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महासमुंद : जिला चिकित्सालय में दूसरा बड़ा रक्तदान शिविर सम्पन्न

रक्तदानदाताओं ने कहा इससे मिलती है मानसिक संतुष्टि

महासमुंद : एक अक्टूबर 2020 को स्वैच्छिक रक्तदान दिवस से शुरू हुए रक्तदान पखवाड़े के आठवें दिन गुरूवार को जिला चिकित्सालय में वृहद स्तर पर रक्तदान हुआ। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एन.के. मंडपे से मिली जानकारी के मुताबिक इस रक्तदान शिविर में जिले की मां चंड़ी रक्तदान सेवा समिति, बागबाहरा के जागरूक दानदाता शामिल हुए साथ बड़ी संख्या में स्थानीय आमजन ने भी भाग लिया।


कुल तीन दर्जन से अधिक रक्तदानदाताओं का परीक्षण किया गया। जिसके उपरांत 29 रक्तदातदाताओं से 29 यूनिट रक्तदान लिया गया। खासबात रही कि समिति के मां चंड़ी रक्तदान समिति के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने बताया कि उन्हें जिला ही नहीं अपितु समीप के ओडिशा राज्य के ऐसे मरीज जो कोविड धनात्मक होने के बाद उपचार ले रहे हैं, परिचित या डोनर उपलब्ध नहीं होने से उन्होंने भी दूरभाष के माध्यम से मदद मांगी और स्थानीय वुवकों के साथ इस बार युवतियों ने भी रक्तदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय है कि स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े में यह क्रम आगामी सप्ताह भर इसी तरह जारी रहेगा। रक्तदानदाताओं से एकत्र किए जा रक्त को फ्रीजर्स में सुरक्षित रखा जा रहा है। जिसे आवश्यकता होने पर जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क प्रदान किया जाएगा।

डाॅ. मंडपे ने आमजन की ओर अपील जारी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त की आवश्यकता बढ़ी हैं जिसे देखते हुए जनहित मे युवाओं को सामने आकर रक्तदान करना चाहिए। ब्लड बैंक के अधिकारी डाॅ. विपिन बिहारी अग्रवाल ने बताया कि जिला चिकित्सालय में संक्रमण सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।

प्रत्येक प्रकरण में केवल दो-दो की संख्या में ही दानदाताओं से रक्त लिया जा रहा है। साथ ही भवन परिसर में पर्याप्त स्थान होने से सोशल  डिस्टनसिंग भी बराबर बनी रहती है। ऐसे में रक्तदान करने वाले आने वालों को कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा भी नहीं है।
 
रक्तदान करने वाली युवती कु. निर्मला ठाकुर कहती हैं कि चिकित्सकीय सलाह पर मैं हर तीन से चार महीनों में रक्तदान करती हूं। यह मेरा छठा सुखद अनुभव रहा। इस बार बागबाहरा से महासमुंद आने के लिए कोई परिजन साथ नहीं मिल पाया तो मैं अपनी सहेली के साथ ही आ गई।
 
वे कहती हैं कि इससे रक्त में आयरन की मात्रा भी ठीक बनी रहती है और यह स्ट्रोक या हार्ट-अटैक का खतरा भी कम करता है। लेकिन, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हर महीने रक्तदान किया जाए। वही मुझे रक्तदान से आत्म संतुष्टि मिलती यह कहना बगबाहरा के रहने वाले समिति के उपाध्यक्ष श्री संतोष सेन और सचिव पूनम साहू का है ।
 
उनका मानना है कि ब्लड डोनेट करने से उन्हें मानसिक संतुष्टि मिलती है। उनके अनुसार आपके द्वारा किए गए रक्त से कम से कम एक से दो लोगों को नया जीवन मिलता है तो कम से कम एक बार रक्तदान करके देखिए, इससे खुशी का अहसास होता है।
 
साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी कारगर है। रक्तदान से हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है। रक्तदान से उन्हें आत्म संतुष्टि मिली।

 

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