्रेरित कर रहा है।
लगा डर,पत्नी ने किया प्रोत्साहित- मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमएलटी) दिनेश कुमार साहू कहते हैं “मार्च माह में जब जिले में पहला केस सामने आया और उसके बाद पूरे जिले में सैंपलिंग की योजना बनीं। जब संक्रमित क्षेत्र समेत पूरे जिले में टेस्टिंग करने की जानकारी मिली तो कोवि़ड-19 को लेकर बहुत डर लगा। खासकर तब, जब टेस्टिंग के बाद घर नहीं अलग ही रहना होगा यह जानकर।“ उन्होंने बताया पत्नी ने हौसला बढ़ाते हुए कहा “वैश्विक महामारी में आपको अवसर मिला है, समुदाय के लिए कार्य करने का आप अपने कर्तव्य को निभाईए हम सब आपके साथ हैं।“ उसकी बातों ने मेरे मन के डर को भगाया जिसका परिणाम यह हुआ अब तक मैं 1200 के लगभग सैंपल लेने (जिसमें से 24 पॉजिटिव ) में सफल रहा। अकेले रह रहा हूं, बेटों को देखने की इच्छा होती है।
बेटे को देखने की इच्छा- पताड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमटीएल) राजेन्द्र मानसर कहते हैं कोविड-19 संक्रमितों की टेस्टिंग करने की जिम्मेदारी जब उन्हें सौंपी गई तब उन्हें भी बीमारी के बारे में सुनकर बहुत डर लगा। मम्मी-पापा ने उनका हौसला बढ़ाया और सैंपल कलेक्शन से पीछे नहीं हटने की सीख दी। अब तक लगभग 1300 सैंपल लिया है। डर तो खत्म हो गया, इस महामारी के दौर में बस समाज और समुदाय के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है। उन्होंने बताया बिना किसी छुट्टी के मार्च से सैंपल कलेक्शन में जुटकर 24 घंटे काम कर रहे हैं, घरवालों विशेषकर बेटे को देखने की इच्छा है। -
कोरबा 18 मई : कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत बीस मई बुधवार को प्रातः 11 बजे वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करेंगी। इस वीडियो कांफे्रंसिंग में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल सहित सभी विभागीय अधिकारी एवं मैदानी अमला भी कलेक्टोरेट तथा ब्लाक मुख्यालयों से जुड़ेगा। सांसद श्रीमती महंत वीडियो कांफे्रंसिंग से जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों की कार्य प्रगति की भी समीक्षा करेंगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को इस वीडियो कांफें्रसिंग में जानकारी सहित उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए हैं। - कोरबा सांसद से मिलीं कलेक्टर श्रीमती कौशल, कोरोना संक्रमण की रोकथाम और सड़कों पर हुई चर्चाकटघोरा में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण पर कलेक्टर को मिली प्रशंसा, आगे भी सघन निगरानी करने को कहा
कोरबा 18 मई : सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत कोरबा जिले की सड़कों और कोरोना संक्रमण के नियंत्रण को लेकर बेहद संजीदा हैं। लाॅक डाउन के बावजूद भी श्रीमती महंत ने आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल को अपने निवास पर बुलाकर जिले में सड़कों और कोरोना की रोकथाम के लिए किये जा रहे कामों की जानकारी ली। श्रीमती महंत ने कोरबा-चांपा, छुरीकला, कटघोरा-पाली की खराब सड़कों की मरम्मत और नई सड़कें बनाने के काम की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी कलेक्टर से ली। सांसद ने जिले में चल रहे सड़क मरम्मत और निर्माण के कामों में पूरी गुणवत्ता रखने और तय समय सीमा में काम पूरा करने के निर्देश ठेकेदारों को देने के लिए कहा।
श्रीमती महंत ने इन कामों की लगातार निगरानी रखने और काम की गति किसी भी कारण से धीमी नहीं पड़ने देने की बात भी चर्चा के दौरान कही। सांसद श्रीमती महंत ने कटघोरा में फैले कोरोना संक्रमण को तेजी से नियंत्रित करने पर कलेक्टर श्रीमती कौशल और उनकी टीम में शामिल जिले के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की तथा उन्हें बधाई दी। श्रीमती महंत ने आगे भी कोरोना संक्रमण को लेकर जिले में सघन निगरानी रखने की सलाह कलेक्टर को दी। उन्होंने बाहर के प्रान्तों से कोरबा आने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए क्वारेंटाइन सेंटरों में अच्छी से अच्छी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को भी कहा। श्रीमती महंत क्वारेंटाइन सेंटरों में बाहर से आने वाले बीमार श्रमिकों और गर्भवती महिलाओं को मेडिकल जांच के बाद सभी जरूरी ईलाज तथा सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
चर्चा के दौरान कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सांसद श्रीमती महंत को बताया कि जिले की खराब हो चुकी सड़कों की मरम्मत और नई सड़क बनाने के काम शुरू हो गये हैं। पाली से कटघोरा सड़क के बनाने का काम एक सप्ताह पहले शुरू हो गया है। इस सड़क पर बिलासपुर की ओर मुनगाडीह में गाजर नाला पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। श्रीमती महंत ने बिलासपुर-पाली-कटघोरा सड़क बनाकर लोगों को आने-जाने की बेहतर सुविधा देने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता से कराने को कहा। उन्होंने मुनगाडीह पुल को यथासंभव बरसात के पहले पूरा बना लेने के लिए काम तेज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सांसद श्रीमती महंत को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण के अधीन आने वाली कोरबा-कटघोरा सड़क के छुरी खंड में ढाई किलोमीटर के अत्याधिक क्षतिग्रस्त पेंच की मरम्मत के लिए भी साढ़े सात करोंड़ रूपये की स्वीकृति राज्य शासन ने दे दी है। इस काम के लिए निविदा भी बुला ली गई है। आगामी एक हफ्ते में काम करने वाली एजेंसी तय कर ली जायेगी।
सांसद श्रीमती महंत ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए कोरबा तथा कटघोरा सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी कलेक्टर से ली। श्रीमती महंत ने दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए जिले में की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी पूछा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बताया कि कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य शासन के दिशा निर्देश अनुसार जरूरी सभी इंतजाम कर लिये गये हैं। लगातार जांच के लिए लोगों के सेम्पल लेकर एम्स रायपुर भेजे जा रहे हैं। श्रीमती कौशल ने बताया कि अभी तक जिले से पांच हजार से अधिक लोगों के सेम्पल भेजे जा चुके हैं। केवल 28 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। इन सभी लोगों का ईलाज एम्स रायपुर में पूरा हो चुका है और सभी क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर स्वस्थ्य होकर अपने-अपने घर लौट गये हैं।
कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिले में प्रवासी श्रमिकों के लिए 113 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। क्वारेंटाइन सेंटरों में लोगों को ठहरने, भोजन, पानी, शौचालय, स्नानागार आदि सभी व्यवस्थाएं की गई है। प्रवासी श्रमिकों के सेम्पल लेकर लगातार जांच के लिए भेजा भी जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि अभी तक जिले में लगभग एक हजार चार सौ प्रवासी श्रमिकों और बाहर से लौटे लोगों को क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है। बाहर से आने वाले लोगों को सहूलियत के अनुसार क्वारेंटाइन के लिए कोरबा शहर में पेड क्वारेंटाइन की भी व्यवस्था की गई है। सांसद श्रीमती महंत ने बाहर से लोैटने वाले लोगों और प्रवासी श्रमिकों को यथा संभव बेहतर से बेहतर सुविधाएं क्वारेंटाइन सेंटरों में उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने बाहर से लौटने वाले लोगों सेे 14 दिन क्वारेंटाइन सेंटरों में रहकर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शासन-प्रशासन के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने की अपील भी की। - कोरबा,18 मई : कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में चौथे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में दूसरे राज्यों में फंसे हुए आम नागरिक, छात्र एवं मजदूरों की घर वापसी हो रही है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग कोरबा ने जिला अस्पताल में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की जांच और परामर्श की व्यवस्था की है। इसके तहत विशेष “फीवर क्लीनिक” शुरू किया है। क्लीनिक में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा सुबह 8 बजे से 1 बजे तक सेवाएं दी जा रही हैं।
जिला अस्पताल के एक हिस्से में विशेष “फीवर क्लीनिक” खोला गया है। बड़े से हॉल और अन्य कमरों में वायरस से बचने के सारे इंतजाम किए गए हैं। जांच करने वाले डॉक्टर एक तरह की प्लास्टिक के कक्ष में बैठकर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अस्पताल के मुख्य गेट पर मरीजों को हाथ धुलाकर और सेनीटाइज कर ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं गेट पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है, जो मरीजों से अस्पताल पहुंचने के कारण की पड़ताल कर संदिग्ध लक्षण वालों को फीवर क्लीनिक भेज रहे हैं। मुंह पर मास्क या फिर कपड़ा बांधना और दूरी बनाकर लाइन में लगना अनिवार्य है। वहीं सामान्य मरीजों को इलाज मुहैय्या कराने की आवश्यकता को देखते हुए जिला अस्पताल में ओपीडी इमरजेंसी सेवा पुनः शुरू कर दी गई है। लेकिन यहां आने वाले मरीजों को सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश दिया जा रहा है। हालांकि आवागमन का साधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा कम है।
