महासमुंद : ग्रामीण सेवा सहकारी समिति मर्यादित पटेवा का संचालक मण्डल भंग
महासमुंद : न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला महासमुन्द द्वारा जारी स्थगन आदेश 23 सितम्बर 2019 का पालन संचालक मण्डल सहकारी समिति पटेवा के द्वारा नहीं किया जा रहा था। जिसके पश्चात न्यायालय द्वारा जारी विधिपूर्ण आदेश के उल्लंघन के आरोप में समिति पटेवा के संचालक मण्डल को भंग कर प्रशासक की नियुक्ति की गई है।
उल्लेखनीय है कि जिले की कई सेवा सहकारी समितियों द्वारा धान खरीदी में असामान्य शार्टेज बताया जा रहा है, पटेवा समिति में भी समिति स्तर पर 1471 क्विंटल धान का शार्टेज दिखाई दे रहा है। जिसकी भरपाई में समिति प्रबंधक तथा संचालक मण्डल उदासीन रहा है।
धान शार्टेज के लिये जिम्मेदार समिति पदाधिकारियों-कर्मचारियों से होगी वसूली
जिला सहकारी संस्थाएं के उप पंजीयक श्री जी0एस0 शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019-20 में कुछ समितियों द्वारा असामान्य धान शार्टेज बताया जा रहा है।
जिसकी जांच के बाद समिति को आर्थिक नुकसान पहंुचाने वाले संचालक मण्डल, कर्मचारियों के विरूद्ध सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत संचालक मण्डल भंग करने की कार्रवाई, सेवा समाप्ति की कार्रवाई तथा समिति को किए गए आर्थिक नुकसान की वसूली की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ‘‘सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 58 (ख) में प्रावधान है कि जांच के दौरान या किसी ऐसी व्यक्ति ने जिसे सोसायटी के संगठन या प्रबंध का कार्य सौंपा गया है, या सौंपा गया था, या बोर्ड के कि किसी मृत, भूतपूर्व या वर्तमान सभापति, सचिव, सदस्य, सोसायटी के अधिकारी-कर्मचारी ने सहकारी सोसायटी अधिनियम के या उसके अधीन बनाए गए नियमों के या किसी सोसायटी की उपविधियों के उपबंधों के प्रतिकूल कोई भुगतान किया है
या घोर उपेक्षा या अवचार द्वारा कोई कमी घटित की है या कोई हानि पहुंचाई है तो छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दोषी कर्मचारी-पदाधिकारी की चल/अचल सम्पत्ति को बेचकर समिति को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।
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