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 कन्जंक्टिवाइटिस नेत्र रोग में लाभकारी है आयुर्वेद
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बरसात के दिनों में शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैजिनमें नेत्र की समस्याएं भी शामिल हैं। इस मौसम में कन्जंक्टिवाइटिस बहुत आम बातहै। तापमान में वृद्धि होने के कारण वायरस को फैलने के लियें अनुकूल वातावरण मिलता है। यह हर उम्र के लोगों को प्रभावित भी करता है जिस के कारण आंखों में दर्द के साथ आंखों में लाली और सूजन भी आ जाती है।

शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, रायपुर के पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ.रंजीप दास कहते है आयुर्वेद ग्रंथों में नेत्र रक्षा के विभिन्न उपायों का वर्णन किया गया है।आंवला, हर, और बहेड़ा के  नियमित उपयोग से नेत्र ज्योति को बढ़ा सकते है।

रतौंधी या रात के अंधेपन की समस्या में अगस्त्य पेड़के फूल काफी लाभकारी होते हैं।आंखों की सेहत के लिए देर रात्रि भोजन करने से बचें साथ ही हल्का भोजन करें।तला हुआ भोजन आंखों के लियें नुकसान पहुंचाने वाला हो सकता है ।।

कन्जंक्टिवाइटिस के कारण

पर्यावरण से एलर्जी जिसमें वायु प्रदूषण, धूम्रपान और पेड़ व घास के पराग कण शामिल हैं।अन्य कारण जैसे परफ्यूम, कॉस्मेटिक और आई मेकअप भी हो सकता है ।

सावधानियॉ

आंखों को मलने से बचें,तौलिया शेयर करने से बचें, जगहों के संपर्क में आने से बचें ।गंदे हाथों से बार-बार आंखों को छूने बचना कन्जंक्टिवाइटिस में मूल सावधानी है ।
 
आंखों को ठंडे पानी या भीगे कपड़े की सहायता से धोना। कॉन्टैक्ट लेंस नहीं पहनना , धूप का सामान्य चश्मा पहनना लक्षण दूर होने तक किसी भी आई ड्रॉप और ऑइंटमेंट का उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें।साथ ही उपचार के दौरान कम्प्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल कम करें या ना करें तो भी अच्छा है ।

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