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बेमेतरा :  राजस्व प्रकरणों का निराकरण अभियान चलाकर करें-कलेक्टर
राजस्व अधिकारी की समीक्षा बैठक आयोजित

बेमेतरा : कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण अभियान चलाकर करें, छः माह से ज्यादा समय के लंबित प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता से करंे।
 
कल कलेक्टोरेट के दिशा सभाकक्ष मे आयोजित बैठक मे बताया गया कि नगरीय क्षेत्रों के अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन संबंधित प्रकरण तैयार कर पूर्ण कर लिए जाने की जानकारी दिए गये हैं।

किन्तु संयुक्त जिला कार्यालय मे सुसंगत प्रकरण प्रस्तुत नही किया गया है। कलेक्टर ने एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार प्रकरण तैयार कर कलेक्टर कार्यालय मे प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है। कलेक्टर ने विवादित/अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांक, बंदोबस्त, त्रुटि सुधार तथा अतिक्रमण के प्रकरणों की जानकारी ली और निर्देशित किया की समय सीमा मे प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण सुनिश्चित करें। बैठक मे अपर कलेक्टर संजय कुमार दीवान, अनुविभागीय अधिकारी बेमेतरा श्री दुर्गेश कुमार वर्मा नवागढ़-जगन्नाथ वर्मा, साजा आशुतोष चतुर्वेदी, बेरला श्री संदीप ठाकुर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

    कलेक्टर ने व्यवस्थापन के संबंध मे प्राप्त, निराकृत एवं निरस्त किये गये आवेदनों की जानकारी ली और और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होने ई-कोर्ट दर्ज प्रकरणों तथा लंबित प्रकरणों की जानकारी ली, इसके अलावा गिरदावरी कार्य की तहसीलवार जानकारी ली, श्री तायल ने लोक सेवा केन्द्रों मे प्रदाय की जा रही सेवाओं की भी जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये। राजीव गांधी आश्रय योजना के पट्टा वितरण हेतु प्रकरण शेष बताये गये हैं। यह स्थिति कदापि अच्छी नही है। कलेक्टर ने सभी पट्टों का वितरण शीघ्र करने के निर्देश दिए है।

      नगरीय क्षेत्रों मे अनुविभागीय अधिकारी बेरला एवं नवागढ़ मे नजूल भूमि पट्टों का नवीनीकरण के संबंध मे चर्चा की गई। बैठक मे सभी अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार को शासकीय विभागों को शासकीय भूमि आबंटन से संबंधित प्रकरणों मे नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही कर स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। कलेक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत सभी लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर लिया जावे। प्रकरण तैयार करते समय राजस्व अधिकारी मानवीय सहानुभुति एवं अपनी संवेदनशीलता का परिचय देवें।

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