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महासमुंद : होम आइसोलेशन के नियम का पालन करना जरूरी
जिनके पास दो कमरों वाला घर, जिसमें मरीज को रखने के लिए पृथक कक्ष एवं एक अलग शौंचालय है, वे होम आइसोलेशन की मांग कर सकते हैं

निर्धारित प्रपत्र में नाम, पता, आइसोलेशन की तिथी संबंधी आवश्यक जानकारी भर कर देने के साथ-साथ निजी चिकित्सक का सहमति पत्र लगाना भी अनिवार्य

सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या होंठ, चेहरे का नीला पड़ने जैसे गंभीर लक्षण महसूस होने पर रैपिड एक्शन टीम द्वारा डेडिकेटेड कोविड अस्पताल आबंटित किया जाएगा

आइसोलेट होने के दिन से अगले 17 दिनों तक घर में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित होगा और कोई भी घर से बाहर नहीं निकल सकेगा

महासमुंद : राज्य शासन की नई निर्देशिका के अनुरूप जिला प्रशासन ने कोविड-19 धनात्मक प्रकरणों में लक्षण रहित एवं कम लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने की सहमति दे दी है। लेकिन स्वास्थ्य लाभ एवं संक्रमण रोकथाम को देखते हुए मरीजों के लिए भी निगरानी एवं देख-भाल नियमावाली का पालन करने की बाध्यता भी रखी गई है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे से ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति केवल उन्हीं मरीजांे को प्रदाय की जा रही है, जो इसकी निर्देशिका के अनुरूप व्यवस्था पात्रता की शर्तों को पूरा करते करते हैं।
 
उन्होंने बताया कि जिन मरीजों, परिवारों के पास दो कमरों वाला निवास या घर हैं, जिसमें मरीज के रहने के लिए एक पृथक कक्ष एवं अलग शौंचालय हैं, वे होम आइसोलेट होने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए मरीजों को निर्धारित प्रपत्र में अपना नाम, पता एवं होम आइसोलेशन में जाने की तिथि व अन्य आवश्यक जानकारियों सहित उपचार के लिए अपने निजी चिकित्सक का सहमति पत्र लगाना अनिवार्य होता है। साथ ही नियमावली में यह भी उल्लेखित है कि जिनके पास ये सुविधाएं नहीं होंगी उनके लिए कोविड केयर सेन्टर्स में व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि होम आइसोलेशन में जाने के पहले दिन से आगामी 17 दिनों तक मरीज एवं उनके परिजन अपने-अपने घरांे से बाहर नहीं निकल सकेंगे। मरीज को अपने घर के सामने होम आइसोलेशन का सूचना स्टीकर चस्पा करना अनिवार्य है। इस बीच उनके परिजन, मित्रों सहित घरेलू कार्य सेवक, माली, मध्यान्ह भोजन सहायक, वाहन चालक एवं सुरक्षा गाई आदि का प्रवेश घर में पूर्णतः वर्जित होगा। मरीजों को प्रतिदिन जिला स्वास्थ्य से निरंतर दूरभाष के माध्यम से निरंतर संपर्क बनाए रखना होगा। मरीज से सांस लेने में तकलीफ, सीने में लगातार दर्द या दबाव, होंठ, चेहरे का नीला पड़ना, आॅल्टर्ड सेन्सोरियम जैसे गंभीर लक्षण विकसित होने की सूचना प्राप्त होने पर उन्हें तत्काल समीपस्थ डेडिकेटेड कोविड अस्पताल आबंटित किया जाएगा। जहां, मरीज अपने अटेन्डर के साथ स्वयं के वाहन से आ सकंेगे।

इस संबंध में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर.के. परदल ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने के लिए सभी मरीजों को निर्धारित प्रपत्र में अनिवार्यतः अंडरटेकिंग देनी होगी। इसके लिए मरीज या उनके परिजन दूरभाष पर अपने चिकित्सक से समन्वय कर अपने लिए थर्मामीटर एवं पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था पूर्व से सुनिश्चित कर लें। होम आइसोलेशन की अवधि में मरीजों को स्वयं एवं अपने परिजनों की स्वास्थ्य संबंधी अद्यतन जानकारी से जिला स्वास्थ्य दल को दूरभाष पर अवगत कराते रहना होगा। जिला स्तर पर होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम संचालित है। जहां सातों दिन-चैबीसों घंटे प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। जरूरत होने पर यहां से भी परामर्श लिया जा सकता है।
 
नियमावली का पालन करवाने एवं सतत निगरानी के लिए पृथक दस्तों का गठन किया गया है। जो निरंतर गश्त करते रहेंगे। यदि होम आइसोलेशन में रहते हुए अंडरटेकिंग का उल्लंघन करते पाया जाता है, तो होम आइसोलेशन की अनुमति निरस्त कर दी जाएगी और कोविड केयर सेन्टर शिफ्ट कर दिया जाएगा साथ में संबंधित के विरुद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। होम आइसोलेशन के लिए नियुक्त जिला नोडल अधिकारी श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि जिले में सोमवार 07 सितंबर 2020 तक जिले में कुल 100 मरीजों को होम आइसोलेट किया जा चुका है। होम आइसोलेशन के 17 दिनों की अवधि पूरी होने के बाद भी सर्दी, खांसी या बुखार सहित अन्य लक्षण नहीं मिलने पर जानकारी स्वास्थ्य दल एवं संबंधित चिकित्सक तक प्रदाय की जाएगी। जिसके उपरान्त चिकित्सक द्वारा होम आइसोलशन समाप्त करना है या नहीं इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

मरीज के परिजनों को भी रखना होगा अपना ख्याल- डी.एस.ओ.

मरीजों के स्वास्थ्य लाभ एवं परिजनांे की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर डिस्ट्रिक्ट सर्विलन्स अधिकारी डाॅ. छत्रपाल चंद्राकर ने सलाह दी है कि जिन मरीजों के परिवार में बच्चें, 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजूर्ग, गर्भवती महिला या फिर अस्थमा (सांस की बीमारी), मधुमेह, अनियमित रक्तचाप, कैंसर, हृदय विकार या गुर्दे आदि के रोगों से पीड़ित सदस्य हैं, उन्हें मरीज के स्वस्थ होने तक मरीज से पर्याप्त दूरी बनाए रखना चाहिए। कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. अनिरुद्ध कसार ने मरीज के अटेन्डर एवं परिजनों को भी चिकित्सकीय सलाह के अनुसार संबंधित दवाओं का कोर्स पूरा करने की समझाईश दी है।

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