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 राजा मानसिंह मौत मामले में कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया
नई दिल्ली : वर्ष 1985 के राजा मान सिंह की मौत का बहुचर्चित मामले में फैसला देते हुए मथुरा की अदालत ने 11 पुलिस कर्मियों को दोषी ठहराया. दोषी पुलिसकर्मियों को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी. गौरतलब है कि 80 के दशक में राजा मान सिंह का मामला बेहद चर्चा में रहा था. वर्ष 1985 में मानसिंह राजस्थान के भरतपुर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे. इससे, एक दिन पहले उन्होंने राजस्‍थान के तत्‍कालीन हेलीकॉप्‍टर में अपनी जीप से जोरदार टक्‍कर मारी थी. घटना पर फैसला आने में 35 वर्ष लग गए.
 
मामला राजस्‍थान पुलिस से जुड़ी घटना से संबंधित है, जिस पर पश्चिमी यूपी के मथुरा की कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह मामला इस कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था. मामले में राजा मानसिंह ने अपनी जीप को राजस्‍थान के तत्‍कालीन सीएम के हेलीकॉप्‍टर और रैली के मंच से टकरा दिया था.21 फरवरी, 1985 को हुई इस एनकाउंटर मामले ने राजस्थान में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया और अंततः घटना के दो दिन बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर को इस्‍तीफा देना पड़ा था.

राजा मान सिंह के पोते दुष्यंत सिंह ने एक बयान उस घटनाक्रम के बारे में बताया जिसके कारण यह हत्या हुई थी. दुष्यंत सिंह ने बयान में कहा, "राजस्थान में 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी बृजेन्द्र सिंह को राजा मान सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा, राजा मानसिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे." बयान के अनुसार, "उस समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भरतपुर के झंडे का अपमान किया और इससे राजा मान सिंह को गुस्सा आ गया. उन्होंने अपनी जीप से तत्कालीन मुख्यमंत्री की रैली के मंच को नुकसान पहुंचाया और मुख्यमंत्री को ले जाने के लिए खड़े चॉपर को क्षतिग्रस्त कर दिया था." यह घटना 20 फरवरी को हुई थी. 
 

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