सिविल सर्जन और विशेषज्ञ डॉक्टर कर रहे जांच- सीएमएचओ डॉ. बी.बी. बोर्डे ने बताया कोरोनावायरस का संक्रमण का प्रसार ना हो इसके लिए हर तरह से एहतियात बरती जा रही है। एक ओर जहां संदिग्धों के टेस्ट किए जा रहे हैं । सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी वाले मरीजों के लिए फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है। विशेष क्लीनिक में सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी और विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. के.एल. ध्रुव, डॉ. बी.के. झलारिया, डॉ. आर.के. दिव्य, डॉ.सी.एन. डे, डॉ. अन्नया श्रीवास्, डॉ. रविकांत राठौर, डॉ. विक्रम राठौर एवं अन्य मरीजों की जांच और परामर्श दे रहे हैं। वहीं आईसीटीसी परामर्शदाता बीना मिस्त्री दवा, जांच सुविधा और व्यवस्थागत सारी व्यवस्था संभाल रही हैं। वीना मिस्त्री ने बताया प्रतिदिन फीवर क्लीनिक में औसतन 40 से 50 मरीज आ रहे हैं। -
हर शुक्रवार दोपहर तीन बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक रहेगा लाॅक डाउन, सामान्य दिनों की तरह मंगलवार को खुलेंगी दुकानें
कलेक्टर ने जारी किया संशोधित निर्देषकोरबा 15 मई 2020/कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण के लिए मई महिने के शेष सप्ताहों में हर शुक्रवार दोपहर तीन बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक कम्पलीट लाॅक डाउन रहेगा। इस दौरान धारा 144 का बड़ी कड़ाई से पालन कराया जायेगा। सत्रह मई तक लागू धारा 144 सत्रह मई के बाद के हर शुक्रवार दोपहर तीन बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लागू रहेगी। इस दौरान कोरबा जिला सीमा क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। अति आवष्यक सेवाओं को छोड़कर तमाम दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। खाद्य पदार्थों, ब्रेड, राशन की दुकाने भी बंद रहेंगी।सड़कों पर बिना किसी काम के बेवजह लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जिला प्रषासन द्वारा छूट प्राप्त दुकानें सामान्य दिनों की तरह मंगलवार को संचालित होंगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल ने आज इस संबंध में संशोधित आदेष भी जारी कर दिया है।जारी किये गये आदेष के अनुसार कम्पलीट लाॅक डाउन से केवल अत्यावष्यक सेवाओं एवं आपातकालीन सेवाओं को छूट होगी। कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा और अति आवष्यक सेवा से संबंधित पदाधिकारी, कर्मी एवं बिजली पेयजल आपूर्ति एवं नगर पालिका सेवाओं को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। लाॅक डाउन के दौरान सुरक्षा में लगी निजी एजेंसियों सहित सभी एजेंसियंा, अग्निषमन सेवाएं, एटीएम, टेलिकाम और इंटरनेट सेवाएं चालू रहेंगी। इस दौरान सभी अस्पताल और लायसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी खुले रहेंगे। मेडिकल स्टोर, चष्में की दुकान और दवा बनाने वाली इकाईयां तथा उनके परिवहन संबंधी गतिविधियां भी लाॅक डाउन के दौरान संचालित होंगी। खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं इस दौरान चलती रहेंगी। फल एवं सब्जी की दुकानें शनिवार को बंद रहेंगी और रविवार को खुली रहेगी। मिल्क पार्लर और डेयरियां लाॅक डाउन के दौरान संचालित होंगी। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले विके्रता सुबह 6.30 बजे से 8.30 बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक दूध बांट सकेंगे। एटीएम वाहन, एलपीजी गेैस सिलेंडर वाहन भी इस दौरान चल सकेंगे। पेट्रोल, डीजल पंप एवं एलपीजी गैस के परिवहन तथा भंडारण की गतिविधियां चालू रहेंगी। टेकअवे, होम डिलेवरी रेस्टोरेंट, पहले से होटलों में रूके हुए अतिथियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी चालू रहेगी। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के दफ्तर एवं न्यूज पेपर वितरण संचालित होगा। अनवरत चलने वाली औद्योगिक संस्थानों और खदानों को भी इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। शनिवार -रविवार को पूर्ण लाक डाउन के निर्देश कटघोरा नगर पालिका परिषद क्षेत्र में भी लागू होंगे और इन्ही निर्देशों के अनुसार ही गतिविधियां संचालित की जायेगी। आज जारी आदेष कोरबा जिले की सीमा क्षेत्र के लिए 31 मई की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा। आदेष का उल्लंघन किये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध विधि सम्मत सख्त कार्यवाही की जायेगी। -
मुंबई, पूणे तथा बैगलूरू से 19, 21 व 22 मई को बिलासपुर पहंुचेंगी गाड़ियांप्रवासी श्रमिकों को कोरबा लाने जिला प्रशासन ने की तैयारी, सभी को 14 दिन क्वारेंटाईन में रखा जायेगा
कोरबा 15 मई : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से कोरोना वायरस के कारण जारी लाॅक डाउन के दौरान अन्य प्रांतों में फंसे कोरबा जिले के लगभग 135 प्रवासी श्रमिक तथा अन्य लोग तीन विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाली 19, 21 व 22 तारीख को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचेंगे। बिलासपुर से सभी को विशेष बसों द्वारा कोरबा लाया जायेगा एवं निर्धारित स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्क्रिनिंग के बाद 14 दिन के संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले किसी भी श्रमिक से किराया या अन्य कोई भी राशि नहीं ली जायेगी। रवाना होने से पहले सभी लोगों का स्टेशनों पर मेडिकल चेकअप किया जायेगा तथा किसी भी कोविड-19 लक्षण वाले व्यक्ति को यात्रा नहीं करने दी जायेगी।
जिला स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी श्री अजय उरांव ने आज यहां बताया कि महाराष्ट्र के मुंबई से 20 तारीख को श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिलासपुर के लिए रवाना होगी। इस ट्रेन से छत्तीसगढ़ के लगभग एक हजार 390 श्रमिक वापस लौटेंगे जिनमें से 25 कोरबा जिले के भी हैं। इसी प्रकार 18 मई को महाराष्ट्र के पूणे से एक हजार 324 श्रमिकों को लेकर अन्य स्पेशल गाड़ी चलेगी और 19 मई को बिलासपुर पहुंचेगी। इस गाड़ी में पूणे में फंसे कोरबा के तेरह श्रमिक वापस आयेंगे। 21 मई को बैंगलूरू से एक हजार 481 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन बिलासपुर के लिए रवाना होगी जिसमें कोरबा के 97 श्रमिक वापस आयेंगे। बिलासपुर रेलवे स्टेशन से इन सभी श्रमिकों को कोरबा लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त बसें तथा प्रशासनिक टीम भेजी जायेगी। जिले की मेडिकल टीम भी बिलासपुर स्टेशन पर मौजूद रहेगी तथा आने वाले सभी श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जायेगी। कोरबा आने के बाद सभी को 14 दिनों के संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। -
दो माह में बीस हजार से अधिक खातों से हुआ दो करोड़ रूपये का लेनदेन,घर-घर पहुॅंच 63 बैंक सखियाॅं दे रही बैंकिंग सुविधायें, घर बैठे मिल रही पेंशन, मजदूरी की राशि
कोरबा 15 मई :कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बैंकों में कामकाज सीमित हो गया है, बैंकों में भीड़ लगाने पर मनाही है, एटीएम मशीन काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन के मानक जरूरी किये गये हैं तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में भी लोगों को बैंकिंग सुविधाओं के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है। ऐसी परिस्थितियों में भी पिछले दो महिनें में कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों के बीस हजार 467 लोगों ने दो करोड़ दो लाख रूपये से अधिक का लेनदेन अपने बैंक खातों से घर बैठे कर लिया है। किसी ने पेंशन निकाली है, तो किसी ने मनरेगा की मजदूरी पाई है। कोरबा जिले में गांव-गांव तक बैंकिंग सेवाओं को पहुॅंचाने के लिये 63 बैंक सखियों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है।
घर-घर पहुॅंचकर लेपटाॅप या छोटी सी हाथ से चलने वाली कियोस्क टाइप मशीन से यह बैंक सखियाॅं किसी महिला को वृद्धावस्था पेंशन की राशि दे रही हैं, तो किसी ग्रामीण को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान भी कर रही हैं। बैंकों में जमा ग्रामीणों के रूपये उनके घर में पहुॅंचकर उन्हें आसानी से मिल जा रहे हैं। कोरबा जिले में वर्तमान में पाॅंच बैंकों की 63 बैंक सखियाॅं ग्रामीणों को नगद राशि निकालने, जमा करने, एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने जैसी सेवायें घर पहुॅंचकर दे रही हैं। इन बैंक सखियांे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रांे में लोगों के नये खाते खोलने और उनके खाते में बचत राशि की जानकारी भी तत्काल दी जा रही है। जिले में पिछले दो महिनों में इन बैंक सखियांे द्वारा 20 हजार 467 लोगों के बैंक खातों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिनसे दो करोड़ दो लाख रूपये से ज्यादा का लेनदेन हो चुका है। बैंक सखियों ने पिछल दो महिने में छह हजार 941 पेंशन हितग्राहियों, दो हजार 293 मनरेगा मजदूरों, दो हजार 482 जनधन खाताधारकों और सात हजार 786 सामान्य खाता धारकों को कोरोना संक्रमण के इस दौर में घर पहुंचकर राशि उपलब्ध कराई है। इस दौरान मुंह पर मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
किसी बीमार के ईलाज के लिये तत्काल राशि उपलब्ध कराना हो तो बैंक सखी अपने लेपटाॅप और माॅरफो डिवाईस या पाॅस मशीन लेकर सीधे अस्पताल में भर्ती मरीज तक पहुॅंच जाती है और उसके अंगूठे के निशान से ही जरूरत की राशि उसके खाते से निकालकर तत्काल उपलब्ध करा देती है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस जयवर्धन ने बताया कि जिले में वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की 52, भारतीय स्टेट बैंक की 5, पंजाब नेशनल बैंक की 3 और यूनियन बैंक की एक और ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की 2 बैंक सखियाॅं कार्यरत् हैं। हर एक बैंक सखी का कार्यक्षेत्र तीन से पाॅंच ग्राम पंचायतों को मिलाकर निर्धारित किया गया है। ग्राम पंचायतों में निर्धारित जगहों पर भी उपस्थित रहकर यह बैंक सखियाॅं लोगों को मनरेगा मजदूरी भुगतान, छात्रवृत्ति भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का वितरण और अपने बैंक खातों में जमा रूपयों के लेनदेन-नगद निकासी-जमा की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।कोरोना काल में शिवकुमारी बनीं बैंक आईकाॅन- विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत कलगामार में बैंक सखी के रूप में श्रीमती शिवकुमारी राठिया कार्यरत् हैं। शिव-शक्ति महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती राठिया ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की बैंक सखी हैं।
वे सितम्बर 2019 से बैंक सखी के रूप में काम कर रही हैं और कलगामार सहित आसपास की ग्राम पंचायतों के 1431 बैंक खातों की देखरेख और उनसे रूपयों का लेनदेन की पूरी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रही हैं। श्रीमती राठिया बताती हैं कि कोरोना संक्रमण से बने हालातों में बैंकों में भीड़ नहीं होने के निर्देष है। लोगों को अपने खातों से पैसा निकालने के लिए बैंकों में देर-देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। साथ ही कोरोना फैलने का डर अलग सता रहा है। श्रीमती शिवकुमारी ने बताया कि वे अपने कियोस्क मशीन के साथ घर-घर जाकर लोगों को उनके खातों से पैसा निकालकर दे रहीं हैं। शिवकुमारी लोगों को सबसे पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर देती हैं। एक व्यक्ति का अंगूठा बायो मैट्रिक पहचान के लिए मशीन पर लगाने के बाद मशीन को सेनेटाइज किया जाता है। लेनदेन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जाता है। शिवकुमारी जैसी ही अन्य बैंक सखियां भी ग्रामीणों से लेनदेन के दौरान उन्हें कोरोना बीमारी के बारे में जानकारी देती हैं और उससे बचाव के तरीके भी बताती हैं।
शिवकुमारी ने उन्होंने अभी तक लगभग 30 लाख रूपयों का लेनदेन बैंक सखी के रूप में कर दिया है। वे बताती हैं कि बुजुर्ग, दिव्यंाग, बीमार, विद्यार्थियों सहित जरूरतमंद लोगों को समय पर उनकी बैंकों में जमा राशि घर पहुॅंचाकर मिल जाने से लोग उन्हें बहुत धन्यवाद और दुआयें देते हैं। इससे उन्हें हर महीने चार हजार रूपये का कमीशन बैंक की तरफ से मिल जाता है और डेढ़ हजार रूपये का मानदेय बिहान योजना से मिलता है। श्रीमती राठिया बताती हैं कि हर महीने निश्चित आमदनी से अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में उन्हें बहुत सहुलियत मिल रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर में नई वस्तुयें खरीदने तक की योजना अब वे बिना किसी चिन्ता के बनाकर पूरी कर भी लेती हैं। - दो माह में बीस हजार से अधिक खातों से हुआ दो करोड़ रूपये का लेनदेन,घर-घर पहुँच 63 बैंक सखियाॅं दे रही बैंकिंग सुविधायें, घर बैठे मिल रही पेंशन, मजदूरी की राशि
कोरबा 15 मई : कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बैंकों में कामकाज सीमित हो गया है, बैंकों में भीड़ लगाने पर मनाही है, एटीएम मशीन काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन के मानक जरूरी किये गये हैं तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में भी लोगों को बैंकिंग सुविधाओं के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है। ऐसी परिस्थितियों में भी पिछले दो महिनें में कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों के बीस हजार 467 लोगों ने दो करोड़ दो लाख रूपये से अधिक का लेनदेन अपने बैंक खातों से घर बैठे कर लिया है। किसी ने पेंशन निकाली है, तो किसी ने मनरेगा की मजदूरी पाई है। कोरबा जिले में गांव-गांव तक बैंकिंग सेवाओं को पहुॅंचाने के लिये 63 बैंक सखियों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है। घर-घर पहुॅंचकर लेपटाॅप या छोटी सी हाथ से चलने वाली कियोस्क टाइप मशीन से यह बैंक सखियाॅं किसी महिला को वृद्धावस्था पेंशन की राशि दे रही हैं, तो किसी ग्रामीण को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान भी कर रही हैं। बैंकों में जमा ग्रामीणों के रूपये उनके घर में पहुॅंचकर उन्हें आसानी से मिल जा रहे हैं। कोरबा जिले में वर्तमान में पाॅंच बैंकों की 63 बैंक सखियाॅं ग्रामीणों को नगद राशि निकालने, जमा करने, एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने जैसी सेवायें घर पहुॅंचकर दे रही हैं। इन बैंक सखियांे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रांे में लोगों के नये खाते खोलने और उनके खाते में बचत राशि की जानकारी भी तत्काल दी जा रही है। जिले में पिछले दो महिनों में इन बैंक सखियांे द्वारा 20 हजार 467 लोगों के बैंक खातों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिनसे दो करोड़ दो लाख रूपये से ज्यादा का लेनदेन हो चुका है। बैंक सखियों ने पिछल दो महिने में छह हजार 941 पेंशन हितग्राहियों, दो हजार 293 मनरेगा मजदूरों, दो हजार 482 जनधन खाताधारकों और सात हजार 786 सामान्य खाता धारकों को कोरोना संक्रमण के इस दौर में घर पहुंचकर राशि उपलब्ध कराई है। इस दौरान मुंह पर मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
किसी बीमार के ईलाज के लिये तत्काल राशि उपलब्ध कराना हो तो बैंक सखी अपने लेपटाॅप और माॅरफो डिवाईस या पाॅस मशीन लेकर सीधे अस्पताल में भर्ती मरीज तक पहुॅंच जाती है और उसके अंगूठे के निशान से ही जरूरत की राशि उसके खाते से निकालकर तत्काल उपलब्ध करा देती है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस जयवर्धन ने बताया कि जिले में वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की 52, भारतीय स्टेट बैंक की 5, पंजाब नेशनल बैंक की 3 और यूनियन बैंक की एक और ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की 2 बैंक सखियाॅं कार्यरत् हैं। हर एक बैंक सखी का कार्यक्षेत्र तीन से पाॅंच ग्राम पंचायतों को मिलाकर निर्धारित किया गया है। ग्राम पंचायतों में निर्धारित जगहों पर भी उपस्थित रहकर यह बैंक सखियाॅं लोगों को मनरेगा मजदूरी भुगतान, छात्रवृत्ति भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का वितरण और अपने बैंक खातों में जमा रूपयों के लेनदेन-नगद निकासी-जमा की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।
कोरोना काल में शिवकुमारी बनीं बैंक आईकाॅन- विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत कलगामार में बैंक सखी के रूप में श्रीमती शिवकुमारी राठिया कार्यरत् हैं। शिव-शक्ति महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती राठिया ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की बैंक सखी हैं।
वे सितम्बर 2019 से बैंक सखी के रूप में काम कर रही हैं और कलगामार सहित आसपास की ग्राम पंचायतों के 1431 बैंक खातों की देखरेख और उनसे रूपयों का लेनदेन की पूरी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रही हैं। श्रीमती राठिया बताती हैं कि कोरोना संक्रमण से बने हालातों में बैंकों में भीड़ नहीं होने के निर्देष है। लोगों को अपने खातों से पैसा निकालने के लिए बैंकों में देर-देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। साथ ही कोरोना फैलने का डर अलग सता रहा है। श्रीमती शिवकुमारी ने बताया कि वे अपने कियोस्क मशीन के साथ घर-घर जाकर लोगों को उनके खातों से पैसा निकालकर दे रहीं हैं। शिवकुमारी लोगों को सबसे पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर देती हैं। एक व्यक्ति का अंगूठा बायो मैट्रिक पहचान के लिए मशीन पर लगाने के बाद मशीन को सेनेटाइज किया जाता है।
लेनदेन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जाता है। शिवकुमारी जैसी ही अन्य बैंक सखियां भी ग्रामीणों से लेनदेन के दौरान उन्हें कोरोना बीमारी के बारे में जानकारी देती हैं और उससे बचाव के तरीके भी बताती हैं। शिवकुमारी ने उन्होंने अभी तक लगभग 30 लाख रूपयों का लेनदेन बैंक सखी के रूप में कर दिया है। वे बताती हैं कि बुजुर्ग, दिव्यंाग, बीमार, विद्यार्थियों सहित जरूरतमंद लोगों को समय पर उनकी बैंकों में जमा राशि घर पहुॅंचाकर मिल जाने से लोग उन्हें बहुत धन्यवाद और दुआयें देते हैं। इससे उन्हें हर महीने चार हजार रूपये का कमीशन बैंक की तरफ से मिल जाता है और डेढ़ हजार रूपये का मानदेय बिहान योजना से मिलता है। श्रीमती राठिया बताती हैं कि हर महीने निश्चित आमदनी से अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में उन्हें बहुत सहुलियत मिल रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर में नई वस्तुयें खरीदने तक की योजना अब वे बिना किसी चिन्ता के बनाकर पूरी कर भी लेती हैं। -
