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 कुपोषण दूर करने के लिए खुद ही बना दी पोषण वाटिका
6 डिसमिल जमीन पर उगाते है आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए फल और सब्ज़ियॉ
सामाजिक सरोकार का है एक बड़ा उदाहरण

ठाकुर राम पटेल का नाती कुपोषित क्या हुआ कि अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी के लिए लगा दी पोषण वाटिका । 65 वर्षीय ठाकुर राम पटेल कहते हैं कि लगभग चार-पांच वर्ष पहले मेरा नाती कुपोषित हो गया था । आंगनबाड़ी दीदी ने बताया कि उचित पोषण आहार न मिलने के कारण आपका नाती कुपोषित है । बस फिर क्या था अपने खेत की 6 डिसमिल जमीन पर ग्राम पंचायत टीला विकासखण्ड अभनपुर की आंगनबाड़ी क्रमांक 2 के लिए सुपोषण वाटिका लगा डाली ।

उन्होंने बताया कि इस कार्य में ग्राम के सरपंच का भी सहयोग मिला है ग्राम स्तर से मुनगा, भाटा, बरबट्टी, पपीता, केला तोरई एवं करेला सब्जी के पौधे लगाकर पोषण वाटिका के माध्यम से बच्चों को गरमा गरम सुपोषित भोजन की व्यवस्था की जाती है ।
 
सब्जी को नियमित रूप से आंगनबाड़ी को भेज देते हैं जिससे वहां पर बच्चों को ताजा गरमा गरम सुपोषित पौष्टिक भोजन खाने में मिलता है ।

नीरा पटेल कहती हैं आंगनबाड़ी दीदी करुणा सोनी को जब भी बच्चों के लिए सब्जी की जरूरत होती है हमारे यहां से मंगा लेती हैं । हमारे परिवार में 8 लोग हैं आठ पोषण वाटिका को विशेष रुप से सहयोग करते हैं । परिवार इस पोषण वाटिका में नियमित रूप से अपना सहयोग करता है साथ ही समय पर पानी देना, दवा का छिड़काव करना और आवश्यकता अनुसार देख रेख की जाती है। 
 
हमने अब ठान लिया है कि हम अपने ग्राम के किसी भी बालक को कुपोषित नहीं होने देंगे । जब से कोरोनावायरस आया है तबसे आंगनबाड़ी दीदी की सहायता से सब्जियों को अच्छे से धोकर ही उनकी मदद से बच्चों के घर पर भी पर भी पहुंचाते हैं ।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करुणा सोनी ने कहा ठाकुर राम पटेल द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी को सब्जी उपलब्ध कराई जाती है जो कि निशुल्क होती है। ठाकुर राम पटेल ने अपनी 6 डिसमिल जमीन पर आंगनबाड़ी के लिए पोषण वाटिका लगाई है यह एक बड़ा सामाजिक सरोकार का उदाहरण है जो कुछ लोग ही कर पाते हैं।

इस समय सही पोषण देश रोशन की अवधारणा के साथ पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह भी मनाया जा रहा है। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूलों, घरों की बाड़ियों, सामुदायिक भूमि में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए पोषण वाटिका तैयार कराई जा रही है। इनमें मुख्य रूप से सब्जियां और फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं।
 
पोषण वाटिकाओं को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य मौसमी और ताजी सब्जियों और फल की पर्याप्त स्थानीय उपलब्धता से बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना और हरी साग-सब्जियों को खान-पान में अनिवार्य रूप से शामिल करने के लियें जागरूकता लाना है।
 
पोषण वाटिका में लौकी, बरबट्टी, लाल भाजी, पालक और मुनगा जैसे विभिन्न प्रकार की पौष्टिक हरी साग-सब्जियों के साथ पपीता,अमरूद जैसे पौष्टिक फलों के पौधे भी लगाए जाते हैं।इस दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के संबंध में समस्त निर्देशों का पालन भी किया जा रहा है।

 

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