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 दुर्ग : लोक प्रयोजन के स्थलों से अतिक्रमण हटाकर बनाएं ग्रीन आक्सीजोन, जल संरक्षण के लिए छोटे तालाब का करे विकसित
 
संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र ने अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाही के दिए निर्देश

दुर्ग संभाग के सभी कलेक्टर को 15 अप्रैल तक प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश

शमशान घाट, कब्रिस्तान, सड़क, तालाब व तालाब की मेड़, शासकीय परिसर, खेल- मैदान और हाट बाजार से अतिक्रमण हटाने के निर्देश
 
दुर्ग 12 मार्च : संभागायुक्त श्री जी. आर. चुरेन्द्र ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थित लोक प्रयोजन की जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कार्रवाही करने के निर्देश दिए  है। उन्होंने कहा कि लोक प्रयोजन जैसेः- शमशान घाट, कब्रस्तान, गौठान, सड़क, रास्ते, तालाब व तालाब की मेड़, शासकीय परिसर, खेल मैदान, स्टेडियम, हाट बाजार का स्थल आदि शासकीय संपत्तियां हैं। इसलिए इन स्थलों से अतिक्रमण हटाकर बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को पौध रोपण कर ग्रीन जोन या आॅक्सीजोन के रूप में विकसित किया जा सकता है। साथ ही यहां पर जल संरक्षण के लिए छोटे तालाब और डबरियां बनाई जा सकती हैं। जो क्षेत्रवासियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने संभाग के सभी पांच जिलों दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, राजनांदगांव और कवर्धा के कलेक्टरों को अर्धशासकीय पत्र जारी कर लोक प्रयोजन की शासकीय जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए 15 अप्रैल तक प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। श्री चुरेन्द्र ने निर्देश दिए है कि आगामी 30 मई तक शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटाना है। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा।
 
लोक प्रयोजन के सभी स्थलों का सर्वे कर तैयार करे रिपोर्ट:- संभागायुक्त श्री जी. आर. चुरेन्द्र ने निर्देश दिए है कि ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में स्थित लोक प्रयोजन के स्थलों पर हुए अतिक्रमण का सर्वेक्षण कर पंचनामा व नजरी नक्शा तैयार करें। इसके बाद प्रत्येक स्थल का पृथक-पृथक समग्र प्रतिवेदन तैयार करें। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य पूरा हो जाने पर तुरन्त ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ग्राम सभा और नगरीय निकाय बाॅडी की विशेष बैठक आहूत कर लोक प्रयोजन के स्थलों से अतिक्रमण हटाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त करें। इस बैठक में जो अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों को भी बुलाएं और अतिक्रमण स्वयं हटाने के लिए प्रेरित करें।
 
अतिक्रमणकर्ताओं को हटाने मिलेगा 2 महीने का समयः- संभागायुक्त ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए अतिक्रमणकर्ताओं को अधिक से अधिक 2 महीने की समय सीमा निर्धारित करें। अगर तय समय-सीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय या राजस्व अधिकारी के माध्यम से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करें। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को गलत तरीके से इन स्थलों का पट्टा प्रदान किया गया है तो युक्तियुक्त तरीके से सुनवाई करें और विधिवत आदेश पारित कर अवैध पट्टेदारों को बेदखल करने की कार्रवाई करें। उन्होंने निर्देश दिए है कि अतिक्रमण हटाने के बाद स्थलों का सीमांकन करवा लें और चैनतार/जालीतार, आयरन एंगल से बाॅउण्ड्री का निर्माण किया जाए ताकि भविष्य में अतिक्रमण न हो।
 
कब्रस्तान एवं शमशान घाट के आसपास जन सुविधा के लिए प्रतिक्षालय और पेयजल के इंतजाम
 
संभागायुक्त श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने अतिक्रमण हटाने के बाद सभी स्थलों के प्रबंधन के लिए उपाय भी बताएं है। उन्होंने कहा कि कब्रस्तान एवं शमशान घाट के आसपास की जमीन पर सौन्दर्यीकरण के लिए बागवानी/फुलवारी विकसित की जा सकती है। साथ ही यहां पर आमजनों की सुविधा के लिए हाॅलनुमा प्रतिक्षालय, पेयजल हेतु हैण्डपंप, शौचालय आदि की सुविधा विकसित की जा सकती है। शमशान घाट में दाह संस्कार के लिए पक्के चबूतरे का निर्माण, जल संरक्षण के लिए कब्रस्तान के अंदर या बाहर स्थल का रकबा के अनुपात में एक डबरी या तालाब का निर्माण, हरियाली के लिए छायादार-फलदार और औषधीय महत्व के पौधे लगाए जा सकते है।
 
