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दुर्ग : किसानों को आरबीसी छह-चार से मिलेगा लगभग 26 करोड़ रुपए की राहत राशि, धमधा में सर्वाधिक 24 करोड़ रुपए

- राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक, ओलावृष्टि से प्रभावित फसल की समीक्षा भी की


दुर्ग 9 मार्च : राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य ने आज कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में सुश्री शांडिल्य ने ओलावृष्टि से जिले में फसल को हुए नुकसान के संबंध में विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने बताया कि जिले में सर्वाधिक नुकसान धमधा ब्लाक में हुआ है। यहां लगभग 24 करोड़ रुपए की राहत राशि एवं शेष दोनों ब्लाक में कुल 2 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित की जाएगी। सुश्री शांडिल्य ने इस मौके पर पट्टाधारियों को भूस्वामी हक दिए जाने के संबंध में हुई प्रगति की जानकारी भी ली। कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने बताया कि इस संबंध में तेजी से कार्रवाई की जा रही है। जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक लेकर और अन्य सभी माध्यमों से इस संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार किया गया है। पट्टाधारियों को यह बताया गया है कि किस प्रकार भूस्वामी हक प्राप्त हो जाने पर उनको लाभ हो सकता है। 

कलेक्टर ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्गफीट तक की शासकीय भूमि के 30 वर्षीय आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के संबंध में भी कार्रवाई की जा रही है। इस हेतु 12 मार्च को शाम साढ़े चार बजे चेंबर आफ कामर्स, कालोनाइजर, उद्योगपतियों, व्यापारी संघ, आवासीय समितियों तथा अन्य एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के आदेशानुसार गैर रियायती दर पर आबंटित भूमि को गाइडलाइन की दर की कीमत की दो प्रतिशत राशि, रियायती दर पर आबंटित भूमि को गाइडलाइन की दर की कीमत की 102 प्रतिशत राशि एवं अतिक्रमित भूमि को गाइड लाइन की दर की कीमत की 152 प्रतिशत राशि जमा करने पर कलेक्टर द्वारा भूमिस्वामी हक में परिवर्तन किया जा सकता है। नजूल अधिकारी ने बैठक में बताया कि इस संबंध में आम जनता को सुविधा देने के लिए जानकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय में एवं निगम कार्यालय में चस्पा की गई है और लोगों को कार्यालय में भी इसके लाभों के संबंध में अवगत कराया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि भूमिस्वामी हक प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र कलेक्टर, नजूल शाखा, दुर्ग में प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन के साथ शपथ पत्र एवं पट्टे की प्रति सलंग्न किया जाना अनिवार्य होगा। उक्त योजना शासन द्वारा जनहित में लाई गई है। इससे नगर तथा ग्राम निवेश के भूमि प्रयोजन के अनुसार व्यावसायिक प्रयोजन पर परिवर्तित कर बैंक लोन ले सकते हैं तथा भूमिस्वामी के रूप में भूमि विक्रय भी सरलता से कर सकते हैं। बैठक में रमेश शर्मा संचालक भूअभिलेख, अपर कलेक्टर श्री बी.बी.पंचभाई तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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