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जशपुरनगर :  जलवायु संवेदनशील संरचनाओं पर आधारित जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
जशपुरनगर : आईसीआरजी महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत जिला पंचायत के सभाकक्ष में जलवायु संवेदनशील संरचनाओं एवं नरवा,गरूवा,घुरवा, बाड़ी योजना को लेकर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 20 फरवरी को किया गया। कार्यशाला में जलवायु संवेदनशील संरचनाओं से संबंधित कराये गए कार्यो की समीक्षा तथा जलवायु संवेदनशीलता से पड़ने वाले प्रभाव पर जानकारी दी गयी।

कार्यशाला में बताया गया कि राज्य के 9 जिले के 33 विकासखण्डो में आईसीआरजी योजना संचालित है। जशपुर जिला अंतर्गत 6 ब्लाॅक बगीचा, दुलदुला, कुनकुरी, मनोरा, फरसाबहार तथा कांसाबेल के 30 ग्राम पंचायतों में आईसीआरजी अंतर्गत विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में  राज्य नोडल अधिकारी सुश्री नमिता मिश्रा ने अपने संबोधन में बताया कि जलवायु के अनुकूलन के लिए हमें अभी से जल,जंगल, जमीन के संरक्षण और संवर्धन पर संवेदनशील कार्य करना होगा। इसके लिए राज्य सरकार की बहुआयामी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के माध्यम से हम सभी मिलकर संयुक्त भागीदारी निभाएं तो अपने वातावरण को जलवायु अनुकूल बनाने में हम सफल हो सकेंगे।

कार्यशाला में आईसीआरजी के जिला प्रभारी ने जशपुर जिला के 6 विकासखंडो में उनकी टीम द्वारा चयनित ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्य और मनरेगा की मदद से आजीविका संवर्धन हेतु कराये गए कार्यो का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से समुदाय को साथ लेकर कार्य करने की जरूरतों पर चर्चा किया गया तथा महात्मा गांधी नरेगा योजना के साथ ऐसे निर्माण कार्य जिनकी मदद से प्रकृति में संतुलन बनाते हुए ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मिल सके।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री के.एस. मण्डावी ने कार्यशाला में  जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में होने वाले बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि सभी को मिलकर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है, इससे प्रकृति के संतुलन में सहायता मिलेगी तथा साथ ही भू-जल संवर्धन हेतु जल स्त्रातों को पुर्नजीवित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि नरेगा अंतर्गत कराये जा रहे कार्य इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। कार्यशाला में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के लाभार्थी गौठान समिति के सदस्य तथा ग्राम पंचायत के नवनिर्वाचित सदस्यों से भी संवाद करते हुए उनके विचारांे और शंकाओं के समाधान भी बताए गए।

एक दिवसीय कार्यशाला में आईसीआरजी टीम के साथ नरवा,गरूवा,घुरवा और बाड़ी से जुड़े सभी संबंधित जिला अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा, कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, योजना के लाभार्थी तथा ग्राम पंचायतों के नव निर्वाचित सदस्य शामिल हुए। अंत में जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी श्री पी. के. हरित ने सभी उपस्थित अधिकारियों और कार्यशाला के प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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