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सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए भारत ने अपनी खुद की वैक्सीन बनाने की घोषणा कर ली है...

एजेंसी

भारत में डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की 10 साल की कोशिश आखिरकार रंग लाई है और इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए टीका इजाद करने में कामयाबी मिली है.


सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 1 सितंबर को भारत ने अपनी खुद की वैक्सीन बनाने की घोषणा कर ली है. आने वाले कुछ महीनों में सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल कर ली जाएगी. थोड़ा फ्लैसबैक में ले जाएं तो बता दें इससे पहले अब तक दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सिर्फ दो ही टीके मौजूद हैं. भारत में डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की 10 साल की कोशिश आखिरकार रंग लाई है और इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए टीका इजाद करने में कामयाबी मिली है.

2 साल में तैयार की जाएंगी 200 मिलियन डोज:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह, मंत्री ने कहा कि नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम एक लगातार जारी प्रक्रिया है. पहले जो जो मौजूद वैक्सीन थे उनको राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया गया था. अब आगे इसको भी शामिल किया जाएगा. अगले दो साल में इस टीके के 200 मिलियन डोज तैयार किए जाएंगे और इसकी बाजार में मौजूद बाकी टीकों से कम कीमत होगी.

कितने साल की महिलाओं को दिया जा सकेगा टीका?

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि कुछ महीनों में हम टीका को लॉन्च  करेंगे. कीमत 200 - 400 रुपये के बीच रहने की संभावना है पर इसका फैसला मंत्रालय से बात करेंगे आगे आने वाले वक्त में करेंगे. ये टीका 9 से 26 साल के युवा और युवतियों को दिया जा सकता है.

सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन की कीमत कितनी होगी?

इस घोषणा के बाद से सभी जानना चाहते हैं कि सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन की कीमत कितनी होगी, तो आपको बता दें टेके की कीमत 200 से 400 रुपये के बीच होगी.

सर्वाइकल कैंसर से हर साल 67 हजार मौतें होती हैं:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि भारत दुनिया के सर्वाइकल कैंसर के बोझ का पांचवां हिस्सा वहन करता है, जिसमें 1.23 लाख नए मामले और प्रति वर्ष 67,000 मौतें होती हैं. सरकारी विश्लेषण के अनुसार, एचपीवी के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करके यह टीकाकरण 6, 11, 16 और 18 स्ट्रेन को रोकता है.

कैसे होता है सर्वाइकल कैंसर?

भारत में महिलाओं में टॉप तीन सबसे अधिक प्रचलित कैंसर में से एक सर्वाइकल कैंसर भी है. मानव पेपिलोमावायरस नामक वायरस के परिणामस्वरूप गर्भाशय ग्रीवा के अस्तर में परिवर्तन होता है, जिसकी वजह से अंततः कैंसर होता है. वायरस बेहद संक्रामक है और यौन संपर्क के माध्यम से पुरुषों और महिलाओं के बीच फैलता है.

यह टीका गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की घटनाओं को 80 प्रतिशत से अधिक कम कर सकता है और यह विदेशी-विकसित सर्वारिक्स और गार्डासिलो की तुलना में अधिक लागत प्रभावी विकल्प है. वैक्सीन विकास प्रक्रिया के हिस्से के रूप में एसएसआई और डीबीटी द्वारा चलाए गए अध्ययनों के दौरान क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) ने रोगी आबादी में उच्च प्रभावकारिता दिखाई.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

अर्ली स्टेज में सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर कोई लक्षण या संकेत पैदा नहीं करता है. कुछ लक्षण जो बाद में देखे जा सकते हैं उनमें शामिल है:
 
- संभोग के बाद, मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद योनि से खून बहना.
- पानीदार, खूनी योनि स्राव जो हैवी हो सकता है और जिसमें दुर्गंध हो सकती है.
- पैल्विक दर्द या संभोग के दौरान दर्द.
- माहवारी के बीच या बाद में खून के धब्बे या हल्की ब्लीडिंग
- मासिक धर्म रक्तस्राव जो सामान्य से अधिक लंबा और हैवी होता है.
- रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग
 
 

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