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 मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर मजदूरों ने खाने की व्यवस्था न होने पर किया हंगामा, पथराव
मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित सेंधवा में गुरुवार को हिंसा देखने को मिली। यहां हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने हंगामा और पथराव किया। घर जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं होने पर मजदूरों ने कई बार हाईवे को भी जाम कर लिया। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के भारी संख्या में जमा होने से प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि हम मजदूरों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करेंगे। सरकार ने कहा कि पिछले तीन दिन में सेंधवा के पास सीमा पर 15,000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है। वहीं मजदूरों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने उनके लिए खाने और परिवहन का कोई इंतजाम नहीं किया है।

इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें ये मजदूर हाईवे पर चिल्लाते और भागते हुए नजर आ रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि इन्होंने घटनास्थल पर तैनात पुलिस पर पथराव किया है। पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के सैलेश त्रिपाठी ने कहा, 'यहां लोग कुछ महीनों के बच्चों के साथ तक यात्रा कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने हमें यहां तक ​​भेजा, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है। हम यहां बीती रात से हैं, भूखे और प्यासे।' वहीं सतना के रहने वाले एक शख्स का कहना है कि जहां ये लोग फंसे हुए हैं वो जंगली इलाका है और यहां कोई सुरक्षा भी नहीं है। 'कोई मजदूरों की परवाह नहीं करता।'

बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर ने कहा, प्रवासियों को यहां से 135 बसों से विभिन्न जिलों में बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भेजा गया है। उचित संख्या में परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए अधिक से अधिक संख्या में बसों की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। ताकि उन्हें उनके घरों तक भेजा जा सके। जब उनसे पथराव और हंगामा किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कुछ बसों के जाने के बाद बाकी बचे प्रवासी मजदूरों को यह लगा कि उनके लिए और बसें नहीं आएंगी और इस वजह से उन्होंने हंगामा और पथराव करना शुरू कर दिया।
 

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