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   विरोध के बाद यूपी सरकार ने वापस लिया फैसला, अब गाजियाबाद का छात्रावास नहीं बनेगा डिटेंशन सेंटर
यूपी : नंदग्राम में एससी-एसटी छात्राओं के छात्रावास को डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने पर शुरू हुए विरोध के बाद सरकार और शासन ने निर्णय वापस ले लिया है।

बसपा प्रमुख मायावती के मुख्यमंत्री काल में बने इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने पर उन्होंने गुरुवार को ही ट्वीट कर इसे दोबारा छात्रावास ही बनाए जाने की मांग की थी। ऐसे में राजनीति के गरमाने से पहले ही सरकार ने अब इस छात्रावास की बिल्डिंग में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय वापस ले लिया है। इस इमारत में अब छात्रावास ही रहेगा।
 
नंदग्राम स्थित एससी-एसटी छात्राओं के लिए बने छात्रावास की बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश का पहला और देश का 12वां डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय कई माह पहले ले लिया गया था। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने इस इमारत को गृह मंत्रालय को एनओसी काफी पहले ही दे दी थी।
पुलिस विभाग द्वारा इसके जीर्णोद्धार का कार्य भी पूरा हो गया है। बीते बुधवार को इसकी रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी गई थी। सेंटर को दिल्ली में बने तीन सेंटर की तर्ज पर ही संचालित किया जाएगा। अभी सिर्फ भवन का जीर्णोद्धार किया गया है। शुक्रवार को इस डिटेंशन सेंटर के संचालन और बजट को लेकर गाजियाबाद में अहम बैठक होनी थी। डीएम की अध्यक्षता में प्रस्तावित इस बैठक में कई अन्य अधिकारियों को शामिल होना था।
विरोध के साथ ही डिटेंशन सेंटर के बोर्ड पर पोत दी थी कालिख
इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर बीते कई दिनों से विरोध तेज हो गया था। इस बिल्डिंग पर लगाए गए डिटेंशन सेंटर के बोर्ड पर भी किसी ने कालिख पोत दी थी। यह मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंचा तो उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर विरोध किया था।

उन्होंने ट्वीट में कहा था कि डा. अंबेडकर एससी-एसटी छात्रावास को यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में कनर्वट करना अति दुखद व अति निंदनीय है। यह सरकार की दलित विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग भी उठाई थी। माना जा रहा है कि चुनाव के इस दौर में एससी-एसटी के बड़े वर्ग में विरोध शुरू न हो इसको लेकर गुरुवार को ही सरकार ने इस निर्णय को वापस ले लिया है।

पूरी हो चुकी थी क्रियाशील बनाने की तैयारी
समाज कल्याण विभाग की ओर से बनाए गए नंदग्राम के इस छात्रावास में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग आवास बने हैं। समाज कल्याण विभाग ने इस छात्रावास के पूरे भवन को गृह विभाग को हैंडओवर कर दिया था। डिटेंशन सेंटर बनाने के प्रस्ताव के बाद बालिका छात्रावास जिसमें लगभग 80 कमरे हैं, उसके पांच कमरे पुलिस विभाग ने लिए थे और ग्राउंड फ्लोर के पांच कमरे का जीर्णोद्धार मेरठ स्थित निर्माण समिति ने करा दिया है।

अब इसको क्रियाशील करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी समाज कल्याण को ही दी गई थी। इसको लेकर डीएम की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक प्रस्तावित थी, इसमें पदों के सृजन से लेकर बजट का खर्च, किस विभाग की पूर्ण जिम्मेदारी होगी इस पर मुहर लगाई जानी थी।

इसके साथ ही गृह विभाग इस पूरे भवन का इस्तेमाल करेगा या सिर्फ गर्ल्स हॉस्टल का ही इस्तेमाल होगा इसपर भी चर्चा होनी थी। इस डिटेंशन सेंटर को दिल्ली में बने तीन डिटेंशन सेंटर की तर्ज पर संचालित किया जाना था। गृह विभाग द्वारा भेजे गए स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसिजर (एसओपी) के अनुसार इसमें ऐसे विदेशियों को रखा जाना था, जिनका वीजा खत्म हो चुका है और वह अवैध रूप से यहां रह रहे हैं।
 
2011 में शुरू हुआ था दलित छात्रावास
नंदग्राम में दलित छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग दो अंबेडकर छात्रावास प्रशासन द्वारा बनाए गए थे। दोनों छात्रावास की क्षमता 408 छात्र-छात्राओं की है। यह जनवरी 2011 में बनकर तैयार हो गया था और इसकी शुरुआत भी 15 जनवरी 2011 को ही कर दी गई थी।

छात्रावास पूरी सुविधाओं से लैस बनाया गया था, लेकिन काफी समय से यह छात्रावास बंद है। इतना ही नहीं इसकी देखरेख ना होने के कारण यह जर्जर हालत में हो चुका था। योगी सरकार के आने के बाद बंद पड़े इस छात्रावास की सुध ली गई और इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था।

जिसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार करते हुए इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया। यहां पर 100 विदेशियों को रखे जाने की व्यवस्था की गई थी और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को सौंपी गई थी।

नंदग्राम एससी-एसटी छात्रावास को अब डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। शासन ने इसे डिटेंशन सेंटर न बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए निर्देश मिल चुके हैं। अब इस इमारत में छात्रावास ही संचालित होगा। - अजय शंकर पांडेय, डीएम

 

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