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विश्व रक्तदाता दिवस पर विशेष- रक्त का दान बचा सकता है किसी की जान

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

रायपुर : विश्व रक्तदाता दिवस पर 14 जून को जिला अस्पताल पंडरी में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा । इस शिविर का उद्देश्य रक्तदाताओं से रक्त प्राप्त कर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराना है ।
विश्व रक्तदाता दिवस पर आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर की जानकारी देते हुए पैथोलॉजिस्ट, डॉ.माधुरी वानखेड़े ने बताया: ‘’कोविड-19 संक्रमण की वजह से जिले में रक्तदान के लियें रक्तदाताओं से सोशल मीडिया के माध्यम से रक्तदान के लिए जागरुक किया जा रहा है । रक्तदान स्वास्थ्य सेवाओं का अति आवश्यक अंग है। वर्तमान में आधुनिक तकनीकों के बावजूद भी रक्त को कृत्रिम रूप से बनाया नहीं जा सकता है। इसका एकमात्र स्रोत रक्तदाता ही है। रक्तदाता ही रक्तदान करके किसी की जान को बचा सकता है
अस्पताल कंसल्टेंट डॉ.ओझा कहते है, रक्तदान से पूर्व रक्तदाता की काउंसलिंग कर इससे होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी जाती है। ऐसे लोग जो स्वस्थ है। वह रक्तदान के लिए पात्र होते हैं। कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए रक्तदान करें । रक्तदाता को हैंड वॉश करना, सेनेटाइजर का उपयोग और मास्क लगाना अनिवार्य है। सावधानियां व व्यक्तिगत सुरक्षा रख कर रक्तदान करने में किसी तरह का भी संक्रमण का खतरा नहीं होता है। दरअसल रक्तदान के महत्व को लेकर किए जा रहे प्रचार-प्रसार के बावजूद आज भी लोगों में बहुत सी कुछ गलत धारणाएं विद्यमान हैं, जिनको दूर करने की जरूरत है।‘’
सीएमएचओ और सिविल सर्जन ने की अपील
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉ.मीरा बघेल और सिविल सर्जन डॉ. पीके गुप्ता ने स्वैच्छिक रक्तदाताओं से रक्तदान करने की अपील की है । साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग रक्तदान करते हैं वह असली रूप में मानव सेवी हैं । रक्त की एक बूंद लोगों की जान बचा लेती है । रक्तदान का महत्व हमको तब समझ में आता है जब हमारे किसी करीबी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है। और जब हम उपलब्ध नहीं करा पाते हैं,  तब बहुत कष्ट होता है इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा आगे आकर रक्तदान में भाग लेना चाहिए ताकि जरूरत के समय रक्त उपलब्ध हो सके ।  रक्तदान के प्रति मन में बैठी हुए गलत धारणाओं को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर भी दूर किया जा सकता है । रक्तदान दुनिया का सबसे बड़ा दान है जो जीवन बचाता है ।
क्यों मनाया जाता है यह दिवस
यह दिवस कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। उन्होंने 1900 में ABO रक्त समूह की खोज की थी। वह एक ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सक थे, जिन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का आयोजन पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और द इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा किया गया था। 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की 58वीं बैठक में 192 देशों द्वारा विश्व रक्तदान दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी।
रक्तदान के है कई फायदे
रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं। आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान का एक फायदा यह भी है कि रक्तदान करते समय 7 तरह के टेस्ट किए जाते हैं।अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है तो उसका भी पता चल जाता है।
कौन कर सकता है रक्तदान
रक्तदान करने के लिए रक्तदाता की उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो। और उसको शारीरिक रूप से सेहतमंद होना भी जरूरी है। खून में हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 जी/डीएल या इससे ऊपर होनी चाहिए। रक्तदान करने के 24 घंटे पहले शराब, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन नहीं किया गया हो। रक्तदान करने वाले व्यक्ति को ब्लड प्रेशर, कैंसर, एड्स जैसी बीमारी नहीं होनी चाहिए। एक सेहतमंद व्यक्ति हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान शिविर में दो गज की शारीरिक दूरी, मास्क एवं सैनिटाइजेशन करते  हुए रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा ।

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