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 NEET-JEE Main 2020: छात्रों के समर्थन में उतरे राहुल गांधी...
नई दिल्ली :  कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार सिंतबर में JEE और NEET परीक्षा करवाने जा रही है, जिसको लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के अलावा बहुत सारे छात्र भी शामिल हैं, अब इन छात्रों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उतर आए हैं, उन्होंने छात्रों के समर्थन में ऑनलाइन कैंपेन शुरू की है, जिसमें छात्रों समेत लोगों से जुड़ने की अपील की गई है, छात्रों की मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।

राहुल गांधी ने छेड़ी ऑनलाइन मुहिम राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि लाखों परेशान छात्रों के साथ अपनी आवाज़ जोड़िए। #SpeakUpForStudentSafety आज 10 बजे से। आइए, सरकार से छात्रों की बात सुनने की मांग करें। आपको बता दें कि बुधवार को गैर-भाजपा शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मिलकर इन परीक्षाओं को टलवाने के पक्ष में अपनी आवाज उठाई।

कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतरे बैठक के बाद कांग्रेस ने ऐलान किया कि वो परिक्षाओं की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी। जिसके बाद आज कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतरे, साथ ही दोनों परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है।

150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तो वहीं एक दिन पहले भारत और विदेशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मुख्य) और नीट में यदि और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य इससे प्रभावित होगा, जो कि सही नहीं है। इन शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं, ये लोग सिर्फ अपने मतलब के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

4000 से अधिक छात्रों ने की भूख-हड़ताल गौरतलब है कि राजनेताओं के साथ-साथ छात्रगण भी कोरोना वायरस (कोविड-19) के बीच परीक्षाओं के आयोजन को गलत मान रहे हैं। देशभर के 4000 से अधिक छात्रों ने इन परीक्षाओं को स्‍थगित करवाने की मांग को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल भी की थी, जबकि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने परीक्षा कराए जाने के केंद्र के फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि छात्र और उनके माता-पिता खुद ये चाहतें हैं कि परीक्षा हो, उन्होंने कहा कि जेईई में बैठने वाले 80 फीसदी छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए गए हैं।
 

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