उर्दू प्राइमरी स्कूल को अन्यत्र स्थान्तरित करने से बच्चो के पलको में भारी विरोध !

ओड़िसा के जाजपुर जिला में सन 1936 से उर्दू प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहा था ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के द्वारा अल्पसंख्यक समाज के द्वारा दान किये गएजमीन संचालित हो रहा था स्कूल को हैं उन्होंने इसको वही संचालित हाई स्कूल में मर्ज कर दिया गया है जिसका मुस्लिम समाज के द्वारा भारी विरोध किया जा रहा है जबकि शासकीय गाइडलाइन का पालन किया जय तो यह स्कूल से पीसीबी स्कूल से दुरता 500 मीटर है फिर भी इसे उक्त स्कूल में संलग्न कर दिया गया है

हाई स्कूल जाने के लिए व्यस्त सड़क से छोटे बच्चो को गुजरना पड़ता है और रोड क्रॉस करके जाना पड़ता है जिससे कभी भी कोई दुर्घटना होम की सम्भावना बानी रहती है व्यस्त रोड होने के कारण और हर दिन या हाईवा बस ट्रक और भरी वाहनों का आना जाना लगा रहता है जिससे दुर्घटना की सम्भावना बच्चो के पलको को रहती है ,प्राइमरी स्कूल के इतने छोटे बच्चे 500 मीटर इतना वयस्त रोड में आना - जाना जानलेवा साबित हो सकता है इसीलिए कोई भी बच्चे के पालक अपने बच्चो को उसी प्राइमरी स्कूल में ही पढ़ना चाहते है और जाजपुर के पालक अपनी गोहर जिला कलेक्टर - डीपीसी, डिस्टिक एजुकेशन ऑफीसर कोई भी इनकी विवषता को नहीं समझ रहा है ! जाजपुर के निवासी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अपनी गुहार लगाने वाले हउर्दू उर्दू प्राइमरी स्कूल को अन्यत्र स्थान्तरित करने से बच्चो के पलको में भारी विरोध !


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