ब्रेकिंग न्यूज़

हांगकांग से अमेरिका पहुंचीं विशेषज्ञ का खुलासा- कोविड-19 के बारे में चीन पहले से जानता था

मीडिया रिपोर्ट 


नई दिल्ली : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से दुनियाभर में 1.20 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इस वायरस के चलते छह लाख लोगों की मौत हुई है। कोरोना की सच्चाई छिपाने को लेकर चीन पर दुनियाभर में आरोप लग रहे हैं। इसी बीच कोरोना की सच्चाई को लेकर बीजिंग एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। 

दरअसल, हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंचीं एक वायरोलॉजिस्ट ने खुलासा किया है कि कोविड-19 के बारे में चीन काफी पहले से जानता था। उसने जब दुनिया को इस बारे में बताया, उससे पहले ही चीन को इस वायरस की जानकारी थी। इस संबंध में सरकार में सर्वोच्च स्तर पर फैसले लिए गए और जानकारी को छिपाया गया। 

फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए एक साक्षात्कार में 'हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी' की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने कुछ बड़े खुलासे किए। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में उनकी शोध को उनके सुपरवाइजर्स (पर्यवेक्षकों) ने भी नजरअंदाज कर दिया, जोकि इस विषय में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञ हैं। उनका मानना है कि उनके शोध से लोगों को जान बचाई जा सकती थी। 

यान ने साक्षात्कार में बताया कि वह कोविड-19 पर अध्ययन करने वाली दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने अपने राज को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को शोध में शामिल करने से इनकार कर दिया। 

उन्होंने बताया कि पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा की, लेकिन जल्द ही उनके बात करने के तरीके में परिवर्तन देखने को मिला। शायद यह उनपर चीन सरकार का दबाव था। 

यान ने कहा कि जो शोधकर्ता कल तक खुलकर वायरस पर चर्चा करते थे, अचानक उन्हें चुप कर दिया गया। वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने इस विषय पर चुप्पी साध ली और दूसरों को चेतावनी दी गई कि उनसे इस संबंध में जानकारी न मांगी जाए। आगे चलकर वुहान इस वायरस का केंद्र बनकर उभरा। 

यान के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन हमें मास्क लगाने की जरूरत है। उनके सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद मानव से मानव संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा। इस घटना के बाद यान ने हांगकांग छोड़ने का फैसला किया। 

उन्होंने कहा कि मैंने अपना सामान बांधा और कैंपस में लगे कैमरों और सेंसर से बचते हुए 28 अप्रैल को अमेरिका के लिए कैथी पैसिफिक फ्लाइट में सवार हो गई। यान ने बताया कि इस दौरान उनके पास केवल पासपोर्ट और उनका बैग था, बाकी हर प्यारी चीज उन्हें पीछे छोड़नी पड़ी। 

यान ने कहा कि अगर मैं पकड़ ली जातीं तो मुझे जेल में डाल दिया जाता या गायब कर दिया जाता। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश कर रही है और कम्युनिस्ट पार्टी उन्हें चुप करने के लिए साइबर हमले कर रही है। 
 

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook