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समय पर टीकाकरण और बचाव से ही निमोनिया से बचा जा सकता है – डॉ.आशीष

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

सर्दी से बच्चे को हो सकता है निमोनिया

रायपुर : निमोनिया सांस से जुड़ी बीमारी है मौसम बदलने के साथ ही बच्चों में सर्दी लगने से बच्चों में निमोनिया होने की सम्भावना रहती है । आमतौर पर बैक्टीरियल वायरल से यह होता है जो 10-12 दिनों में ठीक भी हो जाता है। बच्चों में तेज बुखार, खांसी, सांस का तेज तेज चलना और पसलियों का तेज चलना निमोनिया के लक्षण होते है । पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। जिसके कारण सर्दी के दिनों में उनमें निमोनिया होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ आशीष कुमार वर्मा ने बताया, ’’5 साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया होने की संभावना अधिक रहती है । समय पर टीकाकरण और बचाव ही निमोनिया का कारगर इलाज है । साथ ही ऋतु परिवर्तन होने पर बच्चे को ऋतु अनुसार कपड़े पहनाना चाहिए ठंड के मौसम में जब भी बाहर जाए बच्चे को अच्छी तरह गर्म कपड़े पहनाए, कान को ढक के रखें, सर पर टोपी लगाए, बच्चे को सर्दी खांसी होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर उसका उपचार शुरू कर दें । ताकि समय रहते हुए उसका इलाज सुनिश्चित किया जा सके । निमोनिया आमतौर पर एक बैक्टीरियल वायरल बीमारी होता है जो सामान्यत: 10 -12 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन उसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बच्चे की नियमित देखभाल साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।“

लक्षण:

तेज बुखार, खांसी आना, सांस का तेज तेज चलना, पसली तेज चलना निमोनिया के लक्षण होते हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले और उपचार शुरू करें।

बच्चों का बचाव कैसे करें:

समय पर बच्चे का टीकाकरण कराएं, निमोनिया से बचाव करने के लिए पीसीवी के तीनों टीके अवश्य  लगवाएं जो बीमारी से बचाव का काम करता है। सफाई का ध्यान रखें, खांसते और छींकते समय बच्चे की नाक और मुंह पर रूमाल या कपड़ा रखें। कीटाणुओं को फैलने से रोकें, बच्चों के हाथों बार-बार साफ करते रहें ।

पोषण का ध्यान रखें:

बच्चे को प्रथम छह माह तक मां का ही दूध दें । मां का दूध बच्चे में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है साथ ही मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं जो बच्चे को रोगों से लड़ने में मदद करती है।

सर्दी में गर्म कपड़े पहनाए:

सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं, ठंडी हवा से बचाव के लिये कान को ढंके, पैरों के गर्म मोज़े पहनाएं। नंगे पैर ना घूमने दे ठंडे पानी से दूर रखें ।
 

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