बाहर से आने वालों को 14 दिन तक रहना होगा संस्थागत क्वारेंटाइन में
एक सौ ग्यारह सेंटरों में जिला प्रशासन की तैयारियां पूरी, जानकारी छुपाने पर हो सकेगी कार्यवाही
कोरबा 15 मई : यदि आपके आस पास, घर-पड़ोस में देश के अन्य प्रान्तों या अन्य जिलों से कोई भी व्यक्ति कोरबा आया हो तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को फोन नंबर 07759-224827 और 228548 पर देवें। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों और लोगों से कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील जिला वासियों से की है। कोरबा जिले में बाहर कहीं से भी आने वाले किसी भी श्रमिक, विद्यार्थी, तीर्थ यात्री, पर्यटक या अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है। रेलों, बसों, पैदल या किसी भी तरीके से बाहर से आने वाले सभी लोगों को 14 दिनों तक प्रशासन द्वारा बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जायेगा। ऐसे लोगों की जानकारी छुपाने और उनसे कोरोना संक्रमण होने पर संबंधित लोगों के विरूद्ध प्रशासन द्वारा महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही भी की जा सकेगी। अन्य जिलों में बाहर से आये प्रवासी मजदूरों और लोगों में से जांच के दौरान कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान होने के बाद कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कोरबा जिले के लिए ऐसी व्यवस्था की है।
इस बारे में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेकर जरूरी निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को सीधे उनके घर जाने से रोककर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि जिला वासियों में कोरोना संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उनकी बेहतरी के लिए ही यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से बाहर से आये लोगों का सीधे घर न जाकर 14 दिन अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रहने से उनके परिजनों के साथ-साथ आसपास के लोगों में भी कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा। श्रीमती कौशल ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों और अन्य किसी कारणों से बाहर गये लोगों के कोरबा जिले में वापस लौटकर सीधे अपने-अपने घर पहुंच जाने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका है।
कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को जिले में फैलने से रोकने के लिए बाहर से आये किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को देवें। कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने संस्थागत क्वारेंटाइन की पूरी व्यवस्थाएं कर ली है। जिले में ग्रामीण और शहरी इलाको को मिलाकर अब तक 111 क्वारेंटाइन सेंटरों में साढ़े सात हजार लोगों के 14 दिनों तक रूकने के लिए भोजन, साफ-सफाई, शौचालय, स्नानागार, पंखे, सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल चेकअप और सामान्य ईलाज की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा चुकी है। श्रीमती कौशल ने बताया कि इन क्वारेंटाईन सेंटरों में अभी तक अन्य राज्यों एवं जिलों से आये एक हजार से अधिक लोगों को रखा गया है।
श्रीमती कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले उच्च एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए उनकी मांग पर पेड क्वारेंटाइन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है। शहरी क्षेत्रों में नौ विभिन्न होटलों-लाॅजों में बनाये गये पेड क्वारेंटाइन सेंटरों में अभी 84 लोगों को रखा गया है। प्रशासन द्वारा होटल संचालकों की सहमति से निर्धारित की गई रियायती दर में ठहरने के साथ-साथ सुबह-शाम नाश्ता और दोपहर तथा रात का शाकाहारी भोजन शामिल किया गया है। पेड क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए होटल संचालकों को अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा। कलेक्टर ने यह भी बताया कि बाहर से आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है।
बाहर से आने वाले बुजुर्गों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं जिन्हे कोरोना से बचाव के साथ-साथ अन्य परेशानियों के लिए भी अतिरिक्त चिकित्सा एवं देखरेख की जरूरत है, ऐसे सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा बालाजी ट्रामा सेंटर में आइसोलेशन में रखे जाने की व्यवस्थाएं कर ली गई है। कलेक्टर ने जिला वासियों से अपील की है कि उनके घर-परिवार, रिश्तेदारों या आस-पड़ोस में कहीं भी बाहर से आने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और ऐसे सभी लोगों की सूचना वे प्रशासन को समय पर देवें ताकि सभी के सहयोग से जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। -
*दीपका में सिरकी मोड़, गेवरा में हेलीपेड मैदान और कुसमुंडा में लक्ष्मण मैदान में बने यार्ड**गैरेज, भोजन सहित शौचालय-स्नानागार की भी व्यवस्था, लगभग एक हजार ट्रक एक साथ खड़े करने की क्षमता*
कोरबा 14 मई : दीपका-गेवरा-कुसमुंडा कोयला खदानों के रिहायशी इलाकों में बाहर के ड्राईवरों और हेल्परों की आवाजाही रोकने के लिए तीन सर्व सुविधायुक्त डम्पिंग यार्ड शुरू हो गये हैं। दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़ गांधी मैदान में गेवरा क्षेत्र में हेलीपेड मैदान और कुसमुंडा क्षेत्र में लक्ष्मण मैदान में यह तीनों डम्पिंग यार्ड तैयार किये गये है। इन डम्पिंग यार्डों में कोल परिवहन करने वाले लगभग एक हजार वाहनों को खड़े करने की सुविधा विकसित की गई है। पिछले दिनों कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और एसपी श्री अभिषेक मीणा ने इन डम्पिंग यार्डों में विकसित की गई सुविधाओं और व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया था। इन डम्पिंग यार्डों में ड्राईवर, हेल्परों के लिए पीने के पानी, शौचालय, स्नानागार सहित वाहनों की मरम्मत के लिए गैरेज भी शुरू हो गये हैं। तीनों यार्डों में ड्राईवर, हेल्परों की भोजन व्यवस्था के लिए पार्सल सुविधा भी शुरू की गई है। यार्ड में ही भोजन बनाने वाले रसाइयों का चिन्हांकन कर उन्हें सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रसोइये भोजन बनाकर निर्धारित दर पर ड्राईवर, हेल्परों को भोजन के पार्सल उपलब्ध करा रहे हैं। डम्पिंग यार्ड बन जाने से अब ड्राईवर, हेल्परों को सभी सुविधाएं एक ही जगह पर मिल जा रही है। जिससे खदान के रिहायशी इलाकों और बस्तियों में बाहर से आए ड्राईवर, हेल्परों की आवाजाही नियंत्रित हो गई है।
ड्राईवरों ने एक ही स्थान पर रूकने, खाने-पीने के साथ-साथ नहाने और शौचालय की व्यवस्था मिल जाने पर कलेक्टर का आभार जताया। रायगढ़ से कोयला लेने आये एक ड्राईवर ने कहा कि पहले गाड़ी लेकर आने पर सड़क किनारे खड़ा करके खाने-पीने, नहाने के लिए अलग-अलग भटकना पड़ता था। अब एक जगह पर व्यवस्था हो जाने से काफी आसानी हो गई है। प्रशासन द्वारा यार्ड में गाड़ी लेकर आये सभी ड्राईवरों को मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने, सेनेटाईजर का उपयोग करने और अपनी ही गाड़ी में रहने की समझाईस दी जा रही है। किसी भी स्थिति में ड्राईवरों- हेल्परों को ढाबे पर बैठाकर खाना खिलाने की सख्त मनाही की गई है और केवल खाने के पार्सल ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये हैं। डम्पिंग यार्ड में किसी भी तरह से शराब की उपलब्धता प्रतिबंधित करने के लिए भी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा कोल क्षेत्र में चलने वाले वाहनों के ड्राईवरो, कंडेक्टरों, हेल्परों से रिहायसी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। कोल परिवहन करने वाली गाड़ियों को लेकर आने वाले बाहर के ड्राईवरों और हेल्परों से खदानों के आबादी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की रोकथाम के लिए डम्पिंग यार्डों में ही वाहन खड़े करने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस के लिए विशेष टास्क फोर्स भी बनाई है।
दीपका, गेवरा, कुसमुंडा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं। इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राईवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आवागमन प्रतिदिन होता रहता है। यह सभी कोल क्षेत्र के आसपास की बस्तियां कोरोना संक्रमण हेतु संवेदनशील जोन हो सकती है तथा इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है। इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती एवं बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो और गाड़ियों के चालक-परिचालक आबादी क्षेत्र में अनावश्यक रूक कर रात्रि विश्राम तथा भ्रमण न करें, इसके लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। टास्क फोर्स के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हर एक स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
