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 गैंगरेप और मर्डर के आरोपियों के एनकाउंटर पर शशि थरूर, मेनका गांधी समेत कई नेताओं ने उठाए सवाल
मीडिया रिपोर्ट 
 
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला पशु-चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के सभी चारों आरोपियों की एनकाउंटर को लेकर राजनेताओं की अलग-अलग राय सामने आ रही हैं। कुछ लोग इस एनकाउंटर पर हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रहा है तो कुछ लोगों ने इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े किए हैं। बता दें कि, तेलंगाना में महिला पशु-चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के सभी चारों आरोपी शुक्रवार तड़के साइबराबाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए।

पुलिस ने दावा किया कि क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के लिए चारों आरोपियों को हैदराबाद के बाहरी क्षेत्र शादनगर के समीप चटनपल्ली ले जाया गया था। इस दौरान चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश और फिर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ उस स्थान से कुछ ही दूरी पर हुई जहां महिला पशु-चिकित्सक को जलाया गया था। पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गए हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।’ एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है। जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए। लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह का गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता।”

वामपंथी दल सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी चिंता का जवाब नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि बदला कभी न्याय नहीं हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद लागू हुए कड़े कानून को हम सही से लागू क्यों नहीं कर पा रहे है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने हैदराबाद एनकाउंटर पर सवाल उठाया है।
 

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