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 विनम्र श्रद्धांजलिः कैप्टन सतीश शर्मा
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श्री अशोक साहू के फेसबुक वाल से 
 
गांधी परिवार के करीबी कैप्टन सतीश शर्मा के निधन से अमेठी, सुलतानपुर एवं रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, समर्थकों का जहां एक सच्चा हितैषी उनसे बिछुड़ गया, वहीं एक युग का भी अन्त हो गया।
 
 
उनके निधन से कांग्रेस कार्यकर्ताओं, समर्थकों ने एक ऐसे उदार एवं मददगार नेता को खो दिया जिसने सत्ता में शिखर पर रहते हुए उनकी मदद की,उनके सुख दुख का ख्याल किया। सत्ता के शिखर पर पहुंचकर आज के दौर में नेताओं का बड़ा वर्ग कार्यकर्ताओं,समर्थकों से दूरी बनाने की कोशिश करता हैं,इसके इतर कैप्टन शर्मा ने उनकी खूब मदद की,और बदले में कोर्ट कचेहरी के भी चक्कर लगाए।वह ऐसे नेता थे जिन्होने लोगो को दिय़ा खूब और बदले में नही लिया कुछ।

इन्दिरा जी की हत्या के बाद अमेठी से सांसद श्री राजीव गांधी ने जब प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभाली तो उन्होने अमेठी के विकास एवं कार्यकर्ताओं से जीवंत सम्पर्क का दायित्व कैप्टन शर्मा को सौंपा।कैप्टन शर्मा और राजीव जी में बहुत करीबी दोस्ती थी और दोनो इन्डियन एयरलाइन्स में पायलट थे।कैप्टन शर्मा नौकरी में राजीव जी से वरिष्ठ थे पर दोनो में अभिन्न मित्रता थी।

अमेठी में तो कांग्रेसजनों और आमलोगो में उनका नामकरण राम(राजीव जी) के हनुमान के रूप में था।कैप्टन की टीम में नेहरू युवा केन्द्र के महानिदेशक पद से इस्तीफा देकर जुड़े श्री अखिल बख्शी थे तो पांचों विधानसभा क्षेत्रों में पांच समन्वयक श्री किशोरीलाल शर्मा(जगदीशपुर)श्री जी.ए.मीर(तिलोई)श्री प्रकाश अग्रवाल (अमेठी)  (स्वं चन्द्रशेखर यादव(गौरीगंज) एवं श्री विनोद शुक्ला(सलोन) थे।

यह सभी राजीव जी की आंख नाक कान थे।राजीव जी के प्रधानमंत्री रहते अमेठी में विकास के जो भी बड़े छोटे काम हुए इसके सूत्रधार कैप्टन शर्मा एवं उनकी टीम ही थी।कैप्टन के मंत्री बनने पर बाद में यह टीम फिर उनके मंत्रालय से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में मददगार बनी।   

अमेठी में कांग्रेस की राजनीति में अग्रणी शुक्ला परिवार(शिवमूर्ति जी-राममूर्ति जी)का पारिवारिक स्नेह प्राप्त होने के कारण मेरा कैप्टन की टीम से जल्द ही जुड़ाव बन गया।पहले नवभारत टाइम्स(लखनऊ) एवं अमृतप्रभात इलाहाबाद/लखनऊ फिर संवाद समिति यूएनआई/यूनीवार्ता के संवाददाता के रूप में सांसद फिर प्रधानमंत्री के रूप में राजीव जी का बाद में कैप्टन साहब एवं सोनिया जी का खूब कवरेज करने का मौका मिला।

कैप्टन ने बहुत स्नेह दिया।पेट्रोलियम मंत्री रहते उन्होने अपने हर दौरे पर अपने मंत्रालय की बहुत सारी अहम खबरें दी।उनकी खबरों का देशव्यापी इम्पेक्ट भी मिला।कैप्टन साहब को अपने प्रचार में जरा भी रूचि नही थी लेकिन पत्रकारों से वह पूरी गर्मजोशी से बात करते थे।खासकर अमेठी के पत्रकारों को बहुत तरजीह देते थे।वह आत्मीयता से बगैर किसी लाग-लपेट के बाते करते थे।    

 कैप्टन शर्मा में 1996 में अमेठी से दूसरा चुनाव जीतने के बाद पहली बार जब दौरे पर आए तो मीर साहब उनकी जिप्सी चला रहे है और मैं भी उनके साथ था,वह बहुत अधिक अन्तर से चुनाव नही जीतने से दुखी थे।उन्होने पूछा साहू मैंने इतना किया इसके बाद भी जीत का अन्तर कम रहा,क्या कारण रहा..मैने उनसे कहा कि चर्चा हैं कि बहुत उन लोगो ने पूरी ताकत से काम नही किया जिन्हे आपने बढ़ाया,इसमें पम्प एवं गैस एजेन्सी भी पाने वाले लोग शामिल है..।

कैप्टन शर्मा का इस पर दिया जबाव ढ़ाई दशक बाद भी मुझे याद हैं..उन्होने कहा कि मैंने क्या गलत किया,मेरी सोच थी कि हर ब्लाक में दो तीन कार्यकर्ता ज्यादा मजबूत होने चाहिए जोकि अपने आसपास के कार्यकर्ताओं के पहुंचने पर उनको नाश्ता चाय पिलाने की स्थिति में हो,उन्हे अपने वाहनों से पार्टी के कार्यक्रमों में मुंशीगंज,गौरीगंज और अन्य स्थानों पर बैठाकर ले आए।कार्यकर्ता पार्टी के लिए बूथ तक लड़ते है,उन्हे क्या मिलता है।

