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दुर्ग : ‘‘असामयिक वर्षा एवं ओला वृष्टि से फसलों को हुई क्षति में बीमा का लाभ’’
दुर्ग : जिले में विगत दिनों असामयिक वर्षा एवं ओला वृष्टि की स्थिति निर्मित हुई है, दिनांक 25.02.2020 को औसत वर्षा 27.7 मि.मी. हुई साथ ही कुछ क्षेत्रों में ओला वृष्टि की जानकारी भी प्राप्त हुई है जिससे रबी फसलों को नुकसान होने की प्रबल संभावना है। रबी वर्ष 2019-20 में जिले में 47453 हेक्ट. क्षेत्र में रबी फसलों का क्षेत्राच्छादन जिसमें अनाज 13433 हेक्ट., दलहन 25935 हेक्ट., तिलहन 2280 हेक्ट. एवं 5804 हे. में साग सब्जी एवं अन्य क्षेत्राच्छादित हुआ है। जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत मौसम रबी वर्ष 2019-20 हेतु गेंहू (सिंचित/असिंचित), चना एवं राई फसले अधिसूचित है जिस हेतु 28948 हेक्टेयर क्षेत्र के 13334 कृषकों का फसल बीमा आवरण किया गया है।

 फसल बीमा प्रावधानः- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमित कृषकांे को फसल बोनी से कटाई के मध्य विषम परिस्थितियों में अधिसूचित फसल क्षति होने पर क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्रावधान है। कंडिका-13 (ख) मौसम प्रतिकूलताओं के कारण फसल की मध्यावधि (बुआई से कटाई के मध्य की समयावधि) में नुकसान होने की स्थिति में फसल की अवधि में प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट व्याधि, भू-रखलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटनाओं एवं आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर के कारण प्रभावित फसल की अनुमानित उपज, थे्रसहोल्ड उपज 50ः तक से कम आना संभावित हो तो संभावित क्षतिपूर्ति का 25ः तक दावा का भुगतान मौसम के दौरान ही किया जा सकता है। यह क्षतिपूर्ति भुगतान की राशि अंतिम उपज आधारित क्षतिपूर्ति राशि के साथ समायोजित की जावेगी।

यदि उक्त स्थिति अधिसूचना की परिशिष्ट-4 (क्राॅप कैलेण्डर) में फसलवार उल्लेखित सामान्य फसल कटाई प्रारंभ होने के 15 दिनों के पूर्व होती है तो उपरोक्त शर्त लागू नहीं होगी। कंडिका 13 (ग) स्थानीय जोखिमों यथा-ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलप्लावन, बादल फटना और प्राकृतिक आकाशीय बिजली से अधिसूचित फसल में नुकसान होने की स्थिति में व्यक्गित बीमित कृषक को क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्रावधान है। यदि किसी प्रभावित इकाई में 25ः से ज्यादा हानि होती है तो संयुक्त समिति द्वारा सैम्पल जांच कर उस इकाई में सीधे टोल फ्री नम्बंर पर या लिखित रूप से अथवा स्थानीय राजस्व/कृषि अधिकारियों, संबंधित बैंक अथवा जिला कृषि पदाधिकारी/राजस्व पदाधिकारी को लिखित रूप से निर्धारित समय-सीमा 72 घंटे के भीतर बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित सूचित करेंगे। कृषक द्वारा सूचित किये गये संस्था/विभाग द्वारा 48 घंटे के भीतर फसल के ब्यौरे क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित बीमा कंपनी को सूचित किया जाएगा। धान सिंचित एवं धान असिंचित फसलों पर जलप्लावन से होने वाली क्षति इस घटक में शामिल नहीं होंगे।

सूचना किन्हे दें:- कृषक को क्षति पूर्ति का लाभ लेने हेतु बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इश्योंरेंस कंपनी के टोल फ्री नम्बर 1800-116-515 पर सीधे सूचना दे सकते है अथवा स्थानीय कृषि/राजस्व अधिकारी, संबंधित बैंक या जिला कृषि/राजस्व अधिकारी को लिखित रूप से निर्धारित समय-सीमा में 72 घण्टे के भीतर बीमित फसल के ब्यौरा जैसे क्षति की मात्रा एवं क्षति के कारण सहित सूचित कर सकते है।

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