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 बैंक धोखाधड़ी मामले में ED ने मीडिया कंपनी के 14 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन मामले में एक मीडिया की कंपनी की 14 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। मामला कथित तौर पर 2600 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ा हुआ है। यह जानकारी शुक्रवार को जांच एजेंसी ने दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि इसने पिक्सियन कंपनी समूह के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत औपबंधिक आदेश जारी किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बयान में कहा, ‘‘जब्त की गई संपत्तियां म्यूचुअल फंड, अदा परिवार न्यास और ध्रुव परिवार निजी न्यास के नाम से सूचीबद्ध कंपनियों में क्रमश: 5.95 करोड़ और 6.26 करोड़ रुपये के शेयर, विभिन्न संबंधित समूहों के नाम से 1.67 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड, 45 लाख रुपये के पीपीएफ अकाउंट बैलेंस और 14.62 लाख रुपये के बैंक बैलेंस शामिल हैं।’’ कुल 14.49 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की गई है।

इसने बताया कि मामला कथित धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र से जुड़ा हुआ है जिस कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2600 करोड़ रुपये की हानि हुई और पिक्सियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, महुआ मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, पिक्सियन विजन प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशक पी. के. तिवारी, आनंद तिवारी, अभिषेक तिवारी और अन्य को गलत तरीके से लाभ मिला।

सीबीआई की तरफ से आरोपियों के खिलाफ दायर प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए। ईडी ने आरोप लगाए कि जांच में पाया गया कि बैंक ऋण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से हासिल किए गए। एजेंसी ने कहा कि आरोपियों द्वारा इन कंपनियों, व्यक्तियों और परिवार के ट्रस्टों के नाम पर विभिन्न बैंकों में कई खाते खोले गए।

 

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