अन्य प्रांतों से आने वाले श्रमिकों की चेक पोस्टों पर हो रही सघन निगरानी- जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की भी 21 चेकपोस्टों पर लगातार सघन जांच की जा रही है। सरई सिंगार चेक पोस्ट पर निरीक्षण के लिए पहुंची एसडीएम तथा टास्क फोर्स के सदस्यों ने बताया कि सभी गाड़ियों की सघन जांच की जा रही है। संपूर्ण बेरियर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। बेरियर में वाहनों की सघन जांच तथा अन्य राज्यों तथा जिलों से आने वाले मजदूरों की जानकारी प्राप्त होने पर उन्हें तत्काल क्वारेंटाइन सेंटर भेजने हेतु तीन शिफ्ट में 24 घंटे राजस्व, पुलिस सहितह अन्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। बेरियर में मजदूरों के विश्राम हेतु शामियाना लगाया गया है जहां उनके लिए नाश्ते एवं पानी की व्यवस्था की गई है। प्रशासन को सहयोग देते हुए सरईसिंगार पंचायत के प्रतिनिधि राकेश राज एवं सचिव गिरिवर यादव सहित परिवहन उप निरीक्षक श्री सुजीत सिन्हा लगातार मजदूरों को राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये वाहनों के माध्यम से मजदूरों को निर्धारित क्वारेंटाइन सेंटर या जिले की सीमा तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। जिसकी मानिटरिंग नायब तहसीलदार दीपका श्री शशिभूषण सोनी, थाना प्रभारी हरदीबाजार श्री विजय चेलक एवं थाना प्रभारी दीपका श्री अविनाश सिंह द्वारा लगातार की जा रही है।
विशेष टास्क फोर्स के सदस्य डिप्टी कलेक्टर श्री संजय कुमार मरकाम, नायब तहसीलदार दीपका श्री शशिभूषण सोनी, नायब तहसीलदार भैंसमा श्री सोनू अग्रवाल, थाना प्रभारी दीपका श्री अविनाश सिंह, परिवहन उप निरीक्षक श्री सुजीत सिन्हा, खनिज निरीक्षण श्री उत्तम कुमार खुंटे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री भोला सिंह ठाकुर, एसईसीएल दीपका, गेवरा एवं कुसमुंडा क्षेत्र के अधिकारी श्री अजीत चैधरी, श्री उमेश शर्मा, श्री एच.आर.धु्रव सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी अपना भरपूर सहयोग दे रहें हैं। निरीक्षण के दौरान उपस्थित सभी ट्रांसपोर्टर, ड्राईवर एवं हेल्परों को मास्क, सेनेटाइजर का उपयोग करने नियमित रूप से हैंड वाश एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए गए। -
सोमवार से शुक्रवार तक सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे का समय निर्धारितकोरोना फैलाव रोकने नियमों-निर्देशों का करना होगा पालन वरना फिर होगी दुकानबंदी
कोरबा 14 मई :कोरोना वायरस के बचाव के लिए पूर्व में सेलून, ब्यूटी पार्लर एवं नाई दुकानों पर लगाये गये प्रतिबंध को हटा लिया गया है। नगर पालिका परिषद कटघोरा को छोड़कर कोरबा जिले के सभी क्षेत्रों में सेलून, ब्यूटी पार्लर और नाई दुकानें अब प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार प्रातः नौ बजे से दोपहर दो बजे तक खुलेंगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस बारे में विधिवत आदेश भी जारी कर दिया है। कलेक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सभी सावधानियां बरतते हुए नाई दुकानों, ब्यूटी पार्लरों एवं सेलूनों को संचालन की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि सेलून संचालक को दुकान में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पता, मोबाईल नंबर इत्यादि की पूरी जानकारी रखना अनिवार्य होगा। दुकान संचालक किसी भी व्यक्ति पर उपयोग की गई वस्तु या सामान का दोबारा अन्य व्यक्ति पर उपयोग नहीं कर सकेंगे। इसलिए डिस्पोजेबल सामानों का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुकानदार आवश्यक रूप से मास्क, ग्लब्स, सेनेटाईजर इत्यादि का उपयोग करेंगे। किसी भी व्यक्ति पर उपयोग किये गये तौलिये, कपड़ा को बिना धोये एवं सेनेटाइज किये बिना किसी अन्य व्यक्ति पर उपयोग नहीं किया जायेगा। दुकानदार द्वारा सेलून में सेवा प्राप्त करने वाले ग्राहकों के बैठने से पहले तथा उपयोग के बाद संबंधित कुर्सी, टेबल एवं अन्य सभी सामानों को सेनेटाईज करना अनिवार्य होगा। सेलून संचालक द्वारा बैठक स्थान एवं वेटिंग एरिया को भी हर बार उपयोग के पश्चात सेनेटाइज करना जरूरी होगा। कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए दुकान से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल को निपटान करने की जिम्मेदारी पूर्णतः सेवा प्रदाता की होगी।
कलेक्टर ने बताया कि किसी भी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ आदि के लक्षण होने पर सेलून संचालक उन्हें सेवा प्रदान नहीं करेंगे। इस प्रकार के व्यक्ति की पहचान होने पर तत्काल कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा के कंट्रोल रूम नंबर 07759-228427 या जिला कंट्रोल रूम नंबर 07759-228548 में सूचना देना अनिवार्य होगा। जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर सेलून, ब्यूटी पार्लर, नाई दुकान को बंद करने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जा सकती है। -
*राजस्व मंत्री और बीजापुर के प्रभारी मंत्री ने बीजापुर जिले के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए की विकास कार्यों समीक्षा*
कोरबा , 14 मई : प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा बीजापुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जिले में कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव नियंत्रण रोकथाम सहित जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज एवं विधायक श्री विक्रम मंडावीं विशेष रूप से शामिल हुए। जिले के कलेक्टर श्री के डी कुन्जाम से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जिले में किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर एवं सभी विभागीय अधिकारियों को कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए जिलें में वनोपज आधारित लघु उद्योगो को बढ़ावा देने कहा जिससे लोगो को बेहतर रोजगार की संभावना निर्मित हो सके, साथ ही भविष्य में जिले से रोजगार के लिए श्रमिकों का पलायन रोका जा सके।
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में बीजापुर जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा करते हुए जिला अस्पताल में कोविड अस्पताल, आईसोलेशन वार्ड, कोरोना टेस्टिंग के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। अभी तक जिले में कोई भी संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है। कलेक्टर ने बताया कि जिला अस्पताल में कोविड अस्पताल बनाया गया है, जहां पर आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। कोरोना टेस्टिंग जगदलपुर मेडिकल कॉलेज से की जा रही है। जिले में अब तक 500 लोगों की जांच की गयी, जिसमें 400 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। शेष टेस्टिंग प्रक्रिया जारी है। कलेक्टर ने राजस्व प्रकरण कि जानकारी में बताया कि विवादित प्रकरणों में लगभग 72 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है जिलें में अविवादित प्रकरण नहीं है एवं सीमांकन के 80 प्रकरण पूर्ण हो चुके हंै ।
राजस्व मंत्री ने बीजापुर जिले में बाहर से आने वाले मजदूरों के बारे में भी पूछा। श्री अग्रवाल ने इन सभी मजदूरों के साथ जिले के ग्रामीणों को मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की जानकारी भी ली। जिला पंचायत बीजापुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने विभागीय जानकारी देते हुए कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से जिले में लगभग 22 हजार श्रमिक कार्य कर रहें हैं। सीईओ ने बताया कि 91 ग्रामों में कार्य चल रहा है जिसमें 600 डबरी एवं 500 तालाब का कार्य है । सीईओ ने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बीजापुर में बैंकों की सीमित शाखाओं में भीड़ नियंत्रित करने के लिए मनरेगा मजदूरी का भुगतान नगद किया जा रहा है। सीईओ ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बीजापुर जिले में स्वसहायता समूहों के माध्यम से 50 हजार से अधिक मास्क बनवाकर कोरोना से बचाव के लिए लोगों को उपलब्ध कराये गये हैं।
राजस्व मंत्री ने बीजापुर जिले में वनवासियों से लघु वनोपज संग्रहण और खरीदी की जानकारी भी अधिकारियों से ली। उन्होंने ईमली, महुआ, टोरा, तेंन्दुपत्ता आदि के संग्रहण के बारे में अधिकारियों से पूछा। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले में ईमली, महुआ सहित अभी तक साढ़े चार हजार क्विंटल वनोपज का संग्रहण किया जा चुका है। जिसके लिए वनवासियों-संग्राहकों को डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि वर्षो से बंद बांस उत्पादन को बीजापुर जिले में फिर से शुरू किया गया है । इस वर्ष अभी तक लगभग 9 लाख बाँसों की कटाई किया गया है जिसमें श्रमिकों को 3 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है । इसके लिए मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों को बधाई दी ।
