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 राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन और मुरुगन ने कोर्ट से मांगी इच्छा मृत्यु
एजेंसी 

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन और मुरुगन ने मद्रास हाई कोर्ट से इच्छा मृत्यु की मांग की है. नलिनी ने 27 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही को एक खत भेजा था. इसमें नलिनी ने जेल कर्मचारियों पर बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया और वेल्लोर जेल से शिफ्ट करने की मांग की थी. नलिनी के साथ ही दोषी मुरुगन ने भी इच्छा मृत्यु की मांग की है. जेल अधिकारियों ने मुरुगन के पास से मोबाइल फोन बरामद होने के बाद उसे एकांत कारावास में शिफ्ट कर दिया था. इसके बाद से मुरुगन और नलिनी पिछले 10 दिनों से उपवास पर हैं. नलिनी के वकील पुगझेंडी का कहना है कि अत्यधिक तनाव ने नलिनी को यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया है.

नलिनी के वकील पुगाझेंडी ने कहा कि नलिनी काफी दबाव से गुजर रही हैं, इसलिए इच्छामृत्यु की मांग उठाई है. उधर मुरुगन को भी एकांत कारावास में भेजा गया है जिसके बाद उसने इच्छामृत्यु की मांग की है. नलिनी के नाम देश में सबसे ज्यादा दिनों तक जेल में बंद रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. तमिलनाडु सरकार ने संविधान की धारा 161 के तहत राजीव गांधी हत्याकांड के सभी 7 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है लेकिन यह प्रस्ताव अभी राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के समक्ष लंबित है.

तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने उनकी रिहाई के लिए संविधान के अनुच्छेद 161 का हवाला दिया था. हाईकोर्ट ने हालांकि याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि वह राज्यपाल को कार्रवाई का आदेश नहीं दे सकता. सात दोषियों में ए.जी. पेरारिवलन, वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, टी. सुतेंद्रराजा उर्फ सनथन, जयाकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और वी. श्रीहरन की पत्नी नलिनी श्रीहरन हैं. इनमें भारतीय और श्रीलंकाई दोनों हैं. सभी दोषी 1991 से ही जेल में हैं, जब लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) की महिला आत्मघाती हमलावर ने चेन्नई में एक चुनावी जनसभा में खुद को उड़ाते हुए राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.
 

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