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दुर्ग : पट्टाधारियों को भूमिस्वामी हक मिलने शुरू, नवीनीकरण और कई झंझटों से मिल गई मुक्ति

- शनिचरी बाजार में व्यापारी श्री अंकित गुप्ता सहित अन्य आवेदकों को आज मिला भूमि स्वामी हक

दुर्ग 12 मार्च : अपने पट्टे को भूमिस्वामी हक में परिवर्तित करने की नागरिकों को सुविधा देने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल का लाभ लेना नागरिकों ने आरंभ कर दिया है। इसके लिए अनेक आवेदन नजूल कार्यालय में आए हैं। यहां पर प्राप्त आवेदनों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। ऐसे कुछ आवेदकों को आज ही भूमि स्वामी हक प्राप्त हुआ। डेढ़ महीने पहले शनिचरी बाजार में श्याम सेनेटरी के संचालक श्री अंकित गुप्ता ने अपने पट्टे में भूमिस्वामी हक के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन पर तेजी से कार्रवाई की गई और आज उन्हें भूमिस्वामी हक प्रदान किया गया। श्री अंकित ने बताया कि भूमिस्वामी हक मिलने से उन्हें बार-बार लीज के नवीनीकरण कराने के झंझट से मुक्ति मिल गई। साथ ही निश्चित रूप से भूमिस्वामी हक मिल जाने की वजह से प्रापर्टी का रेट भी पहले से बेहतर हो जाएगा। अंकित ने बताया कि उन्हें गाइडलाइन दर की कीमत का मात्र दो प्रतिशत जमा करना पड़ा और भूमि स्वामी हक उन्हें मिल गया। अंकित के पिता श्री रामशरण गुप्ता ने बताया कि बार-बार नवीनीकरण की प्रक्रिया में उलझना ठीक नहीं लगा। मुझे इस बात की भी आशंका हुई कि यदि किसी कारण से समय पर नवीनीकरण नहीं करा पाये या किसी तरह की अन्य परिस्थिति पैदा हो गई तो झंझट हो सकती है। ऐसे में सरकार ने भूमिस्वामी हक दिलाने की अनुपम पहल की है उसका लाभ उठाना चाहिए। 

नजूल अधिकारी श्री अरुण वर्मा ने बताया कि भूमिस्वामी हक के लिए राज्य सरकार द्वारा लाई गई योजना के कई लाभ हैं। भूमिस्वामी हक मिलने से भूमि के प्रयोजन के संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जा सकती है। बैंक से लोन लिया जा सकता है। इसकी खरीदी-बिक्री में आसानी हो जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि भूमिस्वामी हक मिल जाने से प्रापर्टी का रेट भी बेहतर मिलने की संभावना बनती है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के आदेशानुसार गैर रियायती दरों पर आवंटित भूमि को गाइडलाइन की दर की कीमत की दो प्रतिशत राशि, रियायती दर पर आवंटित भूमि को गाइडलाइन दर की कीमत की 102 प्रतिशत राशि एवं अतिक्रमित भूमि को गाइडलाइन की दर की कीमत से 152 प्रतिशत राशि जमा करने पर भूमिस्वामी हक में परिवर्तन किया जा सकता है। इससे नवीनीकरण करने की आवश्यकता नहीं होगी तथा नगर तथा ग्राम निवेश के भूमि प्रयोजन के अनुसार व्यावसायिक प्रयोजन पर परिवर्तित कर बैंक लोन ले सकते हैं तथा भूमिस्वामी के रूप में भूमि विक्रय भी सरलता से कर सकते हैं।

चेंबर आफ कामर्स के साथ बैठक आज- नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक की शासकीय भूमि के 30 वर्षीय पट्टे पर आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार कलेक्टर को सौंपा गया है। इस परिप्रेक्ष्य में आज दोपहर साढ़े बारह बजे चेंबर आफ कामर्स, काॅलोनाइजर, उद्योगपतियों, व्यापारी संघ, आवासीय समितियों तथा अन्य एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है।

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