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आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भड़के गुलाम नबी, केंद्र पर बरसे

नई दिल्ली। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से अपना फैसला दिया कि सरकारी नौकरी में भर्ती और पदोन्नति के लिए आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। उसके बाद संसद में इस मसले पर जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्ष सहित सरकार के सहयोगी दल भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। 


गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है और देश की एक चौथाई आबादी से जुड़ा हुआ मुद्दा है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस बाबत कैबिनेट की बैठक करें और कहें कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। सरकार सुप्रीम कोर्ट से उसका फैसला वापस लेने को कहेगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार कहे कि वह इस फैसले को रद्द करने के लिए एक बिल लेकर आएंगे। इससे पहले इस पूरे मामले में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने संसद में अपना बयान दिया। 

थावर चंद गहलोत ने कहा कि सरकार इस मसले पर उच्च स्तरीय विचार कर रही है। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि केंद्र सरकार इस पूरे मसले पर कोर्ट में पक्षकार नहीं थी। इस मामले में ना तो सरकार को पक्षकार बनानया गया और ना ही सरकार से कोई शपथ पत्र मांगा गया। गहलोत के इस बयान पर हमला बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुझे लगा था कि मंत्रीजी कहेंगे कि सरकार आज ही सुप्रीम कोर्ट जाएगी और इस फैसले को पलटवायेगी। अगर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले को नहीं बदलता है तो ये एक बिल लेकर आएंगे जिससे कि इस आदेश को खत्म किया जा सके। यह कोई जवाब नहीं होता है कि सरकार ने इस मसले पर उच्च स्तर पर संज्ञान लिया है। 

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