बीजापुर विधायक श्री विक्रम मंडावी ने प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल से आग्रह करते हुए कहा की जिलें में वनोपज संग्राहकों का भुगतान चेक के माध्यम से किया जा रहा है जो की वर्तमान समय में कोरोना के खतरे को देखते हुए बेहद चिंतनीय है । लोगों को नगद लेने के लिए बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है अगर भुगतान राशि को नगद देने कि सुविधा किया जाए तो लोगों को समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा जिस पर मंत्री श्री जयसिंह ने वनोपज संग्राहकों को वनोपज के उचित दाम नगद मिले इसके लिए अधिकारियों को समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने कृषि बीज भंडारण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिलें में 40 हजार क्विंटल बीज का भंडारण हुआ था जिसमें 19 हजार क्विंटल का वितरण किया जा चुका है एवं मई माह में ही शेष बीजो का वितरण भी पूर्ण कर लिया जाएगा। राजस्व मंत्री ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, सड़क, पुल-पुलियों के निर्माण कार्यों की जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने बारिश से पहले अधूरे पड़े निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। अग्रवाल ने पीडीएस के तहत लोगों को मिलने वाली खाद्य सामग्री सहित बारिश से पहले जिले के दूरस्थ और पहुंच विहीन इलाकों में बरसात से पहले खाद्यान सामग्री भण्डारण करने के निर्देश दिए। राजस्व मंत्री ने जिले के ऐसे व्यक्ति जिनके राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं, उन्हें भी निर्देशानुसार राशन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान जिले में लोक निर्माण, प्रधानमंत्री सड़क योजना, मुख्यमंत्री सड़क योजना, मनरेगा, सिंचाई, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित अन्य विभागों के स्वीकृत निर्माण कार्यों को प्रारंभ करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल द्वारा आंगनबाड़ी में दर्ज गर्भवती, शिशुवती और किशोरी बालिकाओं को लॉकडाउन के दौरान सूखा अनाज खाद्यान्न के रूप में वितरण की भी जानकारी ली गयी। उन्होने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोषण का कार्य निरंतर जारी रहें जिससे लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो। राजस्व मंत्री ने सांसद श्री दीपक बैज और विधायक श्री विक्रम मंडावी से चर्चा एवं समन्वय कर उनसे व्यापक सुझाव लेकर बीजापुर जिले में विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए। श्री अग्रवाल ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर जरूरतों के आधार पर आवश्यक निर्माण और विकास कार्य करा ने के निर्देश अधिकारियों को दिए। प्रभारी मंत्री ने विकास कार्यों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर काम देने के निर्देश दिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए बेहतर कार्य करने का निर्देश दिए एवं कोरोना महामारी से जिलें को सुरक्षित रखने हेतु बधाई दिए एवं आगे बेहतर कार्य करने हेतु शुभकामनाएं दिए । -
राजधानी एक्सपे्रस से बिलासपुर पहुंचने के बाद जिला प्रशासन ने बसों से लाया कोरबा, 14 दिन तक रहेंगे क्वारेंटाइन
कोरबा 13 मई : कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दिल्ली में फंस गये कोरबा जिले के 73 लोगों की आज घर वापसी हुई है। यह सभी लोग पढ़ने या अपने व्यवसाय या ईलाज कराने या घूमने के लिए दिल्ली गये थे और कोरोना संक्रमण के कारण लाॅक डाउन की घोषणा के बाद वहां फंस गये थे। यह सभी लोग कल नई दिल्ली से चली विशेष राजधानी एक्सपे्रस ट्रेन से आज दोपहर बिलासपुर पहुंचे थे। बिलासपुर में इन सभी लोगों की मेडिकल स्क्रिनिंग की गई। इसके बाद इन्हे जिला प्रशासन द्वारा बिलासपुर भेजी गई बसों से कोरबा लाया गया। कोरबा में इन सभी लोगों को आगामी 14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जायेगा। यहां इनका फिर से मेडिकल चेकअप किया गया है। दिल्ली से आने वाले यह सभी लोग क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद ही अपने घर जा सकेंगे। जिला प्रशासन द्वारा होटल फोर सीजन में 26, होटल महराजा आशीर्वाद इन में पांच, डी-2 हास्टल एनटीपीसी में पांच, गोपालपुर के केंद्रीय विद्यालय में आठ, इरेक्टर हास्टल में दो, मिनी माता गल्र्स कालेज हास्टल में आठ, पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास में चार और कुसमुंडा के आदर्श सामुदायिक केंद्र में 15 लोगों को आने वाले 14 दिनों के लिए क्वारेंटाईन में रखा गया है।
एसडीएम श्री सुनील नायक ने आज यहां बताया कि दिल्ली में फंसे 73 लोगों को लेकर तीन बसें शाम पांच बजे के आसपास कोरबा पहुंची है। इन बसों से आये हुए लोगों के लिए जिला प्रशासन ने क्वारेंटाईन सेंटरों में ठहरने की व्यवस्था की है। एनटीपीसी, सीएसईबी, बालको तथा एसईसीएल के कामगारों के परिवारों के लोगों के लिए डी-2 हास्टल एनटीपीसी, ईरेक्ट हास्टल सीएसईबी, बालको गेस्ट हाउस नंबर दो तथा आदर्श सामुदायिक केंद्र कुसमुंडा में क्वारेंटाइन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। जिला प्रशासन ने पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास, मिनीमाता गल्र्स कालेज हास्टल, आईटीआई गोपालपुर, केंद्रीय विद्यालय गोपालपुर, सर्वमंगला के पास भण्डार कक्ष सहित आईटी कालेज में भी अन्य प्रांतों से लौटे लोगों को क्वारेंटाइन में रखने की पूरी व्यवस्थाएं की है। इन जगहों पर अन्य प्रांतों से लौटे लोगों के रहने के साथ-साथ खाने-पीने आदि की निःशुल्क व्यवस्था शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार की गई है।एसडीएम श्री सुनील नायक ने बताया कि क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा अतिरिक्त सुविधाओं की मांग अनुसार भी प्रशासन ने कोरबा शहरी क्षेत्र के चार होटलों को भी क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हाकित किया है। होटल महाराजा इन, होटल ग्रीन पार्क, होटल टाप इन टाउन और होटल फोर सीजन में अतिरिक्त सुविधाओं की मांग करने वाले लोगों को निर्धारित शुल्क देकर क्वारेंटाईन में रहने की सुविधा दी जा रही है। इन होटलों में वातानुकूलित कमरे के लिए साढ़े सात सौ रूपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर जिला प्रशासन द्वारा होटल संचालकों की सहमति अनुसार निर्धारित की गई है। एक कमरे में अधिकतम दो लोग रह सकेंगे। इस निर्धारित शुल्क में ही ठहरने वाले के लिए सुबह एवं शाम का नास्ता तथा दोपहर एवं रात में शाकाहारी भोजन की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की गई है। होटलों में बने क्वारेंटाइन सेंटरों में ठहरने वाले लोगों को इसके अतिरिक्त किसी अन्य सुविधा के लिए होटल प्रबंधन को निर्धारित शुल्क देना होगा। -
कोरबा 13 मई : देशव्यापी कोरोना से जंग में कोरबा जिले के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसाइयों भी अपना योगदान देने में पीछे नहीं हैं। आज जिले के लगभग चार हजार रसोइयों ने अपने पारिश्रमिक में से सात लाख 81 हजार दो सौ रूपये इकट्ठे कर मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिए हैं। छत्तीसगढ़ मध्यान्ह भोजन रसोईया कल्याण संघ की जिला अध्यक्ष सुनीता मिरी ने आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल को सात लाख 81 हजार दो सौ रूपये का चेक सौंपा। कलेक्टर ने कोरोना से लड़ाई में रसोईया भाई-बहनों के योगदान को महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बताया तथा जिला प्रशासन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि जिले में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले तीन हजार नौ सौ छह रसोइया कार्यरत हैं। इन सभी ने अपे्रल माह के पारिश्रमिक में से पांच-पांच दिन का पारिश्रमिक कोरोना से लड़ाई में योगदान स्वरूप मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया है। -
आज से पहले चरण में आउटर जोन के दस वार्डों में शुरू होंगी अति आवश्यक सेवाएं, सुबह 9 से दोपहर दो बजे तक रहेगी छूट
हर शनिवार और रविवार को होने वाला संपूर्ण लाॅक डाउन लागू रहेगा, कलेक्टर ने किया व्यवस्थाओं का निरीक्षण
कोरबा 13 मई : पिछले 26 दिनों से कटघोरा में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाये जाने के बाद जिला प्रशासन ने नागरिकों की सहुलियत के लिए इस क्षेत्र में जारी संपूर्ण लाॅक डाउन में छूट देकर अति आवश्यक सेवाएं शुरू करने का निर्णय कर लिया है। कटघोरा में जारी संपूर्ण लाॅक डाउन को तीन चरणों में धीरे-धीरे कर हटाया जायेगा। पहले चरण में आउटर एरिया, दूसरे चरण में बफर जोन और तीसरे चरण में कंटेनमेंट जोन से लाॅक डाउन में छूट की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज शाम कटघोरा पहुंचकर कल से दी जाने वाली छूट के लिए की गई प्रशासनिक एवं मैदानी तैयारियों का निरीक्षण किया। एडीएम श्री संजय अग्रवाल के साथ श्रीमती कौशल ने मौके पर जाकर व्यवस्थाएं देखीं और एसडीएम श्रीमती सूर्यकिरण को जरूरी निर्देश दिए। कल से पहले चरण में कंटेनमेंट एरिया और बफर जोन को छोड़कर नगर पालिका परिषद कटघोरा के आउटर जोन में शामिल 10 वार्डों में लाॅक डाउन में अति आवश्यक सेवाएं शुरू की जायेगी। कल से कटघोरा के वार्ड नंबर एक, दो, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, 14 एवं 15 सहित वार्ड नंबर तीन के कंटेनमेंट जोन से बाहर आउटर जोन में शामिल क्षेत्र में भी अति आवश्यक सेवाएं शुरू होगी। पहले चरण में यह सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक अति आवश्यक सेवाओं के लिए ही आउटर एरिया में लाॅक डाउन में छूट होगी। शासन के निर्देश अनुसार मई माह में हर शनिवार एवं रविवार को होने वाले पूर्ण लाॅक डाउन को इस एरिया में भी पूर्व की तरह ही लागू किया जायेगा।
तीन जोन में बांटकर चरणबद्ध तरीके से मिलेगी कटघोरा को लाॅक डाउन से पूरी छूट- कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बताया कि प्रशासन ने कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र को कोरोना संक्रमण के फैलाव के आधार पर तीन जोनों में बांटा है। आउटर जोन में दस वार्ड और वार्ड नंबर तीन का कुछ हिस्सा शामिल किया गया है। बफर जोन में वार्ड नंबर 10, 11 एवं वार्ड नंबर 12, 13 तीन, चार का कुछ हिस्सा शामिल है। कन्टेनमेंट जोन में कटघोरा का कोरोना संक्रमित एरिया शामिल किया गया है। पहले चरण में आउटर जोन में अति आवश्यक सेवाएं कल से शुरू होंगी।
दस वार्ड और संक्रमित जोन के बाहरी भाग को ऐसे मिलेगी छूट- कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि कटघोरा के आउटर जोन में शामिल 10 वार्डों वार्ड नंबर एक, दो, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, 14 एवं 15 सहित वार्ड नंबर तीन के कंटेनमेंट जोन से बाहर आउटर जोन में शामिल क्षेत्र में भी अति आवश्यक सेवाएं शुरू होगी। सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक अति आवश्यक सेवाओं के लिए ही आउटर एरिया में लाॅक डाउन में छूट होगी। वार्ड क्रमांक तीन के आउटर एरिया में उत्तर दिशा में रामकुमार शर्मा के घर से धनीराम के घर तक, पूर्व दिशा में धनीराम के घर से सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल तक, दक्षिण में सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से दशरथ के घर होते हुए ठाकुर दईया तक और पश्चिम दिशा में ठाकुर दईया से पेट्रोल पंप तक के इलाके में कल से लाॅक डाउन की छूट लागू होगी। इसी प्रकार वार्ड नंबर चार में उत्तर दिशा में कन्या हाईस्कूल से होते हुए डाकघर से वन विभाग तक, पूर्व में वन विभाग कार्यालय से होते हुए मेला मैदान के पीछे डा. महेन्द्र कौशिक के घर तक, दक्षिण में डा. महेन्द्र कोैशिक के घर से राजेश गुप्ता के घर तक और पश्चिम में भुवन हलवाई के घर से कन्या हाईस्कूल तक आवश्यक सेवाओं के लिए लाॅक डाउन में छूट रहेगी।लाॅक डाउन से छूट प्राप्त अति आवश्यक सेवाएं- पहले चरण में कटघोरा के आउटर एरिया में लाॅक डाउन से छूट के दौरान बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में लगे लोगों और वाहनों की आवाजाही शुरू हो जायेगी। इस अवधि में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और अति आवश्यक सेवाओं से संबंधित लोगों और वाहनों के आवागमन को भी लाॅक डाउन से छूट रहेगी। खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, दूध, बे्रड, फल, सब्जी, दवाएं और मेडिकल संबंधी क्रय-विक्रय पर भी इस अवधि में छूट रहेगी। अस्पताल, वेटनरी अस्पताल, मेडिकल सप्लाई व्यवस्था, निजी, शासकीय और अर्द्धशासकीय स्वास्थ्य केंद्रों, दवा, केमिस्ट, फार्मेसी एवं मेडिकल उपकरणों की दुकानें, लैब, दवा, रिसर्च लैब, क्लीनिक, नर्सिंग होम, एंबुलेंस सेवा और भारतीय रेडक्रास सोसायटी की सेवाएं भी निर्धारित समय अवधि में संचालित होगी। डाक्टरों, नर्सो, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित सभी प्रकार के चिकित्सकीय कार्यों में लगे स्टाफ और संबंधित व्यक्तियों को भी निर्धारित समयावधि में परिवहन की अनुमति रहेगी। कंटेनमेंट जोन एवं बफर जोन के बाहर के सभी शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालय कल से खुलेंगे। बीमा, बैंक, एटीएम, बैंक कैश वाहन और उनसे संबंधित लोगों को भी लाॅक डाउन से निर्धारित समयावधि में छूट रहेगी। पेट्रोल, डीजल पंप, एलपीजी गैस आदि के परिवहन तथा भण्डारण की गतिविधियां भी इस अवधि में संचालित हो सकेगी। खाद्य आपूर्ति तथा माल वाहक परिवहन में लगे वाहन एसडीएम कटघोरा या तहसीलदार कटघोरा या नायब तहसीलदार कटघोरा की अनुमति से ही आवागमन कर सकेंगे।
कंटेनमेंट क्षेत्र के प्रवेश द्वार से दोनों ओर पचास मीटर लंबाई की दुकानें बंद रहेगी- कटघोरा के संक्रमित क्षेत्र के प्रवेश द्वार नागपाल चैक के दोनों ओर मुख्य सड़क के दोनों तरफ की 50 मीटर लंबाई में स्थित सभी दुकानों पर लाॅक डाउन से छूट लागू नहीं होगी। सड़क के दोनों ओर नर्मदा स्वीट्स से लेकर रोहिणी आटो पाटर््स तक तथा मधु स्वीट्स से अंसारी नाला तक की सभी दुकानें पहले की तरह ही बंद रहेगी। कटघोरा शहर में प्रवेश करने वाले मुख्य प्रवेश द्वार कसनिया चैक, चकचकवा पहाड़ी और जेंजरा चैंक पर लगे चेकपोस्ट सभी चरणों में पहले की तरह ही कार्यशील होगा -
तहसीलदारों और अधिकारियों को ग्राहक बनाकर नमक खरीदने दुकानों पर भेजा, नमक के रेट और स्टाक की जांच भी कराई
जिले में नमक का पर्याप्त स्टाक, नमक की कोई कमी नहीं
कोरबा 13 मई : नमक की कमी और कालाबाजारी की अफवाहों पर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने सख्त रूख अखतियार कर लिया है। श्रीमती कौशल ने जिले में नमक के थोक व्यापारियों सहित फुटकर नमक बेचने वाली राशन दुकानों तक की जांच के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसी तारतम्य में नायब तहसीलदार, तहसीलदार सहित खाद्य विभाग के अधिकारी सामान्य ग्राहक बनकर दुकानों पर पहुंचे और नमक के पैकेट खरीदे। अधिकारियों को नमक निर्धारित एमआरपी पर ही मिला। जिले में अब तक नमक की कमी या अधिक मूल्य पर नमक बेचने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज यहां बताया कि जिले में नमक की कमी एवं अधिक दामों पर नमक बेचने की अफवाह पर अधिकारियों की टीम बनाकर जांच कराई गई है। नायब तहसीलदार, तहसीलदार स्वयं ग्राहक बनकर दुकानों तक गए और नमक खरीदा। जिले में कहीं भी अधिक दामों पर नमक बेचने का मामला नहीं मिला है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम श्री सुनील नायक एवं अन्य कार्यपालिक दण्डाधिकारियों के साथ दुकानों की जांच की है। दुकानों में नमक का स्टाक वेरीफाई किया गया है। कहीं भी नमक की कमी नहीं है। श्रीमती कौशल ने बताया कि जिले में नमक की मासिक खपत 40 से 42 टन है और वर्तमान में थोक विके्रताओं के पास लगभग 50 टन नमक का स्टाक मौजूद है। जिले में नमक की कोई कमी नहीं है। कलेक्टर ने दुकानदारों को नमक की दर तथा रोज के उपलब्ध स्टाक की जानकारी हर दिन खाद्य विभाग को देने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्टाक एवं दर को दुकानों के सामने बोर्ड पर फ्लैक्स आदि के माध्यम से प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए हैं।
श्रीमती कौशल ने नमक की कालाबाजारी, अवैध भण्डारण तथा अधिक दामों पर बेचने वाले व्यापारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। जिला खाद्य अधिकारी श्री आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि कलेक्टर के निर्देष पर नमक के थोक विके्रता बोल बम ट्रेडर्स के यहां स्टाक एवं दाम की जांच की गई है। स्टाकिस्ट द्वारा 50 पैकेट वाली एक बोरी फुटकर विके्रताओं को 17 रूपये 44 पैसे प्रति किलो की दर से 872 रूपये में दी जा रही है जिसका विधिवत बिल-वाउचर भी संधारित किया जा रहा है। श्री चतुर्वेदी ने बताया कि रिटेलर्स इस नमक को बीस रूपये प्रति किलो की दर से आम लोगों को बेच रहें हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी रिटेलर द्वारा पैकेट पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दामों पर नमक नहीं बेचा जा रहा है। पंतजलि का नमक दस रूपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि जिले में स्टाकिस्ट के सपास अभी 50 टन नमक का स्टाक मौजूद है। -
कोरबा 12 मई : हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के लिए क्या बोलें ..? थैंक यू कह सकते हैं ... भगवान उनके सर पर हमेशा अपना हाथ बनाये रखे ... भगवान मुख्यमंत्री पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाये रखे ... गुजरात और तेलंगाना से विशेष ट्रेनों द्वारा बिलासपुर और फिर प्रशासन की टीम के साथ कोरबा पहुंचे दो श्रमिक परिवारों ने सुरक्षित घर वापसी पर बार-बार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को दुआएं और धन्यवाद दिया है। भावुक होकर श्री राजू सिंह और श्री देवनारायण ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को जमीन से जुड़ा सभी की चिन्ता करने वाला संवेदनशील व्यक्ति बताया। गुजरात के गांधीनगर और तेलंगाना के सिकंदराबाद से आज कोरबा जिले के दो प्रवासी श्रमिक परिवार बिलासपुर के रास्ते कोरबा लौट आये। पहला परिवार अहमदाबाद-बिलासपुर विशेष श्रमिक रेलगाड़ी से तो दूसरा परिवार लिंगमपल्ली-बिलासपुर विशेष ट्रेन से आज सुबह बिलासपुर पहुंचे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इन श्रमिकों को कोरबा लाने के लिए पहले ही बसें कोरबा से रवाना कर दी थी। प्रशासन की टीम ने इन श्रमिकों को सुरक्षित कोरबा लाकर रसियन हास्टल में 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा है।
