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 बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि आयुर्वेद पर लगा 75 करोड़ रुपये का जुर्माना
मीडिया रिपोर्ट 
 
नई दिल्ली : जीएसटी के रेट में कटौती के बाद भी उत्पादों के दाम न घटाने पर योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद पर 75.1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। पतंजलि आयुर्वेद पर राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने यह जुर्माना लगाया है। आरोप है कि जीएसटी रेट कम होने के बाद भी पतंजलि ने अपने तमाम उत्पादों की कीमत में कमी नहीं की बल्कि डिटर्जेंट पाउडर की कीमत में इजाफा कर दिया। 12 मार्च को अथॉरिटी की ओर से दिए गए आदेश में पतंजलि आयुर्वेद से कहा गया है कि वह इस फाइन को जमा करे।

इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के कन्ज्यूमर वेलफेयर फंड में 18 पर्सेंट जीएसटी जमा कराने का आदेश दिया गया है। अथॉरिटी ने कहा, ‘जीएसटी एक्ट के तहत रेट में कमी करने के बाद भी पतंजलि ने ग्राहकों को बेचे जाने वाले सामान के रेटों में कटौती नहीं की। इसके बाद पतंजलि को नोटिस जारी कर पूछा गया था कि आखिर आप पर इसके लिए जुर्माना क्यों न लगाया जाए।’ अथॉरिटी ने कहा कि तमाम चीजों पर जीएसटी रेट को 28 से 18 पर्सेंट और 18 से 12 फीसदी कर दिया गया था, लेकिन नवंबर 2017 के इस फैसले का फायदा पतंजलि ने ग्राहकों को नहीं दिया।

अथॉरिटी को दिए जवाब में पतंजलि ने कहा था कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स में जो इजाफा हुआ था, तब उसने ग्राहकों पर कीमतों का बोझ नहीं बढ़ाया था। अथॉरिटी ने पतंजलि आयुर्वेद के इस तर्क को खारिज कर दिया। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने कहा कि कंपनी ने पहले कीमतें नहीं बढ़ाई थीं, यह टैक्स में कटौती के बाद कीमतें न घटाने का कारण नहीं हो सकता। इसके अलावा अथॉरिटी ने पतंजलि आयुर्वेद को उस तर्क को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि उसके खिलाफ जांच होना, देश में कारोबार करने के उसके मूलभूत अधिकार का उल्लंघन है। अथॉरिटी के डायरेक्टर जनरल ने 4 महीने के अंदर पतंजलि पर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। 
 

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