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 भारत के खिलाफ जैविक युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहे पाक और चीन
मीडिया रिपोर्ट 

नई दिल्ली : चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इन दोनों पड़ोसी मुल्कों ने जैविक युद्ध छेड़ने की साजिश रची है और तीन साल के लिए एक गुप्त समझौता भी किया है।

दोनों देशों के बीच हुए गुप्त समझौते के मुताबिक जैविक हथियारों की संख्या बढ़ाने से लेकर एंथ्रेक्स जैसे खतरनाक वायरस पर रिसर्च करने की बात कही गई है। क्लाजोन नाम की एक यूनिट ने यह दावा कई सारे खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के हवाले से किया है। कोरोना वायरस को लेकर चीन की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यह भी कहा था कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से निकला है।

सुरक्षा विशेषज्ञ एंथॉनी क्लान नाम के शख्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इसी लैब ने पाकिस्तानी सेना रक्षा विज्ञान व तकनीकी संस्थान (DESTO) के साथ 'बढ़ती संक्रमित बीमारियों' पर शोध करने के लिए समझौता किया है। इसके अलावा फैलने वाली बीमारियों के जैविक नियंत्रण पर भी शोध किया जाना है। माना जा रहा है कि भारत के अलावा अमेरिका जैसे पश्चिमी देश भी निशाने पर होंगे। इन्हें संक्रामक बीमारियों का निशाना बनाया जाएगा और इस पर होने वाला खर्च चीन की वुहान लैब ही उठाएगी।

एंथ्रेक्स जैसे खतरनाक वायरस का खतरा 
इस रिपोर्ट में एक वरिष्ठ खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाक एजेंसी वुहान लैब के साथ मिलकर एंथ्रेक्स जैसे वायरस पर शोध करने में लगी हुई है। यह खुफिया समझौते के तहत किया जा रहा है। इस समझौते के तहत जैविक हथियार बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए जरूरी मिट्टी परीक्षण भी किए जा चुके हैं। चीन ने पाकिस्तानी वैज्ञानिकों के साथ डाटा और जानकारी भी साझा कर ली है। 
 
पाक वैज्ञानिकों को मिल रही ट्रेनिंग 
वुहान की लैब में पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे जैविक हथियारों को विकसित कर सकें। इसके तहत पाकिस्तान खुद अपने वायरस तैयार करने में सक्षम हो सकेगा। खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस तरह से पाकिस्तान के पास अपने खुद के वायरस तैयार हो जाएंगे, जो बेहद खतरनाक है। इस खुफिया प्रोजेक्ट पर किसी सरकारी विश्वविद्यालय या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। 

पाक में अपनी लैब बनाने की तैयारी 
कोरोना वायरस पर दुनिया में आलोचना झेलने के बाद चीन अपनी धरती से अब कुछ नहीं करना चाहता। इसलिए वह अब पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना लगाना चाहता है। चिंता की बात यह भी है कि पाकिस्तान की लैब में ऐसे कोई इंतजाम नहीं हैं, जिससे इन्हें बाहर जाने से रोका जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल चीन की योजना जैविक हथियारों की लैब को अपनी धरती से पाकिस्तान में शिफ्ट करने की है ताकि वह आलोचनाओं से बच सके। 

इबोला जैसा वायरस बना भी लिया 
इस खुफिया रिपोर्ट की मानें तो चीन और पाकिस्तान ने मिलकर एक खतरनाक वायरस बना भी लिया है। इस समझौते के तहत क्रीमेन कोंगो हेमोरेजिक फीवर वायरस (CCHFV) के प्रयोग भी शुरू कर दिए हैं। इस वायरस से 25 फीसदी संक्रमितों की मौत तय मानी जाती है और यह इबोला वायरस जैसा है। पाकिस्तान की जिस लैब में इसकी टेस्टिंग की जा रही है, वो इस लेवल-4 की बीमारी को फैलने से रोकने में सक्षम नहीं है।

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