अहमदाबाद से चली विशेष ट्रेन आज सुबह लगभग 10 बजे बिलासपुर पहुंची। इस ट्रेन से कोरबा जिले के हरदीबाजार क्षेत्र के उतरदा गांव के रहने वाले राजू सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं। दूरभाष पर बात करने पर राजू सिंह ने बताया कि वे पिछले कार्तिक महिने में गुजरात के गांधीनगर में सेठ अमृत भाई के ईंट भट्ठे पर काम करने परिवार सहित गये थे। पत्नी श्रीमती रामायण बाई, नौ साल की बेटी रागिनी और सात साल का बेटा विक्रम उनके साथ थे। सेठ एक हजार ईंट बनाने का पांच सौ रूपये मजदूरी देता था। परंतु कोरोना बीमारी के कारण कामकाज ठप्प हो गया। एक-दो सप्ताह तक सेठ ने अपने पास रखकर खाना खिलाया लेकिन बाद में उसने भी सहायता करने से मना कर दिया। श्री राजू सिंह ने बताया कि अपने और अपने परिवार के आधार कार्डों से उन्होने वापसी के लिए पंजीयन कराया था। विशेष गाड़ी से वे अब वापस अपने घर आ गये हैं।
इसी तरह बतरापाली के देवनारायण पात्रे अपनी पत्नी सुनीता और डेढ़ साल के बच्चे यश के साथ तेलंगाना के सिंकदराबाद में राज मिस़़्त्री का काम करने गये थे। छह महिने पहले ठेकेदार उन्हे बिल्डिंग बनाने के काम के लिए लेकर गया था। देवनारायण सिकंदराबाद में आरसीसी क्रास के पास रहकर अपना काम करते थे। देवनारायण ने बताया कि ठेकेदार से साढ़े पांच सौ रूपये दिन मजदूरी मिलती थी। कोरोना के कारण लाॅक डाउन होने से काम-धाम बंद हो गया। ठेकेदार ने भी पैसा देने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में जल्दी से जल्दी वापस घर लौटने की चिन्ता थी। उन्होंने बताया कि ऐसे में पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की है। देवनारायण ने अपने परिवार की जानकारी और आधार कार्ड देकर स्थानीय प्रशासन में पंजीयन कराया और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लेकर आने वाली पहली गाड़ी से वे बिलासपुर पहुंच गये। देवनारायण ने कोरोना के कारण घर से दूर दूसरे राज्य में बिना काम के भूख-प्यास से परेशान छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हे वापस लाने के लिए ट्रेन भेजने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का बार-बार आभार और धन्यवाद जताया।
बिलासपुर पहुंचने पर इन सभी श्रमिकों को बारी-बारी से ट्रेन से उतारकर उनकी मेडिकल स्क्रिनिंग की गई है। श्रमिकों को सेनेटाईजर और मास्क उपलब्ध कराये गये हैं। इन सभी श्रमिकों को मेडिकल स्क्रिनिंग के बाद प्रशासन की टीम बस से कोरबा लेकर आई। जहां पुनः मेडिकल जांच के बाद सभी को आगामी 14 दिनों तक रसियन हास्टल के क्वारेंटाईन सेंटर में रखा गया है। यहां इन सभी के गले और नाक के स्वाब का सेंपल लेकर कोरोना की जांच के लिए एम्स भेजा जायेगा।कल विजयवाड़ा, लखनऊ और अमृतसर से आयेंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, कोरबा से भेजी जायेंगी बसें- छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को लेकर कल 13 मई को सुबह नौ बजे के आसपास एक विशेष ट्रेन आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से बिलासपुर पहुंचेगी। दोपहर में एक रेलगाड़ी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से रायपुर पहुंचेगी।
उसी तरह पंजाब के अमृतसर से चली रेलगाड़ी छत्तीसगढ़ के श्रमिकों लेकर कल शाम चांपा पहुंचेगी। इन गाड़ियों से आने वाले कोरबा के श्रमिकों को कोरबा लाने के लिए तीन प्रशासनिक दल बसों के साथ बिलासपुर, रायपुर एवं चांपा रेलवे स्टेशन भेजे जायेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने श्रमिकों को बिलासपुर, रायपुर और चांपा से कोरबा तक सुरक्षित लाने के लिए जरूरी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। स्टेशन पर उतरते ही श्रमिकों के सेनेटाईजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए उन्हें स्टेशन पर ही प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं। श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों को मास्क एवं सेनेटाईजर देने को कहा है। उन्होंने इन श्रमिकों के खान-पान की व्यवस्था और कोरबा लाकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखने के भी निर्देश दिए हैं। -
पूर्व में लागू प्रतिबंध हटा, कलेक्टर ने जारी किये निर्देशहर शनिवार-रविवार को रहेगा पूर्णतः लाॅक डाउन
कोरबा 12 मई : कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण के लिये पूर्व में नगर पालिका परिषद दीपका और नगर पंचायत छुरीकला की सभी दुकानों के खोलने पर लगाई गई रोक प्रशासन ने हटा ली है। दीपका और छुरीकला में अब अति आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ शहरी सीमा क्षेत्र के बाजार और बाजार परिसरों में आवश्यक सामान बेचने वाले दुकानों तथा शहरी क्षेत्र में एकल दुकानें, कालोनी की दुकानें और आवासीय परिसरों में आवश्यक एवं गैर आवश्यक सामग्री के विक्रय हेतु दुकानों के संचालन की अनुमति दी गई है। जिला प्रशासन द्वारा समय सुबह नोै बजे से दोपहर दो बजे तक समय निर्धारित किया गया है। राशन, सब्जी, फल, दूध आदि के साथ-साथ इलेक्ट्रिक पंखों, कूलर, बे्रड आदि की दुकानें भी इसी अवधि में खुली रहेंगी। दूध बांटने का समय सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक निर्धारित किया गया है। हालाकि शनिवार एवं रविवार को पूरे जिले में लागू लाॅक डाउन दीपका और छुरीकला में भी पहले की तरह लागू होगा।
निजी कार्यालय आवश्यकतानुसार तैंतीस प्रतिशत की अधिकतम क्षमता के साथ काम कर सकेंगे तथा शेष व्यक्ति घर से कार्य करेंगे। ब्यूटी पार्लर, नाई दुकान, स्पाॅ एवं सेलून की दुकानें प्रतिबंधित रहेंगी। पान ठेले, पान, गुटका, तंबाखू, सिगरेट, बीड़ी का विक्रय उपभोग तथा सेवन प्रतिबंधित रहेगा। सार्वजनिक परिवहन यान, यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, आटो, ई-रिक्शा के संचालन को आगामी आदेश तक स्थगित किया गया है। इसी प्रकार सभी स्कूल, कालेज, शैक्षिक प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थानों आदि का संचालन भी प्रतिबंधित रहेगा। सभी गैर आवश्यक क्रिया कलापों हेतु शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। शासन द्वारा अनुमति प्राप्त परिवहन साधनों को छोड़कर अंतर्राज्यीय सार्वजनिक परिवहन के सभी साधन भी प्रतिबंधित रहेंगे। सिनेमा हाल, शापिंग माल, जिम, खेल परिसर, स्वीमिंग पुल, थियेटर, बार, आडिटोरियम, धार्मिक स्थल एवं पूजा स्थल भी पूरी तरह बंद रहेंगे। सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, सभी प्रकार के समारोह प्रतिबंधित रहेंगे।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने निर्धारित छूट अवधि के बाद लोगों को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है। इस दौरान लोग अपने घरों में ही रहंेगे। अभी भी लाॅकडाउन के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये शासन द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देश पूरी तरह लागू रहेंगे। शराब इत्यादि दुकानों के विके्रताओं द्वारा दुकान में उपस्थित व्यक्तियों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी बनाये रखे जाना सुनिश्चित की जायेगी। एक समय पर दुकान में पांच से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं रहेंगे। यदि एक समय पर अधिक व्यक्ति उपस्थित हो तो कूपन की व्यवस्था एवं अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
दवाई दुकानें और पेट्रोल पम्प सामान्य दिनों की तरह ही संचालित होंगे, परन्तु उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिये शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। बिजली के पंखे, कूलर की दुकानें और इनकी रिपेयरिंग की दुकानें भी निर्धारित समय में खुल सकेंगी। नगर पालिका परिषद दीपका और नगर पंचायत छुरीकला नगरीय निकायों में गिट्टी, सीमेंट, छड़, कंसट्रक्शन से जुड़े सामानों की दुकानें हार्ड वेयर तथा आटो पार्ट्स की दुकाने भी निर्धारित समय में खुलेंगी। विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक किताबों की दुकानों को भी निर्धारित समयावधि के लिए पूर्णतया तालाबंदी से छूट दे दी गई है। कुरियर, डाक और पोस्ट आफिस सेवाओं को भी लाक डाउन से छूट प्रदान कर दी गई है। इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, प्लंबर, बढ़ई, आईटी रिपेयर का काम करने वाले लोगों को भी लाक डाउन से छूट दी गई है। खोया, पनीर, दही जैसे दूध उत्पादों की बिक्री की दुकानें भी निर्धारित समय में खुली रहेंगी।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि दुकानदारों को सोशल और फिजिकल डिस्टेन्सिंग के नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। लाॅकडाउन की स्थिति में निर्धारित किये गये समयानुसार अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानें आदि खुलेंगी। दुकानदारों को कोरोना संक्रमण की गम्भीरता को देखते हुये अपने ग्राहकों के बीच कम से कम एक-एक मीटर की दूरी मेन्टेन करनी होगी। इसके लिये दुकानों के सामने एक-एक मीटर पर लाईन, चैकोर डिब्बा या गोला बनाकर लोगों को निर्धारित दूरी पर रखना होगा। दुकानों पर भीड़ लगाने की बजाय लोगों को भी एक-एक कर सामान खरीदने की हिदायत जिला प्रशासन द्वारा लगातार दी जा रही है। कार्य स्थल पर सभी को चेहरा ढंकने या मास्क पहनने की अनिवार्यतः रहेगी। यह संपूर्ण पाबंदियां एवं छूट 17 मई 2020 की मध्य रात्रि या आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेंगे।