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 अब श्री हरमंदिर साहिब को मिलेगा विदेशों से चंदा....
पंजाब : गृह मंत्रालय ने पंजाब में स्थित श्री हरमंदिर साहिब को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के तहत पंजीकरण की अनुमति दी है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि यह निर्णय हमारी सिख बहनों और भाइयों की सेवा की उत्कृष्ट भावना को प्रदर्शित करेगा। 

एफसीआरए को मंजूरी मिलने से अब श्री हरमंदिर साहिब को विदेशों से चंदा मिल सकेगा। यह निर्णय पांच वर्षों के लिए मान्य होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, श्री दरबार साहिब की दिव्यता हमें शक्ति प्रदान करती है। दशकों से, दुनिया भर में संगत वहां सेवा करने में असमर्थ थे। श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए की अनुमति देने के मोदी सरकार के फैसले से विश्व और श्री दरबार साहिब के बीच सेवा का जुड़ाव गहरा गया है। 


अमित शाह ने कहा, श्री हरमंदिर साहिब में एफसीआरए पर निर्णय बेहद निर्णायक है जो एक बार फिर हमारी सिख बहनों और भाइयों की सेवा की उत्कृष्ट भावना को प्रदर्शित करेगा।

क्या है एफसीआरए
विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) एक ऐसा कानून है, जो भारत में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) तथा अन्य लोगों हेतु कुछ व्यक्तियों या संगठनों द्वारा प्रदान किए गए विदेशी योगदान को विनियमित करने के लिए संसद द्वारा अधिनियमित है। 

एफसीआरए अधिनियम साल 1976 में बना था। एफसीआरए के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने पर पांच वर्ष की जेल या जुर्माना हो सकता है। इस अधिनियम को साल 2010 में बहुत बड़े पैमाने पर संशोधित किया गया था।  


 

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