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 चिन्मयानंद की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची पीड़िता, सुनवाई 24 को

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में लॉ की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद को मिली जमानत के खिलाफ पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीड़िता की याचिका पर चीफ जस्टिस एसए बोबड़े सोमवार (24 फरवरी) को सुनवाई करेंगे। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने चिन्मयानंद को जमानत देते हुए टिप्पणी की थी कि यह नहीं कहा जा सकता कि किसने किसका इस्तेमाल किया। तथ्य यह है कि दोनों ने ही एक-दूसरे का इस्तेमाल किया है। यह कुछ के बदले कुछ का मामला है। हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह पूरा मामला पीड़िता द्वारा प्रतिफल पाने का था, लेकिन समय के साथ ज्यादा हासिल करने का लालच बढ़ता गया। पीड़िता ने अपने साथियों के साथ साजिश रची और चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया, वह भी उन वीडियो के जरिये जो उसने खुद रिकार्ड किए थे। 

गौरतलब है कि 24 अगस्त 2019 को शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर वीडियो अपलोड कर चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था और इसके बाद छात्रा लापता हो गई थी। इसके बाद चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने अज्ञात के खिलाफ पांच करोड़ की रंगदारी का केस दर्ज कराया था। अगले दिन 25 अगस्त 2019 को छात्रा के पिता की ओर से चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म के आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। 27 अगस्त 2019 को वकीलों के पैनल की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्वत: संज्ञान लिया, जिसके बाद चिन्मयानंद पर अपहरण व धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
 

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