उन्होने कहा कि मुझे उनसे गिला नही है बल्कि बहुत समर्पित लोगो की मदद नही करने का दुख है।मौका मिला तो इस अधूरे काम को पूरा करूंगा।कैप्टन शर्मा की मदद से अमेठी के बहुत बच्चों का मेडिकल,इंजीनियरिंग और अन्य व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिला हुआ,इनमें से तमाम के लिए यह एक सपने के समान था।     

कैप्टन शर्मा की कृपा से हमारे क्षेत्र में इन्डेन का गैस बाटलिंग प्लांट की स्थापना हुई,इसे मैं कैसे भूल सकता हूं।कैप्टन शर्मा पेट्रोलियम मंत्री रहते दौरे पर अमेठी पहुंचे और मैं उनके वाहन पर जायस के आगे सवार हो गया।बातचीत में उन्होने बताया कि इस बार अमेठी को दो बाटलिंग प्लांट की सौगात दूंगा।एक टिकरिया में लगेगा जबकि दूसरे का स्थान तय नही है।

मैं एचएएल के पास उनके वाहन से उतर गया और अपने क्षेत्र के मवइया में आयोजित कार्यक्रम में एक मित्र की मदद से पहुंच गया।वहां मैंने सभी कांग्रेसजनों को बताया कि कैप्टन साहब से इस बार कोई छोटी मांग नही करना है,उनसे त्रिसुन्ड़ी में राजीव जी के समय अधिगृहित भूमि में बाटलिंग प्लांट की मांग करना है।

सभी सहमत हो गए।कैप्टन साहब के काफिले में उस समय ढाई तीन सौ गाडियां रहती थी और उनका कार्यक्रम चार चार घँटे बिलम्ब से चलता था।मवइया में आखिरी कार्यक्रम में कई घंटे बिलम्ब से वह पहुंचे और मंच से इसके लिए जैसे खेद व्यक्त किया,अग्रेसर के जुझारू नेता दिवंगत उग्रसेन सिंह ने जोरदार ढ़ग से बाटलिंग प्लांट की मांग कर दी।इसका सभी ने जोरदार समर्थन किया और लोग अड़ गए कि इसकी घोषणा अभी करिए।

उन्होने मुस्कराते हुए घोषणा की।अब इस संयंत्र काफी विस्तार हो चुका है।शेष पड़ी अधिगृहित भूमि के बड़े हिस्से पर राहुल जी के सांसद रहते और यूपीए सरकार में सीआरपीएफ का बड़ा ग्रुप सेन्टर एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित हो चुका है।जिससे हमारे इलाके की तस्वीर बदल रही है।

   कैप्टन का स्नेह ही था कि अमेठी,रायबरेली की बहुत सारी अहम राजनीतिक खबरें मुझे पहले मिल जाती थी।कैप्टन ने ही मुझे अमेठी से सोनिया जी के चुनाव लड़ने एवं उनके प्रचार में प्रियंका जी के उतरने की जानकारी सबसे पहले दी।

उनके कहने पर ही अमेठी में प्रियंका जी का सबसे पहले मुझे साक्षात्कार करने का मौका मिला।लखनऊ और बाद में रायपुर तैनाती होने के बाद भी उनसे आत्मीय स्नेह मिलता रहा।वह एक अभिभावक के समान थे और बड़ा आत्मविश्वास रहता था कि कैप्टन से बात कर लेंगे। रायपुर में तैनाती होने पर स्वं चन्द्रशेखर यादव के साथ साल में एक दो बार बैठकर कैप्टन की दरियादिली के बारे में बाते करते थे।कैप्टन से आखिरी मुलाकात अमेठी मे पिछले लोकसभा चुनाव में हुई थी।पहले राममूर्ति जी ने सूचित किया था कि वह हमारे घर पहुंचेंगे,बाद में मुझे मुंशीगंज ही बुलवाया।कैप्टन से जुड़ी बहुत ही यादें जेहन में है,लेकिन सभी की चर्चा संभव नही है।    

 कैप्टन की पुरानी टीम के एक मात्र सदस्य आदरणीय सोनिया गांधी जी के प्रतिनिधि श्री के.एल.शर्मा जी हैं जोकि उस दौर के सक्रिय अधिकांश लोगो को आज भी तरजीह देते है,उनके दुख सुख को सुनकर उनकी यथासंभव मदद करने का पूरा प्रयास करते है।पुरानी एवं नई टीम के बीच वह सेतु का भी काम करते है।मीर भाई साहब जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष होने एवं वहां की परिस्थितियों के कारण के नाते जहां ज्यादा व्यस्त रहते हैं वहीं श्री प्रकाश अग्रवाल जी का पुराने लोगो से अभी भी जीवंत सम्पर्क बना रहता है।  

 फिलहाल कैप्टन साहब अब इस दुनिया में नही है,लेकिन उन्हे अमेठी के विकास के सूत्रधार ,कार्यकर्ताओं के मददगार और एक सच्चे एवं अच्छे राजनेता के रूप में हमेशा याद किया जायेंगा।जीवंतपर्यन्त उन्हे गांधी परिवार के हितैषी एवं नजदीकी होने के लिए भी याद किया जायेंगा।अलविदा कैप्टन साहब,आपको भूल पाना संभव नही हैं।

अशोक साहू  यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ इंडिया  

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