ब्रेकिंग न्यूज़

 महासमुन्द : राम वनगमन परिपथ के साथ-साथ सिरपुर का भी किया जाएगा विकास
महासमुन्द 14 मार्च :  पुण्य सलिला महानदी के तट पर स्थित सिरपुर का अतीत सांस्कृति समृद्धि तथा वास्तुकला के लालित्य से ओतप्रोत रहा है। सिरपुर प्राचीन काल में श्रीपुर के नाम से विख्यात रहा है। पाण्डुवंशी शासकों के काल में इसे दक्षिण कोसल की राजधानी होने का गौरव प्राप्त रहा है। सिरपुर की प्राचीनता का सर्वप्रथम परिचय शरभपुरीय शासक प्रवरराज तथा महासुदेवराज के ताम्रपत्रों से उपलब्ध होता है। छत्तीसगढ़ के सिरपुर की पहचान पहले से ही आस्था विभिन्न धर्मों और संस्कृति के रूप में स्थापित रही है। सिरपुर का धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यता है। अब छत्तीसगढ़ शासन ने इसे और भी अच्छे से विकसित करने का निर्णय लिया है। शासन द्वारा राज्य के जिन  स्थलों से श्री राम वन गमन किये थे उन्हें चिन्हांकित किया गया है। महासमुन्द जिले के प्रमुख पुरातात्विक ऐतिहासिक एवं धार्मिक तीर्थस्थल सिरपुर शामिल है। राज्य सरकार राम वन गमन परिपथ के साथ-साथ सिरपुर को पर्यटक के रूप में विकसित करने जा रही हैं ।

प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल की अगुवाई में आज राज्य के मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी तथा पर्यटन सचिव पी. अलबलगन द्वारा सिरपुर का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने राजमहल परिसर, सुरंग टीला, तीवरदेव बौध्द विहार एवं बाजार स्थल का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्य सचिव श्री मंडल ने कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन, जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, वनमण्डलाधिकारी श्री मयंक पाण्डेय  के साथ चर्चा की। चर्चा के दौरान सिरपुर में जरूरी सुविधाएं विकसित करने को कहा। इस अवसर पर अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे ।

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook