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राकेश टिकैत का मंच गिरा : जींद कंडेला गांव में महापंचायत में मंच टूटने से हड़कंप

 जींद : कंडेला गांव में आयोजित किसान महापंचायत में मंच टूटने से हड़कंप मच गया। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (अराजनीति) के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत और अन्‍य किसान नेता भाग ले रहे हैं। टिकैत और किसान नेता मंच पर ही मौजूद थे। टिकैत इस घटना में बाल-बाल बच गए। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। मंच टूटने के बाद राकेश टिकैत और पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवााल सहित कई नेता मंच के साथ नीचे गिर गए। गनीमत रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। बड़ी संख्‍या में लोगों के मंच पर चढ़ जाने के कारण यह टूटा।


भीड़ ज्यादा होने से टूटा मंच, गिरे राकेश टिकैत व राजेवाल सहित कई किसान नेता

टिकैत ने इससे पहले महापंचायत में  किसान आंदोलन के बारे में जानकारी दी और हरियाणा के किसानों से दिल्‍ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने की अपील की। महापंचायत में किसानों की मांगों और किसान आंदोलन को लेकर पांच प्रस्‍ताव पारित किए गए।

अभी तो कृषि कानून वापसी की ही बात की है, अगर गद्​दी वापसी की बात की तो सरकार क्या करेगी : टिकैत

मंच टूटने के थोड़ी देर बाद महापंचायत फिर शुरू हो गई। इसके बाद राकेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित किया। टिकैत ने कहा कि अभी तक तो किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी की बात कही है, अगर गद्​दी वापसी की बात की तो सरकार क्या करेगी। टिकैत ने किसानों से अपील की कि शांतिपूर्वक आंदोलन चलाएं। उन्होंने कहा कि किसान नंगे पांव खेत में जाएं और अपने खेत की मिट्टी शरीर पर लगाएं। इसके बाद किसान के मन में जमीन को बेचने का ख्याल तक नहीं आएगा।

कंडेला में आयोजित महापंचायत में मौजूद किसान

कंडेला गांव के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में आयोजित महापंचायत में 50 से ज्यादा खापों के हजारों किसानों ने भाग लिया। सुबह 10 बजे ही किसान स्टेडियम में जुटना शुरू हो गए थे। टिकैत ने यह भी आह्वान किया कि अभी किसान दिल्ली कूच न करें, अपनी तैयारीकर के रखें, जब जरूरत होगी, तब बुला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उस दिन उन्होंने पानी मांगा, क्योंकि पानी ठंडा होता है, अगर वह उस दिन आग मांग लेते तो दिल्ली और सरकार क्या करती।

टिकैत बोले- युद्ध में घोड़े नहीं बदले जाते

राकेश टिकैत ने का कि युद्ध में कभी घोड़े नहीं बदले जाते। सरकार से बातचीत के लिए जो 40 किसानों की कमेटी बनाई गई है, उसके सदस्य नहीं बदले जाएंगे। कमेटी भी वही रहेगी और इसके सदस्य भी वही रहेंगे। ऑफिस भी पहले जहां था, वहीं रहेगा। किसानों को भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी, बलवीर राजेवाला ने भी संबोधित किया।

कंडेला के खेल स्‍टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत और अन्य नेताओं की मौजूदगी में व्‍यापक चर्चा हुई। महापंचायत में कृषि कानूनों और किसानों के प्रति सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई गई। महापंचायत में पांच प्रस्‍ताव प‍ारित किए गए।

कंडेला में खापों की महापंचायत में पारित किए गए पांच प्रस्ताव-

1. तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद किए जाएं

2. एमएसपी पर कानून जामा पहनाया जाए

3. स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए

4. किसानों का कर्जा माफ किया जाए

5. 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्‍त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाए

इससे पहले यहां पहुंचने पर किसान नेताओं और महापंचायत में मौजूद लोगों ने टिकैत का गर्मजोशी से स्‍वागत किया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहली बार ह‍रियाणा के बांगर क्षेत्र में आए हैं। टिकैत का गाजीपुर बार्डर पर 28 जनवरी की भावुक होने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद हरियाणा के किसान उनके समर्थन में सामने आए और किसान आंदोलन में भाग लेने का ऐलान किया। कई गांवाें से किसानों ने दिल्‍ली कूच किया। आज की महापंचायत भी किसान आंदोलन को लेकर आयोजित की गई है।

जींद जिले के कंडेला में आयोजित किसान महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत 

राकेश टिकैत कंडेला गांव में किसान महापंचायत के मुख्य वक्ता हैं। इसके अलावा वह खटकड़ टोल पर भी आसपास के गांवों के किसानों को संबोधित करेंगे। कंडेला खाप के प्रधान व सर्वजातीय खाप पंचायतों के राष्ट्रीय संयोजक चौ. टेकराम कंडेला सहित कई किसान नेताओं ने टिकैत का स्‍वागत किया।

कंडेला गांव के खेल स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत के अलावा राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, पंजाब किसान यूनियन नेता बलबीर सिंह राजेवाल, हरियाणा भाकियू नेता गुरनाम सिह चढूनी, रतन सिंह मान, चौ. जोगेन्द्र मान आदि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी मौजूद हैं।
 

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