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 एक्टीव केस फाइंडिंग सर्वे में मिले टीबी के 5 नए मरीज

 18,965 लोगों की स्क्रीनिंग में से 100 संभावितों की हुई विशेष जांच


बालोद : प्रदेश के सभी जिलों को वर्ष -2023 तक क्षय रोग मुक्त करने को`टीबी हारेगा देश जीतेगा’ के संकल्प के साथ एक्टीव केस फाइंडिंग अभियान शुरु किया गया था। अभियान के दौरान5 नए क्षय रोगी मिले हैं।
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जिले के ग्रामीण और शहरीक्षेत्र के हाई रिस्क एरिया में मलिन बस्तियों, श्रमिकों, वृद्वाआश्रम, रैन बसेरा व जेल के कैदियों को लक्षित करते हुए यह अभियान चलाया गया था ।
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इस दौरान  स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 18,965 लोगों की स्क्रीनिंग की थी। जिसमें से 100 संभावितों की सेम्पल जांच सीबीनॉट लैब में कराने पर 5 लोगों में टीबी पॉजिटिव की पुष्टी हुई है । इन नए टीबी के मरीजों का पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है ।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव ग्लेड ने बताया ‘‘ज़िले में सघन क्षय रोगी खोज अभियान विशेष रुप से शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती, खदान क्षेत्र, प्लांट क्षेत्र, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम, हाई रिस्क क्षेत्र, जेल (महिला एवं पुरुष), गिट्टी खदान क्षेत्र, राईस मिल क्षेत्र में 11 जनवरी से 12 फरवरी तक चलाया गया था। ।

उन्होंने बताया, जिले के उच्च जोखिम में 7,077 लोगों की स्क्रीनिंग की गई उनमें से 43 संभावितों की विशेष जांच में 4 लोगों की रिपोर्ट टीबी पॉजिटिव मिली ।
 
इसी तरह माइंस एरिया में 985 श्रमिक की स्क्रीनिंग की गई उनमें से 27 संभावित की विशेष जांच में एक की रिपोर्ट टीबी पॉजिटिव रहा । इसके अलावा शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती क्षेत्र में 10,350 लोगों की स्क्रीनिंग की गई उनमें से 10 संभावित की विशेष जांच की गई ।

वहीं जेल में 215 कैदियों की स्क्रीनिंग की गई उनमें से 17 संभावित की विशेष जांच की गई। वृद्वा आश्रम में 29 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 3 संभावित की विशेष जांच की गई। जबकि स्वास्थ्य कार्यकर्ता में से 309 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें किसी तरह का लक्षण नहीं मिला। इन समूहों में सभी संभावितों की रिपोर्ट निगेटिव रही”।

16 टीमों के द्वारा चलाया गया सर्वे अभियान  

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेपी मेश्राम ने बताया,“ 11 जनवरी से 12 फरवरी तक ‘’  इस विशेष टीबी रोगी खोज अभियान के  लिए स्वास्थ्य विभाग ने 16  टीमें बना थीं। प्रथम  चरण टीबी रोगी की खोज के लिए प्रत्येक टीम में 4 सदस्य थे।

पंजीकरण और इलाज पर जोर

क्षय रोगी खोजी अभियान में लोगों को यह भी बताया गया कि अगर उनके यहां किसी का  क्षय रोग का इलाज चल रहा है तो उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हें बेहतर दवाएं निशुल्क मिलें और उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें  पोषण भत्ता दिलाया जा सके।जिले में वर्ष-2020 में शासकीय अस्पताल से 786 हितग्राही को 10.50 लाख रुपए व निजी अस्पताल के 113 हितग्राही को 1.90 लाख रुपए सहित कुल 899 टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए की राशि 6 माह तक हर महिने हितग्राही के खाते में आन लाइन जमा करायी गयी है।

यहाँ कराएं जांच

जिले के डीएमसी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 2 निजी अस्पताल में टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा उच्च स्तरीय जांच के लिए जिला क्षय नियंत्रण केंद्र में सीबीनॉट मशीन से जांच की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2020 में शासकीय संस्था से 524 टीबी के नये मामले सामने आये थे । वहीं प्राइवेट संस्था से 216 नये टीबी के केश खोजे गयेथे।

ऐसे लक्षण दिखे तो जांच जरूरी

दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी का आना। खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना। वजन घटना। बुखार, सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार, रात में बेवजह पसीना आना। कम भूख लगने जैसी जैसी शिकायत है तो एक बार अपनी जांच जरुर करा लें। समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।
 
टीबी खोजी दल में जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. भूमिका वर्मा, जिला कार्यक्रम समन्वयक सत्येन्द्र कुमार साहू व सायरा खान,  सीनियर लैब सुपरवाईजर सुप्रिया मिंज,  सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईजर अल्पना कलिहारी, लोकेश ध्रुव , मनेश निर्मलकर, लीना मंडावी, पुखराज चांहदे, टीबी चैम्पियन यामिनी मेश्राम व हिरामन  साहू शामिल रहे ।

 

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