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महासमुन्द : तंबाकू से एकाग्रता नहीं बढ़ती बल्कि यादाश्त घट जाती है

पहली दफा बोर्ड इम्तिहान का दबाव, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि नशा उन्मूलन का अध्याय पूरा समझ लिया है

महासमुन्द 12 मार्च : मार्च और अप्रैल के महीनों में बच्चों को पढ़ाई का तनाव अपेक्षाकृत अधिक होता है। जैसे-जैसे परीक्षा के दिन करीब आते जाते हैं दबाव भी उतनी ही तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में कुछ विद्यार्थी कभी तनाव दूर करने के नाम पर तो कभी अधिक ध्यान लगा कर पढ़ पाने के भ्रम में नशे की ओर आकर्षित हो जाते हैं। संवेदनशील दिनों में जाने-अनजाने लग जाने वाली तंबाकू की आदत में न पड़ने की समझाइश के साथ लगाई गई तंबाकू नियंत्रण विद्यालयीन जागरूकता कार्यशाला।

उल्लेखनीय है कि प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के निर्देशानुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने विशेष तौर पर विद्यालयीन बोर्ड परीक्षा अवधि में नशा उन्मूलन अभियान छेड़ा है। इस ओर गैर संचारी रोग कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी एवं जिला सलाहकार सुश्री अदीबा बट्ट के समन्वय से ग्राम पंचायत मचेवा की शासकीय प्राथमिक शाला से शुरुआत कर झाल खम्हारिया की प्राथमिक शाला में भी जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। जहाँ, जिला तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र दल की मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता श्रीमती मेघा ताम्रकार ने बच्चों को तम्बाकू नशे  के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए पढ़ाई और नशे के बीच तथाकथित तौर पर दिग्भ्रमित करने वाली भ्रांतियों से पर्दा उठाया। उन्होंने बताया कि आमतौर पर विद्यार्थी यह समझ लेते हैं कि गुटखा, तंबाकू या सिगरेट पीने से ध्यान लगाने में आसानी होती है और पाठ्यक्रम भी जल्दी याद हो जाता है। जबकि, यह सारा-सर गलत है। दरअसल, नशीले पदार्थों के सेवन से शरीर में विटामिन बी-12 थायमीन, विटामिन डी सहित अन्य अनिवार्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और यह दुर्बल एवं रोगी काया के साथ याद्दाश्त कमजोर करने का कारण बनता है। ऐसे में विद्यार्थिंयों को चाहिए कि परीक्षा के दिनों में संतुलित आहार लें और बहुत ही हल्का व्यायाम, प्राणायाम जैसे त्राटक, ध्यान जैसी पद्धतियों से मन, बुद्धि और शरीर तीनों में संतुलन बनाए रखें। यह पाठ अभ्यास के दौरान कम समय में बेहतर परिणाम देने में सार्थक साबित होगा।

बढ़ते क्रम में शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव ने विद्यालय प्रबंधन को कोटपा एक्ट-2003 यानी सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुए प्रावधान अंतर्गत अनुकरणीय चेतावनी बोर्ड व आईईसी सामग्री वितरित कर विद्यालय परिसर को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित किया। इस दौरान कक्षा पाँचवीं के तकरीबन 50 से अधिक छात्र एवं छात्राओं ने स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा ग्रहण की और जीवन में कभी भी तंबाकू सेवन न करने के लिए वचनबद्ध हुए।

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