हाट बाजार स्थल में चबूतरे का निर्माण के साथ-साथ हरियाली का भी होगा इंतजाम - श्री चुरेन्द्र ने निर्देश दिए कि अतिक्रमण हटाने के बाद हाट बाजार स्थलों के सीमांकन पश्चात् हाट बाजार की परिसीमा के चारों तरफ पत्थर की जोड़ाई कर पिल्हर बनाएं और बाजार स्थल का समतलीकरण कर आवश्यकता के अनुरूप बाजार में चबूतरा या प्लेटफार्म बनाया जा सकता है। साथ ही बाजार स्थल में दूरी बनाते हुए ट्री-गार्ड आधारित फलदार, छायादार वनऔषधी पौधे बरसात के दिनों रोपे जाएं। इसके अलावा बाजार स्थल के अंतिम छोर में या बाहर शासकीय भूमि के होने से ढलान एवं बरसात के जल के बहाव के दिशा में तालाब या डबरी का निर्माण करें ताकि जल संरक्षण का कार्य हो सके। उन्होंने कहा कि बाजार क्षेत्र में आम जनता की सुविधा के लिए ट्यूबवेल-मोटरपम्प, (पानी की टंकी के साथ) और शौचालय निर्मित करें।
 
गौठानों और तालाब की मेड़ पर करवाएं पौधरोपण :- श्री चुरेन्द्र ने निर्देश दिए कि गौठानों और तालाब की मेड़ पर ट्री-गार्ड सहित छायादार, फलदार और वनऔषधि पौधे का रोपण करें। तालाब की मेड़ पर पूजा-अर्चना एवं पर्यावरण की दृष्टि से पीपल, बरगद, नीम, बेल के पौधें अनिवार्यतः जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि उचित होगा कि तालाब की मेड़ के चारो तरफ चैनतार, जालितार व एंगल आयरन से बाॅउण्ड्री का निर्माण करें और जहां-जहां से लोग तालाब क्षेत्र प्रवेश करते है, आने जाने के लिए गेट स्थापित किया जा सकता है।
 
सड़क के दोनों ओर हरियाली के लिए रोपे जाए पौधे:- श्री चुरेन्द्र ने निर्देश दिए कि सड़क और आम रास्तों के अतिक्रमण हटाने के पश्चात् आवागमन व आम सुविधा की दृष्टि से जगह छोड़ने के बाद दोनों किनारों पर क्रमबद्व रूप मे ट्री-गार्ड आधारित वनऔषधी, फलदार व छायादार पौधे का रोपण किया जाए ताकि हरियाली और शुद्ध हवा के साथ-साथ आने जाने वालों को भविष्य में छाया और विश्राम स्थल मिले ।
 
इसके अलावा उन्होंने शासकीय परिसरों, स्टेडियम और खेल मैदान के आसपास अतिक्रमण हटाकर वहां भी छायादार वनऔषधि व सौदर्य बढ़ाने वाले पौधों का रोपण रिकार्ड के साथ किये जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। उन्होेंने सुझाव दिया कि शासकीय भवनों के सामने अशोक वृक्ष की तरह ऊपर की ओर जाने वाले एवं फैलने वाले पौधे स्थान की उपलब्धता के आधार पर रोपित करवाएं। उन्होंने कहा कि इसके प्रबंधन के लिए कार्यालय मे कार्यरत् अमलो को व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी तय करें। ताकि कार्यालय के अदंर व परिसर मे हरियाली और स्वच्छता का वार्तावरण बना रहे। भवन के पीछे फलदार व औषधी पौधे लगाए जा सकते हैं।
 
प्रत्येक नगरीय निकाय व तहसील में लोक प्रयोजन स्थलोें का बेहतर प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन करने के निर्देश
 
उन्होंने कहा कि इस तरह लोक प्रयोजन के अन्य सभी स्थलों के बेहतर प्रबंधन में समुदाय का सहयोग और सहमति जरूर लें ताकि गांव और समाज में सामाजिक समरसता विकसित हो इस तरह के क्रियाकलापों से ग्रामीण जनता और शासकीय अमले के बीच बेहतर समझ और सदभावना विकसित होगी। जिससे शासकीय योजना के क्रियान्वयन में समूचित सहयोग मिलेगा। प्रत्येक नगरीय निकाय व तहसील क्षेत्र में ‘‘ लोक प्रयोजन स्थलोें का बेहतर प्रबंधन प्रकोष्ठ गठन‘‘ करें। जिसमें राजस्व विभाग, नगरीय निकाय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि व उद्यानिकी विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों व उनके जमीनी अमले शामिल हों।

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