सीरिया में तैनात भारतीय सेना की होगी वापसी, UN की अनुमति का इंतजार
SYRIA ISREAL- UNDOF के तहत 2006 से भारतीय सेना उस इलाके में तैनात है. भारतीय सेना की एक लाजेस्टिक बटालियन UNDOF की लाजेस्टिक आपरेशन में मदद कर रही है.
SYRIA UPDATE : संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया और इजरायल के बीच 1974 ब्लू लाईन और रेड लाइन खींचकर बफर जोन बनाया और सीरिया और इज़राइल की सीमा पर सीजफायर एग्रीमेंट लागू कर दिया. सीरिया में असद सरकार के गिरने के बाद सीरिया की सेना अपने इलाके पोस्ट को खाली कर के निकल गई. इसी दौरान इजरायली सेना ने 50 साल से बने बफर जोन को में अपनी सेना भेज दी. और इलाके पर कब्जा कर लियाा. और एसे 50 साल पुराना सीजफायर एग्रिमेंट को एकतरफा खत्म कर बफर ज़ोन की ही खत्म कर. यानी एक तरह से यूएन रेजुलेयूशन का
उल्लंघन माना जाएगा. सीरिया के उन पोस्ट पर कब्जा कर लिया जहां सीरिया की सेना तैनात थी. इस वक्त भारतीय सेना भी उस इलाके में तैनात है . सेना के सूत्रों के मुताबिक फिलहाल भारतीय सेना के कुल 145 आर्मी पर्सनल जिसमें 10 अफसर , 11 जेसीओ और 124 जवान तैनात है. सूत्रों के मुताबिक अभी वहाँ पर यूएन ने अलर्ट का लेवल कोड ब्लैक जारी किया है यानी की सबसे हाई लेवल का अलर्ट. सेना के सूत्रों के मुताबिक़ यूएन का कंटिंनजेंसी प्लान तैयार है. और अभी यूएन वेट एंड वॉच की स्थिति में है. भारतीय सेना की तैनात उस बफर ज़ोन को यूएन मैंडेट के तहत सिक्योर करने की ज़िम्मेदारी है. यूएन के फ़ैसले के बाद ही वहाँ से मिशन का अगला रुख़ तय होगा.
80 किलोमीटर लंबे और 200 मीटर चौड़े बफर ज़ोन में कोड ब्लैक
1974 में इज़राइल और सीरिया के बीच सीजफायर के बाद 80 किलोमीटर लंबे और 200 मीटर चौड़े इलाके में यूएन ने अपनी शांति सेना को तैनात किया. UNDOF की तरफ से जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कुल 13 देशों को 1220 आर्मी पर्सनल तैनात हैं. जिसमें 57 स्टाफ ऑफिसर, 47 सिविलियन इंटरनेशनल स्टाफ और 1116 TCC बटालियन पर्सनल इस वक्त तैनात हैं. UNDOF यानी की यूनाइटेड नेशन डिसएंगेजमट ऑब्ज़र्वर फोर्स के तहत तैनाती है. UN शांति सेना को जो काम सौंपा गया था, वो कि दोनों देशों के बीच सीजफायर को बरकरार रखना , इज़राइली और सीरिया के सेना के बीच डिसएंगेजमट को सुपरवाइज करना और उस पूरे इलाके पर नजर रखना जो कि यूएन 1974 सीजफायर एग्रीमेंट में तय हुई थी. भारतीय सेना साल 2006 से वहा पर तैनात है.
लेकिन अब ग्राउंड के हालात अलग है. अब जब सीजफायर खत्म कर दिया इजरायल ने और बफर ज़ोन में अपने टैंक के साथ आ घुसा हैं तो सारे प्रोसिजर को फिर से खंगाला जा रहा है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इज़राइल ने पिछले महीने ही बफर ज़ोन के पास निर्माण का कुछ काम किया था जो की एग्रीमेंट का उल्लंघन था. खुद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इज़रायल सीरिया बॉर्डर का दौरा किया था. इज़राइली को शायद पता था कि सीरिया में ग़दर मचने वाला है और ऐसी सूरत में बड़ी संख्या में आतंकियों को लेबनान या फिर विद्रोहियों का हमला हो सकता है. लेहाजा सीरिया से कब्जाई जमीन गोलन हाइट्स को बचाने के लिए पहले से ही अपनी तैयारी पूरी कर ली. हालाकि अभी तक इजरीयली एक्शन पर कोई बयान जारी नही किया है. और जब तक यूएन नहीं कहेगा भारतीय सेना की तैनाती जारी रहेगी. (एजेंसी)
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